प्रश्न पूछना, यह पता लगाने का महत्वपूर्ण तरीका है कि आपके विद्यार्थी क्या जानते हैं? और क्या समझते हैं? लेकिन शिक्षक अन्य कारणों से भी प्रश्न पूछते हैं–
प्रश्न पूछने का उपयोग कक्षा प्रबंधन के साधन के रूप में भी किया जा सकता है। इनका उपयोग ऊब रहे विद्यार्थियों का ध्यान लगाने या विषय से भटके हुए विद्यार्थियों को फिर विषय से जोड़ने के लिए किया जा सकता है। इनका उपयोग विद्यार्थी के आत्मविश्वास और आत्मबल को बढ़ाने के लिए भी किया जा सकता है।
प्रमाण दर्शाते हैं कि फीडबैक देना और पूरी कक्षा के साथ संवाद करते हुए पढ़ाना शिक्षण की दो सबसे प्रभावकारी विधियां हैं। प्रश्न पूछना आपके लिए फीडबैक देने का और विद्यार्थियों के लिए भी एक दूसरे को फीडबैक देने का अवसर प्रदान करता है। महत्व की बात यह है कि पूरी कक्षा के शिक्षण को बातचीत पर आधारित बनाने के लिए प्रश्नों का उपयोग किया जा सकता है।
पूरी कक्षा के शिक्षण को संवादमूलक बनाने के लिए (पैटी, 2009) शिक्षकों को चाहिए कि वे–
यह सोचना कि, आप अपने प्रश्नों से क्या हासिल करने का प्रयत्न कर रहे हैं? अपने प्रश्नों के लिए योजना बनाना तथा अपने विद्यार्थियों के उत्तरों को ध्यानपूर्वक सुनना, प्रभावी प्रश्न पूछने की कुंजी है। संसाधन 1 में प्रभावी ढंग से प्रश्न पूछने के उपयोग के बारे में काफी–कुछ विवरण समाहित है।
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