भविष्य में इंटरनेट तथा कम्प्यूटर्स एवं अन्य उपकरणों की उपलब्धता में सुधार होने की पूर्ण संभावना है। साथ ही, और भी अधिक शिक्षकों व छात्रों के पास विद्यालय के बाहर प्रौद्योगिकी की उपलब्धता होगी। एक विद्यालय नेता के रूप में आपकी भूमिका यह सुनिश्चित करने की होगी कि आपके विद्यालय में छात्रों के पास उन प्रौद्योगिकियों की उपलब्धता हो, जिनकी आवश्यकता आपको अपने शैक्षिक लक्ष्य पूर्ण करने के लिए है।
एक आम गलती यह होती है कि अक्सर लोग प्रौद्योगिकी पर अधिक ध्यान केन्द्रित करते हैं, जबकि इस पर ध्यान नहीं देते हैं कि उन्हें उसका क्या उपयोग करना है, तथा कम्प्यूटर उपकरण के रखरखाव की व्यावहारिक कठिनाईयों को वास्तविकता से कम आंकते हैं। अपनी शैक्षिक प्राथमिकताओं के बारे में स्पष्ट रहने से आप ऐसी प्रौद्योगिकी का चयन करने में सक्षम होंगे, जो कि उन प्राथमिकताओं को पूर्ण करने में आपके लिए अधिकतम संभव सहायक होंगी।
श्री अग्रवाल ने हाल ही में एक नए विद्यालय में कार्य करना आरंभ किया है। उन्हें वहां पर जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा नियुक्त किया गया , व बताया गया कि विद्यालय कम्प्यूटरों से अच्छी तरह सुसज्जित है।
मैं एक नए विद्यालय में कार्य आरंभ करने के बारे में बहुत रोमांचित था। मुझे बताया गया था कि उनके पास 25 लैपटॉप कम्प्यूटर हैं, छात्र जिनका पयोग पाठ में कर सकते हैं! लेकिन, पहुंचने पर मुझे पता चला कि लैपटॉप एक तालाबंद आलमारी में थे, तथा कुछ समय से उन्हें किसी ने भी प्रयोग नहीं किया था। आलमारी की केवल एक ही चाभी थी, जो कि विद्यालय नेता के कार्यालय में थी। विद्यालय नेता के बाहर होने पर किसी भी व्यक्ति को चाभी नहीं मिल सकती थी। ।
कम्प्यूटर्स पुराने एवं धीमे थे। उनमें से किसी में माउस नहीं थे, अथवा कुंजीपटल क्षतिग्रस्त थे, अथवा चार्जर गुम थे। काम करने वाले लैपटॉपों में माईक्रोसॉफ्ट वर्ड, एक्सेल, तथा पॉवरप्वाइंट एवं एक सीडी डाª इव थी। वहां पर शैक्षिक सॉफ्टवेयर वाली कुछ सीडियां थीं, लेकिन कम्यूटर का आपस में नेटवर्क नहीं था, जिसके कारण प्रत्येक कम्प्यूटर पर सीडियों को अलग-अलग लोड करना पड़ता था। कुछ सीडियों के लाइसेंस कोड नम्बर खो गए थे, इसलिए उन सीडियों को खोला भी नहीं जा सका। कुछ बड़े बच्चों को लैपटॉप प्रयोग करने की बात याद थी, लेकिन उन्होंने मुझे बताया कि उन्हें ज्यादा कुछ नहीं पता क्योंकि शिक्षक को ही कम्प्यूटर चलाने के बारे में वास्तव में समझ नहीं थी।
शायद यह बहुत असामान्य बात नहीं है: विद्यालय में कम्प्यूटर्स के रखरखाव एवं समर्थ की योजना बहुत सोच-विचार कर नहीं बनाई गई थी। उपकरण तो अपनी देखरेख स्वयं कर नहीं सकते, और उपयोगकर्ताओं को उपयोग करना अपने आप नहीं आता। रखरखाव एवं समर्थन के बारे में और अधिक परामर्श के लिए संसाधन 4 को देखे।
एक सहकर्मी के साथ काम करते हुए नीचे तालिका 1 को पूर्ण करें। इस अभ्यास का उद्देश्य आपको स्वयं प्रौद्योगिकी के बजाय प्रौद्योगिकी के शैक्षिक लाभों पर ध्यान केन्द्रित करने के लिए प्रोत्साहित करना है।
शैक्षिक परिणाम | प्रौद्योगिकी किस प्रकार से सहायता कर सकती है? कौन सी प्रौद्योगिकी की आवश्यकता होगी? |
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शिक्षक अपने पाठ में और अधिक सहभागी दृष्टिकोण विकसित करें | |
शिक्षक स्वयं को छात्रों की अध्ययन यात्रा में उनके सीखने, मार्गदर्शन, एवं सहायता करने के अनुदेशक के रूप में देखें। | |
शिक्षक स्वयं को एक शिक्षार्थी के रूप में देखें, व अपने पेशेवर विकास का नियंत्रण हाथ में लेने में रूचि लें | |
छात्र कम्प्यूटर्स के बारे में आधारभूत बातें सीखें: इसे चालू करना, फाइल प्रबन्धन, दस्तावेज तथा प्रस्तुतियाँ बनाना | |
छात्र इंटरनेट पर खोज करने, सूचना का पता लगाने तथा भविष्य के उपयोग हेतु उसे भंडारित करने के बारे में सीखें | |
छात्र ईमेल संदेश भेजने तथा सोशल मीडिया पर जुड़ने के बारे में सीखें | |
शिक्षकों के पास शैक्षिक सॉफ्टवेयर जैसे कि अनुकरण उपलब्ध हैं | |
शिक्षकों के पास ऐसे संसाधन उपलब्ध हैं जो कि उनके पाठ में नई जान डालेंगे, जैसे कि यूट्यूब वीडियो, फिल्मों के क्लिप्स, समाचार रिपोर्ट्स, अथवा फोटोग्राफ। | |
श्रीमती नागाराजू एक छोटे ग्रामीण माध्यमिक विद्यालय की विद्यालय नेता हैं। उनका एक भूतपूर्व छात्र , एक सफल व्यवसाय चलाने के द्वारा धन अर्जन करने के पश्चात हाल ही में गांव में आया। वह श्रीमती नागाराजू से मिलने आया।
पिछले सप्ताह मेरी मुलाकात एक भूतपूर्व छात्र से हुई। उसने मुझे विद्यालय छोड़ने के पश्चात किए गए कार्यों के बारे में बताया: उसने एक व्यवसाय स्थापित किया, जिसे हाल ही में एक बड़े श्रृंखलाबद्ध व्यवसाय द्वारा अधिग्रहित कर लिया गया, तथा उसने बहुत सारा पैसा कमाया। वह विद्यालय को कुछ वापस लौटाने को इच्छुक था, तथा वह विद्यालय में छात्रों के उपयोग हेतु 20 कम्प्यूटर वाला एक समर्पित कम्प्यूटर कक्ष स्थापित करने का प्रस्ताव लेकर आया था।
मैं स्वयं को अकृतज्ञ नहीं दर्शाना चाहता था, लेकिन मेरा दिल बैठ गया। मेरे पास केवल आठ शिक्षक हैं तथा मुझे पता है कि उनमें से किसी के भी पास उस कम्प्यूटर कक्ष की देखभाल करने का ज्ञान अथवा कौशल नहीं था, तथा उनमें कुछ लोग स्वयं ही कम्प्यूटर उपयोग करने में सक्षम नहीं होंगे। हमारे पास शैक्षिक सॉफ्टवेयर खरीदने के संसाधन नहीं थे, और अगर हमारे पास होता भी तो उसका सही उपयोग करने के लिए हमें कम्प्यूटर को ठीक से नेटवर्क किए जाने की आवश्यकता होती। मैं कुछ लैपटॉप, प्रोजेक्टर्स तथा वाईफाई कनेक्शन चाहता था, लेकिन वह भूतपर्वू छात्र विद्यालय में अपने नाम पर एक प्रौद्योगिकी कक्ष स्थापित करने का इच्छुक था – ‘दि लाल तॉनी कम्प्यूटर कक्ष’।
मैने उसे उसके प्रस्ताव के लिए धन्यवाद दिया, तथा अगले दिन फिर आने के लिए आमंत्रित किया। मैंने कहा कि मुझे लॉजिस्टिक्स के बारे में सोचने तथा इस असाधारण प्रस्ताव के बारे में शिक्षकों को बताने के लिए कुछ समय चाहिए। श्री चड्ढा कक्षा 9 को पढ़ाते थे, तथा उनके बारे में मुझे पता था कि वे शहर में होने पर अपने फोन पर इंटरनेट का प्रयोग करते हैं। मेरे पास एक लैपटॉप है। मैं श्री चड्ढा से मिला तथा हमने एक योजना बनायी। श्री चड्ढा परमाणु संरचना के बारे में पढ़ा रहे थे, इसलिए हम लोग शाम को शहर में एक मित्र के घर पर गए जिसके पास वाईफाई कनेक्शन था। हमने वेबसाइट से “पॉवर ऑफ टेन” नामक एक फिल्म डाउनलोड की, जो कि छात्रों को परमाणु एवं नाभिक के सापेक्षिक आकारों को समझने में सहायता करती है।
अगले दिन श्री चड्ढा ने कक्षा 9 को पढ़ाते समय फिल्म दिखाने के लिए मेरे लैपटॉप का प्रयोग किया। छात्रगण बहुत ही चकित तथा प्रसन्न थे! छात्रों को फर्श पर बैठना पड़ा, लेकिन अधिकांश लोग देख सकते थे कि कमरे में एक वास्तविक “रोमांच” था। मैने लाल को भी कक्षा में बुलाया तथा वह बहुत ही प्रभावित हुआ। इसके कारण मैं उसे यह समझा सका कि मैं प्रत्येक शिक्षक के लिए एक लैपटॉप, एक प्रोजेक्टर तथा एक वाईफाई अथवा टैबलेट्स का एक सेट चाहता हूं, जिसमें हम शैक्षिक एप्लीकेशन्स लोड कर सकें। मैने उसे सुझाव दिया कि सारा पैसा एक बार में व्यय करने के बजाय, वह उपकरण पर कुछ पैसा खर्च करे, और फिर वह पांच वर्ष के लिए वाईफाई का भुगतान करने के लिए तैयार हो गया। मैने उसे सुझाव दिया कि हम उसके द्वारा विद्यालय को दिए जाने वाले अनुदान के लिए विद्यालय प्रवेश के समीप एक प्लाक लगाकर उसे धन्यवाद व्यक्त करेंगे।
गतिविधि 5 तथा वृत्त अध्ययन 6 ने इस तथ्य पर प्रकाश डाला होगा कि चुनी जाने वाली प्रौद्योगिकी हमारे वांछित शैक्षिक परिणामों पर आधारित होना महत्वपूर्ण है। कभी-कभी एक सरल सा विकल्प जैसे कि एक लैपटॉप तथा एक प्रोजेक्टर, छात्रों पर, एक कक्षा को लैपटॉपों का सेट देने से कहीं अधिक प्रभाव डाल सकता है। टैबलेट्स के मूल्य में कमी आने के कारण वे बहुत से लाभ प्रदान कर सकते हैं। साथ ही, स्थानीय पहलें सापेक्षिक तौर पर कम लागत पर उपयोगी प्रौद्योगिकी निर्मित कर सकती हैं।
इस गतिविधि के लिए आपको इंटरनेट का प्रयोग करने की आवश्यकता है ताकि आप डिजिटल समावेशन के बारे में विनय वेंकटरमन की प्रस्तुति देख सकें (http://www.ted.com/talks/vinay_venkatraman_technology_crafts_for_the_digitally_underserved). TED वेबसाइट पर संसाधन उस खुली विषय-सामग्री के उदाहरण हैं जिनका प्रयोग आप अपने स्वयं के विकास या प्रशिक्षण के उद्देश्य से या छात्रों में नई सोच का विस्तार व नए दृष्टिकोण विकसित करने के लिए भी, कर सकते हैं। TED वार्ताएं सामान्यतः सुचिंतित रूप से प्रेरणादायक व उत्तेजक होती हैं और इस प्रकार चिंतन को भरपूर सामग्री प्रदान करती हैं।
![]() विचार के लिए रुकें गतिविधि 6 के वीडियो के लिए आपकी प्रतिक्रिया क्या है? अपने स्थानीय समुदाय के बारे में सोचते हुए, क्या कोई ऐसा है जो आईसीटी के आस-पास के मुद्दों में से कुछ के लिए सरल समाधानों का विकास करने में आपकी मदद कर सके? यहाँ आप बीआरसीके के बारे में अधिक जानकारी ले सकते हैं: https://www.kickstarter.com/projects/1776324009/brck-your-backup-generator-for-the-internet |
अंतिम वृत्त अध्ययन प्रौद्योगिकी की शिक्षा के कुछ लाभों पर, और साथ ही उन लाभों को साकार करने में शिक्षकों की भूमिका पर प्रकाश डालता है।
यह परियोजना नवम्बर 2005 में शुरु की गई थी। पांचवीं, छठी और सातवीं कक्षा के छात्रों को अपनी पसंद के विषय पर एक कंप्यूटर आधारित वीडियो प्रस्तुति बनाने का अवसर दिया गया।
आवश्यकता के अनुरूप प्रत्येक समूह की सहायता करने के लिए, शिक्षकों ने कार्य में सुगमकर्ता की भूमिका निभाई। प्रत्येक स्थानीय विषय-सामग्री विकास परियोजना के लिए छात्रों को एक ‘अनुभवी परामर्शदाता’ दिया गया था – समुदाय से एक विशेषज्ञ। इस प्रयास में गांव के लोगों को शामिल करने के विचार से विद्यालय में विद्या समितियाँ गठित की गई थीं। एक यंग इंडिया फैलो (वाईआईएफ) को भी, उपलब्ध होने पर, टीमों को सहायता देने की दृष्टि से शामिल किया गया था। प्रत्येक समूह को वेबकैम तथा एमएस पेंट व पॉवर-प्वॉइंट जैसी एप्लीकेशंस की सुविधाएं मिली हुई थीं।
छात्रों ने प्रारूप को डिज़ाइन किया, आवश्यक जानकारी एकत्र की और कंप्यूटर पर टैक्स्ट तैयार किया।
परियोजना तीन विद्यालयों में चलाई गई। यह एक विद्यालय में बहुत अधिक सफल थी, मुख्यतः क्योंकि:
छात्रों को एक यथार्थ विकल्प दिया गया था और बाद के विषय उनकी अपनी पसंद के थे
विद्यालयों में से एक में, चुने हुए विषय पाठ्यपुस्तकों से थे और प्रस्तुत की गई जानकारी का विस्तार पाठ्यपुस्तकों की सीमा से बहुत अधिक बाहर नहीं जा पाया।
कुल मिलाकर, परियोजना को सफल माना गया और वह छात्रों के किए अत्यंत प्रेरक रही। प्रस्तुतियों को अन्य छात्रों के लिए उपलब्ध किया जाएगा – जो एनसीएफ 2005 के उद्देश्यों में से एक को पूरा करेगा कि ज्ञान सृजन में छात्रों को शामिल किया जाना चाहिए।
हालांकि, एक निष्कर्ष यह था कि शिक्षक और विद्या कमेटी को यह दिशा-निर्देश दिए जाने आवश्यक थे कि वास्तव में बच्चों पर हावी हुए बिना और उनकी जिज्ञासा व रचनात्मकता का दम घोंटने के स्थान पर बच्चों के प्रयासों में मदद देनी चाहिए थी।
(आप इस परियोजना का विस्तृत विवरण यहाँ पढ़ सकते हैं: http://www.azimpremjifoundation.org/pdf/LocalContent.pdf.)
OpenLearn - सीखने-सिखाने की प्रक्रिया का परिवर्तन: आपके विद्यालय में प्रौध्योगिकी के इस्तेमाल का नेतृत्व करना Except for third party materials and otherwise, this content is made available under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-ShareAlike 4.0 Licence, full copyright detail can be found in the acknowledgements section. Please see full copyright statement for details.