परिवर्तन एक रेखीय तरीके से नहीं होता। जिन्होंने परिवर्तन का अध्ययन किया है वे दिखाते हैं कि चित्र 6 में परिवर्तन वक्र हमारी प्रतिक्रिया का एक सूचक है। कठिनाई यह है कि किसी भी विद्यालय में बहुत से अलग अलग व्यक्ति होते हैं जो विभिन्न दरों पर प्रक्रिया से गुज़रेंगे: कुछ प्रक्रिया के अंत में उस समय हो सकते हैं जब अन्य अभी आरंभ में ही हों। प्रमुख के लिए महत्वपूर्ण संदेश यह है कि आप इस बात का सावधानी से अवलोकन करें कि व्यक्ति और समूह परिवर्तन को कैसी प्रतिक्रिया दे रहे हैं और उन लोगों की सहायता (या कई बार चुनौती दें) के लिए उपयुक्त कार्रवाई करें जिन्हें विशेष तौर पर परिवर्तन के साथ समायोजन में कठिनाई हो रही है।
परिवर्तन प्रक्रिया के आरंभ में अक्सर उत्साह, रूचि और आशावाद होता है, जिससे बहुत से व्यक्तियों के प्रदर्शन में सुधार आता है। परिवर्तन को समझने और प्रदर्शन में सभी जटिलताओं की पहचान बढ़ने पर, विश्वास गिर सकता है और प्रदर्शन स्तरों में कमी आती है जिसे ‘गिरावट’ के तौर पर जाना जाता है। यह सामान्य है, लेकिन प्रमुख यह सुनिश्चित करने के लिए काफी कुछ कर सकता है कि यह गिरावट बहुत अधिक न हो और न ही बहुत लंबे समय तक हो।
एक प्रमुख द्वारा गिरावट को न्यूनतम करने के कुछ उपाय इस प्रकार हैं:
वर्ष 2004 में भारत सरकार ने ‘गतिविधि-आधारित सीखना’ (एबीएल) प्रस्तुत किया था। वर्ष 2004/5 में राज्यों ने सभी अध्यापकों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम प्रदान कर दिए और इस पहल को लेकर अध्यापकों में उत्साह था। वर्ष 2007/8 आते-आते लोगों को यह महसूस होने लगा कि एबीएल का क्रियान्वयन उनकी परिकल्पना से अधिक कठिन था। वर्ष 2008 तक, कई क्षेत्र के अध्यापकों ने हार मान ली और अधिक पारंपरिक विधियों की ओर लौट गए। ‘उच्च अपेक्षाएं’ और उत्साह, ‘निराशा’ के गर्त में जा गिरे।
सभी विद्यालयों के सभी अध्यापकों को बदलने की आवश्यकता रखने वाले कार्यक्रम का क्रियान्वयन अत्यधिक महत्वाकांक्षी कार्य है। टिकाऊ परिवर्तन धीरे-धीरे ही होता है और उसमें उसके क्रियान्वयन हेतु जिम्मेदार लोगों का शामिल होना आवश्यक होता है।
TESS-India की सामग्रियां – जो मुक्त रूप से ऑनलाइन उपलब्ध हैं – अध्यापकों को वे छोटे-छोटे परिवर्तन करने में मदद करेंगी जिनसे उनकी कक्षाओं में सुधार आएंगे। ये वीडियो भारत की कक्षाओं में भागीदारीपूर्ण अध्यापन पद्धतियों को सक्रिय रूप में दिखाते हैं। इन संसाधनों से आपको और आपके अध्यापकों को अध्यापन एवं ज्ञानार्जन में वास्तविक सुधार लाने के लिए ‘डुबकी’ से आगे जाने में मदद मिलेगी।
OpenLearn - नेतृत्व के परिप्रेक्ष्य: आपके विद्यालय में बदलाव का कार्यान्वयन करना Except for third party materials and otherwise, this content is made available under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-ShareAlike 4.0 Licence, full copyright detail can be found in the acknowledgements section. Please see full copyright statement for details.