‘तुलना और भेद निरूपण’ वह तकनीक है जिसके माध्यम से विद्यार्थियों को गणितीय गुणों और उनके अनुप्रयोगों से परिचित कराया जाता है। यह सूक्ष्म समानताओं और विषमताओं के बारे में सीखने के लिए प्रभावी विधि है। जब आप तुलना करते हैं, तो आप यह पता लगाते हैं कि कौन सी चीज़ समान है, जब आप भेद निरूपण करते हैं तो आप यह पता लगाते हैं कि विषमता क्या है।
तुलना और भेद निरूपण के कार्य, हमें गणितीय गुणों के बारे में सोचने और समान एवं विषमता वाली चीज़ों को पहचानने के लिए, प्रेरित करते हैं। ऐसा करते समय, विद्यार्थी वे संबंध स्थापित कर सकते हैं जिन पर वे आमतौर पर विचार नहीं कर सकते। वे गणितीय चिंतन प्रक्रियाओं के लिए प्रेरित होते हैं, जैसे कि सामान्यीकरण करना, यह अनुमान लगाना कि क्या समान रहता है और क्या बदल सकता है (इन्हें ‘चर’ और ‘अचर’ कहा जाता है) और फिर इन अनुमानों को सत्यापित करना। यह विद्यार्थियों के संबंध जानने, संरचनाएँ ‘देखने’, स्वयं कारण समझने और कथनों की सत्यता या असत्यता पर बहस करने के लिए अमूर्त प्रत्ययों का उपयोग करने में विद्यार्थियों की मदद करने हेतु राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की आवश्यकताओं का एक उदाहरण है।
आयतन और धारिता त्रि-आयामी वस्तुओं के गुण हैं। आयतन वह जगह है जिसे त्रि-आयामी वस्तु अधिग्रहीत या शामिल करती है; वहीं दूसरी ओर, धारिता एक पात्र का गुण है जो यह बतलाती है कि एक पात्र कितना धारण कर सकता है। विद्यार्थी प्रायः इन दो अवधारणाओं को लेकर भ्रमित हो जाते हैं (वॉटसन एवं अन्य, 2013)। गतिविधि 1 से आपके विद्यार्थियों को त्रि-आयामी आकारों की विशिष्टताओं एवं मापनों के बारे में अवगत होने में मदद मिलेगी। इस गतिविधि के अंतर्गत विद्यार्थियों से आयतन और धारिता के बीच के अंतर के बारे में सहज रूप से सोचना आरंभ करने की भी अपेक्षा की जाती है।
अपने विद्यार्थियों के साथ गतिविधियों के उपयोग का प्रयास करने से पहले अच्छा होगा कि आप सभी गतिविधियों को पूरी तरह या आंशिक रूप से स्वयं करके देखें। यह और भी बेहतर होगा अगर आप अपने किसी सहकर्मी के साथ मिलकर इसे करने का प्रयास करें क्योंकि स्वयं के अनुभव के आधार पर सिखाना आसान होगा। स्वयं प्रयास करने से आपको शिक्षार्थियों के अनुभवों के भीतर झांकने का मौका मिलेगा जो परिणामस्वरूप आपके शिक्षण को और एक शिक्षक के रूप में आपके खुद के अनुभवों को प्रभावित कर सकता है।
जब आप तैयार हों, तो एक बार फिर अपने विद्यार्थियों के साथ गतिविधियों का उपयोग करें और विचार करके इस बारे में नोट बनाएँ कि गतिविधि कैसी हुई और उसके ज़रिए क्या सीखा गया। इससे आपको अधिक विद्यार्थी-केंद्रित शैक्षिक वातावरण बनाने में मदद मिलेगी।
अब विद्यार्थियों को छोटे समूहों या जोड़ों में व्यवस्थित करें। विद्यार्थियों से निम्नलिखित प्रश्न पूछें:
वस्तु | लंबाई | चौड़ाई | ऊँचाई |
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काँच का गिलास | |||
टूथपेस्ट की ट्यूब | |||
पुस्तक | |||
पेंसिल | |||
सिक्का | |||
बोतल | |||
टेलीविज़न |
विद्यार्थियों से पूरी कक्षा के समक्ष अपने-अपने निष्कर्ष प्रस्तुत करने को कहें। सभी विद्यार्थी सहमत नहीं हो सकते। जब तक उनके तर्क गणितीय गुणों पर आधारित और युक्तियुक्त हैं, तब तक उनकी सभी दलीलें स्वीकार्य हैं।
यह एक अध्यापिका की कहानी है जिसने अपने प्राथमिक कक्षा के विद्यार्थियों के साथ गतिविधि 1 का प्रयास किया।
पिछले दिन विद्यार्थियों द्वारा प्रयुक्त वस्तुओं की सूची पर विचार प्राप्त करने के लिए, मैंने ब्लैकबोर्ड पर ‘काँच का गिलास’ और ‘पुस्तक’ लिखा और उनसे कहा कि मैंने कल इनका उपयोग किया था। मेरे लिए यह पूछना भले ही थोड़ा असामान्य होता कि उन्होंने कल कौन सी वस्तुएँ प्रयुक्त की थी, तथापि मुझे लगा कि इससे उनका ध्यान केंद्रित करने में मदद मिलेगी।
उन्होंने कई सारे उदाहरण प्रस्तुत किए, जिन्हें मैं ब्लैकबोर्ड पर लिखती गई। ईमानदारी से कहूँ तो उनमें से कुछ वाकई अजीब थे और जिनसे उदाहरण के लिए एक साइकिल की आयतन की गणना करना जटिल होता! मैं ब्लैकबोर्ड पर कुछ उदाहरण लिखना छोड़ सकती थी जिस पर बाद में गतिविधि के अंदर कार्य किया जा सकता था, लेकिन मुझे यकीन नहीं था कि एक शिक्षिका के रूप में मैं उन्हें कैसे संभालुंगी। इसलिए, मैंने कहा कि मैं अभी इनमें से छः वस्तुओं का चुनाव करूंगी और मैंने उनमें से एक उठाया जिसके लिए त्रि-आयाम का आकलन करना आसान था। मुझे लगता है कि अगली बार मैं ब्लैकबोर्ड पर ‘अजीब’ उदाहरणों को छोड़ने में अधिक आत्मविश्वास महसूस करूंगी।
मैंने चार या पाँच के समूह में विद्यार्थियों को रखा - इसे मैं विद्यार्थियों की हर अगली पंक्ति को मुड़ने के लिए कह कर आसानी से कर सकती हूँ, इस तरह उन्हें समूह में रखने में अधिक समय नहीं लगेगा या परेशानी नहीं होगी।
मैंने गतिविधि में बताए गए अनुसार ब्लैकबोर्ड पर एक सारणी बनाई और ब्लैकबोर्ड पर एक ही बार में सभी सवालों को लिख दिया। मैंने पहले सोचा कि एक समय में एक चरण को करूं लेकिन फिर लगा कि उन सभी द्वारा ब्लैकबोर्ड पर एक साथ लिखवाने से:
इसका परिणाम अच्छा रहा, सिवाय एक चरण के जहाँ मुझे महसूस हुआ कि मैं वास्तव में एक समूह से दूसरे समूह में ‘हमें इसे कैसे करना चाहिए?’ या ‘आगे हमें क्या करना चाहिए?’ जैसे सवालों के उत्तर के लिए दौड़ रही हूँ। इसलिए, मैंने कुछ समय बाद कक्षा रोक दी और कहा कि यदि उनके कोई सवाल हैं तो पहले वे अपने आसपास के समूह से उसका उत्तर जाँचें, हो सकता है उन्हें उत्तर पता हो। उसके बाद ऐसा करना मेरे लिए काफी उपयुक्त रहा!
यदि वस्तु सोने की बनी है तो उस वस्तु की कीमत से संबंधित प्रश्न ने उन्हें उन शब्दों का वास्तव में उपयोग किए बिना आयतन और धारिता के बारे में विचार करने में समर्थ बनाया। प्रस्तुतियों एवं चर्चाओं ने इन विचारों को और विकसित किया और गतिविधि 2 के लिए अपेक्षित चिंतन प्रक्रिया को आगे बढ़ाने में एक बेहद अच्छे आधार का काम किया।
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अपनी कक्षा के साथ ऐसा कोई अभ्यास करने पर बाद यह सोचें कि क्या ठीक रहा और कहाँ गड़बड़ी हुई। ऐसे प्रश्न सोचें जिनसे विद्यार्थियों में रुचि पैदा हो तथा उनके बारे में उन्हें समझाएँ ताकि वे उन्हें हल करके आगे बढ़ सकें। ऐसे चिंतन से वह ‘स्क्रिप्ट’ मिल जाती है, जिसकी मदद से आप विद्यार्थियों के मन में गणित के प्रति रुचि जगा सकते हैं और उसे मनोरंजक बना सकते हैं। अगर विद्यार्थियों को समझ नहीं आ रहा है और वे कुछ नहीं कर पा रहे हैं, तो इसका मतलब है कि उनकी इसमें सम्मिलित होने की रुचि नहीं है। गतिविधि को निष्पादित करते समय हर बार चिंतनशील अभ्यास का उपयोग करें।
![]() विचार के लिए रुकें अब बताएँ कि गतिविधि 1 पर आपकी कक्षा ने कैसा किया:
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