यह इकाई कक्षा में अंग्रेज़ी के उपयोग के लिए आपकी दिनचर्या (रूटीन) बढाने के बारे में है। यह बोलने और सुनने के मुख्य भाषा कौशलों पर केंद्रित है।
आप और आपके विद्यार्थी एक स्कूली दिन के प्रारंभ और अंत में तथा पाठों के बीच जो कुछ भी बोलते हैं, उन सभी बातों के बारे में विचार करें। ये सभी पल भाषा सिखाने और सीखने के नियमित अवसर उपलब्ध कराते हैं।
आपके विद्यार्थियों के लिए संभवतः आप ही अंग्रेज़ी के सबसे महत्वपूर्ण स्त्रोत हैं, विशेष रूप से यदि वे अपने घरों या समुदाय में अंग्रेज़ी के संपर्क में नहीं आते हैं।
हो सकता है कि आप अपनी अंग्रेज़ी के प्रति 100% आत्मविश्वास महसूस न करते हों लेकिन अंग्रेज़ी पूरी दुनिया में कई तरह के उच्चारणों, और दक्षता के अलग अलग स्तरों के साथ स्वीकार्य रूप से बोली जाती है।
प्रोत्साहन और अभ्यास के द्वारा हर कोई अंग्रेज़ी सीख सकता है। इस इकाई की गतिविधियाँ, केस स्टडी और संसाधन कक्षा में अंग्रेज़ी का उपयोग करने के लिए दिनचर्या विकसित करने की शुरुआत करने में आपकी मदद कर सकती है।
आप ’शिक्षक–संवाद’ के बारे में सोचते हुए शुरुआत करें हैं और विचार करें कि आप इसका उपयोग कैसे कर सकते हैं।
क्या आपने छोटे बच्चों को ’टीचर टीचर’ खेलते हुए देखा है? शायद बचपन में आपने भी यह खेल खेला होगा। बच्चे शिक्षक की नकल करना पसंद करते हैं और ’शिक्षक संवाद’, या ’कक्षा प्रबंधन’ की भाषा, सीख सकते हैं, हालांकि कोई उन्हें वास्तव में ये शब्द और वाक्यांश ’सिखाता’ नहीं है। इसलिए आप कक्षा में जो भी कहते और करते हैं, आपके विद्यार्थी भी वही कहने और करने लगते हैं। आप इस ज्ञान का उपयोग भाषा का अभ्यास कराने के लिए कर सकते हैं, तुरंत और विभिन्नता के साथ।
नीचे दिए गए वाक्यों को अंग्रेज़ी में पढ़ें। चाहे स्वयं सस्वर पढ़ें, या किसी सहकर्मी के साथ।
आप कक्षा में विद्यार्थियों के साथ पहले से जिनका उपयोग करते हैं, उन पर निशान (√) लगाएँ।
‘कृपया बैठ जाएँ/हाँ, अब आप बैठ सकते हैं।’ (Please sit down/Yes, you may sit down now.)’
‘कृपया खड़े हो जाएँ। (Please stand up.) धन्यवाद (Thank you!)’
‘कृपया अपने हाथ ऊपर करें! (Put your hands up, please!) जिन्हें उत्तर है/जिन्होनें अपना काम पूरा कर लिया है! (Those who know the answer!/Those who have finished their work!) हाथ नीचे! (Hands down!)’
‘कृपया एक बार में एक ही बोले। (One at a time, please.)’
‘अपनी किताबें/कॉपियां खोलें। (Open your books/notebooks.) अपनी किताबें बंद करें। (Close your books.)’
‘कल मिलते हैं। (See you tomorrow.)’
क्या ऐसे और भी अंग्रेज़ी शब्द या वाक्य हैं, जिनका आप पहले से ही उपयोग कर रहे हैं, लेकिन वे इस सूची में नहीं हैं?
अब इस सूची से उन वाक्यों को चुनें, जिनका आपने पहले उपयोग नहीं किया है। इन वाक्यों का घर पर या किसी साथी शिक्षक के साथ सस्वर अभ्यास करें। देखें कि क्या आप वाक्यों को अलग तरीके से या बेहतर तरीके से बोल सकते हैं।
इशारों के इस्तेमाल से विद्यार्थियों को आपकी बात समझने में मदद मिलेगी। आप ‘Open your books’, और ‘Come in’ जैसे वाक्यों को हावभाव के साथ कैसे बोलेंगे? इन वाक्यों को बोलते समय हावभाव का भी अभ्यास करें।
जब आप किसी वाक्यांश के बारे में आत्मविश्वास महसूस करने लगें, तो अपने विद्यार्थियों के साथ इसका उपयोग करके देखें। आप अपने बच्चों के साथ जिन अंग्रेज़ी वाक्यांशों का उपयोग करते हैं, हर सप्ताह उनकी संख्या क्रमशः बढ़ाते जाएँ। शुरुआत में यदि वे आपकी बातों पर प्रतिक्रिया न भी दें, तो भी आप कोशिश जारी रखें – हावभावों का उपयोग करने से छात्र धीरे–धीरे इन अंग्रेज़ी वाक्यांशों को सीख जाएँगे।
केस स्टडी 1 में देखें कि किस तरह एक शिक्षक अपनी अंग्रेज़ी सुधारने की कोशिश करते हैं, ताकि वे अपने विद्यार्थियों के साथ–साथ अभ्यास कर सकें।
श्री मेघनाथन कक्षा तीन के छात्रों को सभी विषय पढ़ाते हैं। वे सभी पहली पीढ़ी के छात्र हैं। जिस समय श्री मेघनाथन ने शिक्षक के रूप में अपनी नौकरी की शुरुआत की थी, तब अंग्रेज़ी प्राथमिक स्तर पर नहीं पढ़ाई जाती थी। लेकिन कुछ वर्षों बाद राज्य सरकार ने कक्षा एक से ही अंग्रेज़ी पढ़ाने का निर्णय लिया। राज्य के सभी प्राथमिक शिक्षकों को अंग्रेज़ी भाषा पढ़ाने के तरीकों के बारे में पाँच दिनों का प्रशिक्षण दिया गया था।
पप्रशिक्षण के बाद भी मैं असहज महसूस करता था। अंग्रेज़ी का मेरा अपना ज्ञान बहुत सीमित था और मैं अंग्रेज़ी बोलने में संकोच करता था क्योंकि मुझे चिंता रहती थी कि मैं गलतियाँ कर रहा हूँ। मैंने हर दिन अंग्रेज़ी भाषा के रेडियो कार्यक्रम सुनना तय किया। मैंने अपनी पत्नी से यह भी कहा कि वह हर शाम मुझसे अंग्रेज़ी में बात किया करे क्योंकि उसकी अंग्रेज़ी मेरी अंग्रेज़ी से बेहतर थी।
मैंने अंग्रेज़ी के सरल वाक्यों जैसे ’How are you?’, ‘My name is Mr Meghnathan’, ‘I am a teacher’ और ’I live in Bangalore’ को बोलने का अभ्यास करने के लिए इन वाक्यों को अपने मोबाइल फोन पर भी रिकॉर्ड कर लिया। मैं उन्हें फिर से चलाकर सुनता था, और उनमें सुधार करने के लिए खुद की आवाज़ में फिर से रिकॉर्ड करता था। मैं यह स्वीकार करता हूँ कि कभी कभी मुझे इस तरह ’अभ्यास’ करना कुछ मूर्खतापूर्ण लगता था, लेकिन मैंने पाया कि इससे मेरी अंग्रेज़ी में सचमुच सुधार हुआ और मैं अधिक आत्मविश्वासी महसूस करने लगा।
मैंने स्कूल के एक अन्य शिक्षक के साथ मिलकर हर दिन कक्षा में उपयोग होने वाले निर्देशों की एक सूची बनाई, उदाहरण के लिएः ‘Sit down now, please’, ‘Everybody up’, ‘Can you come to the board?’, ‘I want you to make two lines’ और ‘Can you make a big circle?’ मैंने घर पर इन निर्देशों को साफ और स्पष्ट आवाज में बोलकर अभ्यास किया। मैं कक्षा में अंग्रेज़ी में निर्देश देने लगा और ऐसा करते समय मैं धीमी गति से बोलता था तथा हावभावों और इशारों का उपयोग करता था।
छात्रों ने इस पर अच्छी प्रतिक्रिया दी। मैं कोशिश करता हूँ कि मैं अपनी या छात्रों से होने वाली गलतियों की चिंता न करूँ – मैं नहीं चाहता कि वे घबराकर इसमें भाग लेना ही छोड़ दें। मैं जानता हूँ कि जब भी हम कुछ नया सीखते हैं, तो गलतियाँ होती ही हैं। मैं इस बात को सुनिश्चित करने की कोशिश करता हूँ कि गलती करने पर सज़ा के बजाय उनकी कोशिशों को स्वीकार कर लेने से मेरे छात्र पुरस्कृत महसूस करते हैं।
विचार के लिए रुकें
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उन गतिविधियों के बारे में सोचें, जिन्हें आप नियमित रूप से अपनी कक्षा में कर सकते हैं और आप इन गतिविधियों से पहले, इनके दौरान और इनके बाद छात्रों से क्या कहते हैं। आप हिन्दी में या स्थानीय भाषा में आमतौर पर जो भी कहते हैं, उस पर पुनः विचार करें :
सारणी 1 की एक प्रति बनाएँ और आप जो भी कहना चाहेंगे उसे दाईं तरफ लिख लें। हमने आपके लिए एक उदाहरण दिया है।
खेल खेलने की तैयारी करना | ‘Are you ready to start?’ |
कोई पाठ शुरू करना | |
किसी पुस्तक का उपयोग करने के लिए निर्देश | |
अनुशासन बनाए रखना | |
कोई पाठ समाप्त करना | |
छात्रों को जाने के लिए व्यवस्थित करना |
इन वाक्यों को अंग्रेज़ी में ऊंची आवाज़ में, धीमी गति से और फिर ज़रा तेज़ गति से बोलने का अभ्यास करें। प्रत्येक निर्देश या टिप्पणी के लिए उपयुक्त हावभाव या इशारा तय करें। किसी मित्र, रिश्तेदार या सहकर्मी के साथ अभ्यास करें।
जब आप अपने में आत्मविश्वास महसूस करें, तो इन नए अंग्रेज़ी वाक्यों को कक्षा में बोलकर देखें। हावभावों का उपयोग करें और बच्चों को अंग्रेज़ी में हिन्दी में या स्थानीय भाषा में प्रतिक्रिया देने के लिए प्रोत्साहित करें।
छात्रों का अभिवादन अंग्रेज़ी में करने की आदत डालें और आप प्रतिदिन अपनी कक्षा में जो काम करते हैं उनके लिए निर्देश अंग्रेज़ी में दें।
छात्रों को अनुरोध के लिए 'thank you’, ‘please' और अन्य विनम्र शब्द बोलना सिखाने के लिए उनसे बात करते समय आप स्वयं इन शब्दों का उपयोग करें। साथ ही , उन्हें आपको और एक दूसरे को ‘ good morning ’, ‘ sorry ’ और ‘ excuse me ’ कहना सिखाएं ; प्रवेश करने , बाहर जाने या बोलने की अनुमति लेने के लिए उपयुक्त अभिव्यक्तियों का उपयोग करना भी सिखाएं – उदाहरण के लिए , ‘ May I … ?’ और ‘ Can I … ?’ कक्षा को साफ़ – सुथरा रखने के बारे में बात करने , या उपस्थित छात्रों की संख्या गिनने के लिए अंग्रेज़ी का उपयोग करें। जब आप नियमित रूप से ये काम करते हैं , तो अंग्रेज़ी में आपका अपना आत्मविश्वास भी बढ़ेगा।
जब आप बच्चों के अंग्रेज़ी सुनने और बोलने का मूल्यांकन करते हैं, तो आप देखेंगे कि वे भले ही प्रत्येक शब्द को न समझ पाएं, पर सामान्य अर्थ समझ लेते हैं। उदाहरण के लिए, जब आप स्कूल का समय पूरा हो जाने पर हर दिन ’See you tomorrow’ कहते हैं, तो छात्र इस वाक्यांश को अपना लेंगे। आप इसे जिस समय बोलते हैं, उसके आधार पर वे समझ सकते हैं कि यह ’Goodbye’ कहने का एक तरीका है, लेकिन वे हर शब्द का अलग–अलग अर्थ नहीं जानते होंगे।
कुछ समय बाद आप देख पायेंगे कि कौन–से विद्यार्थी बार–बार या नियमित रूप से सुने हुए शब्दों और वाक्यों को याद रखते हैं, और कौन–से विद्यार्थी नई परिस्थितियों में इस ज्ञान का उपयोग करने लगे हैं। जो छात्र ’See you tomorrow’ को याद रख पाते हैं, वे शब्द ’tomorrow’ सीख लेंगे और नए तरीकों से इसका उपयोग शुरू कर देंगे – उदाहरण के लिए, ’Tomorrow I go to the city’। या वे ’See you’ को ’Goodbye’ कहने के एक तरीके के रूप में बोल सकते हैं।
आप इन अनौपचारिक, अनियोजित अवसरों पर तत्काल किए गए भाषा अभ्यास का आकलन कर सकते हैं। छात्रों के अंग्रेज़ी बोलने के छोटे से छोटे प्रयास को भी प्रोत्साहित करें। जब वे बोलते हैं, तो ध्यान से सुनने की कोशिश करें और छोटी–छोटी त्रुटियों को सुधारने के लिए उन्हें बीच में न टोकें। मूल्यांकन के लिए, एक बड़ी कॉपी रखें, जिसमें प्रत्येक छात्र के लिए एक या दो पन्ने हों। इसका उपयोग उपलब्धि के रिकॉर्ड रखने के प्रमाण के रूप में करें। यह दर्ज करें कि कौन–से विद्यार्थी आसानी से और आत्मविश्वास के साथ बोलते हैं और कौन–से विद्यार्थी अभी भी बोलने में शर्माते हैं। शर्मीले छात्रों को अंग्रेज़ी में बोलने के अवसर दें और प्रोत्साहित करें तथा ऐसा करने पर उनकी प्रशंसा करें।
यदि आप ज्यादा विद्यार्थियों वाली कक्षा को पढ़ाते हैं, तो आप छात्रों की प्रगति का मूल्यांकन करने के लिए चेक लिस्ट की एक सरल सारणी तैयार कर सकते हैं।
विद्यार्थी के नाम | शब्दों का उपयोग कभी–कभी करता/करती है | वाक्यों का उपयोग कभी–कभी करता/करती है | अक्सर शब्दों का उपयोग करता/करती है | अक्सर वाक्यों का उपयोग करता/करती है | बोलने में बहुत अधिक शर्माता/ती हैं |
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अपना मोबाइल फोन अपनी कक्षा में ले जाएँ और उस पाठ के शुरुआती दस मिनट की बातें रिकॉर्ड करें, जिसमें आप आम तौर पर अंग्रेज़ी का उपयोग करते हैं। (आवश्यक नहीं है कि वह भाषा का ही पाठ हो)
आपने जो रिकॉर्ड किया है, उसे दोबारा दो या तीन बार सुनें फिर इन प्रश्नों के उत्तर दें:
भाषायी खेल कक्षा को इस रूटीन से परिचित कराने का एक अच्छा माध्यम हो सकते हैं। केस स्टडी 2 में, एक नई शिक्षिका अपनी और अपने विद्यार्थी के अंग्रेज़ी बोलने और सुनने के कौशलों को बढाने के तरीके के रूप में एक भाषायी खेल का प्रयोग करती है।
सुश्री श्यामला एक नई शिक्षिका थीं, जो अंग्रेज़ी के प्रति बहुत आत्मविश्वासी नहीं थीं । वे अपना कक्षा प्रबंधन कौशल भी सुधारना चाहती थीं ।
मैंने कक्षा में प्रतिदिन अंग्रेज़ी सुनने की एक गतिविधि करना तय किया, लेकिन मैं चाहती थी यह मज़ेदार हो। मैंने खेल ’Do What I Say’ [संसाधन 2 देखें] का परिचय कराया। इसमें सरल आदेशों का उपयोग किया जाता है और यह आवश्यक होता है कि छात्र मेरी बातों को ध्यान से सुनें और जो मैं कहूं वह करें। शुरू में मैंने शब्दों के साथ हावभावों का उपयोग किया। जब छात्र आदेशों से परिचित हो गए, तो मैंने धीरे–धीरे केवल शब्द कहना शुरू कर दिया। कक्षा को इस पर अपना ध्यान केंद्रित करने में और मुझे साफ़ व स्पष्ट बोलने में समय लगा।
इस खेल में मैंने शिक्षक की अपनी भूमिका (निर्देश देना) पुनः स्थापित कर ली और छात्रों का ध्यान मेरे निर्देशों का पालन करने और उन्हें ध्यान से सुनने पर रहता था। उन्होंने सरल क्रियाओं और शरीर के अंगों के नाम सीख लिए। उन्हें इस खेल में बहुत मज़ा आया। मैंने यह महसूस किया कि निर्देशों का अभ्यास करते करते अंग्रेज़ी में मेरा खुद का आत्मविश्वास भी बढ़ रहा था।
मेरी कक्षा ज्यादा विद्यार्थियों वाली कक्षा थी, इसलिए मैंने सुनश्चित किया कि सभी छात्र इस खेल को समझें, मैंने आठ से दस छात्रों के छोटे–छोटे समूह बनाए। प्रत्येक समूह में एक छात्र ’शिक्षक’ की भूमिका निभाता था और शेष समूह को निर्देश देता था। यह देखकर मुझे अचंभा हुआ कि शेखर, जो कि आमतौर पर चुपचाप रहता था, इस खेल में बहुत उत्साह से भाग ले रहा था। मुझे अहसास हुआ कि हमने उसे ’धीमी गति से सीखने वाला’ मान लिया था। शायद उसे यह अहसास हुआ होगा कि अंग्रेज़ी के मामले में हम सभी नौसिखिए ही थे – और इससे उसमें प्रतिभाग करने का आत्मविश्वास आया होगा।
एक दिन स्कूल के बाद मैं गाँव से गुज़र रही थी और मैंने देखा कि मेरे छात्रों का एक समूह अंग्रेज़ी में ’Do What I Say’ खेल रहा था। वे अपने छोटे भाई–बहनों को यह खेल सिखा रहे थे। लेकिन मुझे चिंता हुई क्योंकि उनका उच्चारण और शब्दावली सटीक नहीं थी।
विचार के लिए रुकें
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छात्र शब्दों और इशारों वाले खेल खेलना पसंद करते हैं। अंग्रेज़ी भाषा सिखाने के लिए आप कक्षा में सरल खेलों का उपयोग कर सकते हैं। जब आप ऐसा करते हैं, तो आपके अंग्रेज़ी कौशल और आत्मविष्वास में वृद्धि होगी।
संसाधन 2 और संसाधन 3 के खेलों और गतिविधियों को अच्छी तरह पढ़ें। आप इसे किसी सहकर्मी के साथ साझा भी कर सकते हैं और विचारों का आदान–प्रदान कर सकते हैं।
इन्हें पढ़ लेने के बाद, वह विकल्प चुनें, जिसे आप कक्षा में आज़माकर देखना चाहेंगे। किसी साथी शिक्षक के साथ या घर में किसी के साथ इन शब्दों और वाक्यांशों का अभ्यास करें। इस बारे में सोचें कि आप इस खेल के लिए कक्षा को किस प्रकार व्यवस्थित करेंगे। क्या आप इसे भीतर खेलेंगे या बाहर? क्या आप इस खेल में घरेलू भाषाएँ शामिल करेंगे?
आपने संसाधन 2 या संसाधन 3 से जो खेल चुना है, उसे अपने छात्रों के साथ आज़माकर देखें। जब वे एक खेल के साथ परिचित हो जाते हैं, तब आप अंग्रेज़ी के अभ्यास के लिए एक और नया खेल प्रस्तुत कर सकते हैं। यदि छात्रों को कोई खेल पसंद आता है, तो उन्हें कक्षा के बाहर भी वह खेलने के लिए प्रेरित करें।
सप्ताह का एक दिन भाषायी खेलों के लिए रखें, या महीने में दो बार कोई खेल खेलें।
मूल्यांकन के लिए, दर्ज करें कि कौन–से छात्र ध्यान पूर्वक सुनते हैं, और कौन अच्छी तरह समझकर प्रतिक्रिया दे सकते हैं, भले ही वे ऐसा अपने सिर हिलाकर ही करते हों। ऐस छात्रों के नाम दर्ज करें, जो अच्छे अनुमान लगाते हैं और जो अंग्रेज़ी में अपने स्वयं के प्रश्न या वाक्य बनाने की कोशिश करते हैं।
वीडियोः सीखने के लिए बातचीत Video: Talk for learning |
इस इकाई में आपका परिचय सक्रिय और सहभागितापूर्ण भाषा शिक्षा (participatory language learning) से करवाया गया है। यह आपके लिए भी है और आपके छात्रों के लिए भी है। इसमें बोलने और सुनने के मुख्य भाषा कौशल पर ध्यान केंद्रित किया गया है, और इन्हें कक्षा की दैनिक दिनचर्या में शामिल किया गया है।
अंग्रेज़ी को अच्छी तरह सीखने के लिए आपके बच्चों को अक्सर ही बोलने और सुनने का अभ्यास करने की आवश्यकता है। केवल भाषा के पाठ के समय में ही नहीं बल्कि स्कूल में दिन भर अलग अलग समय पर अंग्रेज़ी का प्रयोग बढ़ाने की कोशिश करें। आपकी कक्षा की दिनचर्या ऐसा करने के लिए नियमित अवसर उपलब्ध कराती है।
इस विषय पर अन्य आरंभिक अंग्रेजी अध्यापक विकास इकाइयाँ हैं:
बातचीत मानव विकास का हिस्सा है, जो सोचने–विचारने, सीखने और संसार के प्रति समझ विकसित करने में हमारी मदद करती है। लोग भाषा का इस्तेमाल तार्किक क्षमता, ज्ञान और समझ को विकसित करने के माध्यम के रूप में करते हैं। इसलिए अधिगम अनुभवों के भाग के रूप में बच्चों को बात करने के लिए प्रोत्साहित करने का अर्थ है उनकी शैक्षणिक प्रगति में वृद्धि करना। सीखे गए विचारों के बारे में बात करने का अर्थ होता है कि
किसी कक्षा में ‘छात्र–वार्तालाप’ का इस्तेमाल कई तरह से किया जा सकता है जिसमें रटे हुए अंश को दोहराने से लेकर उच्च स्तरीय विचार–विमर्श तक की क्रियाएं शामिल हो सकती हैं।
पारम्परिक तौर पर ‘शिक्षक–संवाद’ को बच्चों की बातचीत से ज्यादा महत्वपूर्ण माना जाता था और उसे प्रमुखता दी जाती थी। हांलांकि सीखने के लिए वार्तालाप या बातचीत का इस्तेमाल करने के लिए पाठों की योजना बनाने की जरूरत होती है ताकि बच्चे वार्तालाप के माध्यम से अपने पूर्व अनुभवों से सम्बन्ध कायम करते हुए ज्यादा से ज्यादा सीख सकें। यह शिक्षक और उसके छात्रों के बीच प्रश्न और उत्तर सत्र से कहीं बढ़कर होता है क्योंकि इसमें विद्यार्थी की अपनी भाषा, विचारों और रुचियों को ज्यादा समय दिया जाता है। हम में से अधिकांश, कठिन मुद्दों के बारे में या किसी बात का पता करने के लिए किसी से बात करना चाहते हैं, और अध्यापक सुनियोजित गतिविधियों से इस सहज–प्रवृत्ति को आधार बना सकते हैं।
बातचीत की गतिविधियों की योजना बनाना महज साक्षरता और शब्दावली को ध्यान में रखकर नहीं किया जाता। यह गणित एवं विज्ञान के काम तथा अन्य विषयों के नियोजन का हिस्सा भी है। बातचीत की गतिविधियों को सम्पूर्ण कक्षा की गतिविधि, जोड़ी या समूह में कार्य, आउट डोर गतिविधियों, रोल–प्ले आधारित गतिविधियों, लेखन, पठन व प्रयोगात्मक छानबीन की गतिविधियों और रचनात्मक गतिविधियों में नियोजित किया जा सकता है।
साक्षरता और गणना की दृष्टि से सीमित कौशलों वाले नन्हें छात्र भी उच्चतर श्रेणी के चिंतन कौशलों का प्रदर्शन कर सकते हैं, बशर्ते उन्हें दिया जाने वाला कार्य उनके पिछले अनुभवों पर आधारित और आनन्ददायी हो। उदाहरण के लिए, छात्र तस्वीरों, आरेखों या वास्तविक वस्तुओं के आधार पर किसी कहानी, पशु या आकृति के बारे में पूर्वानुमान लगा सकते हैं। छात्र भूमिका निभाते समय कठपुतली या चरित्र की समस्याओं के बारे में सुझावों और संभावित समाधानों को सूचीबद्ध कर सकते हैं।
जो कुछ आप छात्रों को सिखाना चाहते हैं, या जो आप चाहते हैं कि वे सोचें उसके इर्दगिर्द पाठ की योजना बनायें और साथ ही इस बारे में भी कि आप किस प्रकार की बातचीत छात्रों में विकसित होते देखना चाहते हैं। कुछ बातचीत अन्वेषी होती है, उदाहरण के लिएः ’इसके बाद क्या होगा?’, ’क्या हमने इसे पहले देखा है?’, ’यह क्या हो सकता है?’ या ’आप ऐसा क्यों सोचते हैं कि वह यह है?’ कुछ अन्य प्रकार की वार्ताएं ज्यादा विश्लेषणात्मक होती हैं, उदाहरण के लिए विचारों, साक्ष्य या सुझावों का आकलन करना।
इसे रोचक एवं मज़ेदार बनाएं और कोशिश करें कि सभी बच्चे वार्तालाप में भाग लें। आवश्यकता इस बात की है कि बच्चों में उपहास का पात्र बनने का भय न हो। वे अपने विचार व्यक्त कर सकें और सहजता से नए विचारों के बारे में सोच सकें। उन्हें यह अहसास न कराया जाए कि वे गलत हो रहे हैं।
सीखने के लिए बातचीत अध्यापकों को निम्न अवसर प्रदान करती हैः
सभी उत्तरों को लिखना या उनका औपचारिक आकलन करना आवश्यक नहीं होता है, क्योंकि वार्ता के जरिये विचारों को विकसित करना शिक्षण का महत्वपूर्ण हिस्सा है। आपको उनके शिक्षण को प्रासंगिक बनाने के लिए उनके अनुभवों और विचारों का यथासंभव प्रयोग करना चाहिए। सर्वश्रेष्ठ छात्र–वार्ता अन्वेषी होती है, जिसका अर्थ है कि छात्र एक दूसरे के विचारों को जांचते और चुनौती देते हैं ताकि वे अपने प्रत्युत्तरों को लेकर आवश्वस्त हो सकें। एक साथ बातचीत करने वाले समूहों को किसी के भी द्वारा दिए गए उत्तर को यूं ही स्वीकार कर लेने से हतोत्साहित किया जाना चाहिए। आप समूची कक्षा की सेटिंग में ‘क्यों?’, ‘आपने उसका निर्णय क्यों किया?’ या ‘क्या आपको उस हल में कोई समस्या नजर आती है?’ जैसे जांच वाले प्रश्नों के प्रयोग के माध्यम से चुनौतीपूर्ण विचारधारा की शुरुआत कर सकते हैं। आप छात्र समूहों को सुनते हुए कक्षा में घूम सकते हैं और ऐसे प्रश्न पूछकर उनकी विचारशीलता को बढ़ा सकते हैं।
अगर छात्रों की वार्ता, विचारों और अनुभवों की कद्र और सराहना की जाती है तो वे प्रोत्साहित होंगे। अपने बच्चें के व्यवहार की प्रशंसा कीजिए। बात करने, ध्यान से सुनने, एक दूसरे से प्रश्न पूछने हेतु बच्चों द्वारा किए गए व्यवहार की प्रशंसा कीजिए। इस बात के लिए भी उनकी सराहना कीजिए कि उन्होंने सीख लिया है कि खलल नहीं डालनी है।
कक्षा में कमजोर बच्चों के बारे में सावधान रहें और उन्हें भी शामिल किया जाना सुनिश्चित करने के तरीकों पर विचार करें। कामकाज के ऐसे तरीकों को स्थापित करने में थोड़ा समय लग सकता है, जो सभी छात्रों को पूरी तरह से भाग लेने की सुविधा प्रदान करते हों।
अपनी कक्षा में ऐसा वातावरण तैयार करें जहां अच्छे चुनौतीपूर्ण प्रश्न पूछे जाते हैं और जहां छात्रों के विचारों को सम्मान दिया जाता है और उऩकी प्रशंसा की जाती है। छात्र प्रश्न नहीं पूछेंगे अगर उन्हें अपने साथ किए जाने वाले व्यवहार को लेकर भय हो या उन्हें लगे कि उनके विचारों का मान नहीं किया जाएगा। छात्रों को प्रश्न पूछने के लिए आमंत्रित करना उनको जिज्ञासा प्रकट करने के लिए प्रोत्साहित करता है, उनसे अपने शिक्षण के बारे में अलग ढंग से विचार करने को कहता है और उनके नजरिए को समझने में आपकी सहायता करता है।
आप कुछ नियमित समूह या जोड़ी में कार्य करा सकते हैं या ‘छात्रों के प्रश्न पूछने का समय’ जैसी कोई योजना बना सकते हैं ताकि छात्र प्रश्न पूछ सकें या स्पष्टीकरण मांग सकें। इसके लिए आप :–
जब छात्र स्वयं प्रश्न पूछने आरै उनसे पूछे गये प्रश्नों के उत्तर देने के लिए स्वतंत्र होते हैं तो उनकी रुचि और विचारशीलता के स्तर को देखकर आप हैरान रह जायेंगे जब छात्र अधिक स्पष्ट और सटीक संवाद करना सीख जाते हैं, तो वे न केवल अपनी मौखिक और लिखित शब्दावलियां बढ़ाते हैं, अपितु उनमें नया ज्ञान और कौशल भी विकसित होता है।
आप अपने छात्रों को सक्रिय रूप में अंग्रेजी सुनने को प्रोत्साहित कर सकते हैं और आपके द्वारा उपयोग की गई अंग्रेज़ी के लिए प्रतिक्रिया देने का संकेत कर सकते हैं। आप इस बात का निरीक्षण कर सकते हैं कि आपकी बात को छात्र कितना समझते हैं। छात्र अपने साथियों को देखकर भी सीख सकते हैं। खेलों में, आप घरेलू भाषा और साथ ही अंग्रेज़ी का भी उपयोग कर सकते हैं, ताकि सहभागिता बढ़े।
शिक्षक मौखिक निर्देश देते हैं और बच्चे उन्हें सुनकर वे क्रियाएँ करते हैं।
सरल निर्देशों के साथ शुरुआत करें।
जब छात्र प्रगति करने लगे, तो खेल को अधिक उन्नत बनाएँ। आप खेल को अलग अलग विषयों के अनुकूल भी बना सकते हैं।
कुछ छात्र बेशक दूसरों की नकल करेंगे, लेकिन खेल का उद्देश्य यह है कि हर कोई अंग्रेज़ी सुनें और प्रतिक्रिया दे। इस प्रकार वे शारीरिक वर्णनों के लिए शब्दावली, स्थितियाँ, पसंद और नापसंद, विशिष्ट विषयों के लिए भाषा, सामान्य ज्ञान के लिए भाषा आदि सीख सकते हैं।
अपनी कक्षा में इस तरह की गतिविधि का प्रयास करने के लिए सुनिश्चित करें कि आप बच्चों और उनके ज्ञान के स्तर के अनुरूप क्रियाओं और परिस्थितियों को चुनें। आप अंग्रेजी से जुड़ी क्रियाओं का प्रदर्शन करके दिखा सकते हैं, विशेषकर तब जब ये शब्द नए हों, या जब छात्रों को कठिनाई हो रही हो। छात्रों को सुनने और प्रतिक्रिया देने के लिए समय दें। उन्हें अंग्रेज़ी का उच्चारण करने की आवश्यकता नहीं है – उन्हें केवल यह दिखाना है कि वे आपकी बात समझते हैं। आप और आपके छात्र खेल में सहभागिता को बढाने के लिए अंग्रेज़ी और घर की भाषा को मिला सकते हैं।
कक्षा को दो समूहों में बाँटें। समूह 1 को आपस में किसी वस्तु या व्यक्ति के बारे में सोचना है, समूह 2 को प्रश्न पूछकर यह अनुमान लगाना है कि वह कौन व्यक्ति या वस्तु है। समूह 1 केवल ‘yes’ या ‘no’ में उत्तर दे सकता है। एक शिक्षक के रूप में आपको प्रश्न पूछने में समूह 2 की मदद करनी चाहिए। यह खेल इस तरह तैयार करें:
ऐसी छः वस्तुओं और व्यक्तियों के बारे में सोचें, जिन्हें समूह 1 द्वारा गुप्त रूप से चुना जा सकता है – ये छात्रों की परिचित वस्तुएँ हो सकती हैं, जैसे कोई कुर्सी, टेबल, चम्मच, टिफिन बॉक्स, पानी की बोतल या पुस्तक। ये कोई काम करने वाले लोग भी हो सकते हैं, जैसे डाकिया, ड्राइवर, रसोइया, शिक्षक, डॉक्टर, नर्स या पुलिसकर्मी। इसके बाद उन सभी शब्दों के बारे में सोचें, जिनका उपयोग करके इन वस्तुओं और लोगों का वर्णन किया जा सकता है। इसके बाद यह सोचें कि इन शब्दों का उपयोग करके किस तरह के प्रश्न पूछे जा सकते हैं।
समूह 1 को इन छः वस्तुओं या व्यक्तियों में से कोई एक चुनकर उसे राज रखने को कहें। समूह 1 के छात्रों को याद दिलाएँ कि सभी व्यवसायों में स्त्रियाँ और पुरुष दोनों ही हो सकते हैं। यहाँ कुछ उदारहण हैं:
कक्षा में खेल खेलने से पहले, यह आवश्यक है कि आप खुद अंग्रेज़ी में इन शब्दों का अभ्यास करने के लिए समय निकालें। यदि संभव हो, तो किसी साथी शिक्षक को सहयोगी बनाकर उनके साथ ’Guess Who’ खेलें।
(यह कृष्ण कुमार की पुस्तक ‘बच्चे की भाषा और शिक्षक’ से एक परिच्छेद है।)
These are just some of the dozens of activities any teacher can organise in any ordinary classroom. Each time an activity is repeated with some little change, it will be received with even greater enthusiasm by the children than it got last time. So do each activity any number of times, adding something new each time. Keep a record of the variations so that you can introduce your innovations to a new colleague. Nearly each activity described here can become the starting point of a dozen variations.
Stage 1: Ask one child to go out of the room, see what is happening outside, and tell the class what he saw. For instance, he might report that he saw a truck, two shops and a bicycle.
Stage 2: Now the rest of the children, preferably sitting in a circle, will ask him questions, one by one, and one question per child. For instance, a child may ask: ‘What was hanging from the bicycle’s handle?’ The reply may be: ‘A basket.’ The next question may be, ‘What colour was the basket?’
Stage 3: When one round of questioning is complete, the teacher will ask the child who has gone out: ‘Who asked the best question?’ Supposing he says, ‘Shashi asked the best question; the teacher will ask: ‘What was the question?’
Stage 4: The next round starts with Shashi. Ask her to see something that the earlier child had not seen. When she comes back, ask children to come up with new questions – not the ones they have already asked.
Send a small group of children, no more than five or six, to study some specific object or place near the school or even inside the school building. For example, they may be sent to examine a cluster of trees, a tea stall, a broken bridge, or a nest. Ask them to explore it carefully and discuss among themselves everything they notice.
While the explorer group is away, tell the rest of the class about the object in some detail. For example, if the explorers have gone to examine a tea stall, tell the class about the things available at the stall, who runs it, where do the things available there come from, etc.
When the explorer group comes back, it will face questions from the class. The teacher can also have her turn. Next time, send a different group.
One child goes out, stands at the door or at some distance from the class, and selects one of the hundreds of things she sees around (it could be anything – tree, leaf, squirrel, bird, wires, pole, grass, stones). When she comes back, she says just one sentence about the thing she has in mind. For example, she might say, ‘What I saw is brown.’
Now every child in the class gets one chance to ask more about the thing and guess what it was. For example, questioning may go like this:
Child 1: ‘Is it thin?’
Answer: ‘No.’
Child 2: ‘How big is it?’
Answer: ‘It’s quite big.’
Child 3: ‘Is it as big as a chair?’
Answer: ‘No, it’s smaller than a chair.’
Child 4: ‘Can it turn?’ …
Finally when the thing has been guessed correctly, some children may object to the answers they got for their questions. For instance, someone may point out that the colour was not brown but clay-like. In such situations, the teacher’s role is very important, as someone who can help children establish subtle distinctions between meanings.
Ask children to listen and do what you tell them to do. Start with simple things to do, and ask the whole class to do them together. Examples:
‘Touch your head.’
‘Close your right eye.’
‘Clap on your head.’
Divide the class in two groups. The teacher will give instructions to the first group, and the children of this group will now give similar instructions to the second group. Gradually make your instructions more complicated, for example:
‘Touch your head with both hands, then touch your right ear with your right hand.’
‘Close both eyes, touch your neighbour, ask him to give you his left hand.’
When children of one group give instructions to the other group, they need not repeat everything they have heard. Encourage them to make up new instructions.
Make sets of similar-looking things, such as leaves of two or more trees, flowers of different plants, stones, pieces of paper cut in different shapes, etc.
After doing this activity a few times, ask children to take turns to choose and describe. Change things each time you do this activity. Identify more subtle features each time.
‘I’m thinking of a leaf that is smooth and long, and it has even edges.’
After doing this activity a few times, ask children to take turns to choose and describe. Change things each time you do this activity. Identify more subtle features each time.
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संसाधन 3: बच्चे की भाषा और शिक्षक से परिच्छेदः एक हैंडबुक, कृष्ण कुमार, संयुक्त राष्ट्र बाल कोष, 1986 (Resource 3: extracts from The Child's Language and the Teacher: A Handbook, Krishna Kumar, United Nations Children's Fund, 1986.)
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वीडियो (वीडियो स्टिल्स सहित): भारत भर के उन अध्यापक शिक्षकों, मुख्याध्यापकों, अध्यापकों और छात्रों के प्रति आभार प्रकट किया जाता है जिन्होंने उत्पादनों में दि ओपन यूनिवर्सिटी के साथ काम किया है।