सबसे पहले, आपको विचार मंथन के लिए अपने किसी पिछले अनुभव पर प्रकाश डालना चाहिए। नोट कर लें कि इस इकाई में ‘विचार मंथन’ का प्रयोग तथा विचार मंथन की प्रक्रिया में भागीदारी करना दोनो रूपों में ही किया गया है।
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इस बात की संभावना है कि आपने अपने विचारों को बांटने के लिए अपने सहकर्मियों के साथ काम किया होगा। ‘वास्तविक’ विचार मंथन में विचार खुले तौर पर और विस्तृत होता है। कुछ प्रारम्भिक विचारों को अंततः अस्वीकार कर दिया जाएगा, लेकिन प्रथम चरण में यह महत्वपूर्ण है कि प्रत्येक विद्यार्थी जो कुछ भी सोचते हैं, उन्हें उसका योगदान करने का अवसर मिलना चाहिए। यदि उन्होने ऐसा पहले कभी नहीं किया है, तो आपके विद्यार्थियों को इस प्रकार से सोचने और काम करने का आदी होने से पहले कुछ कोशिशें करनी पड़ सकती हैं।
विचार मंथन एक अनौपचारिक प्रक्रिया है। इसके साथ केवल कुछ सरल नियम जुड़े हैं। इसके लिए कोई बहुत बड़ी व्यवस्था या पहले से तैयारी नहीं करनी पड़ती है। ऐसा किसी पाठ या पाठों के क्रम में कभी भी किया जा सकता है। इसके लिए कोई या नियत समय सीमा नहीं है। जब विचार मंथन का कार्य समूह में किया जाता है तो इसके सर्वोत्तम परिणाम प्राप्त होते हैं।
इस प्रक्रिया की शुरूआत एक संकेत के साथ की जाती है, जो एक प्रश्न, शब्द, वक्तव्य, चित्र के रूप में हो सकता है। विद्यार्थियों को उस संकेत से संबंधित किसी भी पहलू पर सोचने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। बिना किसी फैसले के उनके सभी विचारों को रिकॉर्ड किया जाता है। विचार उत्पत्ति सत्र की समाप्ति के बाद ही, उत्तरों पर चर्चा की जाती है और उनका मूल्यांकन किया जाता है, या तो उन्हें रखा जाता है या अस्वीकार कर दिया जाता है।
यह गतिविधि आप स्वयं ही या अन्य शिक्षकों के साथ मिलकर कर सकते हैं। आपको बस एक कागज, एक पैन तथा वस्तुतः आपकी कल्पनाओं की आवश्यकता होगी!
आपके लिए इस गतिविधि का उद्देश्य यह सीखना है कि किस प्रकार से विचार मंथन किया जाए। जैसे–जैसे आप विचार मंथन की प्रक्रिया में आगे बढ़ते हैं, आप सृजनात्मक रूप से यह भी सोच पाएंगे कि विद्यार्थी बल और गति के बारे में जिस जानकारी को प्राप्त करेंगे उसे वे अपनी रोजमर्रा की जिंदगी में किस प्रकार से प्रयोग कर पाएंगे? तथा इन विचारों को आप अपने पाठों में भी इस्तेमाल कर पाएंगे।
अपने विद्यार्थियों के दैनिक कार्यों पर विचार करें तथा आप सभी जितने अधिक उदाहरणों को सोच सकते हैं, उन्हें लिख लें जिनमें उनके द्वारा इस विषय के संदर्भ में उनके द्वारा सीखी जाने वाली चीजें वे क्या कर रहे हैं? इससे जुड़ी हैं। उदाहरण हैं: दरवाजा खोलना, रेहड़ी को उठाना या साईकिल में तेल डालना। ये सभी वैज्ञानिक सिद्धान्तों को दर्शाते हैं, जैसे– लीवर तथा घर्षण। जो खेल वे खेलते हैं, जो काम वे घर पर करते हैं, और परिवहन के जिस साधन का वे प्रयोग करते हैं, उन पर विचार करें। आप इस विचार को विस्तारित करते हुए ऐसे कार्यों को शामिल कर सकते हैं जो हो सकता है वे अनिवार्य रूप से न करते हों। विद्यार्थी, उन्हें टेलीविज़न पर या फिल्मों में देख सकते हैं, जैसे पैराशूट से कूदना, समान्तर दौड़ने वाली रेलगाड़ियां या अंतरिक्ष में यात्रा करना।
आशा है कि आपने कागज पर विचारों को इकट्ठा कर लिया होगा। प्रक्रिया उपयोगी रही होगी, क्योंकि इससे आपको ‘बल और गति के नियम’ विषय के शिक्षण के बारे में अधिक सृजनात्मक रूप से सोचने के लिए प्रोत्साहित किया होगा। जब आप कुछ वैज्ञानिक सिद्धान्तों को समझाएंगे तो आप इन उदाहरणों का प्रयोग करने में सक्षम होंगे। यद्यपि, विचार मंथन करना, विचारों को एकत्र करने से कहीं अधिक होता है। आपको शिक्षण में मदद के लिए विचारों का प्रयोग करना होगा।
उन सभी विचारों को रेखांकित करें जो आपके विद्यार्थियों के रोज़मर्रा के जीवन से जुड़े हैं। यह गृहकार्य से संबंधित अभ्यास का हिस्सा हो सकते हैं। उदाहरण के लिए, आप अपने विद्यार्थियों से ऐसी कुछ गतिविधियों के पीछे निहित विज्ञान को समझाने के लिए कह सकते हैं, जिनकी उनके द्वारा करने की संभावना है। उनको बल से संबंधित तीरों के साथ बल से जुड़े रेखाचित्रों को बनाना चाहिए।
खेल से सम्बन्धित सभी विचारों पर घेरा बनाएं। क्या इनमें से कुछ ऐसे हैं? जिन्हें कक्षा में या कक्षा से बाहर जाकर दिखाया जा सकता है। पाठ्य विवरण को देखें तथा दो या तीन सरल कार्यों को निष्पादित करें जिनमें आपके विद्यार्थी भाग ले सकते हैं।
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