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पठन परिवेश को बढ़ावा

यह इकाई किस बारे में है

इस इकाई में आनंद के लिए पठन पर ध्यान केंद्रित किया गया है। यदि छात्र अंग्रेज़ी पठन को केवल भाषा अभ्यास और परीक्षाओं से जोड़ते हैं, तो इस बात की संभावना कम है कि वे न्यूनतम आवश्यकता से ज्यादा अंग्रेज़ी सीख सकेंगे। लेकिन यदि वे अंग्रेज़ी पठन को आनंद के साथ जोड़ना सीख लेते हैं, तो इस बात की ज्यादा संभावना है कि वे स्वैच्छिक रूप से आजीवन पाठक बन जाएंगे।

आपके छात्र अंग्रेज़ी और हिन्दी में पढ़ना सीखेंगे। यहां जिन विचारों और विधियों पर चर्चा की गई है, वे किसी भी भाषा में पठन के लिए उपयोगी हैं। इसलिए जब आप इस ईकाई को पढ़ते हैं, तो यह सोचें कि आप किस तरह हिन्दी और स्थानीय भाषाओं के साथ-साथ अंग्रेज़ी में भी आनंददायक पठन के लिए गतिविधियों को किस तरह आज़मा सकते हैं। इस बारे में भी सोचें कि यहां जिन रणनीतियों के बारे में चर्चा की गई है, वे आपकी कक्षा में अलग अलग क्षमताओं वाले छात्रों के लिए किस तरह प्रभावी होंगी।

आप इस इकाई में क्या सीख सकते हैं

  • अंग्रेज़ी में मनोरंजन के लिए पढ़ने को बढ़ावा देना।
  • एक कक्षा पुस्तकालय का विकास करना।
  • छात्रों के लिए पठन कला का आदर्श बनना।

1 एक पठन पर्यावरण प्रदान करना

उन कार्यों के बारे में सोचने के साथ शुरुआत करें, जिन्हें आप आनंद के लिए पठन को प्रोत्साहित करने के लिए पहले से ही करते आ रहे हैं।

गतिविधि 1: अपने छात्रों को पढ़ने के लिए प्रेरित करना

आपके छात्रों के पठन कौशल का स्तर चाहे जो भी हो, लेकिन उन्हें आनंददायक पठन का अनुभव करने के अवसर रोज़ देना एक अच्छा अभ्यास है। यह महत्वपूर्ण है कि छात्र सचमुच पढ़ने की इच्छा या आवश्यकता से प्रेरित हों। यहां ऐसी पांच मुख्य कार्यों के बारे में बताया गया है, जो आप कर सकते हैं:

  • अपने छात्रों को दिखाएं कि आप खुद भी एक पाठक हैं। इस बारे में बात करें कि आपको क्या पढ़ना पसंद है और उनके साथ कुछ उपयुक्त उदाहरणों को साझा करें।
  • अपनी कक्षा में एक पुस्तक कोना बनाकर पठन पर्यावरण तैयार करें।
  • कक्षा में थोड़ा समय ऐसा निकालें, जिसमें भाषा कौशल और परीक्षाओं के लिए नहीं, बल्कि केवल आनंद के लिए सस्वर पढ़ा जाए।
  • अपने छात्रों से इस बारे में बात करें कि उन्हें क्या पढ़ना पसंद और नापसंद है।
  • अपनी कक्षा में थोड़ा समय शांति से स्वतंत्र पठन के लिए निकालें।

इन पाँच बिंदुओं की समीक्षा करें।

  • आपके अनुसार आप इनमें से कौन-से काम पहले से ही कर रहे हैं?
  • आपके अनुसार आप इनमें से कौन-से काम अपनी कक्षा में और ज्यादा कर सकते हैं?
  • इन बिंदुओं को विकसित करने के लिए आपको कितना बदलाव करना पड़ेगा?
  • संभव है कि आप पहले से ही ये गतिविधियाँ हिन्दी में पठन के लिए कर रहे हैं। आप अंग्रेज़ी में पठन के लिए ये गतिविधियाँ किस प्रकार कर सकते हैं?

यह तय करें कि अगले एक महीने में आप अपनी कक्षा में कौन-सी गतिविधि विकसित करने की कोशिश करेंगे। संभव हो, तो किसी अन्य शिक्षक से बात करें और अपनी कक्षा में यह परिवर्तन करने में उनकी मदद लें। अपने अनुभव के बारे में अन्य शिक्षक से चर्चा करने से आपको स्वयं को प्रेरित रखने और कक्षा में सीखने के लिए आपके परिवर्तन के प्रभाव के बारे में सोचने में मदद मिलेगी। इस ईकाई के पठन कार्य, केस स्टडी और गतिविधियाँ इस तरह तैयार की गई हैं, ताकि शुरुआत करने में आपको मदद मिले।

केस स्टडी 1 में, एक शिक्षक अपनी कक्षा में पठन को प्रोत्साहित करने के लिए कुछ परिवर्तन करने की कोशिश करते हैं।

केस स्टडी 1: श्री शंकर अपनी भूमिका के बारे में बताते हैं

श्री शंकर एक सरकारी विद्यालय में कक्षा पाँच को पढ़ाते हैं।

मैं एक ऐसे विद्यालय में पढ़ाता हूँ, जहाँ छात्रों के परिवारों में कोई औपचारिक शिक्षा प्राप्त व्यक्ति नहीं है। मैं अंग्रेज़ी के बारे में आत्मविश्वासी नहीं हूँ, इसलिए मैं केवल पाठ्यपुस्तक तक ही सीमित रहता था। दरअसल मुझे पढ़ने का बहुत शौक है, लेकिन मैं अपनी भाषा में ही पढ़ता हूँ। मैं अखबार और पत्रिकाएँ, व कभी-कभार कुछ कविताएँ पढ़ना पसंद करता हूँ। लेकिन मैं पढ़ने से मिलने वाले आनंद के बारे में अपने छात्रों को नहीं समझा पा रहा था। मेरे छात्र पठन को केवल परीक्षाओं से ही जोड़कर देखते थे – चाहे वह अंग्रेज़ी हो या हिन्दी।

भास्कर मेरा एक छात्र है। वह एक बहुत अच्छा फुटबॉल खिलाड़ी है और डेविड बेकहम का बड़ा प्रशंसक है, लेकिन उसका पठन कौशल बहुत सीमित है। पठन के पीरियड के दौरान वह पढ़ने के अलावा सब-कुछ करता था।

मैंने इस बारे में बहुत सोचा। मैं ऐसा क्या दे सकता हूँ, जिससे उसके मन में पढ़ने की इच्छा जागे? मैं कुछ फुटबॉल पत्रिकाएँ और अखबारों के खेल पृष्ठ ले आया। मैंने उन्हें शेल्फ में खोलकर रख दिया। इन्हें देखते ही भास्कर इतना रोमांचित हो गया कि वह तुरंत एक पत्रिका उठाकर पढ़ने लगा। कुछ दिनों बाद मैंने देखा कि वह कुछ अन्य छात्रों के साथ अखबार पढ़ रहा था और मौसम की जानकारी देख रहा था। जब मैंने उल्लेख किया कि वे लोग पत्रिकाओं में और अखबारों में कुछ अंग्रेज़ी शब्दों को ढूँढ सकते हैं, तो उन्होंने इन शब्दों की खोज शुरू कर दी।

एक शिक्षक के रूप में, मैं उस गंभीर भूमिका को पूरी तरह नहीं समझता था, जो मैं स्वैच्छिक पठन के प्रति अपने छात्रों के दृष्टिकोण को प्रभावित करने में निभा सकता था। अब मैंने अपने छात्रों को यह दिखाने की कोशिश करता हूँ कि मैं खुद भी एक पाठक हूँ। मैं अक्सर उन्हें यह बताता हूँ कि मैं घर में इन दिनों क्या पढ़ रहा हूँ। कभी-कभी यह अखबार या पत्रिका की कोई खबर होती है, या कुछ ऐसा भी होता है, जो मैंने किसी विज्ञापन या बोर्ड पर पढ़ा हो। अब मैं छात्रों के साथ पठन के बारे में और उन्हें क्या पढ़ना पसंद है, इस बारे में गपशप के साथ शुरुआत करता हूँ।

विचार के लिए रुकें

  • क्या आपको लगता है कि कक्षा में पठन सामग्री के रूप में खेल पत्रिकाएँ और अखबार देना उचित है? ऐसा क्यों?
  • स्वयं आपको अंग्रेज़ी में या किसी भी भाषा में क्या पढ़ना पसंद है? कविताएँ, उपन्यास, जीवनियाँ, अखबार, जानकारी देने वाली पुस्तकें – या कुछ और?
  • आपके अनुसार आपके छात्रों को, अंग्रेज़ी में या किसी भी भाषा में, क्या पढ़ने में मज़ा आता है?
  • आपको या आपके छात्रों को जो भी पढ़ना पसंद है, क्या उनमें से कोई भी पुस्तकें आपकी कक्षा में हैं? क्यों या क्यों नहीं?

2 पुस्तकों के लिए एक हिस्सा बनाना

केस स्टडी 2 में, एक शिक्षक ने कक्षा में पठन वातावरण को सुधारने के लिए कुछ कदम उठाए हैं।

केस स्टडी 2: श्रीमती शांता ने पुस्तकों के लिए एक क्षेत्र बनाया है

श्रीमती शांता सहशिक्षा वाले एक सरकारी प्राथमिक विद्यालय में कक्षा पाँच की शिक्षिका हैं।

मेरी कक्षा के अधिकाँश छात्रों के घरों में कोई किताबें नहीं हैं। हालांकि मेरे छात्रों को लाइब्रेरी के पीरियड के दौरान सप्ताह में एक बार विद्यालय की लाइब्रेरी से किताबें लेने का मौका मिलता था, लेकिन पढ़ने में उनकी ज्यादा रुचि नहीं थी।

मैंने अपनी कक्षा पर ध्यान दिया। इसमें मेरे छात्रों के पढ़ने के लिए बहुत ही कम किताबें थीं। इसके अलावा, चूंकि ये थोड़ी-सी किताबें एक अलमारी में रखी हुई थीं, इसलिए अक्सर उन पर किसी की नज़र नहीं पड़ती थी। मैंने इसमें कुछ बदलाव करने का निर्णय किया।

सबसे पहले मैंने कक्षा में किताबों की संख्या बढ़ाई। मैंने अपने सहकर्मियों से पूछा कि क्या उनके पास कोई अतिरिक्त किताबें हैं। मैंने अध्यापन और शिक्षण सामग्रियाँ खरीदने के लिए मिलने वाला अपना पूरा वार्षिक भत्ता किताबों पर खर्च करने का निर्णय लिया। मैंने National Book Trust (नेशनल बुक ट्रस्ट) और Children Book Trust (चिल्ड्रेन बुक ट्रस्ट) से बहुत-सी रोचक तथा सस्ती किताबें खरीदीं। अपने छात्रों की मदद से मैंने कॉपियों और पत्रिकाओं के चित्रों का उपयोग करके कुछ कहानी की किताबें भी बनाईं।

पुस्तकें चुनते और बनाते समय, मैंने कोशिश की कि ये पुस्तकें छात्रों को आकर्षित करने वाली हों। मैंने अपने विद्यार्थियों के लिए के लिए चित्रों वाली पुस्तकें, पढ़ने-में-सरल पुस्तकें, कहानी और किस्से वाली पुस्तकें जानकारीपरक पुस्तकें, चुटकुलों और पहेलियों की पुस्तकें, कविताओं की किताबें, कॉमिक्स (स्पाइडरमैन सहित), खेलों के बारे में किताबें और नई चीजें बनाने के बारे में बताने वाली किताबें शामिल कीं। मैंने विद्यालय की लाइब्रेरी से भी बच्चों की पत्रिकाएँ लीं। मैं उपदेशात्मक, ‘नैतिक’ कहानियों से बचने की कोशिश की क्योंकि अनुभव से मैं ये जानती थी कि वे बच्चों को आकर्षित नहीं करतीं। हालांकि मैंने इस बात का ध्यान रखा कि कुछ ऐसी कहानियां भी चुनी जाएं, जिनसे कोई महत्वपूर्ण संदेश मिलता है। उदाहरण के लिए, चिल्ड्रन बुक ट्रस्ट (Children Book Trust) का एक प्रकाशन है, जिसमें बताया गया है कि एक आदिवासी बालक को अन्य छात्रों और शिक्षक की संवेदनहीनता के कारण विद्यालय के शरुआती दिनों में किस तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है, और एक अन्य पुस्तक है, जिसमें एक छात्र को इसलिए डराया-धमकाया जाता है क्योंकि उसे हकलाने की समस्या है।

मेरा अगला काम अपनी कक्षा के एक कोने में एक ‘छोटी लाइब्रेरी’ तैयार करना था, जिसमें कुछ खाने बने हुए हों और पढ़ने का एक हिस्सा हो। मैंने छात्रों से सलाह मांगी कि इसे कहाँ बनाया जाए। शुरू में उन्हें लगा कि वह कमरा लाइब्रेरी के लिए से बहुत छोटा था, लेकिन हमने जब पूरा फर्नीचर फिर से लगाया तो हम यह देखकर चकित रह गए कि सब-कुछ इसमें आसानी से फिट हो गया।

मैंने लाइब्रेरी के कोने में एक चटाई बिछाई क्योंकि ज्यादातर छात्रों को ज़मीन पर बैठकर पढ़ना ज्यादा आरामदायक लगता था। पठन को प्रोत्साहित करने के लिए मैंने पुस्तक विक्रेताओं से कुछ मुफ्त पोस्टर भी हासिल किए। एक कुर्सी भी रखी गई थी, जिस पर बैठकर मैं या कोई अन्य छात्र कक्षा के सभी छात्रों को कुछ पढ़कर सुनाते थे (चित्र 1)।

चित्र 1 श्रीमती शांता की कक्षा की लाइब्रेरी।

छात्र इस कोने को ख़ास जगह कहने लगे। किताबों के इस कोने ने उन्हें यह संदेश दिया कि पुस्तकें इतनी मूल्यवान हैं कि उनके लिए कक्षा में कुछ जगह अलग से बनाई जानी चाहिए। छात्रों ने उस कोने में बैठने के लिए और ज्यादा समय देने की मांग की और पुस्तकें पढ़ते समय खाने की अनुमति देने का अनुरोध किया।

विचार के लिए रुकें

  • श्रीमती शांता की कक्षा की लाइब्रेरी के लिए पठन सामग्रियों के स्त्रोत क्या थे?
  • क्या आपके पास इनमें से कोई स्त्रोत उपलब्ध हैं?
  • क्या आपको लगता है कि पढ़ते समय छात्रों को खाने की अनुमति देना सही है? क्यों या क्यों नहीं?

गतिविधि 2: अपनी कक्षा को देखें - गतिविधि का नियोजन

अपनी कक्षा को देखें और इस बारे में सोचें कि किसी कोने में कक्षा की एक छोटी-सी लाइब्रेरी बनाने के लिए आप किस तरह स्थान और फर्नीचर को व्यवस्थित कर सकते हैं, जैसा कि चित्र 2 में दर्शाया गया है। इनकी एक सूची बनाएँ:

  • जो पुस्तकें आपको स्थानीय लाइब्रेरी से मिल सकती हैं
  • जो पुस्तकें आप तैयार कर सकते हैं
  • जो पत्रिकाएँ और अखबार आप अन्य शिक्षकों, मित्रों और परिवारजनों से प्राप्त कर सकते हैं
  • पुस्तकों के बारे में पोस्टर
  • कोई भी अन्य पठन सामग्री।
चित्र 2 कक्षा में पुस्तकों वाले हिस्से का एक उदाहरण।

अन्य शिक्षकों से इस बारे में बात करें कि किस तरह आप लोग साथ मिलकर पठन के लिए साझा संसाधन बना सकते हैं।

रुचियों और क्षमताओं की एक श्रेणी के लिए संसाधनों के विकास के बारे में अधिक जानकारी के लिए संसाधन 1, ‘सभी को शामिल करना’ देखें।

3 छात्रों का पठन

अब निम्नलिखित गतिवधियों को आज़माकर देखें।

गतिविधि 3: पठन के बारे में अपने छात्रों से बात करें

पहले गतिविधि 2 पूरी करें और उन पुस्तकों या अन्य पठन सामग्रियों की सूची बनाएँ, जिन्हें एकत्रित करके आप कक्षा की एक ‘मिनी-लाइब्रेरी’ शुरू कर सकते हैं।

इस पाठ में, अपने छात्रों को बताएँ कि आप कक्षा में एक पुस्तक क्षेत्र (book area) बनाना चाहते हैं। बोर्ड पर निम्नलिखित प्रश्न लिखें:

  • आपने कौन-सी पुस्तकें पढ़ी हैं?
  • आपको इनमें से कौन–कौन सी पुस्तकें अच्छी लगीं, और क्यों?
  • आप किस तरह की पुस्तकें पढ़ना चाहेंगे?
  • क्या आप कुछ और भी पढ़ना चाहेंगे, संभवतः कम्प्यूटर पर?

छात्रों को जोड़ियों में बाँटें और उनसे कहें कि वे आपके द्वारा बोर्ड पर लिखे गए प्रश्न एक-दूसरे से पूछें। इसके लिए उन्हें कुछ समय दें और इसके बाद कक्षा को पुनः एक साथ लाएँ। इन प्रश्नों के बारे में उनके उत्तर जानें और उनके विचारों को बोर्ड पर लिखें।

पाठ के बाद, उनके विचारों को इकट्ठा करें। उनके विचारों और आपकी सूची के बीच तुलना करें। क्या उनके विचार आपके विचारों से मेल खाते हैं? अब आप किस निष्कर्ष पर पहुँचे हैं?

इस तरह की जानकारी कैसे आपकी मदद कर सकती है, ताकि आप पाठक के रूप में प्रत्येक छात्र की आवश्यकता के अनुसार उसकी सहायता कर सकें?

अगले कुछ सप्ताहों के दौरान, पठन सामग्री का अपना छोटा-सा संग्रह तैयार करें।

क्या आप लाइब्रेरी के लिए कोई नियम बनाएँगे? क्या आप लाइब्रेरी के बारे में अभिभावकों को बताएँगे? आप उनकी किस प्रकार मदद कर सकते हो?

शायद आप छात्रों से अपने इस पुस्तक–क्षेत्र के उद्घाटन के लिए एक छोटा-सा आयोजन करने की योजना बनाने को कह सकते हैं।

आप इस पठन कोने का कई तरह से उपयोग कर सकते हैं। अलग अलग तरह की पठन सामग्रियों को चुनकर आप छात्रों की विविधतापूर्ण पसंद और आवश्यकताओं को पूरा कर सकते हैं। उदाहरण के लिए, हो सकता है, कि किसी मेधावी छात्र को ऐसे चुनौतीपूर्ण पाठ्य को पढ़ना रोचक लगे, जो उसके लिए अन्यथा उपलब्ध न हो। इसी तरह, छात्रों को यदि उनके पठन स्तर के अनुरूप पाठ्य-सामग्री प्राप्त होगी, तो इससे उन छात्रों का आत्मविश्वास बढ़ेगा, जिन्हें पढ़ने में कठिनाई महसूस होती है। सहकर्मियों और बड़ी आयु वाले छात्रों के साथ मिलकर आप उनके पठन के लिए अनुपूरक वर्कशीट भी तैयार कर सकते हैं।

एक पठन कोना कक्षा के प्रबंधन में भी आपकी मदद करेगा। यदि आपकी कक्षा ज़्यादा छात्रों वाली है या आप एक से ज्यादा ग्रेड वाली कक्षा को पढ़ाते हैं, तो एक समूह को कोने में स्वतंत्र पठन का कार्य दिया जा सकता है, जबकि आप दूसरे समूह के साथ काम कर सकते हैं और बाद में इनकी अदलाबदली की जा सकती है। बेशक यदि छात्रों को इसकी आदत नहीं है, तो उन्हें अनुशासित पद्धति में स्वतंत्र रूप से कार्य करने में थोड़ा समय लगेगा। लेकिन निर्धारित नियमों और आरंभिक मार्गदर्शन के द्वारा उन्हें ऐसा करना सिखाया जा सकता है।

वीडियो: सभी को शामिल करना

अगली गतिविधि सस्वर पढ़ने से संबंधित है।

आप यह जानते होंगे कि छात्रों को अपने शिक्षक की नकल करना बहुत अच्छा लगता है। आप जो करते और बोलते हैं, वे भी वही करेंगे और बोलेंगे। जब आप ऊंची आवाज़ में पढ़ते हैं तो आप ‘आनन्ददायी पठन’ का आदर्श प्रस्तुत करते हैं। ऊंची आवाज़ में पढ़ने और छात्रों से भी सस्वर पढ़वाने से आपको और आपके छात्रों को अपना अंग्रेज़ी उच्चारण सुधारने में मदद मिलेगी।

गतिविधि 4: अभिव्यक्ति के साथ ऊंची आवाज़ में पढ़ना

अंग्रेज़ी की कोई लघुकथा या कविता चुनें, जिससे आप अच्छी तरह परिचित हों और आपको लगता है कि वह छात्रों को भी पसंद आएगी। यह पाठ्यपुस्तक से ही होनी आवश्यक नहीं है। वह कहानी या कविता ऊंची आवाज़ में कक्षा को सुनाएँ।

अब एक छात्र को बुलाएँ और वह कहानी शेष कक्षा को सुनाने को कहें (चित्र 3)। छात्र को पुस्तक पकड़ने दें और शिक्षक की तरह अभिनय करने दें। हो सकता है कि छात्र ने पाठ्य-सामग्री का कुछ भाग या पूरी सामग्री ही याद कर ली हो, इसमें कोई हर्ज नहीं है – छात्र को आपकी अभिव्यक्ति और उत्साह की नकल करने दें। अन्य छात्रों के साथ बैठें और उन्हें दिखाएँ कि एक अच्छा श्रोता कैसा होना चाहिए। यदि पठन में कोई सामूहिक भाग भी हैं, तो इसमें छात्रों के साथ शामिल हों।

चित्र 3 एक छात्र अन्य छात्रों और शिक्षक को एक कहानी पढ़कर सुनाता है।

ऊंची आवाज़ में पढ़ने की इस गतिविधि के साथ आपको कोई भाषा अभ्यास नहीं जोड़ना चाहिए। केवल पढ़ने के आनंद और खुशी पर ध्यान दें।

जब आप छात्रों को कक्षा में ऊंची आवाज़ में पढ़ने देते हैं, और आप भी श्रोताओं के बीच बैठते हैं, तो आप उनके पठन कौशल और व्यवहार का निरीक्षण कर सकते हैं। क्या छात्र पुस्तकों को ध्यानपूर्वक संभालते हैं? वे पढ़कर सुना रहे हैं या याद करके दोहरा रहे हैं, अथवा दोनों को मिलाकर पठन कर रहे हैं? क्या अन्य छात्र पढ़ रहे हैं और अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं?

4 छात्रों के शब्दों और चित्रों की पुस्तकें तैयार करना

अब निम्नलिखित गतिवधि को प्रयोग करके देखें।

गतिविधि 5: छात्रों के शब्दों और चित्रों की पुस्तकें तैयार करना

यह गतिविधि कक्षा एक से चार के छात्रों के लिए उपयुक्त है, लेकिन आप बड़ी कक्षाओं के लिए भी इसे प्रयोग कर सकते हैं।

छात्रों के स्वयं के शब्दों का उपयोग करके पुस्तकें तैयार करना। यदि आप ज्यादा छात्रों वाली कक्षा को पढ़ाते हैं, तो आप कई दिनों या एक सप्ताह की अवधि लेकर एक बड़ी पुस्तक (Big book) बना सकते हैं। वैकल्पिक रूप से, आप प्रत्येक छात्र के लिए एक पुस्तक बना सकते हैं।

  • आपको पत्रिकाओं के चित्र काटने पड़ेंगे या छात्रों द्वारा बनाए गए चित्रों की और साथ ही गोंद, कागज़ और पेन की आवश्यकता पड़ेगी।
  • छात्रों को बताएँ कि वे अंग्रेज़ी में एक पुस्तक बनाने वाले हैं।
  • छात्रों से हिन्दी में या उनके घर की भाषा में उनके पसंदीदा शब्द के बारे में सोचने को कहें। वे अपना शब्द अपने दोस्त को बता सकते हैं। उनसे उस शब्द का चित्र बनाने या किसी पत्रिका से उसका चित्र काटकर एक कागज़ के टुकड़े पर चिपकाने को कहें।
  • उनके पसंदीदा शब्दों को बोर्ड पर हिन्दी और अंग्रेज़ी में लिखें। ड्राइंग और चित्रों को देखते हुए साथ मिलकर अंग्रेज़ी में वह शब्द बोलने का अभ्यास करें।
  • छात्रों से उस शब्द के चित्र के आगे अंग्रेज़ी में वह शब्द लिखने को कहें। जो छात्र अभी भी वर्ण बनाने में असमर्थ हैं, उनके लिए आप शब्द लिख दें।
  • छात्रों के कागज़ लें और ‘We Can Read!’ शीर्षक वाली एक पुस्तक तैयार करें। प्रत्येक छात्र के लिए पुस्तक के हर एक पृष्ठ पर एक अलग शब्द होना चाहिए, जिसके साथ उसका हाथ से बनाया हुआ अथवा काटकर लगाया हुआ चित्र हो। प्रत्येक पृष्ठ पर आप प्रत्येक छात्र के लिए अंग्रेज़ी में इसे बोर्ड (Board) पर लिखते हैं, उदाहरण के लिए:
    • Mehak can read ‘ice cream’.
    • Susheela can read ‘festival’.
    • Munir can read ‘car’.
    • Deepti can read ‘computer’.

पुस्तकें पढ़ें और साथ मिलकर अंग्रेज़ी का अभ्यास करें। अभिभावकों को कक्षा में आमंत्रित करें, ताकि छात्र अपने माता-पिता को वह पुस्तक पढ़कर सुना सकें। अपनी कक्षा की लाइब्रेरी बनाना और पठन पर्यावरण को आगे बढ़ाना जारी रखें।

आप इस गतिविधि को इस तरह भी प्रयोग कर सकते हैं:

  • भोजन, परिवहन, वनस्पति, परिवार या शरीर के अंगों आदि जैसे अलग अलग विषयों पर ‘I Can Read’ पुस्तकों का एक संग्रहण (Mini Library) बनाकर अंग्रेज़ी में अलग अलग वाक्य संरचनाओं का अभ्यास करने के लिए लेखन को बदलकर; उदाहरण के लिए, पुस्तक का शीर्षक ‘What Do You Like to Eat?’ हो सकता है और पृष्ठों पर ‘Munir likes to eat rice’, ‘Deepti likes to eat mango’ आदि लिखा हो सकता है।

विचार के लिए रुकें

  • आप इस गतिविधि को बड़ी कक्षाओं के लिए उपयुक्त बनाने के लिए क्या करेंगे? क्या आप छात्रों को उनके विषय स्वयं चुनने देंगे? आप किस शब्दावली पर ध्यान केंद्रित करेंगे?
  • आप कक्षा सात के छात्र से उसकी स्वयं की पुस्तक में या साझा बड़ी पुस्तक (Big book) में कितनी अंग्रेज़ी लिखने की उम्मीद करेंगे?

5 सारांश

इस इकाई में इस बात पर ध्यान दिया गया है कि आप अपनी कक्षा में किस तरह एक सकारात्मक पठन पर्यावरण विकसित कर सकते हैं।

भाषा कोई भी हो ‘पठन’ स्वतंत्र शिक्षार्थी के निर्माण और उनकी शैक्षणिक उपलब्धि को बढ़ाने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। शिक्षा के सभी स्तरों पर पठन किसी भी छात्र की सफलता की नींव होती है। अच्छी पठन आदतों का विकास करना किसी भी बच्चे के के न केवल शैक्षणिक भविष्य के लिए– बल्कि दैनिक जीवन के लिए भी अनिवार्य है भी। अच्छी पठन आदतों वाले छात्र अपने आस-पास की दुनिया के बारे में ज्यादा सीखते हैं और उनमें भाषा के प्रति व अन्य संस्कृतियों के प्रति रुचि विकसित होती है। पठन के कारण प्रश्न पूछने और उत्तर जानने की उत्सुकता जागती है, जिससे छात्रों के ज्ञान में लगातार वृद्धि होती है।

इस विषय पर अन्य प्रारम्भिक अंग्रेजी अध्यापक विकास इकाइयाँ हैं:

  • अंग्रेज़ी के वर्ण और ध्वनियाँ
  • कहानी सुनाना
  • साझा पठन
  • पाठ की तैयारी करना
  • पठन का विकास और उसका अनुश्रवण

संसाधन

संसाधन 1: सभी को शामिल करना

सभी को शामिल करें का क्या अर्थ है?

संस्कृति और समाज की विविधता कक्षा में प्रतिबिंबित होती है। विद्यार्थियों की भाषाएं, रुचियां और योग्यताएं अलग–अलग होती हैं। विद्यार्थी विभिन्न सामाजिक और आर्थिक पृष्ठभूमियों से आते हैं। हम इन विभिन्नताओं को अनदेखा नहीं कर सकते हैं; वास्तव में हमें इनका स्वागत करना चाहिए क्योंकि हमारे लिए ये एक दूसरे के बारे में तथा हमारे अनुभव से परे के संसार को जानने और समझने के माध्यम का काम कर सकती हैं। सभी विद्यार्थियों को शिक्षा प्राप्त करने एवं सीखने का अवसर हासिल करने का अधिकार है भले उनका स्तर, योग्यता व पृष्ठभूमि कुछ भी हो और इस बात को भारतीय कानून में एवं अंतरराष्ट्रीय बाल अधिकारों में मान्यता प्राप्त है। 2014 में राष्ट्र के नाम अपने पहले संबोधन में, प्रधानमंत्री मोदी ने भारत के सभी नागरिकों के मूल्यों, मान्यताओं को महत्व दिए जाने पर बल दिया भले ही उनकी जाति, लिंग या आय कुछ भी क्यों न हो। इस संबंध में विद्यालयों और अध्यापकों की बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका है।

हम सभी के मन में उन लोगों को लेकर पूर्वाग्रह और विचार होते हैं जिनसे हमारा परिचय या साक्षात्कार नहीं हुआ हो। एक अध्यापक के रूप में, आपके पास प्रत्येक विद्यार्थी के शैक्षिक अनुभव को सकारात्मक या नकारात्मक ढंग से प्रभावित करने की शक्ति होती है। चाहे जानबूझकर हो या अनजाने में, आपके निहित पूर्वाग्रहों और विचारों का इस बात पर अवश्य प्रभाव होगा कि आपके विद्यार्थी कितनी बराबरी के साथ सीख रहे हैं। आप अपने विद्यार्थियों को असमानता के व्यवहार से सुरक्षित करने के लिए कदम उठा सकते हैं।

आपके द्वारा अधिगम में सभी को शामिल करना सुनिश्चित करने के लिए तीन प्रमुख सिद्धांत

  • ध्यान देना: प्रभावी अध्यापक चौकस, अनुभवी एवं संवेदनशील होते हैं; वे अपने विद्यार्थियों में होने वाले बदलावों पर ध्यान देते हैं। यदि आप चौकस हैं तो आप अवश्य ध्यान देंगे जब एक विद्यार्थी कुछ अच्छा करता है, जब उसे सहायता की आवश्यकता होती है और इस बात पर भी कि वह किस तरह दूसरों के साथ जुडा है। आप अपने विद्यार्थियों में होने वाले परिवर्तनों का भी अनुभव कर सकते हैं जो उनकी घरेलू परिस्थितियों या अन्य समस्याओं के चलते प्रतिबिंबित हो सकते हैं। सभी को शामिल करने के लिए दैनिक रूप से अपने विद्यार्थियों पर, खास तौर पर उपेक्षित या प्रतिभाग करने में असमर्थ महसूस करने वालों पर ध्यान देने की आवश्यकता होती है।
  • आत्मसम्मान पर ध्यान केंद्रित करना: अच्छे नागरिक वे होते हैं जो अपने स्वत्व को लेकर सहज होते हैं। उनमें आत्मसम्मान की भावना होती है, उन्हें अपनी शक्तियों और कमजोरियों का पता होता है और उनमें व्यक्तियों की पृष्ठभूमि के प्रति पूर्वाग्रह रखे बिना सकारात्मक संबंध स्थापित करने की योग्यता होती है। वे स्वयं का और दूसरों का सम्मान करते हैं। एक अध्यापक के रूप में, आपका युवा विद्यार्थियों के आत्मसम्मान पर महत्वपूर्ण प्रभाव हो सकता है; अपनी इस शक्ति को पहचानें और प्रत्येक विद्यार्थी के अंदर आत्मसम्मान विकसित करने के लिए इसका प्रयोग करें।
  • लचीलापन: यदि कोई विधि या गतिविधि आपकी कक्षा में कुछ विशिष्ट छात्रों किसी विशिष्ट समूह या किसी व्यक्ति के लिए काम नहीं कर रही है तो अपनी योजनाओं में बदलाव करने या गतिविधि को रोकने के लिए तैयार रहें। लचीलापन रखने से आप समायोजन करने में सक्षम होंगे जिससे आप अधिक प्रभावी ढंग से सभी छात्रों शामिल कर पाएंगे।

आपके द्वारा हर समय अपनाये जा सकने वाले दृश्टिकोण

  • अच्छा व्यवहार प्रस्तुत करना: जातीयता, धर्म या लिंग का भेदभाव किए बिना अपने विद्यार्थियों के साथ अच्छे ढंग से व्यवहार कर उनके सामने आदर्श प्रस्तुत करें। सभी विद्यार्थियों के साथ सम्मानजनक व्यवहार करें और अपने शिक्षण के माध्यम से यह बात स्पष्ट करें कि आप सभी विद्यार्थियों को एक समान महत्व देते हैं। उन सभी के साथ आदर से बात करें, और उपयुक्त होने पर उनके महत्व दें विचारो को महत्व दें और उन्हें कक्षा का उत्तरदायित्व लेने को प्रेरित करते हुए वे काम करने को प्रोत्साहित करें जिनसे सभी को लाभ होता हो।
  • अधिक उम्मीदें: योग्यता की कोई निर्धारित सीमा नहीं होती यदि विद्यार्थियों को उचित सहायता मिले तो वे सीख सकते हैं और प्रगति कर सकते हैं। यदि किसी विद्यार्थी को आपके द्वारा कक्षा में की जा रही गतिविधि को समझने में मुश्किल हो रही है तो ऐसा न समझें कि वे अब कभी भी सीख–समझ नहीं सकता। एक अध्यापक के रूप में आपकी भूमिका बेहतरीन ढंग से प्रत्येक छात्र को सीखने में मदद करने की होनी चाहिए। यदि आप अपनी कक्षा के प्रत्येक विद्यार्थी से अधिक उम्मीद रखते हैं तो आपके विद्यार्थियों में यह प्रबल धारणा बन सकती है कि यदि वे डटे रहते हैं तो अधिक सीखेंगे। अधिक उम्मीदें व्यवहार में भी दिखनी चाहिए। सुनिश्चित करें कि उम्मीदें स्पष्ट हैं और विद्यार्थी एक दूसरे से सम्मानजनक व्यवहार करते हैं।
  • अपने शिक्षण में विविधता लाएं: विद्यार्थी अलग अलग तरीकों से सीखते हैं। कुछ विद्यार्थियों को लिखना पसंद होता है; तो कुछ अन्य को अपने विचार व्यक्त करने के लिए माइंड मैप या चित्र बनाना बेहतर लगता है। कुछ विद्यार्थी अच्छे श्रोता होते हैं; कुछ अन्य तब सर्वश्रेष्ठ ढंग से सीखते हैं जब उन्हें अपने विचार के बारे में बात करने का अवसर प्राप्त होता है। आप हर समय हर एक छात्र के अनुरूप काम नहीं कर सकते लेकिन आप अपने शिक्षण में विविधता पैदा कर सकते हैं और विद्यार्थियों को उनके द्वारा किए जा सकने के लिए कुछ अधिगम गतिविधियों में से अपना विकल्प चुनने का अवसर दे सकते हैं।
  • रोजमर्रा की जिंदगी से अधिगम को जोड़ें: कुछ विद्यार्थियों को वे बातें अपने रोजमर्रा की जिंदगी के लिए अप्रासंगिक लग सकती हैं जिन्हें आप उनसे सीखने के लिए कहते हैं। इसके समाधान के लिए आप यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि जब भी संभव हुआ आप विद्यार्थियों के खुद के अनुभवों से उदाहरण लेते हुए ऐसे अधिगम को उनके लिए प्रासंगिक संदर्भों से जोड़कर दिखाएंगे।

  • भाषा का उपयोग: अपने द्वारा प्रयोग की जाने वाली भाषा को लेकर सचेत रहें। सकारात्मक और प्रशंसात्मक भाषा का प्रयोग करें, छात्रों का उपहास न करें। उनके व्यवहार पर टिप्पणी करें, न कि स्वयं उन पर। ’तुम मुझे आज परेशान कर रहे हो’ जैसे वाक्य बेहद व्यक्तिगत प्रकार के होते हैं, इसके बजाय आप इसे ’आज मुझे तुम्हारा व्यवहार कष्टप्रद लग रहा है। क्या कोई कारण है जिसके चलते ध्यान केंद्रित करने में तुम्हें मुश्किल हो रही है?’ के रूप में बेहतर ढंग से व्यक्त कर सकते हैं।
  • रूढ़िवादिता को चुनौती दें: उन संसाधनों का पता लगाएं और प्रयोग करें जो लड़कियों को रूढ़िवादी भूमिकाओं से हटकर प्रस्तुत करता है या आदर्श प्रस्तुत कर सकने वाली महिलाओं को विद्यालय में आने के लिए निमंत्रित करें जैसे महिला वैज्ञानिक आदि। लिंग को लेकर आप खुद की रूढ़िवादिता के प्रति सचेत रहें; आप जानते हैं कि लड़कियां खेलकूद के क्षेत्र में भी भाग लेती हैं वहीं लड़के देखभाल के कार्यों में भी पाए जाते हैं, लेकिन प्रायः हम इन्हें अलग ढंग से व्यक्त करते हैं, क्योंकि हम इसी तरीके से समाज में बात करने के अभ्यस्त होते हैं।
  • एक सुरक्षित, सुखद अधिगम वातावरण का निर्माण करें: यह जरूरी है कि सभी विद्यार्थी विद्यालय में सुरक्षित और प्रसन्नचित्त महसूस करें। आप उस जगह हैं जहां आप अपने विद्यार्थियों को एक दूसरे के लिए परस्पर सम्मान और मित्रतापूर्ण व्यवहार के लिए प्रोत्साहित कर प्रसन्नचित्त महसूस करा सकते है। इस बात पर विचार करें कि अलग अलग विद्यार्थी विद्यालय और कक्षा के लिए क्या महसूस करते हैं, और, ये उन्हें कैसे प्रतीत होते हैं इस बारे में सोचें कि उन्हें कहां बैठने के लिए कहा जाना चाहिए और सुनिश्चित करें कि दृश्य या श्रवण बाधा या शारीरिक अक्षमता वाला कोई भी विद्यार्थी अपना पाठ पढ़ने और सीखने के लिए कहां बैठ सकता है। इस बात की जांच करें कि शर्मीले स्वभाव या आसानी से विचलित होने वाले विद्यार्थियों को आप किस तरह आसानी से अपनी गतिविधियों में शामिल कर सकते हैं।

विशिष्ट शिक्षण दृष्टिकोण

ऐसे कई विशिष्ट दृष्टिकोण हैं जिनसे आपको सभी छात्रों को शामिल करने में मदद मिलेगी। इन्हें अन्य प्रमुख संसाधनों में और अधिक विस्तार से वर्णित किया गया है लेकिन यहां इनका संक्षिप्त परिचय दिया जा रहा हैः

  • प्रश्न पूछना: यदि आप विद्यार्थियों को हाथ खड़े करने के लिए कहते हैं तो हर बार वही विद्यार्थी जवाब देने को प्रवृत्त होते हैं। ऐसे कई अन्य तरीके भी हैं जिनसे जवाबों के बारे में सोचने और प्रश्नों पर प्रतिक्रिया देने के लिए अधिक विद्यार्थियों को शामिल किया जा सकता है। आप अपने प्रश्नों को व्यक्ति विशेष की ओर मोड़ सकते हैं कक्षा से कहें कि ‘यह निर्णय आप लेंगे कि कौन उत्तर देगा‘ फिर आप सामने बैठे हुए विद्यार्थियों की बजाय कक्षा में पीछे या किनारे में बैठे विद्यार्थियों से प्रश्न पूछें। विद्यार्थियों को ’सोचने के लिए समय’ दें और विशिष्ट विद्यार्थियों से योगदान देने के लिए कहें। आत्मविश्वास बढ़ाने के लिए जोड़ी या समूह कार्य का प्रयोग करें ताकि आप कक्षा चर्चा में हरेक को शामिल कर सकें।
  • मूल्यांकन: रचनात्मक मूल्यांकन के लिए तकनीकों की शृंखला विकसित करें, इनसे आपको हरेक छात्र को बेहतर ढंग से जानने में मदद मिलेगी। छिपी प्रतिभाओं और खामियों को उजागर करने के लिए आपको रचनात्मक होने की जरूरत है। कतिपय विद्यार्थियों एवं उनकी योग्यताओं के बारे में सामान्यतः कुछ धारणाएं बन जाती हैं। रचनात्मक मूल्यांकन इन अवधारणाओं पर आधारित अनुमानों के बजाए आपको सटीक जानकारी देता है। तब आप उनकी व्यक्तिगत आवश्यकताओं पर प्रतिक्रिया देने के लिए बेहतर स्थिति में होते है।
  • समूह कार्य एवं जोड़ी में कार्य: सभी विद्यार्थियों को शामिल करने और उन्हें एक दूसरे को महत्व देने के लिए प्रोत्साहित करने के लक्ष्य को ध्यान में रखकर इस बात पर सावधानीपूर्वक विचार करें कि किस तरह आप अपनी कक्षा को समूह में विभाजित कर सकते है या जोड़ियाँ बना सकते हैं। सुनिश्चित करें कि सभी विद्यार्थियों को एक दूसरे के सीखने के और अपनी सीखी बातों पर विश्वास करने के लिए अवसर प्राप्त हो कुछ विद्यार्थियों में छोटे समूह में अपने विचारों को व्यक्त करने और प्रश्न पूछने के लिए आत्मविश्वास होगा किंतु हो सकता है कि संपूर्ण कक्षा के सामने उन्हें खड़े होने में झिझक हो।
  • विशिष्टीकरण: अलग अलग समूहों के लिए अलग अलग कार्य निर्धारित करने से विद्यार्थियों को अपनी स्थिति से शुरू करके आगे बढ़ने में मदद मिलेगी। समाप्ति–रहित (open ended) कार्य निर्धारित करने से सभी विद्यार्थियों को सफल होने का अवसर प्राप्त होगा। विद्यार्थियों को विभिन्न कार्यों के विकल्प प्रदान करने से उन्हें उस कार्य के प्रति उत्तरदायित्व का अहसास होता है और अपने अधिगम के प्रति जवाबदेही का अहसास होता है व्यक्तिगत अधिगम आवश्यकताओं का ध्यान रखना कठिन होता है, खास तौर पर बड़ी कक्षा में लेकिन अलग अलग कार्यों और गतिविधियों का उपयोग कर इसे किया जा सकता है।

अतिरिक्त संसाधन

References

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Bryant, P. and Nunes, T (eds) (2004) Handbook of Children’s Literacy. Dordrecht: Kluwer Academic Publishers.
Dombey, H. and Moustafa, M. (1998) Whole to Part Phonics: How Children Learn to Read and Spell. London: Centre for Literacy in Primary Education.
Goswami U. (2010a) ‘Phonology, reading and reading difficulties’, in Hall, K., Goswami, U., Harrison, C., Ellis, S. and Soler, J. (eds) Interdisciplinary Perspectives on Learning to Read. London: Routledge.
Goswami U. (2010b) ‘A psycholinguistic grain size view of reading acquisition across languages’, in Brunswick, N., McDougall, S. and Mornay-Davies, P. (eds) The Role of Orthographies in Reading and Spelling. Hove: Psychology Press.
Graham, J. and Kelly, A. (2012) Reading under Control: Teaching Reading in the Primary School, 3rd edn. London: Routledge.
Hall, K., Goswami, U., Harrison, C., Ellis, S. and Soler, J. (eds) (2010) Interdisciplinary Perspectives on Learning to Read: Culture, Cognition and Pedagogy. London: Routledge.

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