एक पाठक होने के कई लाभ हैं। पठन मानसिक रूप से प्रेरक होता है। इससे ज्ञान, जागरुकता और समझ बढ़ती है। इससे सुनने और बोलने का कौशल बढ़ता है और यह अच्छी तरह लिखने की क्षमता पर भी प्रभाव डालता है। जो छात्र अच्छी तरह पढ़ना नहीं सीखते, उन्हें सीखने के उपलब्ध अवसरों से जुड़ने में भी कठिनाई होती है और इस बात का जोखिम भी रहता है कि वे पीछे न छूट जाएँ।
यदि हमें किसी विशिष्ट गतिविधि में आनंद मिलता है, तो हम उसे बार-बार करने के मौके ढूँढेंगे। हम उस गतिविधि में जितना ज्यादा शामिल होते हैं, उसमें उतने ही बेहतर होते जाते हैं। यह बात पठन पर भी उतनी ही अच्छी तरह लागू होती है जितना किसी अन्य कौशल के लिए। अपने छात्रों को एक आनंददायक तरीके से पढ़ने का अनुभव लेने के ज्यादा से ज्यादा अवसर देकर, आप उन्हें जीवन पर्यन्त, एक आत्मविश्वास से युक्त पाठक बनने की राह पर आगे बढ़ा सकते हैं।
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