‘यह अच्छी तरह स्वीकार किया गया है कि सूचना और संचार प्रौद्योगिकियों (आईसीटी) में बच्चों के, शिक्षकों के, या शिक्षक शिक्षाविशारदों के, और अन्य के शिक्षण पर प्रभाव डालने की अपार क्षमता होती है और वे हमारे देश में शैक्षिक व्यवस्था के सामने आने वाली चुनौतियों में से कुछ को कम करने के नए और अधिक प्रभावी रास्ते उपलब्ध कराती हैं।’
(सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ एजुकेशनल टेक्नोलॉजी, 2013)
बहुत से विद्यालय नेता अपने विद्यालय में कंप्यूटर उपलब्ध कराने और छात्रों से उनको सीखने में सहायता के लिए उनका उपयोग करने की आकांक्षा रखते हैं। अन्यों ने कंप्यूटरों के बारे में सुना होगा लेकिन उन्होंने शायद उनके साथ स्वयं कभी वास्तव में कार्य नहीं किया होगा। इस इकाई का उद्देश्य आपको अपने विद्यालय में उपलब्ध प्रौद्योगिकी का अधिक से अधिक उपयोग करने में सहायता करना है, यहाँ तक कि आपके पास कंप्यूटर न हों तब भी। उद्देश्य यह है कि आपके शिक्षक प्रेरणा और सही कौशलों के साथ उस प्रौद्योगिकी का उपयोग करने में सक्षम हों जो उपलब्ध है। विद्यालय नेता के तौर पर, आपको एक प्रौद्योगिकी विशेषज्ञ बनने की आवश्यकता नहीं है, (वैसे आपको मूल कौशल विकसित करने से लाभ होगा) लेकिन आपको शिक्षण और सीखने में सहायता के उद्देश्य से आईसीटी के लिए एक परिकल्पना उपलब्ध करानी चाहिए, और ऐसा वातावरण बनाना चाहिए जिसमें आपके शिक्षक इस संभावना को अपनाएं।
यह इकाई उन कुछ तरीकों पर प्रकाश डालेगी जिनसे प्रौद्योगिकी छात्रों के सीखने और शिक्षकों के लिए इसके निहितार्थों में सहायता कर सकती है। सीखने में सहायता के लिए आईसीटी के उपयोग के लिए शिक्षकों से नए शैक्षणिक कौशलों की आवश्यकता है: इंटरनेट ज्ञान के कई स्रोतों तक विस्तृत पहुंच उपलब्ध कराता है, जिससे शिक्षक और छात्र के बीच संबंध में आधारभूत बदलाव होता है। प्रौद्योगिकी तेजी से बदल भी रही है, और युवा और अनुभवहीन शिक्षकों के पास स्थापित शिक्षकों के मुकाबले ज्यादा कौशल हो सकते हैं, और वे बदलावों के साथ चलने के लिए बेहतर स्थिति में हो सकते हैं। आपके कुछ पुराने शिक्षक डर का अनुभव कर सकते हैं; उनको प्रोत्साहित करना और एक ऐसा पर्यावरण तैयार करना आप पर निर्भर है जिसमें शिक्षक एक-दूसरे से सीख सकें।
ध्यान दें कि इस इकाई का केंद्रबिंदु आपके विद्यालय में सीखने में सहायता करने के लिए प्रौद्योगिकी का उपयोग का नेतृत्व करने के बारे में है। यह इकाई प्रौद्योगिकी को एक विषय के तौर पर पढ़ाने के बारे में नहीं है।
इस इकाई में काम करते समय आपसे अपनी सीखने की डायरी में नोट्स बनाने को कहा जाएगा। यह डायरी एक किताब या फोल्डर है जहाँ आप अपने विचारों और योजनाओं को एकत्र करके रखते हैं। संभवतः आपने अपनी डायरी शुरू कर भी ली है।
इस इकाई में आप अकेले काम कर सकते हैं, लेकिन यदि आप अपने सीखने की चर्चा किसी अन्य विद्यालय नेता के साथ कर सकें तो आप और भी अधिक सीखेंगे। यह कोई सहकर्मी हो सकता है जिसके साथ आप पहले से सहयोग करते आ रहे हैं, या कोई व्यक्ति जिसके साथ आप नए संबध का निर्माण करना चाहते हैं। इसे नियोजित ढंग से या अधिक अनौपचारिक आधार पर किया जा सकता है। आपकी सीखने की डायरी में बनाए गए आपके नोट्स इस प्रकार की बैठकों के लिए उपयोगी होंगे, और साथ ही आपकी दीर्घावधि की शिक्षण-प्रक्रिया और विकास का प्रतिचित्रण भी करेंगे।
आपके विद्यालय में उपयोग की जा सकने वाली प्रौद्योगिकी की रेंज की पूरी पहचान करना।
‘प्रौद्योगिकी’ में अलग-अलग उपकरणों की एक बड़ी श्रृंखला शामिल होती है जैसे डेस्कटॉप कंप्यूटर्स, लैपटॉप्स, मोबाइल फोन्स, स्मार्टफोन्स, टैबलेट्स, प्रोजेक्टर्स, प्रिंटर्स, स्कैनर्स, डिजिटल कैमरे और इसी तरह के अन्य उपकरण। इनमें से कुछ का उपयोग अपने आप, उपयुक्त सॉफ्टवेयर के साथ किया जा सकता है; अन्य को इंटरनेट से कनेक्ट किया जा सकता है। भविष्य में, ऐसी संभावना है कि मोबाइल फोन और टैबलेट परंपरागत डेस्कटॉप या लैपटॉप कंप्यूटर्स के मुकाबले अधिक आसानी से उपलब्ध होंगे, और इस कारण इस उभरते हुए चलन के अनुसार योजना बनाना बुद्धिमानी का काम होगा। एक विद्यालय नेता के तौर पर आपको प्रौद्योगिकी विकासों के बारे में अपनी जागरूकता बढ़ाने और सीखने में वृद्धि के लिए उनका इस्तेमाल कैसे किया जा सकता है इस बारे में अपनी जागरूकता बढ़ानी चाहिए जिससे आप अपने विद्यालय में इन प्रौद्योगिकियों तक पहुंच उपलब्ध कराने के अवसरों पर विचार कर सकते हैं।
इंटरनेट एक बहुत अधिक शक्तिशाली संसाधन है। एक विद्यालय में इंटरनेट तक पहुंच होने से शिक्षकों और छात्रों को उपलब्ध अवसरों में बड़ा अंतर पैदा हो सकता है। अगर विद्यालय में इंटरनेट उपलब्ध नहीं हो तो भी, ऐसे उपकरणों के उपयोग से कुछ लाभ प्राप्त किए जा सकते हैं जिन्हें ऑफलाइन उपयोग की जा सकने वाली सामग्री डाउनलोड करने के लिए कहीं और इंटरनेट से कनेक्ट किया जा सकता हो।
हालांकि भारत में मेट्रोपॉलिटन क्षेत्रों के बाहर इंटरनेट वर्तमान में अधिक उपलब्ध नहीं है, यह स्थिति समय के साथ बदल जाएगी, क्योंकि मोबाइल उपकरण तेजी से अधिक पहुंच और क्षमताएं प्रस्तुत कर रहे हैं।
2013 में सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ एजुकेशनल टेक्नोलॉजी (एनसीईआरटी में स्थित) ने शिक्षकों के लिए एक आईसीटी पाठ्यक्रम और प्रशिक्षण कार्यक्रम विकसित किया था। इसने पहचाना कि शिक्षकों को इनमें सक्षम होना चाहिए:
UNESCO ने भी शिक्षकों के लिए एक आईसीटी क्षमता रूपरेखा का विकास किया है – अधिक जानकारी के लिए संदर्भ खंड देखें।
श्री मोहंती 20 वर्षों से पढ़ा रहे हैं, और 10 वर्षों से विद्यालय नेता हैं। इस सत्र में उनके पास दो नए युवा शिक्षक हैं। पिछले सप्ताह वे कर्मचारी-कक्ष में गए और उन्हें एक मोबाइल फोन के आसपास एकत्र हुए पाया! शुरु में, वे कुछ नाराज हुए, इस वजह से वे यह देखने गए कि पूरी हलचल किस बारे में है – जल्द ही उन्होंने अनुभव किया कि उन्हें सीखने में सुधार के लिए अपने युवा कर्मचारियों के प्रौद्योगिकी ज्ञान और उपकरणों का उपयोग करना चाहिए।
सुश्री भाटिया के पास एक स्मार्टफोन है और उन्होंने यूट्यूब से एक फिल्म डाउनलोड की थी। जब मैंने पूछा कि इसमें क्या दिलचस्प है, उन्होंने मुझे फिल्म दिखाई। यह नील आर्म्सस्ट्रॉन्ग की चंद्रमा पर चलते हुए एक क्लिप थी। वे रूचि ले रहे थे क्योंकि हाल ही में मंगल पर भारतीय अभियान समाचारों में था, और वे उस समय काफी छोटे थे जब मानव पहली बार चंद्रमा पर चला था।
मुझे पता चला कि कक्षा 9 उस सत्र में गुरुत्वाकर्षण पढ़ रही है, और मुझे अचानक लगा कि उन्हें यह फिल्म दिखाने में सक्षम होना कितना अच्छा होगा। मैंने युवा शिक्षकों से कैसे उनके फोन्स का उपयोग किया जा सकता है इसे लेकर बात की – लगता था वे हर समय इंटरनेट पर रहते थे, लेकिन उन्होंने वास्तव में नहीं सोचा था कि वे अपने शिक्षण में किस तरह इंटरनेट का उपयोग कर सकते हैं। मैंने उन्हें उनके छात्रों को छोटे समूहों में फिल्म दिखाने को प्रोत्साहित किया जबकि बाकी की कक्षा विषय से जुड़े एक अन्य कार्य में व्यस्त थी। इस घटना से मुझे अनुभव हुआ कि मैं इंटरनेट, और उसकी कितनी क्षमता हो सकती है इसके बारे में कितना कम जानता हूं।
वृत्त अध्ययन 1 ने विद्यालय में मोबाइल फोन्स के उपयोग का मुद्दा उठाया। कुछ राज्य सरकारें विद्यालय में मोबाइल फोन्स का उपयोग सक्रियता से हतोत्साहित करती हैं, और एक शिक्षक के लिए उनके पढ़ाने के दौरान फोन कॉल्स लेना या टेक्स्ट संदेश भेजना स्पष्ट तौर पर अव्यवसायिक है। तथापि, चूंकि मोबाइल फोन्स अधिक शक्तिशाली बन गए हैं, शायद इस पर विचार करना उपयुक्त होगा कि शिक्षक कैसे उनका उपयोग अपनी कक्षा में सीखने में सहायता के लिए कर सकते हैं। लेकनि एक ऐसा विषय है जिसे आपको सतर्कता के साथ सुलझाने की आवश्यकता हो सकती है। अपने शिक्षकों से बात करें और यह स्पष्ट करें कि वे सभी पेशेवर होने का महत्व समझें, लेकिन उनके छात्रों के लाभ के लिए उनके फोन्स का उपयोग करने में उनकी सहायता के लिए पर्याप्त लचीले बनें।
इस गतिविधि का उद्देश्य आपके लिए यह सोचने की शुरुआत करना है कि प्रौद्योगिकी का उपयोग आपके विद्यालय में कैसे प्रभावी तरीके से किया जा सकता है और यह खोजना कि आपके विद्यालय में शिक्षक कौन सी प्रौद्योगिकी का अपने प्रतिदिन के जीवन, और शायद अपने शिक्षण में उपयोग कर रहे हैं।
चर्चा
आपके कुछ शिक्षक प्रौद्योगिकी का उपयोग करने में आत्मविश्वासी होंगे। उनमें से कुछ बहुत अधिक सक्षम होंगे। उनमें कुछ ऐसे भी होंगे जिनके पास प्रौद्योगिकी तक पहुंच के सीमित अवसर और अपेक्षाकृत कम कौशल होंगे, लेकिन वे प्रयास करने के लिए आत्मविश्वासी होंगे। कुछ ऐसे होंगे, जिनमें आत्मविश्वास की कमी होगी और वे कठिनाइयां सामने आने पर आसानी से हार मान लेंगे। आपकी भूमिका एक ऐसा वातावरण बनाने की होगी जिसमें शिक्षक एक-दूसरे से सीख सकें और प्रौद्योगिकी के अपने उपयोग में आत्मविश्वासी बनें।
प्रश्नावली से आपको इस बात का एक संकेत मिलेगा कि आपके शिक्षक इस आकांक्षा के कितने निकट हैं। इससे आप एक आईसीटी ‘चैम्पियन’ की पहचान करने में भी सक्षम हो सकते हैं – एक शिक्षक जो आईसीटी का आत्मविश्वासी उपयोगकर्ता हो जो अन्यों को प्रभावित करने में आपकी सहायता करने में सक्षम होगा।
विद्यालय नेता श्रीमती मेहता बताती हैं कि कैसे उन्होंने अपने लैपटॉप का विद्यालय में उपयोग किया और उन्हें संसाधनों और जानकारी को डाउनलोड करने के लिए इंटरनेट तक पहुंच मिली।
मेरा लैपटॉप मेरी सबसे कीमती चीज़ है! मैं इसका हर समय उपयोग करती हूं। मैं अपने मित्र के घर पर इंटरनेट से कनेक्ट हो सकती हूं और सामग्री डाउनलोड कर सकती हूं जिसका मैं विद्यालय में उपयोग कर सकती हूं। कई बार मैं शहर के केंद्र में एक होटल में जाती हूं और एक घंटे के इंटरनेट के उपयोग के लिए भुगतान करती हूं। पिछले सप्ताह मैंने कक्षा 5 को दिखाने के लिए एक अंग्रेजी काटर्नू डाउनलोड किया था।
मैं लैपटॉप को एक मेज पर रख देती थी और उन्हें देखने के लिए फर्श पर बिठाती थी, लेकिन अंतिम सत्र में, मैंने कंप्यूटर उपकरण के लिए रोटरी क्लब को 30,000 रुपये दान देने के लिए तैयार कर लिया। मैंने उस रकम को एक प्रोजेक्टर और लाउडस्पीकर्स के एक सेट पर खर्च किया। हम सभी ने काटर्नू देखा, लेकिन मैंने अनुभव किया कि वे अंग्रेजी उच्चारण समझ नहीं सके और बातचीत उनके लिए बहुत तेज थी। इस कारण हमने बिना आवाज के कार्टून देखा और यह पता लगाने का प्रयास किया कि कहानी किस बारे में है। ऐसा करने पर, मैंने कुछ प्रमुख शब्दों को समझाया जो कहानी में बार-बार आ रहे थे। मैंने दोबारा काटर्नू को चलाया और हमने ‘शब्द खोजें’ खेला। मैंने पाया कि यह छात्रों के लिए अंग्रेजी बोलने वाले लोगों को सुनने में सक्षम होने में सहायक था – इससे उन्हें उच्चारण और उनकी समझ में सहायता मिली।
मेरे पास विद्यालय में दो अन्य शिक्षक हैं और अब मैं उनके पाठों में भी लैपटॉप का उपयोग करने में उनकी सहायता करना चाहती हूं जिससे वे प्रौद्योगिकी के उपयोग में कौशल और आत्मविश्वास प्राप्त करने के साथ ही शिक्षण संसाधनों का अपना उपयोग बढ़ा सकें। आरंभ में वे मेरे पाठों को देख रहे थे, लेकिन वे पहले ही मुझसे विशेष संसाधनों को खोजने के लिए कह रहे थे जिनका वे उपयोग कर सकें, उदाहरण के लिए प्रदूषण पर।
इस वृत्त अध्ययन से पता चलता है कि कैसे प्रौद्योगिकी का उन्नयन और जोश विद्यालय में इंटरनेट से संसाधनों तक पहुंच और डाउनलोड कर और फिर विद्यालय में चलाकर लाया जा सकता है। श्रीमती मेहता ने कुछ उपकरणों (एक लैपटॉप, स्पीकर्स और प्रोजेक्टर) में निवेश किया और फिर उन्होंने उनका उपयोग अंग्रेजी में छात्रों के सीखने को बढ़ाने के लिए किया। छात्रों को न केवल डाउनलोड किए गए संसाधनों से, बल्कि हार्डवेयर और उस उपकरण को देखने से भी लाभ मिला जिन पर वे चलाए गए। ध्यान दें कि कैसे विद्यालय नेता न केवल अपने छात्रों पर बल्कि अपने कर्मचारियों के विकास की आवश्यकताओं और क्षमता बनाने पर केंद्रित कर रहा है जिससे अधिक छात्रों को लाभ हो।
इंटरनेट तक पहुंच ज्ञान और प्रशिक्षण को विभिन्न स्थानों पर प्रत्येक व्यक्ति के लिए अधिक पहुंच वाला बना देती है, जिससे शिक्षकों को DIET, आदि तक की यात्रा नहीं करनी पड़ती। शिक्षक और विद्यालय नेता अब अपने स्वयं के सीखने की कमान हाथ में लेने के लिए अधिक बेहतर स्थिति में हैं, जो इस व्यवहार को छात्रों में लाने के समय काफी सहायक है।
अपने स्वयं के पेशेवर विकास की कमान हाथ में लेने, और अपने शिक्षकों को ऐसा करने के लिए प्रोत्साहन देने का पहला कदम, उन संसाधनों को खोजना है जो इंटरनेट पर आसानी से उपलब्ध हैं। आपको उन्हें साझा करना चाहिए जो सहायक हैं और ऐसे तत्व निकालने चाहिएं जिन्हें आपके स्वयं के संदर्भ में पुनः चक्रित किया जा सकता है।
TESS- इंडिया ने भारत में शिक्षकों और विद्यालय नेताओं के साथ और उनके लिए 125 खुले शैक्षिक संसाधन (ओईआर) निर्मित किए हैं। ये संसाधन मुफ्त हैं और उनके पास क्रिएटिव क़ॉमन्स का लाइसेंस है, जिसका अर्थ है कि आप इन्हें डाउनलोड कर सकते हैं, बदल सकते हैं और जितनी चाहें उतनी प्रतियां बना सकते हैं। इस कारण ये अधिक पहुंच वाले और अधिक अनुकूलनीय हैं – आप इन्हें अपने संदर्भ और आवश्यकताओं के अनुसार ढाल सकते हैं। TESS- इंडिया ओईआर संभवतः अन्य उपयुक्त ओईआर की आपकी खोज की शुरुआत का एक अच्छा स्थान हैं, क्योंकि इन्हें गुणवत्ता के लिए एक अंतरराष्ट्रीय समीक्षा पैनल से अनुमति मिली है।
अगली बार जब आपके पास इंटरनेट तक पहुंच हो, तो कुछ ओईआर की खोज करें।
चर्चा
ओईआर वे संसाधन हैं जिनकी परिकल्पना लचीलेपन के साथ उपयोग करने के लिए की गई है ताकि उन्हें कई प्रकार के उपयोगों और उद्देश्यों के लिए अनुकूलित किया जा सके। आपको अपनी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए जो ओईआर मिलते हैं उनसे आप संसाधनों और विचारों को ‘चुन और मिश्रित’ कर सकते हैं। इन संसाधनों पर आलोचनात्मक नजर डालना और उनकी गुणवत्ता का मूल्यांकन करना महत्वपूर्ण है, क्योंकि इंटरनेट पर लिखने और प्रकाशित करने की वैश्विक स्वतंत्रता का अर्थ है कि कोई भी व्यक्ति ओईआर का निर्माण और प्रकाशन कर सकता है।
वृत्त अध्ययन 3 बताता है कि कैसे एक युवा विद्यालय नेता, श्रीमती अपराजिता, ने स्वयं को उन नए कौशल सिखाने के लिए इंटरनेट का उपयोग किया जिनका उपयोग उन्होंने अपने विद्यालय में छात्रों के लिए पाठ्यक्रम को अधिक प्रासंगिक बनाने के लिए किया। वृत्त अध्ययन 4 से पता चलता है कि श्री कपूर ने कैसे अपने कंप्यूटर और इंटरनेट का उपयोग एक विद्यालय नेता के तौर पर प्रशासनिक चुनौतियों के साथ सहायता के लिए किया।
रविंदा निकटवर्ती शहर से लगभग 35 किलोमीटर दूर एक प्रारंभिक विद्यालय में काम करते हैं।
मैं अपने विद्यालय में काम करना पसंद करता हूं, लेकिन यह शहर की सुविधाओं से काफी दूरी पर है और उस राज्य से अलग राज्य में है जहां मैं बड़ा हुआ हूं। मैंने शहर में रहकर प्रतिदिन बस से विद्यालय जाने को चुना – ताकि मैं शहर में इंटरनेट का उपयोग कर सकूं। मेरे पास एक लैपटॉप है और मैं हर समय उसका उपयोग करता हूं!
मैंने चार वर्ष पहले जब विद्यालय में काम करना शुरू किया था, तो 69 छात्र नामांकित थे और उपस्थिति लगभग 40 प्रतिशत थी। मैंने परिवारों से बात की और पाया कि बच्चे विद्यालय में ऊबे हुए थे – वे जो सीख रहे थे उसकी प्रासंगिकता उन्हें अपने जीवन में नहीं दिखाई दे रही थी। मैंने समयसारणी बदलने का निर्णय लिया और प्रत्येक दिन दो गतिविधि पीरियडों की शुरुआत की, प्रार्थना के बाद और भोजन के बाद।
गांव में कला और शिल्प की मजबूत परंपरा है, इस कारण मैंने भारत के इस भाग में परंपराओं के बारे में जानने और आवश्यक कौशलों के लिए इंटरनेट का उपयोग किया। यूट्यूब पर फिल्मों का उपयोग कर, मैंने स्वयं को कौशल सिखाए और गतिविधि पीरियड में बच्चों के करने के लिए कुछ परियोजनाएं तैयार कीं। गतिविधि पीरियड लोकप्रिय हैं। अब विद्यालय में 257 छात्र हैं और उपस्थिति 90 प्रतिशत है – और मैं कला और शिल्प में एक विशेषज्ञ हूं, भले ही मैंने पहले कभी इनका अध्ययन नहीं किया है!
श्री कपूर नौ शिक्षकों वाले एक छोटे ग्रामीण माध्यमिक विद्यालय में एक विद्यालय नेता हैं। उनके पास अपना लैपटॉप है।
जब मैंने एक विद्यालय नेता के तौर पर शुरुआत की थी, तो मुझे प्रशासन की उस मात्रा से हैरानी हुई थी जो मुझे करनी थी। कार्यालय फाइलों से भरा था और प्रत्येक चीज पर नजर रखना मुश्किल था। मेरे पास अपना लैपटॉप था, और मैं अपने मित्र के घर पर इंटरनेट का उपयोग कर सकता था। मैं प्रशासन में सहायता के लिए अपने कंप्यूटर का उपयोग करने के तरीके खोजना चाहता था। मैंने शिक्षकों की ओर से मिलने वाले सभी डेटा पर नजर रखने के लिए एक स्प्रेडशीट का उपयोग करने का निर्णय लिया।
पहले, मुझे एक स्प्रेडशीट का उपयोग करने के बारे में सीखना था। हम अब ऐसे चरण में पहुंच गए थे जहां मैंने अपने शिक्षकों को अपने कंप्यूटर पर एक स्प्रेडशीट में विषय के अंत की परीक्षा के सभी अंक दर्ज करने के बारे में सिखाया। मैं आंकड़ों में फेरबदल कर सकता हूँ, औसत की गणना कर सकता हूँ और ग्राफ बना सकता हूँ। इस विश्लेषण के परिणाम में, मैंने पाया कि जब विज्ञान के शिक्षक अपनी विशेषज्ञता के बाहर पढ़ा रहे थे तो परीक्षा के अंकों में एक बड़ा अंतर था।
मेरे पास विज्ञान के दो शिक्षक हैं: एक ने भौतिक विज्ञान पढ़ा था और दूसरे ने जैविक विज्ञान, लेकिन उन दोनों को पूरा पाठ्यक्रम पढ़ाना था। मैंने कुछ सामग्री ऑनलाइन खोजी जिसमें वैज्ञानिक विचारों की काफी स्पष्टता से व्याख्या थी। पिछले सप्ताह मैंने उनकी कक्षाओं को पढ़ाया और प्रत्येक शिक्षक को अपना लैपटॉप एक घंटे के लिए दिया। मैंने कुछ वीडियो और अनुकरण डाउनलोड किए थे जो उससे कहीं अधिक बताते थे जो वे पाठ्य पुस्तकों में पढ़ सकते थे। मैंने उन्हें माउस चलाने और फाइलें खोलने और बंद करने का तरीका दिखाया, और उनसे सामग्रियाँ खोजने को कहा। उन दोनों ने कहा कि वे अगला विषय पढ़ाने के लिए बेहतर सुसज्जित अनुभव कर रहे हैं। वे दोनों मेरा लैपटॉप उधार लेना चाहते थे जिससे वे अनुकरणों में से कुछ को अपनी कक्षा को दिखा सकें।
अपने स्वयं के आईसीटी कौशलों के बारे में गंभीरता से सोचें। आप कौन से कौशल विकसित करना चाहेंगे? आप इन कौशलों को कैसे विकसित कर सकते हैं – क्या कोई शिक्षक आपकी सहायता कर सकता है?
आपने अभी तक इस इकाई में जो भी पढ़ा है उसके उपयोग से, सोचें कि आप कैसे निम्नलिखित का उपयोग एक विद्यालय नेता के तौर पर अपनी भूमिका या अपने स्वयं के व्यावसायिक विकास में सहायता के लिए कर सकते हैं:
एक LCD प्रोजेक्टर।
अपनी सीखने की डायरी में, उन उपकरणों की एक ‘इच्छा सूची’ बनाएं जिनका आप अपने विद्यालय में उपयोग करना चाहेंगे। अपनी इच्छा सूची में मौजूद प्रत्येक चीज से जुड़ी कीमत को देखें। अब अपने नेटवर्क और अपने समुदाय के बारे में सोचें। क्या लोगों के कोई ऐसे समूह हैं जो इन उपकरणों में से कुछ को प्राप्त करने में आपकी सहायता कर सकते हैं?आप धन जुटाने तथा एक लक्षित तरीके से आपूर्तिकर्ताओं की खोज करने में सहायता के लिए इस आरंभिक सूची का प्रयोग कर सकते हैं।
चर्चा
प्रौद्योगिकी, व्यवस्थापकीय कार्यों को आसान तथा और अधिक कुशल बनाने के द्वारा आपके दैनिक जीवन में सहायता कर सकती है। उदाहरण के लिए परीक्षा अंक (टेस्ट स्कोर) का और अधिक परिष्कृत विश्लेषण करके, वृत्त अध्ययन 4 में श्री कपूर एक समस्या की पहचान करके उसके समाधान पर कार्य आरंभ कर सके।
इंटरनेट पेशेवर विकास के लिए सूचना तथा सामग्री का एक स्रोत है। कुछ ऐसी सामग्रियां हैं जो आपके स्वयं के सीखने एवं संसाधन का समर्थन करेंगी व एक उपयुक्त प्रशिक्षण कोर्स उपलब्ध होने पर निर्भर होने के बजाय आपके अपने शिक्षकों को प्रशिक्षित करेंगी।
जब आप किसी हार्डवेयर को पसंद करें तो आपको उसके रखरखाव खर्च को भी समझने की आवश्यकता होगी। इसलिए एक बजट होना तथा ऐसे लोगों को शामिल करना महत्वपूर्ण है, जो कि आपके उपकरण की मरम्मत कर सकें।
इस अनुभाग ने आपके व्यक्तिगत उपयोग के लिए प्रौद्योगिकी की संभावनाओं – नये कौशल को सीखने के अवसर का सदुपयोग करने, नये टूल्स प्रदान करने तथा नि:शुल्क शैक्षिक सामग्रियों को प्राप्त करने के बारे में प्रकाश डाला है। आप द्वारा प्रौद्योगिकी के अन्य प्रयोगों में शामिल हो सकता है:
नए कौशल विकसित करने के लिए अपने शिक्षकों को प्रेरित करना
गतिविधि 1 में आपके द्वारा प्रयोग की जाने वाली प्रश्नावली दर्शाएगी कि आपके विद्यालय में शिक्षकों के पास आईसीटी (जिसे अक्सर डिजिटल साक्षरता कहते हैं) का अनुभव तथा विभिन्न प्रकार के कौशल हैं। आपकी भूमिका उनके व्यावसायिक सीखने का समर्थन करने हेतु इस प्रौद्योगिकी ज्ञान का प्रयोग करने, तथा सीखने में समर्थन करने के लिए उनकी कक्षाओं में प्रौद्योगिकी को प्रयोग करने के तरीके को समझने के लिए उन्हें प्रोत्साहित करना है। शिक्षकों को आईसीटी में प्रशिक्षित करने के लिए आवश्यक कार्यपद्धतियों को नीचे सूचीबद्ध चार श्रेणियों में विभाजित करना सहायक है (स्टेकेटी, 2005 से लिया गया):
शैक्षणिक कौशल विकसित करने के लिए आईसीटी का प्रयोग करना: विद्यालय में आईसीटी, राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रूपरेखा (एनसीएफ 2005) द्वारा प्रवर्तित, सीखने के प्रति कुछ सहभागितापूर्ण कार्यपद्धतियों की सहायता कर सकता है। यह मात्र रटने से कहीं आगे बढ़कर उच्चतर स्तर के कौशल जैसे कि समस्या का समाधान करने, प्रश्न पूछने, संयोजन करने, मूल्यांकन करने, तथा ज्ञान प्राप्त करने में सहायता कर सकता है (लैशेम, 2010)। आईसीटी, पिछड़े समूहों के पास सामग्री एवं संसाधनों की उपलब्धता भी सुनिश्चित करने के द्वारा समावेशन (केन्द्रीय शैक्षिक प्रौद्योगिकी संस्थान, 2013) का भी समर्थन कर सकता है। छोटे वीडियो तथा अनुकरण चर्चा का अनुकरण कर सकते हैं; छात्र अपनी स्वयं की प्रस्तुतियाँ बना सकते हैं; छात्र अन्य लोगों के साथ सहयोग कर सकते हैं, तथा दुनिया के दूसरे भागों के छात्रों के साथ संचार कर सकते हैं। उनके विशेषज्ञ बनने पर, शिक्षक एवं छात्रों का रिश्ता और भी लोकतांत्रिक बन जाएगा, तथा छात्र अपना आत्मसम्मान विकसित करेंगे। यदि आप अपने विद्यालय के लिए खरीदी जाने वाली प्रौद्योगिकी के बारे में निर्णय कर रहे हैं तो इस बात पर मुख्य विचार किया जाना चाहिए कि वह प्रौद्योगिकी शिक्षकों की उनका शिक्षण सुधारने में कितनी सहायता करेगी।
पेशेवर सीखने के समर्थन के लिए आईसीटी का प्रयोग: आईसीटी का प्रयोग शिक्षकों के पेशेवर सीखने के समर्थन हेतु किया जा सकता है। आप शिक्षकों के साथ मिलकर उनकी कक्षाओं में प्रयोग किए जाने के लिए ओईआर को प्राप्त व अनुकूलित करने हेतु प्रोत्साहित कर सकते हैं। वे कक्षा में एक दूसरे की फिल्म बनाने के लिए जोड़ियों में काम कर सकते हैं, तथा उसके पश्चात अपने शिक्षण को सुधार करने के दृष्टिकोण से फिल्मों के बारे में चर्चा कर सकते हैं। जिन शिक्षकों के विषय ज्ञान में कुछ रिक्तता है, वे इंटरनेट पर बहुत सारे सहायक संसाधन प्राप्त करेंगे, जिसमें प्रश्नोत्तरी, अनुकरण, तथा उत्तर समेत प्रतिदर्श परीक्षा पत्र (सैम्पल टेस्ट पेपर) शामिल हैं। इंटरनेट की पहुंच उन्हें नेटवर्क में दूसरे शिक्षकों के साथ संचार करने, तथा गतिविधि 1 के पश्चात चर्चा में प्रकाश डाले गए कौशलों को विकसित करने का अवसर भी प्रदान करेगी।
गतिविधि 1 में प्रश्नावली से बनाए गए सारांश पर वापस जाएं तथा आप द्वारा पहचान की गई चुनौतियों की सूची बनाएं। अभी तक पढ़े गए वृत्त अध्ययनों व गतिविधियों को ध्यान में रखते हुए, आप अपने शिक्षकों को, उनके पास उपलब्ध प्रौद्योगिकी का और अधिक बेहतर उपयोग करने के लिए किस प्रकार से प्रेरित कर सकते हैं?
ऊपर दी गई चार श्रेणियों में से प्रत्येक के लिए, किसी ऐसी गतिविधि के एक विशिष्ट उदाहरण की पहचान करें जिसे कि आप अपने विद्यालय में शिक्षकों के समूह के साथ कर सकते हैं। TESS-इंडिया शक्षिक विकास ओईआर, कक्षा में आईसीटी के प्रयोग के अवसरों पर प्रकाश डालते हैं, तथा ये आपको शैक्षणिक कौशल विकसित करने अथवा विषय के अध्ययन का समर्थन करने के लिए आईसीटी के प्रयोग हेतु कुछ विचार प्रदान कर सकते हैं।
भविष्य में इंटरनेट तथा कम्प्यूटर्स एवं अन्य उपकरणों की उपलब्धता में सुधार होने की पूर्ण संभावना है। साथ ही, और भी अधिक शिक्षकों व छात्रों के पास विद्यालय के बाहर प्रौद्योगिकी की उपलब्धता होगी। एक विद्यालय नेता के रूप में आपकी भूमिका यह सुनिश्चित करने की होगी कि आपके विद्यालय में छात्रों के पास उन प्रौद्योगिकियों की उपलब्धता हो, जिनकी आवश्यकता आपको अपने शैक्षिक लक्ष्य पूर्ण करने के लिए है।
एक आम गलती यह होती है कि अक्सर लोग प्रौद्योगिकी पर अधिक ध्यान केन्द्रित करते हैं, जबकि इस पर ध्यान नहीं देते हैं कि उन्हें उसका क्या उपयोग करना है, तथा कम्प्यूटर उपकरण के रखरखाव की व्यावहारिक कठिनाईयों को वास्तविकता से कम आंकते हैं। अपनी शैक्षिक प्राथमिकताओं के बारे में स्पष्ट रहने से आप ऐसी प्रौद्योगिकी का चयन करने में सक्षम होंगे, जो कि उन प्राथमिकताओं को पूर्ण करने में आपके लिए अधिकतम संभव सहायक होंगी।
श्री अग्रवाल ने हाल ही में एक नए विद्यालय में कार्य करना आरंभ किया है। उन्हें वहां पर जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा नियुक्त किया गया, व बताया गया कि विद्यालय कम्प्यूटरों से अच्छी तरह सुसज्जित है।
मैं एक नए विद्यालय में कार्य आरंभ करने के बारे में बहुत रोमांचित था। मुझे बताया गया था कि उनके पास 25 लैपटॉप कम्प्यूटर हैं, छात्र जिनका पयोग पाठ में कर सकते हैं! लेकिन, पहुंचने पर मुझे पता चला कि लैपटॉप एक तालाबंद आलमारी में थे, तथा कुछ समय से उन्हें किसी ने भी प्रयोग नहीं किया था। आलमारी की केवल एक ही चाभी थी, जो कि विद्यालय नेता के कार्यालय में थी। विद्यालय नेता के बाहर होने पर किसी भी व्यक्ति को चाभी नहीं मिल सकती थी। ।
कम्प्यूटर्स पुराने एवं धीमे थे। उनमें से किसी में माउस नहीं थे, अथवा कुंजीपटल क्षतिग्रस्त थे, अथवा चार्जर गुम थे। काम करने वाले लैपटॉपों में माईक्रोसॉफ्ट वर्ड, एक्सेल, तथा पॉवरप्वाइंट एवं एक सीडी डाª इव थी। वहां पर शैक्षिक सॉफ्टवेयर वाली कुछ सीडियां थीं, लेकिन कम्यूटर का आपस में नेटवर्क नहीं था, जिसके कारण प्रत्येक कम्प्यूटर पर सीडियों को अलग-अलग लोड करना पड़ता था। कुछ सीडियों के लाइसेंस कोड नम्बर खो गए थे, इसलिए उन सीडियों को खोला भी नहीं जा सका। कुछ बड़े बच्चों को लैपटॉप प्रयोग करने की बात याद थी, लेकिन उन्होंने मुझे बताया कि उन्हें ज्यादा कुछ नहीं पता क्योंकि शिक्षक को ही कम्प्यूटर चलाने के बारे में वास्तव में समझ नहीं थी।
शायद यह बहुत असामान्य बात नहीं है: विद्यालय में कम्प्यूटर्स के रखरखाव एवं समर्थ की योजना बहुत सोच-विचार कर नहीं बनाई गई थी। उपकरण तो अपनी देखरेख स्वयं कर नहीं सकते, और उपयोगकर्ताओं को उपयोग करना अपने आप नहीं आता। रखरखाव एवं समर्थन के बारे में और अधिक परामर्श के लिए संसाधन 4 को देखे।
एक सहकर्मी के साथ काम करते हुए नीचे तालिका 1 को पूर्ण करें। इस अभ्यास का उद्देश्य आपको स्वयं प्रौद्योगिकी के बजाय प्रौद्योगिकी के शैक्षिक लाभों पर ध्यान केन्द्रित करने के लिए प्रोत्साहित करना है।
शैक्षिक परिणाम | प्रौद्योगिकी किस प्रकार से सहायता कर सकती है? कौन सी प्रौद्योगिकी की आवश्यकता होगी? |
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शिक्षक अपने पाठ में और अधिक सहभागी दृष्टिकोण विकसित करें | |
शिक्षक स्वयं को छात्रों की अध्ययन यात्रा में उनके सीखने, मार्गदर्शन, एवं सहायता करने के अनुदेशक के रूप में देखें। | |
शिक्षक स्वयं को एक शिक्षार्थी के रूप में देखें, व अपने पेशेवर विकास का नियंत्रण हाथ में लेने में रूचि लें | |
छात्र कम्प्यूटर्स के बारे में आधारभूत बातें सीखें: इसे चालू करना, फाइल प्रबन्धन, दस्तावेज तथा प्रस्तुतियाँ बनाना | |
छात्र इंटरनेट पर खोज करने, सूचना का पता लगाने तथा भविष्य के उपयोग हेतु उसे भंडारित करने के बारे में सीखें | |
छात्र ईमेल संदेश भेजने तथा सोशल मीडिया पर जुड़ने के बारे में सीखें | |
शिक्षकों के पास शैक्षिक सॉफ्टवेयर जैसे कि अनुकरण उपलब्ध हैं | |
शिक्षकों के पास ऐसे संसाधन उपलब्ध हैं जो कि उनके पाठ में नई जान डालेंगे, जैसे कि यूट्यूब वीडियो, फिल्मों के क्लिप्स, समाचार रिपोर्ट्स, अथवा फोटोग्राफ। | |
श्रीमती नागाराजू एक छोटे ग्रामीण माध्यमिक विद्यालय की विद्यालय नेता हैं। उनका एक भूतपूर्व छात्र, एक सफल व्यवसाय चलाने के द्वारा धन अर्जन करने के पश्चात हाल ही में गांव में आया। वह श्रीमती नागाराजू से मिलने आया।
पिछले सप्ताह मेरी मुलाकात एक भूतपूर्व छात्र से हुई। उसने मुझे विद्यालय छोड़ने के पश्चात किए गए कार्यों के बारे में बताया: उसने एक व्यवसाय स्थापित किया, जिसे हाल ही में एक बड़े श्रृंखलाबद्ध व्यवसाय द्वारा अधिग्रहित कर लिया गया, तथा उसने बहुत सारा पैसा कमाया। वह विद्यालय को कुछ वापस लौटाने को इच्छुक था, तथा वह विद्यालय में छात्रों के उपयोग हेतु 20 कम्प्यूटर वाला एक समर्पित कम्प्यूटर कक्ष स्थापित करने का प्रस्ताव लेकर आया था।
मैं स्वयं को अकृतज्ञ नहीं दर्शाना चाहता था, लेकिन मेरा दिल बैठ गया। मेरे पास केवल आठ शिक्षक हैं तथा मुझे पता है कि उनमें से किसी के भी पास उस कम्प्यूटर कक्ष की देखभाल करने का ज्ञान अथवा कौशल नहीं था, तथा उनमें कुछ लोग स्वयं ही कम्प्यूटर उपयोग करने में सक्षम नहीं होंगे। हमारे पास शैक्षिक सॉफ्टवेयर खरीदने के संसाधन नहीं थे, और अगर हमारे पास होता भी तो उसका सही उपयोग करने के लिए हमें कम्प्यूटर को ठीक से नेटवर्क किए जाने की आवश्यकता होती। मैं कुछ लैपटॉप, प्रोजेक्टर्स तथा वाईफाई कनेक्शन चाहता था, लेकिन वह भूतपर्वू छात्र विद्यालय में अपने नाम पर एक प्रौद्योगिकी कक्ष स्थापित करने का इच्छुक था – ‘दि लाल तॉनी कम्प्यूटर कक्ष’।
मैने उसे उसके प्रस्ताव के लिए धन्यवाद दिया, तथा अगले दिन फिर आने के लिए आमंत्रित किया। मैंने कहा कि मुझे लॉजिस्टिक्स के बारे में सोचने तथा इस असाधारण प्रस्ताव के बारे में शिक्षकों को बताने के लिए कुछ समय चाहिए। श्री चड्ढा कक्षा 9 को पढ़ाते थे, तथा उनके बारे में मुझे पता था कि वे शहर में होने पर अपने फोन पर इंटरनेट का प्रयोग करते हैं। मेरे पास एक लैपटॉप है। मैं श्री चड्ढा से मिला तथा हमने एक योजना बनायी। श्री चड्ढा परमाणु संरचना के बारे में पढ़ा रहे थे, इसलिए हम लोग शाम को शहर में एक मित्र के घर पर गए जिसके पास वाईफाई कनेक्शन था। हमने वेबसाइट से “पॉवर ऑफ टेन” नामक एक फिल्म डाउनलोड की, जो कि छात्रों को परमाणु एवं नाभिक के सापेक्षिक आकारों को समझने में सहायता करती है।
अगले दिन श्री चड्ढा ने कक्षा 9 को पढ़ाते समय फिल्म दिखाने के लिए मेरे लैपटॉप का प्रयोग किया। छात्रगण बहुत ही चकित तथा प्रसन्न थे! छात्रों को फर्श पर बैठना पड़ा, लेकिन अधिकांश लोग देख सकते थे कि कमरे में एक वास्तविक “रोमांच” था। मैने लाल को भी कक्षा में बुलाया तथा वह बहुत ही प्रभावित हुआ। इसके कारण मैं उसे यह समझा सका कि मैं प्रत्येक शिक्षक के लिए एक लैपटॉप, एक प्रोजेक्टर तथा एक वाईफाई अथवा टैबलेट्स का एक सेट चाहता हूं, जिसमें हम शैक्षिक एप्लीकेशन्स लोड कर सकें। मैने उसे सुझाव दिया कि सारा पैसा एक बार में व्यय करने के बजाय, वह उपकरण पर कुछ पैसा खर्च करे, और फिर वह पांच वर्ष के लिए वाईफाई का भुगतान करने के लिए तैयार हो गया। मैने उसे सुझाव दिया कि हम उसके द्वारा विद्यालय को दिए जाने वाले अनुदान के लिए विद्यालय प्रवेश के समीप एक प्लाक लगाकर उसे धन्यवाद व्यक्त करेंगे।
गतिविधि 5 तथा वृत्त अध्ययन 6 ने इस तथ्य पर प्रकाश डाला होगा कि चुनी जाने वाली प्रौद्योगिकी हमारे वांछित शैक्षिक परिणामों पर आधारित होना महत्वपूर्ण है। कभी-कभी एक सरल सा विकल्प जैसे कि एक लैपटॉप तथा एक प्रोजेक्टर, छात्रों पर, एक कक्षा को लैपटॉपों का सेट देने से कहीं अधिक प्रभाव डाल सकता है। टैबलेट्स के मूल्य में कमी आने के कारण वे बहुत से लाभ प्रदान कर सकते हैं। साथ ही, स्थानीय पहलें सापेक्षिक तौर पर कम लागत पर उपयोगी प्रौद्योगिकी निर्मित कर सकती हैं।
इस गतिविधि के लिए आपको इंटरनेट का प्रयोग करने की आवश्यकता है ताकि आप डिजिटल समावेशन के बारे में विनय वेंकटरमन की प्रस्तुति देख सकें (http://www.ted.com/ talks/ vinay_venkatraman_technology_crafts_for_the_digitally_underserved). TED वेबसाइट पर संसाधन उस खुली विषय-सामग्री के उदाहरण हैं जिनका प्रयोग आप अपने स्वयं के विकास या प्रशिक्षण के उद्देश्य से या छात्रों में नई सोच का विस्तार व नए दृष्टिकोण विकसित करने के लिए भी, कर सकते हैं। TED वार्ताएं सामान्यतः सुचिंतित रूप से प्रेरणादायक व उत्तेजक होती हैं और इस प्रकार चिंतन को भरपूर सामग्री प्रदान करती हैं।
विचार के लिए रुकें गतिविधि 6 के वीडियो के लिए आपकी प्रतिक्रिया क्या है? अपने स्थानीय समुदाय के बारे में सोचते हुए, क्या कोई ऐसा है जो आईसीटी के आस-पास के मुद्दों में से कुछ के लिए सरल समाधानों का विकास करने में आपकी मदद कर सके? यहाँ आप बीआरसीके के बारे में अधिक जानकारी ले सकते हैं: https://www.kickstarter.com/ projects/ 1776324009/ brck-your-backup-generator-for-the-internet |
अंतिम वृत्त अध्ययन प्रौद्योगिकी की शिक्षा के कुछ लाभों पर, और साथ ही उन लाभों को साकार करने में शिक्षकों की भूमिका पर प्रकाश डालता है।
यह परियोजना नवम्बर 2005 में शुरु की गई थी। पांचवीं, छठी और सातवीं कक्षा के छात्रों को अपनी पसंद के विषय पर एक कंप्यूटर आधारित वीडियो प्रस्तुति बनाने का अवसर दिया गया।
आवश्यकता के अनुरूप प्रत्येक समूह की सहायता करने के लिए, शिक्षकों ने कार्य में सुगमकर्ता की भूमिका निभाई। प्रत्येक स्थानीय विषय-सामग्री विकास परियोजना के लिए छात्रों को एक ‘अनुभवी परामर्शदाता’ दिया गया था – समुदाय से एक विशेषज्ञ। इस प्रयास में गांव के लोगों को शामिल करने के विचार से विद्यालय में विद्या समितियाँ गठित की गई थीं। एक यंग इंडिया फैलो (वाईआईएफ) को भी, उपलब्ध होने पर, टीमों को सहायता देने की दृष्टि से शामिल किया गया था। प्रत्येक समूह को वेबकैम तथा एमएस पेंट व पॉवर-प्वॉइंट जैसी एप्लीकेशंस की सुविधाएं मिली हुई थीं।
छात्रों ने प्रारूप को डिज़ाइन किया, आवश्यक जानकारी एकत्र की और कंप्यूटर पर टैक्स्ट तैयार किया।
परियोजना तीन विद्यालयों में चलाई गई। यह एक विद्यालय में बहुत अधिक सफल थी, मुख्यतः क्योंकि:
छात्रों को एक यथार्थ विकल्प दिया गया था और बाद के विषय उनकी अपनी पसंद के थे
विद्यालयों में से एक में, चुने हुए विषय पाठ्यपुस्तकों से थे और प्रस्तुत की गई जानकारी का विस्तार पाठ्यपुस्तकों की सीमा से बहुत अधिक बाहर नहीं जा पाया।
कुल मिलाकर, परियोजना को सफल माना गया और वह छात्रों के किए अत्यंत प्रेरक रही। प्रस्तुतियों को अन्य छात्रों के लिए उपलब्ध किया जाएगा – जो एनसीएफ 2005 के उद्देश्यों में से एक को पूरा करेगा कि ज्ञान सृजन में छात्रों को शामिल किया जाना चाहिए।
हालांकि, एक निष्कर्ष यह था कि शिक्षक और विद्या कमेटी को यह दिशा-निर्देश दिए जाने आवश्यक थे कि वास्तव में बच्चों पर हावी हुए बिना और उनकी जिज्ञासा व रचनात्मकता का दम घोंटने के स्थान पर बच्चों के प्रयासों में मदद देनी चाहिए थी।
(आप इस परियोजना का विस्तृत विवरण यहाँ पढ़ सकते हैं: http://www.azimpremjifoundation.org/ pdf/ LocalContent.pdf.)
शिक्षा के क्षेत्र में आईसीटी के लिए पाठ्यचर्याएं (केन्द्रीय शैक्षिक प्रौद्योगिकी संस्थान, 2013) ने छः किस्मों की पहचान की है जो शिक्षकों व छात्रों में आज की व कल की प्रौद्योगिकी को संभालने में उनकी क्षमता-निर्माण में प्रासंगिक हैं। ये किस्में इस प्रकार है:
शिक्षा में आईसीटी के लिए पाठ्यक्रम एक आकांक्षा का प्रतिनिधित्व करता है। आपकी आईसीटी कार्य-नीति को यह भी ध्यान में रखने की आवश्यकता होगी, लेकिन इसे भी आपके विद्यालय में वर्तमान स्थिति को प्रतिबिंबित करने की जरूरत है। इस इकाई में गतिविधियों ने आपको आईसीटी-कुशलता का स्तर और आपके शिक्षकों के बीच इसे प्रयोग करना दर्शाया होगा और आपको इस बारे में कुछ विचार प्रदान किए होंगे कि कक्षा में व्यावसायिक विकास और सीखने में आईसीटी किस प्रकार समर्थन दे सकती है। आशा है कि आपने एक या दो आईसीटी चैम्पियनों की पहचान कर ली होगी जो आपकी कार्य-नीति का विकास करने में आपकी मदद कर पाएंगे।
आपकी आईसीटी कार्य-नीति में आपको यह याद रखने की आवश्यकता होगी:
अपने शिक्षकों के आत्मविश्वास और क्षमता में सुधार करना
अपने आईसीटी चैम्पियनों के साथ काम करते हुए, अपने वृत्त अध्ययनों और गतिविधियों से लिए गए अपने नोट्स पर वापस जाएं और अपनी कार्यनीति के प्रत्येक तत्व के लिए एक कार्य योजना बनाएं।
शिक्षा में आईसीटी हेतु पाठ्यक्रम की अपनी योजना के सम्मुख जाँच करें जिससे यह सुनिश्चित हो सके कि आपने जिन कार्यवाहियों की पहचान की है उनसे आपका विद्यालय सरकार द्वारा निर्धारित अपेक्षाओं की दिशा में प्रगति कर पाएगा।
भविष्य में यह बहुत संभावना है कि इंटरनेट के प्रयोग में और किफायती इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की उपलब्धता में वृद्धि होगी। एक विद्यालय लीडर के रूप में, आपको जागरूक होने की आवश्यकता है कि आप एक जटिल व तेजी से बदल रहे विश्व में जीने के लिए बच्चों को तैयार कर रहे हैं। विद्यालय में होते हुए उनकी जानकारी नई प्रौद्योगिकी में जितनी बढ़ेगी, भविष्य के लिए वे उतने ही बेहतर सुसज्जित होने के लिए तैयार होंगे, क्योंकि जैसा विद्यालय शिक्षा 2012 में सूचना और संचार प्रौद्योगिकी (आईसीटी) पर राष्ट्रीय नीति में कहा गया है, ‘एक ज्ञानवान समाज की स्थापना, जीविका और विकास में रचनात्मक भाग लेने के लिए युवाओं को तैयार करना, जो वैश्विक प्रतिस्पर्धा के दौर में राष्ट्र का चहुँमुखी सामाजिक-आर्थिक विकास करे’।
इस इकाई का उद्देश्य यह प्रदर्शित करना रहा है कि विद्यालय में आईसीटी के प्रयोग को एक समर्पित कंप्यूटर सुविधा की आवश्यकता नहीं होती और उन कुछ तरीकों को प्रकाश में लाना रहा है जिनसे आप अपने विद्यालय में आईसीटी संसाधन तैयार कर सकते हैं। यह महत्वपूर्ण है कि आपकी आईसीटी कार्य-नीति:
आपके शिक्षकों की कुशलता और आत्मविश्वास का ध्यान रखे
यह इकाई उन इकाइयों के समुच्चय या परिवार का हिस्सा है जो पढ़ाने-सीखने की प्रक्रिया को रूपांतरित करने के महत्वपूर्ण क्षेत्र से संबंध रखती हैं (नेशनल कॉलेज ऑफ विद्यालय लीडरशिप के साथ संरेखित)। आप अपने ज्ञान और कौशलों को विकसित करने के लिए इस समुच्चय में आगे आने वाली अन्य इकाइयों पर नज़र डालकर लाभान्वित हो सकते हैं:
छात्रों की प्रभावी शिक्षण प्रक्रिया के लिए संसाधनों का प्रबंधन करना।
.विद्यालय नेताओं के लिए इस प्रश्नावली का उद्देश्य है विद्यालय में सीखने और सिखाने की प्रक्रिया में मदद करने के लिए प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल कैसे किया जाएं इसकी योजना बनाने के लिए शिक्षकों के ज्ञान और कौशल का पता लगाना।
प्रौद्योगिकी | क्या आप इसे विद्यालय के बाहर इस्तेमाल करते हैं? | 1-5 के पैमाने पर इस उपकरण को इस्तेमाल करने के लिए आप कितने आश्वस्त हैं? (1 = बिल्कुल भी आश्वस्त नहीं और 5 = बहुत ज्यादा आश्वस्त) | क्या आप इसे कक्षा में इस्तेमाल करते हैं? |
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डेस्कटॉप कम्प्यूटर्स | |||
लैपटॉप | |||
इंटरनेट एक्सेस | |||
सामान्य मोबाइल फोन (लेकिन कैलकुलेटर, वॉइस रिकॉर्डर और कैमरा के साथ) | |||
स्मार्टफोन (इंटरनेट एक्सेस के साथ) | |||
टैबलेट | |||
ईमेल | |||
सोशल मीडिया (ट्विटर, फेसबुक) | |||
प्रोजेक्टर/स्क्रीन | |||
लाउडस्पीकर्स | |||
प्रिंटर | |||
डिजिटल कैमरा (शायद फोन या टैबलेट से जुड़ा हुआ) | |||
सीडी/टेप प्लेयर | |||
टेलिविजन/डीवीडी प्लेयर | |||
रेडियो |
कम्प्यूटर कौशल | मैं यह कर सकता हूँ | यह कैसे करना है यह सीखने के लिए मैं उत्सुक हूँ |
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माउस का संचालन | ||
फाइलों को खोलना और बंद करना और फोल्डर बनाना | ||
वर्ड प्रोसेसिंग | ||
कम्प्यूटर पर आपने जो डॉक्यूमेंट (दस्तावेज़) बनाया उसे प्रिंट करना | ||
प्रस्तुतियाँ (प्रेजेन्टेशन) बनाना | ||
स्प्रेडशीट का इस्तेमाल करना | ||
इंटरनेट पर खोज करना | ||
इंटरनेट से सामग्रियों को डाउनलोड करना | ||
कम्प्यूटर में सीडी डालकर उसकी सामग्री को एक्सेस करना | ||
मेमोरी स्टिक के साथ फाइलों को पढ़ना और सहेजना | ||
कम्प्यूटर को लाउडस्पीकर और प्रोजेक्टर के साथ कनेक्ट करना | ||
मोबाइल फोन या टैबलेट पर फोटो लेना | ||
डिजिटल कैमरा से कम्प्यूटर पर फोटोग्राफ सहेजना | ||
ईमेल भेजना और प्राप्त करना | ||
अटैचमेंट के साथ ईमेल भेजना | ||
ट्विटर और फेसबुक को एक्सेस करना | ||
इंटरनेट पर खरीददारी करना | ||
यूट्यूब पर फिल्मों की क्लिपें देखना | ||
यूट्यूब पर फिल्म को अपलोड करना | ||
कम्प्यूटर में दस्तावेज स्कैन करना | ||
लैपटॉप पर डीवीडी देखना |
शिक्षक आम तौर पर जिन चुनौतियों को रेखांकित करते है उनमें शामिल है:
‘छात्र प्रेरित नहीं है।’
‘पाठ्यक्रम के कुछ विषयों को पढ़ाने के लिए मुझमें पर्याप्त आत्मविश्वास नहीं है।’
‘छात्र बुरी तरह पेश आते हैं।’
‘दैनंदिन उपस्थिति बहुत ही कम है, इसलिए छात्र पढ़ नहीं पाते और फिर उन्हें समझने में मुश्किलें आती हैं।’
प्रौद्योगिकी इनमें से बहुत सारी चुनौतियों से निपट सकती है। एक लैपटॉप जो समय-समय पर इंटरनेट से कनेक्ट होकर चीजें डाउनलोड कर सके और एक प्रोजेक्टर के इस्तेमाल से शिक्षक निम्नलिखित कार्य कर सकते हैं:
जटिल कल्पनाओं को समझाने के लिए अनुकरण (सिमुलेशन) का इस्तेमाल करना
विवादास्पद विषय पर दोतरफा तर्क प्रस्तुत करके शिक्षक छात्रों के बीच चर्चा और बहस को प्रेरित कर सकते हैं। टैबलेट में लोड किये हुए शैक्षिक एप्लीकेशन छात्रों और शिक्षकों के द्वारा समझ विकसित करने और सहभागिता बढ़ाने के लिए इस्तेमाल किये जा सकते हैं। अनुसंधान करने और जानकारी प्रदान करने के लिए कम्प्यूटर का इस्तेमाल छात्रों को अपनी पढ़ाई की जिम्मेदारी लेने का अवसर देता है।
जिन वेबसाइटों में ओईआर हैं नीचे उनकी सूची दी गई है:
आपको मिलनेवाली सामग्री की गुणवत्ता का विश्लेषण करने के लिए नीचे जाँचसूची दी गई है:
रखरखाव और सहायता के लिए लगातार खर्च करना पड़ता है। आप स्टाफ के ऐसे किसी सदस्य को यह जिम्मेदारी सौंप सकते हैं जिसके पास उचित ज्ञान और कौशल है; वैकल्पिक रूप से, आपको इन सेवाओं को खरीदना पड़ेगा या किसी स्वयंसेवी की मदद लेनी होगी।
विद्यालय की व्यवस्था का हिस्सा होने वाले लोगों के द्वारा रखरखाव मुहैया किया जा सकता है या उन्हें खरीदा जा सकता है। एप्लीकेशन्स या उपकरणों के इस्तेमाल के लिए इसमें निगरानी के प्रकार शामिल हैं। विशिष्ट रखरखाव वस्तुओं में शामिल है:
आईसीटी सहायता का उद्देश्य उपकरण और प्रणाली पर नहीं बल्कि उपयोगकर्ताओं के साथ काम करना है। सहायता उपयोगकर्ताओं की लगातार कार्य करने में या वे जैसे काम करते हैं उसे सुधारने में मदद करती है, जिसमें निम्नलिखित बातें शामिल हैं:
(शिक्षा सांख्यिकी के लिए राष्ट्रीय केन्द्र, 2003 से अनुकूलित।)
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वीडियो (वीडियो स्टिल्स सहित): भारत भर के उन अध्यापक शिक्षकों, मुख्याध्यापकों, अध्यापकों और छात्रों के प्रति आभार प्रकट किया जाता है जिन्होंने उत्पादनों में दि ओपन यूनिवर्सिटी के साथ काम किया है।