चित्र 1 विविधता हर विद्यालय में होती है।
उत्तरोत्तर सरकारों ने विविधता का महत्व समझने वाले समावेशी समाज के निर्माण में शिक्षा की अहम भूमिका को पहचाना है। एक विद्यालय प्रमुख होने के नाते आपको उस विविधता जो आपके विद्यालायी समुदाय में उपस्थि है, उसे पहचानना होगा और इस विविधता का एक शैक्षिक संसाधन और सीखने के अवसर के रूप में, उसका सर्वोतम उपयोग सीखना होगा। आपको यह पहचानना होगा कि विविधता से संबंधित मुद्दे कहाँ पर शिक्षण-प्रक्रिया में बाधक बन सकते हैं और आपके सभी छात्रों के लिए शैक्षिक परिणामों को सुधारने के लिए रणनीतियाँ बनानी होंगी।
एनसीएफ (2005, पृ. 9) से लिया गया उद्धरण समावेशी गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और निष्पक्षता से उसके संबंध की आवश्यकता के लिए औचित्य का दृष्टांत देता है। शिक्षण प्रणाली उस समाज से अलग होकर काम नहीं करती है जिसका वह हिस्सा है। भारतीय समाज में मौजूद जाति के अनुक्रम, आर्थिक स्थिति और लैंगिक संबंध, सांस्कृतिक विविधता तथा असमान आर्थिक विकास शिक्षा की सुलभता और विद्यालय में बच्चों की भागीदारी पर भी गहरा प्रभाव डालते हैं। यह अलग अलग सामाजिक और आर्थिक समूहों के बीच तीव्र असमानताओं में प्रतिबिंबित होता है, और विद्यालय में दाखिले और पूरा करने की दर में दिखता है। इस प्रकार, ग्रामीण और शहरी गरीबों के अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति समुदायों की लड़कियाँ तथा धार्मिक और अन्य अल्पसंख्यकों के असुविधाग्रस्त भाग शैक्षणिक रूप से सबसे अधिक खतरे में होते हैं। शहरी स्थलों और कई गाँवों में, विद्यालय प्रणाली कई स्तरों में विभाजित है। और छात्रों को असाधारण रूप से अलग अलग अनुभव प्रदान करती है। लैंगिक संबन्धों में असमानता, शासन करने की प्रवृति को बढ़ावा देने के साथ, चिन्ताजनक भी होने है। और लड़कों और लड़कियों दोनों की मानवीय क्षमताओं को पूरी तरह से विकसित नही होने देते है। लिंग की मौजूदा असमानताओं से व्यक्ति को आजाद करना सभी के हित में है।
प्रत्येक विद्यालय प्रमुख यह सुनिश्चित करने में अहम भूमिका निभाता है कि शिक्षा का प्रावधान प्रयोजन के लिए उपयुक्त हो और समुदाय की जरूरतें पूरी करता है। एनसीएफ और RtE, जो विद्यालय का वर्णन शैक्षिक समुदाय के रूप में करते हैं, के अनुसार विद्यालय प्रमुख का इसका अधिक वर्णन एनसीएसएल (ncsl) नेशनल प्रोग्राम डिजाइन एंड फ्रेमवर्क 2014 में किया गया है, जो विद्यालय प्रमुख को चार विशेष संकेंद्रन वाले क्षेत्रों, नामतः आदिवासी, छोटे मल्टी-ग्रेड विद्यालयों, गड़बड़ी वाले और कठिन भौगोलिक अवस्थाओं के विद्यालयों का अन्वेषण और समझने का अवसर देता है।
अपनी सीखने की डायरी में पिछले सप्ताह में आपके विद्यालयी परिवेश में विविधता या भिन्नता से हुए सामनों के बारे में पाँच वाक्य लिखें। उदाहरण के लिए, आपने अलग–अलग बोलियाँ सुनी हो, की सहायता की हो।
छात्रों को छात्राओं के ऊपर वरीयता पाते देखा हो, छात्रों की अलग–अलग धार्मिक प्रथाएं देखी हो, या व्हीलचेयर में बैठे किसी छात्र
मदद के लिए, आप परिचय में उल्लिखित विविधता के प्रकारों का सन्दर्भ ले सकते हैं: वंश, वर्ण, लिंग, भाषा, धर्म, जाति, संप्रदाय, समुदाय, सामाजिक समूह, आर्थिक स्थिति, साक्षरता स्तर, योग्यता के स्तर, स्वास्थ्य के स्तर, व्यवसाय, भौगोलिक क्षेत्र, जलवायु और राजनीतिक झुकाव।
अंतरों को वास्तव में देखने के लिए आपको सतर्क रहना होगा। इस चरण पर आपका यह सोचना आवश्यक नहीं है कि अंतर एक समस्या है या नहीं। आपको केवल यह देखना है कि व्यवहार ,रूप–रंग,योग्यता,अवसर या जुड़ाव के आधार पर क्या कोई अंतर है।
चर्चा
यह एक बहुत ही वैयक्तिक अनुक्रिया होगी। आप अन्य की अपेक्षा कुछ विशेष अंतरों के प्रति जागरूक होंगें । किसी सहकर्मी से भी यही काम करने को कहा जा सकता है और फिर दोनों के नोट्स की तुलना दिलचस्प हो सकती है, क्योंकि संभावना है कि आप दोनो में अंतर पाएगें। विविधता के कई आयाम हैं और हर विद्यालय समुदाय अलग अलग पहलुओं से प्रभावित होता है। विद्यालय प्रमुख को निम्नलिखित करने की जरूरत है:
चिंतन करें कि आपके छात्रों की सामाजिक विविधता कैसे विद्यालय में उनके दाखिले, सीखने और उपलब्धि को प्रभावित कर है। आपको किस प्रकार के रुझान और नमूने दिखाई दे रहे हैं? अपने सन्दर्भ में आपको किन विविधता संबंधी मुद्दों पर ध्यान देने की जरूरत है?
नीचे दिए गए प्रश्न आपके छात्रों के और उससे उनके सीखने और आकांक्षाओं पर पड़ने वाले प्रभाव से संबंधित हैं। अपने उत्तरों को अपनी सीखने की डायरी में नोट करें। आप चाहें तो कुछ अलग प्रश्न जोड़ या छोड़ सकते हैं ताकि वे आपके सन्दर्भ से विशिष्ट रूप से संबंधित रहें। आप अपने आप से कुछ ऐसे प्रश्न पूछ सकते हैं:
क्या आपके छात्रों में से कोई उच्चतर शिक्षा का विकल्प चुनते हैं? कितने छात्रों को उनकी पसंद के कॉलेज में जगह मिलती है? वे सफल छात्र कौन हैं?
छात्रों की कम हाजिरी विद्यालय में उनकी कम आकांक्षाओं से किस हद तक जुड़ी है? क्या एक बात दूसरी की कारक है या ऐसे खराब हाजिरी वाले छात्र हैं जिन्हें पढ़ने में बहुत दिलचस्पी है?
छात्रों के भाषाई कौशलों का उनके सीखने और अधिक दीर्घावधि की आकांक्षाओं पर क्या प्रभाव पड़ सकता है?
चर्चा
क्या आपको अपने किसी प्रश्न से अचरज हुआ? क्या आपको महसूस हुआ कि शायद आप आंतरिक भावनाओं या सामान्य अवलोकनों के आधार पर अनुक्रिया कर रहे थे? आपको संभवतः पता चला होगा कि किसी मुद्दे को पहचानने को पक्का करने के लिए आपको अधिक प्रमाण या पक्के डेटा की जरूरत है। कोई भी कदम उठाने के पहले, यह जाँचना बुद्धिमत्ता की बात होगी कि आपने मुद्दों को सटीक और विद्यालयी समुदाय में विद्यमान उनकी सीमा की पहचान कर ली है। विभिन्न मुद्दों पर शिक्षकों, छात्रों, स्थानीय समुदाय के सदस्यों, एसएमसी और अभिभावकों के रवैयों और मान्यताओं को समझना और उनका आकलन करना भी उतना ही महत्वपूर्ण है।
ऐसा करने के लिए आपकी प्रारंभिक प्रतिक्रियाओं को सुदृढ करने के लिए डेटा संग्रहण और परिवर्तन करने के लिए आपके समर्थन की जरूरत है। इस तरह का डेटा-संग्रहण आपके अधिगम पर होने वाले प्रभाव की निगरानी या मापन शुरू करने के लिए एक आधार भी देगा।
आपके विद्यालय में बच्चें कई विस्तृत के अनुभवों और संसाधनों के साथ दाखिला लेते हैं। इन सबका उनके शिक्षण–अधिगम पर स्पष्टतः प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से गहरा प्रभाव पड़ेगा, आरै शुरूआत रूप में आपको अपने विद्यालय के भीतर वास्तविक विविधता का मानचित्रण करने की जरूरत है।
चित्र 2 विविधता का मानचित्रण करना।
नीचे दी गई तालिका 1 जैसी तालिका में अपने पास उपलब्ध डेटा का उपयोग करके यथासंभव जानकारी भरें। बायीं ओर के कॉलम में, आपको उन कारकों की एक सूची मिलेगी जो आपके छात्रों के सीखने में को प्रभावित करते हैं। आपको अपने छात्रों के धर्मों और भाषाओं की सीमा के लिए श्रेणियों को फिर से विभाजित करने की जरूरत पड़ सकती है।
सोचें कि इनमें से प्रत्येक कारक आपके विद्यालय समुदाय को कैसे प्रभावित करते हैं और कॉलमों को भरें। हो सकता है आपके पास सभी श्रेणियों के डेटा उपलब्ध न हो। आपको डेटा में जहाँ कहीं कोई कमियाँ नज़र आएं उन्हें अपनी डायरी में नोट करें और फिर मथा संभव हो एक अनुमान करने का प्रयास करें। वास्तविक संख्याएं अक्सर अनुमानों से बहुत भिन्न होती हैं, इसलिए जहाँ आप अंदाजा लगा रहे हैं, वहाँ सुनिश्चित करें कि आप बिना आगे की जाँच-पड़ताल के निष्कर्ष न निकालने की सावधानी बरतें।
कारक | डेटा | सीखने के परिणामों पर संदिग्ध या प्रमाणित प्रभाव |
---|---|---|
पुरूष:स्त्री अनुपात | ||
निम्न सामाजिक-आर्थिक स्तर | ||
उच्च सामाजिक-आर्थिक स्तर | ||
घर पर बोली जाने वाली भाषा | ||
प्रचलित भाषा में पढ़ाए जाने वालों की संख्या | ||
सीखने की अक्षमता | ||
शारीरिक अक्षमता | ||
विद्यालय तक पहुँचने में तय की गई दूरी | ||
धार्मिक संबद्धता | ||
स्वास्थ्य संबंधी मुद्दे | ||
अन्य |
अपनी सीखने की डायरी में लिखें कि किस डेटा ने आपको आश्चर्यचकित या चिंतित किया,और आपके मन में क्या प्रश्न उठे।
चर्चा
इस गतिविधि को यह स्पष्ट करनी चाहिए कि अपने विद्यालय के सन्दर्भ में आप कितने जागरूक हैं और इसने आपको शेष बातों का पता लगाने के लिए उत्सुक बनाया होगा। आपने देखा होगा कि ऐसी असमानताएं मौजूद हैं जो आपने पहले नहीं पहचानी थीं, या कि आपने अनुमान लगाए थे। आपको यह भी पता लगा होगा कि आपके विद्यालयी समुदाय में ऐसे कई और कारक हैं जिन्हें आपके विचार से देखा जाना और जिन पर डेटा एकत्र करने की जरूरत है।
आपने संभवतः यह भी समझा होगा कि ऐसी कई बातें हैं जिन्हें आप निश्चित रूप से नहीं जानते हैं, लेकिन इस डेटा को प्राप्त करने के तरीके के बारे में चिंतित महसूस कर सकते हैं। यह स्वाभाविक है, खास तौर पर यदि आपको यह सब बहुत नया लग रहा है और आप इस जानकारी का उपयोग करने की अपनी क्षमता के बारे में अनिश्चित हैं। जब–जब आप आगे बढ़ेंगे आप अपने आत्मविश्वास को बढ़ते देखेंगे। अपने इरादे पर ध्यान केंद्रित रखें: अपने प्रत्येक छात्र के जीवन के अवसरों में अंतर लाना।
यहाँ आपके पढ़ने और चिंतन-मनन करने के लिए एक केस स्टडी प्रस्तुत है, जिसमें इस बात पर विशेष ध्यान दिया गया है कि कैसे इस विद्यालय प्रमुख ने अपने विद्यालय के सन्दर्भ के बारे में एकत्र की गई जानकारी का उपयोग करके अपने विद्यालय की छात्राओं की उपलब्धि में अंतर पैदा किया। यह वृत्तांत शिल्पकारों के समुदाय में स्थित एक विद्यालय के अत्यंत सम्माननीय नेता के बारे में है जिन्होंने छात्रों के बारे में अपने ज्ञान का उपयोग करके उनकी सीखने की प्रक्रिया में सुधार किया।
इस केस स्टडी की पठन - सामग्री शिक्षा अधिकारी द्वारा अपने सहकर्मी को लिखे गए एक पत्र से ली गई है।
श्रीमती कुमार अपने विद्यालय के हर छात्र को जानती हैं और उन्हें पता है कि किसे उनकी सहायता की जरूरत है और उन्हें उनकी पूरी क्षमता तक सीखने में सक्षम कैसे करना चाहिए। अपने छात्रों की उपलब्धियों को देख लेने के बाद, श्रीमती कुमार हैं कि उनके विद्यालय में निम्न सामाजिक-आर्थिक पृष्ठभूमि वाले छात्रों के शैक्षणिक नतीजे, सबसे निम्न हैं। इसलिए उनकी आकांक्षाओं और उपलब्धियों को बढ़ाने हेतु उनकी जरूरतों को प्राथमिकता देने के लिए वे हर प्रयास करती हैं।
उन्होंने अपनी एसएमसी को जन्मदिन–समारोहों के समारोहों पर पैसा खर्च करने की बजाय अपने आर्थिक रूप से पिछड़े छात्रों की शिक्षा में सहायता करने के लिए राजी कर लिया है। उन्होंने अपने स्टाफ को ऐसे छात्रों को हर, सर्दी के मौसम में, पाचँ स्वेटर देने के लिए तैयार किया है जिनके परिवार अपनी बेटियों के लिए यह खर्च वहन नहीं कर सकते हैं। उन्होंने शिक्षकों के परिवारों को उनके पारिवारिक कार्यक्रमों में अपने छात्रों को आमंत्रित करने को राजी किया है, जहाँ वे उपस्थित लोगों के हाथों पर मेहंदी लगाते हैं, क्योंकि वे स्वाभाविक रूप से प्रतिभावान हैं और इससे उन्हें आवश्यक पॉकेट मनी मिलती है।
उनके शिक्षकों ने हाल ही में स्थानीय शिक्षा अधिकारियों को उनके विद्यालय की छत पर एक सैटेलाइट डिश लगाने को राजी किया क्योंकि उनके छात्रों के परिवार उन्हें शहर के सैटेलाइट ट्रांसमिशन केंद्र तक जाने की आज्ञा नहीं देते हैं। वे नहीं चाहती कि सांस्कृतिक नियम विद्यालय में उनके विद्यार्थियों को मिलने वाली डियो- विजुअल शिक्षा को प्रभावित करें।
आज, उनके पढ़ाए हुए छात्र शहर के कॉलेजों में हैं, जिनमें से कुछ सहशिक्षा मे है। वे सुनिश्चित करती हैं कि उनके शिक्षकों को हर बच्चे को पढ़ाने में आवश्यक सहयोग मिले और वे अपने यहाँ की अनोखी प्रतिभाओं को जानें। गैरहाजिरी कम है, पढ़ाई छोड़ना नहीं के बराबर, सबसे लोकप्रिय कक्षाएं हैं विज्ञान प्रयोग प्रदर्शन कक्षा और वर्किंग साइंस प्रयोगशालाएं, तथा कक्षाओं में प्रौद्योगिकी का उपयोग, अधिकांश सरकारी विद्यालयों से अधिक है।
श्रीमती कुमार हर छात्र के परिवार को जानती हैं और जहाँ आवश्यक हो, मदद का हाथ बढ़ाती हैं, लेकिन निजी और पारिवारिक स्वास्थ्य और सफाई के मानकों को ऊँचा करने के अपने प्रयास में उनकी सहभागिता की मागँ करती हैं। स्वास्थ्य शिविरों की पहुँचे छात्रों की माताओं तक बनाई जाती है।
वे जो कविताएं विद्यालय के नोटिस बोर्ड पर लिखती हैं वे मौलिक और जोशीली होती हैं और शिक्षकों को परिवर्तन का कारक बनने के लिए, प्रेरित करती हैं। अपने विद्यालय परिवार’ से प्राप्त हर प्रशंसा की वे हर तरह से पात्र हैं।
श्रीमती कुमार एक बहुत ही जोशीली और प्रतिबद्ध विद्यालय प्रमुख लगती हैं जो अपने विद्यालय सन्दर्भ को अच्छी तरह से जानती हैं। निम्न प्रश्नों के जवाब में अपनी सीखने की डायरी में नोट्स बनाएं:
आपके विचार से किस डेटा ने उनका अपने छात्रों के नतीजों को सुधारने में मद्द की?
चर्चा
श्रीमती कुमार को अपने सभी छात्रों में सच्ची दिलचस्पी है और उन्होंने अपने छात्रों और उनके माता पिता है साथ वार्तालाप और सह से उनके पारिवारिक और सामुदायिक सन्दर्भों को समझने की कोशिश की है। उन्होंने संभवतः बहुत आरंभ से ही छात्रों की पृष्ठभूमिय के बारे में जानकारी एक्तर करने के लिए अपने स्टाफ को लगाया और वे अपने सभी छात्रों को सीखने के अवसर प्रदान करने और उनकी आकांक्षाओं को साकार करने के अपने लक्ष्य में अब भी उन्हें जोड़ती हैं। इस डेटा के परिणामस्वरूप वे सैटेलाइट डिश के लिए जनमत तैयार कर सकीं। उन्होंने एक टीम के रूप में विचार-विमर्श किया होगा कि कैसे सारा स्टाफ उनके साथ काम करके छात्रों के लिए बदलाव ला सकता है।
छात्रों की सीखने की प्रक्रिया के बारे विचार करते समय, प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष प्रभावों के बारे में सोचना उपयोगी होता है। केस स्टडी 1 में आपने प्रत्यक्ष प्रभाव देखे होंगे जिनमें, निम्न गैरहाजिरी दर कक्षाओं में प्रौद्योगिकी का उपयोग और विज्ञान के उत्कृष्ट उपकरणों का सुलभ होना शामिल अप्रत्यक्ष प्रभावों का छात्रों की सामान्य सेहत से संबद्ध होने की अधिक संभावना है ताकि उन्हें ऐसा पर्यावरण और समुदाय प्रदान कराया जा सके जहाँ वे सभी शिक्षा प्राप्त कर सकते हैं।
यह सांयोगिक नहीं है। छात्रों के सीखने पर सर्वाधिक प्रभाव डालने वाले परिवर्तनों को प्रेरित करने के लिए, ऐसे अवरोधों, जो आपके विद्यालय में छात्रों के लिए सबसे अधिक कठिनाई उत्पन्न करते हैं और उन अवसरों, जो मौजूद तो हैं लेकिन जिनका जरूरत से कम उपयोग होता है, की पहचान करना महत्वपूर्ण है। आप, एक विद्यालय नेता के रूप में, उन अवरोधों और अवसरों की पहचान कैसे करते हैं यह डेटा संग्रहण और विश्लेषण पर निर्भर है।
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