विचार-मंथन पर मिले फीडबैक के अभिलेखीकरणे हेतु विभिन्न तरीके मौजूद हैं। आप अपने विद्यार्थियों से जानकारी का अभिलेखीकरण किस तरीके से करने के लिए कहते हैं। यह इस बात पर निर्भर करेगा कि आप गतिविधि से क्या हासिल करना चाहते हैं?
विचार-मंथन सत्र की समाप्ति पर, आपके पास बहुत सी प्रतिक्रियाएं होनी चाहिए, जिनका उपयोग शुरूआती तौर पर विद्यार्थियों की समझ को बढ़ाने के लिए करेंगे। कुछ प्रतिक्रियाओं पर जिसमें पढाये जा रहे विषय के लिए वास्तविक संभावनाएं है। उन पर आप विशेष रूप से प्रकाश डालना चाहते होंगे। बाकी प्रतिक्रियाओं पर बाद में किसी दिन नज़र डाली जा सकती है। या फिर विद्यार्थियों को व्यक्तिगत रूप से कार्य करने के लिए विचार चुन लें। किसी भी परिस्थिति में विद्यार्थियों को स्पष्ट करें कि कैसे एक-दूसरे के साथ बातचीत करते हुए उन्होंने अपनी सोच को विकसित किया, तथा उनके विचारों में भी विकास व वृद्धि हुई।
आप अपने पाठ को इस पर केंद्रित कर सकते हैं कि ध्वनि कैसे बनती है, जिसके लिए संभवतः आप कुछ ऐसी सरल गतिविधियों की योजना बना सकते हैं, जिनमें यह देखा जा सके कि कंपन पैदा करने से ध्वनि उत्पन्न होती है। इसमें कुछ सरल कार्य शामिल हो सकते हैं, जैसे– किसी रबर बैंड या तार को कंपित करना, किसी ड्रम पर थोड़े बीज रख देना और ड्रम को जब हल्के से बजाया जाता है तो क्या होता है। विद्यार्थियों के विचार-मंथन पर आप किस प्रकार से प्रतिक्रिया देंगे यह इन बातों पर निर्भर करेगा कि आप क्या सिखाना चाहते हैं? तथा सीखने वाले अपने विद्यार्थियों के बारे में आप क्या जानते हैं? चूंकि आप कक्षा को नियमित रूप से पढ़ाते हैं इसलिए आपको पता होगा कि किस प्रकार की गतिविधि और प्रायोगिक कार्य संचालित करने के तरीके आपके विद्यार्थियों के लिए सर्वाधिक लाभकारी रहेंगे।
अगले केस स्टडी में, श्रीमती शर्मा दिखाती हैं कि किस प्रकार वे अपने विद्यार्थियों की रुचि पैदा करती है कि ध्वनि कैसे बनती है? इसकी छानबीन करने के लिए वाद्य यंत्रों का उपयोग करती हैं। वाद्य यंत्र स्थानीय समुदाय में आसानी से मिल जाते हैं और विद्यार्थी इन्हें ला सकते हैं।
श्रीमती शर्मा एक एम.जी. सरकारी विद्यालय में विज्ञान की शिक्षिका हैं। विद्यालय में वार्षिकोत्सव की तैयारियां चल रही हैं। वे इस अवसर का उपयोग अपने विद्यार्थियों को ध्वनि से परिचित कराने में करती हैं।
वार्शिकोत्सव के लिए नृत्य का अभ्यास चल रहा था और अपनी कक्षा में बैठे हुए मैं वाद्य यंत्रों से निकल रहे संगीत की और उसके साथ-साथ नाचते हुए पैरों की धमक से निकलने वाली घुंघरुओं की ध्वनि सुन सकती थी। मैंने प्रत्येक वाद्य यंत्र द्वारा उत्पन्न ध्वनि की पहचान करने की कोशिश की। बाद में मैं यंत्रों को नजदीक से देखने के लिए संगीत कक्ष में गई [चित्र 3]। वहां ढोलक, तबला, हारमोनयिम, सितार, बाँसुरी और कुछ घुंघरू रखे थे। मैंने उन सभी को बजाने की कोशिश की। मैंने संगीत शिक्षिका से कहा कि वे प्रत्येक वाद्य यंत्र को अलग-अलग बजाएं और मैंने प्रत्येक वाद्ययंत्र की ध्वनि को अपने मोबाइल फोन पर रिकॉर्ड कर लिया। मैंने सिक्कों, कंचों, पत्थरों और स्थानीय पक्षियों द्वारा उत्पन्न ध्वनियों की रिकॉर्डिंग भी बनाई। मैं कक्षा में इन रिकॉर्डिंग का उपयोग करना और विद्यार्थियों से इन ध्वनियों को उत्पन्न करने वाली वस्तुओं की पहचान करवाना चाहती थी।
अगले पाठ में मैंने रिकॉर्डिंग चलाईं और विद्यार्थियों से प्रत्येक ध्वनि के स्रोत की मन ही मन पहचान करने को कहा। इसके बाद मैंने विद्यार्थियों से कहा कि समूह में कार्य करते हुए आस-पास आमतौर पर सुनाई देने वाली कुछ ध्वनियों और उनके स्रोत की एक सूची तैयार करें। [अपने पाठों में योजना बनाने तथा समूहों को संगठित करने में मुख्य संसाधन ‘‘समूह कार्य का उपयोग करना’ आपकी मदद करेगा।] मैंने प्रत्येक समूह को एक कागज़ दिया, जिस पर उन्हें ‘आम ध्वनियां’ शीर्षक के तहत अपने उत्तर लिखने थे। मैंने विद्यालय में आए कुछ बड़े लिफाफों के अन्दर के हिस्से से कागज़ बचाए थे, क्योंकि मेरी कक्षा के लिए कागज़ों का मिलना मुश्किल से होता है।
अब, मैंने प्रत्येक समूह से कहा कि वे अपने-अपने विचारों का साझा पूरी कक्षा के साथ करें। उनके बोलने के दौरान मैंने कुछ मुख्य शब्दों और विचारों को चुना और उन्हें श्यामपट्ट पर लिख दिया। इससे मुझे यह समेटने में मदद मिली कि कक्षा ने इस बारे में क्या कहा है कि उन्होंने किस प्रकार की ध्वनियां सुनीं और उनके स्रोत क्या हैं?
विद्यार्थियों अपेक्षाकृत छोटे समूहों में बातचीत करने का अवसर देकर, श्रीमती शर्मा ने अपनी पूरी कक्षा को बोलने और चर्चा में जुड़ने का अधिक अवसर दिया। विद्यार्थी पूरी कक्षा के सामने बोलने से भयभीत या परेशान नहीं थे। विद्यार्थियों में विचार सुव्यक्त या स्पष्ट नहीं थे तो भी उन्हें कोई अधिक चिंता नहीं थी। यह उन विद्यार्थियों के लिए बहुत अच्छा है जिन्हें सीखने की प्रक्रिया कठिन लगती है। इसी प्रकार आप बाकी समूह से ऐसे सीखने वालों की मदद करने और उन्हें सहारा देने के लिए कह सकते हैं।
जब किसी वस्तु के बारे में एक विद्यार्थी को दूसरे विद्यार्थियों को समझानी पड़ती हैं, तो उसकी स्वयं की समझ स्पष्ट होती है। धीरे-धीरे विद्यार्थी बोलने में और अपने विचारों को साझा करने में अधिक आत्मविश्वासी हो जाएंगे। विभिन्न योग्यताओं वाले विद्यार्थियों के लिए विचार-मंथन एक अच्छी गतिविधि है क्योंकि इसमें प्रतिभावान विद्यार्थियों और सीखने की क्रिया में मुश्किल महसूस करने वाले विद्यार्थियों दोनों लिए प्रतिस्पर्धा किए बिना साथ मिल कर कार्य करने में मदद मिलती है।
![]() वीडियो: सभी को शामिल करना |
यदि, आपकी कक्षा में कम आयु के विद्यार्थी हैं, तो आपको यह सुनिश्चित करना होगा कि कोई समूह में से कोई एक समूह प्रमुख के रूप में कार्य कर सकता हो तथा अन्य विद्यार्थी उनके उत्तर लिख सकते हों। अधिक आयु वाले विद्यार्थियों के साथ ऐसी कोई दिक्कत नहीं आएगी।
आप योग्यता के आधार पर, अपने समूहों को संगठित करने के अन्य आधार भी सोच सकते हैं। आप इसके लिए कक्षा को अनुभागों में विभाजित कर सकते हैं, ताकि आपके पास मिश्रित योग्यता वाले समूह हों। समूहों में अधिक योग्य विद्यार्थी समूह के विचारों को लिखने के लिए अभिलेखक (रिकॉर्डर) के रूप में कार्य कर सकता है। इससे समूह में हर कोई अंतिम विचार-मंथन में योगदान दे सकने में समर्थ होगा। यदि आपकी कक्षा बड़ी हो, तो समूह विचार-मंथन संचालित करने का यह सर्वोत्तम तरीका हो सकता है क्योंकि इसमें विद्यार्थियों को ज्यादा दूर तक जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। हो सकता है कि बस घूम कर बैठना मात्र ही काफ़ी हो। वैकल्पिक तौर पर आप विद्यार्थियों को उनकी रुचियों के अनुसार समूहबद्ध कर सकते हैं।
किसी पाठ की छानबीन करने का एक अन्य तरीका यह है कि ऐसा पाठ चुनें जिसमें छानबीन करने के कई अलग-अलग पहलू हों। आप प्रत्येक समूह से एक अलग पहलू की छानबीन करने को कह सकते हैं। यदि आपका विषय ध्वनि है, तो आप प्रत्येक समूह से उसके अपने क्षेत्र, जैसे वाद्य यंत्र, ध्वनि के प्रकार, ध्वनि कैसे बनती है या ध्वनि प्रदूषण आदि की छानबीन करने को कह सकते हैं।
आपको निम्नांकित बिन्दुओं पर विचार करते हुए अपने विचार-मंथन सत्र की योजना बनाने के लिए थोड़ा समय देना पड़ेगा:
अपने विद्यार्थियों को आप कैसे बताएंगे कि उन्हें क्या करना है? इस सम्बन्ध में गतिविधि 2 की कार्यनीति के उपयोग को बेहतर कैसे बनाएं इस बारे में आपने सोचा था।
![]() विचार के लिए रुकें सोचें कि विचार-मंथन से जो जानकारी आपने एकत्र किया है उससे आपको अगले पाठ की योजना बनाने में किस प्रकार मदद मिलेगी? इस पर नज़र डालें और समान प्रकार के विचारों को समूहबद्ध करने के लिए कोशिश करें। आप इस सम्बन्ध में मुख्य संसाधन ‘पाठों की योजना बनाना’ पर भी नज़र डाल सकते हैं। उदाहरण के लिए, जैसा श्रीमती शर्मा ने किया था। वैसे ही ध्वनियां कैसे बनती हैं, क्या आप बनाना चाहते हैं? विद्यार्थियों के साथ इसका विश्लेषण करने से पहले ध्वनियां उत्पन्न करने के अपने अनुभव को विस्तार देने के लिए कुछ सरल गतिविधिया जांच-पड़ताल करें । इनमें आपको विद्यार्थियों की मदद करने की आवश्यकता है? |
OpenLearn - मष्तिष्क -मंथन : ध्वनि Except for third party materials and otherwise, this content is made available under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-ShareAlike 4.0 Licence, full copyright detail can be found in the acknowledgements section. Please see full copyright statement for details.