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साझा पठन

यह इकाई किस बारे में है

यह इकाई साझा पठन नामक पढ़ने के अध्यापन के लिए एक मुख्य कार्यक्रम को प्रस्तुत करती है। इस इकाई में पठन के बाद की साक्षरता गतिविधियों की भी जाँच की जाती है।

साझा पठन में आप बिग बुक (जिसे सभी देख सकें) से संपूर्ण कक्षा या विद्यार्थियों के समूह को सस्वर में पढ़कर सुनाते हैं साझा पठन मौखिक भाषा और लेखन के मुख्य बिन्दुओं को एक साथ जोड़कर देखता है। जब आप विद्यार्थियों को सस्वर, उत्साहपूर्वक और अभिव्यक्ति के साथ, पढ़कर सुनाते हैं, तब आप प्रदर्शित करते हैं कि धाराप्रवाह पठन सुनने में कैसा लगता है। आप विद्यार्थियों के ध्यान को लिखित पाठ और उसे पढ़ने की प्रक्रिया पर केंद्रित करते हैं। आप सभी विद्यार्थियों को मौखिक रूप से भाग लेने के लिए प्रोत्साहित करके पठन के आनंद को वास्तविक रूप भी देते हैं।

कक्षा के लिए सस्वर पढ़ने, और विद्यार्थियों के समूहों के साथ पढ़ने से, आपकी अपनी अंग्रेजी भाषा में भी सुधार होगा साझा पठन हिंदी और अन्य भाषाओं में पठन के अध्यापन के लिए भी प्रभावशाली होता है।

आप इस इकाई में क्या सीख सकते हैं

  • अंग्रेज़ी में साझा पठन का अभ्यास।
  • अंग्रेज़ी साझा पठन के लिए एक बिग बुक तैयार करना।
  • पठन के बाद की साक्षरता गतिविधियों की योजना बनाना।

1 साझा पठन को आरंभ करना

साझा पठन के लिए प्रयुक्त किसी कविता को देखते हुए शुरू करें।

गतिविधि 1: साझा पठन

साझा पठन का अर्थ यह है कि आप पाठ को पढ़ने में अपने विद्यार्थियों का मार्गदर्शन करते हैं और आप पठन के लिए सबसे उपयुक्त आदर्श व्यक्ति हैं। विद्यार्थियों को आपके साथ पाठ्य–पुस्तक को पढ़ने व दोहराने में समर्थ होना चाहिए।

साझा पठन में, आप:

  • अपने हाथ या छड़ी को संकेतक के रूप में उपयोग करते हुए सभी विद्यार्थियों को पढ़ते समय पाठ को समझने के लिए प्रोत्साहित करते हैं
  • विद्यार्थियों से पठन में शामिल होने, आपकी बात को दोहराने या मिलकर पढ़ने के लिए कहते हैं
  • यह दर्शाते हैं कि हाव–भाव के साथ कैसे पढ़ा जाता है
  • नए शब्दों को पढ़ने और उनका उच्चारण करने का प्रदर्शन करते हैं
  • जैसे-जैसे आप आगे बढ़ते हैं, अक्षरों, शब्दों और वाक्यों पर ध्यान देते हैं, लेकिन मूल अर्थ और आनंद को यथावत् रखते हैं।

चित्र 1 में कविता को देखें जो एक बड़े कागज पर लिखी गई है। इसे कक्षा 2 के विद्यार्थियों के लिए एक अध्यापक ने बनाया था। इसे सस्वर पढ़ें।

चित्र 1 साझा पठन की एक कविता।

विचार के लिए रुकें

  • अध्यापक और विद्यार्थी कविता के रिक्त स्थानों के साथ क्या कर सकते हैं?
  • कविता में बच्चों के नामों को शामिल करने का क्या प्रभाव होगा?
  • आपके विचार में अध्यापक ने ‘I’, ‘to’, ‘school’ और ‘the’ शब्दों को क्यों हाइलाइट (चिन्हांकित करना) किया है?
  • क्या आपको लगता है इसे नन्हे विद्यार्थियों के साथ ऊँचे स्वर में पढ़ना मज़ेदार होगा?
  • क्या आपको लगता है इस कविता का साझा पठन अलग–अलग क्षमताओं वाले सभी विद्यार्थियों को शामिल कर सकेगा?
  • विद्यार्थियों को कविता को सजाने की अनुमति देने का क्या प्रभाव है?

आप किसी भी विषय, जैसे शरीर के अंगों, संख्याओं, इतिहास या भूगोल के किसी टॉपिक या किसी गीत के शब्दों, पर साझा पठन पाठ तैयार कर सकते हैं।

चित्र 2 में हाथों से बना उदाहरण देखें।

चित्र 2 इंद्रधनुषों के रंगों का उपयोग करते हुए साझा पठन।

यदि आप सभी विषय पढ़ाने वाले अध्यापक हैं, तो साझा पठन विषय संबंधी ज्ञान और भाषाई कौशलों दोनों को विकसित और सुन्दर बना सकता है।

2 साझा पठन के लिए पाठ का चयन करना

केस स्टडी 1 में, अध्यापिका एक सरल कहानी से साझा पठन का आयोजन करती है।

केस स्टडी 1: सुश्री समरीन साझा पठन का आयोजन करती हैं

सुश्री समरीन बिहार में कक्षा 3 की अध्यापिका हैं।

पहले मैंने एक बिग बुक तैयार की, ताकि मेरे विद्यार्थी शब्दों और चित्रों को आसानी से देख सकें। कहानी थी ‘A Little Red Hen’ और मैंने उन्हें यह कहानी पिछले सप्ताह पढ़कर सुनाई, ताकि विद्यार्थी कहानी से पहले से परिचित हों। (आप इस कहानी को संसाधन 1 में देख सकते हैं।)

मैंने विद्यार्थियों को अपने इर्द-गिर्द समूह में इस तरह खड़ा किया, कि वे सभी पृष्ठों को देख सकें। मेरी कक्षा में मौसमी प्रवासी कामगारों के बच्चे हैं जो अक्सर अनुपस्थित रहते हैं। मैंने उन्हें समूह में सामने की ओर रखा ताकि सुनिश्चित हो कि वे सम्मिलित हैं और मैं उनकी भागीदारी पर नज़र रख सकूँ।

पढ़ने से पहले, मैंने समझाया कि हम सब मिलकर एक किताब पढ़ेंगे। मैंने उन्हें किताब का मुखपृष्ठ दिखाया और याद दिलाया कि उन्होंने यह कहानी पहले से सुन रखी है। मैंने उनसे पूछा कि क्या उन्हें कहानी बारे में कुछ याद आ रहा है। उन्होंने एक-दो चरित्रों के नाम बताए जो उन्हें याद थे।

तब मैंने उनसे कहा कि जब मैं अपनी उंगली को किताब के शब्दों के नीचे चलाऊँ तब वे उसका अनुसरण करें, मुझे सुनें तथा मेरे साथ ऊँचे स्वर में पढ़ें। मैंने किताब के शीर्षक के साथ अभ्यास करके जाँच की कि उन्होंने मेरे निर्देश समझ लिए हैं।

मैंने विद्यार्थियों से यह पूछते हुए शुरू किया, 'क्या आप तैयार हैं?' फिर मैं पहले पृष्ठ पर गई, और पाठ को अपनी उंगली चलाते हुए ऊंचे स्वर में धीमी गति से और साफ-साफ पढ़ने लगी। विद्यार्थी पहले तो थोड़ा सा झिझके, लेकिन जब एक-दो विद्यार्थी मेरी नकल करने लगे, तो अन्य भी शामिल हो गए, और हर नए पृष्ठ के साथ उनका आत्मविश्वास बढ़ता गया। उच्चारण पर जोर देने के लिए, मैंने आवाज़ की शैली को जरा सा बढ़ाया, और हर चरित्र के साथ मेल खाने के लिए आवाजें बदलती गई। जहाँ मुझसे हो सका, मैंने ऐसे भाव और क्रियाएं अपनाई जिनकी नकल विद्यार्थी पढ़ते समय कर सकते थे, जैसे अपने सिर को झुकाना या हिलाना, या अपने हाथ से इशारे करना।

चूंकि विद्यार्थियों के लिए साझा पठन नई चीज थी, मैंने उन्हें आकर्षित करने और गति को बनाए रखने के लिए मुख्य तौर पर कहानी की प्रगति और उसके चरित्रों पर ध्यान दिया। कभी-कभी किसी पृष्ठ को शुरू करने के पहले हम रुकते थे और मैं किसी चरित्र या चित्र की ओर इशारा करके पूछ लेती, 'यह कौन है?', 'वह क्या है?' या 'वह क्या कर रहा है?', और तब विद्यार्थी उत्तर देते थे। उनके उत्तर पूरी तरह से सटीक थे या नहीं यह इतना महत्वपूर्ण नहीं था। मेरा लक्ष्य पठन में उनकी भागीदारी को प्रोत्साहित करना और उनके आत्मविश्वास को बढ़ाना था। गति में परिवर्तन करने और रहस्य उत्पन्न करने के लिए, धीरे से अगला पन्ना पलटने से पहले मैं उनसे यह भी पूछती थी, 'आपके विचार सें आगे क्या हुआ?'

इस कहानी में दोहराए जाने वाले वाक्यांश हैं। दूसरे या तीसरे दोहराव पर, मैं शुरू में जरा सा ठहर जाती और विद्यार्थी स्वयं उस वाक्यांश को बोलकर जारी रखते थे। उन्हें ऐसा करके खुशी होती थी, और उन्हें यह एक तरह का खेल लगता था।

जब हमने किताब पूरी पढ़ ली, तब मैंने विद्यार्थियों से उसके बारे में कुछ सरल प्रश्न पूछे। मैंने उत्तर देने के लिए किसी एक को चुनने की बजाय विद्यार्थियों से कहा कि यदि वे उत्तर जानते हैं तो अपने हाथ उठाएं। इससे मुझे पता लगा कि उन्होंने कहानी को कितना समझा था। जहाँ आवश्यक हुआ, वहाँ मैंने उनके उत्तरों को अंग्रेजी में और उनकी घर की भाषा में बोलकर सुनाया। उनके योगदान के लिए मैंने उन सभी की प्रशंसा की। जब–जब वे अधिक उत्साहित होने लगते, मैं उन्हें ध्यान दिलाती कि उन्हें एक दूसरे की बात ध्यानपूर्वक सुननी चाहिए और अपनी बारी का इंतजार करना चाहिए।

विचार के लिए रुकें

  • अपने विद्यार्थियों को साझा पठन के लिए तैयार करने के लिए सुश्री समरीन ने क्या किया?
  • साझा पठन में उनके ध्यान को बनाए रखने के लिए उन्होंने किन तकनीकों का उपयोग किया?
  • उन्होंने जो कुछ मिलकर पढ़ा उसके बारे में उनकी समझ का मूल्यांकन उन्होंने कैसे किया?
  • क्या ऐसी कोई बात है जो आपको उनके पाठ के बारे में खास तौर पर पसंद आई? क्या ऐसी कोई चीज है जिसे आप अलग तरीके से करते?
  • आपके विचार से साझा पठन हाशिए पर स्थित समूहों के बच्चों को सम्मिलित करने में कैसे सहायता कर सकता है?

अपने विद्यार्थियों की रुचि कहानी में बनाए रखने और उनके सीखने को बढ़ावा देने में मदद के लिए सुश्री समरीन ने अपने पाठ में कई तकनीकों का प्रयोग किया। हो सकता है आप अपने विद्यार्थियों के साथ इनमें से कुछ तकनीकों का पहले से उपयोग करते हों, या ये सभी तकनीकें आपके लिए नई भी हो सकती हैं। इन सभी तकनीकों का कक्षा में उपयोग सरल है और अगली गतिविधियों में इनमें से कुछ तकनीकों का प्रयोग आप अपने विद्यार्थियों के साथ कर सकते हैं। यदि पहली बार उनके उपयोग के समय सब कुछ ठीक ढंग से न भी हो पाए तो भी कृपया हिम्मत न हारें। हम सबको नए ढंग से कुछ करने के लिए अभ्यास की जरूरत होती है – यह आप और आपके विद्यार्थियों, दोनों पर लागू होता है। बार-बार अभ्यास से आप और आपके विद्यार्थी दोनों इन नई तकनीकों का उपयोग करने में अधिक आत्मविश्वासी हो जाएंगे तथा आपके विद्यार्थियों की शिक्षा में सुधार होगा।

गतिविधि 2: साझा पठन के लिए कोई पाठ चुनें – गतिविधि का नियोजन

यदि संभव हो तो इसे किसी साथी अध्यापक के साथ करें। यह आपके पाठ की तैयारी तैयारी के लिए एक नियोजन गतिविधि है।

कोई पाठ चुनें जिसका उपयोग आप साझा पठन के लिए कर सकते हैं। यह कोई ऐसी कहानी हो सकती है जो आप पहले से ही सस्वर पढ़कर सुना चुके हैं, या किसी अन्य कक्षा की पाठ्यपुस्तक की कोई कहानी हो सकती है। यह कोई लघु कविता भी हो सकती है, या किसी विषय क्षेत्र, उदाहरण के लिए, जल चक्र पर कोई आसान पाठ हो सकता है। यदि आप कहानी या कविता का चुनाव करते हैं, तो उनमें ऐसे स्थानों का पता लगाने का प्रयास करें जहाँ विद्यार्थी शब्दों या वाक्यांशों को दोहरा सकें और आपके साथ शामिल हो सकें।

आप अपनी कल्पना से खुद अपनी कहानी या कविता लिख सकते हैं। ऐसा करते समय आप विद्यार्थियों और स्थानीय मशहूर स्थानों के नाम उसमें शामिल कर सकते हैं।

पाठ छोटा होना चाहिए, और वास्तविक पठन में दस मिनट से अधिक समय नहीं लगना चाहिए। पाठ के लिए मापदंडों पर विचार करें, उदाहरण के लिए:

  • विद्यार्थियों की रुचियाँ और पृष्ठभूमि
  • विषय के साथ विद्यार्थियों का या आपका अपना परिचय
  • अंग्रेजी के प्रति विद्यार्थियों का या आपका अपना आत्मविश्वास
  • स्थानीय लोग, मशहूर स्थान या घटनाएं
  • स्थानीय भाषाएं – आप अंग्रेजी और अन्य भाषाओं के संयोजन वाला ‘साझा पठन’ पाठ बना सकते हैं
  • ऐसी रूढ़िवादी बातें जिनसे बचना है या जिन पर चर्चा करनी है।

उपयुक्त कहानियों के उदाहरणों के लिए संसाधन 1 देखें।

अपने पाठ का चुनाव कर लेने के बाद, उसे किसी साथी अध्यापक या अपने परिवार के किसी सदस्य को ऊँचे स्वर में सुनाकर अभ्यास करें। याद रखें इसे स्थिर गति पर ऊँचे स्वर में पढ़ने में आपको दस मिनट से अधिक नहीं लगने चाहिए।

कक्षा संगठन और अपने विद्यार्थियों के लिए पूर्व नियोजन के बारे में अधिक जानने के लिए संसाधन 2, 'पाठों का नियोजन' देखें।

3 बिग बुक (Big Book) बनाना और उपयोग करना

अगली गतिविधि में आप अपने द्वारा चुने गए पाठ की एक बिग बुक बनाएंगे।

गतिविधि 3: बिग बुक (Big book) बनाना – गतिविधि का नियोजन

यह पाठ की तैयारी हेतु आपके द्वारा किये जाने की गतिविधि है।

अधिक पाठ और चित्रों से युक्त बिग बुक एक अच्छा संसाधन होती है जिसे समझना विद्यार्थियों के लिए आसान होता है। विद्यार्थियों को भी अपनी बिग बुक बनाने, अपनी पसंद की किसी कहानी की नकल करने और उसे चित्रित करने या खुद अपनी कहानी या कविता को लिखने में आनंद आता है।

आप सारी कक्षा के लिए एक बिग बुक का उपयोग कर सकते हैं, या आप एक समूह को एक बिग बुक दे सकते हैं और एक या दो सक्षम या बड़े बच्चों को पठन का नेतृत्व करने को कह सकते हैं।

  • गतिविधि 2 में साझा पठन के लिए आपके द्वारा चुना गया पाठ लें।
  • पाठ को दो से तीन वाक्यों वाले भागों में बाँट लें।
  • इन भागों में से प्रत्येक को कागज के टुकड़ों पर बड़े अक्षरों में लिखें। कागज की एक शीट पर दो या तीन से अधिक वाक्य न लिखें।
  • प्रत्येक शीट को उपयुक्त ढंग से चित्रित करें। आप उस पर चित्र चिपका भी सकते हैं या विद्यार्थियों से चित्र बनाने को भी कह सकते हैं।
  • कहानी के लिए एक आकर्षक मुखपृष्ठ की परिकल्पना करें, या विद्यार्थियों द्वारा कहानी को पढ़ लेने के बाद उनसे मुखपृष्ठ की परिकल्पना करने को कहें।
  • सभी शीटों को मुखपृष्ठ के साथ मिलाकर पिन लगाएं/बाधें।

आप पुनर्चक्रित (recycled) सामग्रियों से अपनी बिग बुक (Big book) के लिए एक सरल स्टैंड बना सकते हैं।

चित्र 3 में अध्यापिका को उनके विद्यार्थियों के साथ देखें। उन्होंने बिग बुक के लिए कार्ड बोर्ड का सरल स्टैंड बनाया है।

चित्र 3 एक अध्यापिका ने बड़ी पुस्तक के लिए स्टैंड बनाने के लिए कार्डबोर्ड का उपयोग किया है।

गतिविधि 4: अपने विद्यार्थियों के साथ अपनी बिग बुक (Big book) का उपयोग करना

अब बिग बुक को ऊँचे स्वर में, धीरे-धीरे और साफ-साफ पढ़ने का अभ्यास करें। उत्साह और अभिव्यक्ति के साथ पढ़ें। यदि संभव है तो स्वयं को रिकार्ड करें (आप इस कार्य के लिए अपने मोबाइल फोन का उपयोग कर सकते हैं), या किसी साथी या अपने परिवार के किसी सदस्य के सम्मुख ऊँचे स्वर में पढ़ सकते हैं।

पढ़ते समय हर शब्द की ओर अपने हाथ या छड़ी से इशारा करें। अपने हाथ या छड़ी को शब्दों के ठीक नीचे रखकर चलाएं, ताकि विद्यार्थी आपके पढ़ते समय हर शब्द को देख सकें।

कहानी या कविता को पढ़ने से पहले उन शब्दों की सूची बना लें जिनसे आप विद्यार्थियों का परिचय करवाना चाहते हैं। इन शब्दों से परिचय आप कैसे करवाएंगे? क्या आप उनका अर्थ समझाने के लिए हिंदी या स्थानीय भाषा के पिक्चर कार्डों का उपयोग करेंगे? भाषा से संबंधित ऐसी विशेष बातों को नोट करें जिन पर आप ध्यान देना चाहते हैं, जैसे:

  • चरित्रों का वर्णन
  • वर्ण और ध्वनियाँ
  • तुकांत शब्द/लय–ताल वाले शब्द
  • नई शब्दावली
  • शब्द पहचानने को सुदृढ़ करना
  • वाक्यों की रचनाएं और व्याकरण
  • नये विचार

सोचें कि आप विद्यार्थियों का पाठ से परिचय कैसे कराएंगे और उन्हें पठन के लिए कैसे नियोजित करेंगे।

पाठ में उन बिंदुओं की पहचान करें जहाँ आप रुक कर विद्यार्थियों से किसी शब्द या तुकबन्दी का पूर्वानुमान करने को कह सकते हैं, या पूछ सकते हैं कि आगे क्या होने वाला है।

सोचें कि आप पठन के बाद विद्यार्थियों की समझ का मूल्यांकन कैसे करेंगे।

पूरी कक्षा या छोटे समूहों में सप्ताह भर चलने वाले साझा पठन सत्र में अपनी बिग बुक आजमाएं। क्या आपके विद्यार्थियों को गतिविधि में मज़ा आया? क्या आपको Big book का उपयोग करने में मज़ा आया? क्या सभी विद्यार्थी आपको सुन पाए और Big book को देख सके?

विद्यार्थियों की समझ का मूल्यांकन करने का एक प्रभावी तरीका है उनसे पाठ को दोबारा सुनाने को कहना। विद्यार्थी यह काम जोड़ियों या छोटे समूहों में, या व्यक्तिगत रूप से भी कर सकते हैं। इससे विद्यार्थियों को अंग्रेजी बोलने का अभ्यास करने के अवसर मिलते हैं। बड़े और अधिक सक्षम विद्यार्थी अपनी समझ के विषय में लिख सकते हैं।

4 पठन के बाद की गतिविधियों का उपयोग करना

साझा पठन का सर्वाधिक लाभ उठाने के लिए, एक अच्छा तरीका है विद्यार्थियों को पठन के बाद की ऐसी गतिविधियाँ देना जो कहानी या कविता से संबंधित हों। ये गतिविधियाँ भाषा सीखने की प्रक्रिया को मज़ेदार ढंग से सुदृढ़ करेंगी। विद्यार्थी इन गतिविधियों को सप्ताह भर की अवधि में कर सकते हैं।

गतिविधि 5: पठन के बाद की गतिविधियाँ

संसाधन 3 की सामग्रियों को पढ़ें। ये उन गतिविधियों के उदाहरण हैं जिन्हें विद्यार्थी साझा पठन के बाद कर सकते हैं। वह पाठ, जिसे आपने साझा पठन के लिए चुना था या अन्य किसी पाठ के आधार पर, इनमें से किसी संसाधन को चुनें, अनुकूलित करें और तैयार करें।

विद्यार्थियों को करके दिखाना कि आप उनसे दिए गए कार्य को किस तरह से पूरा करवाना चाहते हैं एक अच्छी परिपाटी है। आप अपने द्वारा चुनी गई गतिविधि का परिचय कैसे देंगे?

साझा पठन गतिविधि के बाद जब आप कक्षा के साथ गतिविधि का उपयोग करते हैं, तो इन प्रश्नों पर विचार करें:

  • क्या आपके सभी विद्यार्थियों ने भाग लिया?
  • क्या इस गतिविधि ने उनके सीखने का मूल्यांकन करने में आपकी मदद की?
  • क्या कोई ऐसे विद्यार्थी थे जिनके सीखने में कोई प्रगति नहीं हुई?
  • यह तय करने का प्रयास करें कि अगले पठन सत्र में आप इन विद्यार्थियों की मदद कैसे कर सकते हैं – क्या आपको अलग तरह का, या अधिक आसान अथवा अधिक कठिन पाठ चुनना चाहिए?

वीडियो: पाठों का नियोजन करना

5 सारांश

इस इकाई में आपका परिचय साझा पठन से करवाया गया है। साझा पठन में पाठ की समझ, सम्पूर्ण अर्थ और आनंद के साथ ही नए शब्दों को पढ़ने के लिए विशेष पठन कार्यनीतियों पर भी ध्यान दिया जाता है। साझा पठन में मौखिक भाषा और लेखन पर ध्यान-केंद्रन समाहित होते हैं। इस इकाई ने आपका परिचय पठन के बाद की साक्षरता गतिविधियों से भी करवाया है।

हमें आशा है कि आपको बिग बुक बनाने और उसे अपने विद्यार्थियों के साथ आजमाने का अवसर मिला होगा। जब आप अपनी पठन सामग्रियाँ बनाते हैं तब आप अपनी कक्षा के लिए एक सस्ती लाइब्रेरी बनाना शुरू कर सकते हैं।

इस विषय पर अन्य प्राथमिक अंग्रेजी अध्यापक विकास इकाइयाँ हैं:

  • अंग्रेज़ी के वर्ण और ध्वनियाँ
  • कहानी सुनाना
  • पाठ की तैयारी करना
  • पठन का विकास और अनुश्रवण
  • पठन परिवेश को बढ़ावा देना।

संसाधन

संसाधन 1: साझा पठन के लिए कहानियों के उदाहरण

दोहराई जाने वाली पाठ्यवस्तु (text) से युक्त कहानी साझा पठन के लिए अच्छी होती है। विद्यार्थियों को दोहरावों में मज़ा आता है और सामूहिक पठन के दौरान संकेतों को वे शीघ्रता से समझते हैं।

Example 1: ‘A Little Red Hen’

A red hen and her three chicks lived on a farm.

A cat, a dog and a pig lived on that farm too.

One day a chick saw something on the ground.

‘What is this?’ the chick asked the hen.

‘This is ragi. We will plant them,’ said the red hen.

‘Please help me, cat,’ the hen said to the cat.

‘No,’ said the cat. ‘I am playing.’

‘Please help me, pig,’ the hen said to the pig.

‘No,’ said the pig. ‘I am tired.’

‘Please help me, dog,’ the hen said to the dog.

‘No,’ said the dog. ‘I am sleepy.’

‘Then I will plant it,’ said the hen.

The ragi plant grew big. It was time to cut the ragi.

‘Please help me, cat,’ said the hen.

‘No,’ said the cat. ‘I am playing.’

‘Please help me, dog,’ said the hen.

‘No,’ said the dog. ‘I am sleepy.’

‘Please help me, pig,’ said the hen.

‘No,’ said the pig. ‘I am tired.’

‘Then I will cut the ragi,’ said the hen.

The hen and the chicks sat down to eat ragi.

Now the cat, the pig and the dog were hungry.

‘Please give me some ragi, hen,’ said the cat.

‘Please give me some ragi, hen,’ said the pig.

‘Please give me some ragi, hen,’ said the dog.

‘No,’ said the hen. ‘No work, no ragi.’

The hen and the chicks ate the ragi. They were very happy.

Example 2: ‘Sharma’s Present’

To view 'Sharma's Present' click here

संसाधन 2: पाठों का नियोजन करना

नियोजन और उनकी तैयारी क्यों जरूरी हैं

अच्छे पाठों के लिए योजना बनाना आवश्यक होता है। योजना बनाने से आपके पाठों को अधिक स्पष्ट और ससामयिक बनाने में सहायता मिलती है, जिससे विद्यार्थी सक्रिय होते हैं और इसमें रुचि लेते हैं। प्रभावी नियोजन में कुछ अंतर्निहित लचीलापन भी होता है जिससे अध्यापकों को पढ़ाते समय विद्यार्थियों के सीखने के बारे में जो कुछ पता चलता है वे उस पर प्रतिक्रिया दे सकते हैं। पाठों की श्रृंखला की योजना बनाने में, विद्यार्थियों और उनके पूर्व ज्ञान को जानना तथा पाठ्यक्रम के माध्यम से प्रगति के अर्थ को जानना, और विद्यार्थियों की सीखने में मदद के लिए सर्वोत्तम संसाधनों और गतिविधियों को खोजना शामिल होता है।

नियोजन एक सतत् प्रक्रिया है जो एकल पाठों या पाठों की श्रृंखला (जहां अगला पाठ पिछले पाठ पर आधारित होता है) की तैयारी में आपकी सहायता करती है पाठ के नियोजन के चरण हैं:

  • इस बारे में स्पष्ट रहना कि आपके विद्यार्थियों को प्रगति करने के लिए क्या चाहिए
  • निर्णय करना कि आप किस तरह से पढ़ाएंगे जिसे विद्यार्थी समझें और आपको पता चलने वाली बातों पर प्रतिक्रिया करने में लचीलेपन को आप कैसे बनाए रखेंगे
  • इस बात का पुनरावलोकन करेंगे कि पाठ कितनी अच्छी तरह से पूरा किया गया और आपके विद्यार्थियों ने क्या सीखा है ताकि आप भविष्य के लिए योजना बना सकें।

पाठों की श्रृंखला का नियोजन

जब आप किसी पाठ्यक्रम का पालन करते हैं, तो नियोजन का पहला चरण है यह निश्चय करना कि पाठ्यक्रम के विषयों या उपविषयों को खंडों या टुकड़ों में सर्वोत्तम ढंग से कैसे विभाजित किया जाय। आपको उपलब्ध समय और साथ ही विद्यार्थियों के प्रगति करने और कौशलों तथा ज्ञान को धीरे-धीरे बढ़ाने के तरीकों पर भी विचार करना होगा। आपके अनुभव या साथियों के साथ चर्चाओं से आपको पता चल सकता है कि एक विषय को चार पाठों की जरूरत होगी, किंतु दूसरे विषय को केवल दो की। आपको इस बात से अवगत रहना चाहिए कि आप भविष्य में उस अधिगम पर अलग तरीकों से और अलग अलग समयों पर तब लौट सकते हैं, जब अन्य विषय पढ़ाए जाएंगे या विषय को विस्तारित किया जाएगा।

सभी पाठों की योजनाओं में आपको निम्न बातों के बारे में स्पष्ट रहना होगा:

  • विद्यार्थियों को आप क्या पढ़ाना चाहते हैं
  • आप उस शिक्षण का परिचय कैसे देंगे
  • विद्यार्थियों को क्या और क्यों करना होगा।

आप शिक्षण को सक्रिय और रोचक बनाना चाहेंगे ताकि विद्यार्थी सहज और उत्सुक महसूस करें। इस बात पर विचार करें कि पाठों की श्रृंखला में विद्यार्थियों से क्या करने के लिए कहा जाएगा ताकि आप न केवल विविधता और रुचि बल्कि लचीलापन भी बनाए रखें। योजना बनाएं कि जैसे–जैसे आपके विद्यार्थी पाठों की श्रृंखला से प्रगति करते जायेंगे, आप उनकी समझ का आकलन कैसे करेंगे। यदि कुछ भागों को अधिक समय लगता है या वे जल्दी समझ में आ जाते हैं तो समायोजन करने के लिए तैयार रहें।

अलग-अलग पाठों की तैयारी करना

पाठों की श्रृंखला को नियोजित कर लेने के बाद, प्रत्येक पाठ को उस प्रगति के आधार पर अलग से नियोजित करना होगा जो विद्यार्थियों ने उस बिंदु तक की है। आप जानते हैं कि पाठों के अंत तक विद्यार्थियों ने क्या सीख लिया होगा या पाठों की श्रृंखला के अंत तक सीख जायेंगे लेकिन आपको किसी अप्रत्याशित बिन्दु को दोहराने की आवश्यकता हो सकती है या आप शीघ्रता से आगे बढ़ सकते हैं। इसलिए हर पाठ को अलग से नियोजित करना चाहिए ताकि आपके सभी विद्यार्थी प्रगति करें और सफल तथा सबके साथ महसूस करें।

पाठ की योजना के भीतर आपको सुनिश्चित करना चाहिए कि प्रत्येक गतिविधि के लिए पर्याप्त समय है और सभी संसाधन तैयार हैं, जैसे क्रियात्मक कार्य या सक्रिय समूहकार्य के लिए संसाधन। बड़ी कक्षाओं के लिए सामग्रियों के नियोजन के हिस्से के रूप में आपको अलग अलग समूहों के लिए अलग अलग प्रश्नों और गतिविधियों की योजना बनानी पड़ सकती है।

जब आप नए विषय पढ़ाते हैं, आपको आत्मविश्वासी होने के लिए अभ्यास करने और अन्य अध्यापकों के साथ विचार–विमर्श करने के लिए समय की जरूरत पड़ सकती है।

तीन भागों में अपने पाठों को तैयार करने के बारे में सोचें। इन भागों पर नीचे चर्चा की गई है।

1 परिचय

पाठ के शुरू में, विद्यार्थियों को समझाएं कि वे क्या सीखेंगे और करेंगे, ताकि हर एक को पता रहे कि उनसे क्या अपेक्षित है। विद्यार्थी पहले से ही जो जानते हैं उन्हें उसे साझा करने की अनुमति देकर वे जो करने वाले हों उसमें उनकी दिलचस्पी पैदा करें।

2 पाठ का मुख्य भाग

विद्यार्थी जो कुछ पहले से जानते हैं उसके आधार पर सामग्री की रूपरेखा बनाएं। आप स्थानीय संसाधनों, नई जानकारी या सक्रिय पद्धतियों के उपयोग का निर्णय ले सकते हैं जिनमें समूहकार्य या समस्याओं का समाधान करना शामिल है। उपयोग करने के लिए संसाधनों और उस तरीके की पहचान करें जिससे आप अपनी कक्षा में उपलब्ध स्थान का उपयोग करेंगे। विविध प्रकार की गतिविधियों, संसाधनों, और समय का उपयोग पाठ के नियोजन का महत्वपूर्ण हिस्सा है। यदि आप विभिन्न पद्धतियों और गतिविधियों का उपयोग करते हैं, तो आप अधिक विद्यार्थियों तक पहुँचेंगे, क्योंकि वे भिन्न तरीकों से सीखते हैं।

3 पाठ की समाप्ति पर अधिगम की जांच

हमेशा यह पता लगाने के लिए समय (पाठ के दौरान या उसकी समाप्ति पर) रखें कि कितनी प्रगति की गई है। जाँच करने का अर्थ हमेशा परीक्षा ही नहीं होता है। आम तौर पर उसे शीघ्र और उसी जगह पर होना चाहिए – जैसे नियोजित प्रश्न या विद्यार्थियों को जो कुछ उन्होंने सीखा है उसे प्रस्तुत करते देखना – लेकिन आपको लचीला होने के लिए और विद्यार्थियों के उत्तरों से आपको जो पता चलता है उसके अनुसार परिवर्तन करने की योजना बनानी चाहिए।

पाठ को समाप्त करने का एक अच्छा तरीका हो सकता है शुरू के लक्ष्यों पर वापस लौटना और विद्यार्थियों को इस बात के लिए समय देना कि वे एक दूसरे को और आपको उस शिक्षण से हुई उनकी प्रगति के बारे में बता सकें। विद्यार्थियों की बात को सुनकर आप सुनिश्चित कर सकेंगे कि आपको पता रहे कि अगले पाठ के लिए क्या योजना बनानी है।

पाठों का पुरावलोकन करना

हर पाठ का पुनरावलोकन करें और इस बात का ध्यान रखें कि आपने क्या किया, आपके विद्यार्थियों ने क्या सीखा, किन संसाधनों का उपयोग किया गया और सब कुछ कितनी अच्छी तरह से संपन्न हुआ ताकि आप अगले पाठों के लिए अपनी योजनाओं में सुधार या उनका समायोजन कर सकें। उदाहरण के लिए, आप निम्न का निर्णय कर सकते हैं:

  • गतिविधियों में बदलाव करना
  • विविध प्रकार के खुले और बंद प्रश्न तैयार करना
  • जिन विद्यार्थियों को अतिरिक्त सहायता चाहिए उनके साथ फॉलो अप सत्र आयोजित करना।

सोचें कि आप विद्यार्थियों के सीखने में मदद के लिए क्या योजना बना सकते थे या और अधिक बेहतर कर सकते थे।

हर पाठ पढ़ाते समय आपकी पाठ संबंधी योजनाएं आवश्यक या अनिवार्य रूप से बदल जाएंगी, क्योंकि आप हर होने वाली चीज का पूर्वानुमान नहीं कर सकते। अच्छे नियोजन का अर्थ है कि आप जानते हैं कि आप शिक्षण को किस तरह से करना चाहते हैं और इसलिए जब आपको अपने विद्यार्थियों के वास्तविक शिक्षण के बारे में पता चलेगा तब आप लचीले ढंग से इस पर प्रतिक्रिया करने को तैयार रहेंगे।

संसाधन 3: पठन के बाद की गतिविधियों के उदाहरण

पहले लघु कहानी, ‘A Different Kind of Duck’ पढ़ें। फिर नीचे पठन के बाद की गतिविधियों को देखें।

‘A Different Kind of Duck’

There was once a dog who wanted to be a duck. He lived on a farm with some ducks. Everywhere the ducks went, the dog went too.

The dog knew he did not look like a duck. Ducks have wings, and he didn’t. Ducks’ feet were big and flat, but his were small and round. Ducks had bills, but he had a little black nose. He was white like the ducks, but that was the only thing that was the same.

‘I’ll just be a different kind of duck,’ said the dog.

One morning the dog was with the ducks when they took off into the air. The dog ran after them, calling, ‘Come back, come back!’ He jumped into the air and flapped his legs to fly, but he just fell down instead.

‘This is no fun,’ thought the dog. ‘Maybe I should be happy just being a dog.’

Worksheet

  1. How is the dog different from the ducks in this story?
  • a.The dog lived on a farm.
  • b.The dog has a bill
  • c.The dog has small, round feet.
  1. What happened in the story that cannot happen in real life?
  • a.The ducks swam in the water.
  • b.The dog went everywhere with the ducks.
  • c.The dog spoke to the ducks.
  1. Fill in the Venn diagram (Figure R3.1) to show how the dog and the duck look alike and different from each other.
    चित्र R3.1 वेन रेखाचित्र।
  1. What would happen if the dog had wings? What would happen if you had wings?

Sentence completion

Complete the sentences below using the appropriate words: ‘flew’, ‘fly’, ‘lived’, ‘tried’, ‘wanted’, ‘tried’, ‘knew’, ‘ran’, ‘run’, ‘barked’ and ‘bark’.

  • A dog and some ducks ____________ on a farm.
  • Ducks can ____________ while a dog can ____________.
  • The dog ____________ it cannot ____________, but it ____________ to.
  • When the ducks ____________ the dog ____________ behind them.
  • Though it ____________ the dog could not ____________. It thought, ‘Ducks cannot ____________ like me.’

In shared reading using a large text, you can ‘hide’ words and ask students to predict the word that is covered. You can also hide part of a word and ask students to predict the covered word based on the first letter they see. This is an effective way to help students focus on initial letter sounds of words. For example: ‘Ducks can f___ while a dog can r___.’

Table completion

Make as many meaningful sentences as possible from Table R3.1.

Table R3.1 Make as many meaningful sentences as possible from this table.

Dogscanbark.
swim.
Duckscannotrun.
fly.
Ising.

Story wheel

Use the template in Figure R3.2 to make your story wheel. Write the title of the story in the centre circle. Draw pictures or write what the dog did and what the ducks did in the four quadrants of the outer circle. Have students tell their stories, using their story wheels.

चित्र R3.2 कहानी चक्र का टेम्प्लेट।

You can make a story wheel with more sections. If you put a pin in the centre of the wheel and attach the wheel to a larger piece of paper, you can turn the wheel to show each section of the story (Figure R3.3). Students can also make paper arrows that point to each section of the story.

चित्र R3.3 कहानी चक्रों के उदाहरण।

अतिरिक्त संसाधन

References

Bromley, H. (2000) Book-based Reading Games. London: Centre for Literacy in Primary Education.
Bryant, P. and Nunes, T (eds) (2004) Handbook of Children’s Literacy. Dordrecht: Kluwer Academic Publishers.
Dombey, H. and Moustafa, M. (1998) Whole to Part Phonics: How Children Learn to Read and Spell. London: Centre for Literacy in Primary Education.
Goswami U. (2010a) ‘Phonology, reading and reading difficulties’ in Hall, K., Goswami, U., Harrison, C., Ellis, S. and Soler, J. (eds) Interdisciplinary Perspectives on Learning to Read. London: Routledge.
Goswami U. (2010b) ‘A psycholinguistic grain size view of reading acquisition across languages’, in Brunswick, N., McDougall, S. and Mornay-Davies, P. (eds) The Role of Orthographies in Reading and Spelling. Hove: Psychology Press.
Graham, J. and Kelly, A. (2012) Reading under Control: Teaching Reading in the Primary School, 3rd edn. London: Routledge.
Hall, K., Goswami, U., Harrison, C., Ellis, S. and Soler, J. (eds) (2010) Interdisciplinary Perspectives on Learning to Read: Culture, Cognition and Pedagogy. London: Routledge.

Acknowledgements

अभिस्वीकृतियाँ

तृतीय पक्षों की सामग्रियों और अन्यथा कथित को छोड़कर, यह सामग्री क्रिएटिव कॉमन्स एट्रिब्यूशन-शेयरएलाइक लाइसेंस (http://creativecommons.org/ licenses/ by-sa/ 3.0/ ) के अंतर्गत उपलब्ध कराई गई है। नीचे दी गई सामग्री मालिकाना हक की है तथा इस परियोजना के लिए लाइसेंस के अंतर्गत ही उपयोग की गई है, तथा इसका Creative Commons लाइसेंस से कोई वास्ता नहीं है। इसका अर्थ यह है कि इस सामग्री का उपयोग अननुकूलित रूप से केवल TESS-India परियोजना के भीतर किया जा सकता है और किसी भी बाद के OER संस्करणों में नहीं। इसमें TESS-India, OU और UKAID लोगो का उपयोग भी शामिल है।

इस यूनिट में सामग्री को पुनः प्रस्तुत करने की अनुमति के लिए निम्न स्रोतों का कृतज्ञतापूर्ण आभार प्रकट किया जाता है:

चित्र 1: (Figure 1:) http://www.peaceloveandfirstgrade.com/ 2013/ 07/ tape-in-classroom.html से

चित्र 2: (Figure 2:) TESS-India के लिए लिया गया। (taken for TESS-India)

चित्र आर 2.3: (Figure R2.3: from) http://reading.ecb.org/ downloads/ sum_lp_StoryWheel.pdfसे.

संसाधन 1: (Resource 1:) 'ए लिटिल रेड हेन' (एक लोकप्रिय बच्चों की कहानी) कर्नाटक में प्राथमिक सेवापूर्व शिक्षक शिक्षा महाविद्यालयों के शिक्षक-प्रशिक्षकों के लिए तैयार की गई एक पुस्तिका के भाग के रूप में RVEC द्वारा अनुकूलित और पुनःलिखित। (‘A Little Red Hen’ (a popular children’s tale) adapted and rewritten by RVEC as part of a handbook we had prepared for teacher educators of elementary pre-service teacher education colleges in Karnataka.)

संसाधन 1: (Resource 1:) ‘शर्मा का उपहार’ RVEC द्वारा विकसित (‘Sharma’s Present’ developed by RVEC) (http://www.rvec.in/)

संसाधन 3: 'एक अलग तरह की बतख' (एक लोकप्रिय बच्चों की कहानी) कर्नाटक में प्राथमिक सेवापूर्व शिक्षक शिक्षा महाविद्यालयों के शिक्षक-प्रशिक्षकों के लिए तैयार की गई एक पुस्तिका के भाग के रूप में RVEC द्वारा अनुकूलित और पुनःलिखित। (‘A Different Kind of Duck’ (a popular children’s tale) adapted and rewritten by RVEC as part of a handbook prepared for teacher educators of elementary pre-service teacher education colleges in Karnataka.)

कॉपीराइट के स्वामियों से संपर्क करने का हर प्रयास किया गया है। यदि किसी को अनजाने में अनदेखा कर दिया गया है, तो पहला अवसर मिलते ही प्रकाशकों को आवश्यक व्यवस्थाएं करने में हर्ष होगा।

वीडियो (वीडियो स्टिल्स सहित): भारत-भर के उन अध्यापक शिक्षकों, मुख्याध्यापकों, अध्यापकों और छात्रों के प्रति आभार प्रकट किया जाता है जिन्होंने उत्पादनों में दि ओपन युनिवर्सिटी के साथ काम किया।