यह यूनिट नागरिकता पर एक विषयगत कक्षा प्रोजेक्ट की योजना बनाने के लिए एक मार्गदर्शक है। यह वर्णित करता है कि किस प्रकार स्कूल के अंदर और बाहर विविध सार्थक, अभिव्यक्तिशील कार्यों में भाग लेते समय छात्रों को समावेशी, चिंतनशील और विचारशील बनने के लिए बढ़ावा देते हुए अनेक परस्पर संबद्ध गतिविधियों की योजना बनाएँ और उनकी निगरानी करें।
एक विषयगत प्रोजेक्ट आपके छात्रों को ऐसे विषयों का पता लगाने के लिए गुंजाइश प्रदान करता है:
प्रोजेक्ट्स पाठ्यक्रम और पाठ्यपुस्तक को कल्पनाशील और स्मरणीय रूप से सुधारने का एक तरीक़ा है। नागरिकता केंद्रित प्रोजेक्ट्स में छात्रों के अन्य विश्वासों और विचारों के प्रति उनके सम्मान को विकसित करते हुए समाज के मूल्यों और जिम्मेदारियों के प्रति जागरूकता पैदा करने का अतिरिक्त लाभ संयोजित है। इस प्रकार, वे मानवाधिकार और कर्तव्य, न्याय, स्वतंत्रता और समानता से संबंधित व्यापक शैक्षिक उद्देश्यों को दर्शाते हैं। इस तरह, वे स्कूली शिक्षा को छात्रों के तात्कालिक जीवन से जोड़ते हैं।
किसी सहकर्मी के साथ, संसाधन 1 पढ़ें। संभव है आप पहले से ही इस दस्तावेज से परिचित हों। जब आप इसे एक बार पढ़ लें, उसे दुबारा पढ़ें, और निम्नलिखित प्रश्नों के लिए अपने उत्तर हेतु नोट्स तैयार करें:
अपने सहकर्मियों के साथ अपने विचारों पर चर्चा करें।
अब अपने विचारों की हमारे विचारों से तुलना करें।
अच्छे नागरिक:
अपनी चिंताओं को उजागर करने और समाधान प्रस्तावित करने के लिए तैयार रहते हैं
स्कूली छात्रों को निम्न के लिए अवसर प्रदान करके उन्हें अच्छा नागरिक बनने में मदद करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं:
भाषा और साक्षरता कौशल निम्न में उन्हें सक्षम करके अच्छा नागरिक बनने में छात्रों की मदद कर सकते हैं:
जानकारी को पढ़ना, समझना, विश्लेषित करना और उसकी व्याख्या करना – चाहे वह छवि, भाषण या लेखन स्वरूप में क्यों न हों
हालांकि कई नागरिकता संबंधी विषय गंभीर मुद्दों से जुड़े हैं, तथापि उन्हें सुखद, आकर्षक तरीक़ों से तलाशने की संभावना मौजूद है।
अब आप एक ऐसी शिक्षिका के बारे में पढ़ेंगे जिसने अपनी कक्षा के साथ ग्रामीण समुदाय पर एक परियोजना शुरू की। जब आप इस केस स्टडी को पढ़ेंगे, तब उन भाषा और साक्षरता कौशल पर विचार करें, जो उनके छात्रों में विकसित हो रहे थे और नागरिकता के वे पहलू, जिनके बारे में वे सीख रहे थे।
सुश्री रक्षा उत्तर प्रदेश के एक ग्रामीण स्कूल में पढ़ाती हैं। यहाँ वे उन पाठों की पहली श्रंखला का वर्णन करती हैं, जो ‘समुदाय’ की अवधारणा पर कक्षा परियोजना का हिस्सा बना, जिसे उन्होंने अपनी छठी कक्षा के छात्रों के लिए संचालित किया।
मैंने ग्रामीण समुदाय को गठित करने वाले स्थानों और लोगों के बारे में विचार करने के लिए अपने छात्रों को कहते हुए परियोजना की शुरुआत की। उनकी मदद के लिए, मैंने सरपंच श्री राजेश्री, और दर्जिन श्रीमती सुषमा सहित, मंदिर और स्कूल जैसे एक या दो उदाहरण प्रदान किए।
फिर मैंने अपने छात्रों को उनके विचार साझा करने के लिए चार के समूहों में व्यवस्थित किया। 15 मिनट बाद, मैं कक्षा में चारों ओर घूमी, और प्रत्येक छात्र से सुझाव माँगा। मैंने उनके योगदान को ब्लैक-बोर्ड पर लिखा, और हमने विचार-विमर्श किया कि क्या स्थानों और लोगों को दो अलग कॉलम में सूचीबद्ध करना बेहतर होगा या उन दोनों को एक साथ जोड़ना।
फिर मैंने पत्थर, छड़ियाँ, पत्ते, बीज या उनकी इच्छानुसार इन विशषताओं का प्रतिनिधित्व करने वाले किन्हीं अन्य चीज़ों का उपयोग करते हुए, स्कूल के आँगन में ज़मीन पर सामुदायिक नक्शा तैयार करने के लिए कहा।
जब उन्होंने अपना काम ख़त्म किया, तो प्रत्येक समूह ने बाक़ी कक्षा के सामने उनके द्वारा सम्मिलित स्थानों का वर्णन करते हुए – जैसे कि धार्मिक स्थल, बाज़ार, दुकानें, खेत, घर और जल स्रोत – और उनसे जुड़े कुछ लोगों के बारे में चर्चा करते हुए अपना नक्शा प्रस्तुत किया। यह बेहद दिलचस्प था, और नक्शे और वर्णनों में काफ़ी विविधता थी। मैंने प्रोजेक्ट के अंश के रिकॉर्ड के रूप में, अपने मोबाइल से प्रत्येक नक्शे का फ़ोटो लिया।
अगले सप्ताह मैंने समझाया कि अब हम समुदाय में रहने के अर्थ पर विचार करेंगे। कई सहपाठियों के साथ काम करने और सीखने के लिए अपने छात्रों को प्रोत्साहित करने के लिए, मैंने उनको ऐसे लोगों से अलग समूहों में बाँटा, जिनके साथ उन्होंने पहले काम किया था।
मैंने प्रत्येक समूह को एक बड़ा काग़ज़ दिया, जिस पर मैंने एक प्रश्न लिखा था। ये रहे प्रश्न जो मैंने उन्हें दिए:
मैंने प्रत्येक समूह के सदस्यों से उन्हें आबंटित प्रश्न पर 20 मिनटों के लिए अपने विचारों को चित्र के साथ नोट्स सहित दर्शाते हुए चर्चा करने को कहा।
जब समूहों ने कार्य समाप्त किया, तो मैंने उनके चित्रों को दीवार पर सजाया। फिर मैंने उनके समूह से किसी एक को बाक़ी कक्षा के साथ अपने विचार साझा करने के लिए नामांकित करने को कहा। इससे बेहद रोचक चर्चा चली, जिसमें हमने एक बड़े समुदाय के भीतर उप-समुदाय की धारणा पर विचार किया और ऐसे उप-समुदायों द्वारा किए जाने वाले कार्यों के स्वरूपों का पता लगाया।
मैंने अपने छात्रों को निम्नलिखित प्रश्नों को कॉपी करने और अपने गृह-कार्य के लिए उनके उत्तर पर नोट्स तैयार करने को कहा।
अगले दिन, मैंने अपने छात्रों की जोड़ियाँ बनाई और उनसे एक दूसरे के साथ अपने गृह-कार्य पर चर्चा करने को कहा। इसके बाद पूरी कक्षा के साथ विचार-विमर्श किया जिसमें मैंने यह सुनिश्चित करने का प्रयास किया कि जिन लोगों ने पहले योगदान नहीं दिया था उन्हें बोलने का मौक़ा मिले।
हमने यह पाठ गाँव के उन सभी लोगों को सूचीबद्ध करते हुए शुरू किया, जो जिम्मेदार पदों पर नियुक्त थे और उनकी जिम्मेदारियाँ क्या हैं, इस पर विचार किया। मेरे छात्रों ने मेरे जैसे शिक्षकों सहित, विभिन्न भूमिकाओं वाले कई भिन्न लोगों का नाम लिया।
ब्लैक-बोर्ड पर स्वयं उनके विचार न लिखकर, मैंने दो को स्वेच्छा से बारी-बारी से लिखने के लिए आमंत्रित किया। वे इस काम को करने में बेहद गर्व महसूस कर रहे थे और इस प्रक्रिया में उन्होंने अपनी बेहतरीन लिखावट का उपयोग किया। यदि उनकी वर्तनी में त्रुटियाँ थीं, तो उनके सहपाठियों ने सुधार सुझाया।
फिर मैंने कक्षा को जोड़ियों में विभाजित किया और उन्हें दो और प्रश्नों पर विचार करने के लिए 15 मिनट दिए:
हमारे समुदाय में लोग सहयोग करते हैं, यह सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी किसकी है?
जब लोग किसी विषय पर असहमत होते हैं तो क्या होता है? उनके विवादों को निपटाने में कौन मदद करता है?
इसके बाद पूरी कक्षा में जो चर्चा चली, उसमें हमने समुदाय के हितों की देखरेख करने वाली प्रणाली के रूप में स्थानीय सरकार की अवधारणा के बारे में बात की और उन प्रक्रियाओं सहित, हमारे गाँव में इसके काम करने के तरीक़े की जाँच की, जिसमें समुदाय के सदस्य इस प्रकार की जिम्मेदारियों को उठाते हैं।
अंत में, मैंने अपने छात्रों को इस बात पर विचार करने के लिए प्रोत्साहित किया कि समुदाय में अधिक सक्रिय रूप से योगदान देने के लिए वे क्या कर सकते हैं। मैंने उनमें से प्रत्येक को एक काग़ज़ का टुकड़ा दिया जिस पर उनमें से प्रत्येक ने एक वाक्य लिखा, जिसे वे चाहें तो सचित्र व्यक्त कर सकते थे। फिर मैंने वाक्यों को दीवार पर प्रदर्शित किया ताकि हर कोई देख सके
शुरुआत में मैं थोड़ा नर्वस थी कि क्या मेरे छात्र अपने स्थानीय समुदाय पर प्रोजेक्ट में रुचि लेंगे। वैसे मुझे फ़िक्र करने की कोई ज़रूरत नहीं थी। विषय से कई रोचक, विचारशील योगदान सामने आए, उनमें से कुछ ऐसे छात्रों से थे जो आम तौर पर काफ़ी शांत रहते थे। मुझे भी चारों पाठों में विभिन्न जोड़ियों तथा समूहों में नज़र आने वाले सहयोग और सम्मान के स्तर को देख कर ख़ुशी हुई।
विचार के लिए रुकें ऊपर वर्णित प्रत्येक पाठ के लिए, निम्नलिखित प्रश्नों पर विचार करें:
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जैसा कि केस स्टडी 1 दर्शाता है, विषयगत परियोजना में कई सप्ताह की अवधि में असंख्य पाठ विस्तृत होना अभीष्ट है। इस यूनिट की शेष गतिविधियों का अभिप्राय ऐसी नागरिकता प्रोजेक्ट की योजना के लिए व्यावहारिक मार्गदर्शक बनना है जिसमें आपकी कक्षा के लिए भाषा-और-साक्षरता संबंधी उद्देश्य शामिल हैं। गतिविधि छह भागों में विभाजित है (गतिविधियाँ 2–7)। पहले गतिविधि को सावधानी से पूरी तरह पढ़ें और अपने चयनित विषय पर आगे बढ़ते हुए अंश वार उस पर काम करें।
किसी सहकर्मी के साथ, अपनी कक्षा के लिए नागरिकता संबंधी संभाव्य विषयों की सूची तैयार करें। आपकी सूची आपके स्कूल और समुदाय के संदर्भ में अनुकूलित किए जाने की संभावना है; तथापि, हमने नीचे कुछ विषय सुझाए हैं:
छात्रों की तुलना में छात्राओं का घरेलू काम करना और बाहर स्वतंत्र रूप से न खेल पाना
आपकी सूची के कौन-से विषय आपके और आपकी कक्षा के लिए सर्वाधिक उपयुक्त होंगे?
अपना निर्णय लेते समय आपने जिन कारकों पर विचार किया होगा, उनमें से कुछ हैं:
वे गणित, पर्यावरण अध्ययन, विज्ञान, या सामाजिक विज्ञान जैसे - किन विषयों में समाविष्ट होते हैं
अब भाषा-और-साक्षरता संबंधी अवसरों की सूची बनाएँ, जिनसे आपके चयनित विषय जुड़े हुए हैं। ये रहे कुछ सुझाव जिनसे आप शुरुआत कर सकते हैं:
चाहे आप अपने छात्रों को स्वयं विषय का सुझाव देने के लिए आमंत्रित करें, उन्हें चुनने के लिए विषय दें, या अपनी पसंद का कोई विषय प्रस्तावित करें, कक्षा परियोजना में आपके छात्रों को उलझाने की प्रक्रिया का एक अंश, उनके सुझावों और विचारों को सुनना और उस पर प्रतिक्रिया करना भी शामिल है।
विषय के विकल्प के बारे में भले ही आपका कोई भी दृष्टिकोण रहा हो, अपने छात्रों के साथ नागरिकता की अवधारणा पर चर्चा से शुरुआत करना उपयोगी होगा।
अपने छात्रों को समझाएँ कि वे कक्षा परियोजना पर कार्य करने वाले हैं और आप इस बात पर उनके सुझाव चाहते हैं कि उसमें किन्हें शामिल किया जा सकता है। कक्षा को समूहों में व्यवस्थित करें। प्रत्येक समूह को काग़ज़ का एक टुकड़ा दें जिस पर उनकी चर्चा का संकेत देने वाला कोई प्रश्न या चयन के लिए विषय हों – उदाहरण के लिए:
प्रत्येक छात्र से चर्चा के लिए कम से कम एक विचार का योगदान देने के लिए कहें और उसे काग़ज़ के टुकड़े पर लिख लें। जब समय समाप्त हो, तब प्रत्येक समूह से स् वयंसेवकों को कक्षा के समक्ष फ़ीडबैक देने के लिए आमंत्रित करें। यह सुनिश्चित करते हुए ब्लैक-बोर्ड पर विचार लिखें कि हर कोई अपने सहपाठियों के सुझावों को सम्मानपूर्वक सुनता है।
जब सूची पूरी हो जाए, तब छात्रों से अपने समूहों में विचार-विमर्श करने के लिए कहें कि उन्हें कौन-से विचार बेहद पसंद आए। यदि उपयुक्त हो, तो पूरी कक्षा में इस पर मतदान करवाएँ।
इस प्रकार की चर्चाओं के माध्यम से, आपके छात्रों में उनसे संबंधित मुद्दों पर सोचने, मतदान करने, और सहमत होने जैसे नागरिकता कौशल विकसित होंगे। वे सुनने, चर्चा करने, नोट्स लेने और शेष कक्षा के समक्ष फ़ीडबैक देने के माध्यम से भाषा और साक्षरता कौशल विकसित करेंगे। पूरी परियोजना के दौरान शिक्षण के इन दो पहलुओं का पालन करना होगा।
विचार के लिए रुकें अपने छात्रों के साथ यह गतिविधि करके आपने उनके बारे में क्या जाना? |
कक्षा शिक्षण में सभी छात्रों को सम्मिलित करने के बारे में अधिक विचारों के लिएए संसाधन 2 देखें।
परियोजना में अगला चरण है विषय के बारे में जानने के तरीके सुझाने के लिए अपने छात्रों को आमंत्रित करना।
उनके द्वारा ब्लैक-बोर्ड पर प्रस्तावित जानकारी के सभी स्रोतों को नोट करें। इनमें स्कूल की पाठ्यपुस्तकें, पुस्तकालय, अख़बार, इंटरनेट, स्वास्थ्य केंद्र, पोस्टर, सूचना-पत्रक, स्थानीय सरकारी कार्यालय या स्थानीय लोग शामिल हो सकते हैं।
उदाहरण के लिए, यदि आपके छात्र जल-जनित रोगों के बारे में जानने का चयन करते हैं, तो वे पूर्व व्यवस्था और अनुमति लेकर किसी स्थानीय जल-शोधन साइट पर जा सकते हैं और किसी जल नियामक का साक्षात्कार ले सकते हैं। वैकल्पिक रूप से वे जल-शोधन और सुरक्षा पर सलाह के लिए किसी सामुदायिक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र या अस्पताल का दौरा कर सकते हैं। वे यह जानने के लिए सूचना-पत्रकों से भी परामर्श हासिल कर सकते हैं कि जल-जनित रोगों से स्वयं को बचाने के लिए परिवारों को क्या करना चाहिए।
चाहे इसमें अख़बार, क़िताबें ,पोस्टर या सूचना पत्रकों को पढ़ना, स्थानीय विशेषज्ञों से बातचीत करना, और पढ़ी, देखी और सुनी गई बातों पर नोट्स लेना शामिल हो, इस प्रकार के शोध में विविध भाषा और साक्षरता कौशल सम्मिलित होगी।
परियोजना की एक विस्तृत योजना तैयार करें ।इसके लिए कई स्तंभों वाला तालिका प्रारूप अच्छी तरह काम करेगा।
प्रत्येक गतिविधि के बग़ल में उसके द्वारा पेशकश किए जाने वाले भाषा और शिक्षण अवसरों को नोट करें।
हो सकता है आपको मुख्य संसाधन ‘पाठों की योजना’ पढ़ना मददगार लगे।
वीडियो: पाठों का नियोजन करना |
परियोजना की अवधि के दौरान छात्रों द्वारा अपने शिक्षण को प्रस्तुत और साझा करने के अनेक तरीक़े हैं। चाहे व्यक्तिगत रूप से हो या सहयोगात्मक रूप से, यह एक लिखित रिपोर्ट, पोस्टर, कलाकृति, प्रदर्शन, गाने, कहानियाँ और कविताएँ, या सामुदायिक कार्रवाई का स्वरूप ग्रहण कर सकता है।
आपके छात्र अपने शिक्षण को प्रधानाचार्य और स्कूल के स्टाफ़, माता-पिता, गाँव के बुज़ुर्ग लोग, पंचायत राज या सरपंच, या किसी राष्ट्रीय सरकार के प्रतिनिधि के समक्ष प्रस्तुत करना चाह सकते हैं। आप अपने छात्रों को किसी अख़बार के लिए पत्र या रिपोर्ट लिखने के लिए प्रोत्साहित कर सकते हैं, ताकि व्यापक दर्शक उनके शिक्षण के बारे में पढ़ सकें। जहाँ संभव हो, इस परियोजना में संलग्न अपने छात्रों की फ़ोटो लें ताकि उन्हें प्रदर्शित और दूसरों के साथ साझा कर सकें।
आपके विचार में विषयगत परियोजना पर कार्य करके आपके छात्रों ने नागरिकता के बारे में क्या सीखा? क्या आपने पाया कि उन्होंने निम्न में से किसी के बारे में जाना और समझा है?
इस अवधि में आपने अन्य किन नागरिकता से संबंधित ज्ञान और समझ का अवलोकन किया, और कैसे आप अपने सभी छात्रों के लिए इस जानकारी को प्रगति और विकास चार्ट में प्राप्त कर सकते हैं?
विषयगत परियोजना के माध्यम से भाषा और साक्षरता के बारे में आपके छात्रों ने क्या सीखा? क्या आपने इनमें से किसी कौशल का उपयोग करते हुए उनका अवलोकन किया?
आप अपने सभी छात्रों को उनकी दिलचस्पियों और क्षमताओं के अनुसार विषयगत परियोजना में सम्मिलित करने में किस प्रकार सक्षम रहे?
किन तरीक़ों से आपने दर्शाया कि आपके लिए उन सबका योगदान महत्वपूर्ण है, और क्या किन्हीं छात्रों ने ऐसा योगदान दिया जिसकी आपको उम्मीद नहीं थी?
इस यूनिट में योजना की रूपरेखा दी गई है, ताकि आप ऐसी विषयगत परियोजना तैयार और क्रियान्वित करने में सक्षम हों जो एक ओर अच्छी नागरिकता के साथ जुड़े मूल्यों के विकास को, और दूसरी ओर भाषा और साक्षरता के उद्देश्यों को, कई सप्ताह तक पाठों की शृंखलाओं के माध्यम से विषय संबंधी ज्ञान प्राप्ति के साथ समाहित करे। अनुसंधान, चर्चा, प्रेक्षण और प्रसार से जुड़े कल्पनाशील, सहयोगी, समुदाय केंद्रित गतिविधियों में संलग्न होकर, छात्र ऐसे शिक्षण अनुभवों से जुड़ी सकारात्मक यादों को बनाए रखते हुए बौद्धिक और सामाजिक रूप से लाभान्वित होते हैं। इन जैसी परियोजनाओं को किसी भी स्तर के छात्रों के अनुरूप रूपांतरित किया जा सकता है, और जब आप उनकी योजना तैयार कर लें, तब आप साल दर साल अपनी योजना का उपयोग और उसे विकसित कर सकते हैं। यदि आपके पास परियोजना की योजना और कार्यान्वयन को किसी अन्य सहयोगी के साथ साझा करने का अवसर है, तो आप इस प्रक्रिया को विशेष रूप से प्रतिफल देने वाला पाएँगे।
भारत के प्रत्येक नागरिक का यह कर्तव्य होगा कि:
e.धार्मिक, भाषाई और क्षेत्रीय या दलीय विविधताओं से परे भारत के सभी लोगों के बीच सद्भाव और सामान्य भाईचारे की भावना को बढ़ावा दें; महिलाओं की गरिमा के लिए अपमानजनक प्रथाओं का त्याग करें;
संस्कृति और समाज की विविधता कक्षा में प्रतिबिंबित होती है। विद्यार्थियों की भाषाएं, रुचियां और योग्यताएं अलग-अलग होती हैं। विद्यार्थी विभिन्न सामाजिक और आर्थिक पृष्ठभूमियों से आते हैं। हम इन भिन्नताओं को नज़रअंदाज नहीं कर सकते; वास्तव में, हमें उनका उत्सव मनाना चाहिए, क्योंकि वे एक दूसरे और हमारे अपने अनुभव से परे दुनिया के बारे में अधिक जानने का जरिया बन सकते हैं। सभी छात्रों को शिक्षा पाने और सीखने का अधिकार है चाहे उनकी स्थिति, योग्यता और पृष्ठभूमि कुछ भी हो, और इसे भारतीय कानून और अंतरराष्ट्रीय बाल अधिकारों में मान्यता दी गई है। 2014 में राष्ट्र को अपने पहले संदेश में, प्रधानमंत्री मोदीजी ने जाति, लिंग या आय पर ध्यान दिए बिना भारत के सभी नागरिकों का सम्मान करने के महत्व पर जोर दिया। इस संबंध में स्कूलों और शिक्षकों की बहुत महत्वपूर्ण भूमिका है।
हम सभी के दूसरों के बारे में पूर्वाग्रह और दृष्टिकोण होते हैं जिन्हें हो सकता है हमने नहीं पहचाना है या संबोधित नहीं किया है। एक अध्यापक के रूप में, आप में हर छात्र की शिक्षा के अनुभव को सकारात्मक या नकारात्मक ढंग से प्रभावित करने की शक्ति है। चाहे जानबूझ कर या अनजाने में, आपके अंतर्निहित पूर्वाग्रह और दृष्टिकोण इस बात को प्रभावित करेंगे कि आपके छात्र कितने समान रूप से सीखते हैं। आप अपने छात्रों के साथ असमान बर्ताव से बचने के लिए कदम उठा सकते हैं।
आत्म-सम्मान पर संकेंद्रण: अच्छे नागरिक वे होते हैं जो उसके साथ सहज रहते हैं जो वे हैं। उनमें आत्म-सम्मान होता है, वे अपनी ताकतों और कमज़ोरियों को जानते हैं, और उनमें पृष्ठभूमि की परवाह किए बिना अन्य लोगों के साथ सकारात्मक संबंध बनाने की क्षमता होती है। वे अपने आपका सम्मान करते हैं और दूसरों का सम्मान करते हैं। एक अध्यापक के रूप में, आप किसी युवा व्यक्ति के आत्म-सम्मान पर उल्लेखनीय प्रभाव डाल सकते हैं; उस शक्ति को जानें और उसका उपयोग हर छात्र के आत्म-सम्मान को बढ़ाने के लिए करें।
अच्छे व्यवहार का अनुकरण बनना: जातीय समूह, धर्म या लिंग की परवाह किए बिना, अपने छात्रों के साथ अच्छा बर्ताव करके उनके लिए एक उदाहरण बनें। सभी छात्रों से सम्मान के साथ व्यवहार करें और अपने अध्यापन के माध्यम से स्पष्ट कर दें कि आपके लिए सभी छात्र बराबर हैं। उन सबके साथ सम्मान के साथ बात करें, जहाँ उपयुक्त हो उनकी राय को ध्यान में रखें और उन्हें हर एक को लाभ पहुँचाने वाले काम करके कक्षा की जिम्मेदारी लेने को प्रोत्साहित करें।
ऊँची अपेक्षाएं: योग्यता स्थिर नहीं होती है; यदि समुचित समर्थन मिले तो सभी छात्र सीख और प्रगति कर सकते हैं। यदि किसी छात्र को उस काम को समझने में कठिनाई होती है जो आप कक्षा में कर रहे हैं, तो यह न समझें कि वह कभी भी समझ नहीं सकेगा। अध्यापक के रूप में आपकी भूमिका यह सोचना है कि हर छात्र के सीखने में किस सर्वोत्तम ढंग से मदद करें। यदि आपको अपनी कक्षा में हर एक से उच्च अपेक्षाएं हैं, तो आपके छात्रों के यह समझने की अधिक संभावना है कि यदि वे लगे रहे तो वे सीख जाएंगे। उच्च अपेक्षाएं बर्ताव पर भी लागू होनी चाहिए। सुनिश्चित करें कि अपेक्षाएं स्पष्ट हैं और कि छात्र एक दूसरे के साथ सम्मान के साथ व्यवहार करते हैं।
अपने अध्यापन में विविधता लाएं: छात्र विभिन्न तरीकों से सीखते हैं। कुछ छात्र लिखना पसंद करते हैं; अन्य अपने विचारों को व्यक्त करने के लिए मस्तिष्क में मानचित्र या चित्र बनाना पसंद करते हैं। कुछ छात्र अच्छे श्रावक होते हैं; कुछ सबसे अच्छा तब सीखते हैं जब उन्हें अपने विचारों के बारे में बात करने का अवसर मिलता है। आप हर समय सभी छात्रों के लिए उपयुक्त नहीं हो सकते, लेकिन आप अपने अध्यापन में विविधता ला सकते हैं और छात्रों को उनके द्वारा की जाने वाली सीखने की कुछ गतिविधियों के विषय में किसी विकल्प की पेशकश कर सकते हैं।
ऐसे कई विशिष्ट दृष्टिकोण हैं जो सभी छात्रों को शामिल करने में आपकी सहायता करेंगे। इनका अन्य प्रमुख संसाधनों में अधिक विस्तार से वर्णन किया गया है, लेकिन एक संक्षिप्त परिचय यहाँ प्रस्तुत है:
विभेदन: अलग अलग समूहों के लिए अलग अलग कार्य तय करने से छात्रों को जहाँ वे हैं वहाँ से शुरू करने और आगे बढ़ने में मदद मिलेगी। खुले-सिरे वाले कामों को तय करने से सभी छात्रों को सफल होने का अवसर मिलेगा। छात्रों को कार्य का विकल्प प्रदान करने से उन्हें अपने काम के स्वामित्व को महसूस करने और अपनी स्वयं की शिक्षण-प्रक्रिया के लिए दायित्व लेने में सहायता मिलेगी। व्यक्तिगत शिक्षण आवश्यकताओं को ध्यान में रखना, विशेष रूप से बड़ी कक्षा में, कठिन होता है, लेकिन विविध प्रकार के कामों और गतिविधियों का उपयोग करके ऐसा किया जा सकता है।
तृतीय पक्षों की सामग्रियों और अन्यथा कथित को छोड़कर, यह सामग्री क्रिएटिव कॉमन्स एट्रिब्यूशन-शेयरएलाइक लाइसेंस के अंतर्गत उपलब्ध कराई गई है (http://creativecommons.org/ licenses/ by-sa/ 3.0/)। नीचे दी गई सामग्री मालिकाना हक की है तथा इस परियोजना के लिए लाइसेंस के अंतर्गत ही उपयोग की गई है, तथा इसका Creative Commons लाइसेंस से कोई वास्ता नहीं है। इसका अर्थ यह है कि इस सामग्री का उपयोग अननुकूलित रूप से केवल TESS-India परियोजना के भीतर किया जा सकता है और किसी भी बाद के OER संस्करणों में नहीं। इसमें TESS-India, OU और UKAID लोगो का उपयोग भी शामिल है।
इस यूनिट में सामग्री को पुनः प्रस्तुत करने की अनुमति के लिए निम्न स्रोतों का कृतज्ञतापूर्ण आभार:
चित्र 1:http://home.bih.nic.in (Resource 1: http://home.bih.nic.in.)
चित्र 3: ऊपर बाएँ, ‘Child growth stats show half of india’s children are chronically malnourished’ से रूपांतरित, प्रतुल शर्मा, 7 अक्तूबर 2012, मेल ऑनलाइन इंडिया, http://www.dailymail.co.uk; ऊपर दाएँ, http://www.saferinindia.org; नीचे बाएँ, http://happy-2013.blogspot.com/ 2014/ 05/; नीचे दाएँ, http://www.pakool.com.(Figure 3: top left, adapted from ‘Child growth stats show half of india’s children are chronically malnourished’, Pratul Sharma, 7 October 2012, Mail Online India, http://www.dailymail.co.uk; top right, http://www.saferinindia.org; bottom left, http://happy-2013.blogspot.com/ 2014/ 05/; bottom right, http://www.pakool.com.)
चित्र 4: ऊपर बाएँ, http://www.childlineindia.org.in; ऊपर बीच में, http://newswatch.nationalgeographic.com; ऊपर दाएँ, http://ncert.nic.in; नीचे बाएँ, http://www.kidsfortigers.org; नीचे दाएँ, AFP=JIJI http://www.jijiphoto.jp.(Figure 4: top left, http://www.childlineindia.org.in; top middle, http://newswatch.nationalgeographic.com; top right, http://ncert.nic.in; bottom left, http://www.kidsfortigers.org; bottom right, AFP=JIJI http://www.jijiphoto.jp.)
संसाधन 1: http://home.bih.nic.in.
कॉपीराइट के स्वामियों से संपर्क करने का हर प्रयास किया गया है। यदि किसी को अनजाने में अनदेखा कर दिया गया है, तो पहला अवसर मिलते ही प्रकाशकों को आवश्यक व्यवस्थाएं करने में हर्ष होगा।
वीडियो (वीडियो स्टिल्स सहित): भारत भर के उन अध्यापक शिक्षकों, मुख्याध्यापकों, अध्यापकों और छात्रों के प्रति आभार प्रकट किया जाता है जिन्होंने उत्पादनों में दि ओपन यूनिवर्सिटी के साथ काम किया है।