यह अध्याय आपके भाषा के पाठों के दौरान जोड़ियों में काम करने की योजना बनाने और उसके प्रबंधन पर केंद्रित है। कई प्रकार की गतिविधियों के माध्यम से सामाजिक, सहयोगपूर्ण प्रशिक्षण के अवसर प्रदान करने से, जोड़ियों में काम आपकी शिक्षण विधियों के ख़जाने में से एक बेहद प्रभावी तरीका हो सकता है।
दैनिक परिस्थितियों में, लोग एक-दूसरे के साथ काम करते हैं, बातें करते व सुनते हैं, देखते हैं, सहयोग करते हैं, सुझाव देते व मदद करते हैं। कुछ प्रकार के सहयोग से विचार-विमर्श को बढ़ावा मिलता है और काम करने के विभिन्न तरीके निकलते हैं। यदि कक्षा में सबकुछ शिक्षक पर ही केंद्रित रहेगा, तो छात्रों के प्राकृतिक व एक-दूसरे के लिए लाभकारी तरीकों से अन्वेषण, चर्चा, प्रश्न, प्रयोग व सीखने के अवसर बहुत कम रह जाएँगे। जोड़ियों में काम करना आपके भाषायी पाठों में बातचीत आधारित सीखने के अवसरों को जोड़ने का बहुत प्रभावी तरीका है।
जोड़े में कार्य करना सभी आयु वर्गों और विषयों के लिए उपयुक्त होता है। क्योंकि इससे बहुत से छात्र एक साथ बात कर सकते हैं, इसलिए बड़ी कक्षाओं के लिए यह विशेष रूप से प्रभावी है। यह बेहद समावेशी है, क्योंकि इससे सभी छात्रों को बातचीत करनी पड़ती है। यह विशेषकर बहुभाषी, बहु-स्तरीय कक्षाओं में उपयोगी है, क्योंकि आपके छात्रों की आवश्यकताओं के अनुसार लचीलेपन व सहयोग से जोड़ियाँ बनाई जा सकती हैं। आप चाहे समान दक्षता स्तरों, भिन्न दक्षता स्तरों, समान भाषा के कारण मित्रता आदि के आधार पर छात्रों को आपस में जोड़ते हैं या उन्हें किसी भी क्रम में बाँटते हैं, जोड़ी बनाने की अपनी पद्धति का असर सीखने को प्रोत्साहित करने के साथ ही कक्षा में मित्रता को बढ़ावा देगा।
गतिविधि 1 आपको अपने भाषायी पाठों के लिए जोड़ियों में काम करने पर विचार करने के लिए प्रोत्साहित करती है।
यदि संभव हो तो एक सहकर्मी के साथ संसाधन 1, ‘जोड़ियों में काम का उपयोग’ पढ़ने से आरंभ करें। आप इस पाठ से शिक्षक के रूप में अपने लिए जिन्हें मुख्य शिक्षण बिंदु मानते हैं, उन्हें रेखांकित करें।
एक दो पाठों का ध्यान करें जो आपने हाल में पढ़ाए हों। ये भाषा या किसी विशिष्ट विषय पर केंद्रित हो सकते हैं।
इस पहली केस स्टडी में आप एक ऐसे शिक्षक के बारे में पढ़ेंगे, जिन्होंने कविता लेखन की गतिविधि पर जोड़ी में काम करवाया।
श्री आचार्य गोरखपुर के बाहर एक छोटे विद्यालय में काम करते हैं। उनके आठवीं कक्षा के छात्रों की क्षमताएँ भिन्न स्तरों की हैं। यहाँ उन्होंने बताया है कि छात्रों की कविता लेखन में मदद के लिए उन्होंने जोड़ियों में काम का उपयोग कैसे किया।
मेरे छात्र अरुण कोलटकर व अमित चौधरी की कुछ सामयिक कविताएँ ज़ोर से पढ रहे थे। उन्होंने स्वयं भी कुछ कविताएँ लिखीं थीं। इस बार मैंने तय किया कि उनसे जोड़ियों में यह काम करवाया जाए।
मैंने एक ऐसा विषय चुना, जो मेरे अनुसार उनके लिए प्रासंगिक था: मित्रों के साथ बहस। मैंने पूरी कक्षा से कुछ प्रश्न पूछते हुए विषय का परिचय दिया। इनमें शामिल थे:
इस विषय पर बहुत चर्चा हुई, जिसमें कई छात्रों ने हिस्सा लिया। मैंने उनके द्वारा उपयोग किए गए कुछ शब्द व पद बोर्ड पर लिखे, जिससे वे अपने लेखन में इनका उपयोग कर सकें।
इसके बाद, मैंने उनसे कहा कि वे जोड़ियों में काम करने वाले हैं और उन्हें ‘बहस’ नाम की कविता लिखनी थी है। मैंने छात्रों से उनके पास बैठे छात्र के साथ काम करने को कहकर जोड़ियाँ बना दीं। मैंने समझाया कि उन्हें एक-एक करके कविता की पंक्तियाँ बनानी चाहिए और उन्हें लिखते जाना चाहिए। 30 मिनट बाद, मैंने प्रत्येक जोड़ी से एक छात्र को उनकी पूरी - या आधी - कविता पढ़ने को कहा।
एक जोड़ी द्वारा लिखी गई कविता यह थी:
मेरी मित्र अमवी से मेरी बहस हुई
हम मंदिर के पास थे जब उसने एक बूढ़े से बात कह दी कोई
वह था ग़रीब और कुछ गंदा सा
लेकिन मेरी मित्र को उसपर न दया आई
मैंने कहा तुमने ठीक नहीं किया
उसने कहा इसकी उसे परवाह नहीं कोई
लगा मुझे बूढ़े दादा के लिए बुरा
चल पड़ा मैं उससे बिना बात किए कोई
मेरे छात्रों द्वारा बनाई गई कविताएँ उन स्थितियों व भावनाओं के बारे में थीं, जिनका उन्होंने अनुभव किया था और जिन्हें वे समझते थे। जोड़ियों में बात करने से वे अपने विचारों को साझा कर सके और यह सोच सके कि उन्हें लेखन के माध्यम से कैसे प्रकट किया जाए।
जब मैं जोड़ियों में काम करवाता हूँ, तो मैं गतिविधि को बहुत कम अंतराल का रखता हूँ, जिससे मेरे छात्र इस बात पर अधिक ध्यान न दें कि उन्हें किसके साथ रखा गया है और दिए गए समय में काम को पूरा करने पर ध्यान केंद्रित करें। लेकिन मैंने महसूस किया है कि वे जल्दी ही इस तरह कार्य करने के आदी हो गए हैं।
विचार के लिए रुकें
|
अगली केस स्टडी में, एक शिक्षक ने एक लेखन कार्य के समर्थन के लिए जोड़ियों में संवाद आयोजित किए हैं।
सुश्री अंजू बिहार शरीफ़ के एक विद्यालय में पढ़ाती हैं। यहाँ वे एक जोड़ियों वाली गतिविधि के बारे में बता रही हैं, जो उन्होंने अपने छठी कक्षा के छात्रों के साथ की थी।
मेरे छात्र स्थानीय जानवरों के बारे में सीख रहे थे। उन्हें पता था कि नेवले कीड़े, पक्षी, केंचुए, साँप, छिपकलियाँ व केकड़े खाते हैं। वे बहुत तेज़ होते हैं। उनकी मोटी चमड़ी उन्हें साँप के ज़हर से बचाती है। उन्हें पता था कि कोबरा अपनी गरदन को फैला कर फ़न काढ़ सकते हैं। ख़तरे में होने पर एक हिस्स की आवाज़ के साथ यह उनका चेतावनी देने का तरीका होता है। वे मुख्यत: अन्य साँपों, छोटे जानवर और पक्षी खाते हैं।
मैंने इस विषय से जुड़े एक भाषायी पाठ की योजना बनाई। मैंने अपने छात्रों से पूछना शुरू किया कि उन्हें नेवले और कोबरा के बनावट और जीवन के बारे में क्या याद है। मेरे प्रश्नों में शामिल थे:
मैंने बोर्ड पर प्रमुख शब्द लिखे, जैसे ‘तेज़’, ‘चमड़ी’, ‘चेतावनी’ और ‘ज़हर’। पाठ के पहले भाग में 15 मिनट लगे।
फिर मैंने अपने विद्यार्थियों को अपने पास बैठे छात्र के साथ काम करने को कहा। मैंने उनसे यह निर्णय लेने को कहा कि उनमें से कौन नेवला था और कौन कोबरा, और यह सोचने को कहा कि यदि वे जंगल में मिलें तो एक-दूसरे से क्या कहेंगे। मैंने उन्हें दोनों जीवों के बीच एक संवाद बनाने के लिए 15 मिनट दिए, जिसमें वे चाहें तो विभिन्न आवाज़ों के साथ इशारों का उपयोग भी कर सकते थे। कुछ छात्रों ने संवाद के लिए घर की भाषा का या घर व विद्यालय उपयोग की मिश्रित भाषा का उपयोग किया। जब वे काम कर रहे थे, मैं उन्हें देख रही थी और उनके अनुरोध पर बोर्ड पर प्रमुख शब्द लिखती रही। कई छात्र बहुत जोश में बात कर रहे थे।
फिर मैंने छात्र जोड़ियों को आगे आकर कक्षा के सामने अपनी भूमिका दिखाने को कहा। मैंने कुछ शर्मीले किस्म के छात्रों को भी प्रोत्साहित करने की कोशिश की। अन्य छात्रों ने ध्यान से सुना व प्रत्येक प्रदर्शन पर तालियाँ बजाईं। जब उनमें से एक संवाद उनकी घरेलू भाषा में था, मैंने अंत में बाकी कक्षा को उसे विद्यालयी भाषा में अनुवाद करने में मदद के लिए कहा। मैंने प्रस्तुतियों के लिए 30 मिनट का समय दिया।
समाप्त करने के लिए, मैंने छात्रों की जोड़ियों को अपने संवाद को अपनी अभ्यास पुस्तिकाओं में लिखने को कहा, वे चाहें तो उनके चित्र बना सकते थे। मैंने उन्हें इस अंतिम कार्य के लिए 15 मिनट दिए।
विचार के लिए रुकें
|
जोड़ियों में काम करना छात्रों के पर्यवेक्षण व उनके मूल्यांकन के कई अवसर देता है। पर्यवेक्षण में ये शामिल हो सकते हैं:
मूल्यांकन छात्रों की भाषा के विकास से संबद्ध हो सकता है, जैसे उनके द्वारा:
प्रमुख संसाधन ‘प्रगति व प्रदर्शन का मूल्यांकन’ आपकी कक्षा के छात्रों के मूल्यांकन के अतिरिक्त तरीके सुझाता है।
वीडियो: प्रगति और कार्यप्रदर्शन का मूल्यांकन |
अब गतिविधि 2 का प्रयास करें।
इस गतिविधि में, आप एक पाठ की योजना बनाएँगे, जिसमें अधिकतम 20 मिनट जोड़ियों में काम करना होगा। संसाधन 1 के कार्य प्रकारों के उदाहरणों की समीक्षा करें:
संसाधन 1 के विचारों व मार्गदर्शन का उपयोग करके और केस स्टडी 1 व 2 से सीख लेकर, एक ऐसे विषय का चयन करें, जिसके बारे में बात करने या घटना लिखने में आपके छात्रों की रुचि जागृत हो। आप उसे कक्षा की भाषा व साक्षरता पुस्तक के किसी अध्याय पर समुदाय के किसी हाल के आयोजन, किसी स्थानीय या राष्ट्रीय समाचार पर आधारित रख सकते हैं। यह सोचें कि जोड़ियों में काम करने से पहले आपके छात्र प्रोत्साहन के लिए क्या पढ़ेंगे, या उसके बाद पढ़ने के क्या अवसर होंगे।
आरंभ में अपनी कक्षा को सावधानी से तैयार करना महत्वपूर्ण है।
अपनी जोड़ियों वाली गतिविधि को कर लेने के बाद, समीक्षा करें कि वह कैसी रही। यदि कर सकें तो अपने अनुभव के बारे में किसी सहकर्मी से बात करें। तालिका 1 के किन्हीं लागू होने वाले कथनों को चिह्नित करें और स्वयं अपने कथन जोड़ें।
जोड़ियों में काम करने के फ़ायदे | जोड़ियों में काम करने में समस्याएँ | ||
‘पारंपरिक’ पाठ की बजाय कक्षा में छात्रों को बोलने का अधिक समय देता है | छात्र जोड़ियों में काम करने के आदी नहीं होते व उन्हें इसके लिए काफ़ी मदद चाहिए | ||
सामाजिक रूप से शिक्षण व सहयोग को प्रोत्साहन मिलता है - इस संभावना के साथ कि एक-दूसरे को अच्छी तरह न जानने वाले छात्रों के बीच सकारात्मक संबंध बनेंगे। | जोड़ियाँ दिए गए कार्य के अलावा अन्य चीज़ों के बारे में बात कर सकती हैं | ||
एक ही कार्य के लिए कई प्रकार के कल्पनाशील परिणामों को प्रोत्साहन मिलता है | शोर का उच्च स्तर | ||
छात्रों के काम करते समय मैं उनका पर्यवेक्षण व मदद कर सकता/सकती हूँ | भागीदारों की हमेशा एक-दूसरे से नहीं बन पाती | ||
जोड़ियों का समाप्त करने का समय अलग-अलग होता है | |||
शिक्षक की ओर से बहुत अधिक एकाग्रता व निगरानी की आवश्यकता होती है | |||
| |||
|
आपके सामने आई कुछ समस्याएँ अपने छात्रों को जोड़ियों में काम करने के लाभ संभवत: उनके घर की भाषा में समझाकर और उन्हें धीमे-धीमे इस प्रकार के कार्य से परिचित करवाकर कम की जा सकती हैं। प्रत्येक पाठ के पहले ऐसी जोड़ियाँ बनाएँ, जो सबसे अधिक सहयोगी हों, उन्हें अपने प्रेक्षण के अनुसार बदलें व जिससे कार्य करने के विभिन्न प्रतिमान रखे जा सकें। जोड़ियों में काम करने के बारे में आप अपने छात्रों के विचार - सकारात्मक व नकारात्मक - भी पूछ सकते हैं, लेकिन इस प्रकार की चर्चाओं को संवेदनशीलता के साथ संचालित करना महत्वपूर्ण है।
यह अध्याय आपके भाषा के पाठों के दौरान जोड़ियों में काम करने की योजना बनाने और उसके प्रबंधन पर केंद्रित था। कई प्रकार की गतिविधियों के माध्यम से सामाजिक, सहयोगपूर्ण प्रशिक्षण के अवसर प्रदान करने से, जोड़ियों में काम आपके शिक्षण के तरीकों के ख़जाने में से एक बेहद प्रभावी तरीका हो सकता है।
रोज़ाना की स्थितियों में लोग साथ–साथ काम करते हैं, दूसरो से बोलते हैं और उनकी बात सुनते हैं, तथा देखते हैं कि वे क्या करते हैं और कैसे करते हैं। लोग इसी तरह से सीखते हैं। जब हम दूसरों से बात करते हैं, तो हमें नए विचारों और जानकारियों का पता चलता है। कक्षाओं में अगर सब कुछ शिक्षक पर केंद्रित हो, तो अधिकतर छात्रों को अपना अधिगम प्रदर्शित करने के लिए या प्रश्न पूछने के लिए पर्याप्त समय नहीं मिलता। संभव है कुछ छात्र केवल संक्षिप्त उत्तर दें और कुछ बिल्कुल भी नहीं बोलें। बड़ी कक्षाओं में, स्थिति और भी बदतर है, जहां बहुत ही कम छात्र कुछ बोलते हैं।
जोड़ी में कार्य छात्रों के लिए बात करने और ज्यादा से ज्यादा सीखने का एक स्वाभाविक तरीका है। यह सोचने और नए विचारों तथा भाषा को आज़माने का अवसर देता है। यह छात्रों को नए कौशलों और संकल्पनाओं के माध्यम से काम करने की सुविधा देता है। यह ज्यादा विद्यार्थियों वाली कक्षाओं में भी सफल रहता है।
जोड़ी में कार्य करना सभी आयु वर्गों के लोगों के लिए उपयुक्त है। यह विशेष तौर पर बहुभाषी, बहुग्रेड कक्षाओं के लिए उपयोगी है, क्योंकि इसमें एक दूसरे की सहायता करने के लिए जोडे बनाये जा सकते हैं। यह सर्वश्रेष्ठ तब काम करता है जब आप विशिष्ट कार्यों की योजना बनाते हैं और यह सुनिश्चित करने के लिए नयी प्रक्रियाओं की स्थापना करते हैं कि आपके सभी छात्र शिक्षण में शामिल हैं और प्रगति कर रहे हैं। एक बार इन नेमी प्रक्रियाओं को स्थापित कर लिए जाने के बाद, आपको पता लगेगा कि छात्र तुरंत जोड़ी में काम करने के अभ्यस्त हो जाते हैं और इस तरह सीखने में आनंद लेते हैं।
आप अधिगम के अपक्षित परिणामों के आधार पर विभिन्न प्रकार के कामों को जोड़ी में कार्य (pair work) करने के लिए उपयोग कर सकते हैं। जोड़ी में कार्य को स्पष्ट और उपयुक्त होना चाहिए ताकि अकेले काम करने के मुकाबले साथ मिलकर काम करने से सीखने में अधिक मदद मिले। अपने विचारों के बारे में बात करके, आपके छात्र स्वयमेव खुद को और विकसित करने के बारे में विचार करेंगे।
जोड़ियों में कार्य (pair work) में इस प्रकार के काम हो सकते हैं :–
जोड़ियों में कार्य करने का अर्थ सभी को काम में शामिल करना है। चूंकि छात्र भिन्न होते हैं, इसलिए जोड़ों का प्रबंधन इस तरह से करना चाहिए कि हरेक को जानकारी हो कि उन्हें क्या करना है, वे क्या सीख रहे हैं और उनसे आपकी अपेक्षाएं क्या हैं। अपनी कक्षा में जोड़े में कार्य को कक्षा की दैनिकचर्या का हिस्सा बनाने के लिए, आपको निम्नलिखित काम करने होंगेः
जोड़े में कार्य के दौरान, छात्रों को बताएं कि उनके पास प्रत्येक काम के लिए कितना समय है और समय–समय पर उनकी जांच करते रहें। उन जोड़ों की प्रशंसा करें जो एक दूसरे की मदद करते हैं और काम पर बने रहते हैं। छात्र अपने कार्य के बारे में विचार कर पाएं या अपनी योग्यता सिद्व कर पाएं उससे पूर्व ही कई बार आपके सामने उनके काम में जल्दी से जल्दी शामिल हो जाने का प्रलोभन हो सकता है फिर भी जोड़ियों को आराम से बैठकर उनके खुद के हल ढूंढने का समय दें। अधिकांश छात्रों को ऐसा वातावरण अच्छा लगता है जहॉ सभी लोग बातें कर पाएं और काम कर सकें। जब आप कक्षा में देखते और सुनते हुए घूम रहे हों तो नोट बनाएं कि कौन से छात्र एक दूसरे के साथ सहज हैं, हर उस छात्र के प्रति सचेत रहें जिसे शामिल नहीं किया गया है, और सामान्य गलतियों, अच्छे विचारों या सारांश के बिंदुओं को नोट करें।
कार्य के समाप्त होने पर आपकी भूमिका छात्रों द्वारा किये गये काम के बीच की कड़ियां जोड़ने की है। आप कुछ जोड़ों का चुनाव उनका काम दिखाने के लिए कर सकते हैं, या आप उनके लिए इसका सार प्रस्तुत कर सकते हैं। छात्रों को एक साथ काम करने पर उपलब्धि का एहसास पसंद आता है। आपको हर जोड़े से रिपोर्ट लेने की जरूरत नहीं है – इसमें काफी समय लगेगा – लेकिन आप उन छात्रों का चयन करें जिनके बारे में आपको अपने अवलोकन से पता है कि वे कुछ ऐसा सकारात्मक योगदान करने में सक्षम हैं जिससे दूसरों को सीखने को मिलेगा। इससे उन छात्रों को आत्मविष्वास में वृद्धि करने का अवसर मिलेगा जो सामान्यतः योगदान देने में संकोच का अनुभव करते हैं।
यदि आपने छात्रों को हल करने के लिए समस्या दी है, तो आप कोई नमूना उत्तर भी दे सकते हैं और फिर उनसे जोड़ियों में उत्तर में सुधार करने के संबंध में चर्चा करने के लिए कह सकते हैं। इससे अपने खुद के शिक्षण के बारे में विचार करने और अपनी गलतियों से सीखने में उन्हें सहायता मिलेगी।
यदि आप जोड़ियों में कार्य करने के लिए नए हैं, तो उन बदलावों के संबंध में नोट बनाना महत्वपूर्ण है जिन्हें आप कार्य, समयावधि या जोड़ियों के संयोजनों में करना चाहते हैं। यह महत्वपूर्ण है क्योंकि आप इसी तरह सीखेंगे और इसी तरह अपने अध्यापन में सुधार करेंगे। जोड़ियों में कार्य का सफल आयोजन करना स्पष्ट निर्देशों और उत्तम समय प्रबंधन के साथ–साथ संक्षिप्त सार संक्षेपण से जुड़ा है – यह सब अभ्यास से आता है।
यह सामग्री क्रिएटिव कॉमन्स एट्रिब्यूशन-शेयरएलाइक लाइसेंस (http://creativecommons.org/ licenses/ by-sa/ 3.0/), के अंतर्गत उपलब्ध कराई गई है, जब तक कि अन्यथा निर्धारित न किया गया हो। यह लाइसेंस TESS-India, OU और UKAID लोगो के उपयोग को वर्जित करता है, जिनका उपयोग केवल TESS-India परियोजना के भीतर अपरिवर्तित रूप से किया जा सकता है।
कॉपीराइट के स्वामियों से संपर्क करने का हर प्रयास किया गया है। यदि किसी को अनजाने में अनदेखा कर दिया गया है, तो पहला अवसर मिलते ही प्रकाशकों को आवश्यक व्यवस्थाएं करने में हर्ष होगा।
वीडियो (वीडियो स्टिल्स सहित): भारत भर के उन अध्यापक शिक्षकों, मुख्याध्यापकों, अध्यापकों और छात्रों के प्रति आभार प्रकट किया जाता है जिन्होंने उत्पादनों में दि ओपन यूनिवर्सिटी के साथ काम किया है।