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बाल-साहित्य को जानना और उसका उपयोग

यह इकाई किस बारे में है

भारत में मौखिक और लिखित साहित्य की एक समृद्ध विरासत है। बाल कहानियों और कविताओं के अच्छे ज्ञान के साथ, आप विद्यार्थियों को इस विरासत का महत्व जानने व उसका आनन्द लेने के लिए तथा हमारे देश की भाषाओं, इतिहास और संस्कृतियों के प्रति अपनेपन का भाव साझा करने के लिए प्रोत्साहित कर सकते हैं।

इस इकाई में आप:

  • बाल साहित्य के अपने ज्ञान की समीक्षा करेगें और अपनी जानकारी को विस्तृत करने के लिए कद़म उठाएँगे
  • बाल कथाओं की विशेषताओं पर ग़ौर करेगें
  • अपने छात्रों का साहित्य से परिचय करवाने के लिए कुछ सरल कक्षा गतिविधियों को क्रियान्वित करेंगे।

आप इस इकाई में क्या सीख सकते हैं

  • आपके छात्रों के लिए उपयुक्त रूप से साहित्य संबंधी अपने ज्ञान का परीक्षण और उसका विस्तार कैसे करें।
  • उच्च गुणवत्ता वाले बाल साहित्य की विशेषताओं को कैसे पहचानें।
  • कक्षा में कहानियों और कविता का उपयोग करने के लिए तकनीक।

यह दृष्टिकोण क्यों महत्वपूर्ण है

कहानियाँ और कविताएँ विभिन्न भाषा कौशलों को विकसित करते हुए, उनके तत्कालिक अनुभव से परे बच्चों की दुनिया को समृद्ध बनाने के लिए एक विशाल स्रोत का प्रतिनिधित्व करते हैं। बचपन में कहानियाँ और कविताएँ सुनने का सकारात्मक अनुभव, स्वयं कहानियाँ और कविताएँ पढ़ने की इच्छा को प्रेरित करेगा, जो उनके साक्षरता विकास में योगदान करेगा। यह इकाई आपको सरल तरीक़ों से अपने छात्रों की भाषा और साक्षरता कौशल को बढ़ाने के लिए कक्षा में पारंपरिक और आधुनिक कहानियों और कविताओं के अपने ज्ञान का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित करती है।

1 आपके बाल साहित्य ज्ञान का परीक्षण और विस्तार

आप बाल साहित्य के विषयों में अपने ज्ञान का परीक्षण से शुरू करेंगे।

गतिविधि 1: आपके बाल साहित्य ज्ञान का परीक्षण

संभव है कि आप अपने छात्रों के लिए साहित्य का मुख्य स्रोत हों। इसलिए यह महत्वपूर्ण है कि आपको अपने छात्रों की उम्र और स्तर के अनुरूप ऐसी विविध कहानियों और कविताओं की जानकारी हो, जिन्हें आपने क़िताबों में पढ़ा था या जिन्हें अपनी याद्दाश्त से सुना सकें।

यह परीक्षण कोई परीक्षा नहीं है। इसका उद्देश्य आपको बाल साहित्य के अपने ज्ञान के संबंध में अपने शुरुआती बिंदु की पहचान करने में मदद करना है। यथा संभव ईमानदारी के साथ उत्तर देने का प्रयास करें। आपको याद आने वाले किन्हीं उदाहरणों को नोट करें। साथ ही, अपने किसी सहकर्मी से उनके ज्ञान का परीक्षण करने के लिए कहें। अंत में उनके साथ अपने जवाब साझा करना दिलचस्प होगा।

क्या आप स्मृति से–

  • बच्चों के लिए कोई कविता सुना सकते हैं?
  • बच्चों के लिए कोई तुकांत कविता जिसे वे गा सकें?

क्या आप स्मृति से–

  • बच्चों के लिए कोई लोक कथा सुना सकते हैं?
  • कोई छोटी ऐतिहासिक कथा सुना सकते हैं?

क्या आप बता सकते हैं:

  • किसी बाल कहानी या लोक कथा के किसी पात्र का नाम?
  • बच्चों की किसी कविता या तुकांत कविता के किसी पात्र का नाम?

क्या आप बता सकते हैं:

  • बाल कथा पुस्तिका का नाम?
  • बाल कविता पुस्तक का नाम?
  • किसी भारतीय बाल लेखक का नाम?
  • किसी भारतीय बाल कवि का नाम?

यदि संभव हो, तो अपने किसी सहकर्मी के साथ अपने परीक्षण और अपने विचारों की तुलना करें।

विचार के लिए रुकें

  • क्या आपका और आपके सहकर्मियों का बाल ग्रंथों और लेखकों के बारे में ज्ञान समान है या अलग? क्या कोई ऐसा ज्ञान है जिसे आप साझा कर सकते हैं?
  • क्या आजकल बच्चों को वही कहानियाँ और कविताएँ सुनाई जा रही हैं जो आपने बचपन में सुनी थीं?
  • क्या आप अपनी कक्षा में इनमें से किसी कहानी या कविता का उपयोग करते हैं? क्यों या क्यों नहीं?

शायद आपने अपने बचपन में सुनी कुछ कहानियों और कविताओं को याद किया होगा। शायद आपको सद्व्यवहार के संबंध में बच्चों के लिए कोई नैतिक संदेश या चेतावनी देने वाली लोक-कथा अथवा स्कूल के खेल के मैदान में सुनाई गई कोई कविता याद हो। आपने शायद किसी क़िताब में कभी पढ़ें बिना - इन कहानियों या कविताओं को घर पर, समुदाय और स्कूल में सुन कर सीखा होगा। हो सकता है कि आप लोक कथाओं या कविताओं से अधिक परिचित हों, और आपके सहकर्मियों को आर. के. नारायण, अनंत पई या रस्किन बॉण्ड जैसे बाल लेखकों की कहानियाँ याद हों। हो सकता है, आजकल बच्चों द्वारा पढ़ी जाने वाली कहानियाँ यही हों या न हों। टेलीविजऩ, कॉमिक सीरिज या स्थानीय किंवदिंतयों से जानी गई ऐसी भी नई कहानियाँ हो सकती हैं, जिनमें बच्चों की दिलचस्पी हो। इन नई-पुरानी कहानियों को आपकी कक्षा में एक संसाधन के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है, ताकि पढ़ाते समय कहानियों का ख़जाना विकसित करने में वे उपयोगी हों।

गतिविधि 2: आपके बाल साहित्य संबंधी ज्ञान का विस्तार

अब अपने परीक्षण के निर्माण की योजना तैयार करें। अपने के लिए स्वयं एक लक्ष्य निर्धारित करें:

  • दो बाल लेखक, जिनसे आप परिचित नहीं, को पढ़ेंगे।
  • दो बाल कवि, जिनसे आप परिचित नहीं, को पढ़ेंगे।

अपने सहकर्मियों के साथ अपने विचारों को साझा करें।

2 कक्षा में उपयोग के लिए साहित्य का चयन

आगामी केस स्टडी में, एक शिक्षिका पुस्तक मेले में जाती है और सोचती है कि वहाँ उपलब्ध सामग्री को अपनी कक्षा में भाषा तथा साक्षरता शिक्षण में किस प्रकार शामिल करें।

केस स्टडी 1: श्रीमती अपराजिता अपने छात्रों के साथ भारतीय बाल साहित्य की तलाश करती हैं

श्रीमती अपराजिता कानपुर में छठी कक्षा की शिक्षिका हैं।

मैं अपनी कक्षा में नई क़िताबें लाना चाहती थी। मुझे क़िताबें ख़रीदने के लिए अपने शीर्ष शिक्षक, मिस्टर गोम्स से अनुमति लेनी पड़ी, जो सहमत हो गए कि मैं स्कूल बजट का एक अंश पुस्तकों पर खर्च करूँ, जो पूरे स्कूल के लिए उपलब्ध कराया जाएगा।

मैं रोचक पुस्तकों की खोज में कोलकाता पुस्तक मेले में गई। मैं बच्चों के लिए कॉमिक्स से लेकर लंबे उपन्यासों तक, बेची जाने वाली पठन सामग्री के विशाल रेजं को देख कर पूरी तरह अभिभतू हो गई। कुछ सामग्री विदेशों से थी। मुझे ग्रिम्स फ़ेयरी टेल्स की विभिन्न प्रतियों के बीच भारतीय कहानियों को वाक़ई खोजना पड़ा। मुझे लगता है कि बड़े पुस्तक प्रकाशक उन माता-पिता को लक्षित कर रहे थे, जिनके बच्चे अंग्रेज़ी माध्यम के स्कूलों में पढ़ते हैं। आख़िरकार सरस्वती प्रेस की दुकान पर मुझे अपनी कक्षाओं के लिए उपयुक्त रोचक बाल साहित्य मिला।

मैंने अपने छात्रों के आनंद के लिए क़िताबें सस्वर पढ़ना शुरू किया। बाद में, जब वे कहानियों से परिचित हो गए, तब मैंने पाठ पर आधारित साक्षरता विकास गतिविधियों की योजना बनाने की शुरुआत की। जब कोई कहानी या कविता उच्च गुणवत्ता की हो, तो उसके इर्द-गिर्द गतिविधियों की योजना बनाना बेहद आसान है।

विचार के लिए रुकें

  • क्या आप श्रीमती अपराजिता से सहमत है कि हिन्दी में अच्छा बाल साहित्य खोजना सदा उतना आसान नहीं है?
  • आपके स्कूल में क़िताबें ख़रीदने के लिए किस प्रकार के वित्त पोषण अवसर मौजूद हैं? आप इन निधियों का किस प्रकार उत्तम उपयोग कर सकते हैं?

अगली गतिविधि में, आप उच्च गुणवत्ता वाले बाल साहित्य की विशेषताओं पर गंभीरता से विचार करेंगे।

गतिविधि 3: बाल साहित्य का मूल्यांकन

बाल साहित्य का रेजं विशाल है। अब आप दो उदाहरणों पर ग़ौर करेगें: क़िताब ‘बाल कटवाने का वार्षिक दिवस’ (एन्युअल हेयरकट डे) (संसाधन 1) और कहानी ‘युवती जिसने साँप से शादी की’ (संसाधन 2).

दोनों पाठ अपने आप को या किसी सहकर्मी को ज़ोर से पढ़ कर सुनाएँ। जब आप पढ़ रहे हों, तब निम्न प्रश्नों के बारे में ध्यान से सोचे:

  • दोनों कहानियों के बीच अंतर क्या हैं?
  • क्या आप किसी एक को दूसरे की तुलना में बेहतर मानते हैं?
  • प्रत्येक पाठ की सकारात्मक विशेषताओं के बारे में आप क्या सोचते हैं?

फिर से ‘बाल कटवाने का वार्षिक दिवस’ को देखें और निम्न प्रश्नों का उत्तर दें:

  • कहानी क्यों ‘कई साल पहल…’ या ‘एक समय की बात है …’ जैसे शब्दों के साथ शुरू नहीं होती, जैसा कि कई कहानियों में होता है?
  • क्या आपके विचार में चित्र ज़रूरी हैं? क्यों या क्यों नहीं?
  • आपके विचार में आपके छात्रों को कहानी के मामले में क्या पसंद आएगा?

दूसरों के विचारों के साथ अपने विचारों की तुलना करें।

बाल कटवाने का वार्षिक दिवस’ एक छोटी, जीवंत चित्र-पुस्तिका है। चित्रों में ऐसे लोगों और स्थानों को दिखाया गया है, जो समकालीन और परिचित हैं। उनमें से कई में, जैसे कि नाई की दुकान और व्यस्त घर, मनोरंजक विवरण शामिल हैं जो देखने तथा चर्चा के लिए दिलचस्प लगते हैं।

जहाँ पाठ सरल और दोहराव वाला है, वह बख़ूबी जटिल भाषा की संरचना करता है:

उदास महसूस करते हुए, माधव कुमार घर वापस चला…

थोड़ा नाराज़ महसूस करते हुए, माधव कुमार अपने दोस्त दर्जी के पास गया…

अब थोड़ा चिंतित होते हुए, माधव कुमार एक और दोस्त बढ़ई के पास गया…

आँखें में आँसू भरे, वह अकेला ही…।

बाल कटवाने का वार्षिक दिवसजैसी पुस्तकें विशेष रूप से नए पाठकों को स्वतंत्र रूप से पढ़ना सीखने में मदद करने के लिए बनाई गई हैं। इनमें ध्यानपूर्वक चयनित परिचित शब्द और वाक्यांश शामिल हैं। छात्र पाठ का अर्थ समझने के लिए ‘सुराग़’ के रूप में चित्रों का उपयोग कर सकते हैं।

जब छात्र इस तरह की कहानियाँ सुनते या पढ़ते हैं, तो वे अन्य पुस्तकों में उन्हीं शब्दों और वाक्यांशों को पहचानना शुरू कर देते हैं और अपने स्वयं की बातचीत और लेखन में इस ज्ञान को लागू करने लगते हैं।

इस तरह की कहानियाँ छोटे बच्चों को बोलने और सुनने के लिए भी प्रोत्साहित करने के लिए उपयोगी होती हैं, तब वे तस्वीरों और कहानी में घटित होने वाले प्रसंगों से संबंधित में सवालों का जवाब देने लगते हैं।

इस तरह की कहानियाँ बच्चों के अनुकूल हैं क्योंकि वे एक ऐसी दुनिया पेश करती हैं, जिसे कम आयु के पाठक पहचान सकते हैं। इस प्रकार की कहानियाँ सुनने और पढ़ने की संतुष्टि दूसरी क़िताबों में बच्चों की दिलचस्पी बढ़ाएगी।

इस तरह की कहानियों को सुनने या पढ़ने के बाद, छात्रों से अपेक्षा की जी सकती है–

  • कहानी का विस्तार (उदाहरण के लिए, नए पात्र या पशुओं को जोडत़े हुए)
  • • भिन्न रूप से समापन (शायद माधव कुमार को उसके बाल झड़ने के बाद विग पहनना पड़ा, क्योंकि अब उसकी खोपड़ी ठंडी थी!)
  • अभिनय करें
  • कहानी के उनके अपने संस्करण कहें या लिखें
  • एक ऐसी ही कहानी तैयार करें (उदाहरण के लिए, एक मगरमच्छ, जिसका ‘वार्षिक दंतमंजन दिवस’ था, जिसमें ‘आज मेरे पास इतने सारे दांत ब्रश करने के लिए समय नहीं है!’ वाक्यांश का बार-बार उपयोग करते हुए)।

अब संसाधन 2 पढ़ें, ‘युवती, जिसने साँप से शादी की’ पढ़ें।

  • यह कहानी ‘बाल कटवाने का वार्षिक दिवस’ से किस प्रकार अलग है?
  • आपके विचार में इस कहानी में चित्र क्यों आवश्यक नहीं हैं?
  • क्या आप स्मृति से अपने छात्रों को यह कहानी फिर से सुना सकते हैं?
  • क्या कहानी में ऐसे स्थल है, जहाँ आप कठिन शब्दों को आसान शब्दों से प्रतिस्थापित करना चाहेंगे?,
  • क्या कहानी को गाने, मारधाड़, संवाद या अतिरिक्त पात्रों के साथ विस्तृत किया या सुधारा जा सकता है?
  • क्या आपके विचार में इस कहानी के अभिनय में आपके छात्रों को मज़ा आएगा?

‘युवती, जिसने साँप से शादी की’ पंचतंत्र की एक पारंपरिक कहानी है, जिसकी शुरुआत सभी पारंपरिक कहानियों के परिचय की भाँति ‘एक समय की बात है…’ वाक्यांश से होता है - और जो कि यह संकेत है कि कहानी शुरू होने वाली है। यह रूप बदलने की एक जादुई कहानी है। यह किसी विशेष समय या स्थान में प्रतिस्थापित नहीं किया गया है, लेकिन यह हमारे समकालीन दुनिया की तरह भी प्रतीत नहीं होता है।

यह काफ़ी गहन, भावनात्मक कहानी है। यह थोड़ा अजीब और परेशान करने वाला महसूस हो सकता है।

‘बाल कटवाने का वार्षिक दिवस’ से भिन्न, इस कहानी का लेखन सरल नहीं है, और न ही संवाद रोज़मर्रा की भाषा में है।

जब छात्र इस कहानी को सुनते हैं, तो वे ऐसे जटिल वाक्य और शब्दावली का सामना करते हैं, जिसे वे स्वयं नहीं पढ़ पाते। वे एक पारंपरिक कहानी के माध्यम से भाषा के बारे में जानते हैं, जो भारत की सांस्कृतिक विरासत का एक हिस्सा है।

उसे सुनने के बाद, छात्र निम्न कार्य कर सकते हैं:

  • कहानी को पुनः सुनाना
  • कहानी के अपने संस्करण बनाना
  • कहानी अभिनीत करना
  • पात्रों के बीच संवाद को सुधारना
  • दृश्यों को चित्रित करना या रंग भरना
  • एक ‘पूर्व कड़ी’ तैयार करना (वह अभिशाप क्या था जिसने बेटे को साँप बना दिया?)
  • कहानी विस्तृत करना (युवती और बेटे का आगे क्या होता है? क्या उनके बच्चे साँप होते हैं?)
  • स्कूल या समुदाय के लिए कहानी का अभिनय करें।

विचार के लिए रुकें

  • इन दो कहानियों से संबंधित प्रश्नों को पढ़ने और उस पर विचार करने के बाद, क्या आप भाषा शिक्षण और साक्षरता के लिए प्रत्येक कहानी के लाभ देख सकते हैं?

कोई कहानी स्कूल की पाठ्यपुस्तक से नहीं है। दोनों दिलचस्प स्थितियाँ और भाषा को प्रदान करती है जिस पर विचार-विमर्श किया जा सकता है। दोनों पाठों को विस्तृत और अनुकूलित करके भाषा और साक्षरता गतिविधियों के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है।

संसाधन 3 इस विषय में मार्गदर्शन देता है कि बच्चों के लिए उपयोगी साहित्य का चयन करते समय क्या देखना चाहिए। अब संसाधन 3 पढ़े और अपनी कक्षा में साहित्य संसाधनों के बारे में विचार करें।

3 कक्षा में कविताएँ और कहानियों का उपयोग

अगली गतिविधि में आप कविता की भाषा पर ग़ौर करेंगे।

गतिविधि 4: कविता की सराहना करना

इस छोटी कविता को अपने लिए ज़ोर से पढ़ें, या अपने सहकर्मी को ज़ोर से पढ़ कर सुनाएँ।

‘When Day Is Done’ by रवींद्रनाथ टैगोर की कविता

If the day is done
if birds sing no more
if the wind has flagged tired
then draw the veil of darkness thick upon me
even as thou hast wrapt the earth with the coverlet of sleep
and tenderly closed the petals of the drooping lotus at dusk.

अब इन प्रश्नों के उत्तर दीजिए:

  • क्या यह कविता आपको ख़ुश या दुःखी महसूस कराती है? ऐसा क्यों है?
  • यह आपको क्या सोचने पर बाध्य करता है?
  • क्या आपके विचार में बहुत छोटे बच्चे इसे समझ पाएँगे? क्यों या क्यों नहीं?
  • आप ‘a thick veil of darkness’, ‘a coverlet of sleep that wraps the earth’ और ‘drooping petals’ वाक्यांशों की कैसे व्याख्या करेंगे? आप अपने छात्रों को इसे कैसे समझाएँगे?

अपने सहकर्मी से इन वाक्यांशों की व्याख्या साझा करें। क्या आप या आपके छात्र इन काव्य छवियों को चित्रित कर सकते हैं या शारीरिक रूप से अभिनय कर सकते हैं?

विचार के लिए रुकें

बहुत कम उम्र वाले बच्चे भी सुनाने पर कविता समझ सकते हैं। वे हर शब्द नहीं समझ सकेंगे, लेकिन वे भाषा की ध्वनि और लय के प्रति लगाव पैदा करना सीख सकते हैं। वे जिन शब्दों और वाक्यांशों को स्वयं पढ़ नहीं पाते, उन्हें भी समझना शुरू कर देंगे।

  • कक्षा में आपने किन कविताओं को इस्तेमाल किया है?
  • आप किनका उपयोग कर सकते हैं?

उच्च गुणवत्ता वाले साहित्य को सुनना छात्रों को उसी प्रकार के लिखित शब्दों को स्वयं पढ़ने के लिए तैयार करता है। इस इकाई में अंतिम गतिविधियाँ आपको अपने छात्रों का साहित्य से परिचय करवाने में मार्गदर्शन करती हैं।

स्कूल में दिन भर ऐसे कई पल मिलेंगे, जब आप समग्र समय-सारणी पर बिना कोई प्रभाव डाले एक छोटी कहानी या कविता पढ़ कर सुना सकते हैं।

आरम्भ में इन श्रवण गतिविधियों के साथ किसी भाषा या लेखन संबंधी कार्य को न जोड़े। उन्हें छात्रों के साथ परस्पर बातचीत का सुखद अवसर बने रहने दें।

गतिविधि 5: अपनी कक्षा को कविता पढ़ कर सुनाना।

  1. कोई ऐसी छोटी कविता चुनें जिसे आप अच्छी तरह जानते हैं। उसे याद करें और घर पर या सहकर्मियों के साथ सुनाने का अभ्यास करें।
  2. छात्रों को सुनाने के लिए उपयुक्त समय का चयन करें। यह स्कूल के दिन की शुरुआत, भोजन से पहले या बाद में, या दिन के अंत में हो सकता है। ब्लैकबोर्ड पर कविता का शीर्षक लिखें।
  3. जब आप कविता सुनाएँ तब छात्रों के साथ नेत्र संपर्क रखें। आपको कुछ शब्दों को समझाने या ब्लैकबोर्ड पर चित्रित करने की ज़रूरत पड़ सकती है।
  4. सप्ताह में, या अगले हफ्ते कविता दोहराएँ, ताकि छात्र उसे समझने लगें।
  5. आपके साथ छात्रों को भी दोहराने के लिए कहें, यदि सम्भव हो तो संकेत या अभिनय के साथ।
  6. संभव हो तो जोड़े या समूहों में, किसी अन्य दिन अपने साथ दोहराने के लिए उन्हें आमंत्रित करें। इन अवसरों का उपयोग उनकी समझ और भाषा संबंधी आत्मविश्वास का निरीक्षण करने के लिए करें।

गतिविधि 6: अपनी कक्षा में सस्वर से पढ़ कर सुनाना

किसी क़िताब से एक उच्च गुणवत्ता वाली बच्चों की कहानी चुनें। घर पर या सहकर्मियों के साथ सस्वर पढ़ते हुए, कहानी को अच्छी तरह से समझें।

अपने छात्रों का पुस्तक से परिचय करवाएँ। कक्षा में या किसी पेड़ के नीचे उन्हें अपने इर्द-गिर्द आधा गोल घेरा बना कर बैठने के लिए कहें।

अपने छात्रों को पुस्तक का आवरण दिखाएँ। उनसे पूछें कि उनके विचार में वह किस विषय से संबंधित हो सकता है। यदि आवरण पृष्ठ पर जंगल नजऱ आता हो, तो पूछें कि क्या कक्षा में किसी ने कभी कोई जंगल देखा है और वह कैसा था। यदि वह बारिश के बारे में हो, तो अपने छात्रों से पूछें कि वे बारिश को पसदं करते हैं या नहीं, और क्यों। शीर्षक पढ़ें और अनुमान लगाने के लिए कहें कि पुस्तक किस विषय से संबंधित हो सकता है।

पुस्तक दिखाएं ताकि हर कोई शब्दों और चित्र को देख सकें। कम आयु के छात्रों के साथ आप पढ़ते समय अपनी उँगली से शब्दों का अनुसरण कर सकते हैं।

कहानी को धीमे और अभिव्यक्ति के साथ पढ़ें, और जब चित्रों से सामना हो, तो उसकी ओर सबका ध्यान आकर्षित करें।

जब आपका पढ़ना ख़त्म हो, तब अपने छात्रों से ये प्रश्न पूछें:

  • इस कहानी के संबंध में आपको क्या पसंद आया?
  • क्या ऐसी कोई चीज़ थी जो आपको पसंद नहीं आई हो?
  • क्या इसमें आपको हैरान करने वाली कोई बात थी? वह क्या था?

उसी सप्ताह, या अगले सप्ताह कहानी को दुबारा पढ़ें, ताकि आपके छात्र उसे समझने लगें।

आपके छात्रों को संभवतः जोड़े या समूहों में कहानी को दुबारा सुनाने के लिए कहें। ग़ौर करें कि कौन-से छात्र कहानी याद कर पा रहे हैं, और कौन-से छात्र उसे विस्तृत या परिवर्तित कर पा रहे हैं। ध्यान से देखें कि कौन-से छात्र दिलचस्पी दिखा रहे हैं और समझ रहे हैं और कौन-से छात्र उदासीन या उलझन में नज़र आ रहे हैं।

आपके छात्रों की प्रतिक्रियाओं से अगली बार उन्हें पढ़ कर सुनाने वाले विषय का चयन करें।

संसाधन 4 में आपकी कक्षा में कहानी सुनाने के प्रयोग पर कुछ और सुझाव शामिल हैं।

विचार के लिए रुकें

  • ऊपर उल्लिखित कविता पाठ और कहानी पठन गतिविधियों का अनुभव किस प्रकार रहा?
  • उनमें से प्रत्येक के लिए आपके छात्रों की प्रतिक्रिया किस प्रकार की रही?

यदि आपने अपने छात्रों को कभी कविता पाठ या कहानी पढ़ कर नहीं सुनाया हो, तो पहली बार आप नर्वस हो सकते है। लेकिन जब आप नियमित रूप से इसे अपने शिक्षण में शामिल करने लगेगें तो आप तथा आपके छात्र, दोनों इन गतिविधियों के अभ्यस्त हो जाएँगे और आपके छात्र आपकी राह देखने लगेगें और संभवतः स्वयं कविता या कहानी पढ़ते हुए उसका आनंद उठाने लगेंगे।

4 सारांश

इस इकाई में, आपने बच्चों के साहित्य के प्रति अपने ज्ञान का परीक्षण किया और अच्छी गुणवत्ता वाली बाल कहानियों की विशेषताओं पर विचार किया। आपने अपने पाठों में कविता पाठ तथा कहानी सुनाने के अधिक अवसरों को शामिल करने के बारे में भी विचार किया। जब आप अपने शिक्षण में इस तरह की गतिविधियों को नियमित रूप से शामिल करेगें, तब छात्र उनकी उम्मीद करेंगे और स्वयं आनंद लेने लगेगें, और यह उन्हें स्वयं कहानियाँ और कविताएँ पढ़ने के लिए प्रोत्साहित करेगा, जिससे उनमें साक्षरता का विकास होगा।

संसाधन

संसाधन 1: एन्युअल हेयरकट डे

संसाधन 2: ‘युवती जिसने साँप से शादी की’

एक समय की बात है, एक गाँव में एक ब्राह्मण अपनी पत्नी के साथ रहता था। दोनों बच्चे न होने के कारण दुःखी थे। हर दिन, वे इसी उम्मीद में प्रार्थना करते थे कि एक न एक दिन उनके घर बच्चा जन्म लेगा। अंततः उनको संतान का सुख प्राप्त हुआ। ब्राह्मण की पत्नी ने बच्चे को जन्म दिया, लेकिन बच्चा साँप में परिवर्तित हो गया। हर कोई भयभीत था और लोगों ने उन्हें जितनी जल्दी हो सके, साँप से छुटकारा पाने की सलाह दी।

ब्राह्मण की पत्नी अटल रही और उसने किसी की बात नहीं मानी। वह बेटे के रूप में साँप को प्यार करती थी और इस बात की परवाह नहीं की कि उसका शिशु एक साँप है। उसने बड़े प्यार से साँप का पालन-पोषण किया। उसने यथा संभव उसे सबसे अच्छा भोजन खिलाया। उसने साँप के सोने के लिए एक डिब्बे में आरामदायक बिस्तर तैयार किया। साँप बड़ा हुआ और उसकी माँ उसे और भी ज़्यादा चाहने लगी। एक अवसर पर, उनके पड़ोस में एक विवाह समारोह संपन्न हो रहा था। ब्राह्मण की पत्नी ने अपने बेटे के विवाह के बारे में सोचना शुरू कर दिया। लेकिन एक साँप से कौन-सी लड़की शादी करना चाहेगी?

एक दिन, जब ब्राह्मण घर लौटा, तो उसने अपनी पत्नी को रोते हुए पाया। उसने पत्नी से पूछा, ‘क्या हुआ? तुम क्यों रो रही हो?’ उसने जवाब नहीं दिया और रोना जारी रखा। ब्राह्मण ने फिर से पूछा ‘बताओ, तुम्हारे दुःख का क्या कारण है?’ आख़िरकार उसने कहा, ‘मैं जानती हूँ आप मेरे बेटे को नहीं चाहते हैं। आप हमारे बेटे में कोई दिलचस्पी नहीं ले रहे हैं। वह बड़ा हो गया है। आप उसके लिए दुल्हन लाने की बात भी नहीं सोचते हैं।’ ब्राह्मण ऐसे शब्द सुन कर चौंक गया। उसने जवाब में कहा, ‘हमारे बेटे के लिए दुल्हन? क्या तुम्हें लगता है कि कोई लड़की एक साँप से शादी करेगी?’

ब्राह्मण की पत्नी ने कोई जवाब नहीं दिया, लेकिन उसने अपना रोना जारी रखा। पत्नी को इस तरह रोते हुए देखकर ब्राह्मण ने अपने बेटे के लिए दुल्हन की तलाश में बाहर जाने का फ़ैसला किया। उसने कई जगह की यात्रा की, लेकिन ऐसी कोई लड़की नहीं मिली, जो साँप से शादी के लिए तैयार हो जाए। अंत में, वह एक ऐसे बड़े शहर में पहुँचा, जहाँ उसका एक दोस्त रहता था। चूँकि लंबे समय से ब्राह्मण की उससे मुलाक़ात नहीं हुई थी, उन्होंने एक दूसरे से मिलने का फ़ैसला किया।

दोनों दोस्त एक दूसरे से मिल कर बेहद ख़ुश हुए और साथ में अच्छा समय बिताया। बातचीत के दौरान, मित्र ने ब्राह्मण से पूछा कि वह देश भर की यात्रा क्यों कर रहा है। ब्राह्मण ने कहा, ‘मैं अपने बेटे के लिए दुल्हन की तलाश कर रहा हूँ।’ मित्र ने उन्हें और आगे जाने से मना किया और शादी के लिए अपनी बेटी का हाथ देने का वादा किया। ब्राह्मण चिंतित हुआ और कहा, ‘मेरे विचार में यह बेहतर होगा कि इस मामले में कोई निर्णय लेने से पहले तुम मेरे बेटे को देख लो।’

उनके मित्र ने यह कहते हुए मना किया कि वे उसे और उसके परिवार को जानते हैं, इसलिए ज़रूरी नहीं कि वे लड़के को देखे। उसने अपनी बेटी को ब्राह्मण के साथ भेजा ताकि वह उनके बेटे से विवाह कर सके। ब्राह्मण की पत्नी यह जान कर ख़ुश हुई और उसने तेज़ी से विवाह की तैयारी करना शुरू कर दिया। जब गाँव वालों को इस बात का पता चला, तो वे युवती के पास गए और उसे साँप से शादी न करने की चेतावनी दी। युवती ने उनकी बात सुनने से इनकार किया और ज़ोर देकर कहा कि वह अपने पिता के वचन को निभाना चाहती है।

तदनुसार, साँप और युवती की शादी संपन्न हुई। युवती ने अपने पति, साँप के साथ रहना शुरू कर दिया। वह एक समर्पित पत्नी थी और वह एक अच्छी पत्नी की तरह साँप की देखभाल करने लगी। रात को साँप अपने डिब्बे में सोता था। एक रात, जब लड़की सोने जा रही थी, तो उसने अपने कमरे में एक ख़ूबसूरत नौजवान को देखा। वह डर गई और मदद के लिए दौड़ने ही वाली थी। नौजवान युवक ने उसे रोका और कहा, ‘डरो मत। क्या तुमने मुझे पहचाना नहीं? मैं तुम्हारा पति हूँ।’

युवती ने उसकी बात पर विश्वास नहीं किया। युवक ने साँप की त्वचा में प्रवेश करके ख़ुद की सच्चाई साबित की और फिर दुबारा नौजवान का रूप धारण किया। युवती मानव रूप में अपने पति को पाकर बेहद ख़ुश हुई और उसके चरणों पर गिर पड़ी। उस रात के बाद से, हर रात वह नौजवान साँप की त्वचा से बाहर निकलने लगा। वह भोर तक अपनी पत्नी के साथ रहता और सुबह होते ही वापस साँप की त्वचा धारण कर लेता था।

एक रात, ब्राह्मण ने अपनी बहू के कमरे से आवाज़ें सुनीं। उसने उन पर नज़र रखी और साँप को एक नौजवान में बदलते हुए देखा। वह कमरे में पहुँचा और साँप की त्वचा को आग में झोंक दिया। नौजवान ने कहा, ‘प्रिय पिताजी, बहुत-बहुत धन्यवाद। एक श्राप के कारण मुझे तब तक साँप बने रहना था, जब तक कि मुझसे पूछे बिना कोई साँप के शरीर को नष्ट नहीं कर देता। आज आपने यह काम कर दिया। अब मैं उस श्राप से मुक्त हो गया हूँ।’ इस प्रकार, वह युवक दुबारा साँप नहीं बना और अपनी पत्नी के साथ सुखी जीवन व्यतीत करने लगा।

संसाधन 3: कक्षा के लिए बाल साहित्य का चयन

छात्रों को विविध विषयों पर कहानियों और कविताओं में संलग्न करना अत्यंत महत्वपूर्ण है।

  1. कम आयु के बच्चों की पुस्तकें और कहानियाँ उन्हें निम्न में मदद करती है:
    • अक्षरों, परिचित शब्दों और वाक्यांशों की पहचान करना सीखना
    • पूर्वानुमान लगाने और शब्दों की व्याख्या करने के लिए चित्रों का उपयोग सीखना
    • ऐसे शब्द और वाक्य शैली सीखना, जो वे अन्य पठन में लागू कर सकें
    • पाठकों के रूप में विश्वास हासिल करना।

    छोटे बच्चों के लिए उपयुक्त पाठों का चयन करने के लिए आपको निम्न पर ध्यान देना चाहिए:

    • घर या सामुदायिक गतिविधियों जैसी परिचित स्थितियाँ
    • संख्या, सप्ताह के दिन, मौसम या दिनचर्या जैसे पैटर्न और दृश्य
    • रूपांतरण के साथ, दोहराव वाले शब्द और वाक्यांश
    • शब्दों और चित्रों के बीच एक दृढ़ संबंध

    • दिलचस्प छवियाँ (फ़ोटोग्राफ़, चित्र या आरेख), जिनके बारे में छात्र परस्पर बात कर सकें
    • छात्रों की दिलचस्पी को बनाए रखने और उन्हें स्वयं पाठ पढ़ने के लिए प्रोत्साहित करने हेतु पाठ्य वस्तु का छोटा होना।
  2. बड़े बच्चों के लिए पुस्तकें और कविताएँ उन्हें निम्न में मदद कर सकती हैं:
    • उच्च स्तरीय शब्दावली और वाक्यांशों का प्रयोग सीखना
    • कहानियों और पठन शक्ति का महत्व समझना
    • इतिहास और परंपराओं के बारे में जानना
    • दुविधाओं और समस्याओं के बारे में समझ विकसित करना।

    बड़े बच्चों के लिए उपयुक्त पाठ का चयन करते समय आपको निम्न पर ध्यान देना होगा:

    • रोमांचक आख्यान और रोचक पात्र
    • नाटकीयता, संघर्ष और संकल्प, यात्रा या परिवर्तन
    • हास्य या दिलचस्प संवाद
    • बच्चों को सोचने का अवसर
    • महत्वपूर्ण संदेश।

संसाधन 4: कहानी सुनाना, गीत, रोल–प्ले और नाटक

विद्यार्थी उस समय सबसे अच्छे ढंग से सीखते हैं जब वे शिक्षण के अनुभव से सक्रिय रूप से जुड़े होते हैं। दूसरों के साथ परस्पर संवाद और अपने विचारों को साझा करने से आपके विद्यार्थी अपनी समझ की गहराई बढ़ा सकते हैं। कहानी सुनाना, गीत, रोल–प्ले करना और नाटक कुछ ऐसी विधियाँ हैं, जिनका उपयोग पाठ्यक्रम के कई क्षेत्रों में किया जा सकता है, जिनमें गणित और विज्ञान भी शामिल हैं।

कथावाचन

कहानियाँ हमारे जीवन को अर्थपूर्ण बनाने में मदद करती हैं। कई पारम्परिक कहानियाँ पीढ़ी-दर-पीढ़ी चली आ रही हैं। वे हमें तब सुनाई गई जब हम छोटे थे थीं और हम जिस समाज में पैदा हुए हैं, उसके कुछ नियम व मान्यताएँ समझाती हैं।

कहानियाँ कक्षा में बहुत सशक्त माध्यम होती हैं: वे:

  • मनोरंजक, उत्साहवर्धक व प्रेरणादायक हो सकती हैं
  • हमें रोजमर्रा के जीवन से कल्पना की दुनिया में ले जाती हैं
  • चुनौतीपूर्ण हो सकती हैं
  • नए विचार सीखने की प्रेरणा दे सकती हैं
  • भावनाओं को समझने में मदद कर सकती हैं
  • समस्याओं के बारे में उन संदर्भों में सोचने में मदद करती है जो वास्तविकता से दूर होने के कारण कम भयावह प्रतीत होते हैं।

जब आप कहानियाँ सुनाते हैं, तो सुनिश्चित करें कि आप सुनने वालों की आँखों में देखें। यदि आप विभिन्न पात्रों के लिए भिन्न स्वरों का उपयोग करते हैं और उदाहरण के लिए उपयुक्त समय पर अपनी आवाज़ की तीव्रता और सुर को बदलकर फुसफुसाते या चिल्लाते हैं, तो उन्हें आनन्द आएगा। कहानी की प्रमुख घटनाओं का अभ्यास कीजिए ताकि आप इसे पुस्तक के बिना स्वयं अपने शब्दों में मौखिक रूप से सुना सकें। कक्षा में कहानी को मूर्त रूप देने के लिए आप वस्तुओं या कपड़ों जैसी सामग्री भी ला सकते हैं। जब आप कोई नई कहानी सुनाएँ, तो उसका उद्देश्य समझाना न भूलें और विद्यार्थियों को इस बारे में बताएँ कि वे क्या सीख सकते हैं। आपको प्रमुख शब्दावली उन्हें बतानी होगी व कहानी की मूलभूत संकल्पनाओं के बारे में उन्हें जागरूक रखना होगा। आप कोई पारंपरिक कहानी कहने वाला भी विद्यालय में ला सकते हैं, लेकिन सुनिश्चत करें कि जो सीखा जाना है, वह कहानी कहने वाले व विद्यार्थियों, दोनों को स्पष्ट हो।

कहानी सुनाना ‘सुनने’ के अलावा भी विद्यार्थियों की कई गतिविधियों को प्रोत्साहित कर सकता है। विद्यार्थियों से कहानी में आए सभी रंगों के नाम लिखने, चित्र बनाने, प्रमुख घटनाएँ याद करने, संवाद बनाने या अंत को बदलने को कहा जा सकता है। उन्हें समूहों में विभाजित करके चित्र या सामग्री देकर कहानी को किसी और परिपेक्ष्य में कहने को कहा जा सकता है। किसी कहानी का विश्लेषण करके, विद्यार्थियों से कल्पना में से तथ्य को अलग करने, किसी अद्भुत घटना के वैज्ञानिक स्पष्टीकरण पर चर्चा करने या गणित के प्रश्नों को हल करने को कहा जा सकता है।

विद्यार्थियों से खुद अपनी कहानी बनाने को कहना बहुत सशक्त तरीका है। यदि आप उन्हें काम करने के लिए कहानी का कोई ढाँचा, सामग्री व भाषा देगें, तो विद्यार्थी गणित व विज्ञान के जटिल विचारों पर भी खुद अपनी बनाई कहानियाँ कह सकते हैं। वास्तव में, वे अपनी कहानियों की उपमाओं के माध्यम विचारों से खेलते हैं, अर्थ का अन्वेषण करते हैं और कल्पना को समझने योग्य बनाते हैं।

गीत

कक्षा में गीत और संगीत के उपयोग से अलग अलग छात्रों को योगदान करने, सफल होने और उन्नति करने का अवसर मिल सकता है। एक साथ मिलकर गाने से जुड़ाव बनता है और इससे सभी छात्र खुद को इसमें शामिल महसूस करते हैं क्योंकि यहाँ ध्यान किसी एक व्यक्ति के प्रदर्शन पर केंद्रित नहीं होता। गीतों के सुर और लय के कारण उन्हें याद रखना सरल होता है और इससे भाषा व बोलने के विकास में मदद मिलती है।

संभव है कि आप खुद के आत्मविश्वासी गायक न हों, लेकिन निश्चित रूप से आपकी कक्षा में कुछ अच्छे गायक होंगे, जिन्हें आप अपनी मदद के लिए बुला सकते हैं। आप गीत को जीवंत बनाने और संदेश व्यक्त करने में सहायता के लिए गतिविधि और हावभाव का उपयोग कर सकते हैं। आप उन गीतों का उपयोग कर सकते हैं, जो आपको मालूम हैं और अपने उद्देश्य के अनुसार उनके शब्दों में बदलाव कर सकते हैं। गीत जानकारी को याद करने और याद रखने का भी एक उपयोगी तरीका हैं – यहाँ तक कि सूत्रों और सूचियों को भी एक गीत या कविता के रूप में रखा जा सकता है। आपके छात्र रिवीजन के उद्देश्य से गीत या भजन बनाने योग्य रचनात्मक भी हो सकते हैं।

रोल–प्ले

रो–प्ले गतिविधि वह है, जिसमें छात्र कोई भूमिका निभाते हैं और किसी छोटे परिदृश्य के दौरान, वे उस भूमिका में बोलते और अभिनय करते हैं, तथा वे जिस पात्र की भूमिका निभा रहे हैं, उसके व्यवहार और उद्देश्यों को अपना लेते हैं। इसके लिए कोई स्क्रिप्ट (पटकथा) नहीं दी जाती, लेकिन यह महत्वपूर्ण है कि छात्रों को शिक्षक द्वारा पर्याप्त जानकारी दी जाए, ताकि वे उस भूमिका को समझ सकें। भूमिका निभाने वाले छात्रों को अपने विचारों और भावनाओं की त्वरित अभिव्यक्ति के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए।

रोल–प्ले के कई लाभ हैं क्योंकि:

  • इसमें वास्तविक जीवन की स्थितियों पर विचार करके अन्य लोगों की भावनाओं के प्रति समझ विकसित की जाती है।
  • इससे निर्णय लेने का कौशल विकसित होता है।
  • यह छात्रों को सीखने की प्रक्रिया में सक्रिय रूप से शामिल करता है और सभी छात्रों को योगदान करने का अवसर मिलता है।
  • यह विचारों के उच्चतर स्तर को प्रोत्साहित करता है।

भूमिका निभाने से छोटे विद्यार्थियों में अलग अलग सामाजिक स्थितियों में बात करने का आत्मविश्वास विकसित करने में मदद मिल सकती है, उदाहरण के लिए किसी स्टोर में खरीददारी करने, किसी स्थानीय स्मारक पर पर्यटकों को रास्ता दिखाने या एक टिकट खरीदने का अभिनय करना। आप कुछ वस्तुओं और चिह्नों के द्वारा सरल दृश्य तैयार कर सकते हैं, जैसे ‘कैफे’, ‘डॉक्टर का क्लीनिक’ या ‘गैरेज’। अपने छात्रों से पूछें, ‘यहाँ कौन काम करता है?’, ‘वे क्या कहते हैं?’ और ‘हम उनसे क्या पूछते हैं?’ उन्हें इन क्षेत्रों की भूमिकाओं में बातचीत करने के लिए प्रोत्साहित करें तथा उनकी भाषा के उपयोग का अवलोकन करें।

नाटक करने से पुराने विद्यार्थियों के जीवन के कौशलों का विकास हो सकता है। उदाहरण के लिए, कक्षा में हो सकता है कि आप इस बात का पता लगा रहे हों कि टकराव को किस प्रकार से खत्म किया जाए। इसके बजाय अपने विद्यालय या समुदाय से कोई वास्तविक घटना लें, आप इसी तरह के अन्य किसी परिदृश्य का वर्णन कर सकते हैं, जिसमें यही समस्या उजागर होती हो। छात्रों को भूमिकाएँ आवंटित करें या उन्हें अपनी भूमिकाएँ खुद चुनने को कहें। आप उन्हें योजना बनाने का समय दे सकते हैं या उनसे तुरंत रोल–प्ले करने को कह सकते हैं। रोल–प्ले करने की प्रस्तुति पूरी कक्षा को दी जा सकती है या छात्र छोटे समूहों में भी कार्य कर सकते हैं, ताकि किसी एक समूह पर ध्यान केंद्रित न रहे। ध्यान दें कि इस गतिविधि का उद्देश्य भूमिका निभाने का अनुभव लेना और इसका अर्थ समझाना है; आप उत्कृष्ट अभिनय प्रदर्शन या बॉलीवुड के अभिनय पुरस्कारों के लिए अभिनेता नहीं ढूँढ रहे हैं।

रोल–प्ले का उपयोग विज्ञान और गणित में करना संभव भी है। छात्र अणुओं के व्यवहार की नकल कर सकते हैं, और एक-दूसरे से संपर्क के दौरान कणों की विशेषताओं का वर्णन कर सकते हैं या उनके व्यवहार को बदलकर ऊष्मा या प्रकाश के प्रभाव को दर्शा सकते हैं। गणित में, छात्र कोणों या आकृतियों की भूमिका निभाकर उनके गुणों और संयोजनों को खोज सकते हैं।

नाटक

कक्षा में नाटक का उपयोग अधिकतर विद्यार्थियों को प्रेरित करने के लिए एक अच्छी रणनीति है। नाटक कौशलों और आत्मविश्वास का निर्माण करता है, और उसका उपयोग विषय के बारे में आपके छात्रों की समझ का आकलन करने के लिए भी किया जा सकता है। उदाहरण के लिए, यह दिखाने के लिए कि संदेश किस प्रकार से मस्तिष्क से कानों, आंखों, नाक, हाथों और मुंह तक जाते हैं और वहां से फिर वापस आते हैं, टेलीफोनों का उपयोग करके मस्तिष्क किस प्रकार काम करता है इसके बारे में अपनी समझ पर एक नाटक किया गया। या संख्याओं को घटाने के तरीके को भूल जाने के भयानक परिणामों पर एक लघु, मज़ेदार नाटक युवा छात्रों के मन में सही पद्धतियों को स्थापित कर सकता है।

नाटक प्रायः शेष कक्षा, स्कूल के लिए या अभिभावकों और स्थानीय समुदाय के समक्ष प्रस्तुतिकरण के लिए होता है। इससे विद्यार्थियों को एक लक्ष्य के लिए काम करने की प्रेरणा मिलती है। नाटक तैयार करने की रचनात्मक प्रक्रिया से समूची कक्षा को जोड़ा जाना चाहिए। यह जरूरी है कि आत्मविश्वास के स्तरों के अंतरों को ध्यान में रखा जाये। हर एक व्यक्ति का अभिनेता होना जरूरी नहीं है; छात्र अन्य तरीकों से भी योगदान दे सकते हैं (संयोजन करना, वेशभूषा, मंच सज्जा व सामग्री, मंच पर सहायता) जो उनकी प्रतिभा और व्यक्तित्व से अधिक नजदीक से संबद्ध हों।

यह विचार करना आवश्यक है कि अपने छात्रों के सीखने में मदद करने के लिए आप नाटक का उपयोग क्यों कर रहे हैं। क्या यह भाषा विकसित करने (उदा. प्रश्न पूछना और उत्तर देना), विषय के ज्ञान (उदा. खनन का पर्यावरणात्मक प्रभाव), या विशिष्ट कौशलों (उदा. टीम वर्क) का निर्माण करने के लिए है? सावधानी बरतें कि प्रस्तुतिकरण को लक्ष्य बनाते बनाते कहीं ‘सीखने’ के उद्देश्य की अवहेलना तो नहीं हो गई।

अतिरिक्त संसाधन

References

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Duursma, E., Augustyn, M., Zuckerman, B. (2008) ‘Reading aloud to children: the evidence’, Archives of Disease in Childhood , vol. 93, no. 7, pp. 554–7. Available from: http://www.reachoutandread.org/ FileRepository/ ReadingAloudtoChildren_ADC_July2008.pdf (accessed 18 November 2014).
Gamble, N. (2013) Exploring Children’s Literature: Reading with Pleasure and Purpose . London: Sage Publications.
Phinn, G. (2009) Teaching Poetry in the Primary Classroom . Cambridge: Cambridge University Press.

Acknowledgements

अभिस्वीकृतियाँ

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संसाधन 1: एन्युअल हेयरकट डे, लेखक नोनी, चित्र एंजी और उपेश, © प्रथम बुक्स। http://creativecommons.org/ licenses/ by-nc-sa/ 2.5/ in/ . के अधीन उपलब्ध कराया गया

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