3 ऊर्जा और कार्य के बारे में अपने विद्यार्थियों को बेहतर समझ प्रदान करने में सहायता करना
जब विद्यार्थी को कोई ऐसी गलतफ़हमी है जो किसी विचार की व्याख्या करती प्रतीत होती है, तो वे इसे तभी छोड़ेंगे जब आप उन्हें दिखा सकें कि विचार की व्याख्या करने का अन्य तरीका बेहतर काम करता है। कभी–कभी विद्यार्थी आंशिक ‘नए, बेहतर’ मॉडल को स्वीकार कर लेंगे, लेकिन खुद ही दूसरा ‘हाइब्रिड’ मॉडल तैयार करेंगे या आप स्थिति के आधार पर मॉडलों को बदल सकते हैं।
समस्या का कोई एक समाधान नहीं होता, लेकिन शोध और सामान्य अनुभव सुझाता है कि निम्नलिखित रणनीतियाँ मददगार होती हैं:
- विद्यार्थियों को अपने विचार पर दूसरे विद्यार्थियों के साथ समर्थनकारी परिवेश में चर्चा करने के अवसर दें।
- विद्यार्थियों को अपना यह पूर्वानुमान लगाने के लिए अपना मॉडल उपयोग करने को कहें कि भिन्न स्थितियों में क्या होगा? और ऐसी स्थितियों की पहचान करें जिनमें उनका वर्तमान मॉडल काम नहीं करता, जब कि स्वीकार्य वैज्ञानिक मॉडल काम करता है। इन मॉडलों के बीच अंतर की चर्चा करें।
- विद्यार्थियों को चुनौती देने के अवसर प्रदान करें और उनके विचारों को परिष्कृत करें।
सावधानीपूर्वक संरचित व्यवहारिक अनुभव और निरूपण गलतफ़हमी को चुनौती देने के लिए प्रमाण प्रदान करने का प्रभावी तरीका हो सकते हैं। ज़रूरी नहीं कि वह बहुत से उपकरणों के साथ बड़ा और शानदार प्रयोग हो। कभी–कभी उच्च और निम्न दर्जे के निरूपण तथा व्यावहारिक अनुभव भी उसे प्रदान कर सकते हैं जिसकी आवश्यकता होती है। आप जो भी करें, याद रखने लायक़ महत्वपूर्ण बिंदु हैं–
- विचारों के विकास का समर्थन करने के लिए व्यवहारिक अनुभव मौजूद हो, इसलिए आपको यह स्पष्ट होना चाहिए कि आपको उनका ध्यान आकर्षित करने के लिए क्या करने की जरूरत होगी
- आप, ठीक उस तरह से व्यवहारिक अनुभव की जाँच कर लें जिस तरह आप इसे करना चाहते हैं, जिससे सुनिश्चित हो सके कि विद्यार्थी वह अनुभव लेने में समर्थ हों, जिसका आप उन्हें अनुभव कराना चाहते हैं।
गतिविधि 3: ऊर्जा के बारे में सीखना
यह गतिविधि व्यवहारिक गतिविधि का उपयोग करते हुए आपके विद्यार्थियों के ध्यान को निर्देशित करने के लिए विशेष सवाल–जवाब के साथ आपके द्वारा कक्षा में किए जाने वाले अभ्यास को तैयार करने में आपकी सहायता करेगी। यह गतिविधि सम्बन्धित पाठ्य पुस्तक की कार्य और ऊर्जा के पाठ पर आधारित है और गतिज ऊर्जा से संबंधित कई गतिवधियों में से एक है। प्रदर्शन विधि का उद्देश्य इस बात पर बल देना है कि ऊर्जा की ‘खपत’ नहीं होती है। बस यह एक रूप से दूसरे रूप में परिवर्तित हो जाती है। बढ़ती ऊँचाई से किसी गेंद को गीली रेत की ट्रे में गिराएँ। 25 सेमी की ऊँचाई से आरंभ करें और फिर इसी क्रम को 50 सेमी, 1 मी और 1.5 मी की ऊँचाई से दोहराएँ। आपके विद्यार्थियों का इस बात पर ध्यान दिया जाना चाहिए कि बढ़ती ऊँचाई से गेंद को फैंकने के कारण गहरे गड्ढे पडत़े हैं।
आप प्रश्नों के निम्न क्रम या ऐसे ही कुछ और प्रश्नों का उपयोग कर सकते हैं। प्रश्न का मुद्दा है ऊर्जा को ट्रैक करना। प्रश्न मोटे अक्षरों में हैं और जवाब सामान्य पाठ में दिए हैं।
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इसे बनाने के लिए किसने क्या किया। बनाने में किस समय अधिकांश ऊर्जा की जरूरत होती है? गहरा गड्ढा छिछला गड्ढा को बनाने में? क्यों? विद्यार्थी कहेंगे कि गहरा गड्ढा, और यह भी कह सकते हैं कि गहरे गड्ढे को तैयार करने में कम गहरे गड्ढा खोदने की तुलना में अधिक श्रम लगता है।
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इस मामले में ऊर्जा किसने प्रदान की? गेंद ने। गेंद की ऊर्जा रेत में परिवर्तित हो जाती है।
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क्या, गेंद रेत पर काम कर रही है, फिर क्या? बताओ। हाँ, क्योंकि इससे रेत हट रही है।
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गड्ढे की गहराई या आपको बढ़ती ऊँचाई से गिरती गेंद द्वारा आपूर्ति ऊर्जा के बारे में क्या पता चलता है? जब गेंद को अधिक ऊँचाई से गिराया जाता है तब गेंद रेत पर अधिक ऊर्जा स्थानान्तरित है।
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इसलिए, जब गेंद ज़मीन से टकराती है तो कौन सी गेंद में सर्वाधिक ऊर्जा थी? उस गेंद में जिससे गहरा गड्ढा बना था।
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गिराए जाने से पूर्व किस गेंद में सर्वाधिक ऊर्जा होती है? उस गेंद में जिसे सबसे अधिक ऊँचाई से गिराया गया।
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तो आप उस गेंद की ऊर्जा के बारे में क्या बता सकते हैं जो ज़मीन से टकरा चुकी है? ऊर्जा रेत में स्थानांतरित हो चुकी है। (संपर्क बनाने का यह प्रमुख बिंदु है। कुछ विद्यार्थी कह सकते हैं कि यह ‘चली’ गई है। यदि वे ऐसा कहते हैं तो उनसे पूछें कि यह कहाँ चली गई है?)
अब आपको अपने विद्यार्थियों से एक–एक अंश के बजाय संपूर्ण अनुक्रम का विवरण देने के लिए कहते हुए यह सब एक साथ करना होगा–
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संक्षेप में दोहराते हुए, मुझे यह बताएँ कि जब गेंद को उठाया जाता है, या जब यह गिरती है, या जब यह ज़मीन से टकराती है तो इसकी ऊर्जा का क्या होता हैः आप इसकी ऊर्जा की मात्रा के बारे में मुझे क्या बता सकते हैं? गेंद को जितना अधिक ऊपर उठाया जाता है यह उतनी अधिक (स्थितिज) ऊर्जा प्राप्त करती है। जब यह गिरती है, गेंद की गति तेज हो जाती है, इसलिए हम कह सकते हैं कि यह जिस गति से गिरती है इसमें गतिक ऊर्जा उतनी अधिक होती है, लेकिन इसमें समग्र रूप से उतनी ऊर्जा नहीं होती है (क्योंकि इसमें स्थितिज ऊर्जा कम होती है)। जब गेंद रेत पर गिरती है तो इसकी वह सारी ऊर्जा समाप्त हो जाती है जो इसे आपने उठाकर प्रदान की थी। रेत से टकराने से पूर्व इसमें जो गतिक ऊर्जा थी वह भी सारी समाप्त हो जाएगी क्योंकि हम देख सकते हैं कि यह रुक गई है।
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वह सारी ऊर्जा कहाँ चली गई? यह रेत को हटाने में स्थानांतरित हो गई। या, इसे दूसरी तरह से कहें तो– यह रेत पर कार्य करने में खर्च हो गई।
अगर आपके पास बहुत बड़ी कक्षा है तो आप छोटे समूहों के समक्ष निरूपण कर सकते हैं, जब कि शेष पाठयपुस्तक से कुछ काम कर सकते हैं। प्रश्नों को पहले से ही सावधानीपूर्वक तैयार करने से आप निरूपण का अच्छा उपयोग करने में समर्थ होंगे। विद्यार्थी आपकी अपेक्षानुसार जवाब नहीं देंगे, लेकिन अगर आपको निरूपण का उद्देश्य स्पष्ट है तो आपके लिए उनकी प्रतिक्रिया का जवाब देना आसान होगा।
सावधानीपूर्वक प्रश्न करना यह पता लगाने का बेहद अच्छा तरीका है कि आपके विद्यार्थी क्या सोच रहे हैं? अपनी कक्षा में सवाल–जवाब का उपयोग करने के बारे में और अधिक जानकारी पाने के लिए संसाधन 4 पढ़ें
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