मूर्त रूप, मैनिपुलाटिव (हस्तकौशल)और वास्तविक जीवन के उदाहरणों का उपयोग करना - कोणों के बारे में पढ़ाना
यह इकाई किस बारे में है
कोणों के बिना हमारे लिए अपने जीवन को समझना कठिन हो जाएगा। हम जहाँ भी देखते हैं कोण हमारे चारों तरफ हैं। घरों, छतों, कुर्सियों, मेज़ों और बिस्तरों तथा पहाड़ों व तरंगों में कोण हैं। चाहे कार्य हो या खेल, प्राचीन काल से कोणों के बारे में चर्चा चली आ रही है।
विद्यालयी गणित में विद्यार्थी प्राथमिक कक्षा से ही औपचारिक संदर्भ में कोण के बारे में सीखने लग जाते हैं। यह त्रिकोणमिति का एक मूल सिद्धांत है, जिसके बारे में विद्यार्थियों को आने वाले वर्षों में पता चलेगा।
विद्यार्थियों को कोण के बारे में पढ़ाने से उनके मौजूदा और अंतर ज्ञान को विकसित करने का अवसर मिलता है और साथ ही इस बारे में भी जानकारी प्राप्त होती है कि गणित की कक्षा में क्या होता है और उसे वास्तविक जीवन में दुनिया कैसे देखती है।
दुर्भाग्य से, विद्यार्थी अक्सर कोण के गुण महत्व, जुड़ाव और रचनात्मकता के अनुभव से वंचित रह जाते हैं। इसकी बजाय, वे अक्सर उसे स्मृति अभ्यास के तौर पर लेते हैं, जिसमें वे शब्दावली याद करते और भूल जाते हैं।
यह अंक आपको दिखाता है कि किस प्रकार सभी विद्यार्थियों में मौजूद उनके अंतर ज्ञान और मानसिक विचार शक्तियों का उपयोग करके, उनको मज़ेदार और रचनात्मक तरीके से कोण के बारे में समझाया जाए। इन गतिविधियों के लिए आपको अपने विद्यार्थियों को बाहर ले जाकर अंतर्मन में बनने वाले चित्रों को विकसित करने के लिए मैनिपुलेटिव्ज़ और अभिव्यक्ति की तकनीकों का उपयोग करना होगा।