सीखने-सिखाने की प्रक्रिया में परिवर्तन: माध्यमिक विद्यालय में सीखने-सिखाने की प्रक्रिया में सुधारों का नेतृत्व करना

संसाधन 2: शिक्षण-शास्त्र के सिद्धांत

टीईएसएस-इंडिया का लक्ष्य है विद्यालयों और अध्यापकों के लिए शिक्षण–शास्त्रीय बदलाव हासिल करना। अध्यापक विकास ओईआर राष्ट्रीय नीति के लक्ष्यों के साथ सर्वांगसम हैं। टीईएसएस-इंडिया के मूल में सीखने वाले के रूप में विद्यार्थी है और उनके सीखने के अभिकर्ता के रूप में अध्यापक है। टीईएसएस-इंडिया ओईआर का मकसद अध्यापकों को, सीखने की क्रिया और सीखने वालों के प्रति धारणाएं बनाने वाले पारंपरिक कार्याभ्यासों एवं आदतों से दूर कर उन्हें अधिक सशक्त करने वाले कार्याभ्यास की ओर अग्रसर करने का है। वे अध्यापकों को अपनी सीख को अपने कार्याभ्यास में लागू करने, उनके प्रदर्शनों की सूची को विस्तार देने और शिक्षा के लक्ष्यों की उनकी समझ में परिवर्तन लाने के विचार एवं साधन प्रदान करते हैं। अध्यापक परिवर्तन का मॉडल प्रयोग करने के बारे में है और अध्यापकों द्वारा गलतियां किए जाने और खुद को चुनौती देने से मिलने वाले आनंद और प्रेरणा के महत्व को मान्यता देता है।

टीईएसएस-इंडिया अध्यापक विकास ओईआर द्वारा प्रवर्तित शिक्षणशास्त्रीय परिवर्तन (चित्र R2.1 में सारांशित किया गया है।

चित्र R2.1 शिक्षण–शास्त्रीय परिवर्तन (प्रोफ़ेसर पेट्रिसिया मर्फी द्वारा रचित रेशनेल एंड एम्स से अनुकूलित)।