अवधारणा मानचित्र निम्नांकित के द्वारा आपको बताएगा कि आपके विद्यार्थी क्या समझते हैं:
संसाधन 3 उस जल अवधारणा मानचित्र का एक और उदाहरण दिखाता है, जिसे आपने क्रियाकलाप 1 में बनाया था। इस अवधारणा मानचित्र की तुलना संसाधन 2 में दिए गए अवधारणा मानचित्र से करें। निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दें–
संसाधन 3 में अवधारणा मानचित्र द्वारा उजागर की गई एक गलत धारणा यह है कि अणुओं के इर्द-गिर्द जल होता है। इससे यह संकेत मिलता है कि विद्यार्थी यह मानता है कि जल अणुओं से मिलकर नहीं बना, बल्कि अणु उसका भाग हैं। ‘इलेक्ट्रॉन’ की अवधारणा के पास का केवल एक संपर्क है जिससे यह संकेत मिलता है कि यह अवधारणा भली प्रकार समझी नहीं गई है। सरल संपर्क शब्दों और वाक्यांशों का उपयोग भी यह दर्शाता है कि विद्यार्थी में आत्मविश्वास या परिष्कृत समझ का अभाव है।
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जब आपके विद्यार्थी अवधारणा मानचित्र बनाने में समर्थ हो जाएंगे, तो आप उनकी समझ और प्रगति का मूल्यांकन करने के लिए इन मानचित्रों का उपयोग कर सकेंगे। सबसे पहला कदम है, अपने विद्यार्थियों को अवधारणा मानचित्र बनाना सिखाना। अगली कसे स्टडी यह दिखाती है कि एक शिक्षक ने अपने शिक्षण में अवधारणा मानचित्रों का उपयोग कैसे किया
श्रीमती मोहंती अपनी सातवीं कक्षा को जल के बारे में पढ़ाने जा रही थीं। वे समझाती हैं कि किस प्रकार उन्होंने जल चक्र के बारे में पढ़ाना शुरू करने से पहले अवधारणा मानचित्रण का उपयोग करके यह जाना कि उनके विद्यार्थी जल के बारे में क्या जानते हैं
मैं जानना चाहती थी कि मेरे विद्यार्थी जल के बारे में पहले से क्या जानते हैं? मैंने पाठ्यपुस्तक के अध्याय में से मुख्य शब्द पहले ही चुन लिए थे। कक्षा में मैंने डेस्क पर एक गिलास में गंदा पानी तथा दूसरे गिलास में साफ पानी रख दिया, जिससे सभी बच्चे उसे देख सकें। मैंने विद्यार्थियों से पूछा कि जब उन्होंने जल के बारे में सोचा और गंदे तथा साफ़ जल को देखा तो उनके मन में क्या आया? मैंने ब्लैकबोर्ड के बीचोंबीच एक गोले में ‘जल’ लिख दिया। जैसे-जैसे वे अपने विचार मुझे बताते गए, मैं उन्हें शब्द ‘जल’ के चारों ओर लिखती गई। जब सारे विचार समाप्त हो गए, तो मैंने उन दस मुख्य शब्दों के नीचे रेखा खींच दी, जो विषय में थे। इसके बाद मैंने उन्हें किसी सहपाठी के साथ कार्य करते हुये शब्दों के जोड़ों के बीच सम्पर्क बनाने के लिये कहा। मैंने उन्हें यह उदाहरण दिया–
बर्फ पिघलती है और बन जाती है जल।
इसके बाद मैंने जांचा कि वे इसे समझ गए हैं या नहीं। इसके लिए मैंने उन्हें दो और शब्द दिए, ‘जल’ और ‘भाप’।
फिर मैंने उनसे कहा कि उन्हें में 15 मिनट तक कार्य करना है और मुझे संपर्क शब्द ला कर देने हैं, और यदि वे चाहें, तो और संपर्क भी बना सकते हैं। यह बहुत ही रोचक था। विद्यार्थियों ने दो शब्दों को कई तरीकों से जोड़ना शुरू कर दिया, जैसे–
जल बदल कर बन जाता है भाप
भाप अलग है जल से
जब मैं निश्चित हो गई कि वे इसे समझ गए हैं, तो मैंने उनसे कहा कि वे किसी सहपाठी के साथ कार्य करते हुए, शब्दों के जोड़ों के बीच अधिकतम संभव संपर्क बनाएं। इसके बाद मैंने उन्हें दिखाया कि शब्दों को मानचित्र के रूप में कैसे जोड़ा जा सकता है, और फिर उन्होंने जोड़ियों में कार्य करते हुए अपने खुद के मानचित्र बनाए।
अवधारणा मानचित्रों ने विद्यार्थियों के पूर्व-ज्ञान के बारे में मुझे अधिक जानकारी दी। अधिकांश को जल की अवस्थाओं की अच्छी जानकारी थी, पर कुछ को ही प्रदूषण की अथवा वह होता कैसे है इसकी जानकारी थी। तो मैंने अगले पाठ को इसी पर केंद्रित करना तय किया।
![]() विचार के लिए रुकें शुरुआत में अवधारणा मानचित्र बनाना कठिन हो सकता है और विद्यार्थियों को इसे करके सिखाना ज़रूरी होता है? श्रीमती मोहंती ने अवधारणा मानचित्रण को समझने में अपने विद्यार्थियों की मदद कैसे किया? |
इस इकाई के अंत में संसाधन 4 में ‘पाठों की योजना बनाना’ में आपको योजना बनाने के कुछ ऐसे मुख्य सिद्धांत समझाए गए हैं, जिस पर आपका नियोजन अधिक केंद्रित रह सकता है।
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