विद्यालय के गणित में और वास्तविक जीवन में भी संयुक्त आकृतियों और ठोस पदार्थों पर काम करने में सहज महसूस करना महत्वपूर्ण होता है। इमारतों, कुर्सियों, रंगोली के पैटर्न, मस्जिदों और मंदिरों सभी में केवल एक आकृति या ठोस वस्तु नहीं, बल्कि इनमें से कई आकृतियाँ एक साथ जुड़ी होती हैं। लोग आकृतियों, ठोस पदार्थों और आयतन के संयोजनों से परिचित होते हैं, लेकिन विद्यार्थी अक्सर विद्यालय में गणित को एक कठिन विषय महसूस करते हैं।
इसका एक कारण यह हो सकता है कि आयतन और सतह क्षेत्र के अध्यायों को विद्यार्थी शायद पालन की जाने वाली कार्यविधियों और याद किए जाने वाले सूत्रों की श्रृंखला के रूप में समझते हैं। यह विद्यार्थियों को निष्क्रिय विद्यार्थी बनने का प्रोत्साहित करता है और वे अनुभव कर सकते हैं कि गणित ‘उनकी समझ के बाहर’ का विषय है। इसमें उनकी विचार क्षमता को विकसित करने तथा रचनात्मक बन पाने की कोई संभावना नहीं है। इसके परिणामस्वरूप विद्यार्थी गणित सीखने के मामले में मजबूर, बेकार और हताश महसूस कर सकते हैं।
इस इकाई में आप इस बात पर ध्यान केंद्रित करेंगे कि ठोस पदार्थों के संघटन और विघटन तथा आकृतियों के बारे में किस प्रकार सिखाया जाए, और इस प्रक्रिया में शामिल गणितीय चिंतन क्या है। गतिविधियों के द्वारा आप इस बारे में भी सोचेंगे कि विद्यार्थियों की चयन करने की क्षमता को किस प्रकार विकसित किया जाए और उनके स्वयं की सीखने की प्रक्रिया में अधिक सक्रिय भूमिका कैसे निभाई जाए।
OpenLearn - गणितीय चिंताओं का समाधान : संयोजन-आकृतियाँ और ठोस Except for third party materials and otherwise, this content is made available under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-ShareAlike 4.0 Licence, full copyright detail can be found in the acknowledgements section. Please see full copyright statement for details.