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लेखन - विकास एवं उसका अनुश्रवण

यह इकाई किस बारे में है

यह इकाई उन कार्यनीतियों से संबंधित है, जिनका उपयोग आप अपनी कक्षा में अंग्रेज़ी लेखन को प्रोत्साहित करने के लिए कर सकते हैं। यह मुख्य रूप से संघटन (composition) और ड्राफ्टिंग में आपके छात्रों की सहायता करने पर केंद्रित है। बेशक, वर्तनी, हस्तलेख और विराम-चिह्न भी महत्वपूर्ण हैं। लेकिन जब छात्र इस बारे में अपने विचारों को एकत्रित कर एक स्वरूप देने की कोशिश कर रहे हों कि उन्हें किस बारे में लिखना चाहिए, तो वे उसी समय यांत्रिक कौशल (mechanical skills) भी सीख रहे होंगे।

लेखन का उद्देश्य होता है कि इसे पढ़ा जाए, इसलिए लेखन पर ध्यान केंद्रित करने में पठन पर ध्यान केंद्रित करना हमेशा ही शामिल रहेगा। जब आप और आपके बच्चे लेखन के बारे में बात करते हैं, तो आप उनके मौखिक भाषा कौशल भी विकसित करते हैं।

आप इस इकाई में क्या सीख सकते हैं

  • अपने छात्रों के उपयोग के लिए रचना (composition) और लिप्यंतरण (transcription) कार्यों की पहचान करना।
  • अपने छात्रों के लिए मसौदा-लेखन (drafting) गतिविधियों की योजना तैयार करना।

  • अपने छात्रों की अंग्रेज़ी वर्तनी के प्रयासों का मूल्यांकन करना।

1 संघटन और लिप्यंतरण (composition and transcription)

अपने लिए एक गतिविधि में लेखन की दोनों मुख्य प्रक्रियाओं संघटन और लिप्यंतरण के बारे में विचार के साथ शुरुआत करे

किसी भी भाषा में, लेखन का अर्थ है मन के विचारों को कागज़ पर अंकित करना है। लेखन के दो पहलू होते हैं:

  • संघटन: एक लेखन भूमिका जिसमें विचार करना, लिखित पाठ्यवस्तु के स्वरूप को तय करना (कविता, कहानी, रिपोर्ट, रेसिपी, निर्देशों का समूह आदि), इस लेखन को कौन और क्यों पढ़ेगा, इस बारे में सोचना शामिल होता है। मसौदा या ड्राफ्ट तैयार करना संघटन का एक महत्वपूर्ण भाग होता है। कुछ भी लिखने का पहला प्रयास शायद ही कभी शुद्ध व सटीक होता है।
  • लिप्यंतरण: एक सचिवीय भूमिका जिसमें इस बात पर ध्यान देना शामिल होता है कि लेखन किस प्रकार प्रस्तुत किया जाए, ताकि दूसरे लोग इसे पढ़ सकें और समझ सकें। इसमें हस्तलेखन, स्पेलिंग, विराम चिह्न और सामान्य लेआउट जैसे पहलू शामिल होते हैं। लिप्यंतरण में, लेखक एक अंतिम ड्राफ्ट से एक पूर्ण आलेख तक कार्य कर सकता है।

जब बच्चे अंग्रेज़ी या किसी भी भाषा में लिखना शुरू करते हैं, तो उन्हें एक ही समय पर संघटन और लिप्यंतरण दोनों को नियंत्रित करने, और इनमें से प्रत्येक में समान उत्कृष्टता के साथ प्रदर्शन करने में कठिनाई हो सकती है। जब बच्चे लेखन अंश के लिए विचार करने पर केंद्रित हों, तो हो सकता है कि वे संबंधित शब्दों की सही स्पेलिंग न बता पाएँ; जब उनका ध्यान शब्दों की सही स्पेलिंग पर केंद्रित होता है, तो कहानी या कविता के लिए उनके विचार कम रचनात्मक हो सकते हैं।

विचार के लिए रुकें

  • जब आप अपने बच्चों को अंग्रेज़ी सिखाते हैं, तो मुख्य रूप से ध्यान किस पर केंद्रित होता है संघटन या लिप्यंतरण?
  • क्या आपने देखा है कि छात्रों को संघटन और लिप्यंतरण दोनों को नियंत्रित करने में कठिनाई होती है? इससे उबरने में उनकी मदद करने के लिए आप किन अध्यापन तकनीकों का उपयोग करते हैं?
  • आप अपने छात्रों को लिखित रूप में अपने विचारों का ड्राफ्ट (मसौदा) देने के कौन-से अवसर देते हैं?

केस स्टडी 1 में, एक शिक्षक संघटन और ड्राफ्टिंग पर ध्यान केंद्रित करते हैं।

केस स्टडी 1: श्री सत्यम ड्राफ्टिंग को प्रोत्साहित करते हैं

श्री सत्यम बेंगलुरू के बाहर एक गाँव के स्कूल में कक्षा छः के छात्रों को अंग्रेज़ी सिखाते हैं।.

मैंने बोर्ड पर एक व्यक्ति का आरेख बनाया। विद्यार्थियों को सोचने के लिए प्रेरित करने हेतु मैंने उनसे कुछ प्रश्न पूछे, जैसे ‘यह कौन है?’ और ‘यह कहाँ रहता है?’ मैंने बच्चों को इस बात के लिए प्रोत्साहित किया कि वे उस व्यक्ति की रूपरेखा के बारे में मुझसे और प्रश्न पूछें। उन्होंने अपने विचार प्रस्तुत किए, जैसे ‘वह क्या काम करता है?’ और ‘उसे क्या पसंद है?’

उन्होंने तय किया कि यह आकृति स्कूल के रसोइये, रमेश की है। मैंने बच्चों से कहा कि वे तय करें कि प्रश्नों का उत्तर कैसे देना है। मैंने चित्र के बारे में उनके कुछ सुझाव बोर्ड पर लिखे।

फिर मैंने उनसे कहा कि वे अपने स्वयं के वाक्य अपनी कॉपियों में लिखें [चित्र 1]। इन मसौदों (ड्राफ्ट) से, छात्रों ने रमेश के व्यक्तित्व का वर्णन किया।

चित्र 1 रमेश के बारे में श्री सत्यम के छात्रों के लेखन का एक नमूना।

विचार के लिए रुकें

  • बच्चों ने रमेश के बारे में जो वाक्य लिखे थे, उन्हें ध्यान से देखें। हालांकि कक्षा ने साथ मिलकर उत्तरों पर चर्चा की थी, लेकिन प्रत्येक छात्र ने रमेश के बारे कुछ अलग तरीके से लिखा। इससे अंग्रेज़ी में लिखने की उनकी क्षमता के बारे में क्या पता चलता है?
  • आपको क्यों लगता है कि श्री सत्यम ने उनके ड्राफ्ट लेखन में केवल छोटे-मोटे सुधार ही किए थे?
  • श्री सत्यम ने इस गतिविधि में संघटन और लिप्यंतरण दोनों की मांग के बीच किस प्रकार संतुलन बनाया है?

श्री सत्यम ने स्वतंत्रता दिवस समारोह के बारे में लिखने के लिए छात्रों को विचारों (ideas) का मसौदा तैयार करने को कहा। इसमें मदद के लिए उन्होंने इसी प्रकार की विधि का उपयोग किया। उन्होंने उन्हें एक आरेख दिया और उनसे प्रत्येक बॉक्स के प्रश्न के लिए एक वाक्य लिखने को कहा।

चित्र 2 स्वतत्रंता दिवस के बारे में श्री सत्यम के प्रश्न।

क्या आपको लगता है कि इसी तरह के आरेख का उपयोग कर सकते हैं, आप छात्रों से अन्य विषयों पर लिखने की शुरुआत करवा सकते हैं।

गतिविधि 1: ड्राफिटंग −एक योजना गतिविधि को प्रोत्साहित करना

केस स्टडी 1 से श्री सत्यम के उदाहरण से मार्गदर्शन लेकर, अपने छात्रों के लिए एक ड्राफ्टिंग गतिविधि की योजना बनाएँ।

इसका विषय आपकी पाठ्यपुस्तक से लिया जा सकता है, विज्ञान या इतिहास जैसे विषय का कोई प्रकरण हो सकता है, या वास्तविक-जीवन की किसी स्थिति के बारे में हो सकता है। अंग्रेज़ी में वाक्यों का मसौदा तैयार करने में छात्रों की मदद करने के लिए आप निर्देश मौखिक रूप से दे सकते हैं या चित्र 2 के समान एक आरेख का उपयोग कर सकते हैं।

ड्राफ्टिंग में, ध्यान संघटन पर केंद्रित किया जाता है, लिप्यंतरण पर नहीं। अपने बच्चों को बताएँ कि उन्हें पहले क्रम और संरचना पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए बाद में वे स्पेलिंग और प्रस्तुतिकरण पर काम कर सकते हैं।

उनके ड्राफ्ट से, अगले पाठ की योजना बनाएँ, जहाँ छात्र अपने लेख में सुधार करके उसे पूरा करेंगे।

2 फीडबैक देना

छात्रों के लेखन पर फीडबैक देते समय एक बार में केवल एक या दो पहलुओं पर ही ध्यान केंद्रित करें। इससे यह सुनिश्चित हो जाएगा कि वे अत्यधिक सुधारों के कारण निराश नहीं होंगे या अत्यधिक फीडबैक के कारण परेशान नहीं होंगे। पहले ड्राफ्ट पर फीडबैक देते समय छात्रों के संघटन के प्रयासों की तारीफ़ करना महत्वपूर्ण है। क्या छात्र के पास कहानी के लिए कोई बढ़िया विचार था? क्या छात्र ने रोचक संवाद लिखे थे? क्या छात्र ने रिपोर्ट के मुख्य बिंदुओं को लिखना याद रखा था? क्या छात्र ने अंग्रेज़ी में लिखने का अच्छा प्रयास किया था?

लिप्यंतरण (transcription) पर फीडबैक देने के लिए, उनके ड्राफ्ट पर चिह्न बनाएं और हर एक चिन्ह क्या इंगित करता है इसके बारे में पूरी कक्षा के साथ चर्चा करें। चित्र 3 में उदाहरण दर्शाए गए हैं।

चित्र 3 फीडबैक के लिए चिह्न।

भले ही आपकी कक्षा बड़ी हो, लेकिन यह महत्वपूर्ण है कि आप हर एक छात्र को अलग-अलग फीडबैक दें। फीडबैक देने या टिप्पणी करने का कोई एक तरीका नहीं है। इस बात का ध्यान रखा जाना चाहिए कि फीडबैक से लेखन के प्रति एक सकारात्मक दृष्टिकोण बने। अगली केस स्टडी में एक शिक्षिका तय करती हैं कि किसी बच्चे के लेखन पर फीडबैक किस तरह दिया जाए।

छात्र की प्रगति का मूल्यांकन करने और इसे दर्ज करने की विधियों के बारे में अधिक जानकारी के लिए संसाधन 1, ‘निगरानी करना और फीडबैक देना’ देखें।

केस स्टडी 2: सुश्री आफरीन डिक्टेशन का आंकलन करती हैं

सुश्री आफरीन एक सरकारी स्कूल में पढ़ाती हैं, जहाँ सभी बच्चे ऐसे परिवारों से आते हैं जहां उनसे पहले कोई कभी स्कूल नहीं गया।

मैंने छात्रों को पाठ्यपुस्तक से डिक्टेशन दिया। जब छात्रों ने अपना काम मुझे सौंपा, तो मैंने इसकी समीक्षा की और देखा कि दस वर्ष की एक लड़की ने ‘pencil’, ‘rubber’ और ‘boxes’ शब्दों की स्पेलिंग इस प्रकार लिखी थी:

  • pensl
  • rubr
  • bokss.

मेरी पहली प्रतिक्रिया इन गलतियों को सुधारने की थी। लेकिन मैं देख सकती थी कि वह लड़की अंग्रेज़ी शब्दों की शुरूआती ध्वनियों को जानती थी। वह व्यंजन ध्वनियों को पहचानती थी और वह जानती थी कि कुछ शब्द बड़े अक्षरों (capital letters) से शुरू होते हैं। वह अभी तक व्यंजनों के बीच आने वाले अंग्रेज़ी स्वरों की ध्वनियों में अंतर नहीं कर पाती थी। मैं देख सकती थी कि वह अंग्रेज़ी के अपने मौखिक ज्ञान का उपयोग करके स्पेलिंग लिखने का अच्छा प्रयास कर रही थी, हालांकि लेखन में यह हमेशा सही नहीं था, जैसा कि ‘k’ का उपयोग ‘x’ के लिए और ‘s’ का ‘c’ के लिए करने से स्पष्ट है। मैं समझ गई कि अंग्रेज़ी वर्णों और ध्वनियों की उसकी मौजूदा समझ के आधार पर वह लेखन का अच्छा प्रयास कर रही थी।

मैंने उसके प्रयासों की तारीफ़ की। लेकिन साथ ही उसे कहा कि वह अपने लिखे को ध्यान से पढ़े और एक शब्दकोश का उपयोग करके अपनी स्पेलिंग की जाँच करे। मैंने उसे ज्यादा पढ़ने के लिए प्रोत्साहित किया क्योंकि वह अंग्रेज़ी में जितना ज्यादा पढ़ेगी, उसकी अंग्रेज़ी स्पेलिंग भी उतनी ही बेहतर बनेगी।

मैं लेखन की त्रुटियों को अनदेखा नहीं करती हूँ और मैं छात्रों को फीडबैक व सुधार बताती हूँ। लेकिन मैं यह देखने की कोशिश करती हूँ कि किस तरह उनकी गलतियों से मुझे उनकी विचार-प्रक्रिया और विकास के स्तर के बारे में संकेत मिल सकते हैं। उनकी गलतियों से मुझे पता चलता है कि मुझे आगे किस तरह की योजना बनानी चाहिए।

गतिविधि 2: त्रुटियाँ और आकलन

लेखन की त्रुटियों को मोटे तौर पर इस प्रकार वर्गीकृत किया जा सकता है:

  • ‘मूर्खतापूर्ण गलतियाँ’ या चूक जिन्हें छात्रों को दिखाए जाने पर वे खुद इनमें सुधार कर सकते हैं
  • ‘गलतफहमियां’ जिन्हें छात्र खुद नहीं सुधार सकते और शिक्षकों द्वारा इनके बारे में समझाया जाना आवश्यक होता है
  • ‘प्रयास’ जहाँ छात्र कुछ करने की कोशिश करते हैं, लेकिन गलतियाँ हो जाती हैं क्योंकि उनके पास आवश्यक भाषा-कौशल या ज्ञान नहीं है।

छात्रों द्वारा लिखे गये दो अंशों को देखें (चित्र 4 और 5)। उनमें ‘मूर्खतापूर्ण गलतियों’, ‘गलतफहमियों’ या ‘प्रयासों’ में से किसके प्रमाण दिख रहे हैं? आपने इस इकाई के प्रारंभ में ‘संघटन’ (लेखक) और ‘लिप्यंतरण’ (सचिव) की जिन अवधारणाओं के बारे में पढ़ा था, उनके आधार पर आप लेखन का मूल्यांकन किस प्रकार करेंगे? आप प्रत्येक छात्र को प्रोत्साहित करने वाला फीडबैक देने के लिए उनसे क्या कहेंगे? अपने स्कूल के अन्य शिक्षकों के साथ इन उदाहरणों के बारे में बात करें और मूल्यांकन व फीडबैक के लिए विचारों की तुलना करें।

चित्र 4 नौ वर्ष के एक लड़के को खुद के बारे में पाँच वाक्य लिखने को कहा गया है।
चित्र 5 एक 12-वर्षीय लड़की से कहा गया था कि उसने जो पुस्तक पढ़ी थी, उसके पहले अध्याय के बारे में एक पैराग्राफ लिखे।

जब छात्र अंग्रेज़ी में बोलते और लिखते हैं, तो कभी-कभी वे उन अंग्रेज़ी शब्दों को छोड़ देते हैं, जो उनकी घरेलू भाषा में नहीं हैं, उदाहरण के लिए ‘a’, ‘the’ या ‘an’ जैसे आर्टिकल। इस अवसर का उपयोग करते हुए अपने छात्रों से अन्य भाषाओं की तुलना में अंग्रेज़ी की भाषागत संरचना में अंतर के बारे में बात करें।

अक्सर बहुभाषी लोग बोलते और लिखते समय भाषाओं को आपस में मिला देते हैं − यह बात पूरी दुनिया में बहुत आम है। आप छात्रों को लोगों के इस स्वभाव के बारे में बताने के लिए ऐसे लोगों में से किसी को आमंत्रित कर सकते हैं

ये लोग आकर अपने घर की भाषा में किसी विषय के बारे में बोलेंगे, या अपने घर की भाषा में इसे लिखकर कक्षा को पढ़कर सुनाएँगे अथवा क्लास में प्रदर्शित करेंगे। आपको इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि आप इस पर कोई टिप्पणी न करें और न ही छात्रों को कोई टिप्पणी करने दें। यहाँ उद्देश्य केवल यह होना चाहिए कि छात्र खुद देख सकें कि भाषाओं का मिश्रण स्वाभाविक है और कभी-कभी अंग्रेज़ी का उपयोग करना ठीक वैसा ही है, जैसे अन्य किसी ऐसी भाषा का उपयोग करना, जो उन्हें पहले से आती हो। जिन गतिविधियों के द्वारा बच्चों की घर की भाषाएँ अंग्रेज़ी की कक्षा में आती हैं, उनसे अंग्रेज़ी बोलने में उनके संकोच को दूर करने में बहुत मदद मिलेगी और साथ ही देश के समृद्ध बहुभाषी स्वरूप को समर्थन मिलेगा।

वीडियो: निगरानी करना और फीडबैक देना

3 लेखन को प्रोत्साहित करने के लिए पढ़ना

छात्र जितना ज्यादा अंग्रेज़ी सुनते हैं और पढ़ते हैं, उतना ही उनका अंग्रेज़ी लेखन बेहतर होगा। जब आप छात्रों को अंग्रेज़ी में बोलना और पढ़ना सिखाते हैं, तो आप उन्हें अंग्रेज़ी में लिखना भी सिखा रहे होते हैं। एक बार जब छात्र पढ़ने लगते हैं, तो वे लिखना भी शुरू कर सकते हैं। जब वे लिखने लगते हैं, तो वे अपने और दूसरों के लेख को पढ़ना चाहेंगे। अंतिम केस स्टडी में, शिक्षक इसी प्रक्रिया की प्रेरणा देने के नए तरीकों को आज़मा कर देखते हैं।

केस स्टडी 3: श्री भट्ट लेखन को प्रोत्साहित करने के लिए पढ़ने से शुरुआत करते हैं

यह एक सरकारी स्कूल के शिक्षक श्री हेमराज भट्ट द्वारा लिखे गए लेख से लिया गया उद्धरण है।

हमारी नई पाठ्यपुस्तक एक नया तरीका प्रस्तुत करने जा रही थी। इसमें बच्चों को वर्णमाला के वर्णों से शुरुआत करके और फिर उन्हें लिख लिख कर ‘रटने’ को कहने के बजाय सीधे ही अंग्रेज़ी शब्दों और वाक्यों से उनका परिचय कराया जाने वाला था। लेखन को कोई विशेष महत्व नहीं दिया जाने वाला था। इसके बजाय छात्रों को अंग्रेज़ी सुनने, पढ़ने और बोलने के मौके दिए जाने वाले थे। इससे पहले पाठ्यपुस्तक में शुरुआती छह से आठ पन्ने अंग्रेज़ी वर्णमाला और इससे संबंधित चित्रों के लिए होते थे। नई पुस्तक में अंग्रेज़ी लेखन की शुरुआत वर्णमाला से करने की यह परंपरा तोड़ी जाने वाली थी। परम्पराओं में विश्वास करने वाला शिक्षक होने के कारण, मुझे इस बात की कल्पना भी कठिन लग रही थी कि वर्णों को लिखे बिना छात्र सीधे ही अंग्रेज़ी पढ़ पाने में कैसे सक्षम हो सकेंगे।

दिया गया प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद, मैंने प्रयोग करने का निश्चय किया। मैंने अपने छात्रों के बीच कुछ अंग्रेज़ी अखबार और बच्चों की पत्रिकाएँ वितरित कीं, ताकि हर कोई कम से कम तीन पन्ने देख सके। मैंने बोर्ड पर एक अंग्रेज़ी शब्द लिखा। उदारहण के लिए, एक छात्र का नाम जयपाल था। मैंने बोर्ड पर उसका नाम लिखा। अब, जयपाल को जो अख़बार दिया गया था, उसे उसमें अंग्रेज़ी वर्ण ‘J’, ‘A’, ‘I’, ‘P’ और ‘L’ ढूँढकर उन पर गोल घेरा बनाना था। इसी तरह सभी छात्रों को उन्हें दिए गए अख़बार में अपने नामों में दिखने वाले वर्ण ढूँढने थे और उन पर गोल घेरा बनाना था।

छात्रों को अपने नामों में आने वाले वर्ण ढूँढने में बहुत मज़ा आया। उन्हें खासतौर पर तब आश्चर्य हुआ, जब उन्हें अखबार में अंग्रेज़ी में अपना पूरा नाम दिखाई दिया और वे पूरे शब्द पर गोल घेरा बना पाए। इस अभ्यास का उद्देश्य छात्रों को शब्दों से वर्णों पर ले जाना था और ऐसा सफलतापूर्वक हो गया। मुझे यह देखकर अचंभा हुआ कि जो छात्र कुछ महीनों पहले तक अंग्रेज़ी वर्णों को पहचान भी नहीं पाते थे, वे किस तरह अखबारों और पत्रिकाओं में वर्णों और शब्दों के उदाहरणों को ढूँढ पाने में सक्षम थे। अख़बार के इस अभ्यास से मुझे अहसास हुआ कि अंग्रेज़ी पढ़ना छात्रों के लिए मज़ेदार बनाया जा सकता है। एक शिक्षक के रूप में जो मुझे सबसे महत्वपूर्ण दिखा वह यह था कि एक बार बच्चे अंग्रेज़ी पढ़ने लगे; तो वे अंग्रेज़ी लिखना शुरू करने के लिए भी उत्साहित थे।

(भट्ट, 2009 से लिया गया)

विचार के लिए रुकें

  • क्या आप श्री हेमराज भट्ट के इस निष्कर्ष से सहमत हैं कि सुनना, बोलना और पढ़ना अंग्रेज़ी लिखने से पहले किया जाना चाहिए? क्यों या क्यों नहीं?
  • भारत में, माध्यमिक स्कूल के छात्रों ने अपनी पूर्व प्राथमिक कक्षाओं से ही अंग्रेज़ी पढ़ी है लेकिन उनमें से अधिकांश छात्र सरल शब्दों को भी पढ़ पाने में असमर्थ हैं, फिर अंग्रेज़ी वाक्य लिखना तो दूर की बात है। आपके अनुसार श्री भट्ट की अखबार गतिविधि इस समस्या को सुलझाने में कहाँ तक सफल हो सकती है।
  • क्या आपको लगता है कि आप उपरोक्त अखबार गतिविधि अपने छात्रों के साथ आज़माकर देख सकते हैं? यदि आपके पास अंग्रेज़ी अख़बार उपलब्ध नहीं हैं, तो क्या आप कई तरह की अंग्रेज़ी पाठ्यपुस्तकों का उपयोग करके इस गतिविधि को आज़मा सकते हैं?

गतिविधि 3: लेखन को प्रोत्साहित करने के लिए पढ़ना − एक नियोजन गतिविधि

संसाधन 2 की गतिविधियों को पढ़ें। इनमें से प्रत्येक गतिविधि में पढ़ना और लिखना आपस में जुड़े हुए हैं।

  • कोई ऐसी एक गतिविधि चुनें, जिसे आप अपनी कक्षा के साथ आज़मा सकते हों।
  • आप इस गतिविधि में छात्रों द्वारा तैयार किए गए लेखन का मूल्यांकन किस प्रकार करेंगे?
  • आप संघटन पर कितना ध्यान देंगे और लिप्यंतरण पर कितना ध्यान देंगे?
  • क्या आपको लगता है कि पढ़ने और लिखने के बीच संबंध जोड़ना महत्वपूर्ण है?

4 सारांश

यह इकाई इस बात पर केंद्रित है कि किस प्रकार आप अंग्रेज़ी लेखन में प्रगति करने में अपने छात्रों की मदद कर सकते हैं और अंग्रेज़ी में लिखने के उनके प्रयासों का मूल्यांकन कर सकते हैं। यह आवश्यक नहीं है कि अंग्रेज़ी में लिखना शुरू करने के लिए छात्र अंग्रेज़ी व्याकरण के जानकार हों या या बिलकुल सही अंग्रेज़ी स्पेलिंग लिखना जानते हों। ड्राफ्टिंग और लेखन के अवसर बार-बार मिलने पर, छात्र अंग्रेज़ी स्पेलिंग और वाक्य संरचना का अभ्यास कर लेंगे।

इस विषय पर अन्य आरंभिक अंग्रेजी अध्यापक विकास इकाइयाँ हैं:

  • सीखने का वातावरण
  • चिन्ह बनाना और प्रारम्भिक लेखन

संसाधन

संसाधन 1: निगरानी करना और फीडबैक देना

छात्रों का प्रदर्शन सुधारने के लिए सतत अनुश्रवण करने और उन्हें उत्तर देने की ज़रुरत होती है, ताकि वे जान सकें कि उनसे क्या अपेक्षाएं हैं। साथ ही काम पूरा करने के बाद उन्हें फीडबैक भी दें। आपकी रचनात्मक प्रतिक्रिया से वे अपना प्रदर्शन सुधार सकते हैं।

निगरानी करना

प्रभावी शिक्षक अधिकतर अपने छात्रों की निगरानी करते हैं। आमतौर पर, ज्यादातर शिक्षक छात्रों की बातें सुनकर और कक्षा में वे क्या कर रहे हैं, इसका अवलोकन करके उनके कार्य की निगरानी करते हैं। छात्रों की प्रगति की निगरानी करना महत्वपूर्ण है क्योंकि इससे उन्हें इन कामों में मदद मिलती है:

  • ऊंचे ग्रेड हासिल करने में
  • अपने प्रदर्शन के बारे में अधिक सजग बनने और अपने सीखने के बारे में ज्यादा ज़िम्मेदार बनने में
  • अपने सीखने में सुधार करने में
  • प्रादेशिक और स्थानीय मानकीकृत (Standardised)परीक्षाओं में उपलब्धि का पूर्वानुमान लगाने में।

एक शिक्षक के रूप में आपको भी यह तय करने में मदद मिलेगी कि:

  • कब प्रश्न कब पूछना है या कब उत्साहवर्धन करना है।
  • कब प्रशंसा करनी है
  • कब चुनौती देनी है
  • किसी कार्य में छात्रों के अलग अलग समूहों को कैसे शामिल करना है
  • गलतियों के लिए क्या करना है।

जब छात्रों को उनकी प्रगति के बारे में एक स्पष्ट और त्वरित फीडबैक दिया जाता है तब उनमें सबसे ज्यादा सुधार होता है। निगरानी रखने से आप नियमित रूप से फीडबैक देने में सक्षम होंगे। इससे आपके बच्चों को यह पता चलेगा कि उनका प्रदर्शन कैसा है और अपने अधिगम को बढ़ाने के लिए उन्हें और क्या करना होगा।

आपको जिन चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा, उनमें से एक यह है कि छात्रों की सहायता किस प्रकार की जाए, जिससे वे स्वयं के सीखने के लक्ष्य निर्धारित कर सकें, इस आत्म–अनुश्रवण भी कहा जाता है। बच्चों को, खासतौर पर उन्हें जिन्हें पढ़ने में कठिनाई हो रही हो, अपने सीखने पर स्वयं नियंत्रण रखने की आदत नहीं होती है। लेकिन आप किसी भी छात्र की मदद कर सकते हैं, जिससे वे किसी प्रोजेक्ट के लिए अपने लक्ष्य या ध्येय खुद तय कर सकें, अपने कार्य की योजना बना सके, काम पूरा करने की अंतिम तिथि निर्धारित कर सकें तथा अपनी प्रगति का निरीक्षण खुद कर सकें। इस प्रक्रिया का अभ्यास करने और आत्म निरीक्षण के कौशल में महारत हासिल करने से उन्हें स्कूल के अलावा अपने पूरे जीवन में भी मदद मिलेगी।

विद्यार्थियों की बात सुनना और अवलोकन करना

अधिकांशतः बच्चों को सुनने और उनका अवलोकन करने का काम शिक्षक स्वाभाविक रूप से करते हैं। यह निगरानी करने का एक सरल साधन है। उदाहरण के लिए आप:

  • अपने छात्रों को सस्वर पढ़ते समय सुन सकते हैं
  • जोड़ियों में या समूहकार्य में चर्चाओं को सुन सकते हैं
  • कक्षा में या बाहर उपलब्ध संसाधनों का उपयोग करते समय छात्रों का अवलोकन कर सकते हैं
  • जब वे समूह कार्य कर रहे हों, तब उनके हावभाव (body language) का अवलोकन कर सकते हैं।

सुनिश्चित करें कि आप जो अवलोकन एकत्रित करते हैं, वे छात्र के सीखने या प्रगति के वास्तविक प्रमाण हैं। केवल वही लिखें, जो आप देख सकते हैं, सुन सकते हैं, निर्धारित कर सकते हैं या गिन सकते हैं।

जब छात्र काम कर रहे हों, तब अपनी कक्षा का चक्कर लगाकर संक्षिप्त अवलोकन टिप्पणियाँ लिखें। आप एक कक्षा सूची का उपयोग करके यह दर्ज कर सकते हैं कि किन–किन छात्रों को अधिक मदद की ज़रुरत है और यदि कोई गलतफहमी उभर रही है, तो उसे भी दर्ज कर सकते हैं। आप इन अवलोकनों और टिप्पणियों का उपयोग पूरी कक्षा को फीडबैक देने या समूहों या व्यक्तियों को आगे बढ़ाने और प्रोत्साहन देने के लिए कर सकते हैं।

फीडबैक देना

फीडबैक वह जानकारी है, जो आप किसी बच्चे को इस बारे में देते हैं कि एक दिये गये लक्ष्य या अपेक्षित परिणाम के सापेक्ष उन्होंने कैसा प्रदर्शन किया है। प्रभावी ढंग से दिए गए फीडबैक से बच्चों को:

  • क्या हुआ है इसकी जानकारी मिलती है
  • कोई क्रिया या कार्य कितनी अच्छी तरह किया गया इसका मूल्यांकन पता लगता है
  • इस बारे में मार्गदर्शन मिलता है कि उनका प्रदर्शन किस प्रकार सुधारा जा सकता है।

जब आप प्रत्येक छात्र को फीडबैक देते हैं, तो इससे उन्हें यह जानने में मदद मिलनी चाहिए कि:

  • वे वास्तव में क्या कर सकते हैं
  • वे अभी क्या नहीं कर सके
  • दूसरों की तुलना में उनका काम कैसा है
  • वे इसमें सुधार कैसे कर सकते हैं।

यह याद रखना महत्वपूर्ण है कि प्रभावी ढंग से दी गई प्रतिक्रिया से छात्रों को मदद मिलती है। आप नहीं चाहेंगे कि आपका फीडबैक अस्पष्ट या पक्षपाती हो, जिसके कारण छात्र सीखना बंद कर दें। प्रभावी फीडबैक होता है।

  • केंद्रित उन कामों पर, जो किए जा रहे हैं और इस पर कि छात्र को क्या सीखना होगा
  • स्पष्ट और ईमानदार, जो छात्रों को यह बताता है कि उनके सीखने के तरीके में क्या अच्छा है और किस में सुधार ज़रूरी है
  • करने योग्य जो छात्रों से कुछ ऐसा करने को कहता है, जिसे वे कर पाने में सक्षम हैं
  • इस तरह दिया जाता कि उसकी भाषा उपयुक्त हो, ताकि छात्र उसे समझ सकें
  • सही समय पर दिया गया हो – यदि यह बहुत जल्दी दिया जाता है, तो छात्र को लगेगा कि ‘मैं तो बस ये करने ही वाला था!’; अगर बहुत देर से दिया जाए तो विद्यार्थियों का ध्यान कहीं और चला गया होगा और वे वापस जाकर फिर से वह नहीं करना चाहेंगे, जो करने को कहा गया था।

फीडबैक चाहे मौखिक हो, या छात्रों की वर्कबुक में लिखकर दिया जाए, यदि इसके लिए निम्नलिखित दिशार्निदेशों का पालन किया जाता है, तो यह अधिक प्रभावी बन जाता है।

प्रशंसा और सकारात्मक भाषा का उपयोग करना

जब हमारी प्रशंसा की जाती है और हमें प्रोत्साहित किया जाता है तो आमतौर पर हम उस समय के मुकाबले बेहतर महसूस करते हैं, जब हमारी आलोचना की जाती है या हमारी गलती सुधारी जाती है। सुदृढ़ीकरण और सकारात्मक भाषा समूची कक्षा और सभी उम्र के व्यक्तियों के लिए प्रेरणादायक होती है। याद रखें कि प्रशंसा विशिष्ट और कार्य पर आधारित होनी चाहिए, किसी बच्चे पर आधारित नहीं, अन्यथा इससे बच्चों को प्रगति में मदद नहीं मिलेगी जैसे : ‘बहुत बढ़िया’ सटीक टिप्पणी नहीं है, इसलिए निम्नलिखित में से कुछ कहना बेहतर होगा:

संकेत देनेने के साथ-साथ सुधार का उपयोग करना

आप बच्चों के साथ जो बातचीत करते हैं, उससे उन्हें सीखने में मदद मिलती है। यदि आप उन्हें सिर्फ यह बताते हैं कि कोई उत्तर गलत है और बात वहीं ख़त्म कर देते हैं, तो सोचने और कोशिश करने में उनकी मदद करने का मौका गँवा देंगे। यदि आप बच्चों को कोई संकेत देते हैं और उनसे आगे भी प्रश्न पूछते हैं, तो इससे आप उन्हें ज्यादा गहराई से सोचने के लिए प्रोत्साहित करते हैं, साथ ही उन्हें उत्तर ढूँढने तथा खुद के अधिगम की ज़िम्मेदारी उठाने के लिए प्रेरित करते हैं। उदहारण के लिए, आप इस तरह की बातें बोलकर एक बेहतर उत्तर के लिए प्रोत्साहन दे सकते हैं या समस्या के किसी अलग पहलू की तरफ संकेत कर सकते हैं:

विद्यार्थियों को एक दूसरे की मदद करने के लिए प्रोत्साहित करना भी अच्छा तरीका हो सकता है। ऐसा करने के लिए आप बाकी की कक्षा से अपने सवाल पूछने से पहले कुछ इस तरह की टिप्पणियां कर सकते हैं।

‘हाँ’ या ‘नहीं’ कहकर छात्रों के उत्तर सुधारना स्पेलिंग या संख्या अभ्यास जैसे कार्यों के लिए उपयुक्त हो सकता है, लेकिन इसके बावजूद यहाँ आप छात्रों को उनके उत्तरों में उभरने वाले पैटर्न देखने, उसी तरह के उत्तरों के साथ संबंध जोड़ने या इस बारे में चर्चा करने के लिए प्रोत्साहित कर सकते हैं कि कोई विशिष्ट उत्तर क्यों गलत है।

अपने काम को खुद सुधारने का या किसी साथी द्वारा सुधार किए जाने का प्रभाव ज्यादा पड़ता है। आप जोड़ियों में काम कर रहे बच्चों को अपना खुद का काम और दूसरों के काम जाँचने को कहकर उन्हें इसके लिए प्रोत्साहित कर सकते हैं। एक बार में एक पहलू को सुधारने पर ध्यान केंद्रित करना सबसे अच्छा है ताकि बहुत ज्यादा जानकारी के कारण भ्रम की स्थिति न उत्पन्न हो जाए।

संसाधन 2: लेखन को विकसित करने के लिए गतिविधियाँ (Resource 2: Activities to develop writing)

  1. कहानी से एक पात्र का चित्र बनाएँ। (Draw a picture of a character from a story.) यह आपकी पाठ्यपुस्तक से, या किसी ऐसी कहानी से हो सकता है, जो सबको अच्छी तरह मालूम हो। (It could be from your textbook, or from a story everyone knows well.) इसके बारे में अंग्रेज़ी में पाँच या छः वाक्य लिखें। (Write five or six sentences in English about it.)
  2. दिए गए अव्यवस्थित वाक्यों को क्रम से लिखकर एक सार्थक पैराग्राफ बनाएँ। (Rewrite the jumbled sentences provided, to make a meaningful paragraph.)
  3. किसी भी विषय में हाल ही में पढ़े किसी पाठ का सारांश बताता एक पैराग्राफ लिखें और इसे समझाएँ। (Write a paragraph summarising a recent lesson in any topic and illustrate it.)
  4. किसी कहानी या कविता पर आधारित एक बुकमार्क बनाएँ। (Make a bookmark based on a story or a poem.) बुकमार्क में एक तरफ एक पात्र का चित्र बनाएँ या संक्षिप्त सारांश लिखें। (Draw a character or write a brief summary on one side of the bookmark.) दूसरी तरफ कहानी का शीर्षक और लेखक का नाम लिखें। (On the other, write the title of the story and the name of the author.)
  5. पुस्तक के लेखक को एक पत्र लिखें। (Write a letter to the author of a book.) (यदि लेखक जीवित हैं, तो आप अपने राज्य के पाठ्यपुस्तक निगम से उनका पता ढूँढने की कोशिश कर सकते हैं और आपके छात्रों के कुछ पत्र उन्हें भेज सकते हैं।) ((If the author is living, you can try to find the address from your state textbook society and post them some of the students’ letters.))
  6. (बड़ी उम्र वाले छात्रों के लिए) छोटी कक्षाओं के छात्रों की एक कहानी पर आधारित बड़ी पुस्तक (Big book) बनाएँ। ((For older students) Make a big book based on a story for students in lower classes.)
  7. किसी भी विषय के हाल ही में पढ़ाए गए किसी पाठ पर आधारित कम से कम दस प्रश्नों वाली एक अंग्रेज़ी प्रश्नोत्तरी तैयार करें। (Set an English quiz with at least ten questions based on a recent lesson on any topic.) इससे सीखना सशक्त बनाने और लेखन का अभ्यास करने में मदद मिलती है। (This helps to reinforce learning as well as to practise writing.) जब बच्चे प्रश्नोत्तरी सुलझा लें तो उनसे पेपरों की अदलाबदली करने और एक-दूसरे का काम जाँचने को कहें। (After they have tried the quiz, ask the students to exchange papers and check each other’s work.)

  8. छात्रों को एक कहानी सुनाएँ, लेकिन उन्हें इसका अंत न बताएँ। (Tell the students a story but do not tell them the ending.) उनसे कहें कि वे अनुमान लगाएँ और लिखें कि आगे क्या हुआ होगा। (Ask them to guess what happened at the end and write it down.) याद रखें कि कहानी के मामले में कोई भी अंत सही या गलत नहीं होता। (Remember that there are no right or wrong endings to a story.)
  9. छात्रों से कक्षा में कोई छोटी-सी वस्तु जैसे पेन्सिल, बॉक्स, पत्ता आदि लाने को कहें। कक्षा को पाँच या छः सदस्यों वाले समूहों में बाँटें। (Ask the students to bring one small object to the class, such as a pencil, box, leaf, etc. Divide the class into groups of five or six.) उनके द्वारा लाई गई सारी वस्तुएँ समूह के केंद्र में रखी जाती हैं। (All the things they brought are placed in the centre of the group.) दस मिनट की समय सीमा में, प्रत्येक समूह अपनी लाई गई वस्तुओं पर आधारित एक संभावित कहानी पर चर्चा करता है। (With a limit of ten minutes, each group discusses a possible story based on the objects they have brought.) इसके बाद वे कहानी लिख सकते हैं (जो कम से कम पाँच से छः लाइनों की होनी चाहिए)। (They then write out the story (which should be a minimum of five to six lines long).) प्रत्येक समूह से कोई एक बच्चा कक्षा को वह कहानी पढ़कर सुनाता है। (One student from each group narrates the story to the class. ) सर्वश्रेष्ठ कहानी वह होगी, जिसमें उस समूह द्वारा लाई गई सभी वस्तुएँ शामिल हों। (The best story is the one that includes all the objects the group had brought in.)
  10. कक्षा को पाँच सदस्य वाले समूहों में बाँटें। (Divide the class into groups of five.) प्रत्येक समूह के पास लिखने के लिए एक कागज़ और कम से कम के पेन्सिल होनी चाहिए। (Each group has one piece of paper to write on, and at least one pencil.) कोई भी पूर्व चर्चा किए बिना, समूह को एक कहानी तैयार करनी है, जिसमें समूह का प्रत्येक छात्र एक एक करके वाक्य जोड़े। (Without prior discussion, the group should come up with a story, with each student in the group contributing one sentence at a time.) प्रत्येक समूह में शुरुआत करने के लिए ‘स्टार्टर’ के रूप में एक छात्र को चुनें। स्टार्टर कागज़ पर पहला वाक्य लिखता है, और कागज़ फिर समूह के अगले छात्र के पास जाता है। (The starter writes one sentence on the piece of paper, which now goes to the next student in the group.) अगला छात्र अब एक और वाक्य लिखता है, जो पहले से मौजूद वाक्य से जुड़ा होना चाहिए। (The second student contributes a sentence that combines with the one already there.) यह कागज़ तब तक समूह में घूमता रहता है, जब तक कि कहानी पूरी न हो जाए। (The paper keeps going around until the story is complete.) कोई भी किसी भी समय यह तय कर सकता है कि कहानी अब आगे प्रगति नहीं कर सकती। (Anyone can decide at any point that the story cannot progress any more.) यदि अन्य लोग सहमत हों, तो समूह एक नई कहानी का नया वाक्य या पहली कहानी का अगला अध्याय लिखने के लिए किसी अन्य स्टार्टर को चुनता है! (Anyone can decide at any point that the story cannot progress any more.)

अतिरिक्त संसाधन

References

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Dombey, H. and Moustafa, M. (1998) Whole to Part Phonics: How Children Learn to Read and Spell. London: Centre for Literacy in Primary Education.
Graham, J. and Kelly, A. (2012) Reading under Control: Teaching Reading in the Primary School, 3rd edn. London: Routledge.
Graves, D. (1994) A Fresh Look at Writing. Portsmouth: Heinemann.
Graves, D. (2003) Writing: Teachers and Children at Work. Portsmouth: Heinemann.
O’Sullivan, O. (2007) Understanding Spelling. London: Centre for Literacy in Primary Education.
Smith, F. (1994) Writing and the Writer. London: Routledge.

Acknowledgements

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चित्र 3: मैथिलि रामचंद द्वारा दिया गया। (Figure 3: provided by Mythili Ramchand.)

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