ऐसे प्रश्नों को पूछना जो सोच को चुनौती दे: भिन्न

3 प्रभावी ढंग से प्रश्न पूछना

शिक्षक अपने कार्य में बहुत से प्रश्न पूछते हैं – कुछ शोधकर्ताओं का कहना है कि पढ़ाने के दौरान शिक्षक हर दिन लगभग 400 प्रश्न पूछते हैं! शिक्षक जितने बेहतर प्रश्न पूछेंगे, उतना ही बेहतर उनका शिक्षण होगा।

अच्छे सवालों के बारे में काफी शोध हो चुका है, उदाहरण के लिए रैग एंड ब्राउन (2001) और हैटी के द्वारा (2008)। शोध का निष्कर्ष यह था कि प्रभावशाली प्रश्न:

  • ठोस रूप से अध्याय को सीखने से जुड़े होते हैं
  • विद्यार्थियों के पूर्व ज्ञान को आगे बढ़ाते हैं
  • विद्यार्थियों को शामिल, आकर्षित और प्रेरित करते हैं
  • उच्च स्तर की सोच (लेकिन बहुत जल्दी नहीं!) को प्रोत्साहित करने के लिए क्रमित किए जाते हैं
  • विद्यार्थियों को उनके खुद के ज्ञान को बढ़ाने में सक्षम करते हैं
  • गलत धारणाओं और गलत दिशाओं को उजागर करते हैं
  • सोच और तर्कक्षमता को प्रेरित करते हैं और चुनौती देते हैं

विचार के लिए रुकें

आपके द्वारा पढ़ाए गए आखिरी अध्याय में अपने द्वारा पूछे गए प्रश्नों पर विचार करें।

  • क्या उनसे विद्यार्थियों को सोचने के लिए चुनौती मिली?
  • क्या कोई छोटा सा बदलाव विद्यार्थियों की वर्तमान शिक्षा के बारे में कुछ ज़्यादा उजागर कर पाता?
  • क्या आपके सवालों ने विद्यार्थियों को अपनी शिक्षा को और विकसित करने के लिए और अधिक प्रोत्साहित किया होता?

गतिविधि 3 में आपसे पहले प्रभावशाली प्रश्न पूछने की तैयारी करने के लिए कहा जाता है, और फिर अपने विद्यार्थियों को पढ़ाते समय इन प्रश्नों को आज़माने के लिए कहा जाता है।

गतिविधि 3: भिन्न के बारे में प्रभावी प्रश्न पूछना

भाग 1: प्रभावी प्रश्न पूछने की तैयारी करना

यदि आप गतिविधि के इस भाग को दूसरे शिक्षक के साथ कर सकें, तो आप शायद पाएं कि यह और आसान ह।ै

अगले अध्याय के बारे में सोचें जिसमें आप भिन्न पढ़ाएंगे। आपके अनुसार विद्यार्थियों को क्या जानना चाहिए? उसके बारे में कुछ नोटस लिख लें।

जो विचार आप चाहते हैं कि वे सीखें, उसके लिए उन्हें किस बात का ज्ञान पहले से होना चाहिए? एक ऐसा प्रश्न पूछें जिससे आप यह जान सकेंगे कि उनके पास वह ज्ञान पहले से है या नहीं। उदाहरण के लिए आप अपने विद्यार्थियों से पूछ सकते हैं: ‘क्या तुम मुझे … का उदाहरण दे सकते हो? और एक? और एक? और एक? और एक?’ अधिक उदाहरण पूछने से आपको उनके ज्ञान की सीमा और कुछ विद्यार्थियों की गलत धारणाओं के बारे में पता चल सकता है।

वास्तविक दुनिया में भिन्न उपयोग करने वाले कुछ तरीकों के बारे में सोचें। कोई ऐसा प्रश्न लिखें जिसमें विद्यार्थियों को दिलचस्पी हो सकती है या उन्हें आकर्षण हो सकता है क्योंकि वह किसी ऐसी बात पर आधारित है जिसे वे जानते हैं और जिसका उपयोग करते ह।ैं

अब जो विषय आपको पढ़ाना है उसके बारे में एक आसान सा प्रश्न लिखें और फिर एक कठिन प्रश्न लिखें। प्रश्नों की एक श्रृंखला लिखें जो आपके विद्यार्थियों को चुनौती देगी – लेकिन ज़्यादा नहीं!

उन तरीकों के बारे में सोचें जिनके कारण भिन्न में गलतफहमियां हो सकती हैं। दो या तीन प्रश्न ऐसे लिखें जिनसे आपको यह पता लगाने में मदद मिलेगी कि आपके विद्यार्थियों में ये गलतफहमियां हैं या नहीं। आप केस स्टडी 2 में ऐसे प्रश्नों के कुछ उदाहरण देख सकते हैं। थोड़ा आगे की सोच कर रखना भी महत्वपूर्ण है कि आप अपने विद्यार्थियों के उत्तरों पर कैसी बेहतरीन प्रतिक्रिया दे सकते हैं जो उनकी शिक्षा को मज़बूत करे और उनकी सोच को विस्तारित करे। अपने विद्यार्थियों के उत्तरों को कैसे लिया जाए इस बारे में कुछ विचारों पर मनन करने के लिए आप संसाधन 2 का उपयोग कर सकते ह।ैं

अब एक ऐसा सवाल लिखें जो आपके विद्यार्थियों को तर्क करके समाधान पाने को प्रोत्साहित करेगा। उदाहरण के लिए, ‘आपकी बड़ी बहन कभी आपकी बात पर यकीन नहीं करती। उसे आप कैसे यकीन दिलाएंगे कि आपकी विधि कारगर है?’

भाग 2: अपने प्रभावी प्रश्नों का कक्षा में उपयोग करना

अब जबकि आपने ये प्रश्न लिख लिए हैं, तो उन्हें किसी कक्षा में इस्तेमाल करे।ं

क्या आपको लगा कि इन प्रश्नों का उपयोग करने के कारण कक्षा ने कुछ अधिक सीखा?

अपने विद्यार्थियों को भिन्न पर विचार के साथ कार्य करने और चुनौतीपूर्ण सवालों को तर्क की प्रक्रिया से हल करने की अनुमति देने के लिए वास्तविक वस्तुओं का उपयोग करना न भूले।ं

वीडियो: अध्याय नियोजन

केस स्टडी 2: श्रीमती मोहंती विद्यार्थियों से उनकी भिन्न के बारे में समझ जांचने के लिए प्रश्न पूछती हैं

गतिविधि 3 के भाग 1 के बारे में सोचने के दौरान, मैंने तय किया कि मैं हमेशा की तरह भिन्न को ब्लैकबोर्ड पर दर्शा कर भिन्न का सामान्य परिचय कराउंगी, लेकिन मैं जो प्रश्न और निर्देश उपयोग करने वाली थी उसमें एकदम सटीक और दोहराव भरा रखूंगी। मैंने उन्हें एक कागज़ के टुकड़े पर लिखा और अपने डेस्क पर रख लिया ताकि मैं उन्हें भूल न जाउं।

मैंने ये प्रश्न और प्रॉम्प्ट उनसे पूछे:

  • मुझे बताएं आप इस वृत्त को आधे/चौथाई/एक बटा आठ में कैसे विभाजित करेंगे।
    • आप कैसे जानते हैं यह सही है?
    • कृपया अपनी विधि का स्पष्ट रूप से वर्णन करें।
    • क्या कोई किसी और विधि से करेगा?
  • इस वृत्त पर मुझे आधा/एक चौथाई/एक बटा आठ दिखाएं।
    • आप कैसे जानते हैं यह सही है?
    • कृपया अपनी विधि का स्पष्ट रूप से वर्णन करें।

    • क्या कोई किसी और विधि से करेगा?
  • इस वृत्त पर मुझे एक तिहाई/एक बटा छह/एक बटा बारह दिखाएं।
    • आप कैसे जानते हैं यह सही है?
    • कृपया अपनी विधि का स्पष्ट रूप से वर्णन करें।
    • क्या कोई किसी और विधि से करेगा?
  • इस वृत्त पर मुझे एक तिहाई/एक बटा पांच/एक बटा सात दिखाएं।
    • आप कैसे जानते हैं यह सही है?
    • कृपया अपनी विधि का स्पष्ट रूप से वर्णन करें।

    • क्या कोई किसी और विधि से करेगा?
  • इस वृत्त पर मुझे तीन चौथाई/छह बटा आठ दिखाएं।
    • आप कैसे जानते हैं यह सही है?
    • कृपया अपनी विधि का स्पष्ट रूप से वर्णन करें।
    • क्या कोई किसी और विधि से करेगा?

मैंने चॉक से गोला बनाया। फिर मैंने विद्यार्थियों को ब्लैकबोर्ड पर आने के लिए कहा और उनसे प्रश्न पूछे। प्रश्न लिखे होने से मैं ध्यान केन्द्रित कर पाई और मैं जो करना चाहती थी उससे भटकी नहीं। मैंने ये भी देखा कि इसके फलस्वरूप ‘शिक्षक की बातें’ कम और विद्यार्थियों की बात और विद्यार्थियों का कार्य अधिक हुआ।

विचार के लिए रुकें

  • अपने विद्यार्थियों की समझ का पता लगाने के लिए आपने क्या सवाल किए?
  • क्या आपको लगा कि आपको अपने तैयार किए गए प्रश्नों में कभी कोई फेरबदल करना पड़ा? क्यों?
  • आपके अनुसार सीखने को बढ़ावा देने और आपको अपने विद्यार्थियों की सोच को समझने में मदद करने में आपके विद्यार्थियों को दिए गए आपके उत्तर कितने प्रभावशाली रहे?