बोलना सीखना भाषा की शिक्षा का एक महत्वपूर्ण पहलू है। यह काफी मज़ेदार भी हो सकता है। अधिकांश छात्र अपनी बातचीत में सुधार लाने के लिए प्रेरित रहते हैं क्योंकि वे अच्छी अंग्रेजी बोल सकने के लाभों को जानते हैं, किंतु उनमें धाराप्रवाह अंग्रेजी बोलने के आत्मविश्वास का अभाव होता है।
इस इकाई में, आपका परिचय उन गतिविधियों से कराया जाएगा जो आप अंग्रेजी बोलते समय आत्मविश्वास का विकास करने के लिए विद्यार्थियों के साथ कर सकते हैं और अंग्रेजी बोलना उनके लिए आसान बना सकते हैं। आप ऐसा निम्न ढंग से कर सकते हैं:
इन गतिविधियों में, आप धारा प्रवाह बोलने को प्रोत्साहित करने पर ध्यान देंगे न कि शुद्धता से सटीक बोलने पर। जब आप धारा प्रवाह बोलने को प्रोत्साहित करते हैं, तब विद्यार्थी जो बात कहना चाहते हैं आप उसके अभिप्राय पर ध्यान देते हैं और यह सीखने में उनकी मदद करते हैं कि वे अपने विचारों को कैसे व्यक्त करें। आप इस बात पर ध्यान नहीं देंगे कि उनकी कही गई बात सटीक है या नहीं। हालांकि सटीकता – या व्याकरण सम्बन्धी शुद्धता – का महत्व होता है, किन्तु उसे हर समय आपके शिक्षण का केंद्र नहीं होना चाहिए। वे गतिविधियाँ जो धारा प्रवाह बोलने को प्रोत्साहित करने में विशेष तौर पर उपयोगी होती हैं उनमें कहानियाँ सुनाना और भूमिका निभाना (रोल प्ले) (इस इकाई में प्रस्तुत) तथा साक्षात्कार व चर्चाएं (इकाई अंग्रेजी में बोलने का समर्थन करनाः जोड़ी और सामूहिक कार्य में प्रस्तुत) शामिल हैं।
उन विषयों पर सरल वार्तालाप गतिविधियाँ तैयार करना जिनमें आपकी कक्षा को रुचि है।
किसी घटना का वर्णन करने या कहानी सुनाने जैसी कक्षा की गतिविधियों को तैयार और शुरू करना।
वार्तालाप गतिविधि के बाद निगरानी करना और विद्यार्थियों को फ़ीडबैक देना जो उनकी भाषा विकसित करने और उनमें आत्मविश्वास जगाने में मदद करे।
आपके कई छात्र इस बात पर सहमत होंगे कि अच्छी तरह से अंग्रेजी बोलना उपयोगी है, और वे इस भाषा को सीखने के लिए प्रेरित होंगे। आप अपनी कक्षाओं में बात करने के लिए मनोरंजक विषय प्रदान करके अंग्रेजी सीखने में उनकी रुचि को बढ़ावा दे सकते हैं। यदि छात्र किसी विषय में रुचि लेते हैं और उसके बारे में कुछ कहना चाहते हैं, तो उनके कक्षा में बोलने और सीखने में सक्रिय रूप से भाग लेने की अधिक संभावना है।
अपने विद्यार्थियों को आप कितनी अच्छी तरह से जानते हैं? आपके विचार में आपके विद्यार्थियों को किन विषयों में रुचि होगी और जिनके बारे में वे बात करना चाहेंगे? उन्हें लिख लें। आप कैसे पता लगा सकते हैं कि उन्हें किन विषयों में दिलचस्पी है?आपके द्वारा लिखी हुई विषयों की सूची को देखें। क्या ये विषय उन पाठ्य पुस्तकों में हैं जिनका प्रयोग आप अंग्रेजी पढ़ाने के लिए करते/करती हैं?
तालिका 1 Table 1 NCERT की Secondary English की पाठ्यपुस्तक से लिए गए एक विषय को प्रदर्शित करती है। विषयों को पढ़ें और उन्हें नोट करें जिनके बारे में बात करने में आपके विचार में आपकी कक्षा को आनंद आएगा। हो सके तो अपने किसी सहकर्मी के साथ सूची पर चर्चा करें।
Accidents Animals (pets, wild animals, desert animals) Beauty Boring or household chores Childhood Climbing Everest Courage Diaries Different places in India Disability Dreams and ambitions Education and school | Fairs and festivals Faith Friendship and family relationships Fears Flying Flying kites Heroes and heroines (for example, Einstein, Anne Frank, Nelson Mandela) Historical events Hobbies Homes | Homework Memory and forgetting things Monsoons Prejudice Quarrels Success and hard work Traditional stories Travel and trips Tsunami Vanity Wedding ceremonies Work and jobs |
आप और आपके सहकर्मी उन विषयों के बारे में असहमत हो सकते हैं जिन पर आपके विचार में छात्र बात करना चाहेंगे, लेकिन यह संभव है कि आप महसूस करेंगे कि कुछ विषय शेष विषयों की अपेक्षा माध्यमिक विद्यार्थियों के लिए अधिक रुचिकर होंगे। यदि आपको लगता है कि आपके छात्र पाठ्य पुस्तक के विषयों में रुचि नहीं लेगें, तो इस तरह के तरीके मौजूद हैं जिनसे आप इन विषयों का संबंध विद्यार्थियों के जीवन से जोड़ सकते हैं और उन्हें उनके लिए अधिक मनोरंजक बना सकते हैं।
निम्नलिखित केस स्टडी में, एक अध्यापक चाहते हैं कि उनके विद्यार्थी जितनी संभव हो उतनी अधिक अंग्रेजी बोलें। वे ऐसा करने के लिए पाठ्यपुस्तक के विषय को अपने विद्यार्थियों के जीवन के लिए अधिक प्रासंगिक बनाने के लिए अनुकूलित करके करते हैं।
श्री अग्रवाल कक्षा 9 को अंग्रेजी पढ़ाते हैं। वे ऐसे तरीके सोचने का प्रयास कर रहे हैं जिनसे उनके छात्र कक्षा में अधिक अंग्रेजी बोलें।
पाठ्य पुस्तक के प्रत्येक पठन के बाद बोलने की गतिविधियाँ की जाती हैं। उदाहरण के लिए, Class IX Beehive पाठ्य पुस्तक में, पृष्ठ 108 पर एक गतिविधि है जो विद्यार्थियों से महिला एथलीटों को सफल होने का सपना देखने के लिए प्रेरित करने वाला एक छोटा सा भाषण तैयार करने को कहती है। मैंने इस गतिविधि का प्रयोग किया, किंतु इससे सफलता नहीं मिली। कुछ विद्यार्थियों ने केवल पाठ के ही कुछ वाक्यों को अंग्रेजी में पढ़कर सुनाया। अन्य ने हिंदी में उस पर चर्चा की। कई विद्यार्थी चुपचाप बैठे रहे। अधिकांश समय, विद्यार्थियों के पास पाठ्य पुस्तक के विषयों के बारे में ज्यादा कुछ कहने को नहीं था, और इस प्रकार की गतिविधि उनके लिए कठिन थी। लेकिन मैंने देखा है कि वे कक्षा से पहले और बाद में एक–दूसरे से अपने शौक और रुचियों के बारे में बातचीत करते हैं।
मैं उन तरीकों के बारे में सोचने लगा जिनसे मैं पाठ्य पुस्तक के अध्यायों को उनके लिए अधिक मनोरंजक और प्रासंगिक बनाकर उनके बोलने के कौशलों को विकसित कर सकता था। हम अध्याय में टेनिस चैम्पियन Maria Sharapova के बारे में एक अंश को देख रहे थे। मैं जानता हूँ कि मेरे अधिकांश विद्यार्थियों ने Maria Sharapova या Wimbledon के बारे में नहीं सुना होगा – वे टेनिस के बारे में वास्तव में ज्यादा कुछ नहीं जानते हैं, इसलिए हो सकता है उन्हें वह पाठ प्रासंगिक न लगे। लेकिन मैं जानता हूँ कि मेरे विद्यार्थियों को खेल में रुचि है, और वे उसके बारे में बात करके आनंदित होते हैं।
इसलिए मैंने सोचा कि मैं खेल के विषय पर एक वार्तालाप गतिविधि का प्रयोग करूँगा। मैंने अपने विद्यार्थियों से अपने पसंदीदा मशहूर खिलाड़ियों का नाम बताने को कहा। फिर मैंने बोर्ड पर कुछ वाक्य लिखे और उनसे वे वाक्य लिखने और उन्हें पूरा करने को कहाः
उसके बाद मैंने विद्यार्थियों से चार या पाँच के समूहों में बैठने को कहा। मैंने उनसे अपने उत्तरों की तुलना करने और इस बात पर सहमति बनाने को कहा कि उनका महानतम खिलाड़ी नायक कौन है। मैंने इस गतिविधि के लिए उन्हें पाँच मिनट दिए।
जब वे विषय पर चर्चा कर रहे थे, मैं कमरे में घूमता रहा और समूहों की बातें सुनीं। कुछ समूह बहुत जोश में थे और चयन के बारे में असहमत थे। मैंने उन्हें उनकी चर्चाएं जारी रखने दी।
मैं हमेशा इस बात को प्राथमिकता देता हूँ कि छात्र अंग्रेजी बोलें, और मैं उन्हें ऐसा करने के लिए प्रोत्साहित करता हूँ। लेकिन मैंने इस बात पर अधिक ध्यान नहीं दिया कि वे इस गतिविधि के लिए किस भाषा का उपयोग कर रहे हैं क्योंकि वह किसी बात पर चर्चा करने और एकमत होने से संबंधित थी। यदि वे विषय पर हिंदी में उत्साहपूर्वक चर्चा कर रहे हों तो मैं उनकी प्रेरणा में व्यवधान नहीं डालना चाहता था!
एक समूह कुछ भी बात नहीं कर रहा था। मैंने उनके साथ बैठने और उनकी मदद करने का निश्चय किया। मैंने उनकी नोटबुक को देखा और कहाः ‘Ravi likes Lionel Messi the football player, but Santosh prefers Sachin Tendulkar. Is Messi better than Tendulkar? What do you think?’
एक और समूह में, मैंने देखा कि कुछ छात्र कभी–कभी अपनी स्थानीय भाषाओं का उपयोग कर रहे हैं, और कुछ अंग्रेजी और अपनी स्थानीय भाषाओं को मिश्रित कर रहे हैं। जहाँ ऐसा हो रहा था, वहाँ मैंने शब्दों या वाक्यांशों का अंग्रेजी में अनुवाद करने में उनकी मदद करने का प्रयास किया। उदाहरण के लिए, मैंने उन्हें बताया कि ’चैंपियनशिप’ को अंग्रेजी में ’championship’ लिखा जाता है।
पाँच मिनट बाद मैंने गतिविधि को रोक दिया। मैंने प्रत्येक समूह के एक छात्र से यह बताने के लिए कहा कि महानतम खेल नायक कौन है। फिर मैंने विद्यार्थियों से पूछा कि क्या उन्होंने Maria Sharapova का नाम सुना है । उन्होंने यह नाम नहीं सुना था, इसलिए मैंने उनसे पूछा कि क्या वे अंदाजा लगा सकते हैं कि वह किस खेल के लिए मशहूर है। विद्यार्थियों ने कुछ खेलों का अंदाजा लगाया। फिर मैंने उनसे कहा कि वे अपनी पुस्तकों में पृष्ठ 105 खोलें ताकि हम पाठ्य पुस्तक गतिविधि शुरू कर सकें। उन्होंने वह पाठ पढ़ने में सामान्य से काफी अधिक रुचि दिखाई।
अब, जब भी मुझे लगता है कि विद्यार्थियों के लिए पाठ्य पुस्तक के किसी विषय पर चर्चा करना कठिन है, मैं उसे उनके जीवन और रुचियों से जोड़ने का प्रयत्न करता हूँ। इससे उन्हें अंग्रेजी में बोलने और पाठ्य पुस्तक की गतिविधि से इस ज्ञान को बढ़ाने में मदद मिलती है।
केस स्टडी 1 में, अध्यापक ने पाठ को विद्यार्थियों की रुचियों से जोड़कर उसे अधिक पहुँच–योग्य बनाने का प्रयास किया। अपनी कक्षा में इस तकनीक को आजमाने के लिए निम्न चरणों का अनुसरण करें:
आपकी पाठ्य पुस्तक का अगला विषय क्या है? क्या आप सोचते हैं कि यह वह विषय है जिसके बारे में बात करके आपके छात्र आनंदित होंगे?
यदि ऐसा है, तो उस विषय के बारे में कुछ ऐसे वाक्य लिखें जिन्हें वे पूरा कर सकें। उदाहरण के लिए, यदि विषय है ’wedding ceremonies’, तो आप ऐसे कुछ वाक्य लिख सकते हैं:
यदि विषय उनके बात करने के लिए अधिक कठिन है, तो आप किसी ऐसे विषय के बारे में सोच सकते हैं जो पाठ से केवल अस्पष्ट रूप से संबंधित हो, किंतु आपके विद्यार्थियों के लिए अधिक मनोरंजक हो। उदाहरण के लिए, यदि पाठ किसी ऐसे नायक के बारे में है जिसे आपके छात्र नहीं जानते, तो आप ऐसे कुछ कथन लिख सकते हैं:
कक्षा में, बोर्ड पर कथन लिखें, और अपने विद्यार्थियों से उन्हें पूरा करने को कहें। इसके लिए उन्हें तीन या चार मिनट की समय सीमा दें।
फिर, अपनी कक्षा को चार या पाँच के समूहों में व्यवस्थित करें, और उनसे अपने वाक्यों को एक दूसरे को दिखाने को कहें। उन्हें एक उत्तर पर पहुँचने को कहें। इस कार्य के लिए पाँच मिनट का समय दें।
जब वे इस पर चर्चा करें, तब कमरे में घूमें और जिन विद्यार्थियों को जरूरत हो उनकी मदद करें। प्रत्येक को जहाँ संभव हो वहाँ अंग्रेजी का उपयोग करने को प्रोत्साहित करें। संसाधन 1 देखें, जो इस गतिविधि को अंग्रेजी में पूरा करने में आपकी मदद करेगा।
आपको लग सकता है कि किसी ऐसी चीज़ के बारे में बात करना कक्षा के समय का गलत उपयोग है , लेकिन ऐसी गतिविधियाँ बहुत लाभदायक हो सकती हैं क्योंकि वे अंग्रेजी सीखने में विद्यार्थियों की रुचि को बढ़ाती हैं और उन्हें उपयोगी भाषा कौशलों का अभ्यास करने का अवसर देती हैं। पाठ्य पुस्तक से परे संसाधनों के बारे में अधिक विचारों के लिए इकाई ‘ पाठ्य पुस्तक से परे संसाधनों का उपयोग करना ‘ देखें। इनका उपयोग आप अपनी कक्षाओं में चर्चा के बिंदुओं के रूप में कर सकते हैं।
विचार के लिए रुकें इस गतिविधि का प्रयोग करने के बाद आपके विचार करने के लिए वहां कुछ प्रश्न दिए गए हैं। यदि संभव हो, तो इन प्रश्नों की चर्चा किसी सहकर्मी के साथ करें।
|
अच्छा होगा यदि आपके छात्र इस तरह की गतिविधियों में अंग्रेजी का उपयोग करें और आपको ऐसा करने के लिए उनकी प्रशंसा करनी चाहिए। यदि वे शब्द खोजने के लिए संघर्ष कर रहे हैं, तो आप उन्हें अनुवाद की पेशकश कर सकते हैं या उन्हें कुछ उपयोगी वाक्यांश प्रदान कर सकते हैं। लेकिन दूसरी भाषाओं का उपयोग करने के लिए उन्हें निरुत्साहित न करें; मुख्य प्रयोजन उन्हें अधिक आत्मविश्वासी महसूस करने और अंग्रेजी का उपयोग करने के लिए प्रेरित होने में मदद करना है।
यदि आप अपनी कक्षाओं में चर्चा के लिए अधिक विषयों की तलाश में हैं, तो आप अपने विद्यार्थियों से पूछ सकते हैं कि वे किस बारे में बात करना चाहेंगे। आप उन्हें ऊपर तालिका 1 में दिए गए विषयों की सूची दिखा सकते हैं और उनसे जिन विषयों में उन्हें रुचि हो उनके लिए वोट देने को कह सकते हैं।
यदि आपको समूहकार्य गतिविधि स्थापित करने और सभी विद्यार्थियों को भाग लेने के लिए तैयार करने में कठिनाई हुई हो तो, संसाधन 2 देखें।
छात्र कई कारणों से अंग्रेजी में बोलने में कठिनाई का सामना कर सकते हैं। एक और कारण यह है कि हो सकता है अंग्रेजी बोलने के लिए आवश्यक भाषा कौशल उनके पास न हो।
कल्पना करें कि आपके विद्यार्थियों को निम्नलिखित कार्य दिया गया हैः ‘Talk about a time when you were frightened.’ इस विषय की ओर वे आकर्षित हो सकते हैं, और अपने सहपाठियों की इस बारे में कहानियाँ सुनकर आनंदित हो सकते हैं जब वे डर गए थे। तथापि, कहानी सुनाना काफी कठिन होता है – यहाँ तक कि अपनी स्थानीय भाषा में भी। अधिकांश विद्यार्थियों को इस प्रकार की गतिविधि के लिए कुछ सहायता की जरुरत पड़ती है, और कुछ विद्यार्थियों को औरों से अधिक मदद चाहिए होती है। उन्हें व्याकरण और शब्दावली दोनों में मदद की जरूरत पड़ती है।
विचार के लिए रुकें
|
निम्नलिखित में से किसी भी तकनीक का उपयोग करके कहानी सुनाने के लिए आवश्यक भाषा द्वारा आप विद्यार्थियों की सहायता कर सकते हैं:
आपका मतलब किस प्रकार की कहानी से है इसका प्रदर्शन करने के लिए आप कक्षा को किसी ऐसे दिन के बारे में बता सकते हैं जब आप डर गए थे। विवरण छोटा रखें, और कहानी को धीरे–धीरे सुनाएं। ऐसे व्याकरण और शब्दावली का उपयोग करें जो आपके विचार से आपके छात्र जानते हैं। कहानी को पहले से तैयार करें।
कुछ विद्यार्थियों से ऐसे कुछ उदाहरण देने को कहें जब वे डर गए थे। यदि आवश्यक हो तो वे यह अपनी स्थानीय भाषा में कर सकते हैं। जब वे बोल रहे हों तब आप बोर्ड पर अंग्रेजी में कुछ मुख्य शब्द लिख सकते हैं।
बोर्ड पर कुछ उपयोगी वाक्यांश और वाक्य लिखें, उदाहरण के लिएः ‘One day, I was …’, ‘I heard/saw …’, ‘It was a …’, ‘I felt very frightened/scared/afraid …’, इत्यादि। इन शब्दों और वाक्यांशों को कक्षा से पहले तैयार करें।
अपनी कक्षा को उनके लिए आवश्यक शब्दों और वाक्यांशों के बारे में सोचने और उन्हें नोट करने के लिए कुछ समय दें। नोट करें कि विद्यार्थियों को घटना के बारे में सोचने का समय देना भी उपयोगी होता है। उन्हें उस समय के बारे में सोचने के लिए कुछ समय की जरूरत हो सकती है जब वे डर गए थे।
अब आप ऐसे विद्यार्थियों के समूह के बारे में पढ़ेंगे जो अंग्रेजी में कहानी सुनाने का अभ्यास कर रहे हैं। जब आप केस स्टडी 2 पढ़ें, तब इस बारे में सोचें कि अध्यापक कैसे उनका समर्थन, और अंग्रेजी भाषा के बारे में उनकी सहायता करता है।
श्रीमती वसंती एक अंग्रेजी अध्यापक हैं जो एक ऐसी गतिविधि का वर्णन कर रही हैं जो उन्होंने हाल ही में कक्षा 7 के साथ की थी।
हम NCERT की कक्षा VIII की पाठ्य पुस्तक Honeydew के पाठ 2 का अध्ययन कर रहे थे, जिसमें चींटी और टिड्डे के बारे में एक कहानी थी। मेरे विद्यार्थी जानवरों के बारे में विभिन्न लोक कथाएं जानते हैं, इसलिए मैंने सोचा कि वे अंग्रेजी में कहानी सुनाना सीख सकते हैं। मैंने अपनी बेटी की पसंदीदा कहानियों में से एक का उपयोग करने का निश्चय कियाः पंचतंत्र की ’The Snake and the Crows’ नामक एक कहानी। {इस कहानी के सरल संस्करण के लिए संसाधन 4 देखें।} यह कहानी काफी सरल है, और अंग्रेजी का स्तर हमारी पाठ्य पुस्तक के स्तर से कम है। लेकिन मेरे कई विद्यार्थियों को इन पाठों को पढ़ने में कठिनाई होती है, इसलिए मैं सुनिश्चित करना चाहती थी कि हर कोई समझ सके।
मैंने कहानी की शुरुआत अपनी कक्षा को तीन जानवरों के चित्र दिखाते हुए कीः एक साँप, एक कौआ और एक लोमड़ी {चित्र 1}। मुझे ये चित्र अपनी बेटी की कहानी पुस्तक में मिले।
मैंने बोर्ड पर एक पेड़ का चित्र बनाया और कौवे के चित्र को पेड़ के शिखर पर चिपका दिया, और साँप को पेड़ के निचले भाग पर चिपका दिया। फिर मैंने वह सरल कहानी सुनाई, और उसे सुनाते–सुनाते प्रश्न पूछती गई। यहाँ पर एक उदाहरण हैः
ढेर सारे प्रश्न पूछकर और चित्रों का उपयोग करते हुए, मैंने समूह को कहानी सुनाई। चूंकि मैंने एक आसान कहानी चुनी थी, अधिकांश छात्र उसे समझ पा रहे थे। इससे उनमें वह आत्मविश्वास जागा, जिसकी उन्हें जरूरत थी क्योंकि उन्हें जल्द ही स्वयं वह कहानी सुनानी थी। कहानी के समाप्त होने पर, मैंने अपने विद्यार्थियों से वही कहानी मुझे अंग्रेजी में सुनाने को कहाः एक ने पहली पंक्ति सुनाई, एक अन्य ने दूसरी इत्यादि। जब वे कहानी सुना रहे थे, मैंने मुख्य शब्दों को बोर्ड पर लिखा (’crows’, ‘nest’, ‘at the top’, ‘snake’, ‘at the bottom’, ‘upset’) और मैंने कुछ मुख्य क्रियाएं भी भूत काल (’lived’, ‘liked’, ‘wanted to eat’, ‘climbed’) में लिखीं। मैंने प्रत्येक को याद दिलाया कि कहानियाँ सुनाने के लिए हम भूत काल का उपयोग करते हैं।
फिर मैंने विद्यार्थियों को चार या पाँच के समूहों में रखा। चूंकि हम अक्सर ऐसा करते हैं, वे समूहों में काम करने के आदी हैं, इसलिए उन्होंने शीघ्रता से समूह बना लिए। फिर मैंने हर एक से एक दूसरे को कहानी सुनाना शुरू करने को कहा। मैंने उनसे कहा कि एक छात्र कहानी शुरू करेगा, अगला उसे जारी रखेगा और इस तरह कहानी आगे बढ़ेगी। समूहों ने कहानी सुनाना शुरू की, और जब वे बोल रहे थे, मैं उसे सुनते हुए कमरे में घूमती रही ताकि सुनिश्चित कर सकूं कि वे काम को समझते हैं और देख सकूं कि वे काम को निभा रहे हैं और अंग्रेजी में बोल रहे हैं। इस गतिविधि के लिए महत्वपूर्ण था कि छात्र अंग्रेजी में बोलने का प्रयास करें और उस शब्दावली का उपयोग करने की कोशिश करें जिनसे मैंने कहानी सुनाते समय उन्हें परिचित कराया था।
जब अधिकांश समूहों ने कहानी सुनाना समाप्त कर लिया, मैंने सबको रुकने को कहा, और उनसे पूछाः
अधिकांश छात्र सहमत थे कि वे कहानी को बेहतर ढंग से सुना सकते थे, इसलिए मैंने उनसे दोबारा कहानी सुनाने को कहा। इस बार, मैंने उनसे कहानी के विभिन्न हिस्सों को चुनने को कहा, ताकि जिस व्यक्ति ने पिछली बार कहानी शुरू की थी वह इस बार शुरू न करे।
समूहों ने फिर से कहानी सुनाना शुरू किया और जब वे बोल रहे थे, मैं एक बार फिर कमरे में घूमने लगी, और दो या तीन समूहों को सुना। मैंने देखा उन्होंने इस बार बेहतर काम किया था। भाषा के उपयोग में सुधार हुआ था, और छात्र अधिक शीघ्रता और आत्मविश्वास से बोल सकते थे। वे अधिक धारा प्रवाह बोल पा रहे थे। उन्होंने, बेशक, कुछ गलतियाँ की थीं, लेकिन मैंने उन्हें बीच में नहीं टोका – मैं बस सुन रही थी। कुछ अधिक उन्नत विद्यार्थियों ने कहानी में कुछ विवरण जोड़ा था।
जब अधिकांश समूह समाप्त करने को तैयार थे, मैंने विद्यार्थियों से गतिविधि को रोकने को कहा, और उन्हें बताया कि दूसरी बार कहानी सुनाते समय उन्होंने बेहतर काम किया था। मेरे छात्र खुश थे कि वे मिलकर कहानी सुना सकते थे।
कहानियाँ सुनना और सुनाना सभी उम्र और भाषा स्तरों के विद्यार्थियों के लिए मनोरंजक हो सकता है। लेकिन आपको ऐसी कहानी चुननी चाहिए जो आपके विचार से आपके विद्यार्थियों के लिए मनोरंजक और उनके अंग्रेजी के स्तर के लिए उचित होगी। यदि आप इस प्रकार की गतिविधि अक्सर करते हैं, तो आप प्रगतिशील रूप से अधिक कठिन पाठों का उपयोग कर सकते हैं।
अपनी कक्षा में ऐसी ही गतिविधि आजमाने के लिए इन चरणों का अनुसरण करें:
ऐसी कहानी चुनें जो आप और आपके छात्र सुना सकते हों। कहानी निम्नलिखित में से एक हो सकती हैः
आप या आपके विद्यार्थियों की पसंद की कोई कहानी – सरल कहानियों के उदाहरणों के लिए संसाधन 3 देखें।
किसी कहानी या अंश की घटनाएं जिन्हें उन्होंने कक्षा में पढ़ा है। उदाहरण के लिए, वे कल्पना करते हैं कि वे कहानी के एक पात्र हैं और वर्णन करते हैं कि क्या हुआ था।
कोई स्थानीय समाचार जो आपकी कक्षा को मनोरंजक लगा हो।
कक्षा से पहले, कहानी से संबंधित कोई तस्वीरें खोजें। वे कहानी की पुस्तक या पाठ्य पुस्तक की तस्वीरें; किसी पत्रिका या अखबार के चित्र; या किसी घटना, जैसे विवाह या पिकनिक की तस्वीर हो सकती हैं। आप बोर्ड पर कोई चित्र भी बना सकते हैं, या किसी छात्र से चित्र बनाने को कह सकते हैं।
कहानी सुनाने का अभ्यास करें। कहानी सुनाते समय प्रश्न पूछना याद रखें। इन प्रश्नों का भी अभ्यास करें।
जब आप कहानी सुनाएं, बोर्ड पर उपयोगी शब्द और वाक्यांश लिखें। अपने विद्यार्थियों के स्तर और क्षमता पर निर्भर करते हुए आप बोर्ड पर लिखी जाने वाली मात्रा को समायोजित कर सकते हैं। जो छात्र अंग्रेजी बोलने के आदी नहीं हैं उन्हें भाषा के संबंध में अधिक समर्थन की जरूरत पड़ सकती है।
जब अधिकांश समूह अपनी कहानियाँ सुना चुकें, तो गतिविधि को समाप्त करें। यदि आपके पास समय हो, तो छात्र अपनी कहानियाँ फिर से सुना सकते हैं। इस बार, प्रत्येक छात्र कहानी का कोई अलग हिस्सा सुना सकता है। इससे विद्यार्थियों को एक दूसरे की कहानियाँ सुनने की अधिक प्रेरणा मिलेगी।
विचार के लिए रुकें कक्षा में इस गतिविधि को आजमाने के बाद, निम्नलिखित प्रश्नों के बारे में सोचें:
|
कुछ विद्यार्थियों को कक्षा में बोलकर आनंद मिल सकता है। अन्यों को अधिक बोलने के लिए प्रोत्साहित करने की जरूरत पड़ सकती है। उन लोगों को भी बुलाना सुनिश्चित करें जो शर्मीले हैं। धैर्यवान और प्रोत्साहक बनें, उन्हें अपने शब्द चुनने के लिए समय दें। यदि जरूरत हो तो उन्हें अपनी स्थानीय भाषा का उपयोग करने दें।
यदि आप पाएं कि कुछ छात्र भाग नहीं लेते हैं, तो उन समूहों को जिनमें वे छात्र हैं बदलने से मदद मिल सकती है ताकि वे बोलने में अधिक सहज हो सकें।
अंग्रेजी बोलने में आत्मविश्वास और क्षमताएँ विकसित करने में विद्यार्थियों को समय लगेगा। हो सकता है पहली बार करने पर इस इकाई की गतिविधियाँ काम न करें। यदि वे काम नहीं करती हैं, तो बस दोबारा प्रयास करें। आपके विचार से जो अच्छा हुआ और आपके विचार से जो बेहतर हो सकता था अगली बार वार्तालाप गतिविधि करते समय आपको याद दिलाने के लिए उस पर नोट्स बनाएं।
इस इकाई में अब तक आपने विद्यार्थियों को बोलते समय अधिक प्रेरित रहने, और अंग्रेजी में अधिक आत्मविश्वास से बोलने में मदद करने की तकनीकों के बारे में सीखा है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि बोलते समय वे गलतियाँ नहीं करेंगे। किसी भी अन्य भाषा को सीखने में समय लगता है, और सीखने का एकमात्र तरीका है नई भाषा का उपयोग करने का प्रयास करना। इसलिए आपकी कक्षा को प्रोत्साहक स्थान बनाना महत्वपूर्ण है – ऐसा स्थान जहाँ आप और आपके छात्र बिना आलोचना के चीजों को करने का प्रयास कर सकते हैं।
केस स्टडी 2 में, आपने एक ऐसी अध्यापिका के बारे में पढ़ा जिसने अपने विद्यार्थियों के साथ समूहों में कहानी सुनाने की गतिविधि की। क्या आपने देखा कि अध्यापिका ने निम्नलिखित कहा?
विचार के लिए रुकें
|
इस बात का सबूत है कि गलतियों को सुधारने से भाषा सीखने वालों को अधिक सटीकता से बोलने में मदद नहीं मिलती है (एज, 1993)। गलतियाँ करना भाषा को सीखने की प्रक्रिया का हिस्सा है। यदि छात्र अंग्रेजी के धारा प्रवाह, आत्मविश्वासपूर्ण वक्ता बनना चाहते हैं, तो उन्हें अंग्रेजी का उपयोग करने का अभ्यास करने और उसके साथ प्रयोग करने और गलतियाँ करने की अनुमति देने की जरूरत है। कक्षाओं को ऐसी गतिविधियाँ शामिल करनी चाहिए जिनमें वे रोकटोक या व्यवधान के बिना बोल सकें। रोल प्ले विद्यार्थियों में आत्मविश्वास और धारा प्रवाह बोलने की क्षमता का विकास करने की एक अच्छी गतिविधि है।
रोल प्ले गतिविधियाँ युवा विद्यार्थियों में विभिन्न सामाजिक परिस्थितियों में बोलने का आत्मविश्वास विकसित करने में मदद कर सकती हैं (नीचे वीडियो देखें)। वे अंग्रेजी भाषा अध्यापन में विशेष रूप से उपयोगी होती हैं, क्योंकि आप उनसे अपने विद्यार्थियों के अभ्यास करने के लिए सजीव स्थिति का सृजन कर सकते हैं। प्रत्येक छात्र को एक किरदार दिया जाता है। समूह में अन्य विद्यार्थियों के साथ उन्हें एक परिस्थिति का अभिनय ऐसे करना होता है जैसे कि वे वह किरदार हों। उदाहरण के लिए, छात्र किसी चाय की दुकान में ग्राहक और दुकानदार हो सकते हैं (या इकाई अंग्रेजी में बोलने में सहायता देनाः जोड़ी और सामूहिक कार्य में संसाधन 1 देखें)। वार्तालाप गतिविधि सबसे बढ़िया तब काम करती है जब विद्यार्थियों को अपनी भूमिकाओं को यथासंभव यथार्थ रूप से निभाने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है, ताकि, उदाहरण के लिए, दुकानदारों को पता न चले कि ग्राहक क्या आर्डर करेंगे।
कोई भूमिका निभाते समय, विद्यार्थियों को नई भाषा के साथ प्रयोग करना चाहिए। इसका मतलब है कि वे गलतियाँ करेंगे। इन गतिविधियों पर आपके फीडबैक से विद्यार्थियों को उनकी क्षमताओं और आत्मविश्वास में सुधार करने में मदद मिलनी चाहिए। केस स्टडी 3 पढ़ें, जिसमें एक अध्यापिका वर्णन करती है कि रोल प्ले गतिविधि के बाद वह अपने विद्यार्थियों को फीडबैक कैसे देती हैं।
श्रीमती खान एक माध्यमिक अंग्रेजी अध्यापिका हैं जो इस पर विचार कर रही हैं कि एक वार्तालाप गतिविधि के बाद उन्होंने अपने विद्यार्थियों को फीडबैक कैसे दिया।
मेरे कक्षा 10 के छात्र हाल ही में अंश NCERT के कक्षा 10 की पाठ्यपुस्तक First Flight के Chapter 7 से ’Tea from Assam’ पढ़ते रहे हैं {देखें संसाधन 5}। विद्यार्थियों ने चाय के बारे में जानकारी पर चर्चा की थीः दुनियाभर में उसकी लोकप्रियता; सर्वोत्तम चाय और उसे बनाने का तरीका; इसे उगाने और पीने का इतिहास; और इस पेय से संबंधित किंवदंतियाँ।
चाय के बारे में यह अध्याय एक गतिविधि के लिए अच्छी तैयारी थी जिसमें छात्र एक चाय की दुकान में चाय खरीदने और बेचने से संबंधित भूमिका का अभिनय कर सकते थे, इसलिए मैंने कक्षा से कहा कि हम उसके बारे में एक भूमिका अभिनय करने जा रहे हैं।
मैंने सबसे पहले विद्यार्थियों से यह कल्पना करने को कहा कि वे चाय की दुकान पर कुछ चाय खरीदना चाहते हैं। मैंने उनसे पूछा कि चाय खरीदने के लिए वे किन वाक्यांशों का उपयोग करेंगे और उन्हें बोर्ड पर लिखा।
फिर मैंने विद्यार्थियों से यह कल्पना करने को कहा कि वे एक चाय की दुकान के मालिक हैं। मैंने उनसे दुकान में जो कुछ वे बेचते हैं उस पर विचार करने और मूल्यों सहित एक मेन्यू लिखने को कहा। ऐसा करने के लिए मैंने उन्हें करीब पाँच मिनट दिए। फिर मैंने उनसे पूछा कि अपनी चीजों को बेचने के लिए वे किन वाक्यांशों का उपयोग करेंगे और उन्हें बोर्ड पर लिखा।
अंत में, मैंने विद्यार्थियों को चार के समूहों में रखा। मैंने उन्हें ये निर्देश दिएः
मैंने समूहों को काम शुरू करने को कहा, और वे दुकानदारों और ग्राहकों की भूमिकाएं निभाने लगे।
मेरे लिए उस समय सभी समूहों को सुनना संभव नहीं था, इसलिए मैंने तीन समूहों पर ध्यान केंद्रित किया। मैं हमेशा सुनिश्चित करती हूँ कि हर बार जब हम कक्षा में बोलने की गतिविधि करते हैं मैं विद्यार्थियों के भिन्न समूहों पर ध्यान केंद्रित करूँ। जब वे बोल रहे थे, मैं सुन रही थी और उनके द्वारा की गई गलतियाँ नोट कर रही थी। निःसंदेह मैंने प्रत्येक गलती को नोट नहीं किया किंतु जो गलतियाँ आम थीं मैंने उनको नोट किया। मैंने उस भाषा पर ध्यान दिया जो हम हाल ही में पढ़े अध्यायों में सीख रहे थे। उदाहरण के लिए, इस अध्याय में ’over’, ‘ by’ और ‘through’ जैसे प्रेपोजिशन (Prepositions) के प्रयोग से संबंधित अभ्यास हैं। मैंने विद्यार्थियों द्वारा प्रयुक्त कुछ अच्छे वाक्यांश भी नोट किए।
लगभग चार मिनट बाद, मैंने हर एक से अपनी भूमिकाएं आपस में बदलने को कहा – यानी, दुकानदार अब ग्राहक थे और ग्राहक दुकानदार। इस बार वे यथार्थ में भूमिका निभा रहे थे और कुछ अच्छे मोल–भाव कर रहे थे!
जब उन्होंने काम पूरा कर लिया, मैंने अपने नोट्स पर नज़र डाली और कक्षा को बताया कि उन्होंने क्या अच्छी तरह से किया है और भाषा के अच्छे उपयोग के कुछ उदाहरण दिए। फिर मैंने गलतियों वाले दस वाक्य बोर्ड पर लिखे। मैंने वे गलतियाँ चुनीं जो कई विद्यार्थियों ने की थी, और यह न कहने का ध्यान रखा कि गलतियाँ किसने की थीं, क्योंकि ऐसा करना अपमानजनक हो सकता था। गलतियों वाले वाक्यों के कुछ उदाहरण यहाँ पर प्रस्तुत हैं:
फिर मैंने कहाः
मैंने वाक्यों को सही ढंग से लिखने के लिए प्रत्येक को पाँच मिनट दिए, और फिर उनसे सही मूलपाठ के लिए पूछा। जब वे सही मूलपाठ पढ़कर सुना रहे थे, मैंने बोर्ड पर वाक्यों को सही किया। ऐसा करने से विद्यार्थियों को अपनी गलतियों और व्याकरण के बारे में सोचने में मदद मिलती है, और यह देखने में भी उन्हें मदद मिलती है कि जब वे वार्तालाप गतिविधियाँ करते हैं, तब हम उनकी गलतियाँ सुधारते हैं।
विद्यार्थियों के बोलते समय मैं जो नोट्स बनाती हूँ वे मेरे लिए रिकार्ड्स बनाने में भी उपयोगी होते हैं। वार्तालाप गतिविधियों के बाद, मैं जिन विद्यार्थियों को सुनती हूँ उनके बारे में नोट्स बनाती हूँ, जिससे मुझे उनकी प्रगति को देखने और उनका आकलन करने में मदद मिलती है।
केस स्टडी 3 में, विद्यार्थियों ने समूहबद्ध होकर एक वार्तालाप गतिविधि की। उन्होंने दुकानदार और ग्राहक की भूमिकाएं निभाईं। जब वे भूमिकाएं निभा रहे थे, अध्यापिका ने कुछ समूहों को सुना और कुछ सामान्य, विशिष्ट गलतियाँ नोट कीं। जब आपके छात्र कोई वार्तालाप गतिविधि कर रहे हों तब आप इस तकनीक का उपयोग कर सकते हैं। इन चरणों का पालन करें:
विचार के लिए रुकें कक्षा में इस गतिविधि को प्रयोग करने के बाद, सोचें कि इस तरह की गतिविधि आपके विद्यार्थियों के सीखने को रिकार्ड और उसका आकलन करने में आपकी मदद कैसे कर सकती है। |
इस तरह की गतिविधि में बनाए गए आपके नोट्स का उपयोग बोलने में विद्यार्थियों के प्रदर्शन के बारे में रिकार्डों के रूप में किया जा सकता है। हर बार जब वे कोई वार्तालाप गतिविधि करें तब भिन्न विद्यार्थियों के बारे में नोट्स बनाएं। सोचें कि उन क्षेत्रों में विद्यार्थियों की सहायता आप कैसे कर सकते हैं जहाँ उन्हें उसकी जरूरत है। (‘निर्माणात्मक मूल्यांकन के माध्यम से भाषा सीखने में सहाहयता करना‘ नामक इकाई देखें।)
याद रखें कि छात्र सकारात्मक फीडबैक के प्रति भी प्रतिक्रिया करते हैं। कक्षा में अंग्रेजी का उपयोग करने के लिए उन्हें पुरस्कृत करें। आप अपने विद्यार्थियों के नामों की सूची वाला एक चार्ट बना सकते हैं। हर बार जब आपका कोई छात्र कक्षा में कुछ अंग्रेजी बोले, आप उसके नाम के आगे एक सितारा जोड़ सकते हैं।
किसी अन्य भाषा में बोलना सीखना कठिन होता है और उसके लिए आत्मविश्वास चाहिए, खास तौर पर जब छात्र कहानी सुनाने और रोल प्ले जैसी गतिविधियों में संचार करना सीख रहे हों। इस इकाई में, आपका परिचय उन तीन तरीकों से कराया गया है जिनसे आप विद्यार्थियों के आत्मविश्वास और बोलने की प्रेरणा का निर्माण कर सकते हैं, जिसके लिए आप उन्हें प्रदान कर सकते हैं:
वह भाषा जिसकी उन्हें बोलने की गतिविधियों में भाग लेने के लिए जरूरत है
वार्तालाप गतिविधियों के बाद सकारात्मक और रचनात्मक फीडबैक।
इन तकनीकों का उपयोग आपके विद्यार्थियों की अंग्रेजी में संचार करने की क्षमताओं का विकास करने के लिए किसी भी अंग्रेजी भाषा की कक्षा में विविध प्रकार के विषयों में किया जा सकता है।
यदि आप स्वयं अपने वार्तालाप कौशलों का विकास करना चाहते हैं, तो संसाधन 1 देखें। आगे के पठन के लिंक्स के लिए अतिरिक्त संसाधन खंड भी देखें।
इस इकाई की गतिविधियाँ करने के लिए उपयोगी हो सकने वाले कुछ वाक्यांशों की सूची यहाँ उपलब्ध है।
एक दिन, कई वर्ष पहले, वहाँ एक ...
आपके विचार से आगे क्या हुआ?
उसे कैसा महसूस हुआ? आपका क्या विचार है?
वे गलतियाँ क्या हैं?
यहाँ स्वयं आपके बोलने के कौशलों का विकास करने के लिए कुछ सुझाव हैं:
आपके सहयोगियों या किसी भी अंग्रेजी बोलने वाले व्यक्ति के साथ बोलने का अभ्यास करें। कदाचित आप एक स्थानीय इंग्लिश क्लब शुरू कर सकते हैं जहाँ आप प्रति सप्ताह एक घंटे के लिए अंग्रेजी में गपशप (चैट) कर सकते हैं?
समूहकार्य एक व्यवस्थित, सक्रिय, अध्यापन कार्यनीति है जो विद्यार्थियों के छोटे समूहों को एक आम लक्ष्य की प्राप्ति के लिए मिलकर काम करने को प्रोत्साहित करती है। ये छोटे समूह संरचित गतिविधियों के माध्यम से अधिक सक्रिय और अधिक प्रभावी अधिगम को बढ़ावा देते हैं।
समूहकार्य विद्यार्थियों को सोचने, संवाद कायम करने, विचारों का आदान-प्रदान करने और निर्णय लेने के लिए प्रोत्साहित करके सीखने हेतु उन्हें प्रेरित करने का बहुत ही प्रभावी तरीका हो सकता है। आपके विद्यार्थी दूसरों को सिखा भी सकते हैं और उनसे सीख भी सकते हैं: यह जो सीखने का एक बेहद सशक्त और सक्रिय तरीका है।
समूहकार्य में विद्यार्थियों का समूहों में बैठना ही काफी नहीं होता है; इसमें स्पष्ट उद्देश्य के साथ सीखने के साझा कार्य पर काम करना और उसमें योगदान करना शामिल होता है। आपको इस बारे में स्पष्ट होना होगा कि आप सीखने के लिए सामूहिक कार्य का उपयोग क्यों कर रहे हैं और जानना होगा कि यह भाषण देने, जोड़े में कार्य या विद्यार्थियों के स्वयं कार्य करने से बेहतर क्यों है। इस तरह समूहकार्य को सुनियोजित और उद्देश्यपूर्ण होना आवश्यक है।
आप समूहकार्य का उपयोग कब और कैसे करेंगे यह इस बात पर निर्भर करेगा कि पाठ के अंत में आप अधिगम के किस लक्ष्य को पाना चाहते हैं। आप समूहकार्य को पाठ के आरंभ में, अंत में या बीच में शामिल कर सकते हैं, लेकिन आपको पर्याप्त समय का प्रावधान करना होगा। आपको उस कार्य के बारे में जो आप अपने विद्यार्थियों से पूरा करवाना चाहते हैं और समूहों को नियोजित करने के सर्वोत्तम ढंग के बारे में सोचना होगा।
एक अध्यापक के रूप में, आप समूहकार्य की सफलता सुनिश्चित कर सकते हैं यदि आप निम्न की योजना पहले ही बना लेते हैं।
सामूहिक गतिविधि के लक्ष्य और अपेक्षित परिणाम
कोई भी आकलन कैसे किया और रिकार्ड किया जाएगा (व्यक्तिगत आकलनों को सामूहिक आकलनों से अलग पहचानने का ध्यान रखें)
वह काम जो आप अपने विद्यार्थियों से पूरा करने के लिए कहते हैं वह इस पर निर्भर होता है कि आप उन्हें क्या सिखाना चाहते हैं। समूहकार्य में भाग लेकर, वे एक-दूसरे को सुनने, अपने विचारों को समझाने और आपसी सहयोग से काम करने जैसे कौशल सीखेंगे। हालांकि, उनके लिए मुख्य लक्ष्य है जो विषय आप पढ़ा रहे हैं उसके बारे में कुछ सीखना। कार्यों के कुछ उदाहरणों में निम्नलिखित शामिल हो सकते हैं:
चार से आठ के समूह आदर्श होते हैं किंतु यह आपकी कक्षा, भौतिक पर्यावरण और फर्नीचर, तथा आपके विद्यार्थियों की दक्षता और उम्र के दायरे पर निर्भर करेगा। आदर्श रूप से समूह में हर एक के लिए एक दूसरे से मिलना, बिना चिल्लाए बात करना और समूह के परिणाम में योगदान करना आवश्यक होगा।
तय करें कि आप विद्यार्थियों को समूहों में कैसे और क्यों विभाजित करेंगे; उदाहरण के लिए, आप समूहों को मित्रता, रुचि या समान अथवा मिश्रित दक्षता के अनुसार बाँट सकते हैं। भिन्न तरीकों से प्रयोग करें और समीक्षा करें कि प्रत्येक कक्षा के लिए क्या सर्वोत्तम है।
योजना बनाएं कि आप समूह के सदस्यों को कौन सी भूमिकाएं देंगे (उदाहरण के लिए, नोट लेने वाला, प्रवक्ता, टाइम कीपर या उपकरणों का संग्रहकर्ता) और आप इसे कैसे स्पष्ट करेंगे।
आप अच्छे समूहकार्य के प्रबंधन के लिए क्रियाकलाप और नियम तय कर सकते हैं। जब आप नियमित रूप से समूहकार्य का उपयोग करते हैं, तो विद्यार्थियों को पता चल जाएगा कि आप क्या अपेक्षा करते हैं और वे कार्य करने में आनन्द का अनुभव करेंगे। टीमों और समूहों में काम करने के लाभों की पहचान करने के लिए आरंभ में कक्षा के साथ काम करना एक अच्छा विचार है। आपको चर्चा करनी चाहिए कि समूहकार्य में अच्छा व्यवहार क्या होता है और संभव हो तो ‘नियमों’ की एक सूची बनाएं जिसे प्रदर्शित किया जा सकता है; उदाहरण के लिए, ‘एक दूसरे के लिए सम्मान’, ‘सुनना’, ‘एक दूसरे की सहायता करना’, ‘एक से अधिक विचार को आजमाना’, आदि।
समूहकार्य के बारे में स्पष्ट मौखिक निर्देश देना महत्वपूर्ण है जिसे ब्लैकबोर्ड पर संदर्भ के लिए लिखा भी जा सकता है। आपको:
पाठ के दौरान, यह देखने और जाँच करने के लिए घूमें कि समूह किस तरह से काम कर रहे हैं। यदि वे कार्य से विचलित हो रहे हैं या अटक रहे हैं तो जहाँ जरूरत हो वहाँ सलाह प्रदान करें।
आप कार्य के दौरान समूहों को बदल सकते हैं। जब आप समूहकार्य के बारे में आत्मविश्वास महसूस करने लगें तब दो तकनीकें आजमाई जा सकती हैं – वे बड़ी कक्षा को प्रबंधित करते समय खास तौर पर उपयोगी होती हैं:
प्रत्येक समूह को एक अलग कार्य दें, जैसे विद्युत उत्पन्न करने के एक तरीके पर शोध करना या किसी नाटक के लिए किरदार विकसित करना। एक उपयुक्त समय के बाद, समूहों को इस प्रकार पुनर्गठित करें कि प्रत्येक नया समूह सभी मूल समूहों से एक सदस्य (विशेषज्ञ) से युक्त हो। फिर उन्हें एक कार्य दें जिसमें सभी विशेषज्ञों की जानकारी को एकत्र करना होता है, जैसे निश्चय करना कि किस प्रकार का पॉवर स्टेशन बनाना या नाटक का अंश तैयार किया जाये।
कार्य के अंत में, जो कुछ सीखा गया है उसका सारांश बनाएं और आपको नज़र आई किसी भी गलतफहमी को सुधारें। आप चाहें तो प्रत्येक समूह का फीडबैक सुन सकते हैं, या केवल एक या दो समूहों से पूछ सकते हैं जिनके पास आपको लगता है कि कुछ अच्छे विचार हैं। विद्यार्थियों की रिपोर्ट करने की प्रक्रिया को संक्षिप्त रखें और उन्हें अन्य समूहों के काम पर फीडबैक देने को प्रोत्साहित करें जिसमें वे पहचान सकते हैं कि क्या अच्छा किया गया था, क्या बात दिलचस्प थी और किस बात को और विकसित किया जा सकता था।
यदि आप अपनी कक्षा में समूहकार्य को अपनाना चाहते हैं तो भी आपको कभी-कभी इसका नियोजन कठिन लग सकता है क्योंकि कुछ विद्यार्थी :
अंतर्व्यैयक्तिक कौशलों की कमी या आत्मविश्वास के अभाव के कारण भाग नहीं लेते।
सीखने के परिणाम कहाँ तक प्राप्त हुए और आपके विद्यार्थियों ने कितनी अच्छी तरह से अनुक्रिया की (क्या वे सभी लाभान्वित हुए) इस पर विचार करने के अलावा, समूहकार्य के प्रबंधन में प्रभावी बनने के लिए उपरोक्त सभी बिंदुओं पर विचार करना महत्वपूर्ण होता है। सामूहिक कार्य, संसाधनों, समय या समूहों की रचना में आप द्वारा किए जा सकने वाले समायोजनों पर सावधानी से विचार करें और उनकी योजना बनाएं।
शोध से पता चला है कि विद्यार्थियों की उपलब्धि पर सकारात्मक प्रभाव पाने के लिए समूहों में सीखने का हर समय उपयोग करना आवश्यक नहीं है, इसलिए आपको हर पाठ में उसका उपयोग करने के लिए बाध्य महसूस नहीं करना चाहिए। आप चाहें तो समूहकार्य का उपयोग एक पूरक तकनीक के रूप में कर सकते हैं, उदाहरण के लिए विषय परिवर्तन के बीच अंतराल या कक्षा में चर्चा को अकस्मात शुरु करने के साधन के रूप में कर सकते हैं। इसका उपयोग विवाद को हल करने या कक्षा में अनुभवजन्य शिक्षण गतिविधियाँ और समस्या का हल करने के अभ्यास शुरू करने या विषयों की समीक्षा करने के लिए भी किया जा सकता है।
बरगद के एक पेड़ के शिखर पर दो कौवों का एक घोंसला था। पेड़ के निचले भाग में एक साँप रहता था। कौवों ने घोंसले में चार अंडे दिए थे, और वे घोंसले को छोड़ना नहीं चाहते थे। उन्हें भय था कि साँप अंडों को खा जाएगा। अंततः, उन्हें भूख लगी और वे भोजन की तलाश में घोंसले से उड़े।
जब वे घोंसले से दूर चले गए, तब साँप पेड़ पर चढ़ गया और उसने अंडे खा लिए। कौवों को बहुत दुःख हुआ।
कुछ हफ्तों के बाद, उन्होंने अपने घोंसले में चार और अंडे दिए। उन्हें घोंसले को छोड़कर जाने में डर लगता था इसलिए उनसे जब तक संभव हो सकता था वे वहीं रुके रहे। अंततः, उन्हें भोजन की खोज में वहाँ से जाना पड़ा । एक बार फिर, साँप पेड़ पर चढ़ गया और उसने अंडे खा लिए। कौवे बहुत नाराज़ हुए।
उन्होंने एक लोमड़ी से बात की जिसने उन्हें एक चालाकी भरी योजना बताई। कौवे उड़कर राजा के महल में गए और उन्होंने राजकुमारी का पसंदीदा हार चुरा लिया। वे पहरेदारों के ऊपर से उन्हें हार दिखाते हुए उड़े। पहरेदारों ने पेड़ की ओर जाते कौवों का पीछा किया। कौवों ने हार को साँप के ऊपर गिरा दिया। पहरेदारों ने साँप को मार डाला और हार ले लिया। अब चूंकि साँप मर चुका था, कौवों को अपने घोंसलों को छोड़कर जाने के लिए डरने की जरूरत नहीं थी। वे अब कुछ बच्चे पैदा कर सकते थे।
इन वेबसाइटों पर कई और कहानियाँ पाएं:
चित्र विद्यार्थियों से बोलना शुरू करवाने का अच्छा तरीका हो सकते हैं। आप विद्यार्थियों को एक चित्र दिखा सकते हैं और उनसे अनुमान लगाने को कह सकते हैं कि क्या हो रहा है, या आप उनका उपयोग विद्यार्थियों द्वारा किसी कहानी को समझने में मदद करने के लिए कर सकते हैं। केस स्टडी में, जब कक्षा कहानी सुनाने को तैयार थी तब अध्यापक ने चित्रों का उपयोग संकेतों के रूप में किया।
अध्यापिका ने मुख्य शब्द और वाक्यांश बोर्ड पर लिखे। जब विद्यार्थियों ने समूहों में कहानी सुनाई, तब कम आत्मविश्वास वाले छात्र बोर्ड पर दिये गये संकेतों की सहायता से अपना प्रदर्शन करने में सक्षम थे और अधिक आत्मविश्वास वाले छात्र यदि वे चाहते तो विभिन्न शब्दों और वाक्यांशों का उपयोग करने में सक्षम थे।
यदि आप किसी कक्षा से एक या दो व्यक्तियों को कहानी सुनाने को कहते हैं, तो केवल उन्हीं व्यक्तियों को बोलने का अभ्यास मिलता है। यदि छात्र कहानी सुनाने के लिए समूहों में काम करते हैं, तब प्रत्येक को बोलने का मौका मिलता है। समूहों में कहानी सुनाना खड़े होकर सारी कक्षा से बात कहने से अधिक आसान और कम डरावना है। साथ ही, समूहों में रहने पर छात्र एक दूसरे को फीडबैक और समर्थन दे सकते हैं।
कभी–कभी वार्तालाप गतिविधि को दो बार करना विद्यार्थियों के लिए बहुत उपयोगी हो सकता है। पहली बार एक तरह का पूर्वाभ्यास होता है और उन्हें इस बात का अभ्यास मिलता है कि वे क्या कहने जा रहे हैं। दूसरी बार, उनके लिए नई भाषा का उपयोग करना अधिक आसान होगा, और वे अधिक वाक्पटु और आत्मविश्वास से भरे होंगे।
Pranjol, a youngster from Assam, is Rajvir’s classmate at school in Delhi. Pranjol’s father is the manager of a tea-garden in Upper Assam and Pranjol has invited Rajvir to visit his home during the summer vacation.
‘CHAI-GARAM … garam-chai,’ a vendor called out in a high-pitched voice. He came up to their window and asked, ‘Chai, sa’ab?’
‘Give us two cups,’ Pranjol said.
They sipped the steaming hot liquid. Almost everyone in their compartment was drinking tea too.
‘Do you know that over eighty crore cups of tea are drunk every day throughout the world?’ Rajvir said.
‘Whew!’ exclaimed Pranjol. ‘Tea really is very popular.’
The train pulled out of the station. Pranjol buried his nose in his detective book again. Rajvir too was an ardent fan of detective stories, but at the moment he was keener on looking at the beautiful scenery. It was green, green everywhere. Rajvir had never seen so much greenery before. Then the soft green paddy fields gave way to tea bushes.
It was a magnificent view. Against the backdrop of densely wooded hills a sea of tea bushes stretched as far as the eye could see. Dwarfing the tiny tea plants were tall sturdy shade-trees and amidst the orderly rows of bushes busily moved doll-like figures. In the distance was an ugly building with smoke billowing out of tall chimneys.
‘Hey, a tea-garden!’ Rajvir cried excitedly. Pranjol, who had been born and brought up on a plantation, didn’t share Rajvir’s excitement.
‘Oh, this is tea country now,’ he said. ‘Assam has the largest concentration of plantations in the world.
‘You will see enough gardens to last you a lifetime!’
‘I have been reading as much as I could about tea,’ Rajvir said. ‘No one really knows who discovered tea but there are many legends.’
‘What legends?’
‘Well, there’s the one about the Chinese emperor who always boiled water before drinking it. One day a few leaves of the twigs burning under the pot fell into the water giving it a delicious flavour. It is said they were tea leaves.’
‘Tell me another!’ scoffed Pranjol.
‘We have an Indian legend too. Bodhidharma, an ancient Buddhist ascetic, cut off his eyelids because he felt sleepy during meditations. Ten tea plants grew out of the eyelids. The leaves of these plants when put in hot water and drunk banished sleep.
‘Tea was first drunk in China,’ Rajvir added, ‘as far back as 2700 BC! In fact words such as tea, “chai” and “chini” are from Chinese. Tea came to Europe only in the sixteenth century and was drunk more as medicine than as beverage.’
The train clattered into Mariani junction. The boys collected their luggage and pushed their way to the crowded platform. Pranjol’s parents were waiting for them. Soon they were driving towards Dhekiabari, the tea-garden managed by Pranjol’s father. An hour later the car veered sharply off the main road. They crossed a cattle-bridge and entered [the] Dhekiabari Tea Estate.
On both sides of the gravel-road were acre upon acre of tea bushes, all neatly pruned to the same height. Groups of tea-pluckers, with bamboo baskets on their backs, wearing plastic aprons, were plucking the newly sprouted leaves. Pranjol’s father slowed down to allow a tractor pulling a trailer-load of tea leaves to pass.
‘This is the second-flush or sprouting period, isn’t it, Mr Barua?’ Rajvir asked. ‘It lasts from May to July and yields the best tea.’
‘You seem to have done your homework before coming,’ Pranjol’s father said in surprise.
‘Yes, Mr Barua,’ Rajvir admitted. ‘But I hope to learn much more while I’m here.’
(An extract from Chapter 7 of the NCERT Class X textbook, First Flight.)
अंग्रेजी में बोलने के लिए विद्यार्थियों की मदद करने के बारे में लेखों और अंग्रेजी के अध्यापकों के लिए सुझावों के लिए कुछ लिंक्स यहाँ प्रस्तुत हैं:
वार्तालाप गतिविधियों में गलतियाँ सुधारने के बारे में एक लेखः
वार्तालाप के कौशलों को सुधारने के बारे में बीबीसी की वर्ल्ड सर्विस द्वारा एक सिरीजः
कहानी सुनाने के बारे में लेख और वेबसाइट्सः
तृतीय पक्षों की सामग्रियों और अन्यथा कथित को छोड़कर, यह सामग्री क्रिएटिव कॉमन्स एट्रिब्यूशन–शेयरएलाइक लाइसेंस http://creativecommons.org/ licenses/ by-sa/ 3.0/ के अंतर्गत उपलब्ध कराई गई है। नीचे दी गई सामग्री मालिकाना हक की है तथा लाइसेंस के अंतर्गत ही इस प्रोजेक्ट में उपयोग की गई है, तथा इसका Creative Commons Licence से कोई वास्ता नहीं है। इसका अर्थ यह है कि यह सामग्री अपरिवर्तित रूप से केवल TESS-India प्रोजेक्ट में ही उपयोग की जा सकती है और यह किसी अनुवर्ती OER संस्करणों में उपयोग नहीं की जा सकती। इसमें TESS-India, OU और UKAID लोगो का उपयोग भी शामिल है।
इस यूनिट में सामग्री को पुनः प्रस्तुत करने की अनुमति के लिए निम्न स्रोतों का कृतज्ञतारूपी आभार किया जाता हैः
संसाधन 5: NCERT की कक्षा 10 की पाठ्यपुस्तक पहली उड़ान (2006) के अध्याय 7 से लिया गया उद्धरण, http://ncert.nic.in । (Resource 5: extract from Chapter 7 of the NCERT Class X textbook, First Flight, (2006), http://ncert.nic.in)
कॉपीराइट के स्वामियों से संपर्क करने का हर प्रयास किया गया है। यदि किसी को अनजाने में अनदेखा कर दिया गया है, तो पहला अवसर मिलते ही प्रकाशकों को आवश्यक व्यवस्थाएं करने में हर्ष होगा।
वीडियो (वीडियो स्टिल्स सहित): भारत भर के उन अध्यापक शिक्षकों, मुख्याध्यापकों, अध्यापकों और विद्यार्थियों के प्रति आभार प्रकट किया जाता है जिन्होंने उत्पादनों में दि ओपन यूनिवर्सिटी के साथ काम किया है।