विज्ञान को प्रायः एक ’कठिन विषय’ माना जाता है। माध्यमिक स्कूलों के विद्यार्थी जिस समय सार्वजनिक परीक्षाएं देते हैं, उनकी विज्ञान में सफलता अमूर्त विचारों और मॉडलों को समझने के साथ ही अंकों के ज्ञान, लिखने–पढ़ने के सामर्थ्य और तथ्यपरक ज्ञान के भंडार को जानने की क्षमता पर निर्भर करती है। शिक्षक विद्यार्थियों को संरचित अनुभव प्रदान करते हुए उनकी समझ को बढ़ाते है जो विद्यार्थियों को मॉडलों के विकास करने में मद्द प्रदान करती है। ये मॉडल विद्यार्थियों को जानकारी और अवधारणाओं को प्रभावी ढंग से आत्मसात करने योग्य बनाते हैं, जिससे विद्यार्थी उन्हें सिर्फ याद ही नहीं रखते, बल्कि उनका यथोचित उपयोग भी करते हैं।
विद्यार्थियों को परिष्कृत मानसिक मॉडल विकसित करने के लिये मदद करने का एक तरीका है भौतिक मॉडलों का उपयोग करना। वस्तुओं या अवधारणाओं का प्रतिनिधित्व करने वाली चीज़ों का उपयोग करते हुए विद्यार्थियों को किसी विषय में अपनी समझ विकसित करने में मदद करने में भौतिक मॉडल सहायक होते हैं। विद्यार्थी इन सामग्रियों के साथ काम करते हैं’, तो पाठयपुस्तक पढ़ने या द्वि–आयामी चित्र देखने की अपेक्षा उनकी अधिक गहरी समझ बनती है। भौतिक मॉडलों के साथ, विद्यार्थी व्यवहार, तारतम्य और जुड़ाव के बारे में जानते हैं, और भविष्यवाणियाँ करते हैं। विद्यार्थियों को अलग अलग मॉडलों की क्षमता और सीमाएं को भी जानना चाहियें।
इस यूनिट में विद्यार्थियों द्वारा विद्युत को समझने के लिये भौतिक मॉडलों के उपयोग पर ध्यान दिया जाएगा। आप भौतिक मॉडलों के बारे में जो सीखेंगे वह अन्य विषयों पर भी लागू होगा। आप अन्य TESS–India यूनिट में विद्यार्थियों को मानसिक मॉडल विकसित करने में मदद करने के बारे में सीख सकते हैं।
OpenLearn - भौतिक मॉडलों का उपयोगः कक्षा 10 में विद्युत् का शिक्षण Except for third party materials and otherwise, this content is made available under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-ShareAlike 4.0 Licence, full copyright detail can be found in the acknowledgements section. Please see full copyright statement for details.