सूत्रों को सीखने के लिए अक्सर याद करने, या रटने पर निर्भर किया जाता है। कुछ विद्यार्थी इस पद्धति से सीखने में बहुत अच्छे होते हैं जबकि अन्य को दिक्कत आती है। हालांकि सभी विद्यार्थियों के लिए मुख्य सवाल यह है कि याद करने से किस तरह की शिक्षा प्राप्त होती है?
याद करने में समझने पर ध्यान नहीं दिया जाता और न ही समझ विकसित करने पर, और न ही अवधारणाओं का क्या मतलब हो सकता है, या उन्हें गणित के क्षेत्र से कैसे जोड़ा जा सकता है। यह पद्धति याद किए गए दैनिक कार्यों के सटीक पुनरूत्पादन पर ध्यान केंद्रित करती है। इसलिए किसी विषय के जटिल पहलुओं को समझना या जटिल चरणों वाले सूत्रों को सीखना अधिक कठिन हो सकता है। चूंकि अंतर्निहित अर्थों की कम या कोई समझ नहीं है, इसलिए कुछ अंश (elements) छूट जाते हैं, विवरण धुंधला हो जाता है, तनाव बढ़ जाता है और परीक्षाओं में विफलता मिलती है।
यदि विद्यार्थीयों को कम आयु से ही सूत्र निरुपण करने एवं सूत्रों को अर्थ देने का अवसर दिया जाय तो सूत्रों को सीखना आसान हो जाता है।
अगली गतिविधि का उद्देश्य गतिविधि 1 में विकसित विद्यार्थियों की समझ पर उन्हें स्वयं ही सूत्र बनाने का अवसर देना है। इसमें उनके उदाहरण शामिल करना और आयत की परिधि की गणना करने के लिए सूत्र व्यक्त करने के अलग तरीकों के निर्माण के लिए कहना है। आप उनसे इस बारे में सोचने के लिए भी कहेंगे कि क्यों अलग–अलग सूत्र समकक्ष (equivalent) हैं? और उन्हें बतायें कि सूत्र विकसित करने का उद्देश्य उन्हें अधिक सक्षम बनाना व समय बचाना नहीं है।
इस कार्य के लिए गतिविधि 1 के भाग 2 का उपयोग करें जिसे आपने ब्लैकबोर्ड पर लिखा था।
![]() वीडियोः जोड़े में किये गये कार्य का उपयोग करना |
मुझे यह गतिविधि करना अच्छा लगा। यह बहुत ही तेज़ गति का था। गतिविधि 1 से ब्लैकबोर्ड पर काफ़ी कुछ उदाहरण मौजूद थे, लेकिन मैंने फौरन कुछ और उदाहरणों की माँग की। मैंने ऐसा इसलिए किया कि मैं चाहती थी कि गतिविधि 1 के साथ इसके संबंध को और स्पष्ट किया जाए, और विद्यार्थियों को उनके द्वारा हल किए जाने वाले गणित के लिए और भी अधिक जोड़ सकूँ, और साथ ही, इसलिए भी कि मैंने सोचा कि यह विद्यार्थियों को कई उदाहरणों से सामान्यीकरण करने के अनुभव का एक बेहतर अवसर दे सके।
विद्यार्थियों को पहले अपने साथी से चर्चा करने के लिए कहना भी बहुत कारगर साबित हुआ। इसने उन्हें अपने विचारों को शब्दों में व्यक्त करने, आपस में किन्हीं प्रश्नों को सुलझाने का मौका दिया और पूरी कक्षा की टिप्पणियों का सामना करने से बचा लिया। यह एक शिक्षक के रूप में मेरे लिए भी उपयुक्त रहा, क्योंकि जो वे कहने वाले थे उन्होंने उसका अभ्यास किया था और इस प्रकार हमें कक्षा में चर्चा के लिए वास्तव में अच्छे और बोधगम्य तर्क मिले!
![]() विचार के लिए रुकें
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इस कार्य की तैयारी के लिए विद्यार्थियों से कक्षा में उन्हें दिखाई देने वाली कई वस्तुओं के क्षेत्रफलों की ओर इंगित करने के लिए कहें।
विद्यार्थियों को बिना माप के चौकोर खानों वाले काग़ज़ पर चित्रित संयुक्त आकार दिखाएँ, जिसके लिए सूत्र का उपयोग करते हुए क्षेत्रफल की गणना करना मुश्किल हो। इरादा यह है कि विद्यार्थियों को सूत्रों का उपयोग करने के बजाय क्षेत्रफल की गणना के लिए किसी और दृष्टिकोण के बारे में सोचना पड़े। चित्र 1 में दिया गया आकार एक उदाहरण है।
विद्यार्थियों से कहें कि वे अपने पास बैठे दूसरों के साथ अपना कार्य साझा करें, और फिर सूचित करें कि उन्होंने अपने पसंदीदा उदाहरण का निर्माण किस प्रकार किया।
![]() वीडियोः पाठों की योजना तैयार करना |
गतिविधि 1 के पहले भाग के रूप में, विद्यार्थियों ने वास्तव में आकार का क्षेत्रफल और परिधि बताने में परेशानी महसूस की। वे सूत्रों का उपयोग करके उसकी गणना करना चाहते थे। लेकिन मैंने इस बात पर ज़ोर दिया और उन्हें ब्लैकबोर्ड के पास आने और अपने हाथों और अंगुलियों से क्षेत्रफल और परिधि दिखाने के लिए कहा।
एक ग़लतफ़हमी जिसने मुझे चौंकाया, वह थी जब विद्यार्थी ने सबसे अधिक लंबाई और सबसे अधिक ऊँचाई की ओर इशारा किया और कहा कि वह उसका क्षेत्रफल है, जिससे स्पष्ट था कि वास्तव में वे नहीं जानते थे कि क्षेत्रफल क्या है। इसलिए मैं वाक़ई ख़ुश हूँ कि मैं डटी रही और उन्हें नहीं बताया, या संकेत नहीं दिया कि क्षेत्रफल और परिधि क्या हैं।
जब मैंने विद्यार्थियों से संयुक्त आकार का क्षेत्रफल निकालने के लिए कहा, तो पहले कुछ विद्यार्थी हैरान थे। कुछ विद्यार्थियों ने आकार को आयतों और वर्गों में विभाजित भी किया और उन्हें जो सूत्र याद थे, उनका उपयोग करते हुए उनके क्षेत्रफल की गणना की। इसलिए मैंने उन्हें किसी और ऐसी विधि के बारे में सोचने के लिए उकसाया, जो काम आए।
विद्यार्थी सारिका और उसके समूह ने तब वर्गों की गिनती करने का सुझाव दिया। जब इस विचार को परखा गया और पूरी कक्षा में प्रदर्शित किया गया, तो मैंने विद्यार्थियों से कहा कि वे 12 cm2 क्षेत्रफल की कम से कम तीन आकृति बनाएँ। मैं विद्यार्थियों द्वारा प्रस्तुत असंख्य उदाहरणों और उनकी जटिलताओं पर हैरान थी।
गतिविधि ने मुझे उन कार्यों को और सुधारने पर विचार करने के लिए प्रेरित किया जो मैं जानती थी कि अच्छे और अनोखे हैं जिन्हें अन्य समृद्ध कार्यों में बदला जा सकता है। आने वाले हफ्तों में मैं अपने द्वारा उपयोग किए जाने वाले ऐसे कार्यों को एक ओर रखूँगी जो मेरे विचार में रोचक हैं, और इस बारे में सोचूँगी कि उन्हें कैसे सुधारा जा सकता है ताकि मैं उनका अन्य गणितीय अवधारणाओं को पढ़ाने के लिए भी मज़ेदार कार्यों के रूप में उपयोग कर सकूँ।
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