विद्यार्थियों की कल्पना शक्ति को बढ़ाने और, वे क्या जानते हैं? उन्हें इस बारे में सोचने के लिए प्रेरित करने के लिए आपको कार्य करने के तरीके में सृजनशील होना होगा। गतिविधि 1 में आपने जो अभ्यास करके देखा वह विचार-मंथन का केवल एक तरीका है। जब, आप इसका अनुभव कर लेंगे, तो यह मस्तिष्क को प्रेरित करेगा तथा आपको और अधिक व्यापक स्तर पर सोचने के लिए प्रोत्साहित करेगा। अब आप विचार-मंथन करने के अन्य तरीकों की जानकारी करने से पहले इस पद्धति को अपनी कक्षा के साथ करके देखें।
विद्यार्थियों को विचार-मंथन करने की तकनीक से परिचित कराने की आवश्यकता है। इससे पहले कि आप विचार-मंथन करें, आप इस बारे में सोचें कि तकनीक का परिचय कैसे देंगे। वे कौन सी मुख्य बातें हैं? जो उन्हें करनी है तथा जिनको जानना उनके लिए जरूरी है।
विचार मंथन के समय यह महत्वपूर्ण है कि
आपको इस विषय में स्पष्ट होना होगा कि आप अपनी कक्षा के साथ विचार-मंथन क्यों कर रहे हैं? ध्वनि या किसी अन्य विषय के बारे में आपके विद्यार्थी जो जानते हैं, उसके बारे में आप क्या पता लगाना चाहते हैं?
योजना को लिख लेने पर, आप विद्यार्थियों के साथ विचार-मंथन के लिए तैयार रहें। अपनी कक्षा के साथ विचार-मंथन करें। यदि संभव हो, तो अपने सहकर्मी से कक्षा में छात्रों के मध्य विचार–मंथन करायें।
जब सहकर्मी के साथ विचार-मंथन कर चुके हों, तब इस बारे में सोचने में थोड़ा समय लगाएं कि आपको ऐसा क्यों लगता है कि सत्र अच्छा चला?
![]() विचार के लिए रुकें विचार-मंथन सत्र के बाद, निम्नांकित के बारे में सोचें:
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अध्यापक द्वारा पढ़ाये जाने वाले पाठों/प्रकरणों (ध्वनि) के बारे में सभी छात्र कुछ न कुछ ज्ञान रखते हैं परन्तु सभी विद्यार्थियों के विचार एक जैसे नहीं होंगे तथा जो विचार उनके पास होंगे उनके पूर्ण विकसित होने की संभावना भी कम है।
जब आप शिक्षण सत्र की योजना बनाते हैं, चाहे वह प्रयोगात्मक हो या सैद्धांतिक पाठ हो, आपको यह जानना महत्वपूर्ण होता है कि आपके विद्यार्थी पहले से क्या जानते हैं? जिससे आप अधिक प्रभावी ढंग से शिक्षण कर सकते हैं। आपके विद्यार्थी जो पहले से जानते हैं उसे पुनः पढ़ाकर समय बर्बाद करने के बजाए आगे के विषयवस्तु/प्रकरणों के सम्बन्ध में उनकी समझ को बढ़ाना है। इसलिए किसी विषय के बारे में सोचने और अपने विचार साझा करने में विद्यार्थियों की मदद करने के लिए विचार-मंथन एक अच्छा तरीका है।
ध्वनि पर विचार-मंथन संभवतः यह दर्शाता है कि, ध्वनियां कैसे बनती हैं? इस बारे में विद्यार्थी कहां पर भ्रमित हो गए हैं? या कहां पर उनकी अवधारणाएँ अल्प–विकसित हैं? इसकी जानकारी होने के बाद आप अपने शिक्षण को प्रत्यक्ष रूप से सीखने की आवश्यकताओं पर अधिक लक्षित कर सकेंगे तथा उनके विचारों को अधिक गहराई से सोचने के लिए चुनौती देंगे। उदाहरण के लिए आप ऐसी कुछ लघु गतिविधियों की योजना बना सकते हैं, जो उन्हें इस बारे में सोचने में मदद करें कि जब ध्वनियां बनती हैं तब क्या होता है? और ध्वनि इस तरह से निर्मित क्यों होती है?
विशिष्ट आवश्यकता वाले छात्रों (CWSN)को अधिक सहयोग चाहिए।
विचार-मंथन से न केवल आपको यह समझने में मदद मिलती है कि आपके विद्यार्थी पहले से क्या जानते हैं? बल्कि इससे आपके विद्यार्थी पाठ में अधिक सक्रिय रूप से भाग लेने के लिए प्रोत्साहित होते हैं जिससे उनका आत्मविश्वास बढ़ सकता है। कुछ मुख्य लाभ चित्र 2 में संक्षिप्त कर दिये गये हैं।
संसाधन 1, ‘सीखने के लिए बात–चीत करें’, सीखने–सिखाने की क्रिया में बात–चीत अधिगम को बढ़ाता है। अपने विद्यार्थियों के साथ कार्य जारी रखने से पहले इसे अभी पढ़ लेना संभवतः आपको उपयोगी लगे – इससे आपको विद्यार्थियों को उनके विचारों और समझ के बारे में बातचीत करने के लिए प्रोत्साहित करने के तरीकों की छानबीन करने में मदद मिलेगी।
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