अपने विद्यार्थियों को विज्ञान के बारे में बातचीत करने के लिए प्रोत्साहित करने का एक अच्छा तरीका है कि उनसे ’क्या’ की बजाए ’क्यों’ या ’कैसे’ से आरंभ होने वाले प्रश्नों का प्रयोग करते हुए, समस्याओं के अपने उत्तरों का स्पष्टीकरण देने के लिए कहा जाए। उदाहरण के लिए, ‘यह किस प्रकार की रासायनिक अभिक्रिया है?’ जैसा सीमित प्रश्न पूछने की बजाए आप उनसे पूछ सकते हैं। ‘इस अभिक्रिया को दोहरी विघटन प्रतिक्रिया के रूप में क्यों वर्गीकृत किया जाता है?’ जो उत्तर वे देंगे वो लंबा होगा और आपको यह बताएगा कि उनमें अभिक्रियाओं को वर्गीकृत करने का कौशल और ज्ञान विकसित हुआ है या नहीं।
जोड़ियों में समस्याओं के हल पर काम करना विद्यार्थियों के लिए उनके सोचने के कौशल में सुधार करने का अच्छा तरीका है। समस्या के बारे में बात करके वे अपने तार्किक कौशल का विकास करेंगे और उनका विश्वास बढ़ेगा। अध्यापकों के लिए इस बात पर ध्यान केंद्रित करना आसान है कि किसी विद्यार्थी ने उत्तर सही दिया है या गलत, लेकिन उनकी विचारशीलता और तार्किक क्षमता पर ध्यान देना महत्वपूर्ण है। यदि विद्यार्थी समझते हैं कि कोई विशेष हल सही क्यों है? तो उनके नई स्थितियों में अपनी तार्किक क्षमता का प्रयोग करने की कहीं अधिक संभावना है। यह बड़ी कक्षा में कठिन है, लेकिन जोड़ी कार्य का उपयोग करके आप अपने विद्यार्थियों को उनकी तार्किक क्षमता और विषय में गहरी समझ विकसित कर सकते हैं।
केस स्टडी 2 पढें, जिसमें श्री रमेश ने इस तकनीक का उपयोग किया है। ध्यान दें कि वह इस प्रकार के कार्यों पर देने के लिये विद्यार्थियों को समुचित समय देते हैं।
श्री रमेश दसवीं कक्षा को रासायनिक अभिक्रियाएं पढ़ा रहे थे।
इस सत्र में मैं अपने विद्यार्थियों को विज्ञान के बारे में बात–चीत करने के लिये प्रेरित कर रहा हूँ। इसकी आदत पड़ने में उन्हें कुछ समय लग रहा है, क्योंकि मैं बेहद कड़क होने के लिए प्रसिद्ध हूँ और इससे पहले मैंने अपनी कक्षा में बोलने की अनुमति नहीं दी है। मैंने अपने विद्यार्थियों से स्वयं काम करने की अपेक्षा की थी। हालांकि, मेरी कक्षा में 70 विद्यार्थी हैं और मुझे एहसास होना आरंभ हो गया है कि यद्यपि मैं प्रत्येक की निजी स्तर पर मदद नहीं कर सकता हूँ विद्यार्थी एक–दूसरे से बहुत कुछ सीख सकते हैं। उनकी बातचीत को सुनकर, मुझे अंदाजा लग गया कि किसे काम कठिन लग रहा है और किसे समझ आता है।
गत सप्ताह मैंने उन्हें चर्चा करने के लिए एक समस्या दी थी। मैंने ब्लैकबोर्ड पर छहः शब्द समीकरणों को लिखा था। मैंने अपने विद्यार्थियों से प्रत्येक समीकरण को संतुलित रासायनिक समीकरण के रूप में लिखने और प्रत्येक अभिक्रिया की पहचान करने के लिए कहा। मैंने अपने विद्यार्थियों से जोड़ियों में काम करने के लिए कहा। एक विद्यार्थी ने पहली तीन कीं और दूसरे विद्यार्थी ने आखिर की तीन कर दीं। फिर मैंने उनसे उत्तर मिलाने के लिए कहा। प्रत्येक विद्यार्थी को अपने उत्तर अपने साथी को स्पष्ट करने थे। उन्हें बताना था कि उन्होंने समीकरण का संतुलन कैसे किया? और उन्होंने अभिक्रिया को किसी विशेष प्रकार के रूप में वर्गीकृत क्यों किया?
जब वे काम कर रहे थे तो मैं कक्षा में घूम कर उनकी बात–चीत सुन रहा था। मैंने कक्षा में उत्तर को स्पष्ट करने के लिए छहः विद्यार्थियों को चुना जिन्होंने स्पष्ट व्याख्या दी थी।
मैं परिणामों से प्रसन्न था। हालांकि कक्षा में शोरगुल था, लेकिन प्रत्येक सक्रिय रूप से शामिल था। इससे पहले मैंने शायद उन्हें स्वयं हल करने के लिए दस या अधिक प्रश्न दिए होंगे और फिर उत्तर देखे होंगे। मैंने उन्हें यह समझने के लिए पर्याप्त समय नहीं दिया था कि कोई विशेष उत्तर गलत क्यों था? तर्क की बजाए ध्यान हमेशा उत्तर पर रहता था। मैंने देखा कि संजय और अमृत खासतौर पर जोश में थे। संजय को विश्वास था कि उसका एक उत्तर ठीक था, लेकिन अमृत यह बताने में समर्थ था कि संजय ने Ca(OH)2 का एक कोष्ठक छोड़ दिया था और वह कोष्ठक क्यों जरूरी था? मुझे नहीं लगता कि वह उस गलती को दोबारा करेगा।
ब्लैकबोर्ड पर ग्रेड X परीक्षा के निम्नलिखित प्रश्न लिखें।
प्रश्न 1(a) का उत्तर C एवं Si और प्रश्न 1(b) का उत्तर Na एवं Si है। प्रश्न 2 का उत्तर है कि सोडियम की त्रिज्या सर्वाधिक होती है और सोडियम सबसे ज्यादा क्रियाशील होता है।
अपने विद्यार्थियों को जोड़ियों में काम करने और उत्तरों के लिए व्याख्या तैयार करने के लिए कहें। एक विद्यार्थी पहले प्रश्न की व्याख्या करेगा और दूसरा विद्यार्थी दूसरे प्रश्न की व्याख्या करेगा, ताकि व्याख्या करने और सुनने में उन दोनों की बारी आ जाए। यदि वे तर्कशक्ति का प्रयोग नहीं करते हैं, तो उन्हें प्रश्न पूछने के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। यह आपको यह सुनिश्चित करेगा वे वास्तव में समस्या को समझते हैं।
शेष कक्षा को उत्तरों की व्याख्या करने के लिए दो विद्यार्थियों को चुनें। अंत में किसी को संयोजकता और आवर्त सारणी में स्थिति के बीच संबंध की व्याख्या करने के लिए कहें। एक बार उन्हें यह समझ आ जाए तो संयोजकताओं को समझना अधिक आसान हो जाएगा।
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यदि उन्हें अपने काम के बारे में बात करने की आदत नहीं है, तो आपके विद्यार्थियों को इस दृष्टिकोण का आदी होने में समय लगेगा। आपको शायद उन्हें यह बताना मददगार लगे कि आप ऐसा क्यों कर रहे हैं? यदि वे इस बात से खुश हैं कि आप उन्हें समझाना चाहते हैं कि उत्तर कहां से आते हैं, तो अपने सीखने के प्रति स्वयं अधिक जिम्मेदार बन सकेंगे तथा उनमें आपसे या अपने मित्रों से सहायता के लिए पूछने का आत्म विश्वास भी आएगा।
OpenLearn - जोड़ी में कार्य: परमाणु और अणु तथा रासायनिक अभिक्रियाएँ Except for third party materials and otherwise, this content is made available under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-ShareAlike 4.0 Licence, full copyright detail can be found in the acknowledgements section. Please see full copyright statement for details.