प्रभावी प्रोजेक्ट कार्य : ऊर्जा के स्रोत
यह इकाई किस बारे में है
शिक्षण में प्रोजेक्ट कार्य एक सक्रिय पद्धति है। आपसी सहयोग से विद्यार्थियों को विज्ञान के किसी भी पहलू को, अधिक गहराई से सीखने का अवसर मिलता है। प्रोजेक्ट–आधारित शिक्षा में विद्यार्थी शिक्षण प्रक्रिया के केंद्र में होते हैं। विद्यार्थी कोई भी काम कर के सीखते हैं और जब वे प्रोजेक्ट का काम करते हैं तब वे ज्ञान रचते हैं जो एनसीएफ (2005) के उद्देश्यों में से एक यह भी है। विज्ञान में प्रोजेक्ट कार्य करने से विद्यार्थियों को वास्तविक वैज्ञानिकों जैसा काम करने का मौका मिलता है।
अनुसंधान से पता चला है कि प्रोजेक्ट–आधारित शिक्षा का उपयोग करने वाले विद्यार्थी ज्ञान को अधिक समय तक बनाए रख सकते हैं (थॉमस, 2000)। इससे विद्यार्थियों में जानकारी एकत्रित करने और उसे प्रसंस्करित करने के कौशल, प्रस्तुतिकरण कौशल, आत्मविश्वास और स्वावलंबन विकसित होते हैं। एक प्रतिस्पर्धी वैश्विक दुनिया में, ये कौशल बहुत महत्वपूर्ण हैं।
इस इकाई में कुछ ऐसी शिक्षण रणनीतियों से आपका परिचय कराया जाएगा जिनके द्वारा आप विद्यार्थियों के साथ प्रोजेक्ट कार्य करने में आत्मविश्वास महसूस करेंगे। प्रोजेक्ट कार्य का प्रबंधन ठीक प्रकार से करने के लिये शिक्षकों को एक सहायक की भूमिका निभानी होती है। इन रणनीतियों से आपको प्रभावी सहायक बनने के लिये क्रियात्मक मदद मिलेगी।
कक्षा X के विषय ’ऊर्जा के स्त्रोत’ से उदाहरण ले कर इन नीतियों को समझाया गया है, लेकिन ये विचार विज्ञान पाठ्यचर्या के अन्य भागों में भी उपयोग में लाए जा सकते हैं।