यह इकाई इस बात का पता लगाती है कि बिजली के बारे में जानने और शैक्षणिक लाभों की एक श्रृंखला को उपलब्ध कराने के लिए आपके विद्यार्थियों को पढ़ाने और सहायता प्रदान करने के लिए किस प्रकार से खेलों का उपयोग किया जा सकता है।
विज्ञान के पाठों के शिक्षण में खेल एक महत्वपूर्ण उपकरण के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। खेलों से विद्यार्थियों में एकाग्रता व प्रेरणा मिलती है। विज्ञान के पाठ को पढ़ाने में खेल उपकरण के रूप में प्रयोग हो सकता है। खेलों को प्रायः खेलने के लिए मजेदार चीज़ों के रूप में देखा जाता है। इसलिए अधिकतर विद्यार्थी भाग लेना चाहेंगे। आपके विद्यार्थी विज्ञान की पढ़ाई करेंगे जिसे कि आप ज्यादा आसानी के साथ पढ़ाना चाहते हैं।
खेलों की एक श्रृंखला मौजूद है जिनका कि आप अपनी कक्षा में उपयोग कर सकते हैं जिनमें से अधिकतर खेलों के लिए बहुत अधिक तैयारी की आवश्यकता नहीं है। इनमें से बहुत से खेल हैं जिन्हें घरों पर खेला जाता है। इसमें कुछ परिवर्तनों के साथ इनका उपयोग विद्यार्थियों को विज्ञान सीखने में मदद करने के लिए किया जा सकता है। एक बार जब आप अपने खेलों को तैयार कर लेते हैं तो आप उनका बार–बार उपयोग कर सकते हैं। इसके अतिरिक्त खेलों को विज्ञान के अधिकतर विषयों के लिए संशोधित और अनुकूलित किया जा सकता है।
विद्यार्थी इन खेलों को खाली समय में खेलकर आनंद लेने के साथ ही अपने पाठों को सीखने में भी इनका उपयोग करेंगे। यह सब अपनी समझ को मजबूत करने में उनकी मदद करेगा और अपने ज्ञान में आत्मविश्वास का निर्माण करेगा।
खेल चंचलता को बढ़ाते हैं जो कि शिक्षा और अधिगम के बारे में कुछ अवधारणाओं के लिए हमेशा सही नहीं है। लेकिन वर्तमान शोध बताते हैं कि अगर सीखने वालों की सीखी जाने वाली विषयवस्तु में दिलचस्पी होती है, तथा वह उनकी ज़रूरतों, रुचि और योग्यता से मेल खाती है, तो वे बहुत कुछ सीख सकते हैं। खेल विद्यार्थियों के ध्यान और रुचि को बढ़ाने के बहुत ही अच्छे साधन हैं और रचनात्मक, सहयोग और संवाद को प्रोत्साहित करते हैं।
इसके अलावा, विद्यार्थियों में खेल भागीदारी और सफलता को प्राप्त करने के लिए भी उपयोगी होते हैं :
ऐसे ऑनलाइन खेलों की एक व्यापक श्रृंखला उपलब्ध है, जिनका कि कक्षा में और विद्यार्थियों के अपने समय में उनकी शिक्षा में सहायता देने के लिए उपयोग किया जा सकता है। इनमें से कई को लैपटॉप और मोबाइल फोन में डाउनलोड किया जा सकता है, जिससे और अधिक विद्यार्थी इसका लाभ उठा सकें। लेकिन इलेक्ट्रॉनिक या ऑनलाइन खेलों तक सबकी पहुँच नहीं है। इसी प्रकार के दूसरे बहुत से खेल भी हैं, जिनका कि कक्षा में विद्यार्थियों के बीच उपयोग किया जा सकता है।
बोर्ड खेल, कार्ड खेल और सक्रिय शारीरिक खेल में से सभी का उपयोग विज्ञान के साथ-साथ बिजली विषय के भी बहुत से विषयों के पहलुओं का पता लगाने के लिए किया जा सकता है। (देखें संसाधन 1)। इन सभी खेल को विज्ञान के अन्य प्रकरण (Topic) के साथ, विभिन्न आयु समूहों के विद्यार्थियों के साथ उपयोग में लाने के लिए आसानी से अनुकूलित किया जा सकता है। संसाधनों तक अपनी पहुंच के आधार पर आप पूरी कक्षा को जोड़ने वाले, या समूहों, जोड़ियों अथवा व्यक्तिगत रूप से खेल में गतिविधि करा सकते हैं।
विद्युत से सम्बन्धित शब्दावली (कागज उपलब्ध न होने पर/पुराने बॉक्स को काटना) और चित्र के साथ कार्डों का सेट निर्मित करने के लिए संसाधन 2 में दिये गये नमूने का उपयोग करें। कार्डों को बनाने के लिए पुराने लिफाफों (या कागज़ अगर छोटा है, तो बॉक्सों में से कार्ड) को प्रयोग में ला सकते हैं।
इसके बाद अपने साथ खेलने के लिए कहें। कार्डों के सेट को मेज़ या फर्श पर उल्टा करके फैला दें। अपनी पसंद के किन्हीं भी दो कार्डों को सीधा कर दें और आमने–सामने रखें। कार्ड अगर मेल खाते हैं, जैसे कि आपके पास बल्ब की एक चित्र और एक कार्ड है, जिस पर ‘सर्किट में रोशनी’ अंकित है, इसके बाद खिलाड़ी जोड़े को रख लेता है। अब आपका सहकर्मी इसी काम को करता है। जोड़े अगर मेल नहीं खाते हैं, तो आपको फिर से कार्डों को उल्टा करके रखना होता है। इसका उद्देश्य ज्यादा से ज्यादा मेल खाने वाले जोड़ों को एकत्रित करना है।
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अपने विद्यार्थियों के साथ उसी खेल को खेलें। अगर आपकी कक्षा बड़ी है और आप कार्डों के ज्यादा सेट बना सकते हैं, वे सभी समूहों के साथ खेल सकते हैं। अगर ज्यादा सेटों को बनाने के लिए अधिक संसाधनों तक आपकी पहुंच नहीं है तो इस गतिविधि के लिए एक समूह का चयन करें जिसके साथ आप खेल सकें।
समझाएं कि किस प्रकार से खेला जाता है और उन्हें एक या दो बार खेल खेलने दें और इस बात का अवलोकन करें कि प्रत्येक बार वे किस प्रकार से खेलते हैं। एक बार उनके नियमों को समझ लेने के बाद उनके साथ संवाद न करें।
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अवधारणाओं को स्पष्ट करने और सीखने को बल प्रदान करने में मदद करने के लिए खेल खेलना एक आनंदायी और समावेशी तरीका है, जिसे आप अपना सकते हैं। इससे उन विद्यार्थियों को अपने आत्मविश्वास को विकसित करने और अपने सहपाठियों से सीखने का मौका मिलेगा जो कि अनिश्चित और कम आत्मविश्वासी हैं। केस स्टडी 1 खेल के एक अन्य प्रकार का उपयोग करता है और विद्यार्थी किस प्रकार से जवाब देते हैं, इसे दर्शाता है।
श्रीमती विजया खेल खेलकर इस बात को स्पष्ट करती हैं कि वे किस प्रकार से वे अपने विद्यार्थियों की इस बात में अंतर करने में मदद करती हैं कि सर्किटें अधूरी हैं या पूरी जो बल्ब को जलाती हैं।
मैं विद्युत के पाठ को पढ़ाने को लेकर थोड़ी घबराई थी, लेकिन विज्ञान के एक पुराने संसाधन बॉक्स में थोड़े से सरल उपकरण मिल जाने से उनके आगे यह प्रदर्शित करने के लिए कि यह किस प्रकार से काम करता है, कुछ प्रदर्शन करने के लिए मेरा आत्मविश्वास बढ़ गया।
इसके बाद मैंने अपने विद्यार्थियों को विद्युत परिपथ (सर्किट) पर उनकी समझदारी को सृदृढ़ बनाने में मदद करने के लिए एक खेल का उपयोग किया। स्थानीय डाइट से एक सहायता सत्र में खेल से मेरा परिचय करवाया गया और कोशिश करने को लेकर मैं उत्सुक थी। मैंने दो हिस्सों में अपने पाठ की योजना बनायी। पहला था महज एक बैटरी, एक बल्ब और तार के एक टुकड़े को उपयोग में लाकर बल्ब को जलाने में मेरी मदद करने के लिए विद्यार्थियों को समय देना। इसमें कुछ समय लगा, लेकिन अंततः हमने इस काम को कर लिया। इसके बाद मैंने उनसे पूछा कि क्या मैं तार के दूसरे टुकड़े का उपयोग कर सकती हूं? मैंने उनसे अपने विचार प्रस्तुत करने के लिए कहा और उन्होंने जैसे-जैसे कहा वैसे-वैसे करती गयी जब तक कि हमने बल्ब को जला नहीं लिया।
चूंकि मैं इस बात को बेहतर ढंग से समझने में उनकी मदद करना चाहती थी कि विद्युत परिपथ (सर्किट) का निर्माण किस प्रकार से किया जाए, इसलिए मैंने अपने द्वारा तैयार किये गये खेल का उपयोग किया, यह पर्यवेक्षण पर आधारित खेल था और उनकी स्वयं की विद्युत परिपथ (सर्किटों) को बनाने के लिए टुकड़ों को जोड़ा गया था। [इस खेल को कैसे बनायें और खेलें, इस बारे में संसाधन 3 को देखें।] मैंने तार के टुकड़ों को लेकर एक सेट बनाया और तीन विद्यार्थियों ने थोड़े से अन्तराल के दौरान दूसरे सेट बनाये।
मैंने कक्षा को समझाया कि खेल किस तरह से खेला जाए तथा उनके आगे उन नियमों को प्रदर्शित किया, जिन्हें कि मैंने आंकड़ों के चार्ट के कागज़ के टुकड़े पर लिख रखा था उसको दीवार से चिपका दिया। जब वे खेल रहे थे, तो मैं यह देखने के लिए उनके पास गयी कि वे किस प्रकार से समस्याओं का प्रबंध कर रहे थे जैसे कि क्या उनके उत्तर सही थे? को समझाने में मदद की या सर्किटों के बारे में प्रश्न पूछे जिससे कि खेल-खेल में वे काम सीख सकें और पढ़ाई करने में उनकी मदद की जा सके। [संसाधन 4 देखें, और अधिक जानकारी के लिए ‘अवलोकन करना तथा फीडबैक देना’।] प्रत्येक समूह में विजेता वह व्यक्ति था, जिसके पास पूर्ण सर्किटों की सर्वाधिक संख्या थी। विद्यार्थी अपने खेलों में पूरी तरह से तल्लीन थे और आखिर तक मुझे बिल्कुल भी संवाद नहीं करना पड़ा क्योंकि वे एक दूसरे की मदद कर रहे थे।
पाठ के आखिर में मैंने यह बताने के लिए विद्यार्थियों से एक वाक्य लिखने के लिए कहा कि उनके विचार में विद्युत परिपथ (सर्किट) क्या है? मैंने यह भी पूछा कि क्या उन्होंने खेल का आनंद लिया? और उनके सकारात्मक दृष्टिकोण और उनकी इस बारे में टिप्पणियों पर प्रसन्नता हुई कि इसने किस प्रकार से सर्किटों के बारे में जानने और उसे याद रखने में मदद की।
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श्रीमती विजय ने पहले यह प्रदर्शित करने के बाद कि बल्ब किस प्रकार से जलाएं, अपने विद्यार्थियों की समझ को सुदृढ़ करने में मदद करने के लिए अपने खेल का उपयोग किया। लेकिन वह सीखने वालों के रूप में अपने विद्यार्थियों के खुद पर भरोसे को भी विकसित करना चाहती थीं। चूंकि अपने पाठ में बल्बों, तारों और बैटरियों के साथ काम करने के लिए समस्त विद्यार्थियों के लिए उनके पास पर्याप्त संसाधन नहीं थे, इसलिए उन्हें रचनात्मक होना था।
बिजली की खोज और उपयोग बहुत से लोगों के जीवन में बड़ा फर्क लेकर आया है। इस तरह से सभी के लिए यह समझना बहुत महत्वपूर्ण है कि बिजली क्या है? और यह किस प्रकार से काम करती है? जिससे वे इस बात को जान सकें कि किस प्रकार अच्छी तरह से और सुरक्षित ढंग से इसका उपयोग करें। अगर अभी तक आपके स्कूल में बिजली नहीं है, तो बैटरियों, तारों और बल्बों का उपयोग करके किसी अन्य ढंग से सिखाना आसान नहीं है, और ये महंगे भी होते हैं और आसानी से उपलब्ध नहीं होते हैं। लिहाजा, ऐसे खेलों का उपयोग, जो कि बिजली के विभिन्न पहलुओं को प्रदर्शित करते हों। यह आपके विद्यार्थियों की बिजली के बारे में सामान्य समझ का पता लगाने में मदद कर सकता है।
इन खेलों को बनाने के लिए आपको उपाय-कुशल शिक्षक होना पड़ेगा। उपाय-कुशल होने का अर्थ यह हो सकता है कि आप नियमित रूप से कार्डबोर्ड बॉक्सों, प्लास्टिक की बोतलों, पुराने लिफाफों और पुनः उपयोग में आने वाली तथा पुनः चक्रित करने योग्य संसाधनों को नियमित रूप से संकलित करते और सहेजते हैं। जिससे आपके पास वे सामग्रियां हों, जिनका कि आप ऐसी शिल्पकृतियों को बनाने में उपयोग कर सकें, जो कि आपकी पढ़ाई को आगे ले जाएंगी। आप विभिन्न प्रकार के स्थानीय संसाधनों का भी उपयोग कर सकते हैं; इनका वर्णन संसाधन 5,‘स्थानीय संसाधनों का उपयोग करना’ में किया गया है, जो कि आपके विचारों को विस्तारित करने और आपके अध्यापन में वृद्धि करने के लिए आपकी मदद कर सकते हैं।
पाठ्यपुस्तकों से अलग आपके स्कूल में जिन संसाधनों तक आपकी पहुंच है, इसके बारे में कुछ मिनट सोचें।
योजना बनाएं कि आप इन संसाधनों को किस प्रकार से एकत्र कर सकते हैं, इसकी और अपनी योजना को क्रियान्वित करें। आपने जिस नामावली को एकत्र किया है, उसमें मदद करने के लिए आप सभी विद्यार्थियों को शामिल कर सकते हैं। स्थानीय रूप से उन्होंने पुनः चक्रित करने योग्य और दुबारा इस्तेमाल के योग्य सामग्री के किन प्रकारों और कितनी मात्राओं को जमा किया है। यह दर्शाने के लिए कुछ ग्राफ बनाने के लिए भी यह अच्छा अवसर हो सकता है।
![]() वीडियो: स्थानीय संसाधनों का उपयोग करते हुए |
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यह गतिविधि हमेशा चलने वाली प्रक्रिया है, चूंकि आप अपने संसाधनों को एकत्र करते हैं और फिर उनका उपयोग करते हैं, इसलिए आपको उनमें नियमित रूप से जोड़ते रहने की ज़रूरत होती है। अपनी कक्षा में और यहां तक कि अपने स्कूल में भी इस प्रकार की संस्कृति को विकसित करने से विज्ञान में ज्यादा अन्वेषणपरक गतिविधियों की योजना बनाने तथा उन्हें सिखाने में आपको मदद मिलेगी। यह सीखने में आपके विद्यार्थियों की मदद करेगी। ऐसे खेलों को बनाने से जो कि बिजली से जुड़े कुछ वास्तविक अन्वेषणों का नमूना प्रदर्शित करते हों, विद्यार्थियों को समझने में मदद मिल सकती है और वे अपनी समझ को सुदृढ़ करने के लिए खेलों को फिर से देख सकते हैं।
अगली केस स्टडी इस बात का पता लगाती है कि किस प्रकार से खेल को खेलने के लिए स्थिर विद्युत का उपयोग किया जाए।
एक छोटे से ग्रामीण स्कूल की शिक्षिका सुश्री सुशमा बताती हैं कि किस प्रकार से उन्होंने स्थिर विद्युत प्रकरण को एक सरल खेल द्वारा समझाया
थोड़े से समय में मैंने प्लास्टिक के पेन के कुछ केसों को जमा किया और खेल बोर्ड बनाये [उस प्रकार के जैसे कि संसाधन 6 में दर्शाये गये हैं]। इसके अलावा मैंने दो विद्यार्थियों से पुराने अखबार की दो शीटों को छोटे-छोटे टुकड़ों में फाड़ने के लिए दिया और फिर उन्हें ढेरों में बांट दिया, प्रत्येक बोर्ड और पेन के चार केसों के साथ एक को लगना था।
अपने पाठ की शुरुआत में मैंने एक गुब्बारे को उड़ाया, जिससे मेरी कक्षा रोमांचित हो उठी और पूछा कि क्या मैं इसे दीवार से चिपका कर रख सकती हूं। उन्होंने कहा नहीं। अतः इसके बाद मैंने गुब्बारे को एक या दो क्षण के लिए अपने सिर पर रगड़ा और फिर गुब्बारे को दीवार पर चिपका दिया। विद्यार्थी यह देखकर आश्चर्यचकित हो गये कि गुब्बारा दीवार पर चिपका हुआ है। मैंने उनसे पूछा कि उनके विचार में ऐसा क्यों हुआ होगा और कुछ ने अपने विचार व्यक्त किये, जिसे कि मैंने ब्लैकबोर्ड पर लिख लिया, जैसे कि मेरे बालों में कोई चीज़ थी, जो कि गोंद जैसी थी।
इसके बाद मैंने उन्हें खेल के सेट प्रदान किये और खेल के नियम समझाए और कुछ मिनट के लिए उन्हें खेलने दिया। खेल से स्थिर विद्युत उत्पन्न करने के लिए उनके द्वारा कलम की टोपियों का उपयोग किया जाना जुड़ा था, उन्होंने कागज़ के छोटे-छोटे टुकड़ों को बोर्ड के विभिन्न हिस्सों पर उठाने और गिराने के लिए किया, यह काम उसी प्रकार से था, जैसे कि वे चरखे को घुमा रहे हों। अपने बोर्ड को सूची में दी गयी संख्या के बराबर कागज़ के टुकड़ों की संख्या से भरने वाला प्रथम समूह विजेता था। विद्यार्थियों ने खेल को पसंद किया और असल में एक समय ऐसा भी आया, जब बहुत शोर होने लगा। विद्यार्थी कागज़ के अपने टुकड़ों को गिरा रहे थे। मुझे उन्हें अपनी आवाजों को धीमा रखने की याद दिलानी पड़ी, जिससे कि ज्यादा शांत गतिविधियों में लगी अन्य कक्षाओं में व्यवधान नहीं उत्पन्न हो।
दस मिनट के आखिर में, जब सब कोई खेल को दो बार खेल चुका था, मैंने इस बारे में उनके विचार जानने चाहे कि कागज़ को उठाना कितना आसान था? और किस कारण से वे नीचे गिरे थे? वे कैसे ज्यादा टुकड़ों या कम टुकड़ों को उठा पाए? उन्हें किस काम को भिन्न प्रकार से करना था?
मैंने बोर्ड पर उनके विचारों को लिख लिया और फिर आखिर में मैंने उनसे इस बारे में पूछा कि उनके विचार में क्यों? और क्या घटित हो रहा था? मैंने विचारों को लिख लेने और पाठ के आखिर में उन्हें मुझे देने के लिए प्रत्येक समूह को कागज़ का एक टुकड़ा दिया। दिन के आखिर में मैंने अधिक विस्तार से उनके उत्तरों पर नज़र डाली और इस बात की योजना बनायी कि उनकी समझ को विस्तृत करने के लिए किस प्रकार से मैं उन्हें इलेक्ट्रान, न्यूट्रान और प्रोट्रान के विचार से परिचित करा सकती हूं।
उनके प्रयासों को देखकर मैं खुश थी यद्यपि उनके कुछ विचार केवल आधे-अधूरे ढंग से व्यक्त किये गये थे, इसका अर्थ यह हुआ कि उनके द्वारा संपन्न की गयी गतिविधि से जुड़े कुछ स्पष्ट आरेखों का उपयोग करके अगले सत्र में मैं इसे आगे बढ़ा सकती थी। मैं इस तथ्य का पता लगाऊंगी कि समान आवेश वाली दो वस्तुएं एक दूसरे को दूर भगाती हैं, जबकि विपरीत आवेश वाली वस्तुएं एक दूसरे को आकर्षित करती हैं। यह प्रकृति में आवेश के दो भिन्न प्रकारों के अस्तित्व की विद्यार्थियों की समझदारी को विकसित करने में मदद करेगा।
एक बार जब आप अपने अध्यापन में उपयुक्त समय पर खेल का उपयोग करने में ज्यादा आत्मविश्वासी और समर्थ हो जाएं तो आप मौजूदा खेलों को कक्षा के अनुरूप करने की चाहत रखना शुरू कर देंगे। ये परिवर्तन आपके सीखने के उद्देश्य में विशिष्ट हो सकते हैं। आपके विद्यार्थियों की रुचियों से बेहतर तरीके से मेल खा सकते हैं। इसके अलावा वे आपको ऐसी गतिविधियां प्रदान करते हैं , जिन्हें आप उस समय खेलने के लिए समूहों को दे सकते हैं , जबकि आप अपनी कक्षा के एक हिस्से के साथ काम करते हैं। यह उस दशा में मददगार होता है , जबकि आपकी कक्षा ज्यादा विद्यार्थियों वाली होती है। एक बार जब आप बहुत से खेलों को बना लेते हैं , तो वे विभिन्न समयों में उपयोग में लाने के लिए उपलब्ध होंगे , जैसे कि उस समय जबकि विद्यार्थी अपने काम को समाप्त करते हैं। ऐसा करने से विद्यार्थियों की एकाग्रता बढ़ेगी और सीखने के लिए प्रेरित होंगे। अगली दो गतिविधियां एक दूसरे का अनुसरण करती हैं , इसलिए संभव होने पर उन्हें आगे – पीछे करने का प्रयास करें।
अपनी कक्षाओं में से एक कक्षा के साथ उपयोग में लाने के लिए आपको विद्युत परिपथ के बारे में अपना स्वयं का खेल डिजाइन करना और बनाना है। इस काम को करने के लिए हो सकता है कि पहले आप 1 और 3 संसाधनों को देखना चाहें, जिससे कि खेल के उन प्रकारों की याद आ सके, जिन्हें कि आप बना सकते हैं। इसके बाद आपको निम्नलिखित प्रश्नों पर विचार करने की ज़रूरत पड़ेगी–
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अपने खेल को खेलने के लिए अपने विद्यार्थियों से कहना। उनके खेलने से पहले खेल के नियमों और उद्देश्यों को समझाएं। उनके खेल को पूरा करने लेने पर उन्हें अपनी रचनात्मक फीडबैक देने के लिए कहें–
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आपके खेल को बनाने और उसके परीक्षण ने इस बात को दर्शाया होगा कि विद्यार्थी खेलों को कितना रोमांचक पाते हैं। पाठ में यह उनके लिए और भी अधिक रोमांचक है, क्योंकि यह वह नहीं है, जिसकी वे सामान्यतः अपेक्षा करेंगे। इसके अलावा आपके पास इस बात की स्पष्ट सूचना होगी कि वे क्या सोचते हैं? और इस तरह से जहां ठीक लगे वहां पर खेल को संशोधित कर सकते हैं।
इससे खेल की आपकी विशेषज्ञता को सुधारने में मदद मिलेगी, जिससे आप जीवन की प्रक्रियाओं पर नज़र डालने की तरह के विज्ञान के अन्य विषयों के लिए खेलों के उपयोग को विस्तारित कर सकते हैं। उदाहरण के लिए पाचन के बारे में बोर्ड खेल आपके विद्यार्थियों की पाचन की अवस्थाओं को याद रखने में मदद कर सकता है।
कक्षा में खेलों का उपयोग करके जो इस इकाई में दर्शाया गया है कि किस प्रकार से आप विद्युत परिपथ पर प्राथमिक विज्ञान के अपने पाठों में भागीदारी के उच्चतर स्तरों को हासिल कर सकते हैं।
खेलों के अनेक शैक्षणिक लाभ होते हैं, जैसे कि सीखने में बल प्रदान करना, सामाजिक कौशलों को विकसित करना तथा वाचन एवं सुनने के अवसरों को उपलब्ध कराना। खेल विद्यार्थियों को सक्रिय, चुनौतीपूर्ण और प्रेरणादायक तरीके से अपने वैज्ञानिक ज्ञान का अन्वेषण करने में समर्थ बनाते हैं कठिनाई से सीख पाने वाले विद्यार्थियों के लिए विशेष रूप से मददगार होते हैं, क्योंकि वे बार–बार अभ्यास की सुविधा प्रदान करते हैं, यदि इसे सार्थक संदर्भ में कहें।
खेलों की एक श्रृंखला में समस्त योग्यताओं के विद्यार्थियों की भागीदारी को सुनिश्चित करते हुए और आत्मविश्वास बढ़ाते तथा आपस में जुड़े होने के बोध को बढ़ाते हुए सहयोग और सहायता के लिए प्रोत्साहित कर सकती है। कक्षा के खेलों को मंहगे तरीके के लिए नहीं बनाना होता है और उन्हें आप और आपके विद्यार्थियों के द्वारा आसानी से बनाया जा सकता है।
ऐसे अनेक प्रकार के बोर्ड खेल होते हैं जिन्हें कि आप खेल सकते हैं, जिससे कि विद्यार्थियों को सीखने में मदद मिले। विभिन्न प्रकार के खेलों के लिए कुछ तैयारी और विचार की आवश्यकता पड़ेगी, लेकिन एक बार डिजाइन और तैयार कर लेने पर उन्हें विभिन्न विद्यार्थियों के साथ बार–बार प्रयोग में लाया जा सकता है।
दो से छहः खिलाड़ियों के लिए बोर्ड खेल होते हैं, जहां पर पांसे को फेंकना होता है और प्रत्येक व्यक्ति गंतव्य मार्ग के साथ स्थानों की एक नियत संख्या को हिलाने के लिए बदले में इसे प्राप्त करता है। उनके द्वारा हिलाये जाने वाले स्थानों की संख्या को उनके ऊपर 1 से 6 तक की संख्याओं के साथ एक कार्ड को ऊपर करके अथवा एक पांसे को फेंककर और वहां से गिनती करके निर्धारित किया जा सकता है। रास्ते में, हो सकता है कि खिलाड़ियों को उस विषय पर प्रश्नों का उत्तर देना पड़े और केवल तभी आगे बढ़ पाएं जब वे सही उत्तर प्रदान करें। वह व्यक्ति विजेता होता है, जो कि मंजिल पर सबसे पहले पहुंचता है।
ऐसे बहुत से फेरबदल होते हैं, जिन्हें कि आप इन खेलों में शामिल कर सकते हैं, जैसे कि इसे करने के लिए लोगों पर जुर्माना लगाना, जबकि वे गलत उत्तर प्राप्त करते हैं या उस तरह की वस्तुओं को जमा करना, जिनके कुछ निश्चित गुणधर्म हों। विजेता वह व्यक्ति होता है, जिसके पास सर्वाधिक वस्तुएं होती हैं या जिस पर उस समय सबसे कम जुर्माना लगा होता है, जबकि समस्त खिलाड़ी आखिर तक पहुंच जाते हैं।
ऐसे विषय के आधार पर विद्यार्थियों को अपने स्वयं के बोर्ड खेलों को डिजाइन करने और बनाने से संबद्ध किया जा सकता है, जिसका उन्होंने अध्ययन किया होता है। यह इस बात को देखने का एक तरीका है कि उन्होंने कितना सीखा और समझा है। इसके अलावा यह उस समय उनके लिए उपयोग में लाने और खेलने के लिए संसाधन उपलब्ध कराता है, जबकि उनके पास खाली के कुछ क्षण होते हैं और स्वयं विज्ञान से जोड़कर उसकी याद दिलाना चाहते हैं, जो कि उन्हें पढ़ाया जा रहा है।
बल्ब को जलाने के लिए किस चीज़ की आवश्यकता है, इसके बारे में विद्यार्थियों की समझ का आकलन कर सकते हैं। कार्डों को किसी भी सामग्री से काटा जा सकता है और जरूरी जानकारी कार्डों पर लिखी होती है। कुछ कार्डों पर विद्युत के प्रतीक को बनायें और फिर अन्य कार्डों पर उनकी समुचित शब्दावली लिखें (संसाधन 2 में नमूनों को देखें)। आपको तस्वीरों और शब्दों की समान संख्या रखने की ज़रूरत होती है, जिससे कि वे पूर्ण जोड़े बनाए जा सकें।
खेलने के लिए: सभी कार्डों को फर्श पर या मेज़ पर उल्टा करके रखा जाता है और प्रत्येक विद्यार्थी को दो र्काडों को पलटना है। अगर शब्द और तस्वीर मेल खाती है, तो विद्यार्थी जोड़े को ले लेता है। कार्ड अगर मेल नहीं खाते हैं, तो विद्यार्थी कार्ड को पुनः नीचे की ओर कर देता है। अगले विद्यार्थी की बारी आती है - उन्हें पुनः दो कार्डों को पलटना होता है और कार्ड अगर मेल खाते हैं, तो विद्यार्थी जोड़े को ले लेता है। जिस वक्त प्रत्येक विद्यार्थी कार्डों को पलटता है, उस वक्त प्रत्येक इस बात को देखेगा कि कुछ कार्ड कहां पर हैं? और इस तरह से अगर वे अच्छी तरह से याद कर लेते हैं, तो वे अपनी बारी के आने पर जोड़ों को बना सकते हैं। अगर कोई विद्यार्थी जोड़े को बना लेता है, तो अगले खिलाड़ी के पास तक पारी के पहुंचने से पूर्व उनके पास एक और बारी होती है। विजेता वह होता है, जिसके पास सर्वाधिक जोड़े होते हैं (प्रतीक/चित्र और सही शब्दावली या परिभाषा, उदाहरण के लिए शब्द ‘बल्ब’ और बल्ब जलाने की छोटी चित्र)।
ऐसी सरल वर्ग-पहेलियां होती हैं, जिन्हें कि आप बिजली के विभिन्न पहलुओं, जैसे कि विद्युत की शब्दावलियों, की अपने विद्यार्थियों की समझ का आकलन करने के लिए बना सकते हैं और विद्यार्थी स्वयं भी अपनी वर्ग-पहेलियां बना सकते हैं। उत्तरों के लिए वे स्वयं के संकेत जिस तरह बनाते हैं उससे आपको शब्दों के पीछे की अवधारणाओं की अपने विद्यार्थियों की समझ सुदृढ़ होती है। इसके बाद वे एक दूसरे की वर्ग-पहलेलियों को पूरा कर सकते हैं।
खेलने लायक ऐसे कई खेल हैं, जिनमें विद्यार्थियों को अपने चारों ओर और अधिक घूमना पड़ता है और इससे विज्ञान भी जुड़ा होता है; जैसे टीम प्रश्नावलियां, जिसके दौरान आप या कोई विद्यार्थी प्रश्न पूछता है। इसके बाद सही उत्तरों वाला विद्यार्थी कुर्सी के चारों ओर दौड़ता है और टीम के पीछे लौट आता है। जीतने वाली टीम वह होती है, जहां पर अगुआ सबसे पहले मोर्चे पर वापस लौटता है।
विद्यार्थी एक सर्किट में भिन्न इकाइयां हो सकते हैं, जैसे कि बल्ब बैटरी और तार। आप या विद्यार्थी सर्किट के उस प्रकार का नाम लेकर बुलाता है, जो कि उसे बनाना होता है और विद्यार्थियों को शामिल होना और सर्किट को बनाना होता है; उदाहरण के लिए एक बल्ब, दो तार और दो बैटरियां। जो सर्किट में नहीं होता है, वह बाहर निकल जाता है और आखिरी सर्किट एक बल्ब, एक तार और एक सेल होता है। विद्यार्थी उस समय तक उछल-कूद करते रहते हैं, जब तक कि आप पुकारते नहीं हैं कि किस सर्किट को बनाना है। चारों ओर दौड़ते समय अगर वे एक साथ नजदीक में ही बने रहते हैं, तो एक चक्र के लिए उन्हें अलग रहने को कहा जाएगा। इसके अलावा आप संसाधन 3, खेल 2 में उपलब्ध कराये गये कार्डों का भी उपयोग कर सकते हैं, जिससे विद्यार्थी उस समय इस बात की पहचान कर सकें कि प्रत्येक कौन सा विद्युत के घटक है।
विद्यार्थियों को चार से आठ के समूहों में बांटा जाता है। उन्हें या तो व्यक्तिगत रूप से या सामूहिक रूप से प्रश्नों का उत्तर देना होता है, जहां पर वे आपके अलावा विद्यार्थियों द्वारा निर्धारित किये गये प्रश्नों का उत्तर देने के लिए विचारों को साझा कर सकते हैं। कई बार टीमों को व्यक्तिगत रूप से या सामूहिक रूप कोई काम करना या किसी चीज़ को बनाना होता है, इसके लिए टीम को अंक दिये जाते हैं। सबसे अधिक अंक पाने वाली टीम जीत जाती है।
प्रश्नों को तैयार करना होता है, लेकिन प्रश्नों को विज्ञान के प्रकरण के खास पहलू पर केंद्रित किया जा सकता है, जिसके बारे में आप चाहते हैं कि आपके विद्यार्थी अपनी समझ को गहन बनायें। एक बार जब इन प्रश्नों को तैयार कर लिया जाता है, तो आप उनका उपयोग अन्य कक्षाओं में या अगले वर्ष कर सकते हैं।
आपके प्रश्न एक शब्द के उत्तरों वाले हो सकते हैं या वे ऐसे भी हो सकते हैं जिनमें विद्यार्थियों को किसी समस्या का समाधान करने के लिए ज्यादा सोचना पड़ता है। आप स्वयं प्रश्न पूछ सकते हैं या अगर आपके पास संसाधन हैं, तो आप प्रश्नपत्र की प्रतियां बना सकते हैं तथा प्रत्येक विद्यार्थी अपने प्रश्नपत्र पर काम करा सकता है। जिसे सबसे ज्यादा अंक मिलते हैं, वह विजेता होता है।
इस खेल को खेलने के लिए आपको कॉपी करने या उसी प्रकार के रेखांकनों को बनाने की ज़रूरत होती है, जैसे कि तालिका आर 3.1 में दिये गये हैं। आपको तीन विद्यार्थियों के प्रति समूह के लिए कार्डों के कम से कम एक सेट की ज़रूरत पड़ेगी। अगर आप प्रति समूह कार्डों के दो सेटों का उपयोग करते हैं, तो आपके पास एक समय में खेलने वाले चार या पांच विद्यार्थी हो सकते हैं
इस बात को सुनिश्चित करते हुए प्रत्येक कार्ड को काट लें कि वे एक ही आकार के हों। प्रत्येक सेट को सूखे बॉक्स या थैले में उस समय तक अलग-अलग रखें, जब तक कि आपको उनकी ज़रूरत नहीं पड़ती।
समूह खेलने के लिए जगह पाता है और एक विद्यार्थी सभी कार्डों को नीचे की ओर करके फैला देता है। प्रत्येक विद्यार्थी बारी-बारी से कार्ड को पलटता है और यह देखने के लिए नज़र डालता है कि क्या यह वही कार्ड है, जो कि यह दर्शाता है कि बल्ब जलेगा। विद्यार्थी अगर यह निर्णय लेता है कि वे सोचते हैं कि यह जलेगा, तो वह कार्ड को रख लेता है। इसके बाद अगले विद्यार्थी की बारी आती है और यह तब तक चलता रहता है, जब तक कि उन्हें पूर्णतः यकीन नहीं हो जाता कि कोई भी पूर्ण सर्किट कार्ड बचा नहीं है। वे कार्डों की उस संख्या को गिन लेते हैं, जो कि विद्यार्थी के पास होती है और जिस विद्यार्थी के पास सर्वाधिक कार्ड होते हैं, वह विजेता होता है।
पहले-पहल खेलते समय हो सकता है कि विद्यार्थी इस बात का निर्णय करने में सक्षम नहीं हों कि क्या उन्होंने समस्त पूर्ण सर्किटों का पता लगा लिया है। अतः आपको उनके उत्तरों की जांच करनी चाहिए और उन्हें उन बल्बों की पहचान करने में अधिक कुशल बनने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए जो कि जलेंगे।
तालिका आर 3.2 की प्रतियां बनाएं। आपको प्रति समूह कम से कम तीन सेटों की ज़रूरत पड़ेगी। अपनी कक्षा को कार्डों को काटने के लिए कहें या आप उन्हें मोड़ करके सावधानीपूर्वक फाड़ सकते हैं। अगर आपके पास फोटो-कॉपी करने वाली मशीन नहीं है, तो आप अपने विद्यार्थियों से कागज़ पर विद्युत परिपथ की रचना बनवा सकते हैं और फिर उन्हें काट कर अलग करवा सकते हैं।
अपनी कक्षा को समूहों या टीमों में बांटें और उन्हें नंबर प्रदान करें। इसके बाद प्रत्येक समूह को बल्ब, बैटरी और तार की समान संख्या प्रदान करें। प्रत्येक समूह के पास दूसरे सामान जितनी मात्रा में होते हैं। उसे उसके दोगुने तार चाहिए।
आप दो तरीकों से इस खेल को खेल सकते हैं:
ऐसे कुछ संभावित विद्युत परिपथ, जिन्हें विद्यार्थी बना सकते हैं:
अब जबकि आपके विद्यार्थी ज्यादा दक्ष हो गये हैं, आप ज्यादा जटिल विद्युत परिपथ, जैसे कि दो बल्ब, एक बैटरी, दो तार को बनाने के लिए उन्हें दे सकते हैं और प्रत्येक बार प्रत्येक चीज़ की मात्रा अलग-अलग होती है। जब आप ज्यादा जटिल परिपथ को करते हैं, तो आप विद्यार्थीयों से इस बारे में प्रश्न पूछ सकते हैं कि ज्यादा या कम बल्बों, बैटरियों या तारों का क्या असर पड़ेगा?
इसके अलावा आप उनसे यह भी पूछ सकते हैं कि उस समय वे किस प्रकार की रोशनी प्राप्त करेंगे। उदाहरण के लिए, उनके पास एक बैटरी और अनेक बल्ब लेकिन कम तार हों। इस प्रकार से आप उनकी बढ़ती हुई समझ का पता लगा सकते हैं।
अगर आप वास्तविक बैटरियों और बल्बों से प्रदर्शन कर सकें, तो सर्किट के रचना में फेरबदल करने के कुछ प्रभाव बल्बों को जलाने की वास्तविकता के साथ कार्डों को जोड़ने में उनकी मदद करेंगे।
विद्यार्थियों के कार्यप्रदर्शन में सुधार करने में लगातार निगरानी करना और उन्हें फीडबैक देना शामिल होता है, जिससे उन्हें पता रहे कि उनसे क्या अपेक्षित है? और उन्हें कामों का पूरा करने पर फीडबैक प्राप्त हो। आपकी रचनात्मक फीडबैक के माध्यम से वे अपने कार्यप्रदर्शन में सुधार कर सकते हैं।
प्रभावी शिक्षक अधिकांश समय अपने विद्यार्थियों का अवलोकन करते हैं। सामान्य तौर पर, अधिकांश शिक्षक अपने विद्यार्थियों के काम का अनुश्रवण, वे कक्षा में जो कुछ करते हैं उसे सुनकर और देखकर करते हैं। विद्यार्थियों की प्रगति को मापना करना महत्वपूर्ण होता है क्योंकि इससे उन्हें निम्नलिखित में मदद मिलती है:
इससे आपको एक शिक्षक के रूप में निम्नलिखित करने में भी मदद मिलती है–
विद्यार्थी सबसे अधिक सुधार तब करते हैं जब उन्हें उनकी प्रगति के बारे में स्पष्ट और ठीक समय पर फीडबैक दिया जाता है। अनुश्रवण करने का उपयोग करना, आपको विद्यार्थियों को बताने कि वे कैसे काम कर रहे हैं और उनके सीखने की प्रकिया को उन्नत करने में उन्हें किस अन्य चीज की जरूरत है? इस बारे में नियमित फीडबैक देने में सक्षम बनायेगा।
आपके सामने आने वाली चुनौतियों में से एक होगी अपने विद्यार्थियों की उनके स्वयं के सीखने के लक्ष्यों को तय करने में मदद करना, जिसे स्व-निगरानी भी कहा जाता है। विद्यार्थी, विशेष तौर पर, कठिनाई अनुभव करने वाले विद्यार्थी, स्वयं की सीखने की प्रक्रिया की क्षमता नहीं रखते हैं। लेकिन आप किसी विद्यार्थी को परियोजना के लिए, स्वयं के लक्ष्य या उद्देश्य तय करने, अपने कार्य की योजना बनाने और समय सीमाएं तय करने, और अपनी प्रगति की स्व-निगरानी करने में किसी भी विद्यार्थी की मदद कर सकते हैं। स्व-निगरानी के कौशल की प्रक्रिया का अभ्यास और उसमें कुशलता प्राप्त करना उनके विद्यालय में और उनके पूरे जीवन में उपयोगी साबित होगा।
अधिकांश समय, शिक्षक स्वाभाविक रूप से विद्यार्थियों की बात सुनते और उनका अवलोकन करते हैं; यह अनुश्रवण करने का एक सरल साधन है। उदाहरण के लिए, आप:
उपरोक्त से आप जो विचार एकत्रित करते हैं वे विद्यार्थियों के सीखने की प्रक्रिया या प्रगति वास्तविक हो। सिर्फ वही बात रिकार्ड करें जो आप देख सकते हैं सुन सकते हैं, और सिद्ध कर सकते हैं या जिस पर आप विश्वास कर सकते हैं।
जब विद्यार्थी काम कर रहे हों, तब कमरे में घूमें और संक्षिप्त रिकार्ड बनाएं। इसे आप कक्षा सूची की सहायता से रिकार्ड कर सकते हैं कि किन विद्यार्थियों को अधिक मदद की जरूरत है, और किसी भी उभरती गलतफहमी को भी नोट कर सकते हैं। इन अवलोकनों और रिकार्ड का उपयोग आप पूरी कक्षा को फीडबैक देने या समूहों अथवा विद्यार्थी विशेष को प्रेरित और प्रोत्साहित करने के लिए कर सकते हैं।
फीडबैक वह जानकारी होती है जो आप किसी विद्यार्थी को यह बताने के लिए देते हैं कि उन्होंने किसी लक्ष्य या अपेक्षित परिणाम के संबंध में कैसा कार्य किया है? प्रभावी फीडबैक विद्यार्थी के लिए–
जब आप प्रत्येक विद्यार्थी को फीडबैक देते हैं, तब उसे यह जानने में उनकी मदद करनी चाहिए कि–
यह याद रखना महत्वपूर्ण है कि प्रभावी फीडबैक विद्यार्थियों की मदद करती है। आप नहीं चाहते कि आपका फीडबैक अस्पष्ट या अन्यायपूर्ण होने के कारण सीखने की प्रक्रिया में कोई रूकावट बनें। प्रभावी फीडबैक हैं –
ध्यान और कहीं चला जाएगा और वह वापस लौटकर वह नहीं करना चाहेगा जिसके लिए उसे कहा गया है।
फीडबैक चाहे बोली जाए या विद्यार्थियों की कार्य पुस्तिका में लिखी जाए, वह तभी अधिक प्रभावी होती है यदि वह नीचे दिए गए दिशानिर्देशों का पालन करती है।
जब हमारी प्रशंसा की जाती है और हमें प्रोत्साहित किया जाता है तो आमतौर पर हम उस समय की अपेक्षा बहुत अधिक बेहतर महसूस करते हैं, जब हमारी आलोचना की जाती है या हमारी गलती सुधारी जाती है। सुदृढ़ीकरण और सकारात्मक भाषा पूरी कक्षा और सभी आयु के विद्यार्थियों के लिए प्रेरणादायक होती है। याद रखें कि प्रशंसा को विशिष्ट और स्वयं विद्यार्थी की बजाय किए गए कार्य पर लक्षित होना चाहिए, अन्यथा वह विद्यार्थी की प्रगति में मदद नहीं करेगी। ‘शाबाश’ अविशिष्ट शब्द है, इसलिए निम्नलिखित में से कोई बात कहना बेहतर होगा–
विद्यार्थियों के साथ आप जो बातचीत करते हैं वह उनके सीखने की प्रक्रिया में मदद करती है। यदि आप उन्हें बताते हैं कि उनका उत्तर गलत है और संवाद को वहीं पर समाप्त कर देते हैं। आप सोचने और स्वयं प्रयास करने में उनकी मदद करने का अवसर खो देते हैं। यदि आप विद्यार्थियों को संकेत देते हैं या तो आप उन्हें और सोचने को प्रेरित करते हैं और उत्तर खोजने तथा अपने स्वयं के सीखने का दायित्व लेने के लिए उन्हें प्रोत्साहित करते हैं। उदाहरण के लिए, आप बेहतर उत्तर के लिए प्रोत्साहित या किसी समस्या पर किसी अलग दृष्टिकोण को प्रेरित करने के लिए निम्नलिखित जैसी बातें कह सकते हैं–
विद्यार्थियों को एक दूसरे की मदद करने के लिए प्रोत्साहित करना उपयुक्त हो सकता है। आप यह काम निम्नलिखित जैसी टिप्पणियों के साथ शेष कक्षा के लिए अपने प्रश्नों को प्रस्तुत करके कर सकते हैं–
विद्यार्थियों को हां या नहीं के साथ सुधारना स्पेलिंग या संख्या के अभ्यास की तरह के कामों के लिए उपयुक्त हो सकता है , लेकिन यहां पर भी आप विद्यार्थियों को उभरते प्रतिमानों पर नजर डालने या समान उत्तरों से संबंध बनाने के लिए प्रेरित कर सकते हैं या बात – चीत शुरू कर सकते हैं कि कोई उत्तर गलत क्यों है
स्वयं सुधार करना और समकक्षों से सुधार करवाना प्रभावी होता है और आप इसे विद्यार्थियों को दिए गए कामों को जोड़ियों में करते समय स्वयं अपने और एक दूसरे के काम की जाँच करने को कहकर प्रोत्साहित कर सकते हैं। एक समय में एक पहलू को सही करने पर ध्यान केंद्रित करना सबसे अच्छा होता है ताकि गलतफहमियों में डालने वाली ढेर सारी जानकारी न हो।
अध्यापन के लिए केवल पाठ्यपुस्तकों का ही नहीं – बल्कि अनेक शिक्षण संसाधनों का उपयोग किया जा सकता है। यदि आप विभिन्न ज्ञानेंद्रियों (दृष्टि, श्रवण, स्पर्श, गंध, स्वाद) का उपयोग करने वाले तरीकों की प्रयोग करते हैं, तो आप विद्यार्थियों के सीखने के विभिन्न तरीकों का प्रयोग करेंगे। आपके परिवेश में संसाधन उपलब्ध हैं जिनका उपयोग आप कक्षा में कर सकते हैं, और जिनसे आपके विद्यार्थियों की शिक्षण-प्रक्रिया को समर्थन मिल सकता है। कोई भी स्कूल कम या बिना लागत लगाये शिक्षण संसाधनों की व्यवस्था कर सकता है। इन सामग्रियों को स्थानीय पर्यावरण से प्राप्त करके, पाठ्यक्रम और आपके विद्यार्थियों के जीवन के बीच संबंध बनाए जाते हैं।
आपको अपने नजदीकी पर्यावरण में ऐसे लोग मिलेंगे जो विभिन्न प्रकार के कौशलों में निपुण होते हैं; आपको विभिन्न प्रकार के प्राकृतिक संसाधन भी मिलेंगे। इससे आपको स्थानीय समुदाय के साथ संबंध जोड़ने, उसके महत्व को प्रदर्शित करने, विद्यार्थियों को उनके पर्यावरण की प्रचुरता और विविधता को देखने के लिए प्रोत्साहित करने, और संभवतः सबसे महत्वपूर्ण रूप से, विद्यार्थियों के शिक्षण में समग्र दृष्टिकोण – यानी, स्कूल के भीतर और बाहर शिक्षा को अपनाने की ओर काम करने में सहायता मिल सकती है।
लोग अपने घरों को यथासंभव आकर्षक बनाने के लिए कठिन मेहनत करते हैं। उस पर्यावरण के बारे में सोचना भी महत्वपूर्ण है जहाँ आप अपने विद्यार्थियों को शिक्षित करने की अपेक्षा करते हैं। आपकी कक्षा और स्कूल को सीखने की एक उपयुक्त जगह बनाने के लिए आप जो कुछ भी कर सकते हैं उसका आपके विद्यार्थियों पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। अपनी कक्षा को रोचक और आकर्षक बनाने के लिए आप बहुत कुछ कर सकते हैं – उदाहरण के लिए, आप–
यदि आप गणित में पैसे या परिमाणों पर काम कर रहे हैं, तो आप बाज़ार के व्यापारियों या दर्जियों को कक्षा में आमंत्रित कर सकते हैं और उन्हें यह समझाने को कह सकते हैं कि वे अपने काम में गणित का उपयोग कैसे करते हैं। वैकल्पिक रूप से, यदि आप कला विषय के अंतर्गत पैटर्न और आकारों जैसे विषय पर काम कर रहे हैं, तो आप मेहंदी डिजाइनरों को स्कूल में बुला सकते हैं ताकि वे भिन्न–भिन्न आकारों, डिजाइनों, परम्पराओं और तकनीकों को समझा सकें। अतिथियों को आमंत्रित करना तब सबसे उपयोगी होता है जब शैक्षणिक उद्देष्यों के संबंध में प्रत्येक व्यक्ति को स्पष्ट होता है और सामयिकता की साझा अपेक्षाएं मौजूद होती हैं।
आपके पास स्कूल समुदाय में विशेषज्ञ उपलब्ध हो सकते हैं जैसे (रसोइया या देखभालकर्ता) जिन्हें विद्यार्थियों द्वारा अपने शिक्षण के संबंध में प्रतिबिंबित किया जा सकता है अथवा वे उनके साथ साक्षात्कार कर सकते हैं; उदाहरण के लिए, पकाने में इस्तेमाल की जाने वाली मात्राओं का पता लगाने के लिए, या स्कूल के मैदान या भवनों पर मौसम कैसे प्रभाव डालता है।
आपकी कक्षा के बाहर ऐसे अनेक संसाधन उपलब्ध हैं, जिनका प्रयोग आप अपने पाठों में कर सकते हैं। आप पत्तों, मकड़ियों, पौधों, कीटों, पत्थरों या लकड़ी जैसी वस्तुओं को एकत्रित कर सकते हैं (या अपनी कक्षा से एकत्रित करने को कह सकते हैं)। इस संसाधनों के प्रयोग से कक्षा शिक्षण को रुचिकर बनाया जा सकता है। विद्यार्थियों को परिचर्चा जैसे वर्गीकरण से संबंधित गतिविधि, या अथवा प्रयोग के लिए उद्देश्य उपलब्ध करा सकते हैं, जैसे वर्गीकरण से सम्बन्धित गतिविधि, सजीव या निर्जीव वस्तुएं। बस की समय सारणियों या विज्ञापनों जैसे संसाधन भी आसानी से उपलब्ध हो सकते हैं जो आपके स्थानीय समुदाय के लिए प्रासंगिक हो सकते हैं – इन्हें शब्दों को पहचानने, गुणों की तुलना करने या यात्रा के समयों की गणना करने के कार्य निर्धारित करके सीखने की क्षमता को बढ़ाने में शिक्षा के संसाधनों में बदला जा सकता है।
कक्षा में बाहर से वस्तुएं लाई जा सकती हैं- लेकिन बाहरी स्थान भी आपकी कक्षा का विस्तार हो सकते हैं। आम तौर पर सभी विद्यार्थियों के लिए चलने-फिरने और अधिक आसानी से देखने के लिए बाहर अधिक जगह होती है। जब आप सीखने के लिए अपनी कक्षा को बाहर ले जाते हैं, तो वे निम्नलिखित गतिविधियो को कर सकते हैं–
दिन के भिन्न समयों पर परछाइयों की लंबाई रिकार्ड करना।
बाहर, उनका शिक्षण वास्तविकताओं तथा उनके स्वयं के अनुभवों पर आधारित होता है, तथा शायद अन्य संदर्भों में अधिक लागू हो सकता है।
यदि आपके बाहर के काम में स्कूल के परिसर को छोड़ना शामिल हो तो, जाने से पहले आपको स्कूल के प्रधान अध्यापक की अनुमति लेनी चाहिए, समय सारणी बनानी चाहिए, सुरक्षा की जाँच करनी चाहिए और विद्यार्थियों को नियम स्पष्ट करने चाहिए। इससे पहले कि आप बाहर जाएं, आपको और आपके विद्यार्थियों को यह बात स्पष्ट रूप से पता होनी चाहिए कि किस संबंध में जानकारी प्राप्त की जाएगी।
चाहें तो आप मौजूदा संसाधनों को अपने विद्यार्थियों के लिए कहीं अधिक उपयुक्त बनाने हेतु उन्हें अनुकूलित कर सकते हैं। ये परिवर्तन छोटे से हो सकते हैं किंतु बड़ा अंतर ला सकते हैं, विशेष तौर पर यदि आप शिक्षण को कक्षा के सभी विद्यार्थियों के लिए प्रासंगिक बनाने का प्रयास कर रहे हैं। उदाहरण के लिए, आप स्थान और लोगों के नाम बदल सकते हैं यदि वे दूसरे राज्य से संबंधित है, या गाने में व्यक्ति के लिंग को बदल सकते हैं, या कहानी में शारीरिक रूप से अक्षम विद्यार्थी को शामिल कर सकते हैं। इस तरह से आप संसाधनों को अधिक समावेशी और अपनी कक्षा और उनकी शिक्षण-प्रक्रिया के उपयुक्त बना सकते हैं।
साधन संपन्न होने के लिए अपने सहकर्मियों के साथ काम करें। संसाधनों को विकसित करने और उन्हे अनुकूलित करने के लिए आपके बीच के ही कई कुशल व्यक्ति मिल जाएंगे। एक सहकर्मी के पास संगीत, जबकि दूसरे के पास कठपुतलियाँ बनाने या कक्षा के बाहर के विज्ञान को नियोजित करने के कौशल हो सकते हैं। आप अपनी कक्षा में जिन संसाधनों को उपयोग करते हैं उन्हें अपने सहकर्मियों के साथ साझा कर सकते हैं जिससे आपके स्कूल के सभी क्षेत्रों में एक समुचित शैक्षिक माहौल बनाने में आप सबकी सहायता हो सके।
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कॉपीराइट के स्वामियों से संपर्क करने का हर प्रयास किया गया है। यदि किसी को अनजाने में अनदेखा कर दिया गया है, तो पहला अवसर मिलते ही प्रकाशकों को आवश्यक व्यवस्थाएं करने में हर्ष होगा।
वीडियो (वीडियो स्टिल्स सहित): भारत भर के उन अध्यापक शिक्षकों, मुख्याध्यापकों, अध्यापकों और विद्यार्थियों के प्रति आभार प्रकट किया जाता है जिन्होंने उत्पादनों में दि ओपन यूनिवर्सिटी के साथ काम किया है।