बिजली की खोज और उपयोग बहुत से लोगों के जीवन में बड़ा फर्क लेकर आया है। इस तरह से सभी के लिए यह समझना बहुत महत्वपूर्ण है कि बिजली क्या है? और यह किस प्रकार से काम करती है? जिससे वे इस बात को जान सकें कि किस प्रकार अच्छी तरह से और सुरक्षित ढंग से इसका उपयोग करें। अगर अभी तक आपके स्कूल में बिजली नहीं है, तो बैटरियों, तारों और बल्बों का उपयोग करके किसी अन्य ढंग से सिखाना आसान नहीं है, और ये महंगे भी होते हैं और आसानी से उपलब्ध नहीं होते हैं। लिहाजा, ऐसे खेलों का उपयोग, जो कि बिजली के विभिन्न पहलुओं को प्रदर्शित करते हों। यह आपके विद्यार्थियों की बिजली के बारे में सामान्य समझ का पता लगाने में मदद कर सकता है।
इन खेलों को बनाने के लिए आपको उपाय-कुशल शिक्षक होना पड़ेगा। उपाय-कुशल होने का अर्थ यह हो सकता है कि आप नियमित रूप से कार्डबोर्ड बॉक्सों, प्लास्टिक की बोतलों, पुराने लिफाफों और पुनः उपयोग में आने वाली तथा पुनः चक्रित करने योग्य संसाधनों को नियमित रूप से संकलित करते और सहेजते हैं। जिससे आपके पास वे सामग्रियां हों, जिनका कि आप ऐसी शिल्पकृतियों को बनाने में उपयोग कर सकें, जो कि आपकी पढ़ाई को आगे ले जाएंगी। आप विभिन्न प्रकार के स्थानीय संसाधनों का भी उपयोग कर सकते हैं; इनका वर्णन संसाधन 5,‘स्थानीय संसाधनों का उपयोग करना’ में किया गया है, जो कि आपके विचारों को विस्तारित करने और आपके अध्यापन में वृद्धि करने के लिए आपकी मदद कर सकते हैं।
पाठ्यपुस्तकों से अलग आपके स्कूल में जिन संसाधनों तक आपकी पहुंच है, इसके बारे में कुछ मिनट सोचें।
योजना बनाएं कि आप इन संसाधनों को किस प्रकार से एकत्र कर सकते हैं, इसकी और अपनी योजना को क्रियान्वित करें। आपने जिस नामावली को एकत्र किया है, उसमें मदद करने के लिए आप सभी विद्यार्थियों को शामिल कर सकते हैं। स्थानीय रूप से उन्होंने पुनः चक्रित करने योग्य और दुबारा इस्तेमाल के योग्य सामग्री के किन प्रकारों और कितनी मात्राओं को जमा किया है। यह दर्शाने के लिए कुछ ग्राफ बनाने के लिए भी यह अच्छा अवसर हो सकता है।
![]() वीडियो: स्थानीय संसाधनों का उपयोग करते हुए |
![]() विचार के लिए रुकें
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यह गतिविधि हमेशा चलने वाली प्रक्रिया है, चूंकि आप अपने संसाधनों को एकत्र करते हैं और फिर उनका उपयोग करते हैं, इसलिए आपको उनमें नियमित रूप से जोड़ते रहने की ज़रूरत होती है। अपनी कक्षा में और यहां तक कि अपने स्कूल में भी इस प्रकार की संस्कृति को विकसित करने से विज्ञान में ज्यादा अन्वेषणपरक गतिविधियों की योजना बनाने तथा उन्हें सिखाने में आपको मदद मिलेगी। यह सीखने में आपके विद्यार्थियों की मदद करेगी। ऐसे खेलों को बनाने से जो कि बिजली से जुड़े कुछ वास्तविक अन्वेषणों का नमूना प्रदर्शित करते हों, विद्यार्थियों को समझने में मदद मिल सकती है और वे अपनी समझ को सुदृढ़ करने के लिए खेलों को फिर से देख सकते हैं।
अगली केस स्टडी इस बात का पता लगाती है कि किस प्रकार से खेल को खेलने के लिए स्थिर विद्युत का उपयोग किया जाए।
एक छोटे से ग्रामीण स्कूल की शिक्षिका सुश्री सुशमा बताती हैं कि किस प्रकार से उन्होंने स्थिर विद्युत प्रकरण को एक सरल खेल द्वारा समझाया
थोड़े से समय में मैंने प्लास्टिक के पेन के कुछ केसों को जमा किया और खेल बोर्ड बनाये [उस प्रकार के जैसे कि संसाधन 6 में दर्शाये गये हैं]। इसके अलावा मैंने दो विद्यार्थियों से पुराने अखबार की दो शीटों को छोटे-छोटे टुकड़ों में फाड़ने के लिए दिया और फिर उन्हें ढेरों में बांट दिया, प्रत्येक बोर्ड और पेन के चार केसों के साथ एक को लगना था।
अपने पाठ की शुरुआत में मैंने एक गुब्बारे को उड़ाया, जिससे मेरी कक्षा रोमांचित हो उठी और पूछा कि क्या मैं इसे दीवार से चिपका कर रख सकती हूं। उन्होंने कहा नहीं। अतः इसके बाद मैंने गुब्बारे को एक या दो क्षण के लिए अपने सिर पर रगड़ा और फिर गुब्बारे को दीवार पर चिपका दिया। विद्यार्थी यह देखकर आश्चर्यचकित हो गये कि गुब्बारा दीवार पर चिपका हुआ है। मैंने उनसे पूछा कि उनके विचार में ऐसा क्यों हुआ होगा और कुछ ने अपने विचार व्यक्त किये, जिसे कि मैंने ब्लैकबोर्ड पर लिख लिया, जैसे कि मेरे बालों में कोई चीज़ थी, जो कि गोंद जैसी थी।
इसके बाद मैंने उन्हें खेल के सेट प्रदान किये और खेल के नियम समझाए और कुछ मिनट के लिए उन्हें खेलने दिया। खेल से स्थिर विद्युत उत्पन्न करने के लिए उनके द्वारा कलम की टोपियों का उपयोग किया जाना जुड़ा था, उन्होंने कागज़ के छोटे-छोटे टुकड़ों को बोर्ड के विभिन्न हिस्सों पर उठाने और गिराने के लिए किया, यह काम उसी प्रकार से था, जैसे कि वे चरखे को घुमा रहे हों। अपने बोर्ड को सूची में दी गयी संख्या के बराबर कागज़ के टुकड़ों की संख्या से भरने वाला प्रथम समूह विजेता था। विद्यार्थियों ने खेल को पसंद किया और असल में एक समय ऐसा भी आया, जब बहुत शोर होने लगा। विद्यार्थी कागज़ के अपने टुकड़ों को गिरा रहे थे। मुझे उन्हें अपनी आवाजों को धीमा रखने की याद दिलानी पड़ी, जिससे कि ज्यादा शांत गतिविधियों में लगी अन्य कक्षाओं में व्यवधान नहीं उत्पन्न हो।
दस मिनट के आखिर में, जब सब कोई खेल को दो बार खेल चुका था, मैंने इस बारे में उनके विचार जानने चाहे कि कागज़ को उठाना कितना आसान था? और किस कारण से वे नीचे गिरे थे? वे कैसे ज्यादा टुकड़ों या कम टुकड़ों को उठा पाए? उन्हें किस काम को भिन्न प्रकार से करना था?
मैंने बोर्ड पर उनके विचारों को लिख लिया और फिर आखिर में मैंने उनसे इस बारे में पूछा कि उनके विचार में क्यों? और क्या घटित हो रहा था? मैंने विचारों को लिख लेने और पाठ के आखिर में उन्हें मुझे देने के लिए प्रत्येक समूह को कागज़ का एक टुकड़ा दिया। दिन के आखिर में मैंने अधिक विस्तार से उनके उत्तरों पर नज़र डाली और इस बात की योजना बनायी कि उनकी समझ को विस्तृत करने के लिए किस प्रकार से मैं उन्हें इलेक्ट्रान, न्यूट्रान और प्रोट्रान के विचार से परिचित करा सकती हूं।
उनके प्रयासों को देखकर मैं खुश थी यद्यपि उनके कुछ विचार केवल आधे-अधूरे ढंग से व्यक्त किये गये थे, इसका अर्थ यह हुआ कि उनके द्वारा संपन्न की गयी गतिविधि से जुड़े कुछ स्पष्ट आरेखों का उपयोग करके अगले सत्र में मैं इसे आगे बढ़ा सकती थी। मैं इस तथ्य का पता लगाऊंगी कि समान आवेश वाली दो वस्तुएं एक दूसरे को दूर भगाती हैं, जबकि विपरीत आवेश वाली वस्तुएं एक दूसरे को आकर्षित करती हैं। यह प्रकृति में आवेश के दो भिन्न प्रकारों के अस्तित्व की विद्यार्थियों की समझदारी को विकसित करने में मदद करेगा।
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