स्थानीय संसाधनों का उपयोगः जीवन प्रक्रियाएं

यह इकाई किस बारे में है

इस यूनिट में आप उन कार्यनीतियों को विकसित करेंगे जिनसे आपको अपने अध्यापन में सुधार करने के लिए स्थानीय पर्यावरण का उपयोग करने में मदद मिलेगी। आपको जितना संभव हो सके शिक्षण पर्यावरण को किस प्रकार से आकर्षक बनाया जाए, आप किस प्रकार से वैज्ञानिक उपकरणों को तत्काल तैयार कर सकते हैं कि किस प्रकार से अपने विद्यार्थियों का संसाधन के रूप में उपयोग कर सकते हैं। स्थानीय समुदाय में मौजूद विशेषज्ञता का प्रयोग करने में सफल हो सकेंगे। इन बातों पर विचार करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।

दुनिया में किसी भी स्थान पर विज्ञान विषय के किसी भी अध्यापक से पूछ कर देखिए, कि क्या उनके विचार में उनके पास अपनी संतुष्टि के अनुसार विज्ञान को पढ़ाने के लिए पर्याप्त संसाधन हैं तो इस बात की अधिक संभावना है कि उनका उत्तर ‘नहीं’ होगा! ऐसा विशेष रूप से उन अध्यापकों के बारे में सही है जो ग्रामीण क्षेत्रों में काम कर रहे हैं। कठिनाइयों पर ध्यान केन्द्रित करना सरल होता है, लेकिन विज्ञान के अच्छे अध्यापक साधन संपन्न होते हैं। यहां तक कि उनके पास वैज्ञानिक उपकरणों तक पहुंच नहीं होने पर भी वे विज्ञान को पढ़ाने के लिए कामचलाऊ प्रबंध कर सकते हैं और स्थानीय संसाधनों का प्रयोग कर सकते हैं। वे अपनी कक्षा में शिक्षण पर्यावरण और वैज्ञानिक विचारों तथा विद्यार्थियों के जीवन में किस प्रकार से रिश्ता कायम किया जाए, इस पर भी विचार करते हैं। बिना संसाधनों की उपलब्धता के विज्ञान को पढ़ाने की कोशिश, अनुभवी और ज्ञानवान अध्यापकों सहित सभी के लिए एक बहुत चुनौतीपूर्ण कार्य हो सकता है।

इस यूनिट में आपको यह सोचने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है कि संसाधनों के रूप में आपके पास क्या है? न कि आपके पास किस चीज का अभाव है। इसमें यह दर्शाया जाता है कि किस प्रकार से स्थानीय रूप से उपलब्ध संसाधनों का अधिक कल्पनाशील और प्रभावी ढंग से प्रयोग किया जाए जिससे आप साधन सम्पन्न अध्यापक बन सकें। इन कार्यनीतियों को प्रदर्शित करने हेतु प्रयुक्त शिक्षण विषय दसवीं कक्षा के लिए जीवन प्रक्रियाएं हैं। दर्शायी गई सभी कार्यनीतियों को विज्ञान के पाठ्यक्रम में अन्यत्र प्रयोग करने के लिए अनुकूलित किया जा सकता है।

आप इस इकाई में क्या सीख सकते हैं