चर्चा के दौरान शिक्षक के रूप में श्री भान की भूमिका थी विषय-बिंदु के परिचय का प्रबंधन करना (जिसमें किन्हीं भी परिचयात्मक प्रश्नों को प्रस्तुत करना शामिल था), समूहों का गठन करना और उनकी निगरानी करना, तथा विद्यार्थियों के विचारों को सारांश रूप देना।
यद्यपि प्रेक्षक की भूमिका, आपको आपके विद्यार्थियों की समझ और चिंतन प्रक्रिया की अंदरूनी जानकारी देने में मूल्यवान हो सकती है, परन्तु कभी-कभी हस्तक्षेप करना और विद्यार्थियों को प्रेरित करना भी सहायक हो सकता है। ध्यानपूर्वक अतिरिक्त प्रश्न पूछने से आपके विद्यार्थियों को बेहतर ढंग से अपने विचारों को स्पष्ट करने, अपनी बात को विस्तार देने और अपने तर्कों को समझाने के लिए मदद मिल सकती है। निम्नलिखित प्रकार के प्रेरक प्रश्न किसी विषय-बिंदु के बारे में अधिक व्यापक ढंग से और अधिक गहराई से सोचने में आपके विद्यार्थियों की मदद कर सकते हैं–
इस बारे में सोचें कि आप क्या चाहते हैं? कि कुपोषण के विषय-बिंदु के अंदर, उसके बारे में विद्यार्थियों को किस चीज के बारे में अधिक सीखना चाहिए? इसके बाद एक प्रश्न तैयार करें जिस पर वे छोटे-छोटे समूहों में चर्चा कर सकते हों।
इसके बाद, यह तय करें कि आप समूहों का गठन कैसे करेंगे? विचारों के मिश्रण को प्रोत्साहित करने के लिए दोस्तों के समूह हो सकते हैं या मिश्रित योग्यता वाले समूह हो सकते हैं। इससे विद्यार्थियों को एक-दूसरे का अधिक सहयोग करने और विभिन्न दृष्टिकोण एवं योग्यता के प्रति समझ और संवेदनशीलता विकसित करने में मदद मिलेगी।
क्या उन्हें किसी अतिरिक्त जानकारी की आवश्यकता है? यदि हाँ, तो आप उन्हें वह कैसे देंगे? चर्चा के दौरान और उसके बाद आप अपने विद्यार्थियों की मदद कैसे करेंगे? पाठ की योजना बनाने के बाद कक्षा का संचालन करें।
![]() विचार के लिए रुकें
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![]() वीडियो: चिंतन को बढ़ावा देने के लिए प्रश्न पूछने का उपयोग करना |
गतिविधि 2 के अंत में या अगले पाठ के आरंभ में अपनी कक्षा से यह पूछने में कुछ मिनट लगायें कि उनके विज्ञान के पाठों में चर्चा करने के अनुभव के बारे में उनके विचार क्या हैं ? हो सकता है कि कुछ विद्यार्थी सीधे आपसे बात करना नहीं चाहें , परन्तु वे समूह में बात कर सकते हैं। उसके बाद आपको समूहों के विचारों का लिखित फ़ीडबैक दे सकते हैं। उनके लिए एक - दो प्रश्न तैयार करें , जैसे –
फीड बैक देने के लिए कहने से पहले उन्हें बात करने के लिए समय दें।
गतिविधि 2 पर स्वयं चिंतन करने के साथ-साथ उनके फीडबैक का उपयोग करते हुए अपने चर्चा से पाठों की मज़बूत बातों को पहचानें तथा चर्चा को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए आपको जिन क्षेत्रों पर कार्य करने की ज़रूरत है उन क्षेत्रों की पहचान करें। जब आप अगली चर्चा गतिविधि करें, तो आप सुधार के अपने लक्ष्यों के बारे में खुद को याद दिला सकें।
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