शोध दर्शाते हैं कि विद्यार्थियों को सीखने संबंधी गतिविधियों के हिस्से के तौर पर कथा या कहानी विकसित करने के लिए कहने से उन्हें समझने में मदद मिल सकती है। ब्रूनेर (1986) तर्क देते हैं कि ऐसा इसलिए हैं, क्योंकि ’मनुष्य मूलतः कथावाचक प्राणी होते हैं, जो दुनिया का अर्थ समझने–समझाने के तरीके के तौर पर स्वयं को और दूसरों को कहानियां सुनाते हैं’ (मेसन एंड जॉनसन–वाइल्डर, 2004, पृ. 68)। यह इकाई ग्राफ़ समझने के संदर्भ में ऐसे कथावाचन को विकसित करने में विद्यार्थियों की मदद करेगी। इन सभी गतिविधियों का मूल विषय यह विचार है कि ’हर ग्राफ एक कहानी कहता है’।
गतिविधि 1 इस पर केंद्रित है कि ग्राफ़ की व्याख्या करने में इतनी कठिनाई क्यों होती है। हो सकता है कि बीते वर्षों में, आपने अपने विद्यार्थियों को उन कारकों के बारे में बताया हो, जिन्हें ग्राफ़ में शामिल करना महत्वपूर्ण है। यहां, विद्यार्थी खुद मिलजुल कर इस संबंध में विचार उत्पन्न करने के लिए काम करते हैं।
इस यूनिट में अपने विद्यार्थियों के साथ गतिविधियों के उपयोग का प्रयास करने के पहले अच्छा होगा कि आप सभी गतिविधियों को पूरी तरह (या आंशिक रूप से) स्वयं करके देखें। यह और भी बेहतर होगा यदि आप इसका प्रयास अपने किसी सहकर्मी के साथ करें क्योंकि जब आप अनुभव पर विचार करेंगे तो आपको मदद मिलेगी। स्वयं प्रयास करने से आपको शिक्षार्थी के अनुभवों के भीतर झांकने का मौका मिलेगा, जो परोक्ष रूप से आपके शिक्षण और एक शिक्षक के रूप में आपके अनुभवों को प्रभावित करेगा। जब आप तैयार हों, तो अपने विद्यार्थियों के साथ गतिविधियों का उपयोग करें। पाठ के बाद, सोचें कि गतिविधि किस तरह हुई और उससे क्या सीख मिली। इससे आपको सीखने वाले विद्यार्थियों पर ध्यान केंद्रित रखने वाला अधिक शैक्षिक वातावरण बनाने में मदद मिलेगी।
यदि चार विद्यार्थियों के समूहों में यह गतिविधि की जाए तो, ज्यादा प्रभावी होती है, क्योंकि तब उनके पास जांच–पड़ताल के लिए अधिक उदाहरण उपलब्ध होते हैं। अपने विद्यार्थियों को ग्राफ़ के ऐसे उदाहरण जुटाने और विद्यालय लाने के लिए कहें, जो उन्होंने अलग–अलग सदंर्भों में देखें हों– जैसे समाचारपत्र, विज्ञापन, ब्रोशर/विवरणिका आदि।
अपने विद्यार्थियों को समझाएं कि उन्हें निम्न संकेतों का उपयोग करते हुए इस गतिविधि में क्या करना हैः
कक्षा के रूप में , समूहों के विचार लेकर ’ ग्राफ की रचना करते समय की जाने वाली अच्छी बातों ’ की सूची विकसित करें। इसे दीवार पर टांग दें ताकि विद्यार्थी बाद में ग्राफ़ संबंधी कार्य के दौरान इसकी मदद ले सकें।
यह एक अध्यापक की कहानी है , जिसने अपने माध्यमिक कक्षा के विद्यार्थियों के साथ गतिविधि 1 का प्रयास किया।
इस गतिविधि की शुरुआत अच्छी नहीं हुई। मैंने विद्यार्थियों को ग्राफ़ के उदाहरण लाने के लिए कहा था और वे ...कुछ भी नहीं ला सके। शायद इसकी वजह प्रेरणा की कमी थी, या शायद इसकी वजह यह थी कि वे नहीं जानते थे कि कोई भी ग्राफ़ कहां ढूंढ़ें। उन्हें प्रेरित करने के लिए मैंने उन्हें उन उदाहरणों के बारे में सोचने के लिए कहा, जहां वास्तविक जीवन में या कार्यस्थल पर ग्राफ़ का उपयोग किया जाता है, और जहां सही ढंग से ग्राफ़ की व्याख्या न किए जाने पर समस्या हो सकती है।
उन्हें एक उदाहरण देने के लिए, मैंने ग्राफ़ के कुछ उदाहरण वाले समाचारपत्र और पत्रिकाएं दिखाए, जो मैं अपने साथ लाया था। अगले पाठ तक अधिकांश विद्यार्थी अनेक उदाहरण ले आए थे। उनमें से कुछ विद्यार्थियों ने कुछ ग्राफ़ इंटरनेट तक से डाउनलोड किए थे।
विद्यार्थियों ने चार के समूहों में कार्य किया। उन्हें खेलों और विज्ञापनों से संबंधित ग्राफ़ आसान लगे और यह तय किया कि ऐसा इसलिए था कि उन ग्राफ में सरल जानकारी प्रस्तुत की गई थी। हालांकि, उन्होंने ध्यान दिया कि इनमें से कुछ ’आसान’ ग्राफ़ में ऐसे पैमानों का उपयोग किया गया था, जो स्पष्ट नहीं थे, और अक्षों के लेबल हमेशा सही नहीं थे। उन्हें चिकित्सा संबंधी और आर्थिक जानकारी प्रस्तुत करने वाले ग्राफ़ में अधिक कठिनाई हुईः उन्हें चर राशियों को पहचानने और उन चर राशियों के बीच संबंधों की व्याख्या करने में कठिनाई हुई।
मैंने बाद की गतिविधियों के लिए ग्राफ़ अपने पास रख लिए और विद्यार्थियों को और ग्राफ़ लाने के लिए कहा, ताकि हमारे पास आगामी कई वर्षों तक उपयोग के लिए ग्राफ़ की संपूर्ण लाइब्रेरी जुट सके।
जब आप बाद में अपनी कक्षा के साथ ऐसी कोई गतिविधि करें, तो बताएं कि क्या ठीक रहा और कहां गड़बड़ हुई। ऐसे सवालों की ओर ध्यान दें जिसमें विद्यार्थियों की रुचि दिखाई दे और वे आगे बढ़ते हुए नजर आएं और वे जिनका स्पष्टीकरण करने की आवश्यकता हो। ऐसे चिंतन से वह ’स्क्रिप्ट’ मिल जाती है, जिसकी मदद से आप विद्यार्थियों के मन में गणित के प्रति रुचि जगा सकते हैं और उसे मनोरंजक बना सकते हैं। अगर विद्यार्थियों को समझ नहीं आ रहा है और वे कुछ नहीं कर पा रहे हैं, तो इसका मतलब है कि उनकी इसमें सम्मिलित होने की रुचि नहीं है। जब भी आप गतिविधियां करें, इस विचार करने वाले अभ्यास का उपयोग करें, जैसे श्री चड्ढा ने कुछ बेहद छोटी–छोटी चीजें की, जिनसे काफी फर्क पड़ा।
![]() विचार के लिए रुकें ऐसे चिंतन को गति देने वाले अच्छे प्रश्न निम्नलिखित हैं:
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