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भाषा और साक्षरता के लिए जोड़ी में कार्य

यह इकाई किस बारे में है

यह अध्याय आपके भाषा के पाठों के दौरान जोड़ियों में काम करने की योजना बनाने और उसके प्रबंधन पर केंद्रित है। कई प्रकार की गतिविधियों के माध्यम से सामाजिक, सहयोगपूर्ण प्रशिक्षण के अवसर प्रदान करने से, जोड़ियों में काम आपकी शिक्षण विधियों के ख़जाने में से एक बेहद प्रभावी तरीका हो सकता है।

आप इस इकाई में क्या सीख सकते हैं

  • आपके भाषा पाठों में जोड़ियों में काम करने की योजना बनाना व उसका प्रबंधन।
  • कक्षा प्रबंधन तकनीकों के अपने ख़ज़ाने का विस्तार कैसे करें।
  • जोड़ियों में काम को अपने छात्रों के भाषायी व साक्षरता विकास के अवसर के रूप में कैसे उपयोग करें।

यह दृष्टिकोण क्यों महत्वपूर्ण है

दैनिक परिस्थितियों में, लोग एक-दूसरे के साथ काम करते हैं, बातें करते व सुनते हैं, देखते हैं, सहयोग करते हैं, सुझाव देते व मदद करते हैं। कुछ प्रकार के सहयोग से विचार-विमर्श को बढ़ावा मिलता है और काम करने के विभिन्न तरीके निकलते हैं। यदि कक्षा में सबकुछ शिक्षक पर ही केंद्रित रहेगा, तो छात्रों के प्राकृतिक व एक-दूसरे के लिए लाभकारी तरीकों से अन्वेषण, चर्चा, प्रश्न, प्रयोग व सीखने के अवसर बहुत कम रह जाएँगे। जोड़ियों में काम करना आपके भाषायी पाठों में बातचीत आधारित सीखने के अवसरों को जोड़ने का बहुत प्रभावी तरीका है।

जोड़े में कार्य करना सभी आयु वर्गों और विषयों के लिए उपयुक्त होता है। क्योंकि इससे बहुत से छात्र एक साथ बात कर सकते हैं, इसलिए बड़ी कक्षाओं के लिए यह विशेष रूप से प्रभावी है। यह बेहद समावेशी है, क्योंकि इससे सभी छात्रों को बातचीत करनी पड़ती है। यह विशेषकर बहुभाषी, बहु-स्तरीय कक्षाओं में उपयोगी है, क्योंकि आपके छात्रों की आवश्यकताओं के अनुसार लचीलेपन व सहयोग से जोड़ियाँ बनाई जा सकती हैं। आप चाहे समान दक्षता स्तरों, भिन्न दक्षता स्तरों, समान भाषा के कारण मित्रता आदि के आधार पर छात्रों को आपस में जोड़ते हैं या उन्हें किसी भी क्रम में बाँटते हैं, जोड़ी बनाने की अपनी पद्धति का असर सीखने को प्रोत्साहित करने के साथ ही कक्षा में मित्रता को बढ़ावा देगा।

1 आपको जोड़ियों में काम क्यों कराना चाहिए?

गतिविधि 1 आपको अपने भाषायी पाठों के लिए जोड़ियों में काम करने पर विचार करने के लिए प्रोत्साहित करती है।

गतिविधि 1: कक्षा में जोड़ियों में काम करने पर विचार करना

यदि संभव हो तो एक सहकर्मी के साथ संसाधन 1, ‘जोड़ियों में काम का उपयोग’ पढ़ने से आरंभ करें। आप इस पाठ से शिक्षक के रूप में अपने लिए जिन्हें मुख्य शिक्षण बिंदु मानते हैं, उन्हें रेखांकित करें।

एक दो पाठों का ध्यान करें जो आपने हाल में पढ़ाए हों। ये भाषा या किसी विशिष्ट विषय पर केंद्रित हो सकते हैं।

  • क्या इनमें जोड़ियों में काम करने के अवसर थे? अगर ऐसा था, तो वे कौन-कौन सी भाषाएँ थीं?
  • क्या आपने अपने छात्रों से जोड़ियों में काम करवाने के लिए उनका उपयोग किया? यदि हाँ, तो वे कितने सफल रहे?
  • यदि आप जोड़ियों में काम के लिए नए हैं, तो अपनी कक्षा के लिए इसे सतत प्रक्रिया बनाने मे आपके लिए चिंताजनक बातें क्या हैं?

2 जोड़ियों में काम के उदाहरण

इस पहली केस स्टडी में आप एक ऐसे शिक्षक के बारे में पढ़ेंगे, जिन्होंने कविता लेखन की गतिविधि पर जोड़ी में काम करवाया।

केस स्टडी 1: कविता की कक्षा में जोड़ियों में काम

श्री आचार्य गोरखपुर के बाहर एक छोटे विद्यालय में काम करते हैं। उनके आठवीं कक्षा के छात्रों की क्षमताएँ भिन्न स्तरों की हैं। यहाँ उन्होंने बताया है कि छात्रों की कविता लेखन में मदद के लिए उन्होंने जोड़ियों में काम का उपयोग कैसे किया।

मेरे छात्र अरुण कोलटकर व अमित चौधरी की कुछ सामयिक कविताएँ ज़ोर से पढ रहे थे। उन्होंने स्वयं भी कुछ कविताएँ लिखीं थीं। इस बार मैंने तय किया कि उनसे जोड़ियों में यह काम करवाया जाए।

मैंने एक ऐसा विषय चुना, जो मेरे अनुसार उनके लिए प्रासंगिक था: मित्रों के साथ बहस। मैंने पूरी कक्षा से कुछ प्रश्न पूछते हुए विषय का परिचय दिया। इनमें शामिल थे:

  • ‘पिछली बार तुम्हारी किसी मित्र से अनबन कब हुई थी?’
  • ‘वह कोई छोटी सी बहस थी या बड़ी?’
  • ‘उसके बाद तुम्हें कैसा महसूस हुआ?’
  • ‘क्या उस अनबन को हल कर लिया गया?’
  • ‘यदि हाँ, तो यह कैसे हुआ? इसमें कितना समय लगा’?
  • ‘यदि नहीं, तो क्या तुम्हें अब भी इसके हल होने की उम्मीद है?’
  • ‘क्या तुम्हारी मित्रता अब भी पहले जैसी है?’

इस विषय पर बहुत चर्चा हुई, जिसमें कई छात्रों ने हिस्सा लिया। मैंने उनके द्वारा उपयोग किए गए कुछ शब्द व पद बोर्ड पर लिखे, जिससे वे अपने लेखन में इनका उपयोग कर सकें।

इसके बाद, मैंने उनसे कहा कि वे जोड़ियों में काम करने वाले हैं और उन्हें ‘बहस’ नाम की कविता लिखनी थी है। मैंने छात्रों से उनके पास बैठे छात्र के साथ काम करने को कहकर जोड़ियाँ बना दीं। मैंने समझाया कि उन्हें एक-एक करके कविता की पंक्तियाँ बनानी चाहिए और उन्हें लिखते जाना चाहिए। 30 मिनट बाद, मैंने प्रत्येक जोड़ी से एक छात्र को उनकी पूरी - या आधी - कविता पढ़ने को कहा।

एक जोड़ी द्वारा लिखी गई कविता यह थी:

‘बहस’

मेरी मित्र अमवी से मेरी बहस हुई

हम मंदिर के पास थे जब उसने एक बूढ़े से बात कह दी कोई

वह था ग़रीब और कुछ गंदा सा

लेकिन मेरी मित्र को उसपर न दया आई

मैंने कहा तुमने ठीक नहीं किया

उसने कहा इसकी उसे परवाह नहीं कोई

लगा मुझे बूढ़े दादा के लिए बुरा

चल पड़ा मैं उससे बिना बात किए कोई

मेरे छात्रों द्वारा बनाई गई कविताएँ उन स्थितियों व भावनाओं के बारे में थीं, जिनका उन्होंने अनुभव किया था और जिन्हें वे समझते थे। जोड़ियों में बात करने से वे अपने विचारों को साझा कर सके और यह सोच सके कि उन्हें लेखन के माध्यम से कैसे प्रकट किया जाए।

जब मैं जोड़ियों में काम करवाता हूँ, तो मैं गतिविधि को बहुत कम अंतराल का रखता हूँ, जिससे मेरे छात्र इस बात पर अधिक ध्यान न दें कि उन्हें किसके साथ रखा गया है और दिए गए समय में काम को पूरा करने पर ध्यान केंद्रित करें। लेकिन मैंने महसूस किया है कि वे जल्दी ही इस तरह कार्य करने के आदी हो गए हैं।

विचार के लिए रुकें

  • क्या आपको लगता है कि ‘बहस’ विषय छात्रों के जोड़ियों में काम करने के लिए अच्छा चुनाव है? क्या इस विषय के कोई नकारात्मक प्रभाव हैं?
  • संसाधन 1 को पढ़कर क्या आपको लगता है कि श्री आचार्य का पाठ समावेशी था? उन्हें कैसे पता लगता कि उनकी कक्षा के सभी छात्रों ने स्वयं को कक्षा में चर्चा व जोड़ी में लेखन की गतिविधि का भाग महसूस किया?

  • यदि आप यह पाठ पढ़ा रहे होते, तो आप लेखन गतिविधि के लिए जोड़ियाँ कैसे बनाते: छात्रों की दक्षता के स्तर की समानता या विभिन्नता के आधार पर, उनकी घरेलू भाषा की समानता के आधार पर, मित्रता के आधार पर या अनियमित रूप से अपने चयन का आधार बताएँ।
  • आप ऐसे छात्रों को इस गतिविधि में भाग लेने के लिए कैसे प्रोत्साहित करेंगे, जिन्हें कविता लिखने का आत्मविश्वास या उसमें रुचि नहीं है?

अगली केस स्टडी में, एक शिक्षक ने एक लेखन कार्य के समर्थन के लिए जोड़ियों में संवाद आयोजित किए हैं।

केस स्टडी 2: नेवला और कोबरा

सुश्री अंजू बिहार शरीफ़ के एक विद्यालय में पढ़ाती हैं। यहाँ वे एक जोड़ियों वाली गतिविधि के बारे में बता रही हैं, जो उन्होंने अपने छठी कक्षा के छात्रों के साथ की थी।

मेरे छात्र स्थानीय जानवरों के बारे में सीख रहे थे। उन्हें पता था कि नेवले कीड़े, पक्षी, केंचुए, साँप, छिपकलियाँ व केकड़े खाते हैं। वे बहुत तेज़ होते हैं। उनकी मोटी चमड़ी उन्हें साँप के ज़हर से बचाती है। उन्हें पता था कि कोबरा अपनी गरदन को फैला कर फ़न काढ़ सकते हैं। ख़तरे में होने पर एक हिस्स की आवाज़ के साथ यह उनका चेतावनी देने का तरीका होता है। वे मुख्यत: अन्य साँपों, छोटे जानवर और पक्षी खाते हैं।

मैंने इस विषय से जुड़े एक भाषायी पाठ की योजना बनाई। मैंने अपने छात्रों से पूछना शुरू किया कि उन्हें नेवले और कोबरा के बनावट और जीवन के बारे में क्या याद है। मेरे प्रश्नों में शामिल थे:

  • वे कैसे दिखते हैं?’
  • ‘वे क्या खाते हैं?’
  • एक दूसरे के सामने होने पर वे कैसी प्रतिक्रिया देंगे?’

मैंने बोर्ड पर प्रमुख शब्द लिखे, जैसे ‘तेज़’, ‘चमड़ी’, ‘चेतावनी’ और ‘ज़हर’। पाठ के पहले भाग में 15 मिनट लगे।

फिर मैंने अपने विद्यार्थियों को अपने पास बैठे छात्र के साथ काम करने को कहा। मैंने उनसे यह निर्णय लेने को कहा कि उनमें से कौन नेवला था और कौन कोबरा, और यह सोचने को कहा कि यदि वे जंगल में मिलें तो एक-दूसरे से क्या कहेंगे। मैंने उन्हें दोनों जीवों के बीच एक संवाद बनाने के लिए 15 मिनट दिए, जिसमें वे चाहें तो विभिन्न आवाज़ों के साथ इशारों का उपयोग भी कर सकते थे। कुछ छात्रों ने संवाद के लिए घर की भाषा का या घर व विद्यालय उपयोग की मिश्रित भाषा का उपयोग किया। जब वे काम कर रहे थे, मैं उन्हें देख रही थी और उनके अनुरोध पर बोर्ड पर प्रमुख शब्द लिखती रही। कई छात्र बहुत जोश में बात कर रहे थे।

चित्र 1 ‘नेवला व कोबरा’ गतिविधि में भाग लेना।

फिर मैंने छात्र जोड़ियों को आगे आकर कक्षा के सामने अपनी भूमिका दिखाने को कहा। मैंने कुछ शर्मीले किस्म के छात्रों को भी प्रोत्साहित करने की कोशिश की। अन्य छात्रों ने ध्यान से सुना व प्रत्येक प्रदर्शन पर तालियाँ बजाईं। जब उनमें से एक संवाद उनकी घरेलू भाषा में था, मैंने अंत में बाकी कक्षा को उसे विद्यालयी भाषा में अनुवाद करने में मदद के लिए कहा। मैंने प्रस्तुतियों के लिए 30 मिनट का समय दिया।

समाप्त करने के लिए, मैंने छात्रों की जोड़ियों को अपने संवाद को अपनी अभ्यास पुस्तिकाओं में लिखने को कहा, वे चाहें तो उनके चित्र बना सकते थे। मैंने उन्हें इस अंतिम कार्य के लिए 15 मिनट दिए।

विचार के लिए रुकें

  • क्या सुश्री अंजू द्वारा इस पाठ के विभिन्न भागों के लिए नियत किया गया समय आपके विद्यालय के संदर्भ में कारगर रहेगा? पाठ को दो लगातार दिनों में बाँटने के लिए आप समय को किस प्रकार अनुकूलित करेंगे?
  • सुश्री अंजू किन दूसरे तरीकों से इस गतिविधि में घरेलू भाषा का उपयोग करने वाले छात्रों की मदद कर सकती थीं?
  • नोट करें कि कैसे इस पाठ के प्रत्येक भाग ने सुश्री अंजू को अपने छात्रों के पर्यवेक्षण, उनके मूल्यांकन व समर्थन का अवसर दिया। आपके अनुसार वह अपने अवलोकन में क्या देख रही थीं?
  • सुश्री अंजू ने इस बोलने व लिखने की गतिविधि में पढ़ने का चरण कैसे डाला होगा?

जोड़ियों में काम करना छात्रों के पर्यवेक्षण व उनके मूल्यांकन के कई अवसर देता है। पर्यवेक्षण में ये शामिल हो सकते हैं:

  • कक्षा में घूमना, अवलोकन करना व सुनना
  • यह जाँचना कि सभी ने निर्देश समझ लिए हैं व पसंदीदा तरीके से काम कर रहे हैं
  • उन छात्रों के बारे में टिप्पणी लिखना जो अच्छे से सहयोग कर या नहीं कर पा रहे हैं
  • शाबासी देना, समर्थन व प्रोत्साहन देना
  • सामान्य त्रुटियों की पहचान करना।
चित्र 2जोड़ियों में काम का पर्यवेक्षण।

मूल्यांकन छात्रों की भाषा के विकास से संबद्ध हो सकता है, जैसे उनके द्वारा:

  • घरेलू या विद्यालय की भाषा में बोलते समय उपयुक्त शब्दावली व अभिव्यक्ति का उपयोग
  • इसे लिखित रूप में अनूदित करने की उनकी क्षमता
  • जोड़ी में काम करने में दिए गए उनके योगदान की प्रकृति
  • उनकी कल्पना
  • अपने सहपाठियों के समक्ष अपनी प्रदर्शन की क्षमता।

प्रमुख संसाधन ‘प्रगति व प्रदर्शन का मूल्यांकन’ आपकी कक्षा के छात्रों के मूल्यांकन के अतिरिक्त तरीके सुझाता है।

वीडियो: प्रगति और कार्यप्रदर्शन का मूल्यांकन

3 ‘‘जोड़ी में काम करने वाले’’ पाठ की योजना बनाना

अब गतिविधि 2 का प्रयास करें।

गतिविधि 2: जोड़ी में काम करने वाले पाठ की योजना बनाना

इस गतिविधि में, आप एक पाठ की योजना बनाएँगे, जिसमें अधिकतम 20 मिनट जोड़ियों में काम करना होगा। संसाधन 1 के कार्य प्रकारों के उदाहरणों की समीक्षा करें:

  • विचार करें–जोड़ा बनाएं–साझा करें
  • जानकारी साझा करना
  • सुनने जैसे कौशलों का अभ्यास करना
  • निर्देशों का पालन करना
  • कहानी सुनाना या भूमिका अदा करना।

संसाधन 1 के विचारों व मार्गदर्शन का उपयोग करके और केस स्टडी 1 व 2 से सीख लेकर, एक ऐसे विषय का चयन करें, जिसके बारे में बात करने या घटना लिखने में आपके छात्रों की रुचि जागृत हो। आप उसे कक्षा की भाषा व साक्षरता पुस्तक के किसी अध्याय पर समुदाय के किसी हाल के आयोजन, किसी स्थानीय या राष्ट्रीय समाचार पर आधारित रख सकते हैं। यह सोचें कि जोड़ियों में काम करने से पहले आपके छात्र प्रोत्साहन के लिए क्या पढ़ेंगे, या उसके बाद पढ़ने के क्या अवसर होंगे।

चित्र 3 जोड़ी में काम करने वाले पाठ की योजना बनाना।

आरंभ में अपनी कक्षा को सावधानी से तैयार करना महत्वपूर्ण है।

  1. छात्रों को यह समझाएँ कि आपके उन्हें जोड़ियों में बाँटने से पहले वे क्या करेंगे।
  2. एक स्वयंसेवक के साथ यह प्रदर्शित करें कि उनसे क्या करने की अपेक्षा है।
  3. कुछ छात्रों को बुलाकर उनकी समझ को जानने के लिए उनसे यह फिर से वापस समझाने को कहें। यदि वे चाहें तो अपने घर की भाषा में यह स्पष्टीकरण दे सकते हैं।
  4. जोड़ियों में बात करने के लिए धीमी आवाज़ नियत करें। फिर भी, आपको कक्षा में कुछ आवाज़ होने को स्वीकार करना चाहिए, जो आपके छात्रों के कार्य में लगे होने का लक्षण होगा।
  5. गतिविधि के लिए स्पष्ट समय सीमा निर्धारित करें। अपने हाथों, या एक घंटी का संकेत नियत करें, जिससे यह इंगित हो कि अब छात्रों को रुक जाना चाहिए।
  6. छात्रों की जोड़ियाँ बनाएँ। यह अग्रिम तौर पर कैसे करना है इस बारे में सोंचें, यह सुनिश्चित करें कि किसी जोड़ी में कोई भागीदार दूसरे के दबाव में न आए।
  7. संभव हो तो इन जोड़ियों को कमरे के विभिन्न भागों में भेज दें, या कुछ को बाहर स्थान दें।
  8. जो जोड़ियाँ काम जल्दी ख़त्म कर लें उनके लिए एक या दो अतिरिक्त गतिविधियाँ रखें।
  9. काम करते समय अपने छात्रों को ध्यान दें, जोड़ियों में उनकी बात सुनें और अवलोकन करें व आवश्यक होने पर उनकी मदद करें।
  10. कुछ छात्रों का चयन करके भविष्य के पाठों में अन्य छात्रों का मूल्यांकन करने के लक्ष्य के साथ इस गतिविधि के दौरान उनकी भाषा का मूल्यांकन करें।
  11. अपनी कक्षा को फ़ीडबैक देने का समय रखें और यदि उपयुक्त हो तो पाठ के अंत में या अगले दिन कुछ छात्रों को अपना काम दूसरों को दिखाने दें। अपने कार्य को प्रस्तुत करना व अन्य ने जो किया है वह सुनना, छात्रों को सीखने के अतिरिक्त और मूल्यवान अवसर देता है, जैसा कि एक-दूसरे के लिखित कार्य को पढ़ने से होता है।

गतिविधि 3: जोड़ियों में काम करने के लाभ और हानियाँ

अपनी जोड़ियों वाली गतिविधि को कर लेने के बाद, समीक्षा करें कि वह कैसी रही। यदि कर सकें तो अपने अनुभव के बारे में किसी सहकर्मी से बात करें। तालिका 1 के किन्हीं लागू होने वाले कथनों को चिह्नित करें और स्वयं अपने कथन जोड़ें।

तालिका 1 जोड़ियों में काम करने के लाभ और हानियाँ
जोड़ियों में काम करने के फ़ायदेजोड़ियों में काम करने में समस्याएँ
‘पारंपरिक’ पाठ की बजाय कक्षा में छात्रों को बोलने का अधिक समय देता हैछात्र जोड़ियों में काम करने के आदी नहीं होते व उन्हें इसके लिए काफ़ी मदद चाहिए
सामाजिक रूप से शिक्षण व सहयोग को प्रोत्साहन मिलता है - इस संभावना के साथ कि एक-दूसरे को अच्छी तरह न जानने वाले छात्रों के बीच सकारात्मक संबंध बनेंगे।जोड़ियाँ दिए गए कार्य के अलावा अन्य चीज़ों के बारे में बात कर सकती हैं
एक ही कार्य के लिए कई प्रकार के कल्पनाशील परिणामों को प्रोत्साहन मिलता हैशोर का उच्च स्तर
छात्रों के काम करते समय मैं उनका पर्यवेक्षण व मदद कर सकता/सकती हूँभागीदारों की हमेशा एक-दूसरे से नहीं बन पाती
जोड़ियों का समाप्त करने का समय अलग-अलग होता है
शिक्षक की ओर से बहुत अधिक एकाग्रता व निगरानी की आवश्यकता होती है

 

 

आपके सामने आई कुछ समस्याएँ अपने छात्रों को जोड़ियों में काम करने के लाभ संभवत: उनके घर की भाषा में समझाकर और उन्हें धीमे-धीमे इस प्रकार के कार्य से परिचित करवाकर कम की जा सकती हैं। प्रत्येक पाठ के पहले ऐसी जोड़ियाँ बनाएँ, जो सबसे अधिक सहयोगी हों, उन्हें अपने प्रेक्षण के अनुसार बदलें व जिससे कार्य करने के विभिन्न प्रतिमान रखे जा सकें। जोड़ियों में काम करने के बारे में आप अपने छात्रों के विचार - सकारात्मक व नकारात्मक - भी पूछ सकते हैं, लेकिन इस प्रकार की चर्चाओं को संवेदनशीलता के साथ संचालित करना महत्वपूर्ण है।

4 सारांश

यह अध्याय आपके भाषा के पाठों के दौरान जोड़ियों में काम करने की योजना बनाने और उसके प्रबंधन पर केंद्रित था। कई प्रकार की गतिविधियों के माध्यम से सामाजिक, सहयोगपूर्ण प्रशिक्षण के अवसर प्रदान करने से, जोड़ियों में काम आपके शिक्षण के तरीकों के ख़जाने में से एक बेहद प्रभावी तरीका हो सकता है।

संसाधन

संसाधन 1: जोड़ी में किये गये कार्य का उपयोग करना

रोज़ाना की स्थितियों में लोग साथ–साथ काम करते हैं, दूसरो से बोलते हैं और उनकी बात सुनते हैं, तथा देखते हैं कि वे क्या करते हैं और कैसे करते हैं। लोग इसी तरह से सीखते हैं। जब हम दूसरों से बात करते हैं, तो हमें नए विचारों और जानकारियों का पता चलता है। कक्षाओं में अगर सब कुछ शिक्षक पर केंद्रित हो, तो अधिकतर छात्रों को अपना अधिगम प्रदर्शित करने के लिए या प्रश्न पूछने के लिए पर्याप्त समय नहीं मिलता। संभव है कुछ छात्र केवल संक्षिप्त उत्तर दें और कुछ बिल्कुल भी नहीं बोलें। बड़ी कक्षाओं में, स्थिति और भी बदतर है, जहां बहुत ही कम छात्र कुछ बोलते हैं।

जोड़ी में कार्य का उपयोग क्यों करें?

जोड़ी में कार्य छात्रों के लिए बात करने और ज्यादा से ज्यादा सीखने का एक स्वाभाविक तरीका है। यह सोचने और नए विचारों तथा भाषा को आज़माने का अवसर देता है। यह छात्रों को नए कौशलों और संकल्पनाओं के माध्यम से काम करने की सुविधा देता है। यह ज्यादा विद्यार्थियों वाली कक्षाओं में भी सफल रहता है।

जोड़ी में कार्य करना सभी आयु वर्गों के लोगों के लिए उपयुक्त है। यह विशेष तौर पर बहुभाषी, बहुग्रेड कक्षाओं के लिए उपयोगी है, क्योंकि इसमें एक दूसरे की सहायता करने के लिए जोडे बनाये जा सकते हैं। यह सर्वश्रेष्ठ तब काम करता है जब आप विशिष्ट कार्यों की योजना बनाते हैं और यह सुनिश्चित करने के लिए नयी प्रक्रियाओं की स्थापना करते हैं कि आपके सभी छात्र शिक्षण में शामिल हैं और प्रगति कर रहे हैं। एक बार इन नेमी प्रक्रियाओं को स्थापित कर लिए जाने के बाद, आपको पता लगेगा कि छात्र तुरंत जोड़ी में काम करने के अभ्यस्त हो जाते हैं और इस तरह सीखने में आनंद लेते हैं।

जोड़े में कार्य करने के लिए काम–

आप अधिगम के अपक्षित परिणामों के आधार पर विभिन्न प्रकार के कामों को जोड़ी में कार्य (pair work) करने के लिए उपयोग कर सकते हैं। जोड़ी में कार्य को स्पष्ट और उपयुक्त होना चाहिए ताकि अकेले काम करने के मुकाबले साथ मिलकर काम करने से सीखने में अधिक मदद मिले। अपने विचारों के बारे में बात करके, आपके छात्र स्वयमेव खुद को और विकसित करने के बारे में विचार करेंगे।

जोड़ियों में कार्य (pair work) में इस प्रकार के काम हो सकते हैं :–

  • विचार करें–जोड़ी बनाए–साझा करें’: इसमें छात्र किसी समस्या या मुद्दे के बारे में खुद ही विचार करते हैं और फिर दूसरे छात्रों के साथ अपने उत्तर साझा करने से पूर्व संभावित उत्तर निकालने के लिए जोड़ी में कार्य करते हैं। इसका उपयोग वर्तनी, परिकलनों वाले कामकाज, प्रवर्गों या क्रम में चीजों को रखने, अलग–अलग दृष्टिकोण प्रस्तुत करने, कहानी के पात्र का अभिनय करने जैसे कामों के लिए किया जा सकता है।
  • जानकारी साझा करना: आधी कक्षा को विषय के एक पहलू के बारे में जानकारी दी जाती है; और शेष आधी कक्षा को विषय के अलग पहलू के बारे में जानकारी दी जाती है। फिर वे समस्या का हल निकालने के लिए या किसी निर्णय पर पहुंचने के लिए अपनी जानकारी को साझा करने हेतु जोड़ी में कार्य करते हैं।
  • कौशलों (जैसे सुनने का कौशल) का अभ्यास करना: एक छात्र कहानी पढ़ता है और दूसरा प्रश्न पूछता है; एक छात्र अंग्रेजी में पैसेज पढ़ता है, जबकि दूसरा इसे लिखने का प्रयास करता है; एक छात्र किसी तस्वीर या डायाग्राम का वर्णन करता है जबकि दूसरा छात्र वर्णन के आधार पर इसे बनाने की कोशिश करता है।
  • निर्देश पालन: एक छात्र दूसरे छात्र हेतु निर्देश पढ़ सकता है ताकि दूसरा छात्र कार्य पूरा कर सके।
  • कहानी सुनाना या भूमिका अदा करना: छात्र जो भाषा सीख रहे हैं, उसमें कहानी या संवाद बनाने के लिए जोड़ी में कार्य कर सकते हैं।

सभी को शामिल करते हुए जोड़ों का प्रबंधन करना–

जोड़ियों में कार्य करने का अर्थ सभी को काम में शामिल करना है। चूंकि छात्र भिन्न होते हैं, इसलिए जोड़ों का प्रबंधन इस तरह से करना चाहिए कि हरेक को जानकारी हो कि उन्हें क्या करना है, वे क्या सीख रहे हैं और उनसे आपकी अपेक्षाएं क्या हैं। अपनी कक्षा में जोड़े में कार्य को कक्षा की दैनिकचर्या का हिस्सा बनाने के लिए, आपको निम्नलिखित काम करने होंगेः

  • उन जोड़ों का प्रबंधन करना जिनमें छात्र काम करते हैं। कभी–कभी छात्र मैत्री–जोड़ों (friendship pair) में काम करेंगे; कभी–कभी नहीं करेंगे। सुनिश्चित करें कि वे समझ गए हैं कि आप उनके सीखने की प्रक्रिया को अधिकतम करने में सहायता करने के लिए जोड़ियां निर्धारित करेंगे।
  • चुनौती पेश करने के लिए, कभी–कभी आप मिश्रित योग्यता वाले और भिन्न भाषायी छात्रों के जोड़े बना सकते हैं ताकि वे एक दूसरे की मदद कर सकें; कभी–कभी आप समान स्तर पर काम करने वाले छात्रों के जोड़े बना सकते हैं।
  • रिकॉर्ड रखें ताकि आपको अपने छात्रों की योग्यताओं का पता रहे और आप उसके अनुसार उनके जोड़े बना सकें।
  • आरंभ में, छात्रों को ऐसे पारिवारिक और सामुदायिक संदर्भों से उदाहरण लेकर जोड़े में काम करने के फायदे बताएं जहाँ लोग आपसी सहयोग से काम करते हैं :
  • आरंभिक कार्य को संक्षिप्त और स्पष्ट रखें।
  • यह सुनिश्चित करने के लिए कि छात्र–जोड़े ठीक वैसे ही काम कर रहे हैं जैसा आप चाहते हैं, उन पर नजर रखें।
  • छात्रों को उनके जोड़े में उनकी भूमिकाएं या जिम्मेदारियां सौंप दें जैसे कि किसी कहानी से दो पात्र, या साधारण लेबल जैसे ‘1’ और ‘2’, या ‘क’ और ‘ख’)। यह कार्य उनके आमने–सामने बैठने के लिए उठने से पहले ही कर लें ताकि वे निर्देश सुन लें।
  • सुनिश्चित करें कि छात्र एक दूसरे के सामने बैठने के लिए आसानी से मुड़ सकें या घूम सके।

जोड़े में कार्य के दौरान, छात्रों को बताएं कि उनके पास प्रत्येक काम के लिए कितना समय है और समय–समय पर उनकी जांच करते रहें। उन जोड़ों की प्रशंसा करें जो एक दूसरे की मदद करते हैं और काम पर बने रहते हैं। छात्र अपने कार्य के बारे में विचार कर पाएं या अपनी योग्यता सिद्व कर पाएं उससे पूर्व ही कई बार आपके सामने उनके काम में जल्दी से जल्दी शामिल हो जाने का प्रलोभन हो सकता है फिर भी जोड़ियों को आराम से बैठकर उनके खुद के हल ढूंढने का समय दें। अधिकांश छात्रों को ऐसा वातावरण अच्छा लगता है जहॉ सभी लोग बातें कर पाएं और काम कर सकें। जब आप कक्षा में देखते और सुनते हुए घूम रहे हों तो नोट बनाएं कि कौन से छात्र एक दूसरे के साथ सहज हैं, हर उस छात्र के प्रति सचेत रहें जिसे शामिल नहीं किया गया है, और सामान्य गलतियों, अच्छे विचारों या सारांश के बिंदुओं को नोट करें।

कार्य के समाप्त होने पर आपकी भूमिका छात्रों द्वारा किये गये काम के बीच की कड़ियां जोड़ने की है। आप कुछ जोड़ों का चुनाव उनका काम दिखाने के लिए कर सकते हैं, या आप उनके लिए इसका सार प्रस्तुत कर सकते हैं। छात्रों को एक साथ काम करने पर उपलब्धि का एहसास पसंद आता है। आपको हर जोड़े से रिपोर्ट लेने की जरूरत नहीं है – इसमें काफी समय लगेगा – लेकिन आप उन छात्रों का चयन करें जिनके बारे में आपको अपने अवलोकन से पता है कि वे कुछ ऐसा सकारात्मक योगदान करने में सक्षम हैं जिससे दूसरों को सीखने को मिलेगा। इससे उन छात्रों को आत्मविष्वास में वृद्धि करने का अवसर मिलेगा जो सामान्यतः योगदान देने में संकोच का अनुभव करते हैं।

यदि आपने छात्रों को हल करने के लिए समस्या दी है, तो आप कोई नमूना उत्तर भी दे सकते हैं और फिर उनसे जोड़ियों में उत्तर में सुधार करने के संबंध में चर्चा करने के लिए कह सकते हैं। इससे अपने खुद के शिक्षण के बारे में विचार करने और अपनी गलतियों से सीखने में उन्हें सहायता मिलेगी।

यदि आप जोड़ियों में कार्य करने के लिए नए हैं, तो उन बदलावों के संबंध में नोट बनाना महत्वपूर्ण है जिन्हें आप कार्य, समयावधि या जोड़ियों के संयोजनों में करना चाहते हैं। यह महत्वपूर्ण है क्योंकि आप इसी तरह सीखेंगे और इसी तरह अपने अध्यापन में सुधार करेंगे। जोड़ियों में कार्य का सफल आयोजन करना स्पष्ट निर्देशों और उत्तम समय प्रबंधन के साथ–साथ संक्षिप्त सार संक्षेपण से जुड़ा है – यह सब अभ्यास से आता है।

अतिरिक्त संसाधन

References

Glasner, E. and Mahmout, U. (2005) ‘Putting paired learning into practice in the primary classroom’ (online), University of Newcastle upon Tyne/Campaign for Learning. Available from: http://www.campaign-for-learning.org.uk/ cfl/ assets/ documents/ CaseStudies/ L2L_cs_fleecefield_ph3.pdf (accessed 18 November 2014).
Jolliffe, W. (2007) Cooperative Learning in the Classroom: Putting it into Practice. London: Sage Publications.

Acknowledgements

अभिस्वीकृतियाँ

यह सामग्री क्रिएटिव कॉमन्स एट्रिब्यूशन-शेयरएलाइक लाइसेंस (http://creativecommons.org/ licenses/ by-sa/ 3.0/), के अंतर्गत उपलब्ध कराई गई है, जब तक कि अन्यथा निर्धारित न किया गया हो। यह लाइसेंस TESS-India, OU और UKAID लोगो के उपयोग को वर्जित करता है, जिनका उपयोग केवल TESS-India परियोजना के भीतर अपरिवर्तित रूप से किया जा सकता है।

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वीडियो (वीडियो स्टिल्स सहित): भारत भर के उन अध्यापक शिक्षकों, मुख्याध्यापकों, अध्यापकों और छात्रों के प्रति आभार प्रकट किया जाता है जिन्होंने उत्पादनों में दि ओपन यूनिवर्सिटी के साथ काम किया है।