गणितीय संयोजन : गुणनखंड और गुणज ज्ञात करना

3 तकनीक का अभ्यास करना और LCM और HCF के बीच अंतर पर गौ़र करना

अगली गतिविधि विद्यार्थियों से उनके द्वारा प्रयुक्त विधियों के बारे में विचार करने को कहने का अभ्यास विकसित करती है। पुनः यह गतिविधि, पाठ्यपुस्तकों में पाई जाने वाली गतिविधि के समान ही है। अंतर यह है कि यह किसी गतिविधि में सामान्य गुणजों और गुणनखंडों का पता लगाने की दृष्टि से विद्यार्थियों को प्रश्नों का मिश्रण उपलब्ध कराता है। दूसरा फ़र्क यह अनुरोध करना है कि वे प्रयुक्त विधियों पर नोट्स तैयार करें। पाठ्यपुस्तक गतिविधि में इन संशोधनों का उद्देश्य विद्यार्थियों को विषयों के बीच के संबंध अवगत कराना, समानता और अंतर पर गौ़र करना, और स्पष्टता के लिए इसमें शामिल गणितीय सोच प्रक्रियाओं को आज़माना है। पुनः, विद्यार्थियों को काम करने के इस नए तरीके के साथ संलग्न करने में मदद करने के लिए, आप जब अपनी कक्षा में इस गतिविधि को करवाएँ, तब उन्हें जोड़े या छोटे समूहों में काम करने के लिए कहना सहायक सिद्ध हो सकता है।

गतिविधि 2: तकनीक का अभ्यास तथा LCM और HCF के बीच अंतर पर ध्यान देना

अपने विद्यार्थियों से कहें:

  • निम्नलिखित के सामान्य गुणनखंडों और गुणजों का पता लगाएँ: [इन प्रश्नों को बोर्ड पर लिखें।]
    • 48 और 72
    • x2 और 3xy
    • और
    • (a – b)2 और (a – b)3
    • (a2 – b2) और (a3 – b3)
  • इन्हें हल करने के लिए आपके द्वारा प्रयुक्त विधियों को लिखें।
  • अब अपने साथी को समझाएँ कि ये विधियाँ गणितीय रूप से सही हैं। यदि आप किसी साथी के साथ काम कर रहे हैं, तो विद्यार्थियों की एक और जोड़ी को समझाने की कोशिश करें।

केस स्टडी 2: शिक्षक फ़राज़ गतिविधि 2 के उपयोग के बारे में बताते हैं

विद्यार्थियों ने पूरे आत्मविश्वास के साथ पहला प्रश्न हल किया। दूसरे प्रश्न ने कुछ चर्चा छेड़ी लेकिन तीसरे प्रश्न को अधिकांश ने छोड़ दिया। इस तीसरे प्रश्न के लिए मैंने मूल चिह्न के अंदर गुणनखंडों को पाने का संकेत दिया, और फिर कुछ लोगों ने लगभग तुरंत हल ढूँढ़ लिया। चौथे प्रश्न पर थोड़ी बहुत चर्चा छिड़ी , लेकिन उन्हें उसका समाधान मिल गया। लेकिन, अंतिम प्रश्न के लिए, कुछ जोड़ों ने सामान्य गुणनखंड के रूप में a2 – b2 और गुणज के रूप में a3 – b3 बताया।

उन्होंने एल्गोरिथ्म के अनुसार अपनी विधियों का वर्णन किया। वे दोहराते रहे कि उन्होंने नियम बताया है और उन्होंने सीखा है कि यही नियम है और मैंने उन्हें ऐसा ही बताया था! सच कहूँ तो इसने मुझे भी कुछ आत्म–विश्लेषण करने के लिए बाध्य किया! लेकिन मैं अड़ा रहा और उनसे पूछते रहा कि वे कैसे जानते हैं कि उन्हें प्रत्येक चरण करने की अनुमति है और वे प्रत्येक चरण क्यों हल कर रहे हैं। मैंने उन्हें अपनी छोटी बहन की कल्पना करने को कहा, जो ‘क्यों?’ का सवाल पूछती ही रहती है, और जो ‘क्योंकि मैं कह रहा हूँ’ जवाब से संतुष्ट नहीं होती।

विचार के लिए रुकें

  • विद्यार्थियों से किस प्रकार की प्रतिक्रिया अनपेक्षित थी? क्यों?
  • अपने विद्यार्थियों की समझ का पता लगाने के लिए आपने क्या सवाल किए?
  • क्या आपने किसी भी रूप में काम को संशोधित किया? यदि ऐसा है, तो आपने ऐसा किस कारण से किया?