यह इकाई अच्छे प्रश्न पूछने, विद्यार्थियों के उत्तरों पर प्रतिक्रिया देने तथा विद्यार्थियों को प्रश्न पूछने के लिए प्रोत्साहित करने के बारे में है।
शिक्षक अपना 35 से 50 प्रतिशत समय कक्षा में प्रश्न पूछने में बिताते हैं। प्रभावी प्रश्न पूछने से विद्यार्थी की सीखने की क्षमता बढ़ती है। अच्छे प्रश्न पूछकर अपने विद्यार्थियों का ध्यान मुख्य अवधारणाओं की ओर आकर्षित किया जा सकता है और उनकी समझ को बेहतर बनाने में मदद की जा सकती है। इससे आपको यह पता लगाने में भी मदद मिलेगी कि विषय के बारे में आपके विद्यार्थी क्या जानते और समझते हैं? जिससे यदि आवश्यक हो तो आप अपने तरीके में सुधार ला सकते हैं। यद्यपि, प्रभावी ढंग से प्रश्न पूछना शिक्षकों के लिए कठिन होता है। विचारात्मक प्रश्न अलग–अलग प्रकार के होते हैं, और कई प्रकार के प्रश्नों को अलग–अलग तरीकों से पूछे जा सकते हैं। यह सुनिश्चित करने के लिए कि आप उसी प्रकार के प्रश्न पूछें, जो विद्यार्थियों के सोचने और सीखने को बढ़ाने में सहायक हों। इसके लिए ध्यानपूर्वक नियोजन की आवश्यकता होती है। विद्यार्थियों के उत्तरों पर आप जिस तरह प्रतिक्रिया करेंगे, उससे यह भी तय होगा कि आपका प्रश्न पूछने का तरीका, सीखने को बढ़ावा देने के लिहाज से, कितना प्रभावकारी है। जैसा कि आप पाएंगे कि पूछने के लिए अच्छे प्रश्नों के बारे में सोचने से स्वयं आपको विषय को समझने में मदद मिलेगी और यह आपके विद्यार्थियों पर भी लागू होता है। इसलिए ऐसे वातावरण का निर्माण करना जिसमें विद्यार्थी स्वयं आगे बढ़कर प्रश्न पूछने का आत्मविश्वास महसूस करें जो आपको एक प्रभावकारी शिक्षक बनने में मदद करेगा।
इस विषय के विचारों को कक्षा IX के विषय ’हम सब क्यों बीमार पड़ते हैं?’ के माध्यम से उदाहरणों के साथ समझाया जाएगा, लेकिन ये उन सभी विषयों पर भी लागू होते हैं, जो आपको विज्ञान में पढ़ाने पड़ेंगे।
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