यह इकाई आपके विद्यालय के लिए एक परिकल्पना विकसित करने और उसे लागू करने के बारे में है। सुनील बत्रा (RET-2011) विचार करते हैं कि भारत में, ‘विद्यालय कभी कभार ही अपनी परिकल्पना की कल्पना करते या उसे स्पष्ट करते हैं’ ।
यह विचार संभवतः इस तथ्य पर आधारित है कि पूर्वकाल में विद्यालय जिला शिक्षा कार्यालय द्वारा नियंत्रित होते थे। शिक्षा का अधिकार कानून (RET-2011) की एक स्पष्ट आकांक्षा है कि विद्यालयों को अधिक स्वायत्तशासी बनना चाहिए, अपने सतत सुधार के लिए जिम्मेदारी लेनी चाहिए और स्थानीय समुदाय के लिए प्रतिक्रियाशील होना चाहिए। विद्यालय प्रबंधन कमेटियों (SMCs) की स्थापना और यह आवश्यकता कि सभी विद्यालयों में ‘विद्यालय विकास योजना’ (SDP) हो, का उद्देश्य उनकी इस आकांक्षा में सहायता करना है।
बत्रा आगे सलाह देते हैं कि ‘लोगों या समुदाय के विकास के एक नैतिक उद्देश्य से कार्य करने के लिए किसी अंतदृर्ष्टि परिकल्पना, ध्येय या लक्ष्य न होना एक शून्य में कार्य करने के समान है’।
परिकल्पना की शक्ति इस कहानी में देखी गई है: एक राजमिस्त्री एक मंदिर के प्रवेशद्वार के शीर्ष पर रखने के लिए एक बड़े पत्थर को आकार दे रहा था और उससे एक आंगतुक ने पूछा, ‘तुम क्या कर रहे हो?’ उत्तर तुरंत और अप्रत्याशित था: ‘मैं ईश्वर की प्रतिष्ठा में एक मंदिर बनाने में सहायता कर रहा हूं।’ राजमिस्त्री ने अपने कार्यों, पत्थर के चयन, अपने कौशल या किन्हीं और मुद्दों का विवरण नहीं किया – इसके बजाय उसने उद्देश्य, और उस जुनून का विवरण दिया जिसने उसे और उसके समुदाय को एक भव्य मंदिर की परिकल्पना को साकार करने के लिए प्रेरित किया था। परिकल्पना ने उसे एक गुणवत्ता वाली चीज बनाने के लिए दल के एक सदस्य के तौर पर कार्य करने की ऊर्जा, गौरव और प्रतिबद्धता दी थी। किसी ऐसी चीज के लिए प्रयास करने की चुनौती जो शायद हमेशा पहुंच से बाहर हो समुदायों को कहीं अधिक प्राप्त करने को प्रेरित करती है जो अन्यथा नहीं हो सकता।
एक विद्यालय प्रमुख के तौर पर, अपने विद्यालय के लिए एक परिकल्पना बनाना आपकी जिम्मेदारी है। परिकल्पना को विद्यालय के विशेष संदर्भ, और साथ ही विद्यालय और विस्तृत समुदाय दोनों की आवश्यक्ताओं और आकांक्षाओं के अनुरूप आकार देने की आवश्यकता होती है। इसका डिजाइन विद्यालय की सांस्कृतिक पहचान और उसके विद्यार्थियों और उनके परिवारों के गुणों को करने से युक्त होना चाहिए।
इस इकाई में आप एक अच्छा परिकल्पना वक्तव्य कैसे बनता है, अंतदृर्ष्टि की साझेदारी और उसे परिकल्पना कैसे कार्यवाही में बदलती है, इस पर विचार करेंगे।
इस इकाई में काम करते समय आपसे अपनी सीखने की डायरी में नोट्स बनाने को कहा जाएगा। यह डायरी एक किताब या फोल्डर है जहाँ आप अपने विचारों और योजनाओं को एकत्र करके रखते हैं। संभवतः आपने अपनी डायरी शुरू कर भी ली है।
इस इकाई में आप अकेले काम कर सकते हैं, लेकिन यदि आप अपने सीखने की चर्चा किसी अन्य विद्यालय प्रमुख के साथ कर सकें तो आप और भी अधिक सीखेंगे। यह कोई सहकर्मी हो सकता है जिसके साथ आप पहले से सहयोग करते आ रहे हैं, या कोई व्यक्ति जिसके साथ आप नए संबध का निर्माण करना चाहते हैं। इसे नियोजित ढंग से या अधिक अनौपचारिक आधार पर किया जा सकता है। आपकी सीखने की डायरी में बनाए गए आपके नोट्स इस प्रकार की बैठकों के लिए उपयोगी होंगे, और साथ ही आपकी शिक्षण-प्रक्रिया और विकास का दीर्घावधिक प्रतिचित्रण भी करेंगे।
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