मॉडलों और मॉडलो जैसी मिलती–जुलती वस्तुओं (समानताएँ) के इस्तेमाल करने की कुछ सामान्य क्षमता और सीमाएं भी होती हैं, लेकिन प्रत्येक मॉडल और समानता की अपनी सामर्थ्य और सीमाएं भी हैं।
साधारण मॉडल कुछ ही परिस्थितियों में सही काम कर सकते हैं तथा कोई मॉडल जो एक संदर्भ में सही हो वह अन्य सन्दर्भ में गलत भी हो सकता है। कभी–कभी, किसी सन्दर्भ में आप दो या अधिक मॉडलों का उपयोग कर सकते हैं, प्रत्येक का तरीका अलग हो सकता है।
मॉडल या समानता का चुनाव महत्वपूर्ण है। यदि आपके विद्यार्थी किसी वस्तु या परिस्थिति से परिचित नहीं हों, तो उसे आप मॉडल या समानता का हिस्सा नहीं बनाएं, क्योंकि इससे विद्यार्थी भ्रम में पड़ सकते हैं।
अपने मॉडल से उत्पन्न होने वाले संभावित अतिरिक्त गलत फहमियों के बारे में भी जानकारी होना महत्वपूर्ण है। कभी–कभी, शिक्षक के तौर पर आप जिन बातों पर ध्यान नहीं देते उनसे विद्यार्थी विचलित हो सकते हैं, जब विद्यार्थी मॉडल के बारे में सोच कर रहे हों तब कुछ बातें अलग तरह से कर सकते हैं।
उदाहरण के लिये, आप एक ’रोलर कोस्टर’ मॉडल का उपयोग विद्युत परिपथ में विद्युत विभव की आवश्यकता को दर्शाने के लिये करें। यह इस विचार को दर्शाता है कि कार को स्वयं से चलाकर लुढ़काने के पहले उसे खीच कर किसी ऊँची जगह पर ले जाना पड़ता है। और यह विचार कि परिपथ में आवेश सिर्फ घूमता रहता है इससे मेल खाता है कि गाड़ियाँ पटरी पर सिर्फ चलती रहती हैं और चलने के दौरान कोई उनमें से उतरता नहीं। यह उपयुक्त मॉडल हो सकता है, लेकिन संभव है कि आप जो सिखाना चाहते हों, उसके बजाय विद्यार्थी का ध्यान इस पर जाए कि ’रोलर कोस्टर की पहली पहाड़ी सबसे बड़ी होती है’ और तय कर लें कि जब आप परिपथ में जितना आगे चलेंगे उतनी कम ऊर्जा उपलब्ध होगी।
आपको तभी पता चलेगा कि आपके मॉडल के साथ गलतफहमियाँ भी आ गई हैं जब आप अपने विद्यार्थियों से मॉडल के बारे में प्रश्न पूछेंगे और उनकी समझ के बारे में जानने के लिये ध्यान से सुनेंगे। विद्यार्थियों को चित्र बनाने या आपके दिये चित्रों में जानकारी या टिप्पणियाँ जोड़ने के लिये कह कर भी ऐसी बातों का पता लगा सकते हैं। विद्यार्थियों की समझ का पता लगाने के बारे में अधिक जानकारी अधोलिखित यूनिट में पा सकते हैं यूनिट समझ की जाँच -कार्य तथा ऊर्जा में, और मुख्य संसाधन ‘प्रगति और प्रदर्शन का मूल्यांकन’ से प्राप्त कर सकते हैं।
इस गतिविधि से आपको कक्षा के साथ भौतिक मॉडलों का उपयोग और मूल्यांकन करने का अनुभव प्राप्त होगा। इस गतिविधि के आपको संसाधन – 2 की आवश्यकता होगी।
पढ़ाने के दौरान आप कभी भी इनमें से किसी भी मॉडल को दिखा और उपयोग कर सकते हैं, लेकिन विद्यार्थियों से इनकी तुलना और मूल्यांकन विषय के अंत में ही करवाना ठीक रहेगा क्योंकि इससे विद्यार्थी अपनी समझ का पता स्वयं लगा सकेंगे। पाठ से पहले अपने विद्यार्थियों को समूहों में बाँटिये और तय कीजिये कि आप गतिविधि को दोनों मॉडलों के बारे में ज्यादा नहीं बताते हुए यह जानने का प्रयास करे कि वे किस प्रकार शुरू करने वाले हैं?
आपको एक निर्देश सूची या चार्ट पेपर देना होगा जिसमें प्रत्येक मॉडल के आप अपने विद्यार्थियों से जो प्रश्न पूछेंगे वह भी शामिल हों। विद्यार्थियों के प्रत्येक समूह को दोनों मॉडलों पर काम करना है। कुछ समूह रस्सी के मॉडल से शुरू कर सकते हैं, जबकि दूसरे ’मिठाई’ मॉडल के साथ। फिर आप सभी को रोकें जिससे वे अन्य मॉडल का उपयोग करने वाले समूह से अपने साधनों की अदला–बदली करें।
समूह में जब विद्यार्थी काम कर रहे हों तब उनके बीच घूमें। उन्हें एक–दूसरे के साथ अपने विचार बांटने के लिए प्रोत्साहित करें। हमेशा से ज्यादा शोर के लिये तैयार रहें, खासकर यदि विद्यार्थी बड़े घेरों में अपनी आवाज़ सुनाने के लिये ज़ोर से बोल रहे हों।
जब सभी विद्यार्थी दोनों मॉडलों पर काम कर लिया हो तब पूरी कक्षा के साथ प्रश्नों पर चर्चा करें।
हर मॉडल की क्षमता तथा सीमाओं पर अपने विद्यार्थियों को अपने समूह में चर्चा करने को कहें। इन विचारों पर पूरी कक्षा के साथ चर्चा करें।
OpenLearn - भौतिक मॉडलों का उपयोगः कक्षा 10 में विद्युत् का शिक्षण Except for third party materials and otherwise, this content is made available under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-ShareAlike 4.0 Licence, full copyright detail can be found in the acknowledgements section. Please see full copyright statement for details.