अध्यापन के लिए पाठ्यपुस्तकों के साथ दूसरे शिक्षण संसाधनों का भी उपयोग किया जा सकता है। आपके इर्दगिर्द ऐसे संसाधन उपलब्ध हैं जिनका उपयोग आप कक्षा में कर सकते हैं जिनसे आपके विद्यार्थी और अधिक सीख सकते हैं। आप के आस–पास संसाधन से भरे पड़े हैं जिनका आप अपनी कक्षा में प्रयोग कर सकते हैं, तथा विद्यालय स्कूल शून्य या थोड़ी लागत से अपने स्वयं के शैक्षिक संसाधन से करा सकता है। इन सामग्रियों को आस–पास से प्राप्त करके, पाठ्यक्रम और विद्यार्थी–जीवन के मध्य एक संबंध बनाते हैं।
आपके आस–पास ऐसे लोग मिलेंगे जो अलग–अलग प्रकार के विषयों में पारंगत हैं। आपको कई प्रकार के प्राकृतिक संसाधन भी मिलेंगे। इससे आपको स्थानीय समुदाय के साथ संबंध जोड़ने, उसके महत्व को बताने, छात्रों को पर्यावरण की प्रचुरता और विविधता को देखने के लिए प्रोत्साहन देने और संभवतः सबसे जरूरी विद्यार्थियों के शिक्षण को एक समग्र दृष्टिकोण प्रदान करने में मदद मिलेगी – यानी, स्कूल के भीतर और बाहर सीखने में मदद मिलेगी।
लोग अपने घरों को यथासंभव आकर्षक बनाने के लिए कठिन मेहनत करते हैं। उस पर्यावरण के बारे में सोचना भी महत्वपूर्ण है जहाँ आप छात्रों को शिक्षित करते हैं। आपकी कक्षा और विद्यालय को पढ़ाई के लिए आकर्षक जगह के रूप में विकसित के लिए आप जो करते हैं उसका आपके विद्यार्थियों पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। अपनी कक्षा को रोचक और आकर्षक बनाने के लिए आप बहुत कुछ कर सकते हैं – उदाहरण के लिए, आप–
यदि आप गणित में पैसे या परिमाणों पर काम कर रहे हैं तो आप बाज़ार के व्यापारियों या दर्जियों को कक्षा में बुलाकर उन्हें यह समझाने को कह सकते हैं कि वे अपने काम में गणित का उपयोग कैसे करते हैं? वैकल्पिक रूप से यदि आप कला विषय के अंतर्गत परिपाटियों और आकारों जैसे विषय पर काम कर रहे हैं, तो आप मेहंदी डिजाइनरों को स्कूल में बुला सकते हैं ताकि वे भिन्न-भिन्न आकारों, डिजाइनों, परम्पराओं और तकनीकों को समझा सकें। जब हर व्यक्ति को यह स्पष्ट हो कि इस काम का संबन्ध शैक्षणिक लक्ष्य–प्राप्ति से है और समयोचित अपेक्षाएँ साझा की जा सके।
आपके पास ऐसे विशेषज्ञ उपलब्ध हो सकते हैं जैसे रसोइया या देखभालकर्ता जिनसे विद्यार्थियों के शिक्षण में सहायता मिल सकती है। वे उनके साथ साक्षात्कार कर सकते हैं; उदाहरण के लिए, पकाने में इस्तेमाल की जाने वाली मात्राओं का पता लगाने के लिए, स्कलू के मैदान या भवनों पर मौसम संबंधी स्थितियों का कैसे प्रभाव पड़ता है?
आपकी कक्षा के बाहर ऐसे अनेक संसाधन उपलब्ध हैं जिनका प्रयोग आप अपने पाठों में कर सकते हैं। आप पत्तों, मकड़ियों, पौधों, कीटों, पत्थरों या लकड़ी जैसी वस्तुओं को एकत्रित कर सकते हैं या अपनी कक्षा से एकत्रित करने को कह सकते हैं। इन संसाधनों को अंदर लाने से कक्षा में रूचिकर प्रदर्शन तैयार किए जा सकते हैं जिन्हें शिक्षण करते समय सम्बन्धित पाठों के लिए सन्दर्भित किया जा सकता है। इनसे चर्चा या प्रयोग आदि करने के लिए वस्तुएं प्राप्त हो सकती हैं जैसे वर्गीकरण से संबंधित गतिविधि सजीव या निर्जीव वस्तुएं। बस की समय सारणी या विज्ञापन जैसे संसाधन भी आसानी से उपलब्ध हो सकते हैं जो स्थानीय समुदाय के लिए प्रासंगिक हो सकते हैं– शब्दों को पहचानने, गुणों की तुलना करने या यात्रा के समय की गणना करने के कार्य निर्धारित करके शिक्षा के संसाधनों में बदला जा सकता है।
कक्षा में बाहर से वस्तुएं लाई जा सकती हैं- लेकिन बाहरी स्थान भी कक्षा का विस्तार हो सकते हैं। आम तौर पर सभी विद्यार्थियों के लिए चलने-फिरने और अधिक आसानी से देखने के लिए बाहर अधिक जगह होती है। जब आप सीखने के लिए अपनी कक्षा को बाहर ले जाते हैं तब विद्यार्थी निम्नलिखित गतिविधियो को कर सकते हैं–
बाहर, के शिक्षण में विद्यार्थी वास्तविकताओं तथा स्वयं के अनुभवों से सीखते हैं तथा इसे अन्य संदर्भों में अधिक लागू किया जा सकता है।
यदि आपके इस काम में विद्यालय–परिसर को छोड़ना पड़े तो जाने से पहले आपको स्कूल के मुख्याध्यापक की अनुमति लेनी चाहिए, समय सारणी बना लेनी चाहिए सुरक्षा की जाँच कर लेनी चाहिए और विद्यार्थियों को नियम स्पष्ट करने चाहिए। इससे पहले कि आप बाहर जाएं आपको और आपके विद्यार्थियों को यह बात स्पष्ट रूप से पता होनी चाहिए कि किस संबंध में जानकारी प्राप्त करने का लक्ष्य है।
चाहें तो आप मौजूदा संसाधनों को अपने विद्यार्थियों के लिए कहीं अधिक उपयुक्त बनाने हेतु उन्हें अनुकूलित कर सकते हैं। ये परिवर्तन छोटे से हो सकते हैं किंतु बड़ा अंतर ला सकते हैं विशेष तौर पर यदि आप शिक्षण को कक्षा के सभी विद्यार्थियों के लिए प्रासंगिक बनाने का प्रयास कर रहे हैं। उदाहरण के लिए आप स्थान और लोगों के नाम बदल सकते हैं यदि वे दूसरे राज्य से संबंधित है गाने में व्यक्ति के लिंग को बदल सकते हैं, कहानी में शारीरिक रूप से अक्षम बच्चे को शामिल कर सकते हैं। इस तरह से आप संसाधनों को अधिक समावेशी तथा अपनी कक्षा और शिक्षण-प्रक्रिया के लिए उपयुक्त बना सकते हैं।
साधन संपन्न होने के लिए अपने सहकर्मियों के साथ काम करें। संसाधनों को विकसित और उन्हे अनुकूलित करने के लिए आपके बीच ही कई कुशल व्यक्ति मिल जाएंगे। एक सहकर्मी के पास संगीत, जबकि दूसरे के पास कठपुतलियाँ बनाने या विज्ञान के क्रियाकलापों को नियोजित करने का कौशल हो सकता हैं। आप अपनी कक्षा में उपयोग किये जा सकने वाले संसाधनों का अपने सहकर्मियों के साथ साझा कर अपने विद्यालय के सभी क्षेत्रों में एक व्यापक शिक्षण पर्यावरण बनाने में आप सभी की सहायता कर सकते हैं।
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