समग्र.कक्षा पठन दिनचर्याएं

1 जब आप पढ़ते हैं तब प्रश्न पूछना

छात्र जो कुछ पढ़ रहे होते हैं उसके बारे में उनकी समझ को गहरा करने में उनकी मदद करने का एक तरीका यह है कि जब वे पढ़ रहे हों तब पाठ के विषय में अपने आप से प्रश्न पूछने के लिए उन्हें प्रोत्साहित किया जाय।

ऐसे प्रश्न जिन्हें छात्र अपने आप से पूछ सकते हैं मोटे तौर पर दो प्रकार के होते हैं: तथ्यात्मक और आनुमानिक। तथ्यात्मक प्रश्नों के उत्तरों को पाठ में आसानी से पाया जा सकता है। इस प्रकार के प्रश्न आम तौर पर ‘what’, ‘who’, ‘where’, ‘how many’ और ‘when’ जैसे शब्दों से शुरू होते हैं।

आनुमानिक प्रश्न पाठकों से उन्होंने जो कुछ पढ़ा है उसके आधार पर निष्कर्ष निकालने को कहते हैं। इन प्रश्नों के उत्तर पाठ में स्पष्टतया घोषित नहीं होते हैं। इस प्रकार के प्रश्नों का उत्तर देने के लिए आपको अधिक गहरा सोचने तथा पाठ में जो कुछ दिया गया है और दुनिया के बारे में आपके ज्ञान के बीच संबंध स्थापित करने की जरूरत पड़ती है। इस प्रकार के प्रश्न निम्न प्रकार के शब्दों और वाक्यांशों से शुरू होते हैं:

  • ‘What do you think …?’
  • ‘Why do you think …?’
  • ‘How do you know …?’
  • ‘What if …?’

इन प्रश्नों के उत्तर हमेशा ही सही या गलत नहीं होते हैं। इस प्रकार के प्रश्न छात्रों को पाठ के साथ अधिक संलग्न होने, और उन्हें अधिक आलोचनात्मक ढंग से सोचने को प्रेरित करते हैं। (इस प्रकार के प्रश्नों के उदाहरणों के लिए देखें संसाधन 1, ‘चिंतन को प्रोत्साहित करने के लिए प्रश्न पूछने का उपयोग करना’।)

यह सुनने के लिए कि एक शिक्षक छात्रों द्वारा उत्पन्न प्रश्नों का उपयोग पठन कार्य में कैसे करता है केस स्टडी 1 पढ़ें।

केस स्टटी 1: श्री चक्रतोदी पाठ के बारे में अलग अलग प्रकार के प्रश्न पूछने में अपने छात्रों की मदद करते हैं।

श्री चक्रतोदी माध्यमिक सरकारी विद्यालय में अंग्रेजी पढ़ाते हैं। उन्होंने प्रयास किया कि उनके छात्र पढ़ते समय प्रश्न पूछें।

जब हम पाठ्यपुस्तक के एक अध्याय पर काम कर रहे थे [Central Board of Secondary Education, 2011a], मैंने गद्यांश – ‘Mr Sunday Nana, his wife and four small children live in Koko Village, Nigeria’ – की पहली पंक्ति पढ़ी और उनसे वे प्रश्न सोचने को कहा जो वे उसके विषय में पूछ सकते थे:

फिर मैंने अगली पंक्ति पढ़ी: ‘The village is like any other African village – picturesque, colourful and noisy.’

मैंने छात्रों से पूछा कि उनके पिछले प्रश्नों में से किसी का उत्तर दिया गया है या नहीं और उन्होंने कहा कि अब उनके पास गाँव के विषय में कुछ अधिक जानकारी है। तब मैंने उनसे दूसरे वाक्य के बारे में कुछ और प्रश्न सोचने को कहा ।

मैंने छात्रों से गद्यांश को पढ़ने और उसे पढ़ते समय उनके मन में आए प्रश्नों को नोट करते हुए अगले 15 मिनट बिताने को कहा। जब वे काम कर रहे थे तब मैंने कमरे में चक्कर लगाया और उन छात्रों की सहायता की जिन्हें कठिनाई हो रही थी। छात्रों द्वारा पूछे जा रहे प्रश्नों को देखना रोचक था, और इससे मुझे यह देखने में भी मदद मिली कि किन छात्रों को पाठ की बेहतर समझ थी।

गतिविधि 1: पाठ के बारे में प्रश्न पूछने में अपने छात्रों की मदद करना

केस स्टडी 1 में, शिक्षक ने छात्रों से पाठ्यपुस्तक के एक गद्यांश को पढ़ते समय अलग अलग प्रकार के प्रश्नों को नोट करने को कहा। अपने छात्रों के साथ यह गतिविधि करने के लिए इन चरणों का पालन करें:

  • कक्षा के शुरू होने से पहले, कोई अध्याय या किसी अध्याय का अंश चुनें। यह किसी भी तरह का गद्यांश हो सकता है, जैसे कोई साहित्यिक पाठ, यात्रा-विवरण या तथ्यात्मक पाठ। यह पाठ्यपुस्तक का अगला अध्याय, या सप्लीमेन्ट्री रीडर का गद्यांश हो सकता है।
  • कक्षा में, अपने छात्रों से ऐसे शब्द या वाक्यांश बोलने के लिए कहें जिनका उपयोग प्रश्नों के आरंभ में किया जा सकता है (यदि आवश्यक हो तो उदाहरण देते हुए)। सुझावों को ब्लैकबोर्ड पर दो कालमों में लिखें, जैसे तालिका 1 में दर्शाया गया है।

तालिका 1 ऐसे शब्दों या वाक्यांशों के उदाहरण जिनका उपयोग प्रश्नों के आरंभ में किया जा सकता है।

Factual Inferential
What …? How …?
Where …? How do you know …?
When …? What if …?
Who …? What do you think …?
Which …? Why do you think …?
How many/much/often …? Can you tell me more about …?
  • छात्रों से चयनित पाठ (या पाठ के अंश) को वैयक्तिक रूप से और मौन होकर पढ़ने को कहें। जब वे पढ़ें, तब उन्हें अपने मन में पाठ के बारे में आने वाले प्रश्नों को नोट करना चाहिए। केस स्टडी 1 की तरह, पहली कुछ पंक्तियाँ पढ़ें और कुछ उदाहरण दें।
  • उन्हें जितने संभव हों उतने प्रश्न नोट करने के लिए दस मिनट दें। जब वे काम कर रहे हों, कमरे में घूमें और जहाँ आवश्यक हो वहाँ किसी भी छात्र की मदद करें।
  • दस मिनट बाद, छात्रों से लिखना बंद करने को कहें और प्रश्नों के कुछ उदाहरण माँगें। उन्हें ब्लैकबोर्ड पर लिखें।
    • प्रश्नों को पढ़ें और छात्रों से पूछें:
    • कौन से प्रश्नों का उत्तर देना अधिक आसान हैं? क्यों?
    • कौन से प्रश्नों का उत्तर देना अधिक कठिन हैं? क्यों?
    • क्या किन्हीं प्रश्नों का उत्तर देना असंभव है?
    • क्या इस प्रकार के प्रश्न अध्याय को समझने में आपकी मदद करते हैं? क्यों (नहीं)?

विचार के लिए रुकें

यहाँ इस गतिविधि का प्रयोग करने के बाद आपके विचार करने के लिए कुछ प्रश्न दिए गए हैं। यदि संभव हो, तो इन प्रश्नों पर किसी सहकर्मी के साथ चर्चा करें।

  • आपके छात्रों ने किस प्रकार के प्रश्न लिखे? क्या वे अधिकतर तथ्यात्मक थे या अनुमान सम्बन्धी?
  • क्या प्रश्न पूछने से पाठ के साथ आपके छात्रों की संलग्नता में सुधार हुआ?
  • अगली बार आप अलग ढंग से क्या करेंगे?

छात्रों को इस प्रकार की गतिविधि शुरू में कठिन लग सकती है यदि वे इसके आदी नहीं हैं। अभ्यास से वे कई तरह के प्रश्न पूछने में सक्षम होंगे और इससे उनकी सृजनात्मकता और महत्वपूर्ण चिंतन कौशलों का विकास होगा।