आप ’शिक्षक–संवाद’ के बारे में सोचते हुए शुरुआत करें हैं और विचार करें कि आप इसका उपयोग कैसे कर सकते हैं।
क्या आपने छोटे बच्चों को ’टीचर टीचर’ खेलते हुए देखा है? शायद बचपन में आपने भी यह खेल खेला होगा। बच्चे शिक्षक की नकल करना पसंद करते हैं और ’शिक्षक संवाद’, या ’कक्षा प्रबंधन’ की भाषा, सीख सकते हैं, हालांकि कोई उन्हें वास्तव में ये शब्द और वाक्यांश ’सिखाता’ नहीं है। इसलिए आप कक्षा में जो भी कहते और करते हैं, आपके विद्यार्थी भी वही कहने और करने लगते हैं। आप इस ज्ञान का उपयोग भाषा का अभ्यास कराने के लिए कर सकते हैं, तुरंत और विभिन्नता के साथ।
नीचे दिए गए वाक्यों को अंग्रेज़ी में पढ़ें। चाहे स्वयं सस्वर पढ़ें, या किसी सहकर्मी के साथ।
आप कक्षा में विद्यार्थियों के साथ पहले से जिनका उपयोग करते हैं, उन पर निशान (√) लगाएँ।
‘कृपया बैठ जाएँ/हाँ, अब आप बैठ सकते हैं।’ (Please sit down/Yes, you may sit down now.)’
‘कृपया खड़े हो जाएँ। (Please stand up.) धन्यवाद (Thank you!)’
‘कृपया अपने हाथ ऊपर करें! (Put your hands up, please!) जिन्हें उत्तर है/जिन्होनें अपना काम पूरा कर लिया है! (Those who know the answer!/Those who have finished their work!) हाथ नीचे! (Hands down!)’
‘कृपया एक बार में एक ही बोले। (One at a time, please.)’
‘अपनी किताबें/कॉपियां खोलें। (Open your books/notebooks.) अपनी किताबें बंद करें। (Close your books.)’
‘कल मिलते हैं। (See you tomorrow.)’
क्या ऐसे और भी अंग्रेज़ी शब्द या वाक्य हैं, जिनका आप पहले से ही उपयोग कर रहे हैं, लेकिन वे इस सूची में नहीं हैं?
अब इस सूची से उन वाक्यों को चुनें, जिनका आपने पहले उपयोग नहीं किया है। इन वाक्यों का घर पर या किसी साथी शिक्षक के साथ सस्वर अभ्यास करें। देखें कि क्या आप वाक्यों को अलग तरीके से या बेहतर तरीके से बोल सकते हैं।
इशारों के इस्तेमाल से विद्यार्थियों को आपकी बात समझने में मदद मिलेगी। आप ‘Open your books’, और ‘Come in’ जैसे वाक्यों को हावभाव के साथ कैसे बोलेंगे? इन वाक्यों को बोलते समय हावभाव का भी अभ्यास करें।
जब आप किसी वाक्यांश के बारे में आत्मविश्वास महसूस करने लगें, तो अपने विद्यार्थियों के साथ इसका उपयोग करके देखें। आप अपने बच्चों के साथ जिन अंग्रेज़ी वाक्यांशों का उपयोग करते हैं, हर सप्ताह उनकी संख्या क्रमशः बढ़ाते जाएँ। शुरुआत में यदि वे आपकी बातों पर प्रतिक्रिया न भी दें, तो भी आप कोशिश जारी रखें – हावभावों का उपयोग करने से छात्र धीरे–धीरे इन अंग्रेज़ी वाक्यांशों को सीख जाएँगे।
केस स्टडी 1 में देखें कि किस तरह एक शिक्षक अपनी अंग्रेज़ी सुधारने की कोशिश करते हैं, ताकि वे अपने विद्यार्थियों के साथ–साथ अभ्यास कर सकें।
श्री मेघनाथन कक्षा तीन के छात्रों को सभी विषय पढ़ाते हैं। वे सभी पहली पीढ़ी के छात्र हैं। जिस समय श्री मेघनाथन ने शिक्षक के रूप में अपनी नौकरी की शुरुआत की थी, तब अंग्रेज़ी प्राथमिक स्तर पर नहीं पढ़ाई जाती थी। लेकिन कुछ वर्षों बाद राज्य सरकार ने कक्षा एक से ही अंग्रेज़ी पढ़ाने का निर्णय लिया। राज्य के सभी प्राथमिक शिक्षकों को अंग्रेज़ी भाषा पढ़ाने के तरीकों के बारे में पाँच दिनों का प्रशिक्षण दिया गया था।
पप्रशिक्षण के बाद भी मैं असहज महसूस करता था। अंग्रेज़ी का मेरा अपना ज्ञान बहुत सीमित था और मैं अंग्रेज़ी बोलने में संकोच करता था क्योंकि मुझे चिंता रहती थी कि मैं गलतियाँ कर रहा हूँ। मैंने हर दिन अंग्रेज़ी भाषा के रेडियो कार्यक्रम सुनना तय किया। मैंने अपनी पत्नी से यह भी कहा कि वह हर शाम मुझसे अंग्रेज़ी में बात किया करे क्योंकि उसकी अंग्रेज़ी मेरी अंग्रेज़ी से बेहतर थी।
मैंने अंग्रेज़ी के सरल वाक्यों जैसे ’How are you?’, ‘My name is Mr Meghnathan’, ‘I am a teacher’ और ’I live in Bangalore’ को बोलने का अभ्यास करने के लिए इन वाक्यों को अपने मोबाइल फोन पर भी रिकॉर्ड कर लिया। मैं उन्हें फिर से चलाकर सुनता था, और उनमें सुधार करने के लिए खुद की आवाज़ में फिर से रिकॉर्ड करता था। मैं यह स्वीकार करता हूँ कि कभी कभी मुझे इस तरह ’अभ्यास’ करना कुछ मूर्खतापूर्ण लगता था, लेकिन मैंने पाया कि इससे मेरी अंग्रेज़ी में सचमुच सुधार हुआ और मैं अधिक आत्मविश्वासी महसूस करने लगा।
मैंने स्कूल के एक अन्य शिक्षक के साथ मिलकर हर दिन कक्षा में उपयोग होने वाले निर्देशों की एक सूची बनाई, उदाहरण के लिएः ‘Sit down now, please’, ‘Everybody up’, ‘Can you come to the board?’, ‘I want you to make two lines’ और ‘Can you make a big circle?’ मैंने घर पर इन निर्देशों को साफ और स्पष्ट आवाज में बोलकर अभ्यास किया। मैं कक्षा में अंग्रेज़ी में निर्देश देने लगा और ऐसा करते समय मैं धीमी गति से बोलता था तथा हावभावों और इशारों का उपयोग करता था।
छात्रों ने इस पर अच्छी प्रतिक्रिया दी। मैं कोशिश करता हूँ कि मैं अपनी या छात्रों से होने वाली गलतियों की चिंता न करूँ – मैं नहीं चाहता कि वे घबराकर इसमें भाग लेना ही छोड़ दें। मैं जानता हूँ कि जब भी हम कुछ नया सीखते हैं, तो गलतियाँ होती ही हैं। मैं इस बात को सुनिश्चित करने की कोशिश करता हूँ कि गलती करने पर सज़ा के बजाय उनकी कोशिशों को स्वीकार कर लेने से मेरे छात्र पुरस्कृत महसूस करते हैं।
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