छात्रों को विभिन्न जानकारी-आधारित पाठों के लिए अपेक्षित पठन रणनीतियाँ सीखने की ज़रूरत है। उन्हें जानकारी के लिए पढ़ने का अभ्यास करने के लिए अवसर, और पठित विषय पर विचार-विमर्श करने की ज़रूरत है, ताकि जिन नई भाषाओं और अवधारणाओं से उनका सामना हुआ है, उन्हें वे आत्मसात कर सकें।
श्री गौरव फैज़ाबाद में आठवीं कक्षा के शिक्षक हैं। यहाँ वे वर्णित करते हैं कि किस प्रकार उन्होंने जानकारी-आधारित पाठों को ज़ोर से पढ़ते हुए कक्षा में अपने छात्रों के विविध पठन कौशल को विस्तृत करने का प्रयास किया।
मैं अक्सर अपने छात्रों को ज़ोर से पढ़ कर सुनाता हूँ, लेकिन कहानी या कविता के बजाय, कभी-कभी मैं अख़बार के किसी ऐसे छोटे आलेख को चुनता हूँ, जो मेरे विचार में उनके लिए दिलचस्प हो सकता है। मेरे विचार में विविध प्रकार के लिखित पाठों को सुनना उनके लिए उपयोगी हो सकता है। वे जिस दुनिया में जी रहे हैं, उसके बारे में भी यह जानकारी देता है।
पिछले महीने, मैंने जानवरों पर कॉस्मेटिक परीक्षण के विषय के परिचय से शुरुआत की और अपने छात्रों से पूछा कि वे इसके बारे में क्या जानते हैं। मैंने इस परिचयात्मक चर्चा में प्रयुक्त कुछ प्रमुख शब्दों को ब्लैकबोर्ड पर लिखा। फिर मैंने अपने छात्रों से कहा कि वे निम्नलिखित प्रश्न को मन में रखते हुए मुझे आलेख [संसाधन 1 में] पढ़ते हुए सुनें: ‘आलेख किसके बारे में है?’ फिर मैंने ‘अनुकंपा’, ‘अनगिनत’, ‘आउटसोर्सिंग’ और ‘अधिकार-क्षेत्र’ जैसी किन्हीं अपरिचित शब्दावली को समझाने के लिए रुकते हुए, धीरे-धीरे आलेख पढ़ा। शब्दों को ब्लैकबोर्ड पर लिखते हुए मैंने पूछा कि क्या कोई उनका मतलब समझा सकता है।
जब मैंने ख़त्म कर लिया, तो मैंने छात्रों से जोड़ों में संक्षेप में इस बात पर चर्चा करने के लिए कहा कि उनके विचार में आलेख किस विषय से संबंधित था। संक्षिप्त प्रतिक्रिया सत्र के बाद, मैंने ब्लैकबोर्ड पर तीन अधिक ध्यान केंद्रित प्रश्न लिखे:
‘क्या आपको लगता है कि यह प्रतिबंध एक सकारात्मक क़दम है? क्यों या क्यों नहीं?’
मैंने छात्रों के दो जोड़ों को एक साथ रखा और चार छात्रों के प्रत्येक समूह से कहा कि वे मेरे द्वारा पुनः आलेख पढ़ते समय सूचीबद्ध किसी एक प्रश्न पर विचार करें। जब उन्होंने प्रश्न पर चर्चा समाप्त की, तो मैंने किसी से स्वेच्छा से अपने एक वालंटीयर से उनके विचारों को शेष कक्षा के समक्ष प्रस्तुत करने के लिए कहा।
तब से, मैंने विभिन्न आलेखों के उपयोग द्वारा इस गतिविधि में विविधता पैदा की, और अपने छात्रों को दूसरी बार स्वयं पढ़ते हुए उपर्युक्त प्रश्नों के बारे में विचार करने का मौक़ा दिया। मैंने अपने द्वारा पूर्वानुमान लगाने के बजाय, उन्हें न समझ में आने वाले किन्हीं शब्दों या अभिव्यक्तियों को नोट करने के लिए प्रोत्साहित किया। मैंने एक बार ज़ोर से पढ़ने और उनके द्वारा उस पर प्रारंभिक चर्चा करने के बाद पाठ की प्रतिलिपि अपने छात्रों को देना भी शुरू किया। फिर वे प्रश्नों पर विचार करने से पहले स्वयं ध्यानपूर्वक पढ़ने लगे।
मैं आम तौर पर पठन गतिविधि के बाद अपने छात्रों से अपने शब्दों में लेख लिखने, या किसी निबंध में चर्चित मुद्दों पर अपने विचार समझाने के लिए कहता हूँ।
आप संसाधन 2 में सामूहिक कार्य के फ़ायदे के बारे में अधिक जान सकते हैं।
अब गतिविधि 2 का प्रयास करें।
केस स्टडी 1 को निर्देशिका के रूप में लेते हुए, अपनी कक्षा में ज़ोर से पढ़ कर सुनाने के लिए किसी अख़बार या पत्रिका का छोटा आलेख चुनें। तय करें कि वह आपकी पाठ योजना में किस प्रकार फ़िट होगा। आप इस समय पढ़ाये जाने वाले किसी एक विषय से उसे किस प्रकार जोड़ सकते हैं? अपने साथियों से अपने विचारों पर चर्चा करें।
इसे पढ़ने से पहले किन्हीं अपरिचित शब्दों और वाक्यांशों का अर्थ समझाएँ।
जब आपके छात्र आश्वस्त हो जाएँ, तब स्वयं पुनः आलेख पढ़ने के बजाय, उन्हें जोड़ों या छोटे समूहों में पढ़ने के लिए अवतरण की एक प्रति दे।
किसी और दिन वर्तनी या समझ की परीक्षा में शामिल किए जाने योग्य शब्दों और वाक्यांशों को आप नोट करें।
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