गणितीय शब्दावली हमेशा इतनी सरल नहीं होती और कई बार सीखने की राह में बाधक के रूप में कार्य करती है। यह अक्सर छात्रों के लिए सराहना करने में सहायक होता है व अध्यापकों के लिए गणितीय शब्दों व उनके उद्गम पर विशेष ध्यान देने में सहायक होता है। ग्रीक विद्यार्थियों को परिधि शब्द को समझने में कठिनाई नहीं होती है क्योंकि ये ग्रीक शब्द पेरी (जिसका अर्थ है चारों तरफ) और मीटर (जिसका अर्थ है मापन) से बना है।
इस पहली गतिविधि में आप दिन–प्रतिदिन की वस्तुओं की परिधि का वर्णन करके, रस्सी/जंजीर धागा से तथा गणना करके विद्यार्थियों से परिधि का अन्वेषण करने के लिए कहेंगे। फिर आप समान परिधि के अलग–अलग आयत बना कर संभावित अंतरों का अन्वेषण करने के लिए इस ज्ञान का उपयोग करने के लिए कहेंगे और इन अवलोकनों का सामान्यीकरण करने के लिए कहेंगे।
इस यूनिट में अपने विद्यार्थियों के साथ गतिविधियों के उपयोग का प्रयास करने के पहले अच्छा होगा कि आप सभी गतिविधियों को पूरी तरह या आंशिक रूप से स्वयं करके देखें। यह और भी बेहतर होगा यदि आप इसका प्रयास अपने किसी सहयोगी के साथ करें, जब आप अनुभव पर विचार करेंगे तो आपको मदद मिलेगी। स्वयं प्रयास करने से आपको शिक्षार्थी के अनुभवों के भीतर झांकने का मौका मिलेगा, यह आपके शिक्षण और एक शिक्षक के रूप में आपके अनुभवों को प्रभावित करेगा।
जब आप तैयार हों, तब गतिविधियों का अपने विद्यार्थियों के साथ उपयोग करें और फिर से इस बात पर विचार करें कि गतिविधि कैसी हुई और क्या सीख मिली। इससे आपको विद्यार्थी को केंद्र में रखने वाला शैक्षिक वातावरण बनाने में मदद मिलेगी।
इन कार्यों की तैयारी में अपने विद्यार्थियों से पता लगाने और यदि संभव हो, तो कक्षा में दिखाई देने वाली कई वस्तुओं की परिधि का पता लगाने के लिए कहें। उनके साथ परिधि की गणितीय परिभाषा पर चर्चा करें जो कि द्वि–आयामी आकृति के पास का रास्ता है।
विद्यार्थी युग्म (Pairs) में कार्य करते हैं। उनसे उनके बस्ते और कक्षा में मिलने वाली कम से कम तीन वस्तुओं की परिधि का पता लगाने के लिए कहें। उन्हें एक समय सीमा दें (उदाहरण के लिए चार मिनट)। खड़े रहें और अवलोकन करें – हस्तक्षेप करने या अधिक संकेत देने की कोई आवश्यकता नहीं है। युग्म कार्य में सहायता के लिए आप संसाधन 2 ’सभी को जोड़ने के लिए युग्म प्रबंधित करना’ का उपयोग कर सकते हैं।
समय सीमा की समाप्ति पर अपने विद्यार्थियों से प्रतिक्रिया देने के लिए कहें। चूंकि उन्होंने अलग–अलग वस्तुओं की परिधि का पता लगाया होगा, इसलिए उनके परिणाम समान नहीं होंगे।
अब विद्यार्थियों से जिन वस्तुओं की परिधि का उन्होंने पता लगाया है उनकी आकृति के बारे में जानकारी और उन्हें पता लगाने के तरीके के बारे में प्रतिक्रिया देने के लिए कहें। ये उत्तर ब्लैकबोर्ड पर लिखें (ये उत्तर ब्लैकबोर्ड पर रहने दें – आप इन्हें गतिविधि 2 में उपयोग कर सकते हैं), या विद्यार्थी से आकर इन्हें लिखने के लिए कहें।
गतिविधि के इस भाग में विद्यार्थी के पास वर्गाकार कागज का होना सहायक है।
विद्यार्थी युग्म में कार्य करना जारी रखते हैं। विद्यार्थी 16 की परिधि वाले जितने आयतों या वर्गों के बारे में सोच सकता है, उससे उन्हें आरेखित करने और इस प्रश्न का उत्तर देने के लिए तैयार होने को कहें, ’आप इन समाधानों तक कैसे पहुंचे?’
संभावित समाधान और वे संभावित समाधानों तक कैसे पहुंचे इस बारे में प्रतिक्रिया लें। विद्यार्थी को कारण बताने की कोशिश न करें (दो संख्याएं जिन्हें छः बनाने के लिए जोड़ा जा सकता है), बल्कि विद्यार्थी को ये अवलोकन निरूपित करने दें
![]() वीडियोः निगरानी करना और फीडबैक देना |
यह एक अध्यापिका की कहानी है जिसने अपने प्राथमिक कक्षा के विद्यार्थियों के साथ गतिविधि 1 का प्रयास किया।
जब मैंने विद्यार्थियों से कक्षा में परिधि और क्षेत्रफल इंगित करने को कहा, तो मुझे आश्चर्य हुआ जब उन्होंने यह नहीं कहा कि ’यह दरवाजे की परिधि है’ और दरवाजे के किनारे की ओर इशारा किया। कुछ विद्यार्थियों ने परिधि की गणना करने का तरीका बताया जबकि अन्य हक्के–बक्के होकर देखते रहे।
मुझे उन्हें वाकई संकेत करना चाहिए था, और उनके यह कहने से पहले कि ’दरवाजे की परिधि यह है’ या ’ब्लैकबोर्ड की परिधि यह होगी’ और उनके हाथ और उंगलियों का उपयोग कर इंगित करने और बताने से पहले मुझे स्वयं एक उदाहरण देना चाहिए था। इस पर कुछ समय बिताने से, गतिविधि के अन्य भाग आसानी से हो गये और मुझे यह महसूस हुआ कि अब अधिकांश विद्यार्थी समझते हैं कि वे किस बारे में बात कर रहे हैं और उन्होंने क्या पता लगाया, और परिधि का पता लगाने का तरीका बेहतर तरीके से समझ चुके हैं।
जब गतिविधि का भाग 1 दिया गया तब वे सभी बेहद जिज्ञासु थे। उन्होंने परिधि का पता लगाने के लिए अपने बस्ते में से कुछ वस्तुएं निकाली। एक बहादुर छात्र धीरज अपनी पेंसिल की परिधि का पता लगाने का प्रयास कर रहा था। उसने धागा पकड़ा उसे पेंसिल के चारो ओर घुमाया और उत्तर पाया, तो मैंने उससे ऐसा करने के दौरान हुई कठिनाई को लिखने को कहा और हम शेष कक्षा के साथ इसकी चर्चा करेंगे।
फिर उन वस्तुओं जिनकी परिधि का उन्होंने पता लगाया और वे वहां तक कैसे पहुंचे इस बारे में हमने जीवंत चर्चा की। इस बिंदु पर हमने धीरज से उसके पूर्वानुमान पूरी कक्षा से साझा करने को कहा। तो चर्चा के दौरान यह निकलकर आया कि परिधि ऐसी कोई चीज़ है जिसका वे द्वि–आयामी वस्तुओं के लिए पता लगा सकते हैं और हमने अधिक चर्चा आयामों और ठोस के बारे में की। यदि हम ठोस को लेकर कार्य कर रहे होते तो हम किन चीजों की परिधि का पता लगाते (विभिन्न चेहरे, विभिन्न अनुप्रस्थ–काट आदि)। मैं न सिर्फ आश्चर्यचकित था बल्कि विद्यार्थियों की खुद को अभिव्यक्त करने और गणितीय विचारों और सिद्धांतों के साथ आगे आने की क्षमता से भी अभिभूत था – वे विद्यार्थी भी सामने आए जो सामान्य तौर पर शर्मीले और चुपचाप रहने वाले थे।
निश्चित परिधि वाले आयत का आरेखण कक्षा के लिए वाकई बेहद मजेदार था। उन्होंने ये बहुत जल्दी कर लिया। कुछ ने गलतियां की क्योंकि उन्होंने बस दो किनारों को जोड़ा और 16 cm. पाया, तो फिर इस बारे में भी उनके बीच लंबी–चौड़ी चर्चा हुई कि कैसे उनकी परिधि 16 cm न होकर 32 cm थी। जैसा कि भले ही उन्हें भाग 3 में सभी विकल्प मिल गए हों, लेकिन शानु ने इस बात को बहुत अच्छे से व्यक्त किया। अन्य विद्यार्थियों को चर्चा में शामिल करने के लिए मैंने उनसे पूछा कि क्या वे शानु से सहमत हैं, कारण को समझते हैं क्या, और इस बात को किसी अन्य तरीके से व्यक्त कर सकते हैं या नहीं।
जब आप अपनी कक्षा के साथ ऐसा कोई अभ्यास करें, तो बाद में सोचें कि क्या ठीक रहा और कहां गड़बड़ हुई। ऐसे सवाल सोचें जो विद्यार्थियों की रुचि बढ़ाए और जिसमें वे आगे बढ़ने में सक्षम हों, और जिनका स्पष्टीकरण करने की आवश्यकता हो। ऐसा चिंतन ऐसी ’स्क्रिप्ट’ पता करने में सहायक होता है जिससे आप विद्यार्थियों में गणित के प्रति रुचि जगा सकें और उसे मनोरंजक बना सकें। यदि विद्यार्थी समझ नहीं पाते हैं तथा कुछ कर नहीं पाते हैं, तो वे शामिल होना नहीं चाहेंगे। जब भी आप गतिविधियां करें, इस विचार करने वाले अभ्यास का उपयोग करें। श्रीमती अपराजिता की तरह कुछ छोटी–छोटी चीजें नोट करें जिनसे काफी फर्क पड़ता है।
![]() विचार के लिए रुकें श्रीमती अपराजिता के अध्याय में, धीरज के पेंसिल की परिधि निकालने का प्रयास ऐसी चर्चा की ओर लेकर गया जोकि श्रीमती अपराजिता की मूल योजना से अलग था। आपको क्या लगता है विद्यार्थियों की चर्चा को अलग दिशा में ले जाने के क्या लाभ या हानि हैं? भावी अध्यायों की योजना बनाने में इसके क्या प्रभाव हो सकते हैं? अब सोचें कि आपकी स्वयं की कक्षा का इस गतिविधि को लेकर अनुभव कैसा रहा और निम्न प्रश्नों पर विचार करें:
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