शिक्षण के लिए केवल पाठ्यपुस्तकों का ही नहीं – बल्कि अनेक शिक्षण संसाधनों का उपयोग किया जा सकता है। यदि आप विभिन्न ज्ञानेंद्रियों (दृष्टि, श्रवण, स्पर्श, गंध, स्वाद) का उपयोग करने वाले तरीकों का प्रयोग करते हैं, तो आप विद्यार्थियों को सीखने के लिए विभिन्न तरीके देते है जिससे विद्यार्थी सीखते है। आपके आस–पास ऐसे संसाधन उपलब्ध हैं जिनका उपयोग कक्षा–कक्ष में कर सकते हैं, जो आपके विद्यार्थियों की सीखने–सिखाने में मदद कर सकते है। कोई भी स्कूल बिना किसी या थोड़ी सी लागत से अपने स्वयं के शिक्षण संसाधनों को पैदा कर सकता है। इन सामग्रियों को स्थानीय स्तर से प्राप्त करके, पाठयचर्या और विद्यार्थियों के जीवन के बीच संबंध बनाए जाते हैं।
आपको अपने पर्यावरण में ऐसे लोग मिलेंगे जो विविध प्रकार के विषयों में पारंगत हैं। आपको कई प्रकार के प्राकृतिक संसाधन भी मिलेंगे। इससे आपको स्थानीय समुदाय के साथ संबंध जोड़ने, उसके महत्व को प्रदर्शित करने, विद्यार्थियों को उनके पर्यावरण की बहुलता और विविधता को देखने के लिए प्रोत्साहित करने, और संभवतः सबसे महत्वपूर्ण रूप से, विद्यार्थियों के शिक्षण में समग्र दृष्टिकोण – यानी, स्कूल के भीतर बाहरी शिक्षा को अपनाने की ओर काम करने में सहायता मिल सकती है।
लोग अपने घरों को यथासंभव आकर्षक बनाने के लिए कठिन मेहनत करते हैं। उस पर्यावरण के बारे में सोचना भी महत्वपूर्ण है जहाँ आप अपने विद्यार्थियों को शिक्षित करने की अपेक्षा करते हैं। आपकी कक्षा और स्कूल को पढ़ाई को एक आकर्षक जगह बनाने के लिए आप जो कुछ भी करेगें हैं उसका आपके विद्यार्थियों पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। अपनी कक्षा को रोचक और आकर्षक बनाने के लिए आप बहुत कुछ कर सकते हैं – उदाहरण के लिए, आप–
यदि आप गणित में रूपये–पैसे या मात्रा पर काम कर रहे हैं, तो आप बाज़ार के व्यापारियों या दर्जियों को कक्षा में आमंत्रित कर सकते हैं और उन्हें यह समझाने के लिए कह सकते हैं कि वे अपने काम में गणित का उपयोग कैसे करते हैं। इसके अतिरिक्त यदि आप कला विषय के अंतर्गत पैर्टनं और आकारों जैसे विषय पर काम कर रहे हैं तो आप मेहंदी डिजाइनरों को स्कूल में बुला सकते हैं ताकि वे भिन्न-भिन्न आकारों, डिजाइनों, परम्पराओं और तकनीकों को समझा सकें। अतिथियों को आमंत्रित करना तब सबसे उपयोगी होता है जब प्रत्येक व्यक्ति को समय का साझा करने तथा शैक्षिक लक्ष्यों के बारे में स्पष्टता हो।
आपके पास स्कूल समुदाय में विशेषज्ञ उपलब्ध हो सकते हैं जैसे रसोइया या संरक्षक जिन्हें विद्यार्थियों द्वारा अपने विस्य वस्तु के संबंध में चर्चा किया जा सकता है अथवा वे उनके साथ साक्षात्कार कर सकते हैं; उदाहरण के लिए, खाना पकाने में इस्तेमाल की जाने वाली मात्राओं का पता लगाने के लिए या स्कूल के मैदान, भवनों पर मौसम का कैसे प्रभाव पड़ता है।
आपकी कक्षा के बाहर ऐसे अनेक संसाधन उपलब्ध हैं, जिनका प्रयोग आप अपने पाठों में कर सकते हैं। आप पत्तों, मकड़ियों, पौधों, कीटों, पत्थरों या लकड़ी जैसी वस्तुओं को एकत्रित कर सकते हैं या अपनी कक्षा से एकत्रित करने को कह सकते हैं। इन संसाधनों को कक्षा में लाकर संदर्भित पाठों को रूचिकर ढंगसे प्रदर्शित कर सकते है। एकत्रित की गई वस्तुओं से चर्चा, प्रयोग कर सकते है। जैसे वर्गीकरण से संबंधित गतिविधि, सजीव निर्जीव वस्तुएं। बस की समय सारणियों या विज्ञापनों जैसे संसाधन भी आसानी से उपलब्ध हो सकते हैं जो स्थानीय समुदाय के लिए प्रासंगिक हो सकते हैं – इससे शब्दों को पहचानने, गुणों की तुलना करने या यात्रा के समय की गणना करने के कार्य निर्धारित करके इन्हें शौक्षिक संसाधनों में बदला जा सकता है।
कक्षा में बाहर से वस्तुएं लाई जा सकती हैं- तथा बाहरी स्थान भी आपकी कक्षा का विस्तार हो सकते हैं। आम तौर पर सभी विद्यार्थियों के लिए चलने-फिरने और अधिक आसानी से देखने के लिए बाहर अधिक जगह होती है। जब आप सीखने के लिए अपनी कक्षा को बाहर ले जाते हैं, तो आप वहॉ विद्यार्थियों से निम्नलिखित गतिविधियो को कर सकते हैं–
यह दर्शाना कि घेरे पर हर बिन्दु केन्द्रीय बिन्दु से समान दूरी पर होता है
साक्षात्कार और सर्वेक्षण आयोजित करना
कक्षा के बाहर, विद्यार्थियों का शिक्षण, वास्तविकताओं तथा उनके स्वयं के अनुभवों पर आधारित होता है जो शायद अन्य संदर्भों में अधिक लागू हो सकता है।
यदि आपके कक्षा के बाहर के काम में स्कूल परिसर को छोड़ना शामिल हो तो जाने से पहले आपको स्कूल के मुख्याध्यापक की अनुमति लेनी चाहिए, समय सारणी बनानी चाहिए, सुरक्षा की जाँच करनी चाहिए और विद्यार्थियों को नियम स्पष्ट कर दें। विद्यार्थियों को यह बात स्पष्ट रूप से पता होनी चाहिए कि किस संबंध में उन्हें जानकारी करनी होगी।
चाहें तो आप मौजूदा संसाधनों को अपने विद्यार्थियों के लिए कहीं अधिक उपयुक्त बनाने हेतु उन्हें अनुकूलित कर सकते हैं। ये परिवर्तन छोटे से हो सकते हैं किंतु बड़ा अंतर ला सकते हैं, विशेष तौर पर यदि आप शिक्षण को कक्षा के सभी विद्यार्थियों के लिए प्रासंगिक बनाने का प्रयास कर रहे हैं। उदाहरण के लिए, आप स्थान और लोगों के नाम बदल सकते हैं यदि वे दूसरे राज्य से संबंधित है, गाने में व्यक्ति के लिंग को बदल सकते हैं, कहानी में शारीरिक रूप से अक्षम बच्चे को शामिल कर सकते हैं। इस तरह से आप संसाधनों को अधिक समावेशी और अपनी कक्षा तथा उनकी शिक्षण-प्रक्रिया के लिए उपयुक्त बना सकते हैं।
साधन संपन्न होने के लिए अपने सहकर्मियों के साथ काम करें, संसाधनों को विकसित करने तथा उन्हे अनुकूलित करने के लिए आपके बीच में से ही कई कुशल व्यक्ति मिल जाएंगे। एक सहकर्मी के पास संगीत, जबकि दूसरे के पास कठपुतलियाँ बनाने या कक्षा के बाहर के विज्ञान को नियोजित करने के कौशल हो सकते हैं। आप अपनी कक्षा में जिन संसाधनों को उपयोग करते हैं उन्हें अपने सहकर्मियों के साथ साझा कर सकते हैं जिससे अपने स्कूल के सभी क्षेत्रों में एक प्रभावी शिक्षण पर्यावरण बनाने में आप सबकी सहायता हो सके।
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