फी़डबैक शिक्षण में बहुत बड़ा फर्क़ लाते हुए देखा गया है (Hattie and Timperley, 2007) जब वह स्पष्ट रूप से इन तीन प्रश्नों का उत्तर दें:
सर्वप्रथम विद्यार्थी को शिक्षण के प्रयोजन या उद्देश्य (मैं किस दिशा में बढ़ रहा/रही हूँ) के बारे में बहुत स्पष्ट होने की जरूरत है। मैं कैसे काम कर रहा/रही हूँ? पर फी़डबैक ने, ‘विद्यार्थी, सीखने के मामले में किस दिशा में बढ रहे हैं और वे इस समय कहाँ हैं ?’ के बीच के अंतराल को पाटने के लिए अधिक ध्यान और प्रेरणा प्रदर्शित करते हुए दर्शाया है। लेकिन, वे उस प्रेरणा को तभी व्यावहारिक रूप से लागू कर सकते हैं, जब वे तीसरे प्रश्न ‘अब इसके आगे क्या?’ का उत्तर जानते हुए अंतराल को और अधिक पाट सकें।
फी़डबैक देने और प्राप्त करने के लिए शिक्षक और विद्यार्थी, दोनों को पर्याप्त कौशल की ज़रूरत है। इसके लिए कक्षा लोकाचार की आवश्यकता है, जो विद्यार्थियों को किसी के उपहास के भय के बिना अपने विचारों को अभिव्यक्त करने का मौक़ा दे और जहाँ हर किसी के सीखने और मिलजुल कर सुधार करने पर पूरी तरह ध्यान केंद्रित हो। ऐसे लोकाचार के तहत शिक्षकों या अन्य विद्यार्थियों के लिए ‘मैं किस दिशा में बढ़ रहा/रही हूँ?’ और ‘अब इसके आगे क्या?’ पर केंद्रित फ़ीडबैक देना, और विद्यार्थियों के लिए उस फ़ीडबैक को सुनना और उस पर कार्रवाई करना संभव है।
यदि विद्यार्थी मिलजुल कर अपनी धारणाओं को आज़माने का प्रयास करते हैं, तो वे एक दूसरे से लगातार प्रतिक्रिया प्राप्त कर सकते हैं। फी़डबैक शिक्षकों के समरूप गुणवत्ता वाली नहीं होगी, क्योंकि विद्यार्थियों का विषय ज्ञान उतना गहरा नहीं होगा और ना ही वे शिक्षक की भाँति संबंध जोड़ पाते हैं; लेकिन, फौ़रन फी़डबैक प्राप्त करने का मौका़ गुणवत्ता के मुद्दे से कहीं ज्यादा महत्वपूर्ण है।
अगली गतिविधि का उद्देश्य त्रिभुजों के बारे में अधिक जानना है, लेकिन यह कक्षा को प्रभावी फ़ीडबैक के लिए तीन प्रश्नों (‘मैं किस दिशा में बढ़ रहा/रही हूँ?’, ‘मैं कैसे काम कर रहा/रही हूँ?’ और ‘अब इसके आगे क्या?’) का उपयोग करते हुए आज़माने का मौक़ा भी देता है। आप इस गतिविधि से विचारों को अन्य गणितीय प्रकरणों पर भी लागू कर सकते हैं।
प्रत्येक विद्यार्थी, या विद्यार्थियों के समूह के सामने छड़ियों से तैयार किया गया त्रिभुज होना चाहिए।
अपने विद्यार्थियों से कहें कि वे समूहों में निम्न प्रश्नों पर चर्चा करें:
उन्हीं तीन छड़ियों का प्रयोग करते हुए, आप कितने अलग त्रिभुज बना सकते हैं? क्यों? क्या होगा यदि आप दो छड़ियों की स्थिति में अदला–बदली करते हैं?
यदि आप एक छोटी या लंबी छड़ी में अदला–बदली करें तो त्रिभुज का क्या होगा?
दो ऐसे त्रिभुजों के बारे में परिणाम तैयार करें, जिनकी संगत भुजाओं की लंबाइयाँ समान हैं। क्या आपके विचार में सभी त्रिभुजों के लिए यह कथन सही है? क्या आप इस कथन को अन्य बहुभुज के लिए विस्तृत कर सकते हैं?
इसके अलावा विद्यार्थियों से विचार–विमर्श के दौरान और बाद में प्रश्नों पर विचार करने के लिए कहें:
फिर उनसे कक्षा के साथ अपने निष्कर्षों को साझा करने के लिए कहें। समूहों से कहें कि वे ‘मैं किस दिशा में बढ़ रहा/रही हूँ?’, ‘मैं कैसे काम कर रहा/रही हूँ?’ और ‘अब इसके आगे क्या?’ पर अपने विचार सम्मिलित करें। विद्यार्थियों से कहें कि वे अन्य समूहों को सुनें और तैयारी करें तथा इन प्रश्नों पर अपनी प्रतिक्रिया दें।
फिर अलग–अलग विद्यार्थियों से कक्षा के समक्ष अपने विचारों को प्रस्तुत करने के लिए कहें। अन्य विद्यार्थियों को टिप्पणी करने के लिए प्रोत्साहित करें। सुनिश्चित करने का प्रयास करें कि विभिन्न समूहों के विद्यार्थियों को बोलने का मौक़ा मिले।
मैंने गतिविधि 1 के बाद सीधे गतिविधि 2 का उपयोग किया। विद्यार्थियों ने विभिन्न त्रिभुज बनाने की कोशिश में बहुत समय लगाया और मुझे छड़ियों के सिरों को मिलाने के बारे में उन्हें याद दिलाते रहना पड़ा। अंततः उन सबने महसूस किया कि उनके पास पहले चार सवालों के जवाब थे। इस बार मैंने उनसे किसी दूसरे समूह को अपने परिणाम प्रस्तुत करने और उन्हें सही साबित करने की कोशिश करने और उन्हें विश्वास दिलाने के लिए कहा। मैंने पाठ के उद्देश्य या ‘मैं किस दिशा में बढ़ रहा/रही हूँ?’ के बारे में एक दूसरे को सुनना शुरू करने से पहले सोचने के लिए कहते हुए, जिसके बारे में अब तक मैंने कई बार बात की थी, कक्षा को फ़ीडबैक के बारे में विचारों से परिचय करवाया। फिर मैंने सुनने वाले समूह से ‘मैं कैसे काम कर रहा/रही हूँ?’ और ‘अब इसके आगे क्या? पर, विचार प्रस्तुत करने वाले समूह को’ फी़डबैक देने के लिए कहा। पाँच मिनट के बाद मैंने कक्षा को सुनना छोड़ कर प्रस्तुत करने के लिए याद दिलाया।
उसके बाद, हमने कक्षा में विचार–विमर्श किया। मैंने पहले पूछा, ‘क्या आसान था?’ कक्षा ने कहा कि उन्हें अपने त्रिभुज और भुजाओं के बारे में बात करना बहुत आसान लगा, लेकिन जब तक किसी ने विचार करने और बदलने की याद नहीं दिलाई वे बता नहीं पाए कि क्यों त्रिभुज समरूप थे – लेकिन अलग! उन्होंने त्रिभुजों का वर्णन करने के लिए ‘समरूप’ शब्द का भी प्रयोग किया, जिसे सुन कर मुझे बेहद ख़ुशी हुई। हमने ’समरूप’ के गणितीय अर्थ पर चर्चा की और मैंने गणितीय त्रिभुज और आकारों में ’समरूप’ के मतलब की अपनी गणितीय परिभाषा लिखने के लिए प्रत्येक समूह से कहा।
फिर मैंने विद्यार्थियों से पूछा कि उन्हें क्या कठिन लगा। उन्होंने कहा कि उपयुक्त फ़ीडबैक देना कठिन था, लेकिन उसने उन्हें वाक़ई सोचने पर मजबूर किया। ‘मैं कैसे काम कर रहा/रही हूँ?’ और ‘अब इसके आगे क्या?’ का उपयोगी उत्तर देने का प्रयास करना आसान नहीं था, लेकिन उसके कारण आपने जो कहा उसके बारे में सोचना पड़ा। मैंने जवाब दिया, ‘मैं जानती हूँ!’ यह भी एक दिलचस्प सत्र बन गया और मुझे लगता है कि बहस ने काफी़ विद्यार्थियों की मदद की, क्योंकि वे कक्षा के बाद काफी़ ख़ुश नजऱ आ रहे थे।
आप ‘सभी को शामिल करना’ से संबंधित मुख्य संसाधन पर भी नज़र डालना चाहेंगे।
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यदि आपको इंटरनेट तक पहुँच हासिल है, तो आप भी इसी तरह के कार्यों को तैयार करने के लिए गतिशील ज्यामिति सॉफ़टवेयर (जैसे कि निःशुल्क डाउनलोड करने के लिए उपलब्ध प्रोग्राम GeoGebra) का उपयोग कर सकते हैं।
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