अवधारणाएं अमूर्त होने के अलावा, ऐसा भी संभव है कि विद्यार्थी ने रोज़मर्रा के अनुभव के आधार पर विद्युत के बारे में गलतफहमियां बना ली हों। उदारहण के लिये, छोटे विद्यार्थी किसी विद्युत उपकरण को एक ही तार से विद्युत की सप्लाई से जुड़ा देखते हैं, लेकिन उन्हे यह सीखना पड़ता है कि इस उपकरण के चलने के लिये इसके अंदर एक पूरा परिपथ होना जरूरी है।
अनुसंधान से पता चला है कि विद्युत परिपथ के बारे में कुछ गलतफहमियाँ बड़े विद्यार्थियों में भी पाई जाती हैं। इन गलतफहमियों में शामिल हैं वे उदाहरण जो तालिका 1 में दिये हैं।
विद्यार्थी का विचार | मान्य वैज्ञानिक विचार |
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बैटरी से विद्युत प्रवाह या आवेश मिलता है | बैटरी वह विभान्तर प्रदान करती है जो आवेश को परिपथ में चलाने के लिये आवश्यक होता है। |
परिपथ के घटको (उपकरणों) द्वारा विद्युत धारा का उपयोग कर लेते है। | किसी भी श्रेणी परिपथ में प्रवाह एकसमान होता है। इन गलतफहमियों को दूर करने का सबसे अच्छा तरीका है कि हम विद्यार्थियों को बत्ती के दोनों ओर अमीटर के एक समान आंकड़े दिखाते हुए उसके विपरीत सबूत दें, लेकिन कुछ विद्यार्थी अब भी इसी विचार को मान सकते हैं |
कुछ विद्यार्थियों को वोल्टेज और धारा या धारा और ऊर्जा में विभेद करना भी कठिन हो सकता है।
कुछ विद्यार्थियों के लिये, से आसान परिपथ के आरेख के अनुरूप तारों और उपकरणों से जोड़ना कठिन हो सकता है जिन्हें वे परिपथों के साथ काम करते समय देखते हैं। कई परिपथों की बनावट में समझने के लिये जब तक आप परिपथ मे कौन–सी चीज़ कहाँ जुड़ी है जैसे कि ये श्रेणी क्रम में जुड़ी है या समांतर क्रम में आदि पूछते हुए परिपथ का वर्णन नहीं करेंगे तो आपके विद्यार्थियों के लिए इसके महत्वपूर्ण भाग को समझना कठिन हो सकता है।
हाल ही में एक प्रशिक्षण के दौरान, कुमारी जोशी ने सीखा कि वे कौन–सी बातें हैं जो विद्युत के बारे में सीखते समय विद्यार्थियों के लिए कठिन लगती हैं।
प्रशिक्षण सत्र में उन कठिनाइयों पर चर्चा की जो कई विद्यार्थियों के सामने आती हैं जब वे विद्युत के बारे में सीखते हैं और ये भी देखा कि पाठ के दौरान हमारा सामना इनसे कहाँ पर हो सकता है।
हमने शुरूआत बैटरी के कार्य के बारे में चर्चा करते हुये किया। लेकिन जल्दी ही ग़लतफहमी में डालने वाली और बातें भी सामने आईं। मैंने इसके बारे में पहले नहीं सोचा था, लेकिन जैसे हम चर्चा करते गए, मुझे अहसास हुआ कि मेरे पढ़ाए हुए कई विद्यार्थियों में यह समस्या देखी है। उन्हें लगता था कि बैटरी ही आवेश प्रदान कर रही है, और वह ऐसा करती रहेगी क्योंकि आवेश परिपथ के उपकरणों से प्रवाह के कारण ’खर्च’ हो जा रहा है। विद्यार्थियों को यह विश्वास नहीं है कि आवेश तो पहले से ही था और बैटरी ने आवेश को चलाने के लिये विभवांतर प्रदान किया है। स्विच को बंद (ऑन) करने से हर चीज़ एकसाथ कैसे चालू हो सकती है? परिपथ में प्रति सेकेण्ड प्रति मिली। पर आवेश में कमी होने का कोई मतलब नहीं रह जाता यदि आवेश पहले से ही वहॉ मौजूद न हो ...
जब हम कक्षा 10 के विद्युत पाठ में आने वाली कठिनाइयों पर चर्चा कर रहे थे। तब मुझे अहसास हुआ कि इन गलतफहमियों और कठिनाइयों के कारण तो बार–बार समस्याएं आएंगी। मुझे अपने पाठों की योजना बनाते समय इन कठिनाइयों का ध्यान रखना होगा।
![]() विचार के लिए रुकें
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किसी विशेष पाठों के दौरान आपके विद्यार्थियों को किस प्रकार की कठिनाइयाँ आ सकती हैं इस बात को ध्यान में रखते हुए यह गतिविधि विद्युत के बारे में पढ़ा ने की योजना बनाने में आपकी मदद करेगी।
कक्षा X की पाठयपुस्तक के विद्युत से सम्बन्धित पाठ के प्रत्येक भाग को देखिये और पहचानिये कि प्रत्येक भाग में कौन–कौन से मुख्य बिंदु और कठिनाइयों हैं। अपने विचारों को दर्ज करने के लिये तालिका 2 का उपयोग करें। (एक अन्य गतिविधि में आप इन कठिनाइयों का सामना करने की कुछ संभावित रणनीतियॉ देखेंगे।)
जब आप यह कार्य समाप्त कर लें, तब संसाधन 1 से अपने लिखे हुए का मिलान करें, जिसमें कुछ संभावित टिप्पणियाँ सम्मलित हो।
खण्ड | गतिविधि | मुख्य शैक्षणिक बिंदु / इस गतिविधि और साथ के पाठ से विद्यार्थियों को मुझे क्या सिखाना है? | कठिनाइयों के स्त्रोत? |
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1 | – |
परिपथ में आवेश (कूलम्ब में मापा जाता है) का प्रति सेकंड प्रवाह ही विद्युत धारा (एम्पीयर में मापा जाता) है अमीटर द्वारा मापी गयी विद्युत धारा पारम्परिक प्रवाह की माप + से – की और होता है। विद्युत धारा और इलेक्ट्रॉन एक चालक से हो कर जाते हैं। विद्युत धारा का प्रवाह तुरंत होता है, लेकिन इलेक्ट्रान की गति लगभग 1 मि.मि. प्रति सेकंड होती है |
आवेश दिखाई नहीं देता है। इलेक्टॉनों की धीमी गति को तुरंत चलने वाले विद्युत प्रवाह से जोड़ते हुए करते है। |
2 | – | ||
3 | – | ||
4 | 4.1 | ||
4.2 | |||
4.3 | |||
5 | 5.1 | ||
6 | 6.1 | ||
6.1.2 | |||
7 | 7.1 | ||
7.1.2 | |||
8 | 8.1 |
OpenLearn - भौतिक मॉडलों का उपयोगः कक्षा 10 में विद्युत् का शिक्षण Except for third party materials and otherwise, this content is made available under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-ShareAlike 4.0 Licence, full copyright detail can be found in the acknowledgements section. Please see full copyright statement for details.