पारंपरिक रूप से पाठ्यपुस्तक में हो या कक्षा में, शब्द समस्याएं अध्याय के अंत में ही होती हैं। अक्सर, इन शब्द समस्याओं को समझने में मामूली समय और ध्यान खर्च किया जाता है। विद्यार्थियों को उनकी अपनी कहानी या शब्द समस्याएं बनाने देने, 3 + 4 = 7 जैसे गणितीय वाक्यों का वर्णन करने देने से गणितीय विचारों की समझ विकसित करने में मदद मिलती है और समस्या सुलझाने का कौशल बढ़ता है। इससे विद्यार्थियों को शब्द समस्याओं के सन्दर्भ को समझने में होने वाली कठिनाइयों का सामना करने में मदद हो सकती है, क्योंकि वे अपना खुद का सन्दर्भ बनाएंगे और गणित के उपयुक्त कहानी बनाने पर ध्यान केन्द्रित करेंगे। इस तरह इससे उन्हें यह पहचानने में भी मदद मिलती है कि किस गणितीय प्रस्तुति का उपयोग किया जाए।
इस अंक में अपने विद्यार्थियों के साथ गतिविधियों के उपयोग का प्रयास करने से पहले अच्छा होगा कि आप सभी गतिविधियों को पूरी तरह या आंशिक रूप से स्वयं करके देखें। यह और भी बेहतर होगा यदि आप इसका प्रयास अपने किसी सहकर्मी के साथ करें क्योंकि जब आप अनुभव पर विचार करेंगे तो आपको मदद मिलेगी। स्वयं प्रयास करने से आपको शिक्षार्थी के अनुभवों के भीतर झांकने का मौका मिलेगा जिसके फलस्वरूप यह आपके शिक्षण और एक शिक्षक के रूप में आपके अनुभवों को प्रभावित करेगा। जब आप तैयार हों, तब गतिविधियों का अपने विद्यार्थियों के साथ उपयोग करें और इस बात पर फिर से विचार करें कि गतिविधि कैसी हुई और उससे क्या सीख मिली। इससे आपको सीखने वाले विद्यार्थियों पर ध्यान केंद्रित रखने वाला अधिक शैक्षिक वातावरण बनाने में मदद मिलेगी
अगली दो गतिविधियां आपके विद्यार्थियों को गणितीय संख्यापरक वाक्यों के लिए उनकी खुद की कहानियां बनाने में मदद करने के लिए उपाय देती हैं
केस स्टडी 2 पढ़ें। प्रश्नों में गणित को अपने विद्यार्थियों के सीखने के स्तर तक अनुकूलित करें। सोचिए कि जब आपके विद्यार्थी गतिविधि पर कार्य करें तो आप उन्हें कैसे व्यवस्थित करेंगे। आप शायद मुख्य संसाधन ‘समूहकार्य का उपयोग’ पर एक नज़र डालना चाहें।
अपने विद्यार्थियों से कहें कि सारणी 1 से कोई एक समस्या चुनें और अपनी कल्पना का उपयोग करके उस समस्या के इर्द गिर्द एक कहानी बनाएं।
गणित समस्या | किसी कहानी की पहली पंक्ति |
---|---|
4 + 7 = … | एक लड़की अपने भाई के साथ ‘सांप-सीढ़ी’ खेल रही थी… |
एक बक्से में तीन सफ़ेद गेंदें और छह लाल गेंदें हैं। कुल मिला कर कितनी गेंदें हैं? | श्याम को गेंदें इकट्ठा करने का बहुत शौक है… |
9 – 7 = … | मेरी आंटी मेरे घर से कुछ ही दूरी पर रहती हैं। उनका घर ... |
यदि 8 में से 5 घटाया जाए तो उत्तर क्या होगा? | हमारा कुत्ता … |
2 × 4 = … | दोस्तों का एक समूह पत्ते खेल रहा था … |
फिर विद्यार्थियों को जोड़ी में बंट जाने को कहें, और एक दूसरे को कहानियां कहने और उन पर टिप्पणी करने को कहें
अपने विद्यार्थियों को निम्न बताएँ।
इस संख्या वाक्य को देखें:
यह संख्या वाक्य कई गणितीय संबंधों द्वारा दर्शया जा सकता है, जैसे:
अब अपने विद्यार्थियों से इनमें प्रत्येक संबंध के लिए एक कहानी या शब्द समस्या की रचना करें। उन्हें अपनी कल्पनाशक्ति का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित करें! उदाहरण के लिए पहले संबंध के लिए, कहानी या शब्द समस्या कुछ इस प्रकार हो सकती है:
ब्रूनर के प्रस्तुति के मोड के साथ जुड़ते हुए आप विद्यार्थियों से उनकी कहानियों का चित्रण करती एक तस्वीर बनाने के लिए भी कह सकती हैं।
यह एक अध्यापिका की कहानी है जिसने अपने प्राथमिक कक्षा के विद्यार्थियों के साथ गतिविधि 1 और 2 का प्रयास किया।
दोनों गतिविधियों के लिए, मैंने अपने विद्यार्थियों से तीन या चार के समूहों में काम करने को कहा क्योंकि मैंने सोचा इससे उन्हें साझा करने को और नए उपाय मिलेंगे। यदि उनमें से एक अटक गया तो वे एक दूसरे की सहायता भी कर सकते थे। गतिविधि 1 के पहले तीन प्रश्नों को हमने सारी कक्षा के सामने रखा क्योंकि मेरे विद्यार्थियों ने पहले ऐसा कभी कुछ नहीं किया था। मेरे ख्याल से इससे उन्हें यह समझने में मदद मिली कि मैं उनसे क्या करवाना चाहती थी। इससे उनकी कल्पनाशक्ति भी खुल गई ताकि वे तमाम तरह के उदाहरणों के बारे में सोच सकें। कुछ में राक्षस थे, कुछ सितारे, बाज़ार जाना, या बॉलीवुड फिल्म में काम करना। फिर मैं उनसे कहती हूं कि वे अपने समूह उदाहरणों को चुनें और उन्हें वे उदाहरण नहीं इस्तेमाल करने थे जिनका हमने सारी कक्षा के सामने पहले ही जिक्र कर लिया था। मैंने कुछ ज़्यादा कठिन सवालों को बदल दिया क्योंकि मेरे विद्यार्थियों ने अभी तक गणितीय वाक्यों में कोष्ठकों का उपयोग नहीं किया था।
विद्यार्थियों को दूसरी गतिविधि आरंभ करना उतना आसान नहीं लगा। जब मैंने उन्हें पढ़ कर सुनाया तो वे गणितीय संबंधों में अंतरों को समझ पा रहे थे, लेकिन उन्हें इन संबंधों के लिए उपयुक्त कहानी बना पाना बेहद कठिन जान पड़ा। मैंने उन्हें पढ़ कर सुनाने के बजाए उसे ब्लैकबोर्ड पर लिखने का फैसला किया, और फिर उनमें से एक विद्यार्थी से बोर्ड पर लिखा हुआ ज़ोर से पढ़ने को कहा। इससे उन्हें यह समझने में मदद हुई कि कुछ सूक्ष्म अंतर थे।
जब प्रत्येक समूह ने प्रत्येक समीकरण के लिए कुछ न कुछ दे दिया, तो हमने उन्हें पूरी कक्षा को दिखाया। मैंने विद्यार्थियों से पूछा कि क्या वे प्रत्येक उदाहरण से सहमत हैं। इससे उनकी कुछ गलत धारणाएं दूर करने में मदद मिली।
फिर मैंने उनसे पूछा ‘कौन सा सबसे कठिन था और क्यों?’ इसका अर्थ यह हुआ कि विद्यार्थियों को सोचना पड़ा कि वे गणित के बारे में कैसे सोचते हैं – मेरे ख्याल से इसे ‘मेटाकॉग्निशन’ कहते हैं। उनसे यह अवलोकन करवाने का अर्थ यह भी था कि मुझे इस बात का ज़्यादा एहसास हो गया कि उन्हें क्या कठिन महसूस हुआ, और इसलिए कहां ज़्यादा अभ्यास की ज़रूरत होगी
अपनी कक्षा के साथ ऐसा कोई अभ्यास करने के बाद यह सोचें कि क्या ठीक रहा और कहाँ गड़बड़ी हुई। ऐसे प्रश्न सोचें जिनसे विद्यार्थियों में रुचि पैदा हो तथा उनके बारे में उन्हें समझाएँ ताकि वे उन्हें हल करके आगे बढ़ सकें। ऐसे चिंतन से वह ‘स्क्रिप्ट’ मिल जाती है, जिसकी मदद से आप विद्यार्थियों के मन में गणित के प्रति रुचि जगा सकते हैं और उसे मनोरंजक बना सकते हैं। अगर विद्यार्थियों को समझ नहीं आ रहा है और वे कुछ नहीं कर पा रहे हैं, तो इसका मतलब है कि उनकी इसमें सम्मिलित होने की रुचि नहीं है। जब भी आप गतिविधियां करवाएं तो इस विचारात्मक अभ्यास का उपयोग करें, और श्रीमती मेघनाथन की तरह कुछ छोटी बातों का ध्यान रखें जो काफ़ी असरदार थीं।
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