प्रायोगिक कार्य विज्ञान शिक्षा का एक महत्वपूर्ण पहलू है। इसमें अनेक गतिविधियां शामिल होती हैं तथा इसका प्रयोग अनेक उद्देश्यों के लिए किया जाता है, जैसे–
‘विज्ञान की प्रकृति’ तथा वैज्ञानिक किस प्रकार से काम करते हैं इसका अनुभव और समझ विकसित करना।
राष्ट्रीय पाठ्यचर्या रूपरेखा (NCERT, 2005) में यह कहा गया है कि विज्ञान में नवाचार और सृजनशीलता को बढ़ावा दिया जाना चाहिए, तथा ‘पूछताछ संबंधी कौशल का समर्थन और इसे मजबूत किया जाना चाहिए’ (पृष्ठ 49)। प्रायोगिक कार्य, और विज्ञान के प्रति विशेष रूप से खोज परक कार्यप्रणाली से आपके विद्यार्थियों द्वारा यह सीखने में मदद मिल सकती है कि वैज्ञानिक किस प्रकार से काम करते हैं तथा वे स्वयं के पूछताछ संबंधी कौशल का विकास कर सकते हैं।
इस इकाई में प्रायोगिक कार्यप्रणालियों के इस्तेमाल के बारे में जानकारी दी गयी है - विशेष रूप से खोज परक प्रायोगिक कार्य प्रणालियां- जिससे विद्यार्थियों को गुरूत्वाकर्षण के बारे में सीखने में मदद मिल सके। आप इस इकाई में जो रणनीतियाँ और तकनीक सीखेंगे वे दूसरे विषयों पर भी लागू होंगी।
OpenLearn - प्रायोगिक कार्य तथा जांच-पड़ताल : कक्षा 9 में गुरूत्वाकर्षण पढ़ाना Except for third party materials and otherwise, this content is made available under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-ShareAlike 4.0 Licence, full copyright detail can be found in the acknowledgements section. Please see full copyright statement for details.