कल्पना करना, तुलना करना और विषमता का पता लगाना : संख्या पद्धतियां 

यह इकाई किस बारे में है

गणित में कई संख्या प्रणालियाँ होती हैं: प्राकृतिक संख्याएँ, पूर्ण संख्याएँ, पूर्णांक, परिमेय संख्याएँ, अपरिमेय संख्याएँ और वास्तविक संख्याएँ। विद्यार्थी अक्सर सोचते हैं कि इन संख्या प्रणालियों के बीच का अंतर कुछ हद तक अस्पष्ट और मामूली है। इस इकाई में इन संख्या प्रणालियों के बीच समानता और असमानता का पता लगाया जाएगा, और यह पता लगाया जाएगा कि इनके बीच विभिन्न गणितीय संक्रियाएँ जैसे जोड़, गुणा, घातांक, कैसे काम करते हैं।

द नेशनल करिक्युलम फ्रेमवर्क फॉर टीचर एजुकेशन (NCFTE, 2009) में गणित के पाठों को रोचक, विद्यार्थी केंद्रित और विद्यार्थी सहभागी होना और विद्यार्थियों में गणित की समझ बढ़ाने वाला होना आवश्यक बनाया गया है। ऐसा करना आसान नहीं है। इस इकाई का लक्ष्य समानता और असमानता का काम करके और कल्पनाशीलता का उपयोग करके इसे प्राप्त करने में शिक्षकों की मदद करना है। इकाई में इनमें से हर तरीके का वर्णन किया जाएगा और उदाहरण दिए जाएँगे कि कक्षा में इन्हें कैसे लागू किया जा सकता है। इस इकाई में यह भी चर्चा की जाएगी कि किसी पाठ्यपुस्तक का उपयोग करके मौजूदा कक्षा व्यवहारों में कैसे छोटे–छोटे बदलाव किए जा सकते हैं।