इस इकाई में आप जानेंगे कि आप और आपके छात्र प्रतिदिन जिस मौखिक और लिखित अंग्रेज़ी के संपर्क में आते हैं, उसका उपयोग करके अंग्रेज़ी कैसे पढ़ाई जा सकती है। यह ‘रोजमर्रा’ की अंग्रेज़ी आपको ऐसे रोचक अध्यापन संसाधन दे सकती है, जिनसे छात्रों को प्रोत्साहन मिलता है।
भारत में अंग्रेज़ी का उपयोग अलग अलग उद्देश्यों के लिए और देश के हर भाग में अलग अलग तरीके से किया जाता है। बड़े शहरों में कई लोग हर दिन अंग्रेज़ी का उपयोग करते हैं। अंग्रेज़ी सड़क किनारे लगे साइनबोर्ड पर, विज्ञापनों में, अख़बारों और पत्रिकाओं में दिखाई देती है और एफएम रेडियो पर, लोकप्रिय संगीत में और सिनेमा में सुनी जाती है।
सुदूर गाँवों के समुदायों में अंग्रेजी का इस्तेमाल भले ही आमतौर पर दिखाई नहीं देता, लेकिन अक्सर वह मौजूद होता है। ‘bus’, ‘car’, ‘phone’, ‘TV’, ‘radio’, ‘fridge’ या यहाँ तक कि ‘school’ जैसे शब्द भी अब देश के ज्यादातर भागों में रोजमर्रा की शब्दावली का हिस्सा बन चुके हैं। जब आप इस पर ध्यान देते हैं, तो आपको पता चलेगा कि अंग्रेज़ी अपने लिखित रूप में आपकी उम्मीद से कहीं ज्यादा मौजूद है − भोजन के पैकेटों पर, टिकटों और कपड़ों के लेबलों पर और संगीत में भी। हर गांव तक बस या रेल की पहुंच है जिसके द्वारा लोग आसपास के कस्बों या शहरों तक आ जा सकते हैं, ऐसे लोग अंग्रेजी के लिए संसाधन हो सकते हैं। वे अपने गाँव के बाहर के लोगों के साथ संवाद करने के अनुभवों के बारे में बता सकते हैं, और यह भी बता सकते हैं कि इसके लिए वे अंग्रेज़ी या अन्य भाषाओं का उपयोग किस प्रकार करते हैं।
एक शिक्षक के रूप में आप अपने निकट के समुदाय से और अपने आस-पास के समुदाय से अंग्रेज़ी को अपनी कक्षा में ला सकते हैं। यह इकाई इस काम की शुरुआत करने में आपकी मदद करने के लिए तैयार की गई है।
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