इस इकाई में आपको कक्षा से संबंधित एक तकनीक की जानकारी दी जाएगी जिसे ‘विचार मंथन‘ कहा जाता है, जिससे विद्यार्थी बिना किसी अवरोध के सृजनात्मक रूप में स्वतंत्रतापूर्वक सोच सकते हैं।
विचार मंथन में आपके विद्यार्थियों से विचारों को एकत्र करना शामिल होता है। यह एक सरल तकनीक है जिससे विद्यार्थी बिना किसी अवरोध के सृजनात्मक और स्वतंत्रता से सोच सकते हैं। उत्प्रेरक के रूप में एक प्रारम्भिक ‘संकेत’ का प्रयोग किया जाता है और फिर इसके बाद विद्यार्थियों को उस संकेत के साथ जुड़े हुए विचारों को प्रदान करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है।
ऐसा करना सफल साबित होता है क्योंकि इस प्रक्रिया के दौरान आपके विद्यार्थियों के सुझावों के प्रति कोई आलोचना या निर्णय शामिल नहीं होते हैं। इससे विद्यार्थी यह महसूस करते हैं कि वे अपने सभी विचारों को प्रस्तुत कर सकते हैं। चाहे वे कितने असंगत, गलत या मूर्खता से भरे या असंबद्ध ही क्यों न दिखाई दें। इसके अतिरिक्त, उनके मन में मुक्त अवस्था से संबंधित प्रक्रिया के दौरान जो भी विचार पैदा होते हैं, वे उनको स्वीकार कर सकते हैं।
तथाकथित रूप से इन्हें, ‘असंगतपूर्ण’ (वाइल्ड–कार्ड) विचार कहा जाता है। जिनसे सृजनात्मक विचार प्रक्रिया की उत्पत्ति होती है। सामान्यतः पर इनके कारण विचारों का एक प्रवाह पैदा होगा जो किसी असामान्य, नवीन या कल्पनाशील उत्तर की ओर अग्रसर करता है। इससे भी अच्छी बात यह होगी कि, इनसे अन्यथा असम्बद्ध अवधारणाओं या विषयों को जोड़ा जा सकेगा। विद्यार्थियों द्वारा प्रस्तुत किए जाने वाले कुछ विचार उपयोगी साबित नहीं होंगे, परन्तु ऐसा होना भी आपत्तिजनक नहीं है।
इस प्रक्रिया के अन्तर्गत प्रथम चरण में, सभी विचार स्वीकार्य हैं तथा उन्हें एक व्यक्ति द्वारा लिखा जाना चाहिए। विचार मंथन में कम से कम विद्यार्थियों की एक जोड़ी, विद्यार्थियों का समूह या पूरी कक्षा शामिल हो सकती है। प्रयोग में लाया गया ‘संकेत’ व्यापक होना चाहिए जिससे विचारों को विस्तारित करने के लिए प्रोत्साहित किया जा सके।
एक बार जब सभी विचारों को एकत्र कर लिया जाता है, तब उनका प्रयोग आगे शिक्षण में सहायता के लिए भिन्न–भिन्न तरीकों से किया जा सकता है। इस इकाई से आपको यह सीखने में मदद मिलेगी कि विचार मंथन सत्र का आयोजन किस प्रकार से करें? तथा अपने शिक्षण में सुधार करने के लिए मंथन सत्र से प्राप्त विचारों को किस प्रकार से प्रयोग में लाया जाए?
इस इकाई में कक्षा IX के विषय ‘बल और गति के नियम’ विषय पर आधारित हैं। विचार मंथन एक ऐसी तकनीक है जिसका प्रयोग पूरे विज्ञान पाठ्यचर्या के लिए किया जा सकता है। इसका प्रयोग अन्य तकनीकों, जैसे माइंड मैपिंग या प्रोजेक्ट कार्य के संयोजन के साथ भी किया जा सकता है।
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