TESS-India के वीडियो संसाधनों में आपका स्वागत है! ये वीडियो मुक्त शैक्षिक संसाधनों (Open Educational Resources – OER) के रूप में बिना रोकटोक, स्वतंत्रता से उपलब्ध हैं| ये संसाधन एक Creative Commons Attribution – ShareAlike license के अधीन प्रकाशित किए गये हैं| ये वीडियो संसाधन शिक्षक/ शिक्षिकाओं और विद्यालय नेतृत्व के लिए बने TESS-India के पाठ्यसामग्री-आधारित OER के पूरक हैं|
TESS-India के वीडियो, भारत के प्राथमिक और माध्यमिक विद्यालयों में फिल्माए गये हैं| ये शिक्षक/ शिक्षिकाओं को - विद्यार्थियों के साथ अधिक विद्यार्थी-केन्द्रित एवं सहभागितापूर्ण मार्गों को - अपनाकर परखते हुए दिखाते हैं| इन वीडियो का उद्देश्य model-अभ्यास प्रदर्शित करने का नहीं है| आपको अपने खुद के कक्षाकक्षों में - इनसे मिलते-जुलते तरीकों और तकनीकों का - प्रयोग करके देखने के लिए प्रेरित करना ही, इनका लक्ष्य है|
TESS-India की शिक्षण-शास्त्रीय कार्यप्रणालियों के आधारभूत दस मुख्य संसाधनों के प्रसंगों के अनुरूप इन वीडियो को व्यवस्थित किया गया है|
PDF सारांश में आप इन वीडियो की पूरी सूची देख सकते हैं|
इन वीडियो का एक और खंड TESS-India विद्यालय नेतृत्व OER का पूरक है|
विद्यार्थी प्रभावी ढंग से सीख सकें इसके लिए शिक्षक/ शिक्षिकाओं को ऐसी गतिविधियों की योजना बनाने की ज़रूरत होती है, जो कि विद्यार्थियों के पूर्वज्ञान को आधार बनाकर आगे बढ़ती हैं| इन वीडियो को देखने के लिए नीचे दिए गए चित्रों पर क्लिक करें| इन वीडियो में शिक्षक/ शिक्षिका यह समझाते हैं कि, पाठ की योजना के दौरान, उन्होंने यह कैसे तय किया कि, उनके विद्यार्थियों के सीखने की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के लिए, क्या कार्रवाई करनी होगी|
आप मुख्य संसाधन में ‘पाठ की योजना बनाना’ भी पढना चाहेंगे|
एक शिक्षक कथावाचन के एक सत्र के पहले प्रश्न और चित्र तैयार करते हैं, ताकि उनके बहुत छोटे विद्यार्थियों को कहानी समझने में मदद मिले|
अंग्रेज़ी के वर्णों और शब्दों का इस्तेमाल करने का अभ्यास करने में, अपने विद्यार्थियों की मदद करने के लिए, एक शिक्षिका की योजना में, संसाधनों का निर्माण करना भी शामिल है|
एक शिक्षिका यह समझाती हैं कि उन्होंने अपने विद्यार्थियों को पदार्थ की विविध अवस्थाएँ दिखाने के लिए किस प्रकार एक प्रयोग-प्रदर्शन की योजना बनाई|
कक्षाकक्ष की गतिविधियों में सभी विद्यार्थियों को भाग लेने का मौका मिले, यह सुनिश्चित करने के लिए, ज़रूरी है कि शिक्षक/ शिक्षिका अपने विद्यार्थियों को अच्छी तरह जानते हों| शिक्षक/ शिक्षिकाओं को भी शिक्षार्थी होना चाहिए, ताकि वे यह पता कर सकें कि उनके विद्यार्थी क्या जानते हैं और कैसे जानते हैं| इन वीडियो में शिक्षक/ शिक्षिका अपने पाठों की ऐसी योजना बनाते हैं कि उनके सभी विद्यार्थियों के पास सीखने के अवसर उपलब्ध हों| समूह और जोड़ी में कार्य में शिक्षक/ शिक्षिका के लिए विद्यार्थियों की सहभागिता के अवलोकन एवं निगरानी करने के मौकों की गुंजाइश होती है|
आप मुख्य संसाधन में ‘सबको शामिल करना’ भी पढना चाहेंगे|
एक शिक्षिका अपने छोटे विद्यार्थियों का स्वागत उनकी घर की भाषा में करती हैं|
एक बहुवर्गीय, बहुभाषाई संदर्भ में शिक्षक कुशलतापूर्वक अपने सभी विद्यार्थियों को अर्थपूर्ण गतिविधि में शामिल करते हैं|
विद्यार्थियों को लोकगीतों का उनकी घर की भाषा से विद्यालय की भाषा में अनुवाद करने में मदद की जाती है|
पाठ में सभी विद्यार्थियों को भाग लेने का मौका मिले, यह सुनिश्चित करने के लिए शिक्षिका जोड़ी में कार्य का उपयोग करती हैं|
एक शिक्षिका अपनी ज़्यादा विद्यार्थियों वाली कक्षा की ऐसी व्यवस्था करती हैं, जिससे उनके सभी विद्यार्थी पाठ में शामिल हों|
सीखने की प्रक्रिया को सहारा देने के लिए ऐसे अवसरों का निर्माण करना जरूरी है, जिनसे विद्यार्थी एकदूसरे के साथ और शिक्षक/ शिक्षिका के साथ बातचीत कर सकें| बातचीत के द्वारा, विद्यार्थी अपनी समझ को साझा करते हैं और उसे नये अधिगम से जोड़ते हैं| सभी आयु के विद्यार्थियों के लिए बातचीत करना महत्त्वपूर्ण है| ये वीडियो दर्शाते हैं कि किस प्रकार शिक्षक/ शिक्षिका ऐसे अवसरों का आयोजन कर सकते हैं, जिनसे विद्यार्थी कक्षाकक्ष में अर्थपूर्ण बातचीत में जुड़ सकें|
आप मुख्य संसाधन में ‘सीखने के लिए बातचीत’ भी पढना चाहेंगे|
विद्यार्थियों के बीच बातचीत को प्रोत्साहित करने के लिए एक शिक्षिका खेलों का उपयोग करती हैं|
यह सुनिश्चित करने के लिए कि उनके सभी विद्यार्थी गतिविधि में भाग ले सकें, एक शिक्षिका पाठ में से एक विषयवस्तु को ध्यानपूर्वक चुनती हैं|
एक शिक्षिका अपने विद्यार्थियों की जोड़ियाँ बनाकर, उन्हें साथ-साथ सवाल बनाने और उनका हल ढूँढने हेतु एकदूसरे से बात करने के लिए प्रोत्साहन देती हैं|
एक शिक्षिका अपने विद्यार्थियों को एक लेखनकार्य के लिए तैयार करने हेतु, चर्चा पर आधारित गतिविधियों का उपयोग करती हैं|
एक शिक्षक उनके विद्यार्थियों को बातचीत के द्वारा अपने विचारों को आगे बढ़ाने, तर्कशक्ति का विकसित करने और एकदूसरे से सीखने के मौके देते हैं|
कक्षाकक्ष में अर्थपूर्ण बातचीत को प्रोत्साहन देने के लिए एक शिक्षिका ने विद्यार्थियों को समान क्षमता वाले समूहों में व्यवस्थित किया है|
जोड़ी में कार्य करना विद्यार्थियों - को अपनी समझ का सही-सही पता लगाकर, उसे आपसी संवाद में साझा करके, एक-दूसरे से सीखने में - सक्षम बनाता है| ये वीडियो दिखाते हैं कि सभी विषयों में और सभी उम्र के विद्यार्थियों की सीखने की प्रक्रिया की सहायता करने के लिए जोड़ी में कार्य का कैसे प्रभावी ढंग से उपयोग किया जा सकता है|
आप मुख्य संसाधन में ‘जोड़ी में कार्य का उपयोग’ भी पढना चाहेंगे|
एक शिक्षिका अपने विद्यार्थियों को जोड़ियों में कार्य करने के लिए कहती हैं, ताकि वे अपनेआप को नयी भाषा से परिचित कर सकें|
एक शिक्षिका अपने विद्यार्थियों को अंकों पर प्रश्न बनाने के लिए जोड़ियों में कार्य करने हेतु व्यवस्थित करती हैं|
अपने विद्यार्थियों को एक व्यक्तिगत लेखनकार्य के लिए तैयार करने हेतु एक शिक्षिका जोड़ी में कार्य का उपयोग करती हैं|
जोड़ी में कार्य की एक गतिविधि के दौरान विद्यार्थी अलग-अलग भूमिकाएँ निभाते हैं|
एक शिक्षक, एक वैज्ञानिक अवधारणा के बारे में, अपने विद्यार्थियों के विचारों को विकसित करने में उनकी मदद करने हेतु जोड़ी में बातचीत का उपयोग करते हैं|
शिक्षक/ शिक्षिकाओं के लिए अच्छे प्रश्न पूछना एक मुख्य कौशल है| अच्छे प्रश्न विद्यार्थियों की सोच को बढ़ावा देते हैं| विद्यार्थी क्या जानते हैं - यह जानने में भी प्रश्न - शिक्षक/ शिक्षिकाओं की मदद करते हैं| ये वीडियो, विद्यार्थियों की बातों को ध्यानपूर्वक सुनने के साथसाथ, उनकी सोच का विस्तार करने के लिए शिक्षक/ शिक्षिकाओं को विभिन्न प्रकार के प्रश्नों का उपयोग करते हुए दिखाते हैं|
आप मुख्य संसाधन में ‘सोच को बढ़ावा देने के लिए प्रश्न पूछना’ भी पढना चाहेंगे|
एक शिक्षक बताते हैं कि कैसे वे अपने तथा अपने विद्यार्थियों के कक्षा में प्रश्न पूछने और उत्तर देने के कौशल को विकसित करते हैं|
एक शिक्षक अपनी ज्यामिति की कक्षा में प्रश्न पूछने की विविध तकनीकों का उपयोग करते हैं|
ये वीडियो दर्शाते हैं कि शिक्षक/ शिक्षिका किस प्रकार विद्यार्थियों की सीखने की प्रक्रिया का अवलोकन करते हैं और मार्गदर्शन देते हैं| शिक्षक/ शिक्षिका विद्यार्थियों की बातों को और उससे विकसित हो रही उनकी समझ को ध्यानपूर्वक सुनते हैं, तथा उसके बाद ही विद्यार्थियों की सोच को आगे बढ़ाने के लिए प्रश्न पूछकर हस्तक्षेप करते हैं|
आप मुख्य संसाधन में ‘निगरानी और फीडबैक’ भी पढना चाहेंगे|
एक बहुवर्गीय, बहुभाषाई संदर्भ में एक शिक्षक प्रभावी फीडबैक तकनीकों के उपयोग को दर्शाते हैं|
एक उच्च प्राथमिक विद्यालय में माता-पिता को अपने बच्चों की सीखने की प्रगति की समीक्षा करने के लिए आमंत्रित किया गया है| माता-पिता कैसे घर पर अपने बच्चों की सीखने की प्रक्रिया की निगरानी रख सकते हैं, इस बारे में बातचीत करने के लिए शिक्षक/ शिक्षिकाएँ इस अवसर का उपयोग करते हैं|
अपने विद्यार्थियों के सीखने की प्रक्रिया का मार्गदर्शन करने के लिए एक शिक्षिका पूरे पाठ के दौरान निगरानी और फीडबैक तकनीकों का उपयोग करती हैं|
एक शिक्षक छोटे समूहों में कार्य करते हुए विद्यार्थियों को ध्यानपूर्वक सुनते हैं और फिर उनके सीखने की प्रक्रिया का मार्गदर्शन करने के लिए उन्हें फीडबैक देते हैं|
विद्यार्थियों को कार्य करने के लिए समूहों में व्यवस्थित करने से, उन्हें एकदूसरे के विचारों पर आगे बढ़ने और अपनी समझ विकसित करने के अवसर मिलते हैं| समूह कार्य से शिक्षक विद्यार्थियों का अवलोकन और निगरानी कर सकते हैं| इन वीडियो में कुछ तरीके दिखाए गए हैं, जिनसे शिक्षक अपने विद्यार्थियों को विभिन्न गतिविधियों के लिए समूहों में व्यवस्थित कर सकते हैं|
आप मुख्य संसाधनों में ‘समूह कार्य का उपयोग’ भी पढना चाहेंगे|
एक बहुवर्गीय, बहुभाषाई संदर्भ में एक शिक्षक, समूह आधारित गतिविधियों का प्रबंधन करते हैं|
चर्चा पर आधारित एक गतिविधि में, शिक्षिका समूह कार्य का उपयोग करती हैं|
एक शिक्षिका अपने विद्यार्थियों को चार समूहों में व्यवस्थित करती हैं| समूहों के सदस्य, गतिविधि के विभिन्न पहलूओं की ज़िम्मेदारी आपस में तय करते हैं|
एक शिक्षक अपने विद्यार्थियों को एक समूह आधारित चर्चा के लिए तैयार करते हैं|
अपने हरेक विद्यार्थी के लिए सीखने का अगला मौका बनाने की योजना हेतु शिक्षकों को जिन सबूतों की ज़रूरत होती है, विद्यार्थियों की प्रगति का आकलन करने से उन्हें वे प्रमाण मिलते हैं| इन वीडियो में शिक्षक-शिक्षिका कक्षाकक्ष में आकलन करने के विभिन्न तरीके दिखा रहे हैं, जो ज़्यादा विद्यार्थियों वाली कक्षाओं में भी अपनाए जा सकते हैं|
आप मुख्य संसाधन में ‘प्रगति और प्रदर्शन का आकलन’ भी पढना चाहेंगे|
एक बहुवर्गीय, बहुभाषाई संदर्भ में शिक्षक आकलन के विभिन्न तरीके अपनाते हैं|
एक शिक्षक दर्शाते हैं कि वे किस प्रकार एक ऐसे पाठ की योजना बनाते हैं, जिसमें वे अपने विद्यार्थियों की प्रगति का आकलन ऐसे करते हैं, जिससे उन्हें आगे के पाठों की योजना बनाने में मदद मिले|
अपनी ज़्यादा विद्यार्थियों वाली कक्षा में एक शिक्षक, अनौपचारिक आकलन के विभिन्न तरीकों को अपनाते हैं|
एक शिक्षक अपने विद्यार्थियों के साथ आकलन के एक आसान तरीके को अपनाते हैं और उसके नतीजों का इस्तेमाल अपनी सीखने-सिखाने की योजना में संशोधन लाने के लिए करते हैं|
अपने विद्यार्थियों के पूर्व ज्ञान के बारे में अपनी जानकारी का उपयोग करते हुए एक शिक्षक उन्हें समूहों में व्यवस्थित करते हैं|
ये वीडियो उन शिक्षकों के उदाहरण दर्शाते हैं, जो विभिन्न विषयों के पाठों में संसाधनों का रचनात्मक उपयोग करते हैं| स्थानीय संसाधन विद्यार्थियों के सीखने-सिखाने को परिचित और अर्थपूर्ण बनाकर गतिविधियों में प्रमाणिकता पैदा कर सकते हैं| संसाधन विद्यार्थियों को वस्तुओं (जैसे फलों के टुकड़े और बोतलों के ढक्कनों के काउंटर) से चिन्हों (भिन्न और जोड़) तक पहुँचने में कुछ ऐसे तरीकों से मदद करते हैं, जो उन्हें समझ में भी आते हैं| संसाधनों का रचनात्मक तरीके से उपयोग करना, सीखने की गतिविधियों को विद्यार्थियों के लिए अधिक प्रेरक बना सकता है|
आप मुख्य संसाधन में स्थानीय संसाधनों का उपयोग’ भी पढना चाहेंगे|
गतिविधि को विद्यार्थियों के लिए अधिक जोड़े रखने वाली और अर्थपूर्ण बनाने के लिए एक शिक्षिका अपने विद्यार्थियों को बाहर ले जाती हैं|
एक शिक्षिका अपने विद्यार्थियों के लिए अपने पाठ में व्यावहारिक अनुभव को एकीकृत करती हैं|
अपनी अंग्रेज़ी की कक्षा को बेहतर करने के लिए एक शिक्षिका प्राकृतिक संसाधनों का रचनात्मक तरीके से उपयोग करती हैं|
एक शिक्षिका पाठ्यपुस्तक के पूरक के रूप में लिए संसाधनों का कल्पनाशील तरीके से उपयोग करती हैं|
अपने विद्यार्थियों के सीखने की प्रक्रिया को बढाने के लिए एक शिक्षिका विद्यालय के पर्यावरण का उपयोग करती हैं|
पाठ में अपने विद्यार्थियों की सहभागिता को प्रोत्साहित करने के लिए, एक शिक्षक स्थानीय और हाथ से बने संसाधनों का उपयोग करते हैं|
वीडियो का यह set दर्शाता है कि शिक्षक-शिक्षिका किस प्रकार पाठ्यचर्या के विभिन्न क्षेत्रों में कहानी, गीत, रोल प्ले और नाटक का उपयोग, विद्यार्थियों को उनके विचार और ज्ञान एकदूसरे के साथ विकसित करने हेतु सक्रियता से जोड़ने के लिए करते हैं|
आप मुख्य संसाधन में ‘कहानी सुनाना, गीत, रोल प्ले और नाटक’ भी पढना चाहेंगे|
अपने छोटे विद्यार्थियों को अंग्रेज़ी के नए शब्द सीखने में मदद करने के लिए, एक संवादात्मक सत्र में, शिक्षक एक परिचित कहानी का उपयोग करते हैं|
शिक्षिका कुछ सामग्री का उपयोग करते हुए अपने विद्यार्थियों को एक परिचित कहानी दोबारा सुनाती हैं|
अपने विद्यार्थियों को संख्याकार्य में जोड़ने के लिए शिक्षिका एक कहानी का उपयोग करने की कोशिश करके देखती हैं|
अपने विद्यार्थियों को वैज्ञानिक विचारों विचारों के साथ में जोड़ने के लिए एक शिक्षिका कहानी का कल्पनाशील उपयोग करती हैं|
एक शिक्षक, पाठ के पहले ही कहानी कहने की तैयारी और अभ्यास करने के फ़ायदों को दर्शाते हैं|
एक शिक्षक अपने विद्यार्थियों को ऐसे रोल प्ले करने के लिए कहते हैं, जो यह दर्शाएँ कि उन्होंने जो गणित सीखा है, वह कैसे उनकी रोज़मर्रा की ज़िंदगी से संबंधित है|
यह वीडियो का set, भारतीय विद्यालयों में नेतृत्व के आयामों पर केन्द्रित है| ये वीडियो, भारतीय विद्यालय-नेतृत्व-गण के सदस्यों को इस बारे में बताते हुए दिखाते हैं, कि उनके प्राथमिक (या उच्च प्राथमिक) या माध्यमिक विद्यालय में सीखने-सिखाने की प्रक्रिया को बेहतर बनाने के लिए, उन्होंने किस प्रकार बदलाव का कार्यान्वयन किया| आपको अपने विद्यालय में इस तरह की प्रक्रियाओं का इस्तेमाल करके देखने के लिए प्रोत्साहित करना ही, इन वीडियो का लक्ष्य है|
ये वीडियो नौ प्रसंगों पर आधारित हैं:
ये वीडियो TESS India के विद्यालय नेतृत्व OER के प्रसंगों से जुड़े हैं|
विद्यालय नेतृत्व के साथ इनसे जुडी चर्चा और गतिविधियाँ करवाने के लिए आगे का विवरण और सुझाव विद्यालय नेतृत्व वीडियो संसाधन notes में मिल जाएँगे|
एक विद्यालय-नेतृत्व-गण के सदस्य, विद्यार्थियों की उपस्थिति को बेहतर बनाने के लिए उन्होंने किये हुए बदलावों के कार्यान्वयन के बारे में बताते हैं|वे इस बात की रूपरेखा खींचते हैं कि किस प्रकार , उन्होंने अंतर्निहित मुद्दों को पहचाना और उनका निवारण करने के लिए कदम उठाए, जिनमें माता-पिता के साथ अच्छे संबंध स्थापित करना भी शामिल था|
विद्यालय के नामांकन और उपस्थिति पर सीधा प्रभाव डालनेवाले बदलाव लाने के लिए विद्यालय-नेतृत्व-गण के इन सदस्य ने मुख्य लोगों का सहयोग प्राप्त किया| अपने विद्यालय को बेहतर करने के लिए आपको कौन से लोगों के सहयोग की आवश्यकता है? आप अपने विद्यालय के निर्णयों और समाधानों में उन्हें और अधिक शामिल करने के रास्ते सोच सकते हैं?
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एक विद्यालय-नेतृत्व-गण की सदस्या, अपने विद्यालय में घूमती हैं| प्रभावी प्रक्रियाओं की प्रशंसा करने के लिए और कमियों का निवारण करने के लिए, वे कक्षाकक्ष में सीखने-सिखाने की प्रक्रिया का अवलोकन करती हैं और notes बनाती हैं| विद्यार्थी व शिक्षकगण उनकी उपस्थिति पर प्रतिक्रिया नहीं देते हैं, क्योंकि वे उससे अभ्यस्त हैं|
आपके विद्यालय के दैनिक प्रबंधन में उलझ जाना बहुत आम है, लेकिन यदि, आप नियमित रूप से विद्यालय में घूमने का समय निकालते हैं, तो विद्यालय के वास्तविककामकाज के बारे में आप बहुत कुछ सीखेंगे| आप कितनी बार कक्षा में पाठ का अवलोकन करते हैं और बच्चों से विद्यालय में उनके अनुभव के बारे में कितनी बार बात करते हैं? आपका विद्यालय कितना अच्छा प्रदर्शन कर रहा है, इसके बारे में आपके पास पूर्ण व ज़मीनी समझ हो इसके लिए आप और कौन-कौन से तरीकों से प्रमाण जमा कर सकते हैं?
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एक ग्रामीण विद्यालय के नेतृत्व-गण की सदस्या, हरेक विद्यार्थी की पृष्ठभूमि के बारे में सही समझ को स्थापित करने के, और उनकी उपस्थिति तथा सीखने की प्रक्रिया पर, उस पृष्ठभूमि के संभावित प्रभाव को पहचानने के महत्व पर चर्चा करती हैं| यद्यपि वे अपने विद्यार्थियों पर, फसल की कटाई में मदद हेतु किए जाने वाले तकाज़ों को नहीं बदल सकती हैं; फिर भी, उनके सीखने की प्रक्रिया पर होने वाले इन जिम्मेदारियों के प्रभाव को कम करने के लिए, वे विद्यार्थियों तथा उनके माता-पिता के साथ काम कर सकती हैं| इस प्रकार वे अपने विद्यालय में, विद्यार्थियों की उपस्थिति को बेहतर बना पाई हैं|
आप उन कारकों के बारे में कितना जानते हैं जो आपके विद्यार्थियों के सीखने की प्रक्रिया को प्रभावित करते हैं? आप विद्यार्थियों के किन मुद्दों को सुलझायेंगे यदि आपको उनके बारे में अधिक जानकारी मिलती है?
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एक विद्यालय-नेतृत्व-गण की सदस्या, अपने विद्यालय के एक विशेष मसले का वर्णन कर रही हैं, जो था पठन और लेखन सिखाने में असंगति से संबंधित| वह बता रही हैं कि इस समस्या के निवारण के लिए किस प्रकार उन्होंने एक पूरी विद्यालयव्यापी पहल का नेतृत्व किया| संबंधित समस्याओं को पहचानने में शिक्षकगण को शामिल करने के बाद, उन्होंने समन्वित तरीके से कार्यवाही की|
आपके विद्यालय में क्या सीखने के ऐसे क्षेत्र हैं जो आपको कमज़ोर महसूस होते हैं? आप उनकी आगे जाँच कैसे करेंगे और कार्यवाही करने में मदद के लिए किन लोगों को सूची में शामिल करेंगे?
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एक विद्यालय-नेतृत्व-गण की सदस्या बच्चों की शिक्षा में उनके माता-पिता को शामिल करने की चुनौती के बारे में बताती हैं| वह समझाती हैं कि, एक बार संवाद स्थापित होने के बाद, बच्चों के सीखने की प्रक्रिया पर प्रतिकूल प्रभाव डालने वाले कारकों को सुलझाना आसान हो जाता है|
माता-पिता को विद्यालय में शामिल करना, बच्चों के सीखने की प्रक्रिया में सहयोग देने वाला एक महत्त्वपूर्ण कारक है| आप अपने विद्यार्थियों के माता-पिता को विद्यालय आने के लिए कैसे प्रोत्साहित करते हैं?अपने बच्चों की सीखने की प्रक्रिया में सहायता देने के लिए माता-पिता को प्रोत्साहित करने हेतु, आप और कौन-कौँनसे तरीके अपना सकते हैं?
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एक विद्यालय-नेतृत्व-गण की सदस्या उन तरीकों के बारे में बताती हैं, जिनसे एक शारीरिक रूप से चुनौतीयुक्त विद्यार्थी को विद्यालय की गतिविधियों में पूर्णतः भाग लेने के लिए सफलतापूर्वक सहयोग मिल रहा है|
विद्यालय में गतिविधियों और उपलब्ध अवसरों में सभी विद्यार्थियों की सहभागिता सुनिश्चित करने में विद्यालय-नेतृत्व-गण की सदस्या की महत्त्वपूर्ण भूमिका है| जैसा कि वीडियो में दिखाया गया है, शारीरिक नि:शक्तता ऐसी अवस्था है जिससे विद्यार्थी विद्यालय में सीखने की प्रक्रिया या सुविधाओं या संसाधनों से वंचित हो सकते हैं|
लेकिन बहुत से ऐसे करक हैं – जैसे – सामाजिक स्थिति, लिंग या दृष्टि दोष – जो उनके प्रतिकूल हो सकते हैं| आपके विद्यालय में क्या सभी विद्यार्थी सीखने की प्रक्रिया में पूर्ण रूप से सक्षम हैं? असमानताओं को कम करने के लिए आप क्या कर सकते हैं?
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एक विद्यालय-नेतृत्व-गण की सदस्या अपने विद्यालय में सीखने के वातावरण के स्तरों को बेहतर बनाने के लिए सक्रियता से निगरानी करती हैं|वे कक्षा का अवलोकन करती हैं और अपने शिक्षकों तथा विद्यार्थियों के साथ बातचीत करती हैं| साथ ही समय की पाबंदी और विद्यालय की स्वच्छता से संबंधित मुद्दों पर ध्यान देती हैं|
विद्यालय नेतृत्व की भूमिका का एक हिस्सा यह सुनिश्चित करना है, कि विद्यालय का वातावरण सीखने की प्रक्रिया में सहयोग करे| जिन कारकों के बारे में सचेत रहना चाहिए, उनमें शामिल हैं - सिखाने की गुणवत्ता, पाठ्यपुस्तकों का प्रावधान, विद्यार्थियों का व्यवहार और पानी की/ धोने की सुविधा| अपने विद्यालय में अपने सभी विद्यार्थियों के सीखने के वातावरण को बेहतर बनाने के लिए आप क्या कर सकते हैं?
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शिक्षकों के नेतृत्व के बारे में एक विद्यालय-नेतृत्व-गण की सदस्या की बातों को सुनिए और ध्यान दीजिए कि वे अपने प्रयासों को कहाँ केंद्रित करती हैं| इस बात पर भी ध्यान दीजिए कि विद्यार्थियों के अनुभव किस प्रकार उनकी प्राथमिकताओं के एक महत्वपूर्ण संचालक हैं|
जब यह विद्यालय-नेतृत्व-गण की सदस्या अपने शिक्षकों का नेतृत्व करने के बारे में बताती हैं, तब उनका मुख्य मुद्दा यह है कि वे शिक्षकों को किस प्रकार व्यवस्थित करती हैं, मगर वे यह भी बताती हैं कि किस प्रकार वे विद्यालय में सहयोगात्मक भावना को बढ़ावा देती हैं, और किस प्रकार वे शिक्षकों के विद्यार्थियों के साथ व्यतीत किये गये समय का संरक्षण करती हैं| अपने शिक्षकों का नेतृत्व करने में आपकी प्राथमिकताओं और व्यस्तताओं के साथ उनका दृष्टिकोण कहाँ तक मिलता है?
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एक विद्यालय-नेतृत्व-गण की सदस्या बताती हैं कि अपने विद्यालय में विद्यार्थियों के साथ सहभागितापूर्ण तरीकों का इस्तेमाल करने के लिए वे किस प्रकार शिक्षकों को सक्षम बनाती हैं| नेतृत्व के तौर पर, वे इस बात का ख़्याल रखती हैं कि इन तरीकों को वे खुद अपनाकर निरूपित करें|
ये विद्यालय-नेतृत्व-गण की सदस्या शिक्षक/शिक्षिका तथा विद्यार्थियों से बातचीत करके सुनिश्चित करती हैं कि शिक्षक/शिक्षिका अपना कार्य कर रहे हैं| यह ध्यान रखते हुए कि पाठ्यचर्या को पूरा करना महत्त्वपूर्ण है, आप विद्यार्थियों के सीखने के अनुभव का कैसे पता करेंगे? अपने विद्यालय में सभी पाठों के दौरान सहभागितापूर्ण दृष्टिकोण कोआप कैसे प्रोत्साहित करेंगे?
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