सीखने-सिखाने की प्रक्रिया में परिवर्तन: माध्यमिक विद्यालय में सीखने-सिखाने की प्रक्रिया में सुधारों का नेतृत्व करना

1 भागीदारीपूर्ण, विद्यार्थी-केंद्रित शिक्षण को सक्षम बनाना

वर्ष 2005 में एनसीएफ ने यह स्पष्ट कर दिया था कि, विद्यार्थियों की सीखने की क्रिया में उनकी भागीदारी, सीखने संबंधी सर्वोत्तम परिणाम पाने की कुंजी है। विद्यार्थियों को निम्नांकित का अवसर मिलना चाहिए:

  • सीखते समय विचारों का योगदान देने का
  • अपने विचारों और अनुभवों के बारे में बोलने और चर्चा करने का
  • विद्यालय में उन्होंने जो सीखा उसे अपने रोजमर्रा के जीवन से जोड़ने का।

चित्र 1 छात्रों की भागीदारी से सीखने की क्रिया बेहतर बनेगी; शिक्षक भी शिक्षार्थी होते हैं।

शोध इस बात पर सहमत है। वास्तविकता यह है कि इसका क्रियान्वयन कठिन है। कई शिक्षक, विशेष रूप से माध्यमिक स्तर के शिक्षक, यह मानते हैं कि कक्षा का आकार बड़ा होना और परीक्षा पाठ्यक्रम जैसे कारण उन्हें अधिक विद्यार्थी-केंद्रित पद्धतियां अपनाने में सक्षम नहीं बनने देते हैं। टीईएसएस-इंडिया ओईआर वृत्त अध्ययनों (case shedies) और गतिविधियों (actirities) के रूप में क्रियात्मक उदाहरण प्रदान करते हैं जिन्हें शिक्षक अपनी कक्षाओं में लागू करके इन चिंताओं से मुक्ति पा सकते हैं।

अच्छे विद्यालयों में, शिक्षक स्वयं भी सक्रिय शिक्षार्थी बनने की कोशिश करते हैं और अपने कार्याभ्यास पर नियमित रूप से विचार करते हैं:

  • जो वे करते हैं उसे जांचते हैं
  • यह जांचते हैं कि प्रत्येक छात्र वास्तव में क्या सीख रहा है?
  • अपने शिक्षण कौशलों समेत अपने कक्षा कार्यभ्यास को ढालते और सुधारते हैं।

एक विद्यालय नेता होने के नाते आपकी भूमिका का एक भाग शिक्षकों को उनकी कक्षाओं में प्रयोग करने और अपने कार्याभ्यास पर विचार करने में सहायता करना भी है। जब शिक्षक शिक्षण की भागीदारीपूर्ण पद्धतियां देखेंगे और उनका अनुभव करेंगे तो वे उनके फायदे पहचानने लगेंगे। जब शिक्षक खुद इन फायदों का अनुभव करेंगे तो वे नई पद्धतियां अपनाने में अधिक आत्मविश्वासी बनेंगे।

गतिविधि 1 में आप अपने विद्यालय की मौजूदा शिक्षण एवं अधिगम क्रिया पर विचार करेंगे और अगले कुछ हफ्तों में सुधार के लिए एक फोकस चुनेंगे। इसके बाद, निम्नांकित गतिविधियां आपको शिक्षकों के कक्षा कार्याभ्यास को बेहतर बनाने में उनका सहयोग करने में सहायता करेंगी। इसे चित्र्र 2 में स्पष्ट किया गया है।

गतिविधि 1: आपकी कक्षाएं कितना विद्यार्थी–केंद्रित हैं?

यह गतिविधि आपसे यह जांचने को कहती है कि आपके विद्यालय में किस सीमा तक विद्यार्थी-केंद्रित शिक्षण एवं सीखने की क्रिया पहले से मौजूद है। जहां अच्छे कार्याभ्यास पहले से चल रहे हैं वहां इस बात को नोट करना महत्वपूर्ण है, क्योंकि आप उसे और आगे बढ़ा सकते हैं।

संसाधन 1 में दी गई तालिका का उपयोग करते हुए, अपने विद्यालय के मौजूदा कार्याभ्यास का एक अवलोकन करें। यह आपके लाभ के लिए है, इसलिए आपको इसे किसी को दिखाने की जरूरत नहीं है। आप इस बात के प्रमाण तलाश रहे हैं कि कितने शिक्षक अपनी कक्षाओं में विद्यार्थियों की भागीदारी को सक्षम बना रहे हैं और किस हद तक। अधिकतम संभव ईमानदारी बरतें।

आप बाद की एक गतिविधि में इस अवलोकन पर लौटेंगे।

चित्र 2 अधिक विद्यार्थी-केंद्रित सीखने की क्रिया को सक्षम बनाने का चक्र (कक्षा में जोड़ी में कार्य का उपयोग बढ़ाने के उदाहरण का उपयोग करते हुए)।