क्षेत्रफल और परिधि की अवधारणाएं हमारे जीवन में व्याप्त हैं। दैनिक जीवन में क्षेत्रफल और परिधि निरंतर उपयोग की जाती है – उदाहरण के लिए, फर्श क्षेत्र के बारे में बात करके किसी घर के आकार का वर्णन करना, या खेत की बाड़ाबंदी करने के लिए कितने तार की आवश्यकता होगी। विद्यायल में गणित के पाठ्यक्रम में गणना में क्षेत्रफल की अवधारणा के माध्यम से वे शुरुआती वर्षों में संबोधित की जाती हैं।
चूंकि क्षेत्रफल और परिधि की अवधारणाएं दैनिक जीवन में इतनी ज्यादा मौजूद है, इसलिए शुरुआती विद्यार्थी को गणित के अध्यायों में पढ़ने से पहले ही इसकी सहज समझ होती है।
इस इकाई में आप इस सहज समझ को बढ़ाने और अधिक सैद्धांतिक समझ में बदलने, और कक्षा के अभ्यासों को बाहरी जीवन के अनुभवों से जोड़ना सीखेंगे।
आप ऐसे प्रश्नों का प्रयोग करने पर ध्यान केंद्रित करेंगे जो प्रभाव चर्चा और युग्मन (Paired) कार्य को आरम्भ करता है। जब हम विद्यार्थियों से कुछ चर्चा करने के लिए कहते हैं, तो हमें उन्हें पहले कुछ चर्चा करने के लिए देना होगा!
इस इकाई में कई गतिविधियों की संरचना समान है, लेकिन अलग–अलग फोकस या चर्चाएं यह दिखाने के लिए उपयोग की जाती हैं कि सरंचना को बनाए रख कर और फोकस में छोटे बदलाव करके कैसे कठिन कार्यों के समूह को किसी अन्य समृद्धशाली गतिविधि में बदला जा सकता है।
यह इकाई संसाधन 1 में उल्लिखित NCF (2005) तथा NCFTE (2009) की शिक्षण आवश्यकताओं से जोड़ती है तथा उन आवश्यकताओं को पूरा करने में आपकी मदद करेगी।
विचार के लिए रुकें गणित की कक्षा के बाहर के अपने जीवन के बारे में सोचें। क्षेत्रफल और परिधि की अवधारणाओं के साथ आपको और कहां कार्य करना पड़ता है? कुछ उदाहरणों पर ध्यान दें।
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यद्यपि क्षेत्रफल और परिधि की अवधारणाएं दैनिक जीवन में व्यापक रूप से उपयोग की जाती हैं, फिर भी जब विद्यालय में गणित के पाठ्यक्रम के भाग के रूप में इन्हें पढ़ने की बारी आती है, तो इन अवधारणाओं को भ्रमकारी माना जाता है (वाटसन और अन्य, 2013)। क्षेत्रफल और परिधि के बारे में सीखने में विद्यार्थियों की कुछ समस्याएं यहां सूचीबद्ध हैं।
इस इकाई की गतिविधियों में आप समस्याओं को संबोधित करने वाले शैक्षणिक दृष्टिकोण का उपयोग करेंगे।
विचार के लिए रुकें वापस उस बारे में सोचें जब आपने पिछली बार क्षेत्रफल और परिधि के बारे में पढ़ाया था।
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गणितीय शब्दावली हमेशा इतनी सरल नहीं होती और कई बार सीखने की राह में बाधक के रूप में कार्य करती है। यह अक्सर छात्रों के लिए सराहना करने में सहायक होता है व अध्यापकों के लिए गणितीय शब्दों व उनके उद्गम पर विशेष ध्यान देने में सहायक होता है। ग्रीक विद्यार्थियों को परिधि शब्द को समझने में कठिनाई नहीं होती है क्योंकि ये ग्रीक शब्द पेरी (जिसका अर्थ है चारों तरफ) और मीटर (जिसका अर्थ है मापन) से बना है।
इस पहली गतिविधि में आप दिन–प्रतिदिन की वस्तुओं की परिधि का वर्णन करके, रस्सी/जंजीर धागा से तथा गणना करके विद्यार्थियों से परिधि का अन्वेषण करने के लिए कहेंगे। फिर आप समान परिधि के अलग–अलग आयत बना कर संभावित अंतरों का अन्वेषण करने के लिए इस ज्ञान का उपयोग करने के लिए कहेंगे और इन अवलोकनों का सामान्यीकरण करने के लिए कहेंगे।
इस यूनिट में अपने विद्यार्थियों के साथ गतिविधियों के उपयोग का प्रयास करने के पहले अच्छा होगा कि आप सभी गतिविधियों को पूरी तरह या आंशिक रूप से स्वयं करके देखें। यह और भी बेहतर होगा यदि आप इसका प्रयास अपने किसी सहयोगी के साथ करें, जब आप अनुभव पर विचार करेंगे तो आपको मदद मिलेगी। स्वयं प्रयास करने से आपको शिक्षार्थी के अनुभवों के भीतर झांकने का मौका मिलेगा, यह आपके शिक्षण और एक शिक्षक के रूप में आपके अनुभवों को प्रभावित करेगा।
जब आप तैयार हों, तब गतिविधियों का अपने विद्यार्थियों के साथ उपयोग करें और फिर से इस बात पर विचार करें कि गतिविधि कैसी हुई और क्या सीख मिली। इससे आपको विद्यार्थी को केंद्र में रखने वाला शैक्षिक वातावरण बनाने में मदद मिलेगी।
इन कार्यों की तैयारी में अपने विद्यार्थियों से पता लगाने और यदि संभव हो, तो कक्षा में दिखाई देने वाली कई वस्तुओं की परिधि का पता लगाने के लिए कहें। उनके साथ परिधि की गणितीय परिभाषा पर चर्चा करें जो कि द्वि–आयामी आकृति के पास का रास्ता है।
विद्यार्थी युग्म (Pairs) में कार्य करते हैं। उनसे उनके बस्ते और कक्षा में मिलने वाली कम से कम तीन वस्तुओं की परिधि का पता लगाने के लिए कहें। उन्हें एक समय सीमा दें (उदाहरण के लिए चार मिनट)। खड़े रहें और अवलोकन करें – हस्तक्षेप करने या अधिक संकेत देने की कोई आवश्यकता नहीं है। युग्म कार्य में सहायता के लिए आप संसाधन 2 ’सभी को जोड़ने के लिए युग्म प्रबंधित करना’ का उपयोग कर सकते हैं।
समय सीमा की समाप्ति पर अपने विद्यार्थियों से प्रतिक्रिया देने के लिए कहें। चूंकि उन्होंने अलग–अलग वस्तुओं की परिधि का पता लगाया होगा, इसलिए उनके परिणाम समान नहीं होंगे।
अब विद्यार्थियों से जिन वस्तुओं की परिधि का उन्होंने पता लगाया है उनकी आकृति के बारे में जानकारी और उन्हें पता लगाने के तरीके के बारे में प्रतिक्रिया देने के लिए कहें। ये उत्तर ब्लैकबोर्ड पर लिखें (ये उत्तर ब्लैकबोर्ड पर रहने दें – आप इन्हें गतिविधि 2 में उपयोग कर सकते हैं), या विद्यार्थी से आकर इन्हें लिखने के लिए कहें।
गतिविधि के इस भाग में विद्यार्थी के पास वर्गाकार कागज का होना सहायक है।
विद्यार्थी युग्म में कार्य करना जारी रखते हैं। विद्यार्थी 16 की परिधि वाले जितने आयतों या वर्गों के बारे में सोच सकता है, उससे उन्हें आरेखित करने और इस प्रश्न का उत्तर देने के लिए तैयार होने को कहें, ’आप इन समाधानों तक कैसे पहुंचे?’
संभावित समाधान और वे संभावित समाधानों तक कैसे पहुंचे इस बारे में प्रतिक्रिया लें। विद्यार्थी को कारण बताने की कोशिश न करें (दो संख्याएं जिन्हें छः बनाने के लिए जोड़ा जा सकता है), बल्कि विद्यार्थी को ये अवलोकन निरूपित करने दें
वीडियोः निगरानी करना और फीडबैक देना |
यह एक अध्यापिका की कहानी है जिसने अपने प्राथमिक कक्षा के विद्यार्थियों के साथ गतिविधि 1 का प्रयास किया।
जब मैंने विद्यार्थियों से कक्षा में परिधि और क्षेत्रफल इंगित करने को कहा, तो मुझे आश्चर्य हुआ जब उन्होंने यह नहीं कहा कि ’यह दरवाजे की परिधि है’ और दरवाजे के किनारे की ओर इशारा किया। कुछ विद्यार्थियों ने परिधि की गणना करने का तरीका बताया जबकि अन्य हक्के–बक्के होकर देखते रहे।
मुझे उन्हें वाकई संकेत करना चाहिए था, और उनके यह कहने से पहले कि ’दरवाजे की परिधि यह है’ या ’ब्लैकबोर्ड की परिधि यह होगी’ और उनके हाथ और उंगलियों का उपयोग कर इंगित करने और बताने से पहले मुझे स्वयं एक उदाहरण देना चाहिए था। इस पर कुछ समय बिताने से, गतिविधि के अन्य भाग आसानी से हो गये और मुझे यह महसूस हुआ कि अब अधिकांश विद्यार्थी समझते हैं कि वे किस बारे में बात कर रहे हैं और उन्होंने क्या पता लगाया, और परिधि का पता लगाने का तरीका बेहतर तरीके से समझ चुके हैं।
जब गतिविधि का भाग 1 दिया गया तब वे सभी बेहद जिज्ञासु थे। उन्होंने परिधि का पता लगाने के लिए अपने बस्ते में से कुछ वस्तुएं निकाली। एक बहादुर छात्र धीरज अपनी पेंसिल की परिधि का पता लगाने का प्रयास कर रहा था। उसने धागा पकड़ा उसे पेंसिल के चारो ओर घुमाया और उत्तर पाया, तो मैंने उससे ऐसा करने के दौरान हुई कठिनाई को लिखने को कहा और हम शेष कक्षा के साथ इसकी चर्चा करेंगे।
फिर उन वस्तुओं जिनकी परिधि का उन्होंने पता लगाया और वे वहां तक कैसे पहुंचे इस बारे में हमने जीवंत चर्चा की। इस बिंदु पर हमने धीरज से उसके पूर्वानुमान पूरी कक्षा से साझा करने को कहा। तो चर्चा के दौरान यह निकलकर आया कि परिधि ऐसी कोई चीज़ है जिसका वे द्वि–आयामी वस्तुओं के लिए पता लगा सकते हैं और हमने अधिक चर्चा आयामों और ठोस के बारे में की। यदि हम ठोस को लेकर कार्य कर रहे होते तो हम किन चीजों की परिधि का पता लगाते (विभिन्न चेहरे, विभिन्न अनुप्रस्थ–काट आदि)। मैं न सिर्फ आश्चर्यचकित था बल्कि विद्यार्थियों की खुद को अभिव्यक्त करने और गणितीय विचारों और सिद्धांतों के साथ आगे आने की क्षमता से भी अभिभूत था – वे विद्यार्थी भी सामने आए जो सामान्य तौर पर शर्मीले और चुपचाप रहने वाले थे।
निश्चित परिधि वाले आयत का आरेखण कक्षा के लिए वाकई बेहद मजेदार था। उन्होंने ये बहुत जल्दी कर लिया। कुछ ने गलतियां की क्योंकि उन्होंने बस दो किनारों को जोड़ा और 16 cm. पाया, तो फिर इस बारे में भी उनके बीच लंबी–चौड़ी चर्चा हुई कि कैसे उनकी परिधि 16 cm न होकर 32 cm थी। जैसा कि भले ही उन्हें भाग 3 में सभी विकल्प मिल गए हों, लेकिन शानु ने इस बात को बहुत अच्छे से व्यक्त किया। अन्य विद्यार्थियों को चर्चा में शामिल करने के लिए मैंने उनसे पूछा कि क्या वे शानु से सहमत हैं, कारण को समझते हैं क्या, और इस बात को किसी अन्य तरीके से व्यक्त कर सकते हैं या नहीं।
जब आप अपनी कक्षा के साथ ऐसा कोई अभ्यास करें, तो बाद में सोचें कि क्या ठीक रहा और कहां गड़बड़ हुई। ऐसे सवाल सोचें जो विद्यार्थियों की रुचि बढ़ाए और जिसमें वे आगे बढ़ने में सक्षम हों, और जिनका स्पष्टीकरण करने की आवश्यकता हो। ऐसा चिंतन ऐसी ’स्क्रिप्ट’ पता करने में सहायक होता है जिससे आप विद्यार्थियों में गणित के प्रति रुचि जगा सकें और उसे मनोरंजक बना सकें। यदि विद्यार्थी समझ नहीं पाते हैं तथा कुछ कर नहीं पाते हैं, तो वे शामिल होना नहीं चाहेंगे। जब भी आप गतिविधियां करें, इस विचार करने वाले अभ्यास का उपयोग करें। श्रीमती अपराजिता की तरह कुछ छोटी–छोटी चीजें नोट करें जिनसे काफी फर्क पड़ता है।
विचार के लिए रुकें श्रीमती अपराजिता के अध्याय में, धीरज के पेंसिल की परिधि निकालने का प्रयास ऐसी चर्चा की ओर लेकर गया जोकि श्रीमती अपराजिता की मूल योजना से अलग था। आपको क्या लगता है विद्यार्थियों की चर्चा को अलग दिशा में ले जाने के क्या लाभ या हानि हैं? भावी अध्यायों की योजना बनाने में इसके क्या प्रभाव हो सकते हैं? अब सोचें कि आपकी स्वयं की कक्षा का इस गतिविधि को लेकर अनुभव कैसा रहा और निम्न प्रश्नों पर विचार करें:
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सूत्रों को सीखने के लिए अक्सर याद करने, या रटने पर निर्भर किया जाता है। कुछ विद्यार्थी इस पद्धति से सीखने में बहुत अच्छे होते हैं जबकि अन्य को दिक्कत आती है। हालांकि सभी विद्यार्थियों के लिए मुख्य सवाल यह है कि याद करने से किस तरह की शिक्षा प्राप्त होती है?
याद करने में समझने पर ध्यान नहीं दिया जाता और न ही समझ विकसित करने पर, और न ही अवधारणाओं का क्या मतलब हो सकता है, या उन्हें गणित के क्षेत्र से कैसे जोड़ा जा सकता है। यह पद्धति याद किए गए दैनिक कार्यों के सटीक पुनरूत्पादन पर ध्यान केंद्रित करती है। इसलिए किसी विषय के जटिल पहलुओं को समझना या जटिल चरणों वाले सूत्रों को सीखना अधिक कठिन हो सकता है। चूंकि अंतर्निहित अर्थों की कम या कोई समझ नहीं है, इसलिए कुछ अंश (elements) छूट जाते हैं, विवरण धुंधला हो जाता है, तनाव बढ़ जाता है और परीक्षाओं में विफलता मिलती है।
यदि विद्यार्थीयों को कम आयु से ही सूत्र निरुपण करने एवं सूत्रों को अर्थ देने का अवसर दिया जाय तो सूत्रों को सीखना आसान हो जाता है।
अगली गतिविधि का उद्देश्य गतिविधि 1 में विकसित विद्यार्थियों की समझ पर उन्हें स्वयं ही सूत्र बनाने का अवसर देना है। इसमें उनके उदाहरण शामिल करना और आयत की परिधि की गणना करने के लिए सूत्र व्यक्त करने के अलग तरीकों के निर्माण के लिए कहना है। आप उनसे इस बारे में सोचने के लिए भी कहेंगे कि क्यों अलग–अलग सूत्र समकक्ष (equivalent) हैं? और उन्हें बतायें कि सूत्र विकसित करने का उद्देश्य उन्हें अधिक सक्षम बनाना व समय बचाना नहीं है।
इस कार्य के लिए गतिविधि 1 के भाग 2 का उपयोग करें जिसे आपने ब्लैकबोर्ड पर लिखा था।
वीडियोः जोड़े में किये गये कार्य का उपयोग करना |
मुझे यह गतिविधि करना अच्छा लगा। यह बहुत ही तेज़ गति का था। गतिविधि 1 से ब्लैकबोर्ड पर काफ़ी कुछ उदाहरण मौजूद थे, लेकिन मैंने फौरन कुछ और उदाहरणों की माँग की। मैंने ऐसा इसलिए किया कि मैं चाहती थी कि गतिविधि 1 के साथ इसके संबंध को और स्पष्ट किया जाए, और विद्यार्थियों को उनके द्वारा हल किए जाने वाले गणित के लिए और भी अधिक जोड़ सकूँ, और साथ ही, इसलिए भी कि मैंने सोचा कि यह विद्यार्थियों को कई उदाहरणों से सामान्यीकरण करने के अनुभव का एक बेहतर अवसर दे सके।
विद्यार्थियों को पहले अपने साथी से चर्चा करने के लिए कहना भी बहुत कारगर साबित हुआ। इसने उन्हें अपने विचारों को शब्दों में व्यक्त करने, आपस में किन्हीं प्रश्नों को सुलझाने का मौका दिया और पूरी कक्षा की टिप्पणियों का सामना करने से बचा लिया। यह एक शिक्षक के रूप में मेरे लिए भी उपयुक्त रहा, क्योंकि जो वे कहने वाले थे उन्होंने उसका अभ्यास किया था और इस प्रकार हमें कक्षा में चर्चा के लिए वास्तव में अच्छे और बोधगम्य तर्क मिले!
विचार के लिए रुकें
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इस कार्य की तैयारी के लिए विद्यार्थियों से कक्षा में उन्हें दिखाई देने वाली कई वस्तुओं के क्षेत्रफलों की ओर इंगित करने के लिए कहें।
विद्यार्थियों को बिना माप के चौकोर खानों वाले काग़ज़ पर चित्रित संयुक्त आकार दिखाएँ, जिसके लिए सूत्र का उपयोग करते हुए क्षेत्रफल की गणना करना मुश्किल हो। इरादा यह है कि विद्यार्थियों को सूत्रों का उपयोग करने के बजाय क्षेत्रफल की गणना के लिए किसी और दृष्टिकोण के बारे में सोचना पड़े। चित्र 1 में दिया गया आकार एक उदाहरण है।
विद्यार्थियों से कहें कि वे अपने पास बैठे दूसरों के साथ अपना कार्य साझा करें, और फिर सूचित करें कि उन्होंने अपने पसंदीदा उदाहरण का निर्माण किस प्रकार किया।
वीडियोः पाठों की योजना तैयार करना |
गतिविधि 1 के पहले भाग के रूप में, विद्यार्थियों ने वास्तव में आकार का क्षेत्रफल और परिधि बताने में परेशानी महसूस की। वे सूत्रों का उपयोग करके उसकी गणना करना चाहते थे। लेकिन मैंने इस बात पर ज़ोर दिया और उन्हें ब्लैकबोर्ड के पास आने और अपने हाथों और अंगुलियों से क्षेत्रफल और परिधि दिखाने के लिए कहा।
एक ग़लतफ़हमी जिसने मुझे चौंकाया, वह थी जब विद्यार्थी ने सबसे अधिक लंबाई और सबसे अधिक ऊँचाई की ओर इशारा किया और कहा कि वह उसका क्षेत्रफल है, जिससे स्पष्ट था कि वास्तव में वे नहीं जानते थे कि क्षेत्रफल क्या है। इसलिए मैं वाक़ई ख़ुश हूँ कि मैं डटी रही और उन्हें नहीं बताया, या संकेत नहीं दिया कि क्षेत्रफल और परिधि क्या हैं।
जब मैंने विद्यार्थियों से संयुक्त आकार का क्षेत्रफल निकालने के लिए कहा, तो पहले कुछ विद्यार्थी हैरान थे। कुछ विद्यार्थियों ने आकार को आयतों और वर्गों में विभाजित भी किया और उन्हें जो सूत्र याद थे, उनका उपयोग करते हुए उनके क्षेत्रफल की गणना की। इसलिए मैंने उन्हें किसी और ऐसी विधि के बारे में सोचने के लिए उकसाया, जो काम आए।
विद्यार्थी सारिका और उसके समूह ने तब वर्गों की गिनती करने का सुझाव दिया। जब इस विचार को परखा गया और पूरी कक्षा में प्रदर्शित किया गया, तो मैंने विद्यार्थियों से कहा कि वे 12 cm2 क्षेत्रफल की कम से कम तीन आकृति बनाएँ। मैं विद्यार्थियों द्वारा प्रस्तुत असंख्य उदाहरणों और उनकी जटिलताओं पर हैरान थी।
गतिविधि ने मुझे उन कार्यों को और सुधारने पर विचार करने के लिए प्रेरित किया जो मैं जानती थी कि अच्छे और अनोखे हैं जिन्हें अन्य समृद्ध कार्यों में बदला जा सकता है। आने वाले हफ्तों में मैं अपने द्वारा उपयोग किए जाने वाले ऐसे कार्यों को एक ओर रखूँगी जो मेरे विचार में रोचक हैं, और इस बारे में सोचूँगी कि उन्हें कैसे सुधारा जा सकता है ताकि मैं उनका अन्य गणितीय अवधारणाओं को पढ़ाने के लिए भी मज़ेदार कार्यों के रूप में उपयोग कर सकूँ।
विचार के लिए रुकें
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क्षेत्रफल और परिधि के बारे में सीखते समय सामने आने वाली समस्याओं में से एक रहा है विद्यार्थियों द्वारा दोनों अवधारणाओं के बीच भेद को नहीं समझना। लगता है परिपक्व विद्यार्थी भी इससे प्रभावित होते हैं। रिंकी (1997) ने रिपोर्ट की कि जब प्राथमिक सेवा–पूर्व शिक्षकों को एक छायांकित ज्यामितीय आकृति की परिधि और क्षेत्रफल का पता लगाने के लिए कहा गया, तब उनमें से कई ने परिधि और क्षेत्रफल दोनों जानने के लिए उसी विधि का ग़लत तरीके से उपयोग किया।
विद्यार्थियों को इस अंतर के बारे में जागरूक करने के लिए, अगली गतिविधि में आप पिछली गतिविधियों के समान एक ही संरचना का उपयोग करेंगे, लेकिन उनमें थोड़ा सुधार किया जाएगा। फिर आप विद्यार्थियों से पहले ऐसी आकृतियों का निर्माण करने के लिए कहेंगे जिनका क्षेत्रफल एकसमान लेकिन परिधि अलग हो, और फिर ऐसे आकार जिनकी परिधि एकसमान हो, लेकिन क्षेत्रफल अलग–अलग।
यह गतिविधि, काम करते समय विद्यार्थियों की निगरानी और प्रतिक्रिया देने के माध्यम से उनके निष्पादन में सुधार लाने का अच्छा अवसर प्रदान करती है। संभव है इसके लिए आप योजना में मदद के रूप में महत्वपूर्ण संसाधन ’निगरानी और फ़ीडबैक देना’ पर नज़र डालना चाहें।
पहला प्रश्न काफी तेज़ी से और अधिक उत्साह के साथ संपन्न किया गया। जैसे ही वे जान गए कि वे वर्ग इकाइयों को अपनी इच्छानुसार पुनर्व्यवस्थित कर सकते हैं, तो उन्होंने एकसमान क्षेत्रफल के साथ बड़ी आसानी से वर्ग तैयार किए।
कुछ विद्यार्थियों ने एकसमान क्षेत्रफल और परिधि के साथ आकार बनाते हुएः कुछ और सवाल उठाए। इससे माप और विमाओं के बारे में एक ज़ोरदार चर्चा चल पड़ी; कि परिधि और क्षेत्रफल एकसमान नहीं हो सकते हैं क्योंकि परिधि को एक–विमा माप (cm) में व्यक्त किया जाता है और क्षेत्रफल दो विमा है और cm2 में व्यक्त किया जाता है।
मैंने यह भी नोट किया कि विद्यार्थियों ने अपनी पिछली सीख को नई सीख के साथ जोड़ते हुए, पिछली गतिविधि में उनके द्वारा तैयार पहले के उदाहरणों पर भी नजऱ डाली – मुझे यह अच्छा लगा। इसने उन्हें दूसरे प्रश्न तक पहुँचने और उसका हल ढूँढ़ने को भी आसान बना दिया।
विचार के लिए रुकें
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पिछले अनुभाग में आपने क्षेत्रफल और परिधि निकालने के लिए प्रयुक्त मापों पर ध्यान केंद्रित किया। विद्यार्थियों ने मीटर, सेंटीमीटर, इंच आदि जैसी माप की इकाइयों का उपयोग किया, लेकिन स्वयं अपने अनुभव से समझे बिना कि ऐसा करना वास्तव में क्यों अच्छा है। माप की मानक इकाई मीटर, किलोग्राम या लीटर है जो परंपरा अथवा कानून द्वारा अपनाया गया है।
अगली गतिविधि में आप अपने विद्यार्थियों से कहेंगे कि वे समूहों में स्वयं अपने मापों का उपयोग करते हुए कक्षा से बाहर किन्हीं क्षेत्रफल और परिधियों का पता लगाएँ, और फिर कक्षा के अन्य विद्यार्थियों के साथ निष्कर्षों की तुलना और चर्चा करें। इस तरह कक्षा के बाहर गणित को ले जाने से विद्यार्थियों में यह जागरूकता आएगी कि गणित हमारे चारों ओर है। साथ ही, यह उन्हें पेंसिल और काग़ज़ की अपेक्षा बड़े आकारों के साथ काम करने का अनुभव पाने का अवसर देता है।
कक्षा के बाहर की यह गतिविधि उस समय कारगर रूप से काम करती है जब विद्यार्थी चार या पाँच के समूह में काम करते हैं और उन्हें अपने समूहों में भूमिकाएं आवंटित कर दी जाती हैं। उदाहरण के लिए, दो विद्यार्थियों को मापने, एक विद्यार्थी को उस पर निगरानी रखने, एक या दो विद्यार्थियों को प्रेक्षण रिकॉर्ड करने के लिए कहा जा सकता है। यदि आपके विद्यार्थियों को डिजिटल कैमरा या कैमरा वाले मोबाइल फोन तक पहुँच हासिल है, तो इनका विद्यार्थियों द्वारा अपने समूहों में मापे गए आकारों की तस्वीर लेने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। वैकल्पिक रूप से, जब विद्यार्थी कक्षा के बाहर काम कर रहे हों, तब लिखने के बजाय माप रिकॉर्ड करने के लिए टेप रिकॉर्डर का इस्तेमाल किया जा सकता है।
आप विद्यार्थियों से जो काम करने के लिए कह रहे हैं, वह है कक्षा के बाहर किसी निश्चित समयावधि में यथासंभव बड़े आकारों को मापना और परिधि निकालना। उदाहरण के लिए, वे मैदान, फूलों की क्यारी, जल पंप वाले क्षेत्र की परिधि और क्षेत्रफल माप सकते हैं। विद्यार्थियों के साथ मापने योग्य आकारों की सूची तय करें ताकि बाद में मापों की तुलना की जा सके।
विद्यार्थी मीटर जैसी किसी मीट्रिक माप का उपयोग न करें, बल्कि माप हेतु छड़ी, पाँव या क़दम आदि का उपयोग करें।
कक्षा में लौटने पर, विद्यार्थियों से उनके निष्कर्षों के बारे में पूछें और उन्हें ब्लैकबोर्ड पर लिखें।
विद्यार्थियों से पूछें कि क्या सबके माप एकसमान हैं। किनमें समानता थी और क्या अलग था? क्या मापने में उन्हें किसी परेशानी का सामना करना पड़ा था? क्या वे इस तरह के मापन के लिए और अधिक प्रभावी और सही तरीके के बारे में सोच सकते हैं?
कक्षा ने सोचा था कि इस गतिविधि को बहुत ही आसानी से पूरा किया जा सकता है, लेकिन जब उन्होंने वास्तव में काम शुरू किया, तो उन्हें कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा । कुछ लोगों ने जो छड़ी उन्हें मिली उसका उपयोग किया, कुछ ने अपने कद़मों की लंबाई का उपयोग किया, तो कुछ ने अपनी बाँहों की लंबाई आदि का।
चर्चा के दौरान हमने पाया कि विद्यार्थी सोच रहे थे कि इकाइयों के लिए क्या लिखा जाए। इससे उन्हें यह समझने में मदद मिली कि जब प्रत्येक समूह माप की अलग ’इकाई’ का उपयोग करता है, तो तुलना करने में समस्या हो सकती है। उन्होंने अपने आप सुझाव दिया कि माप की मानक इकाइयों का उपयोग करना एक अच्छा विचार हो सकता है!
चर्चा के दौरान, विद्यार्थियों ने मज़ा किया ढंग से आयाम के पहलुओं और साथ ही, विभिन्न आयामी माप के बारे में बातें की, जैसे कि छड़ी2 में क्षेत्रफल का वर्णन करना!
इस यूनिट ने अवधारणाओं के बीच समझ और अंतर विकसित करने के लिए विद्यार्थियों की मदद करते हुए क्षेत्रफल और परिधि की गणितीय अवधारणाओं को जानने पर ध्यान केंद्रित किया। गतिविधियों में विद्यार्थियों से अपने आस–पास उपलब्ध उदाहरणों और वस्तुओं का उपयोग करने तथा अपने सहज ज्ञान युक्त समझ को बढ़ाने के लिए कहा गया।
इस यूनिट को पढत़े हुए आपने सोचा होगा कि किस प्रकार अपने विद्यार्थियों को स्वयं उदाहरण तैयार करने, गणितीय रूप से सोचने और समाविष्ट विचार प्रक्रियाओं पर गौर करने में सक्षम किया जाए।
आपने यह भी सोचा होगा कि जोड़ियों, समूहों और समग्र–कक्षा की चर्चाओं में परस्पर बातचीत के माध्यम से सीखते हुए क्षेत्रफल और परिधि की अवधारणाओं को समझने में अपने विद्यार्थियों की कैसे मदद की जाए।
विचार के लिए रुकें इस यूनिट में आपके द्वारा प्रयुक्त तीन विधियों को पहचानें जो अन्य विषयों को पढ़ाते समय भी उपयोग में लाई जा सकती हैं। दो ऐसे विषयों को नोट करें जो आप जल्द ही पढ़ाने वाले हैं जहाँ इन विचारों को थोड़े–बहुत सुधार के साथ इस्तेमाल किया जा सकता है। |
यह यूनिट निम्न NCF (2005) तथा NCFTE (2009) की शिक्षण आवश्यकताओं से जोड़ता है तथा उन आवश्यकताओं को पूरा करने में आपकी मदद करेगाः
जोड़ी में काम, सभी को शामिल करने से संबंधित है। चूँकि विद्यार्थी भिन्न होते हैं, जोड़ियाँ इस प्रकार बनाई जाए कि सभी समझ सकें कि उन्हें क्या करना है, वे क्या सीख रहे हैं और उनसे आप क्या उम्मीद कर रहे हैं। अपनी कक्षा में जोड़ी कार्य दिनचर्या स्थापित करने के लिए, आपको निम्न करना चाहिएः
जोड़ी में काम के दौरान, विद्यार्थियों को बताएँ कि प्रत्येक कार्य के लिए उनके पास कितना समय है और नियमित रूप से बाकी़ समय बताते रहें। उन जोड़ों की प्रशंसा करें जो एक दूसरे की मदद करते हैं और काम पर बने रहते हैं। जोड़ों को जमने और अपने स्वयं के समाधान खोजने के लिए समय दें – विद्यार्थियों द्वारा काम के बारे में सोचने और वे क्या कर सकते हैं दर्शाने से पहले शीघ्र काम में शामिल होना आकर्षक हो सकता है। अधिकांश विद्यार्थी ऐसे परिवेश को पसंद करते हैं जहाँ हर कोई बोलता और काम करता रहता है। जब आप देखते और सुनते हुए कक्षा में चारों ओर चहलक़दमी कर रहे हों, तब नोट करें कि कौन साथ में सहज है, और जो शामिल नहीं किया गया है उसके प्रति सतर्क रहें, और किन्हीं सामान्य त्रुटियों, अच्छे विचारों या सारांश बिंदुओं को नोट करें।
काम के अंत में विद्यार्थियों द्वारा विकसित चीज़ों के बीच संबंध जोड़ने में आपकी भूमिका है। आप कुछ जोड़ों को अपने काम को दिखाने के लिए चुन सकते हैं, या आप उनके लिए इसे संक्षेप में प्रस्तुत कर सकते हैं। विद्यार्थी एक साथ काम करते समय उपलब्धि की भावना महसूस करना पसंद करते हैं। ज़रूरी नहीं कि प्रत्येक जोड़ी आपको वापस रिपोर्ट करे – इसमें बहुत ज्यादा समय लग जाता है – लेकिन अपने प्रेक्षण के आधार पर उन विद्यार्थियों का चयन करें जो ऐसे सकारात्मक योगदान करने में सक्षम हों, जिससे दूसरों को सीखने में मदद मिले। यह आम तौर पर योगदान देने में शर्मीले स्वभाव के विद्यार्थियों के लिए उनमें आत्म–विश्वास निर्माण करने का एक अवसर हो सकता है।
यदि आपने विद्यार्थियों को हल करने के लिए कोई समस्या दी है, तो आप एक मॉडल उत्तर दे सकते हैं और फिर उन्हें कह सकते हैं कि वे अपने जवाब को सुधारने के तरीके पर जोड़ों में चर्चा करें। इससे उन्हें स्वयं अपने शिक्षण के बारे में सोचने और अपनी ग़लतियों से सीखने में मदद मिलेगी।
यदि आप जोड़ी में कार्य करवाने के लिए नए हैं, तो कार्य, समय या जोड़ों के संयोजन के संबंध में आप कोई बदलाव करना चाहते हैं तो उन परिवर्तनों पर नोट्स तैयार करना महत्वपूर्ण है। यह ज़रूरी है क्योंकि इस प्रकार आप सीख सकते हैं और अपने शिक्षण में सुधार कर सकते हैं। सफल जोड़ी कार्य का आयोजन स्पष्ट निर्देश और अच्छे समय प्रबंधन, साथ ही, संक्षिप्त सार तैयार करने से जुड़ा हुआ है – यह सब अभ्यास से आता है।
यह सामग्री क्रिएटिव कॉमन्स एट्रिब्यूशन–शेयरएलाइक लाइसेंस के अंतर्गत उपलब्ध कराई गई है (http://creativecommons.org/ licenses/ by-sa/ 3.0/ ) जब तक कि अन्यथा निर्धारित न किया गया हो। यह लाइसेंस TESSIndia, OU और UKAID लोगो के उपयोग को वर्जित करता है, जिनका उपयोग केवल TESS-India परियोजना के भीतर अपरिवर्तित रूप से किया जा सकता है।
कॉपीराइट के स्वामियों से संपर्क करने का हर प्रयास किया गया है। यदि किसी को अनजाने में अनदेखा कर दिया गया है, तो प्रकाशकों को पहला अवसर मिलते ही आवश्यक व्यवस्थाएँ करने में हर्ष होगा।
वीडियो (वीडियो स्टिल्स सहित): भारत–भर के उन अध्यापक शिक्षकों, मुख्याध्यापकों, अध्यापकों और विद्यार्थियों के प्रति आभार प्रकट किया जाता है जिन्होंने उत्पादनों में दि ओपन युनिवर्सिटी के साथ काम किया।