Skip to main content
Printable page generated Friday, 26 April 2024, 3:57 AM
Use 'Print preview' to check the number of pages and printer settings.
Print functionality varies between browsers.
Unless otherwise stated, copyright © 2024 The Open University, all rights reserved.
Printable page generated Friday, 26 April 2024, 3:57 AM

पाठ्यपुस्तक का रचनात्मक उपयोग

यह इकाई किस बारे में है

यह इकाई पाठों में अतिरिक्त अंग्रेज़ी भाषा शिक्षण को विकसित करने के लिए एक प्रारम्भिक बिन्दु के रूप में पाठ्यपुस्तक के उपयोग के बारे में है। पाठ्यपुस्तक आपके पाठों के लिए एक महत्वपूर्ण संसाधन है। इस इकाई में आपको यह बताया गया है कि आप किस तरह पाठ्यपुस्तक का उपयोग अलग अलग तरीकों से कर सकते हैं और इसमें दिए गए सुझावों के आधार पर अपने पाठों को ज्यादा रोचक बना सकते हैं और छात्रों के सीखने में सुधार कर सकते हैं।

अंग्रेज़ी सीखने के लिए आपके छात्रों को बोलने और सुनने का बहुत अभ्यास करना चाहिए – केवल भाषा पाठ में ही नहीं। सुनने और बोलने की अक्सर होने वाली संक्षिप्त गतिविधियाँ आपके अंग्रेज़ी भाषा के पाठों की अनुपूरक बन सकती हैं और कक्षा में अंग्रेज़ी का उपयोग करने में आपके आत्मविश्वास को भी बढ़ा सकती हैं।

जब आप पाठ्यपुस्तक के पाठों को अपने छात्रों के लिए अपनाते और इसका विस्तार करते हैं, तो आप उन्हें कई अलग अलग उद्देश्यों के लिए अंग्रेज़ी का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित कर सकते हैं। आप अंग्रेज़ी के प्रति अपना खुद का आत्मविश्वास और अध्यापन कौशल भी सुधार सकते हैं। इस इकाई के केस स्टडी और गतिविधियाँ इस तरह तैयार की गई हैं कि आपको अपनी कक्षा के लिए इन अवसरों की योजना बनाने में मदद मिले।

आप इस इकाई में क्या सीख सकते हैं

  • मौखिक कार्य के लिए लचीले ढंग से अंग्रेज़ी की पाठ्यपुस्तक का उपयोग करने के लिए।
  • नए अंग्रेज़ी शब्दों का परिचय कराने के लिए।
  • अंग्रेज़ी के पाठों का अपने छात्रों के जीवन से संबंध जोड़ने के लिए।

1 पाठ्यपुस्तक का उपयोग करना

नियमित रूप से की जाने वाली संक्षिप्त गतिविधियों से आपको और आपके छात्रों को अंग्रेज़ी का अभ्यास करने और अपना आत्मविश्वास विकसित करने में मदद मिल सकती है, जैसा कि पहली केस स्टडी में दर्शाया गया है।

केस स्टडी 1: सुश्री शीला भाषा की दिनचर्या विकसित करने के लिए पाठ्यपुस्तक के पाठों का उपयोग करती हैं

सुश्री शीला ने कक्षा तीन में बोलने, सुनने और शब्दावली को बढ़ाने के लिए अपनी भाषा की पाठ्यपुस्तक का उपयोग किया।

इस पाठ्यपुस्तक की शुरुआत एक छोटे हाथी की कहानी से होती है, जिसे फल पसंद हैं और जो एक दुकान से अलग अलग तरह के फल लेता है। कहानी में, उसे ‘please’, ‘thank you’ और ‘sorry’ बोलना सिखाया गया है। ये शब्द कहानी में महत्वपूर्ण हैं। मैंने हर दिन की हमारी बातचीत के दौरान कक्षा में इन शब्दों का नियमित रूप से उपयोग शुरू किया। मैंने छात्रों को इनका उपयोग करने के लिए प्रेरित किया, और मैंने खुद इन शब्दों का उपयोग करके एक उदाहरण प्रस्तुत किया – भले ही मेरा उच्चारण पूरी तरह सही नहीं है।

इस पाठ्यपुस्तक में सप्ताह के दिनों के बारे में एक कविता भी है। मैंने कक्षा के लिए एक कैलेंडर खरीदकर उसे दीवार पर लगा दिया। मैंने एक कविता सिखाई और वर्ष के महीनों के नाम भी सिखाए, जो कि पाठ में नहीं हैं। इसके बाद मैंने रोज़ की एक दिनचर्या शुरू की, जिसमें हर सुबह कोई छात्र उठकर कक्षा की शुरुआत में दिन, तारीख और महीने की घोषणा करता है: ‘Good morning, class. Today is Monday, October the thirteenth, two thousand and fourteen.’

अब हमारे पास कुछ अंग्रेज़ी दिनचर्या बन गई हैं, तो मेरे पास छात्रों की अंग्रेज़ी का आकलन करने और अपने खुद की अंग्रेज़ी भी सुधारने के लिए ज्यादा अवसर हैं।

विचार के लिए रुकें

  • आपके अनुसार सुश्री शीला जब इस तरह पाठ्यपुस्तक के पाठों का विस्तार करती हैं, तो उन्हें कितनी अतिरिक्त योजना बनानी पड़ेगी?
  • क्या सुश्री शीला की दिनचर्या कक्षा के सभी छात्रों के लिए प्रभावी होगी, चाहे उनकी क्षमता का स्तर जो भी हो? क्यों या क्यों नहीं?
  • आपके पास अंग्रेज़ी की ऐसी कौन-सी दिनचर्या हैं, जो भाषा की पाठ्यपुस्तक के पाठ से बाहर की हैं?
  • आपके पास छात्रों द्वारा बोली जाने वाली अंग्रेज़ी के आंकलन के लिए ऐसे कौन-से अवसर हैं, जो भाषा की पाठ्यपुस्तक के पाठ से बाहर के हैं?

यदि आप, केवल भाषा के पाठों में ही नहीं विद्यालय के अन्य समयों में भी, अपने छात्रों को अंग्रेजी का अभ्यास करने का पर्याप्त अवसर देते हैं तो आपको उन्हें सुनने, अवलोकन करने व आकलन करने के अधिक अवसर मिलेंगे। यदि छात्र केवल पाठ्यपुस्तक के पाठ से ही अंग्रेज़ी सुनते या लिखते हैं, तो उनकी प्रगति धीमी रहेगी और आपके पास उनका मूल्यांकन करने के अवसर कम रहेंगे। अगली गतिविधि में आप छात्रों के लिए अपनी भाषा की पाठ्यपुस्तक की संभावना का विस्तार करेंगे। आपके लिए यह स्वयं की अंग्रेज़ी का अभ्यास करने और इसे सुधारने का एक मौका भी है।

अंग्रेज़ी सीखने वाले छात्रों को सुनना, अवलोकन करना और उनका आंकलन करना।

गतिविधि 1: पाठ्यपुस्तक का उपयोग करना – गतिविधि का नियोजन

आप अपनी अंग्रेज़ी की पाठ्यपुस्तक में जिस अगले पाठ या इकाई को सिखाने की योजना बना रहे हैं, उसे देखें। अपनी कॉपी में इन प्रश्नों के उत्तर लिखें:

  • यह पाठ या इकाई किस बारे में है? इस विषय का आपके छात्रों के अनुभव से कितना संबंध है?
  • उन मुख्य शब्दों और वाक्यों की एक सूची बनाएँ, जिन्हें छात्र इस पाठ से सीख सकते हैं।
  • इस सूची के कौन-से शब्द आपके छात्रों को पहले से मालूम हैं?
  • विद्यालयी दिन के दौरान आप किस-किस समय इन मुख्य शब्दों या वाक्यों का उपयोग कर सकते हैं?
  • इन मुख्य शब्दों के उपयोग को बढ़ाने में आपको किन अतिरिक्त संसाधनों या गतिविधियों से मदद मिल सकती है?

अब अपनी सूची से एक या दो मुख्य शब्द या वाक्य चुनें। कक्षा में अपनी नियमित दिनचर्या में इन शब्दों या वाक्यों का उपयोग करें।

आपको कम से कम दो सप्ताहों तक इसका पालन और अभ्यास करना चाहिए। आपको यह कैसा लगता है? सरल या कठिन? छात्रों की प्रतिक्रया कैसी है? क्या अंग्रेज़ी के उनके उपयोग में सुधार हुआ है? आप किस तरह बता सकते हैं?

अपने सभी छात्रों को भाग लेने और सीखने के लिए प्रेरित करने हेतु संसाधन 1, चिंतन को बढ़ावा देने के लिए प्रश्न पूछने का उपयोग करना' देखें।

2 चित्र और शब्द

केस–स्टडी 1 में, सुश्री शीला ने अपनी पाठ्यपुस्तक का अधिकाधिक लाभ उठाने के तरीके ढूँढे, इसके लिए उन्होंने ऐसे कुछ शब्द या वाक्य चुने, जिनका उपयोग वे और उनके छात्र भाषा का पाठ पूरा होने के बाद भी जारी रख सकते थे। अगली केस–स्टडी में, एक शिक्षक छात्रों की अंग्रेज़ी बोलने और शब्दावली को विकसित करने के लिए चित्रों का उपयोग करके पाठ्यपुस्तक के एक विषय का विस्तार करते हैं।

केस स्टडी 2: श्री अमन भाषा को विकसित करने के लिए चित्रों का उपयोग करते हैं

श्री अमन ने कक्षा चार के छात्रों को अंग्रेज़ी सिखाने के लिए परिवार के बारे में उनके मौजूदा ज्ञान का उपयोग किया।

पाठ्यपुस्तक में इकाई 1 एक बच्ची और उसके परिवार के बारे में है। मैंने छात्रों को पाठ्यपुस्तक में ‘परिवार’ शब्द और चित्र दिखाए। हमने वे शब्द ऊँची आवाज़ में बोले और मैंने उन्हें बोर्ड पर लिखा।

इसके बाद मैंने उनसे उनके पिता, माता, दादा, दादी आदि के चित्र बनाने और उन चित्रों पर अंग्रेज़ी में नाम लिखने के लिए कहा। वे मुझसे प्रश्न पूछने लगे, जैसे:

  • ‘क्या अंग्रेज़ी में दादी और नानी के लिए अलग अलग नाम नहीं हैं?’
  • ‘क्या बड़ी बहन और छोटी बहन के लिए एक ही शब्द का उपयोग किया जाता है?’

मैंने उन्हें ‘elder sister’ और ‘younger sister’, तथा ‘mother’s mother’ और ‘father’s mother’, बोलना सिखाया, हालांकि ये अभिव्यक्तियाँ पाठ्यपुस्तक में नहीं हैं। इसके बाद मैंने छात्रों के चित्रों का उदाहरणों के रूप में उपयोग करके उन्हें बताया कि मौखिक रूप से वाक्य कैसे बनाए जाते हैं:

This is my mother. This is my elder sister.

This is Rajiv’s father.

This is Amrita’s grandmother, her mother’s mother.

हमने साथ मिलकर ऊँची आवाज़ में इन वाक्यों को बोलने का अभ्यास किया। यह मेरी अपनी अंग्रेज़ी के लिए भी अच्छा अभ्यास था।

बाद में उस सप्ताह, मैंने पाठ का विस्तार किया। पहले मैंने छात्रों से पाठ्यपुस्तक में ‘he’ और ‘she’ शब्दों पर गोल निशान लगाने के लिए कहा। इसके बाद मैंने उनके चित्रों का उपयोग करके ऊंची आवाज़ में उन्हें बताया कि नई शब्दावली का उपयोग करके पहले से बनाए वाक्यों से नए वाक्य बनाए जा सकते हैं।

This is my mother. She is pretty.

This is my elder sister. She is tall.

This is my brother. He is crying.

This is Amrita’s grandmother. She is nice.

This is Sushant’s father. He is a farmer.

मैंने छात्रों की जोड़ियाँ बनाईं और उन्हें एक-दूसरे के साथ वाक्यों का अभ्यास करने के लिए कहा, जिसके लिए मैंने उनके शब्दों का प्रदर्शन करने के लिए उनके चित्र दिखाए। जब वे ऐसा कर रहे थे, तो मैं उनके आत्मविश्वास और कौशल का अवलोकन कर सकता था और टिप्पणियाँ लिख सकता था।

मेरे कुछ छात्र स्थानीय अनाथालय से आते हैं और उनका कोई परिवार नहीं है। मैंने उनसे उनके दोस्तों या गाँव में वे जिन दूसरे लोगों को जानते हैं, उनके चित्र बनाने के लिए कहा। मैंने यह काम बहुत ध्यान से किया, ताकि वे खुद को दूसरों से अलग न महसूस करें, और अनावश्यक रूप से खुद के प्रति शर्मिंदगी महसूस न करें। आत्मविश्वास की कमी वाले छात्रों को शामिल करने के लिए, मैंने उनके चित्रों की ओर इशारा करके ‘Is this your father? Is this your sister? Is this your friend? Is this the farmer?’ पूछा और उन्होंने उत्तर में ‘yes’ या ‘no’ कहा,या सिर्फ अपना सिर हिलाया, जिससे मैं उनकी समझ का आंकलन कर सकता था।

विचार के लिए रुकें

  • श्री अमन के वर्णन को देखकर, आपके अनुसार उनकी गतिविधियों के लिए कितने पीरियड लगे होंगे?
  • उनकी पाठ योजना टिप्पणी के रूप में लिखने की कोशिश करें।

वीडियो: जोड़ी में किये गये कार्य का उपयोग करना

गतिविधि 2: चित्रों का उपयोग करना

एक उदारहण के रूप में, केस–स्टडी 2 का उपयोग करके, एक पाठ की योजना बनाएँ और पढ़ाएँ, जहाँ छात्र अंग्रेज़ी का अभ्यास करने के लिए चित्रों का उपयोग करते हैं।

अंग्रेज़ी का अभ्यास करने के लिए चित्रों का उपयोग करना।

पाठ्यपुस्तक का एक पाठ लें। यह पाठ परिवार, जानवरों, भोजन, यात्रा या पर्यावरण के बारे में हो सकता है। यह कोई पहले पढ़ाया जा चुका पाठ अथवा कोई नया पाठ हो सकता है। आप इसे कई पाठों के दौरान पढ़ा सकते हैं।

  • छात्रों को चित्र दिखाकर और साथ ही शब्दावली का अभ्यास करते हुए विषय समझाएँ।
  • छात्रों को खुद चित्र बनाने और उन चित्रों पर अंग्रेज़ी में लेबल लिखने के लिए कहें।
  • उन्हें उनके चित्रों के आधार पर अंग्रेज़ी में सरल वाक्यों का उपयोग करना सिखाएँ।

आप छात्रों का आंकलन कैसे करेंगे? जब वे काम करते हैं, क्या तब आप उन्हें सुनेंगे? या आप उनसे कहेंगे कि वे अपने कार्य के बारे में आपको समझाएँ या पूरी कक्षा को बताएँ?

जिन छात्रों को अतिरिक्त सहायता की ज़रुरत है, उनके लिए आप क्या करेंगे? कुछ छात्रों को काम पूरा करने के लिए अतिरिक्त समय की या बोलने में संकोच को दूर करने के लिए मदद की ज़रूरत हो सकती है। आपकी योजना इन ज़रूरतों को शामिल करने के लिए लचीली होनी चाहिए। यदि आपकी कक्षा ज़्यादा छात्रों वाली या अनेक-ग्रेड (Multi-grade) वाली कक्षा है, तो सक्षम या बड़े छात्रों को छोटे छात्रों की मदद करने के लिए कहें। समूहों को व्यवस्थित करें, ताकि आप उन छात्रों पर ध्यान दे सकें, जिन्हें आपकी मदद की ज़रुरत है।

वीडियो: समूहकार्य का उपयोग करना

केस स्टडी 2 में,श्री अमन ने पाठ्यपुस्तक में विस्तार किया। अगली केस स्टडी में, शिक्षिका ने अपने छात्रों के साथ अंग्रेज़ी के नए शब्दों के उपयोग के लिए भी विस्तार किया है।

केस स्टडी 3: सुश्री नज़मा और उनके छात्र नए शब्दों का उपयोग करते हैं

आपके छात्र किन अंग्रेज़ी शब्दों को पहले से जानते हैं और आप उन्हें कौन-से अंग्रेज़ी शब्द सिखाना चाहते हैं? लखनऊ में कक्षा तीन की शिक्षिका सुश्री नज़मा ने इसका पता लगाया।

मैं पाठ्यपुस्तक का एक पाठ ‘A Busy Road’ पढ़ा रही थी। इस विषय की शब्दावली को बोर्ड पर लिखने से पहले, मैंने छात्रों से उन अंग्रेज़ी शब्दों के बारे में पूछा, जो उन्हें पहले से मालूम थे। वे मुझे ‘traffic’, ‘traffic police’, ‘policeman’, ‘cars’, ‘bicycle’, ‘traffic jam’, ‘rush’ और ‘zebra crossing’. जैसे शब्द बता रहे थे।

फिर एक छात्र ने कहा ‘शोर’ और मुझसे पूछा कि मैडम अंग्रेज़ी में “शोर” क्या होता है? मैंने कक्षा की शब्दावली में एक नया अंग्रेज़ी शब्द जोड़ा: ‘noise’। मैंने अंग्रेज़ी में इस नए शब्द को मज़बूत बनाने के लिए विद्यालय में अलग अलग समय पर और अलग अलग तरीके से इसका उपयोग करने की कोशिश की, उदाहरण के लिए, मैं कहती थी:

  • ‘Can you hear the noise from the street?’
  • ‘What a lot of noise!’
  • ‘You are very noisy!’

और मैंने इसके विलोम शब्द का उपयोग करने की भी कोशिश की, उदाहरण के लिए:

  • ‘When you are quiet, you can go outside.’

विचार के लिए रुकें

  • सुश्री नज़मा ने पाठ की शुरुआत उन अंग्रेज़ी शब्दों के साथ की, जो उनके छात्रों को पहले से ही मालूम थे। आपके अनुसार उन्होंने इस तरह शुरुआत क्यों की?
  • उन्होंने एक छात्र के प्रश्न को सुनने के लिए समय दिया। क्या आपको लगता है कि यह उनके समय का अच्छा उपयोग था?
  • उन्होंने कक्षा में हर दिन की बातचीत के दौरान नए अंग्रेज़ी शब्द (‘noise’) का उपयोग करने की कोशिश की, और उन्होंने विलोम शब्द (‘quiet’). के उपयोग की भी कोशिश भी की। क्या आप अंग्रेज़ी में ऐसे दो विलोम शब्दों के बारे में सोच सकते हैं, जिनका उपयोग आप प्रतिदिन ‘शिक्षक बातचीत’ में कर सकते हों?

3 पाठ्यपुस्तक के एक पाठ को आत्मसात करना

भाषा को सीखना तब ज्यादा प्रभावी और यादगार होता है, जब छात्र उनके द्वारा सीखी गई भाषा का उपयोग वास्तविक-जीवन की परिस्थितियों में कर सकें। अगली केस–स्टडी में, शिक्षिका ने कक्षा की परिस्थितियों से परे जाकर अंग्रेजी का अनुभव लेने और अभ्यास करने में छात्रों की मदद की।

केस स्टडी 4: श्रीमती रजनी पाठ्यपुस्तक के पाठ को जीवन में उतारती हैं

श्रीमती रजनी बेंगलुरू के एक वंचित इलाके में क्षेत्रीय माध्यमिक विद्यालय में कक्षा छः को अंग्रेज़ी पढ़ाती हैं।

अंग्रेज़ी पाठ्यपुस्तक में परिवहन के बारे में पाठ था। इसकी शुरुआत करते हुए मैंने छात्रों से उन वाहनों की सूची बनाने को कहा, जिनके नाम उन्हें अंग्रेज़ी में मालूम थे। यह काम करने में उन्हें कोई समस्या नहीं हुई। बोर्ड अलग अलग तरह के वाहनों के नामों से भर गया था, जिसमें कारों और मोटरसाइकिलों के ब्रांड नाम भी शामिल थे।

जल्दी ही मुझे पता चला कि सिर्फ दो छात्र ऐसे हैं, जिन्होंने कभी रेलगाड़ी में यात्रा नहीं की थी, और उनमें से किसी ने भी हाल ही में शुरू हुई मेट्रो में यात्रा नहीं की थी। मुझे लगा कि यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है क्योंकि मेट्रो की पटरी विद्यालय की इमारत के ठीक सामने से जाती है और छात्र उसे हर दिन देखते हैं।

मैंने प्रधानाध्यापिका को प्रस्ताव दिया कि विद्यालय के छात्रों को एक बार मेट्रो की सवारी करवानी चाहिए। प्रधानाध्यापिका ने विकासखंड शिक्षा अधिकारी से इस यात्रा के लिए अनुमति और टिकट के लिए धन प्राप्त किया।

यात्रा से पहले वाले सप्ताह में, मैंने भाषा गतिविधियों की एक श्रृंखला के द्वारा छात्रों को तैयार किया:

  • हिन्द़ी में और अंग्रेज़ी में द्विभाषी पर्चे पढ़कर, मेट्रो में यात्रा करते समय ‘dos and don’ts’ सुनकर
  • उन्हें हिन्द़ी और अंग्रेज़ी में काउंटर पर टिकट माँगना सिखाकर
  • उनसे अंग्रेज़ी में इस बात का अभ्यास करवाकर कि वे अपने सहयात्रियों से क्या कहेंगे, जैसे ‘Good afternoon’ और ‘This is my class’।

एक अन्य शिक्षक के साथ मैं अत्यंत उत्साहित 32 छात्रों को मेट्रो की उनकी पहली यात्रा के लिए ले गई। आमतौर पर बहुत शैतानी करने वाले छात्र उस दिन सर्वश्रेष्ठ व्यवहार कर रहे थे। मैंने उन्हें अंग्रेज़ी पाठों में जो सिखाया था, उन्होंने उसका उपयोग करने की बहुत कोशिश की:

  • टिकट काउंटर पर टिकट माँगने, और कीमत पूछने की
  • ड्यूटी पर मौजूद टिकट विक्रेता और गार्ड को ‘thank you’ कहने की
  • प्लैटफॉर्म पर लगे बोर्ड पढ़ने की
  • स्टेशन पर हिन्द़ी और अंग्रेज़ी में होने वाली उदघोषणाओं को सुनने की
  • अन्य यात्रियों से बात करते समय ‘Hello’ और ‘How are you कहने की?’

यात्रा एक घंटे से भी कम समय की थी, लेकिन यह एक यादगार अनुभव था।

मुझे लगा कि इस यात्रा की तैयारी में जितनी मेहनत हमने की थी वह सफल रही और छात्रों ने मेरी उम्मीद से भी ज्यादा अंग्रेज़ी सीख ली। परिवहन के बारे में पाठ्यपुस्तक का पाठ अधिक प्रासंगिक बन गया।

इस यात्रा ने मेरा अंग्रेज़ी पढ़ाने का तरीका भी बदल दिया। अंग्रेज़ी पाठ्यपुस्तक से कोई भी पाठ पढ़ाने से पहले, मैं अब छात्रों को उस विषय की तैयारी करने के लिए कोई व्यक्तिगत अनुभव देती हूँ, जिसके द्वारा वे अंग्रेज़ी पढ़ने, बोलने और सुनने का अभ्यास कर सकें।

विचार के लिए रुकें

  • इस यात्रा में, छात्रों ने अलग अलग उद्देश्यों के लिए अंग्रेज़ी सीखी। क्या आप उनमें से कुछ उद्देश्यों के नाम बता सकते हैं?
  • यदि आप अपनी कक्षा को मेट्रो पर नहीं ले जा सकते, तो आप अपनी कक्षा में ही इसी तरह की भाषा गतिविधियाँ किस प्रकार तैयार कर सकते हैं?

विशिष्ट उद्देश्यों के लिए भाषा का अभ्यास करने के लिए रोल–प्ले और नाटक प्रभावी तरीके हैं। मेट्रो के उदाहरण में, छात्र टिकट विक्रेताओं, कंडक्टरों, यात्रियों और दुकानदारों की भूमिकाएँ निभा सकते हैं। मेट्रो के पोस्टर, उदघोषणाएँ, पर्चे और टिकट अंग्रेज़ी में बनाए जा सकते हैं। एक दिन के लिए कक्षा को मेट्रो का स्टेशन बनाया जा सकता है और छात्र पाठ के बीच काल्पनिक यात्राएँ कर सकते हैं और इन यात्राओं के दौरान अंग्रेज़ी का अभ्यास कर सकते हैं!

वीडियो: चिंतन को बढ़ावा देने के लिए प्रश्न पूछने का उपयोग करना

गतिविधि 3: पाठ्यपुस्तक के एक पाठ को जीवन में उतारना – गतिविधि का नियोजन

आप अंग्रेज़ी पाठ्यपुस्तक की प्रत्येक इकाई में अपने छात्रों के लिए वास्तविक-जीवन के संबंध ढूँढ सकते हैं। उदाहरण के लिए, कक्षा चार में भाषा की पाठ्यपुस्तक की एक इकाई ‘Going to Buy a Book’ के बारे में है। यह विषय तुरंत ही बहुत सारे प्रश्नों और संभावित गतिविधियों का संकेत देता है:

  • आप में से कौन किताबों की एक दुकान में या लाइब्रेरी में गया है? वहाँ आपने क्या देखा?
  • क्या आपको किताबों के अलावा अंग्रेज़ी में कोई अन्य पठन सामग्रियाँ मिलेंगी?
  • किसी किताबों की दुकान में या लाइब्रेरी में हमें कौन-से अंग्रेज़ी शब्द सुनने को मिलते हैं?
  • हम अंग्रेज़ी के कौन-से संकेत या लेबल पढ़ सकते हैं?
  • हम इन स्थानों में लोगों से किस प्रकार विनम्रता से बात करेंगे?
  • हम क्या प्रश्न पूछेंगे?
  • हमें क्या जानकारी प्राप्त होगी?
  • क्या हम अपनी कक्षा में एक लाइब्रेरी या किताबों की दुकान बना सकते हैं?
  • क्या हम किसी स्थानीय किताब दुकान या लाइब्रेरी से किसी को अपनी कक्षा से बात करने के लिए आमंत्रित कर सकते हैं?

अब अपनी भाषा की पाठ्यपुस्तक के अगले पाठ पर जाएँ।

एक सहकर्मी के साथ मिलकर (यदि संभव हो तो), प्रश्नों और संभावित गतिविधियों के बारे में सोचें – भले ही आप वे गतिविधियाँ तुरंत न कर सकते हों।

अपने विचारों की सूची बनाएँ। क्या आप साथ मिलकर इनमें से किसी विचार को आजमा सकते हैं? इसे सफल बनाने के लिए आपको क्या चाहिए होगा?

4 सारांश

आपकी पाठ्यपुस्तक भाषा गतिविधियों के लिए एक ‘मैजिक बॉक्स’ बन सकती है। पाठ्यपुस्तक एक उपयोगी मार्गदर्शिका और विचारों का स्त्रोत है, लेकिन एक शिक्षक के नाते, आपको इस पर काम करना होगा। पाठ्यपुस्तक का उपयोग एक संसाधन के रूप में और भाषा सीखने के साधन के रूप में करें, न कि इसे अपने आप में ही अंतिम लक्ष्य मानें। इस तरह आप अपने छात्रों की विशिष्ट आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए पाठ्यपुस्तक को अनुकूलित कर सकते हैं। बेशक, आप अपनी पसंद की किसी भी कहानी या कविता पर, छात्रों द्वारा चुनी गई किसी कहानी या कविता पर, अथवा किसी स्थानीय जगह या स्थानीय ईवेंट पर आधारित कई तरह की गतिविधियाँ भी बना सकते हैं।

केवल कभी-कभार अंग्रेज़ी बोलने के बजाय बार-बार रिहर्सल और अभ्यास करने से आपको और आपके छात्रों को अपनी आवाज़ों को सुनने की आदत हो जाएगी। अंग्रेज़ी का रिहर्सल और अभ्यास करना आपको थोड़ा बचकाना लग सकता है, लेकिन ऐसा सोचने से पूर्वाभ्यास न करने का एक विषम चक्र तैयार हो सकता है क्योंकि आप इसे बचकाना समझकर छोड़ देते हैं और कभी सुधार नहीं कर पाते। हम उम्मीद करते हैं कि इस इकाई में सुझाई गई कुछ रचनात्मक गतिविधियों से आपको इस चक्र को तोड़ने में मदद मिलेगी।

इस विषय पर अन्य आरंभिक अंग्रेजी अध्यापक विकास इकाइयाँ हैं:

  • कक्षा की दिनचर्याएँ
  • गीत, कविताएँ और शब्द खेल
  • रचनात्मक कलाओं के माध्यम से अंग्रेजी सिखाना
  • अंग्रेज़ी भाषा और ‘विषय सामग्री’ एकीकरण
  • अंग्रेज़ी के लिए सामुदायिक संसाधन।

संसाधन

संसाधन 1: चिंतन को बढ़ावा देने के लिए प्रश्न पूछने का उपयोग करना

शिक्षक हमेशा अपने छात्रों से सवाल पूछते रहते हैं; सवालों के द्वारा शिक्षक सीखने और सीखते रहने में अपने छात्रों की मदद कर सकते हैं। एक अध्ययन के अनुसार औसतन, एक शिक्षक अपने समय का एक-तिहाई हिस्सा छात्रों से सवाल पूछने में खर्च करता है (हेस्टिंग्स, 2003)। पूछे गए प्रश्नों में से, 60 प्रतिशत में तथ्यों को दोहराया गया था और 20 प्रतिशत प्रक्रियात्मक थे (हैती, 2012), जिनमें से ज्यादातर के उत्तर सही या गलत में थे। लेकिन क्या सिर्फ सही या गलत में उत्तर वाले सवाल पूछने से सीखने को प्रोत्साहन मिलता है?

छात्रों से कई अलग अलग तरह के सवाल पूछे जा सकते हैं। शिक्षक जिस तरह के उत्तर और परिणाम पाना चाहते हैं, उसी पर आधारित प्रश्न छात्रों से पूछने चाहिए। शिक्षक आमतौर पर छात्रों से सवाल पूछते हैं, ताकि वे:

  • जब कोई नया विषय या सामग्री प्रस्तुत की जाती है, तो वे छात्रों को इसे समझने के लिए मार्गदर्शन कर सकें
  • बेहतर ढंग से सोचने के लिए छात्रों को प्रोत्साहित कर सकें
  • कोई त्रुटि दूर कर सकें
  • छात्रों को प्रोत्साहित कर सकें
  • समझ को जाँच सकें।

प्रश्नों का उपयोग आमतौर पर यह देखने के लिए किया जाता है कि छात्र क्या जानते हैं, इसलिए यह उनकी प्रगति का आंकलन करने के लिए महत्वपूर्ण है। प्रश्नों का उपयोग प्रेरणा देने, छात्रों के सोचने के कौशल को बढ़ाने और जिज्ञासु मन विकसित करने में भी किया जा सकता है। प्रश्नों को मोटे तौर पर दो श्रेणियों में बाँटा जा सकता है:

  • निचले स्तर के प्रश्न, जिनमें तथ्यों का स्मरण और पहले सिखाया गया ज्ञान शामिल होता है, प्रायः बंद सिरे के प्रश्नों (हां या नहीं में उत्तर वाले) से संबद्ध होते हैं।
  • उच्च स्तर के प्रश्न, जिनके लिए ज्यादा सोचने की ज़रुरत होती है। इसके लिए छात्रों को पहले किसी उत्तर से सीखी गई जानकारी को एक साथ रखने या तार्किक रूप से किसी दलील का समर्थन करने की ज़रुरत पड़ सकती है। उच्च स्तर के प्रश्न प्रायः ज्यादा खुले सिरों वाले होते हैं।

खुले सिरे वाले सवाल छात्रों को पाठ्यपुस्तक पर आधारित, यथाशब्द जवाबों से परे सोचने को प्रोत्साहित करते हैं, इसलिए उत्तरों में विविधता पायी जाती है।

इनसे शिक्षकों को भी सामग्री के बारे में छात्र की समझ का आंकलन करने में मदद मिलती है।

छात्रों को उत्तर देने के लिए प्रोत्साहित करना

कई शिक्षक एक सेकंड से भी कम समय में अपने प्रश्न का उत्तर चाहते हैं और इसलिए अक्सर वे खुद ही प्रश्न का उत्तर दे देते हैं या प्रश्न को दूसरी तरह से दोहराते हैं (हेस्टिंग्स, 2003)। छात्रों को केवल प्रतिक्रिया देने का समय मिलता है उनके पास सोचने का समय ही नहीं होता! अगर आप उत्तर चाहने से पहले कुछ सेकंड इंतजार करते हैं तो छात्र को सोचने के लिए समय मिल जाएगा। इसका छात्रों की उपलब्धि पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। प्रश्न को प्रस्तुत करने के बाद इंतजार करने से निम्नांकित में वृद्धि होती है:

  • छात्रों के उत्तरों की लंबाई
  • उत्तर देने वाले विद्यार्थियों की संख्या
  • छात्रों के प्रश्नों की बारंबारता
  • कम सक्षम छात्रों के पास से उत्तरों की संख्या
  • छात्रों के बीच सकारात्मक संवाद।

आपकी प्रतिक्रिया महत्वपूर्ण है

आप दिए गए सभी उत्तरों को जितने सकारात्मक ढंग से स्वीकार करते हैं, छात्र भी उतना ही ज्यादा सोचना और कोशिश करना जारी रखेंगे। यह सुनिश्चित करने के कई तरीके हैं कि गलत उत्तरों और गलत धारणाओं को सुधार दिया जाए, और यदि एक छात्र के मन में कोई गलत विचार है, तो आप निश्चित रूप से यह मान सकते हैं कि कई अन्य छात्रों के मन में भी वही गलत धारणा होगी। आप निम्नलिखित का प्रयास कर सकते हैं:

  • उत्तरों के उन हिस्सों को चुन सकते हैं, जो सही हैं और मित्रवत ढंग से छात्र से अपने उत्तर के बारे में थोड़ा और सोचने के लिए कह सकते हैं। यह ज्यादा सक्रिय भागीदारी को प्रोत्साहित करता है और आपके छात्रों को स्वयं अपनी गलतियों से सीखने में मदद करता है। निम्नलिखित टिप्पणी यह दर्शाती है कि आप ज्यादा मददगार ढंग से किस प्रकार से गलत उत्तर पर प्रतिक्रिया दे सकते हैं: ‘आप वाष्पीकरण से बनते बादलों के बारे में सही थे लेकिन मुझे लगता है कि हमें बारिश के बारे में आपने जो कहा है उसके बारे में थोड़ा और पता लगाने की जरूरत है। क्या आपमें से कोई और इस बारे में कुछ बता सकता है?’
  • छात्रों से मिलने वाले सभी उत्तर ब्लैकबोर्ड पर लिखें, और छात्रों से पूछें कि वे इनके बारे में क्या सोचते हैं। उनके अनुसार कौन-से उत्तर सही हैं? कोई अन्य उत्तर देने का कारण क्या रहा होगा? इससे आपको यह समझने का एक मौक़ा मिलता है कि आपके छात्र किस तरीके से सोच रहे हैं और आपके छात्रों को भी मित्रवत तरीके से अपनी गलत धारणाओं को सुधारने का अवसर मिलता है।

सभी उत्तरों को ध्यान से सुनकर और आगे समझाने के लिए छात्रों को प्रेरित करके उन्हें महत्व दें। उत्तर चाहे सही हो या गलत, लेकिन यदि आप छात्रों से अपने उत्तरों को विस्तार में समझाने को कहते हैं, तो अक्सर छात्र अपनी गलतियाँ खुद ही सुधार लेंगे, आप एक विचारशील कक्षा का विकास करेंगे और आपको वास्तव में पता चलेगा कि आपके छात्र कितना सीख गए हैं और अब किस तरह आगे बढ़ना चाहिए। यदि गलत उत्तर देने पर अपमान या सज़ा मिलती है, तो दोबारा शर्मिंदगी या डांट के डर से आपके छात्र कोशिश करना ही छोड़ देंगे।

उत्तरों की गुणवत्ता को बेहतर बनाना

यह महत्वपूर्ण है कि आप प्रश्नों का एक ऐसा क्रम अपनाने की कोशिश करें, जो सही उत्तर पर ख़त्म न होता हो। एक मात्र उत्तर वाले प्रश्नों के बदले फॉलो-अप प्रश्न पूछने चाहिए, जो छात्रों का ज्ञान बढ़ाते हैं और उन्हें शिक्षक के साथ संलग्न होने का मौका देते है। यह आप इसके लिए पूछकर कर सकते हैं:

  • एक कैसे या एक क्यों
  • उत्तर देने का एक और तरीका
  • एक बेहतर शब्द
  • किसी उत्तर को सही साबित करने के लिए प्रमाण
  • संबंधित कौशल का एकीकरण
  • उसी कौशल या तर्क का किसी नई स्थिति में अनुप्रयोग।

छात्रों की ज्यादा गहराई में जाकर सोचने में मदद करना और उनके उत्तरों की गुणवत्ता को बेहतर बनाना आपकी भूमिका का बहुत ही महत्वपूर्ण हिस्सा है। निम्नलिखित कौशल अधिक उपलब्धि हासिल करने में छात्रों की मदद करते हैं:

  • प्रोत्साहन के लिए छात्रों को उचित संकेत देने की ज़रुरत पड़ती है ऐसे संकेत जिनसे छात्रों को उनके प्रश्नों को विकसित करने और सुधार में मदद मिलती हो। उत्तर में क्या सही है उसे आप पहले बता सकते हैं और तब आगे की जानकारी, प्रश्न और संकेत दे सकते हैं। (‘तो अगर आप कागज के अपने हवाई जहाज के अंतिम सिरे पर वजन रखते हैं तो क्या होगा?’ )
  • जांच-पड़ताल अधिक जानकारी पाने की कोशिश करने, एक अव्यवस्थित उत्तर को या आंशिक रूप से सही उत्तर को सुधारने की कोशिश में छात्र जो कहना चाहते हैं, उसे स्पष्ट करने में उनकी मदद करने से संबंधित है। (‘तो इस सबका जो अर्थ है उसके बारे में आप मुझे और क्या बता सकते हैं?’)
  • फिर से ध्यान केंद्रित करना सही उत्तरों के आधार पर छात्रों के ज्ञान को उस ज्ञान से जोड़ने से संबंधित होता है, जो उन्होंने पहले सीखा है। यह उनकी समझ को विकसित करता है। (‘आपकी बात सही है, लेकिन पिछले सप्ताह हम अपने स्थानीय पर्यावरण विषय के बारे में जो पढ़ रहे थे, यह उससे किस प्रकार संबंधित है?)
  • प्रश्नों को अनक्रुमित करने का अर्थ है ऐसे क्रम में प्रश्न पूछना, जिन्हें सोच का विस्तार करने हेतु बनाया गया है। प्रश्नों के द्वारा छात्रों को सारांश बनाने, तुलना करने, समझाने और विश्लेषण करने की प्रेरणा मिलनी चाहिए। ऐसे प्रश्न तैयार करें, जिनसे छात्रों को सोचने की प्रेरणा मिले, लेकिन उन्हें इतनी ज्यादा भी चुनौती न दें कि प्रश्न का अर्थ ही खो जाए। (‘स्पष्ट करें कि आप अपनी पहले की समस्या से किस प्रकार उबरे। उससे क्या फर्क पड़ा? आपको क्या लगता है आगे आपको किस चीज का सामना करने की जरूरत पड़ेगी?’)
  • सुनने से आप न केवल अपेक्षित उत्तर पर गौर करने में समर्थ होते हैं, बल्कि इससे आप असाधारण या नवाचारी उत्तरों के प्रति सतर्क भी होते हैं, जिसकी हो सकता है कि आपको अपेक्षा न रही हो। इससे यह भी दिखाई देता है कि आप छात्रों के विचारों को महत्व देते हैं और इसलिए इस बात की ज्यादा संभावना होती है कि वे सुविचारित उत्तर देंगे। इस तरह के उत्तर भ्रांतियों को चिह्नांकित कर सकते हैं, जिन्हें ठीक करने की जरूरत होती है अथवा वे एक ऐसी नयी पहुंच दिखा सकते हैं, जिस पर आपने विचार नहीं किया हो। (‘मैंने इसके बारे में सोचा नहीं था। आप इस तरह से क्यों सोचते हैं इसके बारे में मुझे और जानकारी दें।’)

एक शिक्षक के रूप में, आपको ऐसे प्रश्न पूछने चाहिए जो प्रेरित करने वाले और चुनौतीपूर्ण हों, ताकि आप अपने छात्रों से रोचक और उनके स्वनिर्मित उत्तर पा सकें। आपको उन्हें सोचने का समय देना चाहिए और आप सचमुच यह देखकर चकित रह जाएंगे कि आपके छात्र कितना कुछ जानते हैं और आप सीखने में व उनकी प्रगति में कितनी अच्छी तरह मदद कर सकते हैं।

याद रखें कि प्रश्न यह जानने के लिए नहीं पूछे जाते कि शिक्षक क्या जानते हैं, बल्कि वे यह जानने के लिए पूछे जाते हैं कि छात्र क्या जानते हैं। यह याद रखना महत्वपूर्ण है कि आपको कभी भी अपने खुद के प्रश्नों का जवाब नहीं देना चाहिए! आखिरकार यदि छात्रों को यह पता ही हो कि वे आगे कुछ सेकंड तक चुप रहते हैं, तो आप खुद ही उत्तर दे देंगे, तो फिर उन्हें उत्तर देने का प्रोत्साहन कैसे मिलेगा?

अतिरिक्त संसाधन

References

Amritavalli, R. (2007) English in Deprived Circumstances: Maximising Learner Autonomy. Department of Linguistics, The English and Foreign Languages University, University Publishing Online: Foundation Books.
Cummins, J. (undated) ‘BICS and CALP’ (online), Jim Cummins’ Second Language Learning and Literacy Development Web. Available from: http://iteachilearn.org/ cummins/ bicscalp.html (accessed 2 July 2014).
Cummins, J. (2000) Language, Power, and Pedagogy: Bilingual Children in the Crossfire. Bristol: Multilingual Matters.
Gibbons, P. (2002) Scaffolding Language, Scaffolding Learning: Teaching Second Language Learners in the Mainstream Classroom. Portsmouth: Heinemann.
Hastings, S. (2003) ‘Questioning’, TES Newspaper, 4 July. Available from: http://www.tes.co.uk/ article.aspx?storycode=381755 (accessed 22 September 2014).
Hattie, J. (2012) Visible Learning for Teachers: Maximising the Impact on Learning. Abingdon: Routledge.
Krashen, S. (1981) Second Language Acquisition and Second Language Learning. Oxford: Pergamon Press.
Krashen, S. (1982) Principles and Practice in Second Language Acquisition. Oxford: Pergamon Press.
Mohan, B. (1986) Language and Content. Reading, MA: Addison-Wesley.
Mohan, B., Leung, C. and Davison, C. (eds) (2001) English as a Second Language in the Mainstream: Teaching, Learning and Identity. New York, NY: Longman.
Wells, G. (2003) ‘Children talk their way into literacy’, published as ‘Los niños se alfabetizan hablando’ in García, J.R. (ed.) Enseñar a escribir sin prisas … pero con sentido. Sevilla, Spain: Publicaciones MCEP. Available from: http://people.ucsc.edu/ ~gwells/ Files/ Papers_Folder/ Talk-Literacy.pdf (accessed 8 July 2014).
Wells, G. (2009) The Meaning Makers: Learning to Talk and Talking to Learn, 2nd edn.Bristol: Multilingual Matters.

Acknowledgements

अभिस्वीकृतियाँ

तृतीय पक्षों की सामग्रियों और अन्यथा कथित को छोड़कर, यह सामग्री क्रिएटिव कॉमन्स एट्रिब्यूशन-शेयरएलाइक लाइसेंस (http://creativecommons.org/ licenses/ by-sa/ 3.0/ ) के अंतर्गत उपलब्ध कराई गई है। नीचे दी गई सामग्री मालिकाना हक की है तथा इस परियोजना के लिए लाइसेंस के अंतर्गत ही उपयोग की गई है, तथा इसका Creative Commons लाइसेंस से कोई वास्ता नहीं है। इसका अर्थ यह है कि इस सामग्री का उपयोग अननुकूलित रूप से केवल TESS-India परियोजना के भीतर किया जा सकता है और किसी भी बाद के OER संस्करणों में नहीं। इसमें TESS-India, OU और UKAID लोगो का उपयोग भी शामिल है।

कॉपीराइट के स्वामियों से संपर्क करने का हर प्रयास किया गया है। यदि किसी को अनजाने में अनदेखा कर दिया गया है, तो पहला अवसर मिलते ही प्रकाशकों को आवश्यक व्यवस्थाएं करने में हर्ष होगा।

वीडियो (वीडियो स्टिल्स सहित): भारत भर के उन अध्यापक शिक्षकों, मुख्याध्यापकों, अध्यापकों और छात्रों के प्रति आभार प्रकट किया जाता है जिन्होंने उत्पादनों में दि ओपन यूनिवर्सिटी के साथ काम किया है।