गणित के शिक्षण में ब्लॉक, प्लेट, रॉड या काउंटर जैसे मैनिपुलेटिव्ज़ का उपयोग करने के लिए विद्यार्थियों को कतिपय गणितीय समस्याएँ हल करने के लिए अपने हाथ का उपयोग करने की आवश्यकता होती है। इसके पीछे का विचार यह है कि इस शारीरिक भागीदारी से विद्यार्थियों को अवधारणाओं की मानसिक छवियां विकसित करने में मदद मिलती है। शारीरिक गतिविधियाँ विद्यार्थियों को सन्निहित गणितीय प्रक्रियाओं के बारे में अधिक सक्रिय रूप से विचार करने और गणित को एक सैद्धांतिक विषय की बजाय अधिक ठोस एवं व्यावहारिक बनाने में मदद करती हैं।
गणित सीखने के लिए मैनिपुलेटिव्ज़ के उपयोग से संबंधित चुनैतियों में से एक है मैनिपुलेटिव्ज़ के उपयोग द्वारा विकसित चित्रों को खोए बिना मैनिपुलेटिव्ज़ से कलम और कागज विधि में कैसे प्रवृत्त हुआ जा सकता है। फलतः विद्यार्थियों को पाठ्यपुस्तकों में प्रदर्शित होने वाले गणितीय सांकेतिक निरूपणों के साथ-साथ आगे बढ़ना चाहिए।
एक प्रख्यात शिक्षाविद, ब्रूनर (1966) ने इन अलग संसारोंʼ को अभिनीत, प्रतीकात्मक और सांकेतिक के रूप में अंकित किया था। गतिविधि 2 का उद्देश्य इस संक्रमण को क्रियान्वित करना और शिक्षण को शारीरिक विधि द्वारा गणित के ‘क्रियान्वयन’ तक लेकर जाना है (ब्रूनर का इनेक्टिव चरण), वे चित्र बनाना जो अभिनीत शिक्षण को निरूपित करते हैं (ब्रूनर का प्रतीकात्मक चरण), गणितीय सांकेतिक चिह्नों का उपयोग करना एवं उन्हें अर्थ प्रदान करना (ब्रूनर का सांकेतिक चरण) है, जैसा कि हमारी पाठ्यपुस्तकों एवं परीक्षा पत्रों में पाया जाता है।
इस गतिविधि का दूसरा भाग इस चुनौती से निपटता है। विद्यार्थी अपने फ़ोल्ड किए गए कोणों को ब्लैकबोर्ड के समक्ष रखते हैं और उनकी नकल बनाते हैं। विद्यार्थियों से चिह्नों जैसे कि कोण प्रतीक, समकोण प्रतीक एवं कोण आकार के साथ बनाए गए इस आकार के बारे में व्याख्या करने के लिए कहने से वे आगे गणित के सांकेतिक निरूपण के लिए बढ़ने में सक्षम होंगे।
बड़ी मात्रा में पुराने समाचार पत्रों को हासिल करना अपेक्षाकृत आसान होता है। यदि आपके पास समाचार पत्र नहीं हैं तो कोई और कागज ले लें। अगली गतिविधि के पहले भाग में कागज मोड़ने के लिए संसाधन के रूप में समाचार पत्र का उपयोग किया जाता है। विद्यार्थियों को गतिविधि 1 के समान माप के अनुसार कोणों के निर्माण के लिए अपने कागज मोड़ने के लिए कहा जाता है।
विद्यार्थियों को कागज मोड़ना दिखाएँ ताकि वे 180° का कोण बना सकें।
अपनी उंगलियों का उपयोग कर दिखाएँ जहाँ ऋजु कोण एक सरल रेखा पर वास्तव में स्थित होगा (अन्यथा कभी–कभी विद्यार्थी एक सरल रेखा एवं 180° के ऋजु कोण के बीच के संबंध का निर्माण करने में असमर्थ हो सकते हैं)।
विद्यार्थियों से अपने कागज को एक समय में एक बार मोड़ने के लिए कहें ताकि उसे सभी देख सकें, इस प्रकार वे निम्नलिखित माप के कोणों का निर्माण करते हैं:
जैसा कि गतिविधि 1 में दर्शाया गया है, न्यून एवं अधिक कोणों के भिन्न-भिन्न उदाहरण संभव हैं। इन अलग अलग उदाहरणों की वैधता पर चर्चा करने से परिभाषाओं एवं इन परिभाषाओं के अंतर्गत संभावित रूपांतरों पर बात करने का अच्छा अवसर मिलता है। इसे पुनः करने से विद्यार्थियों को अपनी समझ परिष्कृत करने में, उनके द्वारा प्रयोग की जाने वाली गणितीय भाषा को परिष्कृत बनाने में मदद मिलेगी, इसके अलावा उन्हें अपने विचारों को याद करने में भी मदद मिलेगी। विद्यार्थियों के लिए अंतिम बिंदु का उद्देश्य यह अनुभूत कराना है कि समकोण समान होते हैं भले ही आकार कितना भी बड़ा क्यों न हो जाए।
कागज मोड़ने का उपयोग कर, विद्यार्थियों से पुनः त्वरित रूप से एक समय में एक बार मोड़ कर निम्नलिखित मापों का कोण बनाने के लिए कहें:
प्रत्येक निर्मित कोण के बाद, एक विद्यार्थी को ब्लैकबोर्ड पर अपना निर्मित कोण बनाने के लिए कहें। विद्यार्थियों से चिह्न जैसे कि कोण संकेत, समकोण संकेत एवं कोण आकार (उदाहरण के लिए, 90°) के साथ बनाए गए इस आकार के बारे में व्याख्या करने के लिए कहें।
![]() वीडियो: सभी को शामिल करना |
विद्यार्थियों ने पहले कभी या कम से कम काफ़ी समय से कागज मोड़ने का अभ्यास नहीं किया है, अतः वे शुरुआत में थोड़ी उलझन में दिख सकते हैं। किसी तरह वे असामान्य रूप से अर्घ कोण की अवधारण का पता लगाते हुए प्रतीत हो सकते हैं।
मैंने प्रत्येक से अपना स्वयं का कोण बनाने के लिए कहा, लेकिन उन्हें अपने पास के विद्यार्थी से इस पर बात करने की अनुमति दी गई। मुझे लगता है कि इससे उन्हें मेरे द्वारा उनको बताए या प्रदर्शित किए बिना त्वरित रूप से यह समझने में मदद मिली कि उन्हें क्या करना है। सुझाव के रूप में, मैंने उनसे वही सवाल पूछे जैसा मैंने गतिविधि 1 में पूछा था और जानबूझकर मैंने उन विद्यार्थियों से पूछा जिन्होंने खुद उठकर सामान्यतः कभी भी उत्तर नहीं दिए थे। उन्होंने इसका ठीक जवाब दिया, और इसने आश्वस्त किया कि वे ‘गणित के बारे में बात’ कर सकते हैं।
मुझे अभिनीत तरीके से लेकर प्रतीकात्मक से लेकर सांकेतिक तक के चरण बेहद पसंद आए और मैं इसकी संभावना देख सकती हूँ। उम्मीद है कि जब विद्यार्थी अपनी पाठ्यपुस्तक में एक कोण के प्रतीकात्मक निरूपण को देखेंगे तो इस बात पर विचार करेंगे कि उनके द्वारा कागज का उपयोग कर बनाए गए कोण से यह कितना समान है और यह उस कोण से समान है जिसे वे अपने शरीर का उपयोग कर चित्रित करते हैं। संभवतः वे इसे पहली बार नहीं करेंगे लेकिन मैं उन्हें समय-समय पर याद दिलाने का प्रयास करती रहूँगी।
गतिविधि के भाग के रूप में जो चीज़ मुझे भी पसंद आई वह प्रयुक्त संकेतों पर दिया गया ध्यान, उन्हें सही तरीके से लिखना और उन्हें ‘उच्चारित करना’ शामिल है। मुझे लगता है कि मैं भी अक्सर उन संकेतों के अर्थ के बारे में भूल जाती हूँ, अतः उन्हें याद रखने, जानने की आवश्यकता रहती है।
![]() विचार के लिए रुकें
|
OpenLearn - मूर्त रूप, मैनिपुलाटिव (हस्तकौशल)और वास्तविक जीवन के उदाहरणों का उपयोग करना - कोणों के बारे में पढ़ाना Except for third party materials and otherwise, this content is made available under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-ShareAlike 4.0 Licence, full copyright detail can be found in the acknowledgements section. Please see full copyright statement for details.