विद्यार्थियों के निष्पादन में सुधार हेतु निरंतर निगरानी और उन्हें जवाब देना शामिल है, जिससे विद्यार्थी जान सकें कि उनसे क्या उम्मीद की जा रही है। विद्यार्थियों द्वारा अपना काम पूरा करने के बाद प्रतिक्रिया प्राप्त हो। विद्यार्थी रचनात्मक प्रतिक्रिया के द्वारा अपने निष्पादन में सुधार कर सकते हैं।
प्रभावी शिक्षक अधिकांश समय अपने विद्यार्थियों का अवलोकन करते हैं। सामान्यतः अधिकांश शिक्षक विद्यार्थियों को सुनते हैं और कक्षा में उनके कार्य को देखकर अवलोकन करते हैं। विद्यार्थियों की प्रगति का अवलोकन करना महत्वपूर्ण है क्योंकि इससे विद्यार्थियों को निम्नवत् मदद मिलती हैः
एक शिक्षक के रूप में आपको यह अधोलिखित बातें तय करने में भी सहायता करती है–
विद्यार्थियों में सबसे ज्यादा सुधार तब होता है जब उनकी प्रगति के बारे में उन्हें स्पष्ट तथा तुरन्त प्रतिक्रिया दिया जाय। अवलोकन का उपयोग आपको नियमित प्रतिक्रिया देने, आपके विद्यार्थियों को यह बताने में मदद करता है कि वे किस प्रकार निष्पादन कर रहे हैं और उनके सीखने को उन्नत करने के लिए और क्या करने की ज़रूरत है?
आप जिन चुनौतियों का सामना करेंगे उनमें से एक है विद्यार्थियों को स्वयं अपने सीखने का लक्ष्य निर्धारित करने में मदद करना, जो स्वतः अवलोकन भी कहलाता है। विद्यार्थी, विशेषकर जो अभी आगे बढ़ने की कोशिश कर रहे हैं, अपने स्वयं के शिक्षण की जिम्मेदारी उठाने के अभ्यस्त नहीं होते हैं। लेकिन आप विद्यार्थियों के लिए स्वयं अपने लक्ष्य या ध्येय निर्धारित करने, अपने काम की योजना बनाने, समय–सीमा निर्धारित करने, और अपनी प्रगति पर ख़ुद अवलोकन रखने में किसी भी विद्यार्थी की मदद कर सकते हैं। स्वतः अवलोकन की प्रक्रिया को व्यवहार में लाना और उस कौशल में महारत हासिल करना है जो उनके लिए स्कूल और जीवन भर खूब काम आएगा।
शिक्षकों द्वारा अधिकांश समय विद्यार्थियों को स्वाभाविक रूप से सुना या ग़ौर किया जाता है; यह अवलोकन करने का एक सरल साधन है। उदाहरण के लिए, आप–
सुनिश्चित करें कि आपके द्वारा एकत्रित अवलोकन विद्यार्थियों के सीखने या प्रगति के सच्चे प्रमाण हैं। केवल उन्हीं बिन्दुओं का अभिलेखीकरण करें जिसे आप देख सकते हैं, सुन सकते हैं, उचित सिद्ध कर सकते हैं या जिस पर भरोसा कर सकते हैं।
जब विद्यार्थी कार्य कर रहे हों, उस समय कक्षा में चारों ओर चहलक़दमी करें जिससे संक्षिप्त अवलोकन टीप तैयार कर सकें। आप यह रिकार्ड करने के लिए कक्षा सूची का उपयोग कर सकते हैं कि किस विद्यार्थी को अधिक मदद की ज़रूरत है, विद्यार्थियों में उभरती ग़लतफ़हमियों को भी रिकार्ड कर सकते हैं। आप पूरी कक्षा को प्रतिक्रिया देने के लिए या समूहों को अथवा व्यक्ति विशेष को प्रेरित और प्रोत्साहित करने के लिए इन अवलोकनों और टीप का उपयोग कर सकते हैं।
फीडबैक वह जानकारी है जो एक विद्यार्थी को किसी कथित लक्ष्य या प्रत्याशित परिणाम के सम्बन्ध में उसके द्वारा किए गए कार्य के बारे में दी जाती है। प्रभावी फीडबैक से विद्यार्थियों को दिया जाता हैः
जब आप प्रत्येक विद्यार्थी को फीडबैक देते हैं, तो उससे उन्हें यह जानने में मदद मिलनी चाहिए कि–
यह याद रखना महत्वपूर्ण है कि प्रभावी फीडबैक विद्यार्थियों की मदद करती है। आप इस कारण से शिक्षण को बाधित नहीं करना चाहेंगे कि आपका फीडबैक अस्पष्ट या अनुचित था। प्रभावी फीडबैक–
फीडबैक चाहे मौखिक रूप से दिया जाए या विद्यार्थी को कार्य पुस्तिका में लिखकर दिया जाए तो वह अधिक प्रभावी होता है। निम्नलिखित दिशा–निर्देशों का पालन करते हुए दिया जाए।
प्रशंसा और सकारात्मक भाषा का उपयोग करते हुए
जब हमारी प्रशंसा की जाती है और हमें प्रोत्साहित किया जाता है, तो सामान्यतः पर हम उसके मुकाबले काफी बेहतर महसूस करते हैं, जब हमारी आलोचना की जाती है या गलती सुधारी जाती है। सु२ढ़ीकरण और सकारात्मक भाषा पूरी कक्षा और सभी उम्र के व्यक्तियों के लिए प्रेरणादायक होती है। याद रखें कि प्रशंसा विशिष्ट होनी चाहिए और विद्यार्थियों के बजाय उनके काम को लक्षित किया जाना चाहिए, अन्यथा वह विद्यार्थी की प्रगति में सहायक नहीं होगी। ‘शाबाश’ सुनिर्दिष्ट प्रतिक्रिया नहीं है, इसके बजाय निम्नलिखित में से कोई एक कहना बेहतर होगा–
संकेत देने के साथ–साथ सुधार का उपयोग करना
आप अपने विद्यार्थियों के साथ जो संवाद करते हैं उससे उन्हें सीखने में मदद मिलती है। यदि आप उनसे कहते हैं कि कोई उत्तर ग़लत है और वहीं संवाद को समाप्त कर देते हैं, तो आप उन्हें सोचने और स्वयं प्रयास करने में मदद करने का अवसर खो देते हैं। यदि आप विद्यार्थियों को कोई संकेत देते हैं या उनसे एक और सवाल पूछते हैं, तो आप उन्हें गहराई से सोचने में मदद करते हैं तथा उन्हें जवाब खोजने के लिए और स्वयं सीखने की जिम्मेदारी लेने के लिए प्रोत्साहित करते हैं। उदाहरण के लिए, आप निम्नवत् बातें कह कर बेहतर जवाब के लिए प्रोत्साहित कर सकते हैं या प्रश्न के लिए दूसरे दृष्टिकोण से सोचने/कहने में मदद कर सकते हैं:
हो सकता है कि दूसरे विद्यार्थियों को परस्पर मदद करने के लिए प्रोत्साहित करना उपयुक्त हो। आप निम्नवत् टिप्पणियों के साथ शेष कक्षा के सामने प्रश्न रखते हुए ऐसा कर सकते हैं:–
‘हाँ’ या ‘नहीं’ कहकर विद्यार्थियों की ग़लती सुधारना, वर्तनी या संख्या अभ्यास जैसे कामों के लिए उपयुक्त हो सकता है लेकिन यहाँ भी आप विद्यार्थियों को अपने उत्तर में उभरने वाले पैटर्न पर नज़र डालने में मदद कर सकते हैं। समान उत्तरों से संबंध जोड़ सकते हैं या कोई उत्तर ग़लत क्यों है, इस बारे में चर्चा शुरू कर सकते हैं।
जब विद्यार्थी जोड़े में कार्य कर रहे हों उस समय आप उनके कार्यों की जाँच स्वयं या साथी से करवाकर उनमें सुधार करना प्रभावी रहता है। इसके लिए उन्हें प्रोत्साहित कर सकते हैं। यह सबसे अच्छा होता है कि विद्यार्थी एक समय में एक ही पहलू पर ध्यान केन्द्रित करते हुए सुधार करें जिससे उनमें गलतफहमी न हो।
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