समूहकार्य एक व्यवस्थित, सक्रिय, अध्यापन कार्यनीति है जो विद्यार्थियों के छोटे समूहों को एक लक्ष्य की प्राप्ति के लिए मिलकर काम करने के लिए प्रोत्साहित करती है। ये छोटे समूह संरचित गतिविधियों के माध्यम से अधिक सक्रिय और अधिक प्रभावी शिक्षण को प्रोत्साहित करते हैं।
समूहकार्य विद्यार्थियों को सोचने, संवाद कायम करने, विचारों के आदान-प्रदान करने तथा निर्णय लेने के लिए प्रोत्साहित करके सीखने के लिये उन्हें प्रेरित करने का बहुत ही प्रभावी तरीका हो सकता है। आपके विद्यार्थी दूसरों को सिखा सकते हैं तथा उनसे सीख भी सकते हैं। यह शिक्षण का शक्तिशाली और सक्रिय स्वरूप है।
समूहकार्य में विद्यार्थियों का समूहों में बैठना काफी नहीं होता है। इसमें स्पष्ट उद्देश्य के साथ सीखने के लिये साझा कार्य करना तथा उसमें योगदान करना शामिल होता है। आपको इस बात को लेकर स्पष्ट होना होगा कि आप पढ़ाई के लिए सामूहिक कार्य का उपयोग क्यों कर रहे हैं? और यह जानना होगा कि भाषण देने, जोड़ियों में कार्य या विद्यार्थियों के स्वयं से कार्य करने से कैसे बेहतर है। इस तरह समूहकार्य को सुनियोजित और उद्देश्यपूर्ण होना चाहिए।
आप समूहकार्य का उपयोग कब और कैसे करेंगे यह इस बात पर निर्भर करेगा कि पाठ से आप क्या–क्या सीखना चाहते हैं? आप समूहकार्य को पाठ के आरंभ, अंत या बीच में शामिल कर सकते हैं। लेकिन आपको पर्याप्त समय की आवश्यकता होगी। आप, जो कार्य अपने विद्यार्थियों से पूरा करवाना चाहते हैं तो समूहों को नियोजित करने के सर्वोत्तम ढंग के बारे में सोचना होगा।
एक अध्यापक के रूप में समूहकार्य की सफलता सुनिश्चित कर सकते हैं यदि आप निम्नलिखित की योजना अग्रिम रूप से बना लेते हैं–
विद्यार्थीयों को जो सीखना है, उसी के अनुसार हम उन्हें काम आवंटित करते हैं। समूहकार्य में भाग लेकर वे एक-दूसरे को सुनने, विचारों को समझाने और आपसी सहयोग से काम करना सीखेंगे। फिर भी उनका मुख्य लक्ष्य जो विषय पढ़ा रहे हैं, वह सीखना होता है। इन कार्यों के लिए कुछ उदाहरणों हो सकते हैं–
चार से आठ के समूह आदर्श होते हैं किंतु यह आपकी कक्षा भौतिक पर्यावरण, फर्नीचर तथा कक्षा की दक्षता और आयु के दायरे पर निर्भर करेगा। आदर्श रूप से समूह में हर एक के लिए एक दूसरे से मिलना, बिना चिल्लाए बात करना और समूह के परिणाम में योगदान करना आवश्यक होगा।
आप अच्छे समूहकार्य के प्रबंधन के लिए दिनचर्याएं और नियम तय कर सकते हैं। जब आप नियमित रूप से समूहकार्य का उपयोग करते हैं, तो विद्यार्थियों को पता चल जाएगा कि आप क्या अपेक्षा करते हैं? और वे इसे रुचिपूर्ण ढंग से कर पाएंगे। टीम और समूह में काम करने के लाभ की पहचान करने के लिए आरंभ में कक्षा के साथ काम करना एक अच्छा विचार है। आपको चर्चा करनी चाहिए कि समूहकार्य में अच्छा व्यवहार क्या होता है? तथा संभव हो तो ‘नियमों’ की एक सूची बनाएं जिसे प्रदर्शित किया जा सकता है। उदाहरण के लिए – एक दूसरे के लिए सम्मान, सुनना, एक दूसरे की सहायता करना, एक से अधिक विचार को आजमाना, आदि।
समूहकार्य के बारे में स्पष्ट रूप से बता देना महत्वपूर्ण है जिसे ब्लैक–बोर्ड पर लिखा भी जा सकता है। आपको–
पाठ के दौरान, यह देखने और जाँच के लिए घूमें कि समूह किस तरह से काम कर रहे हैं। यदि कार्य ठीक से नहीं कर पा रहें हैं या अटक रहे हैं तो जहाँ जरूरत हो वहाँ सलाह प्रदान करें।
आप कार्य के दौरान समूहों में बदलाव चाहते हैं, तब दो तकनीकें आजमाई जा सकती हैं – वे बड़ी कक्षा के प्रबंधन में खास तौर पर उपयोगी होती हैं।
कार्य के अंत में, जो कुछ सीखा गया है उसका सार बनाएं और आपको नज़र आई किसी भी गलतफहमी को सुधारें। आप चाहें तो सारे समूहों का फीडबैक सुन सकते हैं, या केवल एक या दो समूहों से पूछ सकते हैं जिनके पास आपको लगता है कि कुछ अच्छे विचार हैं। विद्यार्थियों की रिपोर्ट करने की प्रक्रिया को संक्षिप्त रखें और उन्हें अन्य समूहों के काम पर फीडबैक देने को प्रोत्साहित करें जिसमें वे पहचान सकते हैं कि क्या अच्छा किया गया था? क्या बात दिलचस्प थी और किस चीज़ को और विकसित किया जा सकता था?
यदि, आप कक्षा में समूहकार्य करना चाहते हैं। आपको प्रभावी रूप से समूहकार्य का नियोजन कठिन लग सकता है क्योंकि कुछ विद्यार्थी–
शैक्षिक लक्ष्य कहाँ तक प्राप्त हुए और विद्यार्थियों की कैसी प्रतिक्रिया रही? क्या वे सभी लाभान्वित हुए? इस पर विचार करने के अलावा, समूहकार्य के प्रबंधन में प्रभावी बनने के लिए उपरोक्त सभी बिंदुओं पर विचार करना महत्वपूर्ण होता है। सामूहिक कार्य, संसाधनों, समयों या समूहों की रचना में आप द्वारा किए जा सकने वाले समायोजनों पर सावधानी से विचार करें और उनकी योजना बनाएं।
शोध से पता चला है कि विद्यार्थियों की उपलब्धि बढ़ाने के लिए हर समय समू ह में का र्य करना आवश्यक नहीं है। हर पाठ में समूह कार्य का उपयोग करना ज़रूरी नहीं है। आप चाहें तो समूहकार्य का उपयोग एक पूरक तकनीक के रूप में कर सकते हैं। उदाहरण के लिए विषय परिवर्तन के बीच या कक्षा में चर्चा को तुरन्त शुरु करने के साधन के रूप में कर सकते हैं। इसका उपयोग विवाद का सुलझाने या अनुभव के आधार पर किए जाने वाली शिक्षण गतिविधि, समस्या हल करने के अभ्यास करने या विषय–समीक्षा के लिये भी किया जा सकता है।
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