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विज्ञान की कक्षा में भाषा : कोशिकाएं

यह इकाई किस बारे में है

इस इकाई द्वारा आपको इस बात को समझने में मदद मिलेगी कि विद्यार्थियों की विज्ञान के प्रति समझ का विकास करने में भाषाएं मुख्य भूमिका निभाती हैं। इसमें आपको अपनी कक्षा में इस्तेमाल करने के लिए कुछ सरल कार्यनीतियां प्रदान की गई हैं जिनसे आपके विद्यार्थियों को अपनी विज्ञान संबंधी साक्षरता को बढ़ाने में मदद मिलेगी।

विज्ञान के सीखने में एक नई भाषा – विज्ञान की भाषा को जानना शामिल होता है। लेकिन विज्ञान को सीखने में अधिकांश विद्यार्थियों के लिए भाषा एक प्रमुख बाधा हो सकती है। विद्यार्थियों के द्वारा वैज्ञानिक भाषा के इस्तेमाल में अनुभव की जाने वाली समस्याएं, विज्ञान को समझने और उसकी तार्किकता के संबंध में एक प्रमुख अवरोध हैं। अच्छे अध्यापकों को उनके विद्यार्थियों द्वारा वैज्ञानिक शब्दों को समझे जाने की जानकारी होती है। अध्यापकों के पास विशिष्ट शब्दों के लिए साझा समझ–बूझ का विकास करने के लिए कार्यनीतियां होती हैं।

यहां पर ‘जीवन की आधारभूत इकाई’ (कोशिकाएं) विषय के संदर्भ में तकनीकों को समझाया गया है। तथापि, वर्णित तकनीकों और सुझावों को विज्ञान पाठ्यक्रम से जुड़े अनेक विषयों से संबंध बनाने में प्रयोग करने में लाया जा सकता है।

आप इस इकाई में क्या सीख सकते हैं

  • विज्ञान में भाषा विकास के लिए स्पष्ट नियोजन का महत्व।
  • विज्ञान की भाषा संबंधी कठिनाइयों के समाधान के लिए कई तकनीकें।
  • विज्ञान के बारे में विद्यार्थियों को लिखने के लिए प्रोत्साहित करते हुए उनके भाषा विकास में आपके द्वारा सहायता करने के तरीके।

यह दृष्टिकोण क्यों महत्वपूर्ण है

भाषा विकास और अवधारणा विकास एक दूसरे से गहराई से जुड़े हैं– विचार के लिए भाषा की जरूरत होती है और भाषा के लिए विचार की जरूरत होती है। इसलिए, जब आप अपने विज्ञान के पाठों की योजना बनाते हैं, तो यह महत्वपूर्ण है कि आप अपने विद्यार्थियों के भाषा विकास पर भी विचार करें।

आपके अनेक विद्यार्थी बहुभाषी हो सकते हैं, इसलिए कक्षा की भाषा संभवतः उस भाषा से अलग हो सकती है जिसका इस्तेमाल वे अपने पाठों के अतिरिक्त करते हैं। इससे यह कहीं अधिक महत्वपूर्ण हो जाता है कि आप अपने पाठों के बीच समय का अंतराल रखें जिससे विद्यार्थी नए शब्दों को सीख सकें और उनका अभ्यास कर सकें।

आप ऐसा उन्हें जोड़ी में या समूहों में बातचीत करके शब्दों का इस्तेमाल करने का अवसर देकर कर सकते हैं। नए शब्द का अर्थ समझने के साथ–साथ कभी–कभी उसका उच्चारण भी कठिन हो सकता है। लिखित कार्यों में शब्दों के इस्तेमाल से भी आपके विद्यार्थियों को उचित वैज्ञानिक अर्थों को समझने का विकास करने में सहायता मिलेगी। यदि विद्यार्थी महत्वपूर्ण विज्ञान शब्दों को नहीं समझते हैं, तो वैज्ञानिक अवधारणाओं को समझने की उनकी समझ सीमित होगी।

1 कठिन शब्दों को समझना

विज्ञान की भाषा विशिष्ट और तकनीकी भाषा होती है, जिसके कारण यह पाठयक्रम का खास विषय होती है। विद्यार्थियों द्वारा वैज्ञानिक शब्दावली को समझने में तीन मुख्य प्रकार की समस्याओं का सामना किया जाता है।

  • अपरिचित शब्द: वैज्ञानिक अक्सर चिर–परिचित वस्तुओं के लिए वैज्ञानिक शब्दों का इस्तेमाल करते हैं। उदाहरण के लिए, किसी वैज्ञानिक द्वारा ‘पानी’ के स्थान पर ‘जल (एकुआ)’, ‘प्रकाश (लाइट)’ के स्थान पर ‘फोटो’ तथा जब ‘छोटा’ कहने का आशय होगा तो वह ‘व्यष्टि (माइक्रो)’ का इस्तेमाल करता है। तब इनमें से अनेक शब्दों को जटिल, संयुक्त शब्दों को बनाने के लिए एक साथ जोड़ दिया जाता है, जैसे फोटोसिन्थेसिस (प्रकाश–संश्लेषण) या माइक्रोस्कोप (सूक्ष्मदर्शी)।
  • विशेषज्ञतापूर्ण अर्थ: विज्ञान में अनेक शब्दों के दैनिक जिंदगी में अर्थ होते हैं और साथ ही उनके विशिष्ट वैज्ञानिक अर्थ भी होते हैं, जैसे उर्जा, आचरण या क्षमता आदि। प्रायः विद्यार्थियों को गलतफहमियां हो जाता है कि कौन से अर्थ का प्रयोग किया जाए तथा उन्हें भिन्न–भिन्न संदर्भों में स्वीकार्य वैज्ञानिक शब्दों को पढ़ाने की आवश्यकता होती है।
  • कठिन अवधारणाएं: विज्ञान में अनेक गैर–तकनीकी शब्दों का इस्तेमाल किया जाता है, जैसे ‘प्रकाशन (इलुमिनेट)’, ‘घटक (फैक्टर)’ या ‘सिद्धातं (थ्योरी)’। अक्सर अध्यापक यह मान लेते हैं कि उनके विद्यार्थी ऐसे शब्दों के अर्थ समझते हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि उन्हें पढ़ना आसान होता है। लेकिन अक्सर इन शब्दों का आशय जटिल कठिन वैज्ञानिक अवधारणाओं से होता है। विद्यार्थियों को इसे सार रूप में प्रस्तुत अवधारणाओं की केवल आंशिक या गलत समझ होती है।

2 जटिल संयुक्त शब्दों को समझना

अंग्रेजी में अनेक वैज्ञानिक शब्दों को ग्रीक या लैटिन शब्दों के उद्गम (स्रोत) या सूत्रों के संयोजन से व्यवस्थित रूप से तैयार किया गया है। उदाहरण के लिए, ‘क्लोरोफिल ‘chlorophyll’ में दो हिस्से हैं: ‘क्लोरो (chloro–)’ जिसका अर्थ है हरा, और ‘–फिल (–phyll)’ जिसका अर्थ है पत्ता। इसलिए, शब्द के अर्थ के संबंध में बेहतर अर्थ का आशय हरी पत्तियों से हो सकता है।

शब्दों के अर्थ को समझने में विद्यार्थियों की मदद करने के लिए प्रयोग की जाने वाली यह अच्छी कार्यनीति है। यदि विद्यार्थी स्वयं किसी शब्द का अर्थ समझ लेते हैं, तो इस बात की संभावना अधिक है कि वे भविष्य में इसे याद रख पाएंगे। इससे उन्हें समान शब्दों को समझने में मदद मिलेगी तथा वे पाठयक्रम के विभिन्न हिस्सों के बीच में सम्बन्ध भी बना पाएंगे। उदाहरण के लिए, ‘फोटो– (photo–)’ का संबंध जीवविज्ञान में ‘फोटोसिंथेसिस (photosynthesis)’ से और भौतिकी में, ‘फोटोन (photon)’ या ‘फोटोडायोड (photodiode)’ से होता है।

विचार के लिए रुकें

  • क्या, कभी आपने इस तरह से शब्दों के अर्थ समझने का प्रयास किया है?
  • आपके विचार से इससे आपके विद्यार्थियों को किस प्रकार से सहायता मिल सकती है?

वैज्ञानिक शब्दों के अर्थ को समझने से विद्यार्थियों को उनकी वर्तनी को सीखने में भी मदद मिल सकती है। इससे उन्हें अर्थ के संबंध में अनुमान लगाने या कम से कम शब्द के अर्थ को समझने में मदद मिल सकती है, यदि वे शब्द से अपरिचित हैं। संसाधन 1 में सामान्यतः इस्तेमाल किए जाने वाले लैटिन और ग्रीक शब्द उद्गम (स्रोत) और सूत्रों की सूची दी गई है। ऐसी अनेक वेबसाइटें हैं जहां पर अधिक विस्तृत सूचियां प्रदान की गई है।

अर्थ समझने के लिए खास टिप्स

जब आप शब्दों का अर्थ समझने की कोशिश कर रहे हैं, तो संभव है कि शब्दों का क्रम हमेशा उपयुक्त ही हो, लेकिन उसके बारे में चिंतित न हों। संभव हो कि आप शब्द के एक हिस्से को ही खोज पाएं, लेकिन आपको उससे अर्थ के बारे में एक अच्छा संकेत मिल सकता है। शब्द के दो हिस्सों के बीच में ‘o’, ‘a’ या ‘i’ जैसे अतिरिक्त अक्षरों को नज़रअंदाज़ किया जा सकता है।

गतिविधि 1: अपरिचित शब्दों का अर्थ समझना

यह एक छोटी गतिविधि है जिसे आप पाठ के अंत में कर सकते हैं। उद्देश्य यह है कि अपने विद्यार्थियों को यह समझने में मदद करें कि वे एकमात्र ऐसे व्यक्ति नहीं हैं जो किसी खास शब्द का अर्थ नहीं समझते हैं। ऐसी कार्यनीतियों को विकसित करने के लिए प्रोत्साहित करें जिससे वे इस बाद में अंदाज लगा सकें कि शब्द का क्या अर्थ हो सकता है।

अपने विषय से संबंधित कुछ शब्दों को ब्लैकबोर्ड पर लिखें। आप शब्दों को अपनी पाठयपुस्तक के अध्याय से चुन सकते हैं। उदाहरण के लिए, आप चुन सकते हैं–

  • फोटोट्रॉपिक
  • फोटोसिंथेसिस
  • थमोर्क्रोमिक
  • फोटोक्रोमिक

अपने विद्यार्थियों को जोड़ी में निम्नलिखित सूत्रों से शब्दों के अर्थ को बताने के लिए कहें–

  • ‘photo’ – प्रकाश (light)

  • ‘chrom’ – रंग (colour)
  • ‘therm’ – ताप (heat)
  • ‘synthesis’ – बनाना या सृजित करना (make or build up)
  • ‘tropic’ – टर्निंग (turning)

यदि आपके पास अलग शब्द हैं, तो आपको अपने विद्यार्थियों को कुछ अधिक ‘शब्द सूत्र’ देने होंगे। अपनी मदद के लिए संसाधन 1 का प्रयोग करें

3 दोहरे अर्थ वाले वैज्ञानिक शब्द

प्रायः वैज्ञानिक भाषा और शब्दों का दैनिक जीवन में दिए गए अर्थों के बीच में द्वंद होता है। उदाहरण के लिए, वे ‘कार्य’ शब्द को नियोजन या फील्ड में गतिविधि से जुड़ा हुआ मानते हैं। यद्यपि, उन्हें यह समझना चाहिए कि विज्ञान में, ‘कार्य करना’ का अर्थ बहुत ही विशिष्ट अर्थ है और इसमें दूरी के संदर्भ में बल का प्रयोग होता है। ऐसे ही अन्य शब्दों में ‘ऊर्जा’, ‘ऊतक’ और ‘बल’ शामिल हैं। आप पाठयचर्या में दूसरे शब्दों पर विचार कर सकते हैं।

अपने विद्यार्थियों को शब्दों के उद्यगम के बारे में समझाना उपयोगी होता है। ‘जीवन की आधारभूत इकाई’ कोशिकाओं से संबंधित है, और ‘कोशिकाओं’ का वैज्ञानिक शब्द के रूप में पहली बार इस्तेमाल रॉबर्ट हुक द्वारा किया गया था जब उन्होंने 1665 में सूक्ष्मदर्शी के माध्यम से कॉर्क के एक टुकड़े को देखा था।

कोशिकाओं के अध्ययन से अनेक नए शब्द जुड़े हैं तथा आपको यह सुनिश्चत करने की आवश्यकता है कि आपके विद्यार्थियों के पास उनके इस्तेमाल के संबंध में अभ्यास करने का अवसर है। पढ़ाने की तैयारी करने के लिए गतिविधि 2 आपके द्वारा स्वयं करने या किसी सहकर्मी के साथ करने के लिए है। गतिविधि 3 को आपके विद्यार्थियों के साथ किया जाना चाहिए तथा केस स्टडी 1 यह दिखाता है कि अध्यापक पदम ने किस प्रकार से एक शब्द दीवार को तैयार करके अपनी कक्षा को वैज्ञानिक शब्दों की जानकारी दी थी।

गतिविधि 2: कोशिका विषय के आरम्भ में कठिन शब्दों की पहचान करना।

‘जीवन की आधारभूत इकाई’ को पढ़ाने की तैयारी करने के लिए गतिविधि आपके द्वारा स्वयं करने या किसी सहकर्मी के साथ करने के लिए है। इस गतिविधि का उद्देश्य, इस विषय में वैज्ञानिक शब्दों को समझने की आपकी जानकारी की जांच करना और आपको उन कठिनाईयों के बारे में सोचने में मदद करना है जिनका सामना आपके विद्यार्थियों द्वारा किया जाएगा।

  • जिस अध्याय को आप पढ़ा रहे हैं, उसे अपनी पाठयपुस्तक में पढ़ें, तथा कोशिकाओं के बारे में सीखने से संबंधित सभी तकनीकी शब्दों को लिखें।
  • हाईलाइटर पेन या पैंसिल का प्रयोग करते हुए, उन शब्दों को हाईलाइट करें जिन्हें विद्यार्थियों द्वारा पहले देखा गया हो सकता है, वह पूर्णतया किसी अलग संदर्भ में हो।
  • उन विशिष्ट वैज्ञानिक शब्दों को रेखांकित करें जो उनके लिए नए हो सकते हैं।
  • अपने आप एक शब्दावली तैयार करें – परिभाषा सहित शब्दों की सूची। प्रत्येक परिभाषा को जितना सरल हो सके, उतना सरल लिखने की कोशिश करें। यदि आप ऐसी किन्ही सादृश्यताओं के बारे में सोच सकते हैं जो सहायक हो सकती हैं, तो उन्हें भी लिख लें। उदाहरण के लिए, कोशिका झिल्ली एक छलनी की तरह काम करती है। छिद्रों का आकार ऐसा होता है कि जिसमें से कुछ अणु गुजर सकते हैं, और कुछ नहीं गुजर सकते हैं।

जब आप नए शब्दों या ऐसे शब्दों, जिनके विशिष्ट वैज्ञानिक अर्थ हैं, का इस्तेमाल करना शुरू करते हैं, तो इस शब्दावली को कक्षा में इस्तेमाल करने के लिए अपने पास रखें। आप अपने विद्यार्थियों को उनकी अपनी शब्दावलियों का विकास करने के लिए प्रेरित कर सकते हैं।

गतिविधि 3: महत्वपूर्ण शब्द

महत्वपूर्ण शब्द आपके विषय से संबंधित सर्वाधिक महत्वपूर्ण शब्द होते हैं जिन्हें आपके विद्यार्थियों को जानने की आवश्यकता होती है। महत्वपूर्ण शब्दों में नाम, प्रक्रियाएं या अवधारणाएं शामिल हो सकती हैं। महत्वपूर्ण शब्दों में नाम समझने के संदर्भ में सबसे सरल शब्द होते हैं। विद्यार्थियों के लिए प्रक्रियाओं और अवधारणा से संबंधित महत्वपूर्ण शब्दों को समझना कठिन हो सकता है। प्रत्येक अध्याय में अनेक नाम शामिल होंगे। प्रत्येक अध्याय में प्रक्रिया से संबंधित कम शब्द होते हैं और केवल एक या दो अवधारणा शब्द होते हैं।

जिस अध्याय पर आप काम कर रहे हैं, उस अध्याय से संबंधित महत्वपूर्ण शब्दों की सूची तैयार करें। महत्वपूर्ण शब्दों की एक अच्छी सूची में, अनेक भिन्न–भिन्न प्रकार के शब्द होते हैं। उदाहरण के लिए, कोशिका अध्याय के लिए कुछ महत्वपूर्ण शब्दों में निम्नलिखित शामिल हो सकते हैं–

  • नाम: ‘न्यूक्लियस’, ‘एण्डोप्लास्मिक रेटिकुलम’, ‘प्लास्टिड’, ‘माईटोकोंड्रिया’, ‘वैकुओल’ …
  • प्रकियाएं: ‘प्रजनन’, ‘परासरण’, ‘मेम्ब्रेन बायोजेनेसिस’ …
  • अवधारणाएं: ‘अनुकूलन’ …

प्रति अध्याय लगभग 10–15 महत्वपूर्ण शब्द आमतौर पर पर्याप्त रहते हैं। कमजोर विद्यार्थियों के लिए कम कठिन लेकिन इतनी बड़ी संख्या में महत्वपूर्ण शब्द नहीं होने चाहिए।

आपको अपने विद्यार्थियों को प्रत्येक अध्याय के आरम्भ में महत्वपूर्ण शब्दों की सूची देनी चाहिए। ऐसा करने का एक तरीका यह हो सकता है कि उन्हें पोस्टर पर लिख दिया जाए और पोस्टर को ब्लैकबोर्ड के समीप रखा जाए। आपके विद्यार्थी प्रत्येक पाठ के दौरान उन्हें देख पाएंगे। आपके सामान्य शिक्षण के एक भाग के रूप में पूरे अध्याय के दौरान इन शब्दों का इस्तेमाल और संदर्भ नियमित रूप से किया जाना चाहिए।

यदि आपके द्वारा महत्वपूर्ण शब्दों का बेहतर ढंग इस्तेमाल किया जाता है, तो विषय के अंत में आपके विद्यार्थी उन शब्दों से परिचित हो जाएंगे। वे दूसरों के साथ विषय के संबंध में अपने विचारों का संप्रेषण करने में उनका सटीक तौर पर दैनिक जीवन में इस्तेमाल कर पाएंगे। आप अध्याय के संबंध में उनके स्पष्टीकरणों और समझ में बहुत सुधार को देख पाएंगे।

जब आप ऐसा कुछ बार कर चुके होंगे, तो आपके विद्यार्थी स्वयं महत्वपूर्ण शब्दों की अपनी सूचियां तैयार करना शुरू करने में समर्थ हो जाएंगे, तथा वे इनको कक्षा में साझा कर सकते हैं और विषय को दोहराने में वे इनका इस्तेमाल कर पाएंगे।

केस स्टडी 1: ‘जीवन की आधारभूत इकाई’ अध्याय के लिए महत्वपूर्ण शब्दों की दीवार तैयार करना

अध्यापक पदम द्वारा इसी विषय को पढ़ाने वाले एक अन्य सहकर्मी अध्यापक के साथ महत्वपूर्ण शब्दों की एक दीवार को तैयार किया गया।

कक्षा IX में कुछ विद्यार्थी ऐसे घरों से आते हैं जिन घरों में पुस्तकें हैं और उनके माता–पिता उनके स्कूल के काम के बारे में उनसे बातचीत करते हैं। लेकिन, कुछ बच्चे निर्धन घरों से आते हैं। वे केवल स्कूल में ही पुस्तकों को इस्तेमाल करते हैं और घर पर स्कूल के बारे में बातचीत करने का उन्हें अवसर नहीं मिलता है। उनकी उपस्थिति का स्तर भी बहुत अच्छा नहीं होता है क्योंकि उन्हें अपने अपने परिवार के लिए काम करने के लिए घर पर ही रूकना पड़ता है।

मैंने यह महसूस किया कि हमारे अगले विषय ‘जीवन की आधारभूत इकाई’ में अनेक नए और कठिन शब्द हैं। सहकर्मी के साथ हमने महत्वपूर्ण शब्दों के तौर पर अपने विषय में से 15 वैज्ञानिक शब्दों को चुना। हमने प्रत्येक शब्द को स्केच पेन से एक कागज पर लिखा। मैंने उस कागज को कक्षा की एक दीवार पर टांग दिया। परिभाषाओं को जोड़ने के लिए मैंने शब्दों के बीच में पर्याप्त जगह छोड़ दी थी। जब कक्षा IX के विद्यार्थी कक्षा में आए, तो दीवार पर टंगे कागज को देखकर काफी उत्सुक हुए। इस प्रकार, मैंने उनसे यह कहते हुए अपनी बात शुरू किया– ‘जोड़ियों में काम करें और तीन सूचियां तैयार करें। वे शब्द जिनके आप अर्थ जानते हैं, वे शब्द जिनके बारे में पहले आपने कभी नही सुना है तथा वे शब्द जिनके बारे में आपने सुना है, लेकिन सुनिश्चित नहीं है कि उन शब्दों के क्या अर्थ हैं? मैंने उनसे कहा कि जब हम कोशिकाओं के बारे में पढ़ेंगे, तब हम फिर से सूची को देखेंगे तथा विषय के अंत तक लक्ष्य यह था कि सभी शब्दों को पहली सूची में रखा जाए।

अध्याय की समाप्ति के समीप, मैंने अपने विद्यार्थियों को उनकी सूचियां खोजने और यह जांच करने के लिए कहा कि वे कितने शब्दों को जानते हैं। कक्षा में घूमने के दौरान, मैं यह देख पाने में सक्षम हुआ कि कौन–कौन से विद्यार्थियों को कुछ शब्दों के साथ अभी भी असुविधा हो रही है, ताकि मैं अपने अगले पाठ के संदर्भ में उनकी सहायता के लिए इन शब्दों बारे में कुछ और गतिविधियां कर सकूं।

4 विज्ञान में बोलना और सुनना

किसी भी नई भाषा को सीखने वाले विद्यार्थियों के लिए इसको बोलने का अभ्यास करने का अवसर तथा इसे सुनने का अवसर होना चाहिए। ऐसा तब भी सच होता है कि जब विद्यार्थी विज्ञान की भाषा सीखते हैं।

केस स्टडी 2: शब्दों पर बातचीत

श्रीमती गुप्ता ने एक पाठ के बारे में अपना अनुभव बताया जिसमें उनके विद्यार्थियों द्वारा महत्वपूर्ण शब्दों का इस्तेमाल करते हुए बोलने और सुनने के खेल को खेला गया था।

मेरी कक्षा में एक बहुत शांत स्थान है। मुझे इस पर गर्व है। एक दिन बरामदे की एक कक्षा से काफी शोर–शराबा सुनाई दे रहा था। मैं शिकायत करने के लिए अंदर गई क्योंकि जो कुछ मैं बोल रही थी, उसे मैं खुद भी नहीं सुन पा रही थी। जो कुछ मैंने देखा, वह बहुत हैरानगी भरा था लेकिन खराब में नहीं। अध्यापक पदम ने समझाया कि वह क्या कर रहे थे? और क्यों कर रहे थे? मैंने जो कुछ देखा, वह मुझे इतना अच्छा लगा कि मैंने भी इस विचार को जल्द ही अपने विद्यार्थियों के साथ दोहराने की योजना बना ली। उन्होंने मुझे यह बताया–

श्रीमती गुप्ता, मुझे यह सुनिश्चित करना है कि मेरे सभी विद्यार्थियों को कक्षा में बातचीत के दौरान महत्वपूर्ण शब्दों का इस्तेमाल करने का अवसर मिले। मेरे विचार से इससे उन्हें वैज्ञानिक विचारों को बेहतर तरीके से समझने में मदद मिलेगी।

मैंने, एक गेम के बारे में सोचा है जिसे हम प्रत्येक पाठ की समाप्ति पर पांच मिनटों के लिए खेल सकते हैं, जिसे आप अभी देख रही हैं। मैंने महत्वपूर्ण शब्द की परिभाषा दी और किसी स्वयंसेवक से उसके लिए शब्द बताने के लिए कहा। प्रत्येक बार, जो व्यक्ति शब्द का अनुमान लगाता है, उसे दूसरे के लिए एक परिभाषा प्रदान करनी होती है। इसके विपरीत भी गेम को खेलना अच्छा पाया गया। एक विद्यार्थी एक शब्द चुनता है तथा वे परिभाषा देने के लिए किसी दूसरे विद्यार्थी को नामित करते हैं।

इसके मायने यह हैं कि मेरे सभी विद्यार्थियों को महत्वपूर्ण शब्दों को सुनने और उनका प्रयोग करने का अवसर मिलता है।

मेरे एक विद्यार्थी, संजय ने एक विकल्प का सुझाव दिया, वह भी अच्छा मजेदार है। सभी शब्दों को एक अलग कागज पर लिख लें तथा उन्हें कटोरे में रखें। किसी को कटोरे में से एक शब्द निकालने के लिए कहें। दूसरे विद्यार्थियों को उनसे प्रश्न पूछने होते हैं जिससे वे यह कोशिश कर सकें और अनुमान लगा सकें कि उन्होंने किस शब्द को चुना है, लेकिन वे केवल ‘हां’ अथवा ‘नहीं’ में उत्तर दे सकते हैं।

ऐसे अनेक शब्द गेम हैं जिन्हें आप अपने विद्यार्थियों के साथ खेल सकते हैं। ‘गेम का इस्तेमाल करना’ इकाई में अधिक विचार दिए गए हैं। विद्यार्थियों के लिए खेल बहुत प्रेरणादायक हो सकते हैं और उन्हें सीखने का अवसर भी मिलता है। अक्सर उन्हें यह आभास ही नहीं होता कि वे सीख रहे हैं क्योंकि यह सब कुछ मौज मस्ती में होता है। शब्द गेमों से विद्यार्थियों को विज्ञान के बारे में बातचीत करने का अच्छा अवसर मिलता है। इससे उनके समझने में भी मदद प्राप्त होगी। आप संसाधन 2 ‘शिक्षण के लिए बात करें’ में अधिक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

चित्र 1 अपने विद्यार्थियों को नए शब्दों का अभ्यास करने का मौका देने और इस बात की जांच करने के लिए कि वे इस बात को समझते हैं कि उनके क्या अर्थ हैं, किसी जटिल चित्र पर लेबल लगाने के लिए मिलजुल कर काम करना एक अच्छा तरीका है।

यदि आपके विद्यार्थियों के लिए वैज्ञानिक शब्दों का उच्चारण करना कठिन लगता है, तो आप उनको मोबाइल फोन पर अभ्यास करने और अपनी आवाज को रिकार्ड करने के लिए हमेशा प्रोत्साहित कर सकते हैं। वे एक दूसरे की रिकॉर्डिंग को सुन सकते हैं और फीडबैक दे सकते हैं।

5 विज्ञान में लेखन

इस बात की संभावना है कि विद्यार्थियों द्वारा अधिकांश लेखन कार्य ब्लैकबोर्ड या पाठयपुस्तकों में से कॉपी करके या आपके द्वारा दिए गए नोट्स को लिख कर किया जाता है। वे प्रश्नों के उत्तर भी लिखेंगे। स्पष्ट रूप से यह महत्वपूर्ण है क्योंकि आप यह चाहेंगे कि उनके पास उन सभी चीजों का रिकॉर्ड हो जिसका परीक्षा के लिए जिनका ज्ञान होना आवश्यक होता है।

यद्यपि, अपने विद्यार्थियों को विज्ञान के बारे में उनके स्वयं के शब्दों में लिखने का अवसर देना, साथ ही आपके लिए बहुत सहायक साबित होगा। इससे उन्हें अपने लिए विचारों को तैयार करने का अवसर मिलेगा और आपको उनकी समझ के स्तर के बारे में जानने का अवसर प्राप्त होगा।

यदि विद्यार्थी स्वतंत्र रूप से लिखने के आदी नहीं हैं तो राइटिंग फ्रेम से उनकी सोच की प्रक्रिया में सहायता प्राप्त हो सकती है। खाली पेज पर लिखने से शुरूआत करके गतिविधि को आरम्भ करना अधिकांश विश्वास से भरे विद्यार्थियों के लिए भी कठिन कार्य हो सकता है। राइटिंग फ्रेम एक सॉचा होता है जो आपके विद्यार्थियों को किसी खास गतिविधि के लिए संरचना प्रदान करता है और उनका मार्गदर्शन करता है। उन्हें तैयार करना सरल होता है, साथ ही इस इकाई के अंत में आप उसका उदाहरण देख सकते हैं। यदि आपके पास वेब उपलब्ध है, तो इंटरनेट पर अनेक उदाहरण उपलब्ध हैं। कमजोर और तेज विद्यार्थियों की आवश्यकताओं के अनुरूप आप राइटिंग फ्रेम्स को सरल या कठिन बना सकते हैं।

विचार के लिए रुकें

  • आपके विद्यार्थी कितना लेखन कार्य करते हैं?
  • आपके विद्यार्थी किस विषय के बारे में लेखन कार्य करते हैं?

गतिविधि 4: राइटिंग फ्रेम का इस्तेमाल करना

इस गतिविधि को आपके द्वारा अपनी कक्षा के साथ किया जाना चाहिए। इससे आपको तथा आपके विद्यार्थियों को सरल राइटिंग फ्रेम का इस्तेमाल करके अभ्यास करने का समय मिलता है। संदर्भ ‘तुलना और विषमता’ गतिविधि है जो कि कोशिका अध्याय से दो महत्वपूर्ण प्रकार की कोशिकाओं पर आधारित है।

  • अपने विद्यार्थियों को बताएं कि वे एक प्रोकैरिओटिक कोशिका और यूकैरिओटिक कोशिका की तुलना और विषमता करने जा रहे हैं।
  • संसाधन 2 में दिए गए राइटिंग फ्रेम को ब्लैकबोर्ड पर लिखें।
  • प्रोकैरिओटिक कोशिका और ईयूकैरिओटिक कोशिका के संबंध में अपना सामान्य तौर पर दिया जाने वाला स्पष्टीकरण दें।
  • अपने विद्यार्थियों को तीन समूहों में विभाजित करें। उन्हें ब्लैकबोर्ड पर दिए गए राइटिंग फ्रेम को खाली पेपर पर लिखने के लिए कहें।
  • उन्हें बातचीत करने के लिए पांच मिनट का समय प्रदान करें और फिर उनसे राइटिंग फ्रेम को पूरा करने के लिए कहें।
  • पास–पास बैठे समूहों को एक दूसरे के साथ राइटिंग फ्रेम की अदला–बदली करने के लिए कहें। एक–दूसरे के काम पर चर्चा करने के लिए पांच मिनट का समय दें।
  • अंत में इस संबंध में कुछ फीडबैक प्राप्त करें कि क्या आपके विद्यार्थियों द्वारा इसे दो प्रकार की कोशिकाओं के बारे में सीखने के संबंध में उपयोगी पाया गया तथा फिर उनके बारे में लिखने के लिए कहें। क्या महत्वपूर्ण शब्दों का प्रयोग किया गया था?

इस गतिविधि में एक सरल किंतु प्रभावी राइटिंग फ्रेम का इस्तेमाल किया गया था। अगले विषय के लिए, अपना ही राइटिंग फ्रेम विकसित करने का प्रयास करें। आप अपने स्कूल या समूहों में राइटिंग फ्रेम के बारे में विचारों को अन्य अध्यापकों के साथ इसे बाँट सकते हैं।

6 सारांश

भाषा शिक्षण में बाधा पैदा कर सकती है तथा यह महत्वपूर्ण है कि आप अपने विद्यार्थियों तक उन शब्दों की पहुंच बनाने में मदद करें जिन्हें उन्हें जानना चाहिए ताकि वे वैज्ञानिक अवधारणाओं को समझने में समर्थ हो सकें। ऐसा उन सभी विषयों से जुड़ा है जिन्हें आपको पढ़ाना है।

शब्दों का निरन्तर प्रयोग और पुनरावृति सर्वाधिक महत्वपूर्ण होते हैं, इसलिए बोलना, पढ़ना और लेखन गतिविधियां सभी से आपके विद्यार्थियों को महत्वपूर्ण शब्दों को समझने में सहायता मिलेगी।

उन दो तकनीकों और कार्यनीतियों की पहचान करें जिन्हें आपने इस इकाई में सीखा है और जिनका प्रयोग संभवतः आप उस विषय के संदर्भ में अपनी कक्षा में करेंगे जिसे आप पढ़ाएंगे।

संसाधन

संसाधन 1: विज्ञान में सामान्य शब्द उद्यगमों और सूत्रों का प्रयोग किया जाता है

Table R1.1 Common word roots and stems used in science

Prefix

ab–

adipo–

alb–

amphi–/amp–

andr–

angio–

ante–

anthropo–

anti–

aqua–

arbor–

arthro–

aster–

audi–

auto–

bi–

bio–

bronch–

card–

carn–

cell–

cephalo–

chlor–

chrom–

chron–

coel–

com–/con–/co–

Prefix

contra–

cran–

cyt–

de–

deca–

derm–

Meaning

away from

fat

white

of both kinds

male

vessel (blood)

before

humans

against

water

tree

jointed

star

hear, sound

self

two, twice

life, living

windpipe (lungs)

heart

meat

storeroom

head

green

color

time

hollow

with, together

Meaning

against

head

cell

from, away

ten

skin

Prefix

den–

di–

dia–

dis–/dif–

e–/ef–/ex–

echin–

ect–

en–

encephal–

epi–

extra–

gastro–

gene–

geo–

glottis–

gymno–

hepato–

hetero–

hiber–

homo–

hydro–

hyper–

hypo–

inter–

intra–

ichty–

immunis–

Prefix

leuc–

lith–

luna–

macro–

meta–

micro–

Meaning

tooth

two, double

through, across

apart from, deprive

out, out of, from

spiny

outside

in

brain

on, above

outside, beyond

stomach

origin, birth

earth

mouth of windpipe

uncovered

liver

different

winter

same, alike

water

over, above

below, under, less

between

within, during, inside

fish

free

Meaning

white

stone

moon

large

change

small

Prefix

mono–

multi–

morph–

neo–

non–

neur–

oculo–

odont–

olf–

omni–

opthal–

oss–/ost–

phag–

photo–

plasm–

pneumo–

pre–

prot–/proto–

pseudo–

retro–

rota–

rupt–

sub–

super–/sur–

tele–

therm–

Prefix

trans–

tri–

trop–

ventr–

uni–

zo–

Meaning

single

many

form

new

not

nerve

eye

tooth

smell

all

eye

bone

eat

light

form

lungs

before

first

fake, false

backward, back

turn, wheel

break, burst

under, beneath

above, upon

at a distance

temperature

Meaning

across, beyond

three

turning

belly

one

ani

Suffix

–able/–ible

–algia

–ectomy

–graph

–ism

–itis

–meter

–ology/–logy

–phyll

–pod/–ped

–scope

–sect

–sperm

Meaning

able to, capable of

pain

cut out

instrument for making records

act of, condition

inflammation (swelling) or disease

measure

study of, science of

leaf

foot, feet

look, observe

cut

seed

संसाधन 2: सीखने के लिए बातचीत

सीखने के लिए बातचीत क्यों महत्वपूर्ण है

बातचीत मानव विकास का हिस्सा है, जो सोचने–विचारने, सीखने और विश्व का ज्ञान प्राप्त करने में हमारी मदद करती है। लोग भाषा का इस्तेमाल तार्किक क्षमता, ज्ञान और ज्ञान को विकसित करने के लिए औज़ार के रूप में करते हैं। अतः, विद्यार्थियों को उनके शिक्षण अनुभवों के भाग के रूप में बात करने के लिए प्रोत्साहित करने का अर्थ होगा उनकी शैक्षणिक प्रगति का बढ़ना। सीखे गए विचारों के बारे में बात करने का अर्थ होता हैः

  • उन विचारों को परखा गया है
  • तार्किक क्षमता विकसित और सुव्यवस्थित है
  • जिससे विद्यार्थी अधिक सीखते हैं।

किसी कक्षा में रटा–रटाया दोहराने से लेकर उच्च श्रेणी की चर्चा तक विद्यार्थी वार्तालाप के विभिन्न तरीके होते हैं।

पारंपरिक तौर पर, शिक्षक की बातचीत का दबदबा होता था और वह विद्यार्थियों की बातचीत या विद्यार्थियों के ज्ञान के मुकाबले अधिक मूल्यवान समझी जाती थी। यद्यपि, पढ़ाई के लिए बातचीत में पाठों का नियोजन शामिल होता है ताकि विद्यार्थी इस ढंग से अधिक बात करें और अधिक सीखें कि शिक्षक विद्यार्थियों के पहले के अनुभव के साथ संबंध कायम करें। यह किसी शिक्षक और उसके विद्यार्थियों के बीच प्रश्न और उत्तर सत्र से कहीं अधिक होता है क्योंकि इसमें विद्यार्थी की अपनी भाषा, विचारों और रुचियों को ज्यादा समय दिया जाता है। हम में से अधिकांश कठिन मुद्दे के बारे में या किसी बात का पता करने के लिए किसी से बात करना चाहते हैं, और अध्यापक बेहद सुनियोजित गतिविधियों से इस सहज–प्रवृत्ति को बढ़ा सकते हैं।

कक्षा में गतिविधियों के लिए बातचीत की योजना बनाना

की गतिविधियों के लिए बातचीत की योजना बनाना महज साक्षरता और शब्दावली के लिए नहीं है, यह गणित एवं विज्ञान के काम तथा अन्य विषयों के नियोजन का हिस्सा भी है। इसे पूरी कक्षा में, जोड़ी कार्य या सामूहिक कार्य में, आउटडोर गतिविधियों में, रोल–प्ले गतिविधियों में, लेखन, वाचन, प्रायोगिक खोज और रचनात्मक कार्य में योजनाबद्ध किया जा सकता है।

यहां तक कि साक्षरता और गणना के सीमित कौशलों वाले नन्हें विद्यार्थी भी उच्चतर श्रेणी के चिंतन कौशलों का प्रदर्शन कर सकते हैं, कि उन्हें दिया जाने वाला कार्य उनके पहले के अनुभव पर आधारित और आनंदप्रद हो। उदाहरण के लिए, विद्यार्थी चित्रों, रेखा चित्रों से किसी कहानी, पशु या आकृति के बारे में पूर्वानुमान लगा सकते हैं। विद्यार्थी रोल–प्ले के समय कठपुतली या पात्र की समस्याओं के बारे में सुझावों और संभावित समाधानों को सूचीबद्ध कर सकते हैं।

जो कुछ आप विद्यार्थियों को सिखाना चाहते हैं, उसके इर्दगिर्द पाठ योजना बनायें और इस बारे में सोचें, और साथ ही इस बारे में भी कि आप किस प्रकार की बातचीत को विद्यार्थियों में विकसित होते देखना चाहते हैं। कुछ प्रकार की बातचीत अन्वेषी होती है, उदाहरण के लिए– ’इसके बाद क्या होगा?’, ’क्या हमने इसे पहले देखा है?’, ’यह क्या हो सकता है?’ या ’आप ऐसा क्यों सोचते हैं कि वह यह है?’ कुछ अन्य प्रकार की वार्ताएं ज्यादा विश्लेषणात्मक होती हैं, उदाहरण के लिए विचारों, साक्ष्य या सुझावों का आकलन करना।

इसे रोचक, मज़ेदार और सभी विद्यार्थियों के लिए संवाद में भाग लेने योग्य बनाने की कोशिश करें। विद्यार्थियों को हँसी का पात्र बनने या गलत होने के भय के बिना दृष्टिकोणों को व्यक्त करने और विचारों का पता लगाने में सहज होने और सुरक्षित महसूस करने की जरूरत होती है।

विद्यार्थियों की वार्ता को आगे बढ़ाएं

शिक्षण के लिए वार्ता अध्यापकों को निम्न अवसर प्रदान करती है–

  • विद्यार्थी जो कहते हैं उसे सुनना
  • विद्यार्थियों के विचारों की प्रशंसा करना और उस पर आगे काम करना
  • इसे आगे ले जाने के लिए विद्यार्थियों को प्रोत्साहित करना।

सभी उत्तरों को लिखना या उनका औपचारिक आकलन नहीं करना होता है, क्योंकि वार्ता के जरिये विचारों को विकसित करना शिक्षण का महत्वपूर्ण हिस्सा है। आपको उनके शिक्षण को प्रासंगिक बनाने के लिए उनके अनुभवों और विचारों का यथासंभव प्रयोग करना चाहिए। सर्वश्रेष्ठ विद्यार्थी वार्ता अन्वेषी होती है, जिसका अर्थ होता है कि विद्यार्थी एक दूसरे के विचारों की जांच करते हैं और चुनौती पेश करते हैं जिससे वे अपने उत्तरों को लेकर विश्वस्त हो सकें। एक साथ बातचीत करने वाले समूहों को किसी के भी द्वारा दिए गए उत्तर को स्वीकार करने के लिए प्रोत्साहित नहीं किया जाना चाहिए। आप पूरी कक्षा की सेटिंग में ‘क्यों?’, ‘आपने उसका निर्णय क्यों किया?’ या ‘क्या आपको उस हल में कोई समस्या नजर आती है?’ जैसे जांच वाले प्रश्नों के अपने प्रयोग के माध्यम से चुनौतीपूर्ण विचारशीलता को तैयार कर सकते हैं। आप विद्यार्थियों के समूहों को सुनते हुए कक्षा में घूम सकते हैं और ऐसे प्रश्न पूछकर उनकी विचारशीलता को बढ़ा सकते हैं।

अगर विद्यार्थियों की वार्ता, विचारों और अनुभवों का सम्मान और सराहना की जाती है तो वे प्रोत्साहित होंगे। बातचीत करने के दौरान अपने व्यवहार, सावधानी से सुनने, एक दूसरे से प्रश्न पूछने, और बाधा न डालना सीखने के लिए अपने विद्यार्थियों की प्रशंसा करें। कक्षा में कमजोर विद्यार्थियों के बारे में सावधान रहें और उन्हें भी शामिल किया जाना सुनिश्चित करने के तरीकों पर विचार करें। कामकाज के ऐसे तरीकों को स्थापित करने में थोड़ा समय लग सकता है, जो सभी विद्यार्थियों को पूरी तरह से भाग लेने की सुविधा प्रदान करते हों।

विद्यार्थियों को स्वयं से प्रश्न पूछने के लिए प्रोत्साहित करें

अपनी कक्षा में ऐसा वातावरण तैयार करें जहां अच्छे चुनौतीपूर्ण प्रश्न पूछे जाते हैं और जहां विद्यार्थियों के विचारों को सम्मान दिया जाता है और उऩकी प्रशंसा की जाती है। विद्यार्थी प्रश्न नहीं पूछेंगे अगर उन्हें उनके साथ किए जाने वाले व्यवहार को लेकर भय होगा या अगर उन्हें लगेगा कि उनके विचारों का मान नहीं किया जाएगा। विद्यार्थियों को प्रश्न पूछने के लिए आमंत्रित करना उनको जिज्ञासा दर्शाने के लिए प्रोत्साहित करता है, उनसे अपने शिक्षण के बार में अलग ढंग से विचार करने के लिए कहता है और उनके दृष्टिकोण को समझने में आपकी सहायता करता है।

आप कुछ नियमित समूह या जोड़े में कार्य करने, या शायद ‘विद्यार्थियों के प्रश्न पूछने का समय’ जैसी कोई योजना बना सकते हैं जिससे विद्यार्थी प्रश्न पूछ सकें या स्पष्टीकरण मांग सकें। आप–

  • अपने पाठ के एक भाग को ‘अगर आपका प्रश्न है तो हाथ उठाएं’ नाम रख सकते हैं।
  • किसी विद्यार्थी को हॉट–सीट पर बैठा सकते हैं और दूसरे विद्यार्थियों को उस विद्यार्थी से प्रश्न पूछने के लिए प्रोत्साहित कर सकते हैं जैसे कि वे पात्र हों, उदाहरणतः पाइथागोरस या मीराबाई
  • जोड़ों में या छोटे समूहों में ‘मुझे और अधिक बताएं’ खेल को खेल सकते हैं
  • मूल पूछताछ का अभ्यास करने के लिए विद्यार्थियों को कौन/क्या/कहां/कब/क्यों वाले प्रश्न ग्रिड दे सकते हैं
  • विद्यार्थियों को कुछ आंकड़े (जैसे कि विश्व डेटा बैंक से उपलब्ध डेटा, उदाहरणतः पूर्णकालिक शिक्षा में बच्चों की प्रतिशतता या भिन्न देशों में स्तनपान की विशेष दरें) दे सकते हैं, और उनसे उन प्रश्नों के बारे में सोचने के लिए कह सकते हैं जो आप इस आंकड़े के बारे में पूछ सकते हैं

  • विद्यार्थियों के सप्ताह भर के प्रश्नों को सूचीबद्ध करते हुए प्रश्न दीवार डिज़ाइन कर सकते हैं।

जब विद्यार्थी प्रश्न पूछने और उन्हें मिलने वाले प्रश्नों के उत्तर देने के लिए मुक्त होते हैं तो उस समय आपको रुचि और विचारशीलता के स्तर को देखकर हैरानी होगी। जब विद्यार्थी अधिक स्पष्टता और सटीक संवाद करना सीख जाते हैं, तो वे नहीं केवल अपनी मौखिक और लिखित शब्दावलियां बढ़ाते हैं, अपितु उनमें नया ज्ञान और कौशल भी विकसित होता है।

संसाधन 3: गतिविधि 3 के लिए राइटिंग फ्रेम

चित्र R3.1 गतिविधि 3 के लिए राइटिंग फ्रेम।

अतिरिक्त संसाधन

References

Henderson, J. and Wellington, J. (1998) ‘Lowering the language barrier in learning and teaching science’, School Science Review, vol. 79, no. 288, pp. 35–46.
Sutton, C. (1980) ‘Science, language and meaning’, School Science Review, vol. 218, no. 62, pp. 47–56.
Vygotsky, L. (1978) Thought and Language. Cambridge, MA: MIT Press.
Wellington, J. and Osborne, J. (2001) Language and Literacy in Science Education. Buckingham, UK: Open University Press.

Acknowledgements

अभिस्वीकृतियाँ

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संसाधन 1: ‘विज्ञान की भाषा’ से अनुकूलित (http://teachers.sduhsd.k12.ca.us/ wslijk/ documents/ LanguageofScience.doc). (Resource 1: adapted from 'Language of science' (http://teachers.sduhsd.k12.ca.us/ wslijk/ documents/ LanguageofScience.doc)).

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